PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions History Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार

SST Guide for Class 8 PSEB स्त्रियां तथा सुधार Textbook Questions and Answers

I. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखें :

प्रश्न 1.
सती प्रथा को कब, किसने तथा किसके प्रयास से अवैध घोषित किया गया था ?
उत्तर-
सती प्रथा को 1829 ई० में लार्ड विलियम बैंटिक ने राजा राममोहन राय के प्रयत्नों से अवैध घोषित किया था।

प्रश्न 2.
किस वर्ष में विधवा-विवाह कराने की कानूनी तौर पर आज्ञा दी गई ?
उत्तर-
विधवा-विवाह कराने की कानूनी आज्ञा 1856 ई० में दी गई।

प्रश्न 3.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (विश्वविद्यालय) की स्थापना कब तथा किसने की ?
उत्तर-
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना 1875 ई० में सर सैय्यद अहमद खां ने की। उस समय इसका नाम मोहम्मडन एंग्लो-ओरियेंटल कालेज था।

प्रश्न 4.
नामधारी आन्दोलन की स्थापना कब, कहां तथा किसके द्वारा हुई ?
उत्तर-
नामधारी आन्दोलन की स्थापना 13 अप्रैल, 1857 को भैणी साहिब (लुधियाना) में श्री सतगुरु राम सिंह जी द्वारा हुई।

प्रश्न 5.
सिंह सभा लहर ने स्त्री शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहां-कहां शिक्षण संस्थाएं स्थापित की ?
उत्तर-
सिंह सभा ने स्त्री-शिक्षा के लिए फ़िरोज़पुर, कैरो तथा भमौड़ में शिक्षण संस्थाएं स्थापित की।

प्रश्न 6.
दूसरे विवाह पर प्रतिबन्ध कब तथा किसके प्रयास से लगाया गया था ?
उत्तर-
दूसरे विवाह पर प्रतिबन्ध 1872 ई० में केशव चन्द्र सेन के प्रयासों से लगाया गया था।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार

प्रश्न 7.
राजा राममोहन राय द्वारा स्त्रियों के उद्धार से सम्बन्धित दिए गए योगदान का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
राजा राममोहन राय 19वीं शताब्दी के महान् समाज सुधारक थे। उनका मानना था कि समाज तब तक उन्नति नहीं कर सकता जब तक महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार नहीं दिये जाते।

  • उन्होंने समाज में से सती-प्रथा को समाप्त करने के लिए प्रचार किया। उन्होंने विलियम बैंटिंक की सरकार को विश्वास दिलाया कि सती-प्रथा का प्राचीन धार्मिक शास्त्रों में कोई स्थान नहीं है। उनके तर्कों एवं प्रयत्नों के परिणामस्वरूप सरकार ने 1829 ई० में सती-प्रथा पर कानून द्वारा रोक लगा दी।
  • उन्होंने महिलाओं की भलाई के लिए कई लेख लिखे।
  • उन्होंने बाल-विवाह एवं बहु-विवाह की निन्दा की तथा कन्या वध का विरोध किया।
  • उन्होंने पर्दा प्रथा को महिला विकास के मार्ग में बाधा बताते हुए इसके विरुद्ध आवाज़ उठाई।
  • उन्होंने नारी-शिक्षा का प्रचार किया। वह विधवा-विवाह के भी पक्ष में थे।
  • उन्होंने महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार दिये जाने पर बल दिया।

प्रश्न 8.
ईश्वर चन्द्र विद्यासागर द्वारा स्त्रियों की दशा सुधारने के लिए दिये गये योगदान का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
ईश्वर चन्द्र विद्यासागर एक महान् समाज सुधारक थे। उन्होंने महिलाओं के हित के लिए कड़ा परिश्रम किया तथा कन्याओं की शिक्षा के लिए अपने खर्च पर बंगाल में लगभग 25 स्कूल स्थापित किये। उन्होंने विधवा-विवाह के पक्ष में अथक संघर्ष किया। उन्होंने 1855-60 ई० के बीच लगभग 25 विधवा विवाह करवाये। उनके प्रयत्नों से 1856 ई० में हिन्दू विधवा-विवाह कानून पास किया गया। उन्होंने बाल-विवाह का खण्डन किया।

प्रश्न 9.
सर सैय्यद अहमद खां द्वारा स्त्रियों के उद्धार के लिए किये गये प्रयासों का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
सर सैय्यद अहमद खां इस्लामी समाज का सुधार करना चाहते थे। उनका मानना था कि समाज तभी समद्ध बन सकता है यदि महिलाओं को पुरुषों के बराबर माना जाये। उन्होंने बालकों एवं बालिकाओं का बहुत ही छोटी आयु में विवाह करने का घोर विरोध किया। उन्होंने तलाक प्रथा के विरुद्ध जोरदार आवाज़ उठाई। उन्होंने पर्दा-प्रथा का भी खण्डन किया। उनका कहना था कि पर्दा मुस्लिम महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा उनके विकास के मार्ग में एक बाधा है। वह समाज में प्रचलित दासता की प्रथा को उचित नहीं मानते थे। उन्होंने समाज में विद्यमान बुराइयों को दूर करने के लिए ‘तहज़ीब-उल-अखलाक’ नामक समाचार-पत्र निकाला। सर सैय्यद अहमद खां ने समाज में अशिक्षा को समाप्त करने के लिए अनेक प्रयत्न किये। वह धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ पश्चिमी शिक्षा प्रदान करने के पक्षधर थे।

प्रश्न 10.
स्वामी दयानन्द जी द्वारा स्त्रियों की दशा सुधारने के लिए दिये गये योगदान का वर्णन करें।
उत्तर-
स्वामी दयानन्द सरस्वती ने इस बात पर बल दिया कि समाज में महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने बालक एवं बालिकाओं के बहुत ही छोटी आयु में विवाह की प्रथा, अर्थात् बाल-विवाह का कड़ा विरोध किया। वे विधवा-विवाह के पक्षधर थे। उन्होंने विधवाओं की स्थिति सुधारने के लिए विधवा आश्रम स्थापित किये। उनके द्वारा स्थापित संस्था आर्य समाज ने सती प्रथा तथा दहेज प्रथा का खण्डन किया। असहाय कन्याओं को सिलाई-कढ़ाई के काम का प्रशिक्षण देने के लिए उन्होंने अनेक केन्द्र स्थापित किये। उन्होंने महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया तथा भारत के विभिन्न भागों में कन्याओं की शिक्षा के लिए स्कूल खोले।

प्रश्न 11.
19वीं सदी में स्त्रियों (महिलाओं) की दशा का वर्णन करें।।
उत्तर-
19वीं सदी में भारतीय समाज में स्त्रियों की दशा दयनीय थी। उस समय भारत में सती प्रथा, कन्या हत्या, दास प्रथा, पर्दा, प्रथा, विधवा विवाह निषेध तथा बहु-विवाह आदि कुरीतियों ने महिलाओं का जीवन दूभर बना दिया था। भारतीय समाज में से इन कुरीतियों को समाप्त करने के लिए 19वीं शताब्दी में धार्मिक-सामाजिक आन्दोलन आरम्भ किये गये।
स्त्रियों की दशा को दयनीय बनाने वाली मुख्य कुरीतियां-

1. कन्या-वध-समाज में कन्या के जन्म को अशुभ समझा जाता था, जिसके कई कारण थे। प्रथम, कन्याओं के . विवाह पर बहुत अधिक खर्च करना पड़ता था जो आम आदमी के वश की बात नहीं थी। दूसरे, माता-पिता को अपनी कन्याओं के लिए योग्य वर खोजना कठिन हो जाता था। तीसरे, यदि कोई माता-पिता अपनी कन्या का विवाह नहीं कर पाते थे तो इसे बुरा माना जाता था। अतः अनेक लोग कन्या को जन्म लेते ही मार देते थे।

2. बाल-विवाह-कन्याओं का विवाह छोटी आयु में ही कर दिया जाता था। इसलिए कन्याएं प्रायः अनपढ़ (अशिक्षित) ही रह जाती थीं। यदि किसी लड़की का पति छोटी आयु में ही मर जाता था तो उसे सती कर दिया जाता था या फिर उसे जीवन भर विधवा ही रहना पड़ता था।

3. सती-प्रथा-सती-प्रथा के अनुसार यदि किसी महिला के पति की मृत्यु हो जाती थी, तो उसे जीवित ही पति की चिता पर जला दिया जाता था।

4. विधवा-विवाह निषेध-समाज की ओर से विधवा-विवाह पर कड़ी रोक लगाई गई थी। विधवा का समाज में अनादर किया जाता था। उनके केश काट दिये जाते थे और उन्हें सफेद वस्त्र पहना दिए जाते थे।

5. पर्दा-प्रथा-पर्दा-प्रथा के अनुसार महिलाएं सदा पर्दा करके ही रहती थीं। इसका उनके स्वास्थ्य एवं विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता था।

6. दहेज-प्रथा-दहेज-प्रथा के अनुसार विवाह के समय पर कन्या को दहेज दिया जाता था। निर्धन लोगों को दहेज देने के लिए साहूकारों से ऋण लेना पड़ता था। अतः कई कन्याएं आत्म-हत्या कर लेती थीं।

7. महिलाओं को अशिक्षित रखना- अधिकतर लोगों द्वारा कन्याओं को शिक्षा नहीं दी जाती थी। उनको शिक्षित करना व्यर्थ माना जाता था, ताकि शिक्षा द्वारा उन्हें आवश्यकता से अधिक स्वतन्त्रता न मिल सके। कन्याओं को शिक्षित करना समाज के लिए भी हानिकारक माना जाता था।

8. हिन्दू समाज में महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार न देना-हिन्दू समाज में महिलाओं को अपनी पैतृक सम्पत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता था।

प्रश्न 12.
स्त्रियों की दशा सुधारने तथा शिक्षा के बारे में अलग-अलग समाज सुधारकों के विचारों तथा प्रयासों का वर्णन करें।
उत्तर-
स्त्रियों की दशा सुधारने तथा शिक्षा के बारे में भिन्न-भिन्न समाज सुधारकों के विचारों तथा प्रयासों का वर्णन इस प्रकार है

1. राजा राममोहन राय-राजा राममोहन राय 19वीं शताब्दी के महान् समाज-सुधारक थे। उनका मानना था कि समाज तब तक उन्नति नहीं कर सकता जब तक महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार नहीं दिये जाते।

  • उन्होंने समाज में से सती-प्रथा को समाप्त करने के लिए प्रचार किया। उन्होंने विलियम बैंटिक की सरकार को विश्वास दिलाया कि सती-प्रथा का प्राचीन धार्मिक शास्त्रों में कोई स्थान नहीं है। उनके तर्कों एवं प्रयत्नों के परिणामस्वरूप सरकार ने 1829 ई० में सती-प्रथा पर कानून द्वारा रोक लगा दी।
  • उन्होंने महिलाओं की भलाई के लिए कई लेख लिखे।
  • उन्होंने बाल-विवाह एवं बहु-विवाह की निन्दा की तथा कन्या वध का विरोध किया।
  • उन्होंने पर्दा-प्रथा को महिला विकास के मार्ग में बाधा बताते हुए इसके विरुद्ध आवाज़ उठाई।
  • उन्होंने नारी-शिक्षा का प्रचार किया। वह विधवा-विवाह के भी पक्ष में थे।
  • उन्होंने महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार दिये जाने पर बल दिया।

2. ईश्वर चन्द्र विद्यासागर-ईश्वर चन्द्र विद्यासागर एक महान् समाज सुधारक थे। उन्होंने महिलाओं के हित के लिए कड़ा परिश्रम किया तथा कन्याओं की शिक्षा के लिए अपने खर्च पर बंगाल में लगभग 25 स्कूल स्थापित किये। उन्होंने विधवा-विवाह के पक्ष में अनथक संघर्ष किया। उन्होंने 1855-60 ई० के बीच लगभग 25 विधवा विवाह करवाये। उनके प्रयत्नों से 1856 ई० में हिन्दू विधवा-विवाह कानून पास किया गया। उन्होंने बाल-विवाह का खण्डन किया।

3. सर सैय्यद अहमद खां-सर सैय्यद अहमद खां इस्लामी समाज का सुधार करना चाहते थे। उनका मानना था कि समाज तभी समृद्ध बन सकता है यदि महिलाओं को पुरुषों के बराबर माना जाये। उन्होंने बालकों एवं बालिकाओं का बहुत ही छोटी आयु में विवाह करने का घोर विरोध किया। उन्होंने तलाक प्रथा के विरुद्ध जोरदार आवाज़ उठाई। उन्होंने पर्दा प्रथा का भी खण्डन किया। उनका कहना था कि पर्दा मुस्लिम महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा उनके विकास के मार्ग में एक बाधा है। वे समाज में प्रचलित दास प्रथा को उचित नहीं मानते थे। उन्होंने समाज में विद्यमान बुराइयों को दूर करने के लिए ‘तहज़ीब-उल-अखलाक’ नामक समाचार-पत्र निकाला। सर सैय्यद अहमद खां ने समाज में अशिक्षा समाप्त करने के लिए अनेक प्रयत्न किये। वह धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ पश्चिमी शिक्षा प्रदान करने के पक्षधर थे।

4. स्वामी दयानन्द सरस्वती-स्वामी दयानन्द सरस्वती ने इस बात पर बल दिया कि समाज में महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने बालक एवं बालिकाओं के बहुत ही छोटी आयु में विवाह की प्रथा अर्थात् बालविवाह का कड़ा विरोध किया। वह विधवा-विवाह के पक्षधर थे। उन्होंने विधवाओं की स्थिति सुधारने के लिए विधवा आश्रम स्थापित किये। उनके द्वारा स्थापित संस्था आर्य समाज ने सती प्रथा तथा दहेज प्रथा का खण्डन किया। उन्होंने असहाय कन्याओं को सिलाई-कढ़ाई के काम का प्रशिक्षण देने के लिए अनेक केन्द्र स्थापित किये। उन्होंने महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया तथा भारत के विभिन्न भागों में कन्याओं की शिक्षा के लिए स्कूल खोले।

5. श्रीमती ऐनी बेसेंट-श्रीमती ऐनी बेसेंट थियोसोफिकल सोसायटी की सदस्य थीं। इस संस्था ने स्त्री जाति के उद्धार के लिए बाल विवाह का विरोध किया तथा विधवा विवाह के पक्ष में आवाज़ उठाई। शिक्षा के विकास के लिए इस संस्था ने स्थान-स्थान पर बालक-बालिकाओं के लिए स्कूल खोले। 1898 ई० में इसने बनारस में हिन्दू कॉलेज स्थापित किया। यहां हिन्दू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों की शिक्षा भी दी जाती थी।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार

प्रश्न 13.
बहुत से सुधारकों ने स्त्रियों की दशा की ओर विशेष ध्यान क्यों दिया ?
उत्तर-
अनेक समाज-सुधारकों ने महिलाओं की समस्याओं पर निम्नलिखित कारणों से विशेष ध्यान दिया-

  • विभिन्न समाज-सुधारकों का कहना था कि समाज द्वारा महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं जिन्हें रोकना अनिवार्य है।
  • समाज-सुधारकों का विचार था कि समाज में वर्तमान बुराइयों को समाप्त करने के लिए महिलाओं को शिक्षित करना आवश्यक है।
  • उन्होंने अनुभव किया कि यदि देश को विदेशी राजनीतिक दासता से स्वतन्त्र करवाना है तो सर्वप्रथम अपने घर और समाज का सुधार करना होगा।
  • उन्होंने यह भी अनुभव किया कि समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सर्वप्रथम महिलाओं की दशा सुधारना आवश्यक है।
  • समाज-सुधारकों का मानना था कि देश की लोकतन्त्र प्रणाली समाज में समानता के बिना अधूरी है। अत: उन्होंने महिलाओं को समाज में पुरुषों के समान अधिकार दिलाने का प्रयास किया।

प्रश्न 14.
महाराष्ट्र के समाज सुधारकों द्वारा स्त्रियों के उद्धार के लिए दिए गए योगदान का वर्णन करें।
उत्तर-
महाराष्ट्र में समाज सुधारकों ने विभिन्न संस्थाएं स्थापित की। इन्हीं संस्थाओं ने स्त्रियों की दशा सुधारने के लिए विशेष अभियान चलाये जिनका वर्णन इस प्रकार है-

1. परमहंस सभा-19वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के समाज सुधारकों ने समाज में जागृति लाने के लिए आन्दोलन आरम्भ किये। 1849 ई० में परमहंस मण्डली की स्थापना की गई। इसने मुम्बई में धार्मिक-सामाजिक सुधार आन्दोलन आरम्भ किये। इसका मुख्य उद्देश्य मूर्ति-पूजा तथा जाति-प्रथा का विरोध करना था। इस सभा ने नारी-शिक्षा के लिए कई स्कूलों की स्थापना की। इसने सायंकाल को शिक्षा प्रदान करने वाली संस्थाओं की भी स्थापना की। ज्योतिबा फुले ने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए पिछड़ी जाति की कन्याओं के लिए पुणे में एक स्कूल खोला। उन्होंने विधवाओं की दशा सुधारने के लिए भी प्रयत्न किये। उनके प्रयत्नों से 1856 ई० में सरकार ने विधवा-पुनर्विवाह कानून पास कर दिया। उन्होंने विधवाओं के बच्चों के लिए एक अनाथालय खोला। महाराष्ट्र के एक अन्य प्रसिद्ध समाज सुधारक गोपाल हरि देशमुख थे जोकि लोक-हितकारी के नाम से प्रसिद्ध थे। उन्होंने समाज की बुराइयों का खण्डन किया तथा समाज सुधार पर बल दिया।

2. प्रार्थना समाज-1867 ई० में महाराष्ट्र में प्रार्थना समाज की स्थापना हुई। महादेव गोबिन्द रानाडे तथा राम कृष्ण गोपाल भण्डारकर इस समाज के प्रसिद्ध नेता थे। उन्होंने जाति प्रथा तथा बाल-विवाह का विरोध किया। वह विधवा पुनर्विवाह के पक्ष में थे। उन्होंने विधवा-विवाह संघ की स्थापना की। उन्होंने कई स्थानों पर शिक्षण संस्थाएं तथा अनाथाश्रम खोले। उनके प्रयत्नों से 1884 ई० में दक्कन शिक्षा सोसायटी की स्थापना हुई, जिसने पुणे में दक्कन कॉलेज की स्थापना की।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

1. हिन्दू समाज में स्त्रियों को …………… सम्पत्ति लेने का अधिकार नहीं था।
2. अपने भाई की पत्नी के सती हो जाने के पश्चात् ………… के जीवन में एक नया मोड़ आया।
3. 1872 ई० में केशवचन्द्र सेन द्वारा ………… पर पाबंदी लगायी गई।
4. तलाक प्रथा का ………….. ने विरोध किया।
5. ………. 1886 ई० में इंग्लैंड में थियोसिफीकल सोसाइटी में शामिल हई।
उत्तर-

  1. पैतृक
  2. राजा राममोहन राय
  3. दूसरे विवाह
  4. सर सैय्यद अहमद खां
  5. श्रीमती ऐनी बेसेंट।

III. सही जोड़े बनाएं:

क – ख
1. स्वामी विवेकानंद – 1. नामधारी लहर
2. श्री सतगुरु राम सिंह जी – 2. रामकृष्ण मिशन
3. सिंह सभा लहर – 3. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
4. सर सैय्यद अहमद खां – 4. मंजी साहिब (अमृतसर)
उत्तर-
1. स्वामी विवेकानंद – रामकृष्ण मिशन
2. श्री सतगुरु राम सिंह जी – नामधारी लहर
3. सिंह सभा लहर – मंजी साहिब (अमृतसर)
4. सर सैय्यद अहमद खां – अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

PSEB 8th Class Social Science Guide स्त्रियां तथा सुधार Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) सही विकल्प चुनिए :

प्रश्न 1.
सती प्रथा को (1829 ई०) अवैध घोषित किया-
(i) लार्ड डलहौज़ी
(ii) लार्ड विलियम बैंटिक
(ii) लार्ड वारेन हेस्टिंग्ज़
(iv) लार्ड मैकाले।
उत्तर-
लार्ड विलियम बैंटिक

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार

प्रश्न 2.
नामधारी आंदोलन की स्थापना हुई.
(i) मंजी साहिब (अमृतसर)
(ii) मिठू बस्ती (जालंधर)
(iii) भैणी साहिब (लुधियाना)
(iv) शकूरगंज।
उत्तर-
भैणी साहिब (लुधियाना)

प्रश्न 3.
अहमदिया लहर की नींव रखी
(i) सर सैय्यद अहमद खां
(ii) श्री सतिगुरु राम सिंह जी
(iii) बाबा दयाल सिंह ।
(iv) मिर्जा गुलाम अहमद।
उत्तर-
मिर्जा गुलाम अहमद

प्रश्न 4.
दूसरे विवाह पर प्रतिबंध लगवाया-
(i) राजा राम मोहन राय
(ii) ईश्वर चन्द्र विद्यासागर
(ii) केशव चन्द्र सेन
(iv) स्वामी दयानन्द।
उत्तर-
केशव चन्द्र सेन

प्रश्न 5.
‘आनंद विवाह’ की प्रणाली प्रथा आरम्भ की-
(i) श्री सतिगुरु राम सिंह
(ii) बाबा दयाल सिंह
(iii) मिर्जा गुलाम अहमद
(iv) प्रो० गुरुमुख सिंह।
उत्तर-
श्री सतिगुरु राम सिंह

प्रश्न 6.
सती प्रथा को किसके प्रयत्नों से समाप्त किया गया ?
(i) राजा राम मोहन राय
(ii) सर सैय्यद अहमद खाँ
(iii) वीर सलिंगम
(iv) स्वामी दयानंद सरस्वती।
उत्तर-
राजा राम मोहन राय

प्रश्न 7.
नामधारी आन्दोलन के संस्थापक कौन थे ?
(i) स्वामी विवेकानंद
(ii) श्रीमती एनीबेसेंट
(iii) सतिगुरु राम सिंह
(iv) बाबा दयाल सिंह।
उत्तर-
सतिगुरु राम सिंह।

(ख) सही कथन पर (✓) तथा गलत कथन पर (✗) का निशान लगाएं :

1. 1854 ई० के वुड डिस्पैच में स्त्री शिक्षा पर जोर दिया गया।
2. केशवचन्द्र सेन आर्य समाज के प्रसिद्ध नेता थे।
3. प्रार्थना समाज ने विधवा पुनः विवाह का विरोध किया।
उत्तर-

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
19वीं शताब्दी के भारतीय समाज में प्रचलित किन्हीं चार कुरीतियों के नाम बताओ, जिन्होंने स्त्रियों की दशा को दयनीय बना दिया।
उत्तर-
सती प्रथा, कन्या वध, पर्दा प्रथा तथा बहु विवाह आदि।

प्रश्न 2.
19वीं शताब्दी में लोग कन्याओं का वध क्यों करते थे ? कोई दो कारण लिखो।
उत्तर-

  1. लड़कियों के विवाह पर बहुत अधिक धन खर्च करना पड़ता था।
  2. माता-पिता को अपनी लड़कियों के लिए योग्य वर ढूंढ़ने में कठिनाई होती थी।

प्रश्न 3.
19वीं शताब्दी में लोग लड़कियों को शिक्षा क्यों नहीं दिलवाते थे ?
उत्तर-
लोग लड़कियों को शिक्षा दिलवाना उन्हें अधिक आजादी देने के बराबर मानते थे। इसके अतिरिक्त वे लड़कियों की शिक्षा को समाज के लिए हानिकारक भी मानते थे।

प्रश्न 4.
ब्रह्म समाज से जुड़े दो नेताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
राजा राममोहन राय तथा केशवचन्द्र सेन।

प्रश्न 5.
आर्य समाज के संस्थापक कौन थे ?
उत्तर-
स्वामी दयानन्द सरस्वती।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार

प्रश्न 6.
साईंटिफिक सोसायटी की स्थापना किसने, कहां और क्यों की ?
उत्तर-
साईंटिफिक सोसायटी की स्थापना सर सैय्यद अहमद खां ने अलीगढ़ में की। इसकी स्थापना विज्ञान के एक ग्रंथ का उर्दू में अनुवाद करने के लिए की गई थी।

प्रश्न 7.
निरंकारी आन्दोलन के संस्थापक कौन थे ? उन्होंने किस रीति के अनुसार विवाह करने का उपदेश दिया ?
उत्तर-
निरंकारी आन्दोलन के संस्थापक बाबा दयाल जी थे। उन्होंने गुरुमत की रीति के अनुसार विवाह करने का उपदेश दिया।

प्रश्न 8.
‘आनन्द विवाह’ की प्रणाली (प्रथा) किसने चलाई ? इसकी क्या विशेषता थी ?
उत्तर-
आनन्द विवाह की प्रणाली (प्रथा) श्री सतिगुरु राम सिंह जी ने चलाई। इस प्रणाली के अनुसार केवल सवा रुपये में ही विवाह हो जाता था।

प्रश्न 9.
सिंह सभा लहर की नींव कब और कहां रखी गई ?
उत्तर-
सिंह सभा लहर की नींव अक्तूबर 1873 ई० में मंजी साहिब (अमृतसर) में रखी गई।

प्रश्न 10.
लाहौर में सिंह सभा की शाखा कब स्थापित की गई ? इसका प्रधान किसे बनाया गया ?
उत्तर-
लाहौर में सिंह सभा की शाखा 1879 ई० में स्थापित की गई। इसका प्रधान प्रो० गुरुमुख सिंह को बनाया गया।

प्रश्न 11.
अहमदिया लहर की नींव कब, कहां और किसने रखी ?
उत्तर-
अहमदिया लहर की नींव 1853 ई० में मिर्जा गुलाम अहमद ने जिला गुरदासपुर में रखी।

प्रश्न 12.
समकृष्ण मिशन की स्थापना कब, किसने और किसकी याद में की ?
उत्तर-
रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1897 ई० में स्वामी विवेकानन्द ने अपने गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस की याद में की।

प्रश्न 13.
संगत सभा की स्थापना कब और किसने की ?
उत्तर-
संगत सभा की स्थापना 1860 ई० में केशवचन्द्र सेन ने की।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार

प्रश्न 14.
श्रीमती ऐनी बेसेंट कब भारत आईं ? उनका सम्बन्ध किस संस्था से था ?
उत्तर-
श्रीमती ऐनी बेसेंट 1893 ई० में भारत आईं। उनका सम्बन्ध थियोसोफिकल सोसायटी से था।

प्रश्न 15.
प्रार्थना समाज की स्थापना कब हुई ? इसके दो मुख्य नेता कौन-कौन थे ?
उत्तर-
प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई० में हुई। इसके दो प्रमुख नेता महादेव गोबिन्द रानाडे तथा राम कृष्ण गोपाल भण्डारकर थे।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
निरंकारी आन्दोलन तथा बाबा दयाल जी पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
निरंकारी आन्दोलन के संस्थापक बाबा दयाल जी थे। उस समय समाज में कन्या के जन्म को अपशकुन समझा जाता था। अतः अनेक कन्याओं को जन्म लेते ही मार दिया जाता था। महिलाओं में बाल-विवाह, दहेज-प्रथा तथा सती प्रथा आदि बुराइयां प्रचलित थीं। विधवा के साथ बुरा व्यवहार किया जाता था और उसे पुनर्विवाह की अनुमति नहीं दी जाती थी। बाबा दयाल जी ने इन सभी बुराइयों को समाप्त करने का पूरा प्रयास किया। उन्होंने कन्या वध तथा सती प्रथा का विरोध किया। उन्होंने लोगों को अपने बच्चों के विवाह गुरुमत के अनुसार करने का उपदेश दिया।

प्रश्न 2.
नामधारी लहर की स्थापना कब और किसने की ? इसके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों का वर्णन करो।
उत्तर-
नामधारी लहर की स्थापना 13 अप्रैल, 1857 ई० को श्री सतिगुरु राम सिंह जी ने भैणी साहिब (लुधियाना) में की। उन्होंने समाज में प्रचलित बुराइयों का विरोध किया।

  1. उन्होंने बाल-विवाह, कन्या-वध तथा दहेज-प्रथा आदि बुराइयों का प्रबल विरोध किया।
  2. उन्होंने महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए उन्हें पुरुषों के समान अधिकार देने पर बल दिया।
  3. उन्होंने विवाह के समय किये जाने वाले व्यर्थ के व्यय का खण्डन किया। श्री सतिगुरु राम सिंह
  4. उन्होंने विवाह की एक प्रणाली चलाई जिसे आनन्द विवाह का नाम दिया गया। इस प्रणाली के अनुसार केवल सवा रुपये में विवाह की रस्म पूरी कर दी जाती थी। वह जाति-प्रथा में भी विश्वास नहीं रखते थे।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 17 स्त्रियां तथा सुधार 1

प्रश्न 3.
केशवचन्द्र सेन कौन थे ? समाज सुधार के क्षेत्र में उनके योगदान का वर्णन करो।
उत्तर-
केशवचन्द्र सेन ब्रह्म समाज के एक प्रसिद्ध नेता थे। वह 1857 ई० में ब्रह्म समाज में सम्मिलित हुए थे। 1860 ई० में उन्होंने संगत सभा की स्थापना की, जिसमें धर्म सम्बन्धी विषयों पर विचार-विमर्श होता था। केशव चन्द्र सेन ने नारीशिक्षा एवं विधवा पुनर्विवाह के पक्ष में प्रचार किया। उन्होंने बाल-विवाह तथा बहु-विवाह आदि प्रथाओं की घोर निन्दा की। केशवचन्द्र सेन के प्रयत्नों से 1872 ई० में सरकार ने कानून पास करके दूसरे विवाह पर रोक लगा दी।

प्रश्न 4.
समाज सुधार के क्षेत्र में श्रीमती ऐनी बेसेंट तथा थियोसोफिकल सोसायटी का क्या योगदान है ?
उत्तर-
श्रीमती ऐनी बेसेंट 1886 ई० में इंग्लैण्ड में थियोसोफिकल सोसायटी में सम्मिलित हुईं। 1893 ई० में वह भारत आ गईं। उन्होंने भारत का भ्रमण किया तथा भाषण दिये। उन्होंने पुस्तकें तथा लेख लिखकर सोसायटी के सिद्धान्तों का प्रचार किया। थियोसोफिकल सोसायटी ने अनेक सामाजिक सुधार भी किये। इसने बाल-विवाह तथा जाति-प्रथा का विरोध किया। इसने पिछड़े लोगों तथा विधवाओं के उद्धार के लिए प्रयत्न किये। सोसायटी ने शिक्षा के विकास के लिए स्थान-स्थान पर बालकों तथा बालिकाओं के लिए स्कूल खोले। 1898 ई० में बनारस में सैंट्रल हिन्दू कॉलेज स्थापित किया गया, जहां हिन्दू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों की श्री शिव को राती थी।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समाज सुधार तथा नारी उद्धार के लिए सिंह सभा लहर, अहमदिया लहर तथा स्वामी विवेकानन्द (रामकृष्ण मिशन) द्वारा किये गये कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-
सिंह सभा लहर-सिंह सभा लहर की नींव 1873 ई० में मंजी साहिब (अमृतसर) में रखी गई। इसका उद्देश्य सिख धर्म तथा समाज में प्रचलित बुराइयों को दूर करना था। सरदार ठाकुर सिंह संधावालिया को इसका प्रधान तथा ज्ञानी ज्ञान सिंह को सचिव नियुक्त किया गया। देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले सिख सिंह सभा के सदस्य बन सकते थे। 1879 ई० में लाहौर में सिंह सभा की एक अन्य शाखा खोली गई। इसका प्रधान प्रो० गुरुमुख सिंह को बनाया गया। धीरे-धीरे पंजाब में अनेक सिंह सभा शाखाएं स्थापित हो गईं। सिंह सभा के प्रचारकों ने समाज में प्रचलित जातिप्रथा, अस्पृश्यता तथा अन्य सामाजिक बुराइयों का जोरदार खण्डन किया।

इस लहर ने महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार देने के लिए प्रबल प्रचार किया। इसने महिलाओं में प्रचलित पर्दा-प्रथा, बाल-विवाह, बहु-विवाह तथा विधवा-विवाह निषेध आदि बुराइयों की निन्दा की। सिंह सभा ने विधवाओं की देखभाल के लिए विधवा-आश्रम स्थापित किये। इसने नारी-शिक्षा की ओर भी विशेष ध्यान दिया। सिख कन्या महाविद्यालय फिरोज़पुर, खालसा भुजंग स्कूल कैरो तथा विद्या भण्डार भमौड़ आदि प्रसिद्ध कन्या विद्यालय थे जो सर्वप्रथम सिंह सभा के अधीन स्थापित हुए।

अहमदिया लहर-अहमदिया लहर की नींव 1853 ई० में मिर्जा गुलाम अहमद ने कादियां जिला गुरदासपुर में रखी। उन्होंने लोगों को कुरान शरीफ के उपदेशों पर चलने के लिए कहा। उन्होंने परस्पर भाईचारे (भ्रातृभाव) तथा धार्मिक सहनशीलता का प्रचार किया। उन्होंने धर्म में प्रचलित झूठे रीति-रिवाज़ों, अन्ध-विश्वासों और कर्मकाण्डों का त्याग करने का प्रचार किया। उन्होंने धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ पश्चिमी शिक्षा देने का समर्थन भी किया। उन्होंने कई स्कूल और कॉलेजों की स्थापना की।

स्वामी विवेकानन्द तथा राम कृष्ण मिशन-स्वामी विवेकानन्द ने 1897 ई० में अपने गुरु स्वामी राम कृष्ण परमहंस की स्मृति में ‘राम कृष्ण मिशन’ की स्थापना की। उन्होंने भारतीय समाज में प्रचलित अन्ध-विश्वासों और व्यर्थ के रीति-रिवाजों की निन्दा की। वे जाति-प्रथा तथा अस्पृश्यता में विश्वास नहीं रखते थे। उन्होंने महिलाओं की दशा सुधारने के लिए विशेष प्रयत्न किये। वे महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार,दिये जाने के पक्ष में थे। उन्होंने कन्यावध, बाल-विवाह, दहेज-प्रथा आदि बुराइयों का विरोध किया। वे विधवा-विवाह के पक्ष में थे। उन्होंने नारी-शिक्षा के लिए प्रचार किया तथा कई स्कूल एवं पुस्तकालय स्थापित किये।

प्रश्न 2.
19वीं शताब्दी के सुधार आन्दोलनों के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारतीय सुधारकों के प्रयत्नों के परिणामस्वरूप सरकार ने कई सामाजिक बुराइयों पर कानूनी रोक लगा दी। महिलाओं की दशा सुधारने की ओर विशेष ध्यान दिया गया।

  1. 1795 ई० तथा 1804 ई० में कानून पास करके कन्या-वध पर रोक लगा दी गई।
  2. 1829 ई० में लार्ड विलियम बैंटिक ने कानून द्वारा सती प्रथा पर रोक लगा दी।
  3. सरकार ने 1843 ई० में कानून पास करके भारत में दास प्रथा को समाप्त कर दिया।
  4. बंगाल के महान् समाज सुधारक ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के प्रयत्नों से 1856 ई० में विधवा-पुनर्विवाह को कानून द्वारा मान्यता दे दी गई।
  5. सरकार ने 1860 ई० में कानून पास करके बालिकाओं के लिए विवाह की आयु कम-से-कम 10 वर्ष निश्चित की। 1929 ई० में शारदा एक्ट के अनुसार बालकों के विवाह के लिए कम-से-कम 16 साल और बालिकाओं के लिए 14 साल की आयु निश्चित की गई।
  6. 1872 ई० में सरकार ने कानून पास करके अन्तर्जातीय विवाह को स्वीकृति दे दी।
  7. 1854 ई० के वुड डिस्पैच में महिलाओं की शिक्षा पर बल दिया गया।

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान

Punjab State Board PSEB 3rd Class Hindi Book Solutions Chapter 13 किसान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 3 Hindi Chapter 13 किसान

Hindi Guide for Class 3 PSEB किसान Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

I. बताओ

1. किसान कब उठ जाता है ?
उत्तर-
चिड़ियों के जगने से पहले ही किसान उठ जाता है।

2. किसान की दिनचर्या क्या है ?
उत्तर-
सूर्य के उदय होने से पहले किसान उठ कर बैलों को चारा खिलाकर खेतों में चला जाता है।

3. गर्मियों में धरती की क्या दशा होती है ?
उत्तर-
गर्मियों में धरती तवे के समान गर्म तपती है।

4. सर्दियों में किसान अपने खेतों की रखवाली कैसे करता है ?
उत्तर-
सर्दियों में किसान आग जला कर अपने खेतों की रखवाली करता है।

5. किसान को चैन क्यों नहीं मिलता ?
उत्तर-
किसान को आराम नहीं काम पसन्द है। दिन-रात उसे अपने खेतों और फसलों का ध्यान रहता है। इसीलिए उसे चैन नहीं मिलता।

II. पंक्तियाँ पूरी करो

1. चिड़ियों के जगने से पहले ……………………………… .
उत्तर-
चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान

2. नहीं कभी त्योहार, न ………………………. है उसको आराम ……………………..
उत्तर-
नहीं कभी त्योहार, न छुट्टी है उसको आराम हराम

3. फिर भी आग जला, खेतों की …………………….. |
उत्तर-
फिर भी आग जला, खेतों की रखवाली करता वह मौन

III. सही अर्थ ढूँढ़ो –

(क) नीचे लिखे (क) और (ख) वाक्यों को पढ़ो और उसके आगे दिए गए सही अर्थ वाले खाने (वाक्य) पर सही (✓) का निशान लगाओ-

(क) धरती जलती तवा समान ………………. धरती बहुत गरम हो जाती है। …………….. धरती पर आग जलने लगती है।

(ख) हाथ-पाँव ठिठुरे जाते हैं। ………….. हाथ-पाँव काम करना बन्द कर देते हैं। ……………… बहुत सर्दी लगती है।
उत्तर-
(क) धरती जलती तवा समान।
धरती बहुत गरम हो जाती है। (✓)
धरती पर आग जलने लगती है।

(ख) हाथ-पाँव ठिठुरे जाते हैं।
हाथ-पाँव काम करना बन्द कर देते
बहुत सर्दी लगती है। (✓)

(ख) किसका सम्बन्ध किसके साथ है। इनके जवाब बैल के पेट में छिपे हैं। उन्हें ढूँढ़ो और सही जगह पर लिखो –

किसका सम्बन्ध किससे
किसान खेत
बादल …………………………….
धरती …………………………….
मूसलाधार …………………………….
बिजली …………………………….
पूरब सर्दी …………………………….

PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान 1
उत्तर-

किसका सम्बन्ध किससे
किसान खेत
बादल गरज
धरती जलती
मूसलाधार बारिश
बिजली चमक
पूरब लाली
सर्दी ठिठुरना

(ग) शब्दों के तीन-तीन समान अर्थ वाले शब्द नीचे बहते हुए पानी में दिए गए हैं, उन्हें ढूँढ़कर सही जगह लिखिए-
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान 2
शब्द : समान अर्थ वाले शब्द

(i) खाट : शय्या चारपाई पलंग
(ii) बिजली : ……………….. ……………….. ………………..
(iii) आग : ……………….. ……………….. ………………..
(iv) धरती: ……………….. ……………….. ………………..
(v) पानी: ……………….. ……………….. ………………..
(vi) कमल : ……………….. ……………….. ………………..
(vii) बादल : ……………….. ……………….. ………………..
(viii) समुद्र : ……………….. ……………….. ………………..

उत्तर-
शब्द समान अर्थ वाले (पर्यायवाची) शब्द

(i) खाट : शय्या चारपाई पलंग
(ii) बिजली : चंचला चपला तड़ित।
(iii) आग : अग्नि अनल पावक।
(iv) धरती : भू भूमि वसुधा।
(v) पानी : नीर जल वारि।
(vi) कमल : नीरज पंकज जलज।
(vii) बादल : वारिद जलद नीरद।
(viii) समुद्र : नीरधि वारिधि उदधि।

(घ) क्या आप दिशाओं के नाम जानते हैं ? यदि आप नहीं जानते तो अपने अध्यापक/ अभिभावक से जानकारी प्राप्त करके नीचे बने चित्र में लिखिए
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान 3
उत्तर-
PSEB 3rd Class Hindi Solutions Chapter 13 किसान 4

किसान Summary & Translation in Hindi

पद्यांशों के सरलार्थ

1. नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान। चिड़ियों के जगने से पहले, खाट छोड़ उठ गया किसान।
सरलार्थ-
इसमें कवि किसान के जीवन के बारे में बता रहा है कि अभी सुबह नहीं हुई है, लेकिन पूर्व दिशा में सूरज की लाली को देख कर, चिड़ियों के जागने से पहले ही किसान अपनी चारपाई छोड़कर उठ गया है।

2. खिला-पिलाकर, बैलों को ले करने चला खेत पर काम। नहीं कभी त्योहार, न छुट्टी है उसको आराम हराम।
सरलार्थ-
किसान बैलों को खिला-पिलाकर खेतों पर काम करने के लिए ले चला है। उसके लिए कोई त्योहार नहीं और न ही छुट्टी है। उसके लिए आराम हराम है।

3. गरम-गरम लू चलती सन-सन धरती जलती तवा समान। तब भी करता काम खेत पर बिना किए आराम किसान।
सरलार्थ-
कवि कहता है कि जब सन-सन करती हुई गर्म हवाएँ चलती हैं, धरती तवे के समान जल रही होती है तब भी किसान बिना आराम किए खेत पर काम करता है।

4. बादल गरज रहे गड़-गड़-गड़ बिजली चमक रही चम-चम। मूसलाधार बरसता पानी ज़रा न रुकता लेता दम।
सरलार्थ-
कवि कहता है कि चाहे बादल गरज रहे हों, बिजली चमक रही हो, बहुत तेज़ वर्षा हो रही हो तब भी किसान काम करता रहता है, आराम नहीं करता।

5. हाथ-पाँव ठिठुरे जाते हैं | घर से बाहर निकले कौन ? फिर भी आग जला, खेतों की रखवाली करता वह मौन।
सरलार्थ-
सर्दी में जब हाथ-पैर ठिठुरते हैं, कोई बाहर नहीं निकलना चाहता तब भी किसान आग जलाकर चुपचाप खेतों की रखवाली करता है।

6. है किसान को चैन कहाँ, वह करता रहता हरदम काम। सोचा नहीं कभी भी उसने घर पर रह करना आराम।
सरलार्थ-
किसान को कभी भी आराम नहीं मिलता। वह हर समय काम ही करता रहता है। वह कभी भी यह नहीं सोचता कि घर पर रह कर आराम करे।

कठिन शब्दों के अर्थ

सवेरा = सुबह, प्रात:काल।
पूरब = पूर्व दिशा।
खाट = खटिया, चारपाई।
मूसलाधार = बहुत अधिक वर्षा ।
ठिठुरे जाते = काँप जाते।
हरदम = हर समय।
रखवाली = देख-रेख।
मौन = चुपचाप।
लू = गर्म हवा।

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.6

Punjab State Board PSEB 9th Class Maths Book Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.6 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 9 Maths Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.6

प्रश्न 1.
ज्ञात कीजिए :
(i) \(64^{\frac{1}{2}}\)
(ii) \(32^{\frac{1}{5}}\)
(iii) \(125^{\frac{1}{3}}\)
हल :
(i) \(64^{\frac{1}{2}}\)
= (2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 2)\(\frac{1}{2}\)
= \(\left(2^{6}\right)^{\frac{1}{2}}=2^{6 \times \frac{1}{2}}\)
[(am)n = am × n का प्रयोग करने पर]
= 23 = 2 × 2 × 2 = 8

(ii) \(32^{\frac{1}{5}}\)
= (2 × 2 × 2 × 2 × 2)\(\frac{1}{5}\)
[(am)n = am × n] का प्रयोग करने पर
= 21 = 2

(iii) \(125^{\frac{1}{3}}\)
= (5 × 5 × 5)\(\frac{1}{3}\)
= \(5^{3 \times \frac{1}{3}}\)
[(am)n = am × n] का प्रयोग करने पर
= 51 = 5

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.6

प्रश्न 2.
ज्ञात कीजिए :
(i) \(9^{\frac{3}{2}}\)
(ii) \(32^{\frac{2}{5}}\)
(iii) \(16^{\frac{3}{4}}\)
(iv) \(125^{\frac{-1}{3}}\)
हल:
(i) \(9^{\frac{3}{2}}\)
= \((3 \times 3)^{\frac{3}{2}}=\left(3^{2}\right)^{\frac{3}{2}}\)
= \(3^{2 \times \frac{3}{2}}\)
[(am)n = am × n का प्रयोग करने पर]
= 33 = 3 × 3 × 3 = 27

(ii) \(32^{\frac{2}{5}}\)
= (2 × 2 × 2 × 2 × 2)\(\frac{2}{5}\)
= \(\left(2^{5}\right)^{\frac{2}{5}}=2^{5 \times \frac{2}{5}}\)
[(am)n = am × n का प्रयोग करने पर]
= 23 = 2 × 2 = 4

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.6

(iii) \(16^{\frac{3}{4}}\)
= (2 × 2 × 2 × 2)\(\frac{3}{4}\)
= \(\left(2^{4}\right)^{\frac{3}{4}}\)
= \(2^{4 \times \frac{3}{4}}\)
[(am)n = am × n का प्रयोग करने पर]
= 23 = 2 × 2 × 2 = 8

(iv) \(125^{\frac{-1}{3}}\)
= \((5 \times 5 \times 5)^{\frac{-1}{3}}=\left(5^{3}\right)^{\frac{-1}{3}}\)
= \(5^{3 \times \frac{-1}{3}}\)
[(am)n = am × n का प्रयोग करने पर]
= 5-1 = \(\frac{1}{5}\)
[∵ a-1 = \(\frac{1}{a}\), x ≠ 0]

PSEB 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.6

प्रश्न 3.
सरल कीजिए :
(i) \(2^{\frac{2}{3}} \cdot 2^{\frac{1}{5}}\)
(ii) \(\left(\frac{1}{3^{3}}\right)^{7}\)
(iii) \(\frac{11^{\frac{1}{2}}}{11^{\frac{1}{4}}}\)
(iv) \(7^{\frac{1}{2}} \cdot 8^{\frac{1}{2}}\)
हल :
(i) \(2^{\frac{2}{3}} \cdot 2^{\frac{1}{5}}\)
= \(2^{\frac{2}{3}+\frac{1}{5}}\)
[am . an = am+n का प्रयोग करने पर]
= \(2^{\frac{10+3}{15}}=2^{\frac{13}{15}}\)

(ii) \(\left(\frac{1}{3^{3}}\right)^{7}\)
= (3)– 3 × 7
[(am)n = am × n का प्रयोग करने पर]
= 3– 21

(iii) \(\frac{11^{\frac{1}{2}}}{11^{\frac{1}{4}}}\)
= \(11^{\frac{1}{2}-\frac{1}{4}}\)
[\(\frac{a^{m}}{a^{n}}\) = am – n का प्रयोग करने पर]
= \(11^{\frac{2-1}{4}}=11^{\frac{1}{4}}\)

(iv) \(7^{\frac{1}{2}} \cdot 8^{\frac{1}{2}}\)
= (7 × 8)\(\frac{1}{2}\)
[am . bm = (ab)m का प्रयोग करने पर]
= 56\(\frac{1}{2}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4

(जब तक अन्यथा न कहा जाए, π = \(\frac{22}{7}\) लीजिए।)

प्रश्न 1.
पानी पीने वाला एक गिलास 14 cm ऊँचाई वाले एक शंकु के छिन्नक के आकार का है। दोनों वृत्ताकार सिरों के व्यास 4 cm और 2 cm हैं। इस गिलास की धारिता ज्ञात कीजिए। (Pb. 2015 Set B)
हल :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 1

ऊपरी सिरे की त्रिज्या (R) = 2 cm
निचले सिरे की त्रिज्या (r) = 1 cm
गिलास की ऊँचाई (H) = 14 cm
गिलास छिन्नक के आकार का है
छिन्नक का आयतन = \(\frac{1}{3}\) π [R2 + r2 + Rr] H
= \(\frac{1}{3} \times \frac{22}{7}\) [(2)2 + (1)2 + 2 × 1] 14
= \(\frac{1}{3} \times \frac{22}{7}\) [4 + 1 + 2] 14
= \(\frac{1}{3} \times \frac{22}{7}\) 7 × 14
= \(\frac{22 \times 14}{3}\)
गिलास का आयतन = 102.67 cm3

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4

प्रश्न 2.
एक शंकु के छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई 4 cm है तथा इसके वृत्तीय सिरों के परिमाप ( परिधियां) 18 cm और 6 cm हैं। इस छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई = 4 cm

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 2

मान लीजिए ऊपरी सिरे और निचले सिरे की त्रिज्या R और r है।
ऊपरी सिरे की परिधि = 18 cm
2πR = 18
R = \(\frac{18}{2 \pi}=\frac{9}{\pi}\) cm
निचले सिरे की परिधि = 6 cm
2πr = 6 cm
r = \(\frac{6}{2 \pi}=\frac{3}{\pi}\) cm
छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = π [R + r]
= π \(\left[\frac{9}{\pi}+\frac{3}{\pi}\right]\) 4
= π \(\left[\frac{9+3}{\pi}\right]\)
= 12 × 4
= 48 cm2
छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 48 cm2.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4

प्रश्न 3.
एक तुर्की टोपी शंकु के एक छिन्नक के आकार की है ( देखिए आकृति)। यदि इसके खुले सिरे की त्रिज्या 10 cm है, ऊपरी सिरे की त्रिज्या 4 cm है और टोपी की तिर्यक ऊँचाई 15 cm है, तो इसके बनाने में प्रयुक्त पदार्थ का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 3

हल :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 4

छिन्नक के निचले सिरे की त्रिज्या (R) = 10 cm
छिन्नक के ऊपरी सिरे की त्रिज्या (r) = 4 cm
छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई (l) = 15 cm

छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πl [R + r]
= \(\frac{22}{7}\) × 15 [10 + 4]
= \(\frac{22}{7}\) × 15 × 14
= 22 × 15 × 2
= 660 cm2.
बंद सिरे का क्षेत्रफल = r = Fx (4)2.
प्रयुक्त पदार्थ का कुल क्षेत्रफल = छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + बंद सिरे का क्षेत्रफल
= 660 + 50.28
= 710.28 cm2.
अतः प्रयुक्त पदार्थ का कुल क्षेत्रफल = 710.28 cm2.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4

प्रश्न 4.
धातु की चादर से बना और ऊपर से खुला एक बर्तन शंकु के एक छिन्नक के आकार का है, जिसकी ऊँचाई 16 cm है तथा निचले और ऊपरी सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः 8 cm और 20 cm हैं। ₹ 20 प्रति लीटर की दर से, इस बर्तन को पूरा भर सकने वाले दूध का मूल्य ज्ञात कीजिए। साथ ही, इस बर्तन को बनाने के लिए प्रयुक्त धातु की चादर का मूल्य ₹ 8 प्रति 100 cm- की दर से ज्ञात कीजिए। (= 3.14 लीजिए।)
हल :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 5

बर्तन के ऊपरी सिरे की त्रिज्या (R) = 20 cm
बर्तन के निचले सिरे की त्रिज्या (7) = 8 cm
बर्तन की ऊँचाई (H) = 16 cm
तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{\mathrm{H}^{2}+(\mathrm{R}-r)^{2}}\)
= \(\sqrt{(16)^{2}+(20-8)^{2}}\)
= \(\sqrt{256+144}\)
तिर्यक ऊँचाई (l) = \(\sqrt{400}=\sqrt{20 \times 20}\) = 20 cm

बर्तन की धारिता = \(\frac{1}{3}\) πH [R2 + r2 + Rr]
= \(\frac{1}{3}\) × 3.14 × 16 [(20)2 + (8)2 + 20 × 8]
= \(\frac{3.14 \times 16}{3}\) [400 + 64 + 160]
= 3.14 × 16 × 624
= 10449.92 cm3
∴ बर्तन में दूध का आयतन = 10449.92 cm3
= \(\frac{10449.92}{1000}\) लिटर
∴ बर्तन में दूध का आयतन = 10.45 लिटर
1 लिटर का मूल्य = ₹ 20
∴ 10.45 लिटर का मूल्य = ₹ 20 × 10.45
दूध का मूल्य = ₹ 209
छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πL [R + r]
= 3.14 × 20 [20 + 8)
= 3.14 × 20 × 28 cm2
= 1758.4 cm2
बर्तन के आधार का क्षेत्रफल = πr2
= 3.14 × (8)2
= 3.14 × 64
= 200.96 cm2
बर्तन बनाने के लिए प्रयुक्त धातु = छिन्नक का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल + आधार का क्षेत्रफल
= (1758.4 + 200.96) cm2
= 1959.36 cm2
100 cm2 धातु की चादर का मूल्य = ₹ 8
1 cm2 धातु की चादर का मूल्य = ₹ \(\frac{8}{100}\)
1959.36 cm2 धातु की चादर का मूल्य = ₹ \(\frac{8}{100}\) × 1959.36
= ₹156.748 = ₹ 156.75
अतः धातु की चादर का कुल मूल्य = ₹ 156.75
और दूध का कुल मूल्य ₹ 209 है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4

प्रश्न 5.
20 cm ऊँचाई और शीर्ष कोण (vertical angle) 60° वाले एक शंकु की ऊँचाई के बीचो-बीच से होकर जाते हुए एक तल से दो भागों में काटा गया है, जबकि तल शंकु के आधार के समांतर है। यदि इस प्राप्त शंकु के छिन्नक को व्यास \(\frac{1}{16}\) cm वाले एक तार के रूप में बदल दिया जाता है तो तार की लंबाई ज्ञात कीजिए।
हल :
शंकु का शीर्ष कोण = 60°
शंक का शीर्षलम्ब शीर्ष कोण को द्विभाजित करता है।
∠EOF = 30°

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 6

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 7

छिन्नक का आयतन = \(\frac{22}{7} \times 10 \times \frac{700}{9}\) cm3
= \(\frac{22}{7} \times \frac{7000}{9}\) cm3
छिन्नक की तार बनाई गई है जो कि बेलन के आकार की है जिसका व्यास \(\frac{1}{16}\) cm है।
∴ बेलनाकार तार की त्रिज्या (r1) = \(\frac{1}{2} \times \frac{1}{16} \mathrm{~cm}=\frac{1}{32} \mathrm{~cm}\)
मान लीजिए इस प्रकार बने बेलन की ऊँचाई = H cm
रूप बदलने पर भी आयतन समान ही रहता है।
छिन्नक का आयतन = बेलनाकार तार का आयतन

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन Ex 13.4 8

H = 7964.44 m
अतः, बेलनाकार तार की लंबाई (H) = 7964.44 m

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

प्रश्न सं. 1, 2, 3 में सही विकल्प चुनिए एवं उचित कारण दीजिए।

प्रश्न 1.
एक बिंदुए से एक वृत्त पर स्पर्श रेखा की लंबाई 24 cm तथा Q की केंद्र से दूरी 25 cm है। वृत्त की त्रिज्या है:
(A) 7 cm
(B) 12 cm
(C) 15 cm
(D) 24.5 cm
हल :
एक वृत्त जिसका केंद्र 0 है।
बाह्य बिंदु Q से स्पर्श रेखा PQ की लंबाई 24 cm तथा Q की केंद्र 0 से दूरी 25 cm है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 1

∴ ∠QPO = 90°
अब, समकोण ∆OPQ में,
OQ2 = PQ2 + OP2
(25)2 = (24)2 + OP2
या 625 = 576 + OP2
या OP2 = 625 – 576
या OP2 = 49 = (7)2
या OP = 7 cm
∴ विकल्प (A) सही है।

प्रश्न 2.
आकृति में, यदि TP, TQ केंद्र 0 वाले किसी वृत्त पर दो स्पर्श रेखाएँ इस प्रकार हैं कि ∠POQ = 110°, तो ∠PTQ बराबर है :
(A) 60°
(B) 70°
(C) 80°
(D) 90°.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 2

हल :
आकृति में OP त्रिज्या है और PT वृत्त पर स्पर्श रेखा है।
∠OPT = 90°
इसी तरह ∠OQT = 90° और ∠POQ = 110° (दिया है)
अब POQT एक चतुर्भुज है,
∴ ∠POQ + ∠OQT + ∠QTP + ∠TPO = 360°
110° + 90° + ∠QTP + 90° = 360°
∠QTP + 290° = 360°
या ∠QTP = 360° – 290°
या ∠QTP = 70°
∴ विकल्प (B) सही है।

प्रश्न 3.
यदि एक बिंदु P से 0 केंद्र वाले किसी वृत्त पर PA, PB स्पर्श रेखाएँ परस्पर 80° के कोण पर झुकी हों, तो ZPOA बराबर है :
(A) 50°
(B) 60°
(C)70°
(D)80°
हल :
दी गई आकृति में OA त्रिज्या है और AP वृत्त पर स्पर्श रेखा है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 3

∴ ∠OAP = 90°
इसी प्रकार, ∠OBP = 90°
अब समकोण ∆PAO और ∆PBO में,
∠PAO = ∠PBO = 90°
OP = OP (उभयनिष्ठ भुजा)
OA = OB (एक ही वृत्त की त्रिज्याएँ)
∴ ∠PAO = ∆PBO [RHS सर्वांगसमता]
∴ ∠AOP = ∠BOP
∠AOP = ∠BOP = \(\frac{1}{2}\) ∠AOB ……………(1)
साथ ही, चतुर्भुज OAPB में,
∠OBP + ∠BPA + ∠PAO + ∠AOB = 360°
90° + 80° + 90° + ∠AOB = 360°
∠AOB = 360° – 260°
∠AOB = 100° …………..(2)
(1) और (2) से, हमें प्राप्त होता है
∠AOP = ∠BOP
= \(\frac{1}{2}\) × 100° = 50°
∴ विकल्प (A) सही है।

प्रश्न 4.
सिद्ध कीजिए किसी वृत्त के किसी व्यास के सिरों पर खींची गई स्पर्श रेखाएँ समांतर होती हैं।
हल :
दिया है : एक वृत्त जिसका केंद्र 0 तथा व्यास AB है।
l और m बिंदु A और B पर स्पर्श रेखाएँ हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 4

सिद्ध करना है : l || m
उपपत्ति ∴ OA त्रिज्या है और । वृत्त पर स्पर्श रेखा है।
∴ ∠1 = 90°
इसी प्रकार, ∠2 = 90°
अब, ∠1 = ∠2 = 90°
परंतु यह दो रेखाओं के एकांतर कोण हैं, जब एक तिर्यक रेखा उन्हें काटती है।
∴ l || m
अतः, किसी व्यास के सिरों पर खींची गई स्पर्श रेखाएँ परस्पर समांतर होती हैं।

प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि स्पर्श बिंदु से स्पर्श रेखा पर खींचा गया लंब वृत्त के केंद्र से होकर जाता है।
हल :
दिया है : एक वृत्त जिसका केंद्र O है।
AB इसकी स्पर्श रेखा है जो वृत्त को P पर मिलती है।
अर्थात् बिंदु P वृत्त का स्पर्श बिंदु है

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 5

सिद्ध करना है : स्पर्श बिंदु से स्पर्श रेखा पर खींचा गया लंब वृत्त के केंद्र से होकर जाता है।
रचना : OP को मिलाइए।
उपपत्ति: क्योंकि OP वृत्त की त्रिज्या है और AB वृत्त पर स्पर्श रेखा है जिसमें बिंदु P स्पर्श बिंदु है।
∴ ∠OPA = ∠OPB = 90°
[∵ वृत्त के किसी बिंदु पर स्पर्श रेखा स्पर्श बिंदु से जाने वाली त्रिज्या पर लंब होती है।
या OP ⊥ AB
क्योंकि किसी वृत्त की त्रिज्या सदैव वृत्त के केंद्र से गुजरती है।
अतः, स्पर्श बिंदु से स्पर्श रेखा पर खींचा गया लंब वृत्त के केंद्र से होकर जाता है।

प्रश्न 6.
एक बिंदु A से, जो एक वृत्त के केंद्र से 5 cm दूरी पर है, वृत्त पर स्पर्श रेखा की लंबाई 4 cm है। वृत्त की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल :
एक वृत्त जिसका केंद्र ‘0’ है।
वृत्त के बाहर इसके केंद्र से 5 cm की दूरी पर कोई बिंदु A है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 6

स्पर्श रेखा की लंबाई = PA = 4 cm
क्योंकि OP त्रिज्या है और PA वृत्त पर स्पर्श रेखा है।
∴ ∠OPA = 90°
अब, समकोण ∆OPA में, पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करने पर
OA2 = OP2 + PA2
(5)2 = OP2 + (4)2
या OP2 = 25 – 16
या OP2 = 9 = (3)2
या OP = 3 cm.
अतः, वृत्त की त्रिज्या 3 cm है।

प्रश्न 7.
दो संकेंद्रीय वृत्तों की त्रिज्याएँ 5 cm तथा 3 cm हैं। बड़े वृत्त की उस जीवा की लंबाई ज्ञात कीजिए जो छोटे वृत्त को स्पर्श करती है।
हल :
दो संकेंद्रीय वृत्त जिनका एक ही केंद्र 0 तथा त्रिज्याएँ क्रमश: 5 cm और 3 cm हैं।
मान लीजिए PQ बड़े वृत्त की जीवा है परंतु छोटे वृत्त की स्पर्श रेखा है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 7

क्योंकि, OM छोटे वृत्त की त्रिज्या है और PMQ स्पर्श रेखा है।
∴ ∠OMP = ∠OMQ = 90°
समकोण त्रिभुजें OMP और OMQ लीजिए।
∠OMP = ∠OMQ = 90°
OP = OQ (एक ही वृत्त की त्रिज्याएँ]
OM = OM [उभयनिष्ठ भुजा]
∴ ∆OMP = OMQ [RHS सर्वांगसमता]
∴ PM = MQ [CPCT]
या PQ = 2 PM = 2 MQ
अब समकोण, ∆ OMQ में, पाइथागोरस प्रमेय से,
OQ2 = OM2 + MO2
(5)2 = (3)2 + (MQ)2
या MQ2 = 25 – 9
या MQ2 = 16 = (4)2
या MQ = 4 cm
∴ जीवा PQ की लंबाई = 2 MQ
= 2 (4) cm
= 8 cm
अतः, अभीष्ट जीवा की लंबाई 8 cm है।

प्रश्न 8.
एक वृत्त के परिगत एक चतुर्भुज ABCD खींचा गया है (देखिए आकृति)
सिद्ध कीजिए : AB + CD = AD + BC.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 8

हल:
दिया है : वृत्त के परिगत एक चतुर्भुज ABCD खींचा गया है।
सिद्ध करना है : AB + CD = AD + BC
उपपत्ति : क्योंकि किसी बाह्य बिंदु से वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाई बराबर होती है।
अब, B वृत्त के बाहर स्थित कोई बिंदु है और BP; BQ वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ हैं।
∴ BP = BQ …………(1)
इसी प्रकार,
AP = AS …………….(2)
और CR = CQ …………..(3)
साथ ही, DR = DS …………..(4)
(1), (2), (3) और (4) को जोड़ने पर, हमें प्राप्त होता
(BP + AP) + (CR + DR) = (BQ + CQ) + (AR + DR)
AB + CD = BC + AD
अभीष्ट परिणाम है।

प्रश्न 9.
आकृति में , XY तथा X’Y’ केंद्र 0 वाले किसी AB वृत्त पर दो समांतर स्पर्श रेखाएं हैं और स्पर्श बिंदु C पर स्पर्श रेखा AB, XY को A तथा X’Y’ को B पर प्रतिच्छेद करती है। सिद्ध कीजिए कि ∠AOB = 90° है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 9

हल :
दिया है : XY तथा X’Y’ केंद्र 0 वाले वृत्त पर दो समांतर स्पर्श रेखाएँ हैं और स्पर्श बिंदु C पर एक अन्य स्पर्श रेखा AB, XY को A तथा X’Y’ को B पर प्रतिच्छेद करती है।
सिद्ध करना है : ∠AOB = 90°
रचना : OC, OA और OB को मिलाइए
उपपत्ति : क्योंकि बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई दोनों स्पर्श रेखाओं की लंबाइयाँ समान होती हैं।
अब, A वृत्त के बाहर कोई बिंदु है जिसमें से दो स्पर्श रेखाएँ PA और AC वृत्त पर खींची गई हैं।
∴ PA = AC
साथ ही, ∆ POA और ∆ AOC में,
PA = AC (प्रमाणित)
OA = OA (उभयनिष्ठ भुजा)
OP = OC (एक ही वृत्त की त्रिज्याएँ)
∴ ∆POA = ∆AOC [SSS सर्वांगसमता]
और ∠PAO = ∠CAO [CPCT]
या ∠PAC = 2 ∠PAO = 2 ∠CAO ……….(1)
इसी प्रकार
∠QBC = 2 ∠OBC = 2 ∠OBQ ………….(2)
अब, ∠PAC + ∠QBC = 180°
[∵ किसी तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अंत: कोणों का योगफल 180° होता है।
या 2 ∠CAO + 2 ∠OBC = 180°
[(1) और (2) का प्रयोग करने पर]
या ∠CAO + ∠OBC = \(\frac{180^{\circ}}{2}\) = 90° ………….(3)
अब, ∆OAB में,
∠CAO + ∠OBC + ∠AOB = 180°
90° + ∠AOB = 180°
[(3) का प्रयोग करने पर]
या ∠AOB = 180° – 90° = 90°
अतः, ∠AOB = 90°

प्रश्न 10.
सिद्ध कीजिए कि किसी बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं के बीच का कोण स्पर्श बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण का संपूरक होता है।
हल :
दिया है : एक वृत्त जिसका केंद्र 0 है। P वृत्त के बाहर स्थित किसी बिंदु P से PQ और PR दिए गए वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 10

सिद्ध करना है : ∠ROQ + ∠QPR = 180°
उपपत्ति : 0Q त्रिज्या है और PQ बिंदु P से दिए गए वृत्त पर स्पर्श रेखा है।
∠OQP = 90° ………….(1)
[:: वृत्त के किसी बिंदु पर स्पर्श रेखा स्पर्श बिंदु से जाने वाली त्रिज्या पर लंब होती है।]
इसी प्रकार ∠ORP = 90° ……………(2)
अब, चतुर्भुज ROQP में,
∠ROQ + ∠PRO + ∠OQP + ∠QPR = 360°
या ∠ROQ + 90° + 90° + ∠QPR = 360°
[(1) और (2) का प्रयोग करने पर]
या ∠ROQ + ∠QPR + 180° = 360°
या ∠ROQ + ∠QPR = 360° – 180°
या ∠ROQ + ∠QPR = 180°
अतः, किसी बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं के बीच का कोण स्पर्श बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण का संपूरक होता है।

प्रश्न 11.
सिद्ध कीजिए कि किसी वृत्त के परिगत समांतर चतुर्भुज समचतुर्भुज होता है।
हल :
दिया है : एक समांतर चतुर्भुज ABCD केंद्र 0 वाले वृत्त के परिगत है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 11

सिद्ध करना है : ABCD एक समचतुर्भुज है।
उपपत्ति : क्योंकि बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई दोनों स्पर्श रेखाओं की लंबाइयाँ समान होती हैं।
अब, वृत्त के बाहर स्थित किसी बिंदु B से BE और BF वृत्त पर दो स्पर्श रेखाएँ हैं।
BE = BF …………(1)
इसी प्रकार
AE = AH ………….(2)
और CG = CF ………..(3)
साथ ही, DG = DH ………….(4)
(1), (2), (3) और (4) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है
(BE + AE) + (CG + DG) = (BF + CF) + (AH + DH)
या AB + CD = BC + AD ……………(5)
अब, ABCD एक सामांतर चतुर्भुज है।
∴ AB = CD और BC = AD ………….(6)
(5) और (6) से हमें प्राप्त होता है।
AB + AB = BC + BC
या 2AB = 2BC
या AB = BC
अब, AB = BC = CD = AD
∴ ABCD समचतुर्भुज है।
अतः किसी वृत्त के परिगत समांतर चतुर्भुज समचतुर्भुज होता है।

प्रश्न 12.
4 cm त्रिज्या वाले एक वृत्त के परिगत एक त्रिभुज ABC इस प्रकार खींची गया है कि रेखाखण्ड BD और DC (जिनमें स्पर्श बिंदु D द्वारा BC विभाजित है) की लंबाइयाँ क्रमशः 8 cm और 6 cm हैं ( देखिए आकृति)। भुजाएं AB और AC ज्ञात कीजिए।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 12

हल :
4 cm त्रिज्या वाले एक वृत्त के परिगत एक त्रिभुज ABC खींचा गया है।
त्रिभुज की भुजाएं BC, CA, AB वृत्त को क्रमशः बिंदुओं D, E तथा F पर स्पर्श करती हैं।
क्योंकि किसी बाह्य बिंदु से वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाइयाँ बराबर होती हैं।
∴ AE = AF = x cm (माना)
CE = CD = 6 cm
और BF = BD = 8 cm
क्योंकि वृत्त की स्पर्श रेखा स्पर्श बिंदु से जाने वाली त्रिज्या पर लंब होती है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 13

∴ OD ⊥ BC ; OE ⊥ AC और OF ⊥ AB.
साथ ही, OE = OD = OF = 4 cm.

उपपत्ति: क्योंकि बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई दो स्पर्श रेखाएं केंद्र पर समान कोण अंतरित करती हैं।
∴ ∠2 = ∠3; ∠4 = ∠5 ; ∠6 = ∠7; ∠8 = ∠1 ………….(1)
क्योंकि एक बिंदु पर सभी कोणों का जोड़ 360° होता है। .
∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4 + ∠5 + ∠6 + ∠7 + ∠8 = 360°
या ∠1 + ∠2 + ∠2 + ∠5 + ∠5 + ∠6 + ∠6 + ∠1 = 360°
या 2 (∠1 + ∠2 + ∠5 + ∠6) = 360°
या (∠1 + ∠2) + (∠5 + ∠6) = \(\frac{360^{\circ}}{2}\) = 180°
∠POQ +∠SOR = 180°
इसी प्रकार, ∠SOP + ∠ROQ = 180°
अतः वृत्त के परिगत बनी चतुर्भुज की आमने-सामने की भुजाएं केंद्र पर संपूरक कोण अंतरित करती हैं।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ

Punjab State Board PSEB 12th Class Economics Book Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 12 Economics Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ

PSEB 12th Class Economics अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
अभावी मांग (Deficient Demand) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अभावी मांग (Deficient Demand) ऐसी स्थिति है, जोकि एक अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार के लिए, कुल मांग, कुल पूर्ति से कम होती है।

प्रश्न 2.
अस्फीति अन्तर (Deflationary Gap) से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
अभावी मांग की स्थिति कब उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन तथा पूर्ण रोज़गार की स्थिति के अन्तर को अस्फीति अन्तर कहा जाता है। इस को अभावी मांग भी कहते हैं।

प्रश्न 3.
एक अर्थव्यवस्था में अभावी मांग से क्या अभिप्राय है ? इसका रोज़गार तथा उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
अभावी मांग वह स्थिति है, जिसमें कुल मांग, पूर्ण रोजगार की स्थिति से कम होती है। इससे निवेश पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए रोज़गार कम हो जाता है। जब रोज़गार कम होगा तो देश में उत्पादन कम हो जाता है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ

प्रश्न 4.
अधिक मांग से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
एक अर्थव्यवस्था में अधिक मांग (Excess Demand) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जब कुल मांग, पूर्ण रोज़गार के स्तर से अधिक होती है तो इस स्थिति को अधिक मांग की स्थिति कहा जाता है।

प्रश्न 5.
स्फीतिक अन्तर (Inflationary Gap) का अर्थ बताओ।
उत्तर-
स्फीतिक अन्तर वह स्थिति है, जिसमें पूर्ण रोजगार के स्तर पर कुल मांग, कुल पूर्ति से अधिक होती है (AD > AS)। इस स्थिति को स्फीतिक अन्तर कहा जाता है, जोकि मुद्रा स्फीति (Inflation) को जन्म देती है।

प्रश्न 6.
स्फीतिक अन्तर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
स्फीतिक अन्तर वह स्थिति है, जिसमें पूर्ण रोज़गार प्राप्त करने के लिए अनिवार्य कुल मांग से कुल मांग (AD) अधिक होती है। इससे स्फीतिक अन्तर उत्पन्न होता है।

प्रश्न 7.
स्फीतिक अन्तर का उत्पादन और कीमतों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
इसके परिणामस्वरूप उत्पादन में वृद्धि नहीं होती बल्कि कीमतों में वृद्धि होती है।

प्रश्न 8.
‘से’ के बाज़ार नियम का सार दें।
उत्तर-
जे०बी०से० के अनुसार, “वस्तुओं की पूर्ति अपनी माँग स्वयं पैदा कर लेती हैं” प्रत्येक देश में पूर्ण रोज़गार एक साधारण स्थिति होती है।

प्रश्न 9.
अधिक मांग में ……
(क) AD = AS
(ख) AD > AS
(ग) AD < AS (घ) इनमें से कोई नहीं। उत्तर- (ख) AD > AS.

प्रश्न 10.
अभावी मांग में .
(क) AD = AS
(ख) AD > AS
(ग) AD < AS
(घ) उपरोकत सभी।
उत्तर-
(ग) AD < AS.

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ

प्रश्न 11.
‘पूर्ति अपनी मांग स्वयं पैदा कर लेती है’ नियम किसने दिया।
(क) एडम स्मिथ
(ख) रोबिन्ज
(ग) मार्शल
(घ) प्रो० जे० बी० ‘से’।
उत्तर-
(घ) प्रो० जे० बी० से।

प्रश्न 12.
पूर्ण रोज़गार की स्थिति में जब कुल मांग कुल पूर्ति से अधिक होती है तो इस स्थिति को कहते हैं ?
उत्तर-
अधिक मांग अथवा स्फीति अन्तर।

प्रश्न 13.
स्फीति अन्तर में उत्पादन, रोज़गार और कीमत ……… हो जाते हैं।
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) सामान्य
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) कम।

प्रश्न 14.
जब स्फीति अन्तराल की स्थिति होती है तो उसको …………… कहते हैं ।
(क) पूर्ण रोजगार
(ख) अपूर्ण रोजगार
(ग) छुपी बेरोज़गारी
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) अपूर्ण रोजगार।

प्रश्न 15.
कम मांग की स्थिति में अर्थव्यवस्था में कम उत्पादन, कम आय और कम रोज़गार की स्थिति होती है। इस स्थिति को ………………. कहते हैं।
(क) स्फीतिक
(ख) तेजी
(ग) अस्फीतिक
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(ग) अस्फीतिक।

प्रश्न 16.
कुल मांग से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कुल मांग = उपभोग व्यय + निजी निवेश + सरकारी व्यय + शुद्ध निर्यात।

प्रश्न 17.
कुल पूर्ति से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कुल पूर्ति = उपभोग + बचत।

प्रश्न 18.
जब पूर्ण रोज़गार की स्थिति में कुल मांग कुल पूर्ति से अधिक होती है तो इस को स्फिति अन्तर कहा जाता है ।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 19.
अधिक माँग की स्थिति को अस्फीति अन्तर भी कहा जाता है।
उत्तर-
ग़लत।

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अभावी मांग (Deficient Demand) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अभावी मांग (Deficient Demand) ऐसी स्थिति है, जोकि एक अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार के लिए, कुल मांग, कुल पूर्ति से कम होती है अर्थात् यदि कुल मांग पूर्ण रोज़गार के स्तर से कम होती है तो ऐसी स्थिति को अभावी मांग कहा जाता है।

प्रश्न 2.
अस्फीति अन्तर (Deflationary Gap) से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
अभावी मांग की स्थिति कब उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन AS = AD द्वारा E बिन्दु पर स्थापित होता है, जोकि पूर्ण रोज़गार F की स्थिति से पहले की स्थिति है। इस स्थिति में FG, अस्फीति अन्तर कहा जाता है। जिसके परिणामस्वरूप आय तथा रोज़गार कम हो जाता है। अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन E की स्थिति को अभावी मांग की स्थिति कहा जाता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ 1

III. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अधिक मांग (Excess Demand) को रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट करो।
अथवा
स्फीति अन्तर से क्या अभिप्राय है ? रेखाचित्र की सहायता से स्फीति अन्तर की धारणा को स्पष्ट करो।
उत्तर-
स्फीति अन्तर (Inflationary Gap) वह स्थिति होती है, जोकि एक अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार स्थापित करने के लिए अनिवार्य कुल मांग से अधिक मांग (Excess Demand) को प्रकट करती है।
रेखाचित्र 2 में कुल मांग तथा कुल पूर्ति द्वारा सन्तुलन F बिन्दु पर स्थापित होता है। इससे ON रोज़गार का स्तर है, जिसको पूर्ण रोज़गार की स्थिति कहा जाता है। यदि कुल मांग AD से बढ़कर AD1 हो जाती है तो कुल मांग में वृद्धि FG हो जाती है, इसको स्फीति अन्तर कहा जाता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ 2

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ

प्रश्न 2.
विस्फीति अन्तर (Deflationary Gap) से क्या अभिप्राय है ? रेखाचित्र की सहायता से विस्फीति अन्तर को स्पष्ट करो।
उत्तर-
जब उत्पादन के निश्चित स्तर पर कुल मांग पूर्ण रोज़गार के स्तर से कम होती है तो इस स्थिति को अभावी मांग कहा जाता है, जिस कारण अस्फीति अन्तर जन्म लेता है। इसके परिणामस्वरूप देश में उत्पादन तथा रोज़गार कम हो जाता है तथा अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। रेखाचित्र 3 में पूर्ण रोज़गार का स्तर F बिन्दु है, जहां उत्पादन अथवा रोजगार ON है। इस स्थिति में कुल मांग का है, जोकि AD1 पर G बिन्दु पर दिखाई गई है। इस स्थिति में FG को विस्फीति अन्तर कहा जाता
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ 3

प्रश्न 3.
अभावी मांग से क्या अभिप्राय है ? रेखाचित्र की सहायता से अभावी मांग की स्थिति को स्पष्ट करो।
उत्तर-
अभावी मांग की स्थिति उस स्थिति में होती है, जब पूर्ण रोज़गार के स्तर पर कुल मांग की कमी पाई जाती है। इस स्थिति को अभावी मांग (Deficit Demand) की स्थिति कहा जाता है। रेखाचित्र 4 में AS = AD द्वारा F बिन्दु पर सन्तुलन स्थापित होता है। इसको पूर्ण रोजगार की स्थिति कहा जाता है। पूर्ण रोजगार की स्थिति में उत्पादन ON है अथवा FN है। परन्तु कुल मांग GN है। इसलिए FN – GN = FG को अभावी मांग कहा जाता है। इसको विस्फीति अन्तर भी कहते हैं।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ 4

प्रश्न 4.
कम मांग के प्रभावों की व्याख्या करें।
उत्तर-
कम शंग (Eyeficient Remand) से अभिप्राय ऐसी अवस्था से होता है जिसमें पूर्ण रोज़गार के स्तर पर कुल पूर्ति से कम होती है। इस स्थिति को अस्फीति अन्तर भी (Deflationary Gap) भी कहते हैं। कम मांग के प्रशाद –

  • देश में कीमतें तेजी से घटने लगती हैं।
  • आय तथा धन का अभाव हो जाता है।
  • कर अधिक होने के कारण लोगों की व्यय योग्य आय कम हो जाती है।
  • देश में साधनों का अल्प उपयोग होने लगता है।
  • देश में उत्पादकों के लाभ कम होने लगते हैं।
  • उत्पादन में कमी होने लगती है।
  • देश में बेरोज़गारी फैल जाती है।

प्रश्न 5.
अधिक मांग के प्रभात्रों की व्याख्या करें।
उत्तर-
अधिक मांग (Excess Demand) से अभिप्राय उस स्थिति से है जिसमें पूर्ण रोजगार के स्तर पर कुल मांग कुल पूर्ति से अधिक होती है इस स्थिति को स्फीति अन्तर (Inflationary Gap) कहा जाता है।

अधिक मांग के प्रभाव-

  • देश में कीमतें तेजी से बढ़ने लगती हैं।
  • आय तथा धन का असमान वितरण हो जाता है।
  • उधार देने वाले लोगों को हानि होती है।
  • नौकरी पेशा लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।
  • लोगों का विश्वास सरकार में कम हो जाता है।
  • देश में अनैतिकता की स्थिति फैल जाती है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अधिक मांग तथा अभावी मांग से क्या अभिप्राय है ? रेखाचित्र द्वारा (a) अधिक मांग (b) अभावी मांग को स्पष्ट करो।।
[What is excess and deficient demand? Explain with the help of diagrams the situation of
(a) Excess demand
(b) Deficient Demand.]
अथवा
रेखाचित्र की सहायता से एक अर्थव्यवस्था में (a) अपूर्ण रोजगार सन्तुलन तथा (b) अधिक मांग सन्तुलन को स्पष्ट करो।
[Explain with the help of Diagrams the situation of (a) Under Employment Equilibrium and (b) Excess Demand in an Economy.]
अथवा
अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन की स्थिति को स्पष्ट करो। रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट करो कि अधिक निवेश से पूर्ण रोज़गार सन्तुलन स्थापित किया जा सकता है।
(Explain the concept of Under Employment Equilibrium with the help of a diagram. Show on the same diagram the additional investment expenditure required to reach Full Employment Equilibrium.)
अथवा
स्फीति अन्तर तथा विस्फीति अन्तर को रेखाचित्रों की सहायता से स्पष्ट करो। (Explain Inflation Gap and Deflationary Gap with the help of diagrams.)
उत्तर-
1. अधिक मांग का अर्थ (Meaning of Excess Demand)-अधिक मांग वह स्थिति होती है, जब एक अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार के स्तर से कुल मांग अधिक होती है। (Excess demand is a situation in which the aggregate demand is for a level of output is more their the full employment.) पूर्ण रोज़गार से सम्बन्धित कुल पूर्ति से जब कुल मांग अधिक होती है तो इसको अधिक मांग कहा जाता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ 5
अधिक मांग (Excess Demand)-रेखाचित्र 5 में कुल पूर्ति (AS) तथा कुल मांग (AD) एक-दूसरे को F बिन्दु पर काटते हैं। इसको पूर्ण रोज़गार का बिन्दु कहा जाता है। यदि कुल मांग AD, हो जाती है तो नया सन्तुलन E बिन्दु पर स्थापित होता है। इस स्थिति में EF को अधिक मांग कहा जाता है।

स्फीति अन्तर (Inflationary Gap)-स्फीति अन्तराल, अधिक मांग का माप होता है। रेखाचित्र में EF को स्फीति अन्तर कहते हैं। पूर्ण रोज़गार स्थापित करने के लिए जितनी कुल मांग की आवश्यकता होती है तथा उस मांग से कुल मांग अधिक हो जाती है तो उस भाग को स्फीति अन्तर कहा जाता है।

इस स्थिति में

  • उत्पादन का स्तर समान रहता है।
  • कुल मांग अधिक होने के कारण वस्तुओं तथा सेवाओं की कीमत बढ़ने लगती है।
  • इससे मुद्रा स्फीति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

2. अभावी मांग का अर्थ (Meaning of Deficient Demand)-अभावी मांग वह स्थिति है जोकि पूर्ण रोज़गार की स्थिति में कुल मांग, कुल पूर्ति से कम होती है-
अथवा
कुल मांग, पूर्ण रोज़गार के उत्पादन स्तर से कम होती (Deficient Demand is a situation to which the aggregate demand is for a level of output, Less than the full employment level.) रेखाचित्र 6 में OX पर आय तथा रोजगार तथा OY पर कुल मांग तथा कुल पूर्ति को दिखाया गया है। पूर्ण रोज़गार की स्थिति F बिन्दु पर दिखाई गई है, जहां AS = AD है तथा OQ उत्पादन किया जाता है। यदि वास्तव में मांग AD, है तो सन्तुलन E बिन्दु पर स्थापित होता है। पूर्ण रोज़गार के स्तर पर कुल मांग QG है, जोकि पूर्ण रोजगार की मांग QF से कम है। इसलिए QF – QG = FG को अभावी मांग कहा जाता है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ

इसके परिणामस्वरूप

  • साधनों का कम प्रयोग किया जाता है।
  • उत्पादकों के स्टॉक में वृद्धि हो जाती है।
  • स्टॉक बढ़ने से नियोजित उत्पादन कम हो जाता है।
  • नियोजित उत्पादन घटने से आय तथा रोज़गार कम हो जाता है।

विस्फीतिक अन्तराल (Deflationary Gap)- किसी देश में पूर्ण रोजगार स्थापित करने के लिए जितनी कुल मांग की आवश्यकता होती है, यदि कुल मांग उस मांग से कम है तो इनके अन्तर को विस्फीतिक अन्तराल कहा जाता है। रेखाचित्र में अभावी मांग के माप को विस्फीतिक अन्तराल कहा जाता है, जिसको EG अभावी मांग = विस्फीतिक अन्तराल द्वारा दिखाया गया है।

अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन (Under Employment Equilibrium)-जब कुल मांग (AD) तथा कुल पूर्ति (AS) समान है तो सन्तुलन F बिन्दु पर स्थापित होता है, इसको पूर्ण रोजगार का बिन्दु कहा जाता है। यदि कुल मांग कम है, जिसको AD1, द्वारा दिखाया है, यह अभावी मांग को प्रकट करता है। इसके परिणामस्वरूप सन्तुलन F बिन्दु से E बिन्दु पर परिवर्तित हो जाएगा। इसी तरह अभावी मांग पूर्ण रोजगार की स्थिति से अपूर्ण रोजगार की स्थिति की ओर ले जाएगा। जब सन्तुलन E बिन्दु पर रेखाचित्र 6 स्थापित होता है तो AS = AD1, है। OU मजदूरों को रोजगार प्राप्त होता है, इसको अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन कहा जाता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 12 अधिक तथा अभावी माँग की समस्याएँ 6

अधिक मांग तथा अभावी मांग में अन्तर (Difference between Excess Demand and Deficient Demand) –

  1. कुल मांग-अभावी मांग की स्थिति में कुल मांग पूर्ण रोज़गार की स्थिति के लिए कुल मांग से कम होती है, जबकि अधिक मांग की स्थिति में कुल मांग पूर्ण रोजगार की स्थिति से अधिक होती है।
  2. स्फीतिक तथा विस्फीतिक अन्तराल अधिक मांग के कारण स्फीतिक अन्तराल तथा अभावी मांग के कारण विस्फीतिक अन्तराल उत्पन्न होता है।
  3. कीमतों में परिवर्तन-अधिक मांग की स्थिति में कीमतों में वृद्धि होती है, परन्तु अभावी मांग में कीमतों में कमी होती है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण

Punjab State Board PSEB 12th Class Economics Book Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 12 Economics Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण

PSEB 12th Class Economics आय तथा रोजगार का निर्धारण Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
दो क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
दो क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जिसमें पारिवारिक क्षेत्र (Household Sector) तथा फर्में (Firms) अथवा उत्पादन क्षेत्र होता है।

प्रश्न 2.
सन्तुलन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर–
सन्तुलन वह स्थिति होती है यहाँ पर कुल माँग तथा कुल पूर्ति बराबर होते हैं।

प्रश्न 3.
सन्तुलन आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
सन्तुलन आय वह स्थिति होती है यहां पर कुल माँग तथा कुल पूर्ति द्वारा आय अथवा उत्पादन का निश्चित स्तर स्थापित हो जाता है।

प्रश्न 4.
अनैच्छिक बेरोज़गारी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अनैच्छिक बेरोज़गारी एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें कुशल लोग जो वर्तमान मज़दूरी की दर पर काम करना चाहते हैं, काम प्राप्त नहीं कर पाते।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण

प्रश्न 5.
पूर्ण रोज़गार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
पूर्ण रोज़गार वह स्थिति है जिसमें कुशल लोग जो वर्तमान मज़दूरी की दर पर काम करना चाहते हैं, रोज़गार पर लगे होते हैं।

प्रश्न 6.
अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अपूर्ण रोजगार सन्तुलन, सन्तुलन की वह स्थिति है यहाँ कुछ साधन बेरोज़गार होते हैं।

प्रश्न 7.
इच्छित बेरोज़गारी का अर्थ बताओ।
उत्तर-
इच्छित बेरोज़गारी वह स्थिति है यहां पर मज़दूर वर्तमान मज़दूरी पर काम प्राप्त होने पर भी काम नहीं करना चाहते।

प्रश्न 8.
अपूर्ण रोज़गार की स्थिति में AB और AS सन्तुलन में कैसे होते हैं ? रेखाचित्र द्वारा दिखाएं ।
उत्तर-
अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन की स्थिति रेखाचित्र 1.
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 1

प्रश्न 9.
आय के सन्तुलन स्तर पर क्या हमेशा पूर्ण रोज़गार की स्थिति होती है ?
उत्तर-
आय के सन्तुलन स्तर पर हमेशा पूर्ण रोज़गार की स्थिति होनी ज़रूरी नहीं। अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन भी हो सकता है।

प्रश्न 10.
परम्परावादी अर्थशास्त्रियों के अनुसार एक पूँजीवाद अर्थव्यवस्था में सदैव ……… की स्थिति होती है।
(a) पूर्ण रोज़गार
(b) पूर्ण बेरोज़गार
(c) छुपी बेरोज़गारी
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) पूर्ण रोज़गार।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण

प्रश्न 11.
केन्ज के अनुसार एक पूँजीवाद अर्थव्यवस्था में सन्तुलन ………… की स्थिति में होता है।
(a) पूर्ण रोज़गार
(b) अपूर्ण रोज़गार
(c) पूर्ण रोजगार से अधिक
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 12.
पूर्ण रोज़गार की स्थिति में ………. प्रकार की बेरोज़गारी हो सकती है ?
(a) इच्छित बेरोज़गारी
(b) मौसमी बेरोज़गारी
(c) संरचनात्मक बेरोज़गारी
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 13.
जब मज़दूरों को वर्तमान मज़दूरी की दर पर काम तो प्राप्त होता है परन्तु वह काम करना नहीं चाहते तो इसको इच्छित बेरोज़गारी कहते हैं ?
उत्तर-
सही।

प्रश्न 14.
रोज़गार का स्तर उस बिन्दु पर निश्चित होता है जिस बिन्दु पर कुल माँग तथा कुल पूर्ति एक दूसरे के बराबर हो जाते हैं।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पूर्ण रोजगार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
पूर्ण रोज़गार उस स्थिति को कहते हैं जिसमें वह श्रमिक जो वर्तमान प्रचलित मज़दूरी दर पर कार्य करना चाहते हैं तथा उनको बिना देरी से कार्य प्राप्त हो जाता है। पूर्ण रोज़गार में अनइच्छित बेरोज़गारी का अभाव होता है।

प्रश्न 2.
पूर्ण रोज़गार सन्तुलन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
पूर्ण रोज़गार सन्तुलन-
पूर्ण रोज़गार सन्तुलन वह स्थिति है जहां कुल मांग (AD) = कुल पूर्ति (AS) होती है। इस स्थिति में साधनों का पूर्ण प्रयोग होता है। पूर्ण रोज़गार सन्तुलन एक स्थिर सन्तुलन होता है, जिसमें हम परिवर्तन नहीं चाहते। पूर्ण रोज़गार सन्तुलन से अधिक उत्पादन से स्फीति अन्तर उत्पन्न होता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 2

प्रश्न 3.
अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन से क्या अभिप्राय
उत्तर-
अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन वह स्थिति है जहां कुल मांग (AD) = कुल पूर्ति (AS) होती है। इस स्थिति में साधनों का पूर्ण प्रयोग नहीं होता। अपूर्ण रोजगार सन्तुलन एक अस्थिर सन्तुलन होता है, जिसमें हम परिवर्तन चाहते हैं। अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन से अधिक उत्पादन से स्फीति अन्तर उत्पन्न नहीं होता।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 3

प्रश्न 4.
‘से’ के बाजार नियम से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
‘से’ का बाजार नियम (Say’s Law of Markets)-जे० बी० से फ्रांस के अर्थशास्त्री थे। उनके अनुसार कुल पूर्ति तथा कुल मांग हमेशा समान होती है। इसको स्पष्ट करने के लिए उन्होंने कहा, “पूर्ति अपनी मांग स्वयं उत्पन्न कर लेती है।” (Supply creates its own demand) और देश में हमेशा पूर्ण रोज़गार की स्थिति रहती है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण

प्रश्न 5.
केन्ज़ के अनुसार आय तथा रोज़गार कैसे निर्धारण होते हैं ?
उत्तर-
राष्ट्रीय आय तथा रोजगार का निर्धारण (Determination of Income and Employment)- राष्ट्रीय आय का स्तर उस स्थान पर निर्धारित होता है जहां पर समग्र मांग तथा समग्र पूर्ति समान होते हैं उस बिन्दु को प्रभावी मांग (Effective demand) का बिन्दु कहा जाता है। यह बिन्दु सन्तुलन का प्रतीक होता है। इसको रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 4

III. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पूर्ण रोज़गार तथा अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन में अन्तर बताओ।
उत्तर-
पूर्ण रोज़गार तथा अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन में अन्तर –
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 5

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय आय के सन्तुलन की रेखाचित्र द्वारा व्याख्या करो।
उत्तर-
केन्ज़ के रोज़गार सिद्धान्त को आय तथा रोज़गार निर्धारण का आधुनिक सिद्धान्त कहा जाता है। उनके अनुसार किसी अर्थव्यवस्था में किसी समय राष्ट्रीय आय का सन्तुलन कुल माँग तथा कुल पूर्ति की समानता द्वारा निर्धारित होता है।
AD = C +I
AS = C + S
∴ S = I
∴ AD = AS
AD (C+I)
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 6
रेखाचित्र 5 में कुल माँग तथा कुल पूर्ति (AD = AS) बिन्दु E पर सन्तुलन में है। इससे OY राष्ट्रीय आय निर्धारण हो जाती है। यदि राष्ट्रीय आय कम है, जैसे कि OY1 तो आय होने की सम्भावना Y1 R1 अधिक है तथा लागत Y1C2 कम है। इसलिए उत्पादन में वृद्धि होगी तथा सन्तुलन E बिन्दु पर पहुंच जाएगा। यदि राष्ट्रीय आय OY2 है तो आय होने की सम्भावना Y2 R2 कम है तथा लागत Y2C2 अधिक है। इसलिए उत्पादन कम हो जाएगा तथा सन्तुलन E बिन्दु पर स्थापित होगा जहां AD = AS है। इसको अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन कहा जाता है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण

प्रश्न 3.
रेखाचित्र द्वारा बचत तथा निवेश दृष्टिकोण की सहायता से एक अर्थव्यवस्था में आय तथा उत्पादन के सन्तुलन को स्पष्ट करो। अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जब अर्थव्यवस्था में सन्तुलन नहीं होता तथा बचत निवेश से अधिक होती है ?
अथवा
आय में सन्तुलन बचत तथा निवेश वक्रों द्वारा स्पष्ट करो। यदि बचतें, नियोजित निवेश से बढ़ जाती हैं तो इनके सन्तुलन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
अथवा
एक अर्थव्यवस्था में नियोजित बचत नियोजित निवेश से अधिक होती है तो सन्तुलन कैसे स्थापित होता है ?
उत्तर-
रेखाचित्र 6 में बचत तथा निवेश के सन्तुलन को दिखाया | गया है। बचत तथा निवेश एक-दूसरे के समान E बिन्दु पर दिखाए | गए हैं। इससे OY राष्ट्रीय आय का स्तर निर्धारण हो जाता है। इसको सन्तुलन की स्थिति कहा जाता है।
सन्तुलन = बचत = नियोजित निवेश यदि बचत, नियोजित निवेश से अधिक है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 7
यदि बचत निवेश से बढ जाती है, जैसे कि रेखाचित्र में राष्ट्रीय आय OY1 पर बचत Y1S1 है तथा निवेश Y1I1 कम है। इस स्थिति में उत्पादकों की वस्तुओं का भण्डार बढ़ जाएगा, क्योंकि वस्तुओं का उपभोग अथवा माँग कम हो जाती है। इसलिए कीमतें कम हो जाती हैं। उत्पादकों के लाभ कम हो जाते हैं। इसलिए उत्पादक उत्पादन घटा देते हैं, परिणामस्वरूप रोज़गार कम हो जाता है तथा आय में कमी हो जाती है।इसलिए राष्ट्रीय आय OY1 से कम होकर OY रह जाएगी, जहां बचत तथा निवेश में सन्तुलन स्थापित हो जाएगा।

प्रश्न 4.
बचत तथा निवेश द्वारा आय का सन्तुलन कैसे स्थापित होता है ? आय के सन्तुलन । की स्थिति में क्या हमेशा पूर्ण रोज़गार की स्थिति होगी ?
अथवा
बचत तथा निवेश द्वारा आय का सन्तुलन कैसे स्थापित होता है ? स्पष्ट करो।
उत्तर-
जब नियोजित बचत तथा नियोजित निवेश एक-दूसरे के समान होते हैं तो सन्तुलन की स्थिति होती है, जैसे कि रेखाचित्र में बचत तथा निवेश का सन्तुलन E बिन्दु पर स्थापित होता है तो OY आय
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 8
निर्धारित हो जाती है। यदि आय OY1 अधिक होती है तो निवेश Y1I1 अधिक है तथा बचत Y1S1 कम है। इससे आय पर रोज़गार में वृद्धि होती है, जब तक सन्तुलन E बिन्दु पर स्थापित नहीं हो जाता। यदि आय OY2 है तो बचत Y2S2 अधिक है तथा निवेश Y2I2 कम है तो राष्ट्रीय आय कम है तो राष्ट्रीय आय कम हो जाती है तथा अन्त में सन्तुलन बचत तथा निवेश की समानता द्वारा E बिन्दु पर स्थापित होता है तथा राष्ट्रीय आय OY निश्चित हो जाएंगी। आय सन्तुलन तथा पूर्ण रोज़गार-आय सन्तुलन की स्थिति में पूर्ण रोज़गार की स्थिति भी हो सकती है, परन्तु यह अनिवार्य नहीं कि उस स्थिति में पूर्ण रोज़गार भी हो।

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
आय तथा रोज़गार के परम्परागत सिद्धान्तों को स्पष्ट करो। (Explain Classical Theory of Income and Employment determination.)
अथवा
कुल माँग तथा कुल पूर्ति की समानता से आय तथा रोजगार निर्धारण के परम्परागत दृष्टिकोण को स्पष्ट करो।
उत्तर-
परम्परागत आय तथा रोजगार निर्धारण के दो दृष्टिकोण हैं

  1. कुल माँग तथा कुल पूर्ति में सन्तुलन (Equilibrium with AD & AS)
  2. बचत तथा निवेश में सन्तुलन (Equilibrium with Saving & Investment)

1. कुल माँग तथा कुल पूर्ति में सन्तुलन (Equilibrium with AD & AS)-परम्परागत अर्थशास्त्रियों का विचार था कि एक मुक्त बाज़ार अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोजगार की स्थिति पाई जाती है। इसके मुख्य दो आधार होते हैं।

(a) ‘से’ का बाज़ार नियम (Say’s Law of Markets)-जे० बी० से फ्रांस के अर्थशास्त्री थे। उनके अनुसार कुल पूर्ति तथा कुल माँग हमेशा समान होती है। इसको स्पष्ट करने के लिए उन्होंने कहा, “पूर्ति अपनी माँग स्वयं उत्पन्न कर लेती है।” (Supply creates its own demand.) मान लो एक देश में वस्तु विनिमय प्रणाली है। विभिन्न मनुष्य विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। किसान गेहूँ उत्पन्न करता है। जुलाहा कपड़ा बनाता है। लकड़हारा लकड़ी की वस्तुओं का उत्पादन करता है। किसान गेहूँ देकर कपड़ा प्राप्त करता है। गेहूँ का मूल्य कपड़े के मूल्य के समान होगा। इस प्रकार देश में वस्तुओं का एक-दूसरे से विनिमय किया जाता है तथा कुल पूर्ति, कुल मांग के समान हो जाती है।

(b) मज़दूरी कीमत लोचशीलता (Wage Price Flexibility)-परम्परागत अर्थशास्त्रियों के अनुसार पूर्ण रोज़गार का दूसरा आधार मज़दूरी कीमत लोचशीलता होती है। मजदूरी की दर में परिवर्तन मज़दूर की माँग तथा पूर्ति में परिवर्तन उत्पन्न करती है। किसी समय मज़दूरी अधिक है तो मज़दूरों की पूर्ति अधिक हो जाएगी तथा माँग कम होगी।

इसलिए मज़दूरी कम हो जाएगी। यदि मजदूरी कम है तो मजदूरों की मांग अधिक होगी तथा पूर्ति कम होगी तो मज़दूरी बढ़ जाएगी। इस प्रकार मजदूरों की माँग तथा पर्ति द्वारा सन्तुलन स्थापित होता है। कुल पूर्ति, कुल माँग के समान होती है तथा पूर्ण रोजगार की स्थिति होती है। रेखाचित्र 8 में कुल पूर्ति AS पूर्ण अलोचशील होती है। ON रोज़गार की स्थिति को प्रकट करती है। सन्तुलन AS = AD द्वारा E बिन्दु पर स्थापित होता है। इसको पूर्ण रोजगार का बिन्दु कहा जाता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 9

2. बचत तथा निवेश में सन्तुलन (Equilibrium with Saving & Investment)- यदि लोगों की आय का कुछ भाग उपभोग पर व्यय किया जाता है तथा कुछ भाग बचत की जाती है तो इससे भी अर्थव्यवस्था में सन्तुलन रहता है, क्योंकि बचत तथा निवेश हमेशा समान रहते हैं तथा इनमें सन्तुलन ब्याज की दर से स्थापित हो जाता है। इसलिए प्रत्येक अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोज़गार की स्थिति ही स्थापित हो जाती है।
अर्थात्
∵ S = f (r) and
I = f (7)
∴ S = I
किसी देश में ब्याज की दर पर बचत निर्भर करती है तथा इनका परस्पर सीधा सम्बन्ध होता है। ब्याज की दर तथा निवेश का परस्पर में विपरीत सम्बन्ध होता है। बचत तथा निवेश द्वारा सन्तुलन E बिन्दु पर स्थापित हो जाता है। इस प्रकार परम्परागत अर्थशास्त्रियों के अनुसार बचत तथा निवेश में सन्तुलन ब्याज की दर से स्थापित होता है। परम्परागत रोज़गार सिद्धान्त अनुसार एक मुक्त अर्थव्यवस्था में पूर्ण रोज़गार एक साधारण स्थिति होती है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 10

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण

प्रश्न 2.
कुल माँग तथा कुल पूर्ति द्वारा आय तथा रोज़गार निर्धारण करने के केन्ज़ के सिद्धान्त की व्याख्या करो।
(Explain Keynes theory of determination of income and employment with the help of aggregate demand and aggregate supply.)
उत्तर-
केन्ज़ का विचार है कि कुल पूर्ति तथा कुल माँग में समानता में आवश्यक नहीं कि पूर्ण रोज़गार की स्थिति हो। कुल पूर्ति तथा कुल माँग के सन्तुलन में अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन की स्थिति में भी हो सकता है। अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन (Under Employment Equilibrium) की स्थिति में कुछ साधन बेरोज़गार होते हैं। केन्ज़ ने कुल पूर्ति तथा कुल मांग में समानता परम्परागत अर्थशास्त्रियों से विभिन्न ढंग से पेश की है।

1. कुल पूर्ति (Aggregate Supply)-कुल पूर्ति को केन्ज़ ने दो ढंगों से स्पष्ट किया-
(a) कीमत स्तर तथा कुल पूर्ति-कीमत स्तर के संदर्भ में पूर्ति रेखा OX के समान्तर होती है, क्योंकि मज़दूरों की संख्या में परिवर्तन से प्रति इकाई उत्पादन लागत स्थिर रहती है। इसलिए कीमत स्थिर रहती है तथा मज़दूरों की मज़दूरी में स्थिरता पाई जाती | है। इसको मज़दूरी कीमत कठोरता (Wage Price Rigdity) कहा | जाता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 11
(b) रोज़गार तथा कुल पूर्ति–रोज़गार तथा कुल पूर्ति के | संदर्भ में केन्ज़ के अनुसार कुल पूर्ति (AS) वक्र 0 से 45° के कोण पर बढ़ती है। यदि रोज़गार ON1 है तो उत्पादन अथवा आय OY1 है। रोज़गार N1N2 बढ़ जाता है तो आय 12 बढ़ जाती है। रोज़गार के पक्ष से केन्ज़ ने कुल पूर्ति (AS) को इस रेखाचित्र 7.11 अनुसार दिखाया है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 12

2. कुल माँग (Aggregate Demand)–केन्ज़ ने कुल माँग को इस प्रकार स्पष्ट किया AD = उपभोग व्यय (C) + निवेश व्यय (I)
1. उपभोग व्यय-उपभोग व्यय रेखा OC से आरम्भ होती है। अर्थात्
C = a + by
इसमें C = उपभोग, a = स्वतन्त्र उपभोग, by = सीमांत उपभोग प्रवृत्ति
यदि आय O है तो भी OC उपभोग किया जाता है इसको a द्वारा दिखाया गया है तथा आय बढ़ने से by = MPC अनुसार उपभोग बढ़ता है।

2. निवेश व्यय-यह निवेश व्यय स्वतन्त्र है जोकि II द्वारा दिखाया है तथा OX के समान्तर है। कुल मांग (AD) =उपभोग व्यय (C) + निवेश व्यय (I)
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 13

रोजगार तथा आय का निर्धारण (Determination of Income & Employment)-
(a) अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन (Under Employment Equilibrium)-केन्ज़ अनुसार आय तथा रोज़गार कुल पूर्ति तथा कुल माँग के सन्तुलन द्वारा निर्धारण होता है, जैसे कि रेखाचित्र 13 में AS = AD बिन्दु E पर सन्तुलन में है। इसलिए ON रोज़गार का स्तर स्थापित हो जाएगा, इसको अपूर्ण रोज़गार (Under Employment Equilibrium) कहा जाता है। यदि ON1 रोज़गार स्थापित होता है तो कुल माँग AD अधिक है तथा कुल पूर्ति AS कम है। आय होने की सम्भावना अधिक है। इसलिए रोज़गार में वृद्धि होगी तथा सन्तुलन E पर पहुंच AD जाएगा। यदि ON2 रोज़गार का स्तर है तो OC2 लागत अधिक है तथा OR2 आय कम है, इसलिए उत्पादन का स्तर कम हो जाएगा तथा रोजगार E बिन्दु पर पहुंच जाता है। इसको अपूर्ण रोजगार सन्तुलन कहा जाता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 14

(b) रोज़गार तथा कुल पूर्ति-रोजगार तथा कुल पूर्ति के संदर्भ में केन्ज़ के अनुसार कुल पूर्ति (AS) व 0 से 45° के कोण पर बढ़ती है। यदि रोज़गार ON1 है तो उत्पादन अथवा आय OY1 है। रोज़गार N1N2 बढ़ जाता है तो आय ½ ½ बढ़ जाती है। 1Y, रोज़गार के पक्ष से केन्ज़ ने कुल पूर्ति (AS) को इस रेखाचित्र 7.11 अनुसार दिखाया है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 16

2. कल माँग (Aggregate Demand) केन्ज ने कुल माँग को इस प्रकार स्पष्ट किया…..
AD = उपभोग व्यय (C) + निवेश व्यय (1) 1. उपभोग व्यय-उपभोग व्यय रेखा OC से आरम्भ होती है।
AD (C+ 1) अर्थात्
C = a + by
इसमें C = उपभोग, a = स्वतन्त्र उपभोग, by == सीमांत .. उपभोग प्रवृत्ति
यदि आय O है तो भी OC उपभोग किया जाता है इसको a द्वारा दिखाया गया है तथा आय बढ़ने से by = MPC अनुसार उपभोग बढ़ता है।

2. निवेश व्यय-यह निवेश व्यय स्वतन्त्र है जोकि II द्वारा दिखाया है तथा OX के समान्तर है। कुल मांग (AD) = उपभोग व्यय (C) + निवेश व्यय (I) रेखाचित्र 12 रोज़गार तथा आय का निर्धारण (Determination of Income & Employment)-

(a) अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन (Under Employment Equilibrium)-केन्ज़ अनुसार आय तथा रोजगार कुल पूर्ति तथा कुल माँग के सन्तुलन द्वारा निर्धारण होता है, जैसे कि रेखाचित्र 13 में AS = AD बिन्दु E पर सन्तुलन में है। इसलिए ON रोज़गार का स्तर स्थापित हो जाएगा, इसको अपूर्ण रोज़गार (Under Employment Equilibrium) कहा जाता है।

यदि AS ON1 रोज़गार स्थापित होता है तो कुल माँग AD अधिक है तथा कुल पूर्ति AS कम है। आय होने की सम्भावना अधिक है। इसलिए रोज़गार में वृद्धि होगी तथा सन्तुलन E पर पहुंच जाएगा। यदि ON2 रोज़गार का स्तर है तो OC2 लागत अधिक है तथा OR2 आय कम है, इसलिए उत्पादन का स्तर कम हो जाएगा तथा रोज़गार E बिन्दु पर पहुंच जाता है। इसको अपूर्ण रोज़गार सन्तुलन कहा जाता है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 17

(b) पूर्ण रोज़गार सन्तुलन (Full Employment Equilibrium)-केन्ज़ अनुसार कुल पूर्ति से कुल माँग अधिक प्रभावशाली होती है। यदि कुल माँग AD अधिक हो जाती है तथा उद्यमियों को अधिक आय होने की सम्भावना होती है तो पूर्ण रोजगार भी स्थापित हो सकता है, जैसे F बिन्दु द्वारा दिखाया गया है।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 18

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण

(c) अतिपूर्ण रोजगारसन्तुलन (Over Full Employment Equilibrium)- जब कुल माँग (AD) में अधिक वृद्धि हो जाती है तो सन्तुलन पूर्ण रोजगार से अधिक स्थिति में पहुंच जाता है। इस स्थिति को अति पूर्ण रोजगार सन्तुलन की स्थिति कहते हैं। इस प्रकार की स्थिति अमरीका में 1929-30 से पहले हो गई थी। रेखाचित्र 15 के अनुसार रोज़गार का सन्तुलन AS = AD द्वारा E बिन्दु पर दिखाया गया है। पूर्ण रोज़गार F बिन्दु द्वारा प्रकट किया गया है तथा सन्तुलन E बिन्दु पर है जिसे अति पूर्ण रोज़गार सन्तुलन कहा जाता है। इस को मुद्रा स्फीति की हालत भी कहते हैं।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 10 आय तथा रोजगार का निर्धारण 19

PSEB 8th Class Science Notes Chapter 10 ਕਿਸ਼ੋਰ ਅਵਸਥਾ ਵੱਲ

This PSEB 8th Class Science Notes Chapter 10 ਕਿਸ਼ੋਰ ਅਵਸਥਾ ਵੱਲ will help you in revision during exams.

PSEB 8th Class Science Notes Chapter 10 ਕਿਸ਼ੋਰ ਅਵਸਥਾ ਵੱਲ

→ ਬਲ, ਇਕ ਧੱਕਾ ਜਾਂ ਖਿੱਚ ਹੈ, ਜੋ ਵਸਤੁ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਬਦਲਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੈ ।

→ ਬਲ ਦਾ ਅਸਰ ਸਿਰਫ਼ ਉਸ ਦੇ ਮੁੱਲ ਉੱਤੇ ਨਿਰਭਰ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ ਬਲਕਿ ਉਸਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

→ ਬਲ, ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ, ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਜਾਂ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਕਾਰ ਬਦਲ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

→ ਬਲ ਕਈ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਪੇਸ਼ੀ ਬਲ, ਚੁੰਬਕੀ ਬਲ, ਰਗੜ ਬਲ, ਗੁਰੁਤਾ ਬਲ ਅਤੇ ਸਥਿਰ | ਬਿਜਲਈ ਬਲ । 0 ਇਕਾਈ ਖੇਤਰਫਲ ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਬਲ, ਦਾਬ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

→ ਤਰਲ ਬਰਤਨ ਦੀਆਂ ਕੰਧਾਂ ਤੇ ਦਾਬ ਲਗਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Science Notes Chapter 10 ਕਿਸ਼ੋਰ ਅਵਸਥਾ ਵੱਲ

→ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵੀ ਦਾਬ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਵਾਯੂਮੰਡਲੀ ਦਾਬ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

→ ਤਰਲ, ਬਰਤਨ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਤੇ ਬਰਾਬਰ ਡੂੰਘਾਈ ਤੇ ਬਰਾਬਰ ਦਾਬ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸ਼ਬਦ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਰਥ

  1. ਬਲ (Force) -ਕੋਈ ਵੀ ਬਾਹਰੀ ਕਾਰਨ ਜਿਹੜਾ ਕਿ ਵਸਤੁ ਦੀ ਵਿਸ਼ਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਅਤੇ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਾਅ ਲਿਆਏ, ਜਾਂ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਬਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਇਕ ਸਦਿਸ਼ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ।
  2. ਪਰਿਣਾਮੀ ਨੇਟ ਬਲ (Resultant Force)- ਜਦੋਂ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਬਲ ਵਸਤੁ ਤੇ ਇੱਕ ਹੀ ਸਮੇਂ ਲਗਦੇ ਹਨ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਕੁੱਲ ਬਲ ਦੇ ਅਸਰ ਨੂੰ ਪਰਿਣਾਮੀ (ਨੇਟ) ਬਲ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਰਗੜ ਬਲ (Force of Friction)-ਦੋ ਸਤਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਬਲ ਜੋ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਗਦਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਰਗੜ ਬਲ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਗੁਰੂਤਾਬਲ (Gravitation)-ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਹਰ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਵਿੱਚ ਲੱਗ ਰਹੇ ਖਿੱਚ ਬਲ ਨੂੰ ਗੁਰੂਤਾ ਬਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  5. ਭਾਰ (Weight) -ਜਿਹੜੇ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ ।
  6. ਦਾਬ (Pressure)- ਤੀ ਇਕਾਈ ਖੇਤਰਫਲ ਤੇ ਲੱਗਿਆ ਬਲ ।
  7. ਵਾਯੂਮੰਡਲੀ ਦਾਬ (Atmospheric Pressure)-ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਥਿਤ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਦੁਆਰਾ ਲੱਗਿਆ ਬਲ ।

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Punjab State Board PSEB 11th Class Maths Book Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 1.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of mqjor axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the latus rectum of the ellipse \(\frac{x^{2}}{36}+\frac{y^{2}}{16}\) = 1.
Answer.
The given equation is \(\frac{x^{2}}{36}+\frac{y^{2}}{16}\) = 1.
Here, the denominator of \(\frac{x^{2}}{36}\) is greater than the denominator of \(\frac{y^{2}}{16}\).
Therefore, the major axis is along the x-axis, while the minor axis is along the y-axis.
On comparing the given equation with \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1, we otain a = 6 and b = 4.
c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{36-16}\)
= √20 = 2√5.
Therefore,
The coordinates of the foci are (2√5, 0) and (- 2√5, 0).
The coordinates of the vertices are (6, 0) and (- 6, 0).
Length of major axis = 2a = 12.
Length of minor axis = 2b = 8
Eccentricity, e = \(\frac{c}{a}=\frac{2 \sqrt{5}}{6}=\frac{\sqrt{5}}{3}\)
Length of latus rectum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 16}{6}=\frac{16}{3}\).

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 2.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of major axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the latus rectum of the ellipse \(\frac{x^{2}}{4}+\frac{y^{2}}{25}\) = 1.
Answer.
The given equation is \(\frac{x^{2}}{4}+\frac{y^{2}}{25}\) = 1 or \(\frac{x^{2}}{2^{2}}+\frac{y^{2}}{5^{5}}\) = 1.

Here, the denominator of \(\frac{y^{2}}{25}\) is greater than the denominator of \(\frac{x^{2}}{4}\).

Therefore, the major axis is along the y-axis, while the minor axis is along the x-axis.
On comparing the given equation with \(\frac{x^{2}}{b^{2}}+\frac{y^{2}}{a^{2}}\)= 1, we obtain
b = 2 and a = 5
∴ c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{25-4}=\sqrt{21}\)
Therefore, the coordinates of the foci are (0, √21) and (0, – √21).
The coordinates of the vertices are (0, 5) and (0, – 5).
Length of major axis = 2a = 10
Length of minor axis = 2b = 4
Eccentricity e = \(\frac{c}{a}=\frac{\sqrt{21}}{5}\)
Length of latus rectum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 4}{5}=\frac{8}{5}\)

Question 3.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of major axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the latus rectum of the ellipse \(\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{9}\) = 1.
Answer.
The given equation is \(\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{9}\) = 1 or \(\frac{x^{2}}{4^{2}}+\frac{y^{2}}{3^{2}}\) = 1

Here, the denominator of \(\frac{x^{2}}{16}\) is greater than the denominator of \(\frac{y^{2}}{9}\).

Therefore, the major axis is along the x-axis, while the minor axis is along the y-axis.

On comparing the given equation with \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1 , we obtain a = 4 and b = 3.
c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{16-9}=\sqrt{7}\)
Therefore, the coordinates of the foci are (± c, 0) i.e., (± √7, 0).
The coordinates of the vertices are (± a, 0) i.e., (± 4, 0).
Length of major axis = 2a = 8
Length of minor axis = 2b = 6
Eccentricity e = \(\frac{c}{a}=\frac{\sqrt{7}}{4}\)

Length of latus rectum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 9}{4}=\frac{9}{2}\)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 4.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of major axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the latus rectum of the ellipse \(\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{100}\) = 1.
Answer.
The given equation is \(\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{100}\) = 1 or \(\) = 1

Here, the denominator of \(\frac{y^{2}}{100}\) is greater than the denominator of \(\frac{x^{2}}{25}\)
Therefore, the major axis is along the y-axis, while the minor axis is along the x-axis.

On comparing the given equation with \(\frac{x^{2}}{b^{2}}+\frac{y^{2}}{a^{2}}\) = 1 , we obtain
b = 5 and a = 10.
∴ c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{100-25}=\sqrt{75}=5 \sqrt{3} .\)
Therefore, the coordinates of the foci are (0, ± 5√3).
The coordinates of the vertices are (0, ± 10).
Length of major axis = 2a = 20
Length of minor axis = 2b = 10
Eccentncity, e = \(\frac{c}{a}=\frac{5 \sqrt{3}}{10}=\frac{\sqrt{3}}{2}\)
Length of lattis rectum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 25}{10}\)

Question 5.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of major axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the lattis rectum of the ellipse \(\frac{x^{2}}{49}+\frac{y^{2}}{36}\) = 1.
Answer.
The given equation is \(\frac{x^{2}}{49}+\frac{y^{2}}{36}\) = 1 or \(\frac{x^{2}}{7^{2}}+\frac{y^{2}}{6^{2}}\) = 1.

Here, the denominator of \(\frac{x^{2}}{49}\) is greater than the denominator of \(\frac{y^{2}}{36}\).

Therefore, the major axis is along the x-axis, while the minor axis is along the y-axis.

On comparing the given equation with \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1 , we obtain a = 4 and b = 3.

∴ c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{49-36}=\sqrt{13}\)
Therefore, the coordinates of the foci are (± c, 0)
The coordinates of the vertices are (± a, 0) i.e., (± √13, 0)
Length of major axis = 2a = 14
Length of minor axis = 2b = 12
Eccentricity, e = \(\frac{c}{a}=\frac{\sqrt{13}}{7}\)
Length of latus rectum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 36}{7}=\frac{72}{7}\).

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 6.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of major axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the latus rectum of the ellipse \(\frac{x^{2}}{100}+\frac{y^{2}}{400}\) = 1.
Answer.
The given equation is \(\frac{x^{2}}{100}+\frac{y^{2}}{400}\) = 1 or + \(\frac{x^{2}}{10^{2}}+\frac{y^{2}}{20^{2}}\) = 1

Here, the denominator of \(\frac{y^{2}}{400}\) is greater than the denominator of \(\frac{x^{2}}{100}\).

Therefore, the major axis is along the y-axis, while the minor axis is along the x-axis.

On comparing the given equation with \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{400-100}=\sqrt{300}=10 \sqrt{3}\) = 1 , we obtain b = 10 and a = 20

∴ c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{400-100}=\sqrt{300}=10 \sqrt{3}\)

Therefore, the coordinates of the foci are (0, ± 10√3)
The coordinates of the vertices are (0, ± 20)
Length of major axis = 2a = 40
Length of minor axis = 2b = 20
Eccentricity, e = \(\frac{c}{a}=\frac{10 \sqrt{3}}{20}=\frac{\sqrt{3}}{2}\)
Length of latus recrum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 100}{20}\) =10.

Question 7.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of major axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the latus rectum of the ellipse 36x2 + 4y2 = 144.
Answer.
The given equation is 36x2 + 4y2 = 144
It can be writen as 36x2 + 4y2 = 144
or \(\frac{x^{2}}{4}+\frac{y^{2}}{36}\) = 1

or \(\frac{x^{2}}{2^{2}}+\frac{y^{2}}{6^{2}}\) = 1

Here, the denominator of \(\frac{y^{2}}{6^{2}}\) is greater than the denominator of \(\frac{x^{2}}{2^{2}}\)
Therefore, the major axis is along the y-axis, while the minor axis is along the x-axis.

On comparing equation (i) with \(\frac{x^{2}}{b^{2}}+\frac{y^{2}}{a^{2}}\) = 1, we obtain b = 2 and a = 6.

∴ c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{36-4}=\sqrt{32}=4 \sqrt{2}\)

Therefore, The coordinates of the foci are (0, ± 4√2)
The coordinates of the vertices are (0, ± 6)
Length of major axis = 2a = 12
Length of minor axis = 2b = 4
Eccentricity, e = \(\frac{c}{a}=\frac{4 \sqrt{2}}{6}=\frac{2 \sqrt{2}}{3}\)

Length of latus recrum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 4}{6}=\frac{4}{3}\).

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 8.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of major axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the latus rectum of the effipse 16x2 + y2 = 16.
Answer.
The given equation is 16x2 + y2 = 16
It can be writen as 16x2 + y2 = 16

or \(\frac{x^{2}}{1}+\frac{y^{2}}{16}\)

or \(\frac{x^{2}}{1^{2}}+\frac{y^{2}}{4^{2}}\) ……………….(i)

Here, the denominator of \(\frac{y^{2}}{4^{2}}\) is greater than the denominator of \(\frac{x^{2}}{1^{2}}\).

Therefore, the major axis is along the y-axis, while the minor axis is along the x-axis.
On comparing the equation (i) with \(\) = 1, we obtain b = 1 and a = 4.
∴ c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{16-1}=\sqrt{15}\)
Therefore, the coordinates of the foci are (0, ± √15)
The coordinates of the vertices are (0, ± 4)
Length of major axis = 2a = 8
Length of minor axis = 2b = 2 c V15
Eccentncity e = \(\frac{c}{a}=\frac{\sqrt{15}}{4}\)

Length of latus rectum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 1}{4}=\frac{1}{2}\)

Question 9.
Find the coordinates of the foci, the vertices, the length of major axis, the minor axis, the eccentricity and the length of the latus rectum of the ellipse 4x2 + 9y2 = 36.
Answer.
The given equation is 4x2 + 9y2 = 36
It can be writen as 4x2 + 9y2 = 36
or \(\frac{x^{2}}{9}+\frac{y^{2}}{4}\) = 1

or \(\frac{x^{2}}{3^{2}}+\frac{y^{2}}{2^{2}}\) = 1 ……………..(i)

Here, the denominator of \(\frac{x^{2}}{3^{2}}\) is greater than the denominator of \(\frac{y^{2}}{2^{2}}\).

Therefore, the major axis is along the x-axis, while the minor axis is along they-axis.

On comparing the given equation with \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1, we obtain
a = 3 and b = 2.
∴ c = \(\sqrt{a^{2}-b^{2}}=\sqrt{9-4}=\sqrt{5}\)
Therefore, the coordinates of the foci are (± √5, 0)
The coordinates of the vertices are (± 3,0)
Length of major axis = 2a = 6
Length of minor axis = 2b = 4
Eccentricity, e = \(\frac{c}{a}=\frac{\sqrt{5}}{3}\)

Length of latus rectum = \(\frac{2 b^{2}}{a}=\frac{2 \times 4}{3}=\frac{8}{3}\).

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 10.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Vertices (± 5, 0), foci (± 4, 0).
Answer.
Given, vertices (± 5, 0), foci (± 4 ,0)
Here, the vertices are on the x-axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, a = 5 and c = 4.
It is known that, a2 = b2 + c2
∴ 52 = b2 + 42
⇒ 25 = b2 + 16
⇒ b2 = 25 – 16 = 9
b = √9 = 3.
Thus, the equation of the ellipse is
\(\frac{x^{2}}{5^{2}}+\frac{y^{2}}{3^{2}}\) = 1 or \(\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{9}\) = 1.

Question 11.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Vertices (0, ± 13), foci (0, ± 5).
Answer.
Given, vertices (0, ± 13), foci (0, ± 5)
Here, the vertices are on the y-axis.
Conic Sections
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\frac{x^{2}}{b^{2}}+\frac{y^{2}}{a^{2}}\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, a = 13 and c = 5.
It is known that, a2 = b2 + c2
132 = b2 + 52
⇒169 = 2 + 25
⇒ b2 = 169 – 25
⇒ b = √144 = 12
Thus, the equation of the ellipse is
\(\frac{x^{2}}{12^{2}}+\frac{y^{2}}{13^{2}}\) = 1 or

\(\frac{x^{2}}{144}+\frac{y^{2}}{169}\) = 1.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 12.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Vertices (± 6, 0), foci (± 4, 0).
Answer.
Given, vertices (± 6, 0), foci (± 4, 0)
Here, the vertices are on the x-axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, a = 6 and c = 4
It is known that,
a2 = b2 + c2
⇒ 62 = b2 + 42
⇒ 36 = b2 + 16
⇒ b2 = 36 – 16
⇒ b = √20
Thus, the equation of the ellipse is \(\frac{x^{2}}{6^{2}}+\frac{y^{2}}{(\sqrt{20})^{2}}\) or \(\frac{x^{2}}{36}+\frac{y^{2}}{20}\) = 1.

Question 13.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Ends of major axis (± 3, 0), ends of minor axis (0, ± 2).
Answer.
Given, ends of major axis (± 3, 0), ends of monor axis (0, ± 2).
Here, the major axis is along the x-axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, a = 3 and b = 2
Thus, the equation of the ellipse is \(\frac{x^{2}}{3^{2}}+\frac{y^{2}}{2^{2}}\) i.e., \(\frac{x^{2}}{9}+\frac{y^{2}}{4}\) = 1.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 14.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Ends of major axis (0, ±V5), ends of minor axis (± 1, 0).
Answer.
Given, ends of major axis (0, ± √5), ends of minor axis (± 1, 0).
Here, the vertices are on the y-axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\frac{x^{2}}{b^{2}}+\frac{y^{2}}{a^{2}}\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, a = √5 and b = 1
Thus the equation of the ellipse is \(\frac{x^{2}}{1^{2}}+\frac{y^{2}}{(\sqrt{5})^{2}}\) = 1 or \(\frac{x^{2}}{1}+\frac{y^{2}}{5}\) = 1.

Question 15.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Length of major axis 26, foci (+5,0).
Answer.
Given, length of major axis = 26, foci (± 5, 0)
Since the foci are on the x-axis, the major axis is along the x-axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, 2a = 26
⇒ a = 13 and c = 5
It is known that a2 = b2 + c2
Thus, the equation of the ellipse is \(\frac{x^{2}}{13^{2}}+\frac{y^{2}}{12^{2}}\) = 1 or \(\frac{x^{2}}{169}+\frac{y^{2}}{144}\) = 1.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 16.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Length of major axis 16, foci (0, ± 6).
Answer.
Length of minor axis = 16, foci (0, ± 6)
Since the foci are on the y-axis, the major axis is along they-axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\frac{x^{2}}{b^{2}}+\frac{y^{2}}{a^{2}}\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, 2b = 16
⇒ b = 8 and c = 6
It is known that a2 = b2 + c2
∴ a2 = 82 + 62
= 64 + 36 = 100
a = √100 = 10
Thus, the equation of the ellipse is \(\frac{x^{2}}{8^{2}}+\frac{y^{2}}{10^{2}}\) = 1 or \(\frac{x^{2}}{64}+\frac{y^{2}}{100}\) = 1.

Question 17.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: foci (± 3, 0), a = 4.
Answer.
Given, foci (± 3, 0), a = 4
Since the foci are on the x-axis, the major axis is along the x-axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, c = 3 and a = 4
It is known that, a2 = b2 + c2
42 = b2 + 32
⇒ 16 = b2 + 9
⇒ b2 = 16 – 9 = 7
Thus, the equation of the ellipse is \(\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{7}\) = 1.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 18.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: b = 3, c = 4, centre at the origin; foci on the x- axis. Answer.
It is given that b = 3, c = 4, centre at the origin; foci on the x-axis.
Since the foci are on the x-axis, the major axis is along the x-axis.
Therefore, the equation of the ellipse will be of the form \(\) = 1,
where a is the semi-major axis.
Accordingly, b = 3 and c = 4
It is known that a2 = b2 + c2
∴ a2 = 32 + 42
= 9 + 16 = 25
⇒ a = 5
Thus, the equation of the ellipse is \(\frac{x^{2}}{5^{2}}+\frac{y^{2}}{3^{2}}\) = 1 or \(\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{9}\) = 1.

Question 19.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Centre at (0, 0), major axis on the y-axis and passes through the points (3, 2) and (1, 6).
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3 1

Since, major axis is along Y-axis, so equation of ellipse is
\(\frac{x^{2}}{b^{2}}+\frac{y^{2}}{a^{2}}\) = 1, a > b ……………(i)

Thus, the equation of ellipse is passing through the points (3, 2) and (1, 6).
So, point (3, 2) lies on eq. (i), gives \(\frac{9}{b^{2}}+\frac{4}{a^{2}}\) = 1 ……………(ii)

Also, point (1, 6) lies on eq. (i), therefore

\(\frac{1}{b^{2}}+\frac{36}{a^{2}}\) = 1

\(\frac{9}{b^{2}}+\frac{324}{a^{2}}\) = 9

On subtracting eq. (ii) from eq. (iii), we get
\(\frac{20}{a^{2}}\) = 8

a2 = \(\frac{320}{8}\) = 4o
On putting the value of a2 in eq. (ii), we get
\(\frac{9}{b^{2}}+\frac{4}{40}\) = 1

⇒ \(\frac{9}{b^{2}}=1-\frac{1}{10}=\frac{9}{10}\)

⇒ b2 = 10
On putting the values of a and b in eq. (i), we get \(\frac{x^{2}}{10}+\frac{y^{2}}{40}\) = 1.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 11 Conic Sections Ex 11.3

Question 20.
Find the equation for the ellipse that satisfies the given conditions: Major axis on the x-axis and passes through the points (4, 3) and (6, 2).
Answer.
Let the major axis is along X-axis, then the equation of ellipse be \(\frac{x^{2}}{a^{2}}+\frac{y^{2}}{b^{2}}\) = 1 ………………(i)

Since, the equation of ellipse is passing through the points (4, 3) and (6, 3).
So, point (4, 3) lies on it.
\(\frac{16}{a^{2}}+\frac{9}{b^{2}}\) = 1 ……………..(ii)

Also, point (6, 2) lies on it.
\(\frac{36}{a^{2}}+\frac{4}{b^{2}}\) = 1 ………………..(iii)

On multiplying eq. (ii) by 4 and eq. (iii) by 9 and subtracting eq. (ii) from eq. (iii), we get
\(\frac{324}{a^{2}}-\frac{64}{a^{2}}\) = 9 – 4

⇒ \(\frac{260}{a^{2}}\) = 5

⇒ a2 = \(\frac{260}{5}\) = 52

∴ a2 = 52
On putting the value of a2 in eq. (ii), we get

\(\frac{16}{52}+\frac{9}{b^{2}}\) = 1

⇒ \(\frac{9}{b^{2}}=1-\frac{16}{52}=\frac{36}{52}\)

⇒ b2 = 13

Hence, equation of ellipse is \(\frac{x^{2}}{52}+\frac{y^{2}}{13}\) = 1 [put a2 = 52 and b2 = 13].

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

SST Guide for Class 6 PSEB ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ
I. ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ ਲਿਖੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਰੇਸ਼ਮੀ-ਮਾਰਗ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੀਨ ਨੂੰ ਯੂਰਪ ਨਾਲ ਜੋੜਨ ਵਾਲੇ ਮਾਰਗ ਨੂੰ ਰੇਸ਼ਮੀ-ਮਾਰਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਇਸ ਮਾਰਗ ਦੁਆਰਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਰੇਸ਼ਮ ਦਾ ਵਪਾਰ ਹੁੰਦਾ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਾਤਵਾਹਨ ਕਾਲ ਦੀਆਂ ਕੁਝ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਬੰਦਰਗਾਹਾਂ ਦੇ ਨਾਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਤਵਾਹਨ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਦੇ ਦੱਖਣੀ ਅਤੇ ਪੱਛਮੀ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤੱਟ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਅਨੇਕਾਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਬੰਦਰਗਾਹਾਂ ਸਨ ।
(1) ਦੱਖਣੀ ਤੱਟ ਦੀਆਂ ਮੁੱਖ ਬੰਦਰਗਾਹਾਂ-

  • ਕਾਵੇਰੀਪੱਟਨਮ,
  • ਮਹਾਂਬਲੀਪੁਰਮ,
  • ਪੁਹਾਰ,
  • ਕੋਰਕਈ ।

(2) ਪੱਛਮੀ ਤੱਟ ਦੀਆਂ ਮੁੱਖ ਬੰਦਰਗਾਹਾਂ-

  • ਸ਼ੂਰਪਾਰਕ,
  • ਭ੍ਰਿਗੂਕੱਛ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਭਾਰਤ ਦੇ ਇਰਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਕਿਵੇਂ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋਏ ?
ਉੱਤਰ-
600 ਈ: ਪੂ: ਵਿੱਚ ਇਰਾਨ ਦੇ ਵੇਚੈਮੀਨਿਡ ਵੰਸ਼ ਦੇ ਸ਼ਾਸਕਾਂ ਨੇ ਹਮਲਾ ਕਰਕੇ ਭਾਰਤ ਦੇ ਉੱਤਰ-ਪੱਛਮੀ ਭਾਗਾਂ ‘ਤੇ ਆਪਣਾ ਅਧਿਕਾਰ ਜਮਾ ਲਿਆ । ਫਲਸਰੂਪ ਭਾਰਤ ਦੇ ਇਰਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਤ ਹੋਏ ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਭਾਰਤ ਤੋਂ ਰੋਮ ਨੂੰ ਕੀ ਨਿਰਯਾਤ (ਭੇਜਿਆ) ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤ ਤੋਂ ਰੋਮ ਨੂੰ ਮਸਾਲੇ, ਕੀਮਤੀ ਹੀਰੇ, ਵਧੀਆ ਕੱਪੜਾ, ਇਤਰ, ਹਾਥੀ ਦੰਦ ਦਾ ਸਾਮਾਨ, ਲੋਹਾ, ਰੰਗ, ਚਾਵਲ, ਤੋਤੇ ਤੇ ਮੋਰ ਆਦਿ ਪੰਛੀਆਂ ਤੇ ਬਾਂਦਰ ਆਦਿ ਜਾਨਵਰਾਂ ਦਾ ਨਿਰਯਾਤ (ਭੇਜਿਆ) ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਯੂਰਪ ਤੋਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਆਯਾਤ (ਮੰਗਵਾਈਆਂ) ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਯੂਰਪ ਤੋਂ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਅਤੇ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਦੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਆਯਾਤ ਕੀਤੀਆਂ ਮੰਗਵਾਈਆਂ। ਜਾਂਦੀਆਂ ਸਨ ।

II. ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(1) ……………………. ਈ: ਪੂ: ਵਿਚ ਈਰਾਨ ਦੇ …………………… ਵੰਸ਼ ਦੇ ਸ਼ਾਸਕਾਂ ਨੇ ਭਾਰਤ ਦੇ ਉੱਤਰ| ਪੱਛਮੀ ਭਾਗਾਂ ‘ਤੇ ਕਬਜ਼ਾ ਕਰ ਲਿਆ ।
ਉੱਤਰ-
600, ਵੇਚੈਮੀਨਿਡ

(2) ਅਸ਼ੋਕ ਅਤੇ ਕਨਿਸ਼ਕ ਸ਼ਾਸਕਾਂ ਦੇ ਕਾਰਜਕਾਲ ਸਮੇਂ ਬੋਧੀ ਭਿਕਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਕਰਨ ਲਈ ……………………, ………….. …………………… ਅਤੇ …………………… ਵਿਚ ਭੇਜਿਆ ਗਿਆ ।
ਉੱਤਰ-
ਸ੍ਰੀਲੰਕਾ, ਬਰਮਾ, ਚੀਨ, ਮੱਧ ਏਸ਼ੀਆ

(3) ……………………. ,……………………… ਅਤੇ ………………………. ਸ਼ਾਸਕਾਂ ਨੇ ਜਹਾਜ਼ ਬਣਾਉਣ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੋਂ ਪਾਰ ਖੋਜਾਂ ਨੂੰ ਉਤਸ਼ਾਹਿਤ ਕੀਤਾ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੇਰ, ਚੋਲ ਅਤੇ ਪਾਂਡੇਯ

(4) ਅਰਬਾਂ ਨੇ ਸਿੰਧ ’ਤੇ …………………………… ਈ: ਵਿਚ ਅਧਿਕਾਰ ਕਰ ਲਿਆ |
ਉੱਤਰ-
712

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

(5) ਕੰਪੂਚੀਆ ਦੇ …………………….. ਮੰਦਰ ਵਿਚ ਭਾਰਤ ਦੇ ਮਹਾਂਕਾਵਿ ……………………….. ਅਤੇ …………………………. ਵਿਚੋਂ ਦ੍ਰਿਸ਼ ਮੂਰਤੀਕਲਾ ਵਿਚ ਚਿੱਤਰਾਏ ਗਏ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਅੰਗਕੋਰਟ, ਰਮਾਇਣ, ਮਹਾਂਭਾਰਤ ।

III. ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਦੇ ਸਹੀ ਜੋੜੇ ਬਣਾਓ :

(1) ਸੋਨੇ ਦੇ ਸਿੱਕੇ (ਉ) ਸ਼ੂਰਪਾਰਕ
(2) ਬੰਦਰਗਾਹ (ਅ) ਰੇਸ਼ਮ
(3) ਚੀਨ (ੲ) ਬਲੋ-ਮਾਰਗ
(4) ਰੇਸ਼ਮੀ-ਮਾਰਗ (ਸ) ਰੋਮ

ਉੱਤਰ-
ਸਹੀ ਜੋੜੇ-

(1) ਸੋਨੇ ਦੇ ਸਿੱਕੇ (ਸ) ਰੋਮ
(2) ਬੰਦਰਗਾਹ (ਉ) ਸ਼ੂਰਪਾਰਕ
(3) ਚੀਨ (ਅ) ਰੇਸ਼ਮ
(4) ਰੇਸ਼ਮੀ-ਮਾਰਗ (ੲ) ਬਲੋ-ਮਾਰਗ

IV. ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਸਹੀ (√) ਜਾਂ ਗ਼ਲਤ (×) ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ:

(1) ਭਾਰਤ ਦੀ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤੀ ਨੇ ਭਾਰਤੀਆਂ ਦੀ ਪਹਿਚਾਣ ਬਣਾਈ ।
(2) ਭਾਰਤ ਦੇ ਮਿਸਰ ਨਾਲ ਕੋਈ ਸੰਬੰਧ ਨਹੀਂ ਸਨ ।
(3) ਬੁੱਧ ਦੀਆਂ ਪੱਥਰ ਤਰਾਸ਼ੀ ਦੀਆਂ ਵੱਡੀਆਂ ਮੂਰਤੀਆਂ ਬਾਮੀਆਨ (ਅਫ਼ਗਾਨਿਸਤਾਨ) ਵਿਖੇ ਮਿਲੀਆਂ ਸਨ ।
(4) ਭਾਰਤ ਦੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਰੋਮ ਦੀਆਂ ਮੰਡੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਕੀਮਤਾਂ ‘ਤੇ ਵਿਕਦੀਆਂ ਸਨ ।
(5) ਚੇਰ, ਚੋਲ ਅਤੇ ਪਾਂਡਯ ਸ਼ਾਸਕਾਂ ਨੇ ਸਮੁੰਦਰੋਂ ਪਾਰ ਜਹਾਜ਼ ਬਣਾਉਣ ਅਤੇ ਖੋਜਾਂ ਨੂੰ ਉਤਸ਼ਾਹਤ ਕੀਤਾ ।
ਉੱਤਰ-
(1) (√)
(2) (×)
(3) (√)
(4) (√)
(5) (×)

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

PSEB 6th Class Social Science Guide ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ Important Questions and Answers

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ
ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿਚ ਉੱਤਰ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਚੀਨ ਨੂੰ ਯੂਰਪ ਦੇ ਨਾਲ ਜੋੜਨ ਵਾਲਾ ਵਪਾਰਿਕ ਮਾਰਗ ਕੀ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੇਸ਼ਮੀ ਮਾਰਗ/ਸਿਲਕ ਮਾਰਗ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬਾਮੀਆਨ (ਅਫ਼ਗਾਨਿਸਤਾਨ) ਵਿਚ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਬੁੱਧ ਸਮਾਰਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸਨੇ ਨਸ਼ਟ ਕੀਤਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਾਲੀਬਾਨ ਸ਼ਾਸਕਾਂ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅਰਬਾਂ ਨੇ ਸਿੰਧ ’ਤੇ ਕਦੋਂ ਅਧਿਕਾਰ ਕੀਤਾ ? .
ਉੱਤਰ-
712 ਈ: ਵਿਚ ।

ਬਹੁ-ਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਅੰਗਕੋਰਵਾਟ ਦਾ ਮੰਦਿਰ ਕਿੱਥੇ ਸਥਿਤ ਹੈ ?
(ਉ) ਚੰਪਾ
(ਅ) ਚੀਨ
(ੲ) ਕੰਪੂਚੀਆ ।
ਉੱਤਰ-
(ੲ) ਕੰਪੂਚੀਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਿਰਫ਼ ਸੰਖਿਆ ਭਾਰਤ ਦੀ ਦੇਣ ਹੈ । ਵਿਸ਼ਵ ਵਿਚ ਇਸ ਸੰਖਿਆ ਦਾ ਪ੍ਰਸਾਰ ਹੇਠਾਂ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤਾ ?
(ਉ) ਹਿੰਦੂਆਂ ਨੇ
(ਅ) ਅਰਬਾਂ ਨੇ
(ੲ) ਬੋਧਾਂ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਹਿੰਦੂਆਂ ਨੇ

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਕਾਲ ਵਿਚ ਭਾਰਤੀ ਰਾਜਿਆਂ ਦੇ ਯਤਨਾਂ ਨਾਲ ਮੱਧ ਏਸ਼ੀਆ ਅਤੇ ਏਸ਼ੀਆ ਦੇ ਕੁਝ ਹੋਰ ਦੇਸ਼ਾਂ ਵਿਚ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਸਾਰ ਹੋਇਆ । ਇਸ ਕੰਮ ਵਿਚ ਹੇਠਾਂ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਰਾਜੇ ਨੂੰ ਯੋਗਦਾਨ ਨਹੀਂ ਸੀ ?
(ੳ) ਸਮੁਦਰ ਗੁਪਤ
(ਅ) ਕਨਿਸ਼ਕ
(ੲ) ਅਸ਼ੋਕ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਸਮੁਦਰ ਗੁਪਤ

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਭਾਰਤ ਦੇ ਦੂਜੇ ਦੇਸ਼ਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਾਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਕੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤ ਦੇ ਦੂਜੇ ਦੇਸ਼ਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਾਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਵਪਾਰ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅੰਗਕੋਰਵਾਟ ਦਾ ਮੰਦਰ ਕਿੱਥੇ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਿਸਨੇ ਕਰਵਾਇਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੰਗਕੋਰਵਾਟ ਦਾ ਮੰਦਰ ਕੰਬੂਜ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਇਸ ਮੰਦਰ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਰਾਜਾ ਸੂਰਜ ਵਰਮਾ ਦੂਜੇ ਨੇ ਕਰਵਾਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਚੰਪਾ (ਵਿਅਤਨਾਮ) ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਭਾਰਤੀ ਰਾਜਿਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਪਾ (ਵਿਅਤਨਾਮ) ਦੇ ਦੋ ਭਾਰਤੀ ਰਾਜੇ ਸਨ-

  1. ਭਦਰਵਰਮਾ ਅਤੇ
  2. ਰੂਦਰਦਮਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਚੰਪਾ (ਵਿਅਤਨਾਮ) ਦੀ ਰਾਜਧਾਨੀ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਪਾ (ਵਿਅਤਨਾਮ) ਦੀ ਰਾਜਧਾਨੀ ਮਾਈਸਨ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇੰਡੋਨੇਸ਼ੀਆ ਦੇ ਮੁੱਖ ਟਾਪੂਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ਜਿੱਥੇ ਭਾਰਤੀ ਸਭਿਅਤਾ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਹੋਇਆ ।
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤੀ ਸਭਿਅਤਾ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਇੰਡੋਨੇਸ਼ੀਆ ਦੇ ਜਾਵਾ, ਸੁਮਾਤਰਾ, ਬਾਲੀ ਅਤੇ ਬੋਰਨੀਓ ਟਾਪੂਆਂ ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬੋਰੋਬਰ ਦਾ ਮੰਦਰ ਕਿੱਥੇ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੋਰੋਬੁਦੁਰ ਦਾ ਮੰਦਰ ਜਾਵਾ ਵਿੱਚ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਚੀਨ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਬੋਧੀ ਵਿਦਵਾਨ ਨੂੰ ਕੈਦ ਕਰ ਕੇ ਲੈ ਗਏ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੀਨ ਵਿੱਚ ਬੋਧੀ ਵਿਦਵਾਨ ਕੁਮਾਰਜੀਵ ਨੂੰ ਕੈਦ ਕਰ ਕੇ ਲੈ ਗਏ ਸਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਚੀਨ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਭਾਰਤੀ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਸਾਰ ਹੋਇਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੀਨ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਸਾਰ ਹੋਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਅਰਬਾਂ ਦੇ ਹਮਲੇ ਦੇ ਦੋ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਅਰਬ ਲੋਕ ਆਪਣੇ ਸਾਮਰਾਜ ਦਾ ਵਿਸਤਾਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ ।
  2. ਉਹ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਇਸਲਾਮ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਅਰਬਾਂ ਦੇ ਹਮਲੇ ਸਮੇਂ ਸਿੰਧ ਦਾ ਰਾਜਾ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਬਾਂ ਦੇ ਹਮਲੇ ਸਮੇਂ ਸਿੰਧ ਦਾ ਰਾਜਾ ਦਾਹਿਰ ਸੀ ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕੰਬੋਡੀਆ ਨਾਲ ਭਾਰਤੀ ਸੰਬੰਧਾਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੰਬੋਡੀਆ ਵਿੱਚ ਚੌਥੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਹਿੰਦੂ ਰਾਜ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਹੋਈ । 357 ਈ: ਵਿੱਚ ਇੱਥੇ ਚੰਦਰਗੁਪਤ ਨਾਂ ਦਾ ਰਾਜਾ ਗੱਦੀ ‘ਤੇ ਬੈਠਾ। ਪੰਜਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਇੱਥੇ ਕੌਂਡਨਯ ਨਾਂ ਦੇ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਨੇ ਆਪਣਾ ਰਾਜ ਸਥਾਪਤ ਕੀਤਾ । ਉਸਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਅਧੀਨ ਕੰਬੋਡੀਆ ਦੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਭਾਰਤੀ ਸਭਿਆਚਾਰ ਨੂੰ ਅਪਣਾ ਲਿਆ । ਕੰਬੋਡੀਆ ਦੇ ਇੱਕ ਸ਼ਾਸਕ ਗੁਣ ਵਰਮਨ ਨੇ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ਨੂੰ ਮੰਦਰ ਬਣਵਾਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਜਾਵਾ ਦੇ ਭਾਰਤ ਨਾਲ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਾਵਾ ਰਾਜ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ 56 ਈ: ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਹਿੰਦੂ ਰਾਜੇ ਨੇ ਕੀਤੀ । ਦੂਸਰੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਉੱਥੇ ਭਾਰਤੀ ਉਪਨਿਸ਼ਦਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਹੋਇਆ । ਚੀਨੀ ਯਾਤਰੀ ਫ਼ਾਗਿਆਨ ਨੇ 418 ਈ: ਵਿੱਚ ਜਾਵਾ ਦੀ ਯਾਤਰਾ ਕੀਤੀ । ਉਸ ਨੇ ਦੇਖਿਆ ਕਿ ਉੱਥੇ ਹਿੰਦੂ ਧਰਮ ਦਾ ਕਾਫ਼ੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੈ । ਜਾਵਾ ਵਿੱਚ ਕਈ ਮੰਦਰ ਬਣਵਾਏ ਗਏ ਸਨ । ਇਹਨਾਂ ਮੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਿਵ, ਵਿਸ਼ਨੂੰ ਅਤੇ ਮਾ ਦੀ ਪੂਜਾ ਹੁੰਦੀ ਸੀ ।ਉੱਥੇ ਹਿੰਦੂ ਧਰਮ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਵੀ ਹਰਮਨ-ਪਿਆਰਾ ਹੋਇਆ । ਉੱਥੋਂ ਦਾ ਬੋਰੋਬੁਦੂਰ ਦਾ ਬੁੱਧ ਮੰਦਰ ਸੰਸਾਰ ਭਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬਰਮਾ (ਮਾਇਆਂਮਾਰ) ਵਿੱਚ ਭਾਰਤੀ ਸਭਿਅਤਾ ਦੇ ਪ੍ਰਸਾਰ ਬਾਰੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਰਮਾ (ਮਾਇਆਂਮਾਰ) ਦੇ ਨਾਲ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸੰਬੰਧ ਮਹਾਤਮਾ ਬੁੱਧ ਦੇ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਹੀ ਸਨ । ਹਿੰਦੁ ਉਪਨਿਵੇਸ਼ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਇੱਥੇ ਭਾਰਤੀ ਸਭਿਅਤਾ ਅਤੇ ਸਭਿਆਚਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਸਾਰ ਹੋਣ ਲੱਗਾ | ਇੱਥੋਂ ਦੇ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਲੋਕ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦੀ ਹੀਨਯਾਨ ਸ਼ਾਖਾ ਦੇ ਪੈਰੋਕਾਰ ਸਨ । 11ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਅਨੀਰੁਧ ਨੇ ਬਰਮਾ (ਮਾਇਆਂਮਾਰ ਵਿੱਚ ਆਪਣਾ ਰਾਜ ਸਥਾਪਤ ਕੀਤਾ । ਉਸਦੇ ਉੱਤਰਾਧਿਕਾਰੀ ਨੇ ਇੱਥੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਆਨੰਦ ਮੰਦਰ ਬਣਵਾਇਆ । ਅੱਜ ਵੀ ਬਰਮਾ (ਮਾਇਆਂਮਾਰ) ਵਿੱਚ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਪ੍ਰਚਲਿਤ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਅਰਬਾਂ ਦੇ ਹਮਲਿਆਂ ਦਾ ਤਤਕਾਲੀ ਕਾਰਨ ਕੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਬ ਦੇ ਕੁਝ ਵਪਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਦੇਵਲ (ਸਿੰਧ ਰਾਜ) ਬੰਦਰਗਾਹ ‘ਤੇ ਡਾਕੂਆਂ ਨੇ । ਲੁੱਟ ਲਿਆ ਸੀ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਖਲੀਫ਼ਾ ਨੇ ਸਿੰਧ ਦੇ ਰਾਜਾ ਦਾਹਿਰ ਤੋਂ ਇਸ ਘਟਨਾ ਦਾ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਮੰਗਿਆ । ਪਰ ਰਾਜਾ ਦਾਹਿਰ ਨੇ ਇਹ ਕਹਿ ਕੇ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਦੇਣ ਤੋਂ ਇਨਕਾਰ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਦੇਵਲ ਦੇ ਡਾਕੂ ਉਸਦੇ ਅਧੀਨ ਨਹੀਂ ਹਨ । ਇਹ ਸੁਣ ਕੇ ਬਸਰਾ ਦੇ ਗਵਰਨਰ ‘ ਨੇ ਰਾਜਾ ਦਾਹਿਰ ’ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਦਾਹਿਰ ਨੇ ਹਰਾ ਦਿੱਤਾ ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 18 ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਸੰਸਾਰ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੰਡੋਨੇਸ਼ੀਆ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸੰਬੰਧਾਂ ਬਾਰੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਇੰਡੋਨੇਸ਼ੀਆ ਵਿੱਚ ਜਾਵਾ, ਸੁਮਾਤਰਾ, ਬਾਲੀ, ਬੋਰਨੀਓ ਆਦਿ ਕਈ ਦੀਪ ਸ਼ਾਮਲ ਸਨ । ਇੱਥੇ ਪਹਿਲੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤੀਆਂ ਦਾ ਆਗਮਨ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਿਆ ਸੀ ।

  • ਜਾਵਾ – ਜਾਵਾ ਵਿੱਚ 56 ਈ: ਵਿੱਚ ਹਿੰਦੂ ਰਾਜ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਹੋਈ ਸੀ । ਉੱਥੇ ਕਈ ਮੰਦਰ ਬਣੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਿਵ, ਵਿਸ਼ਨੂੰ, ਬ੍ਰਹਮਾ ਆਦਿ ਭਾਰਤੀ ਦੇਵਤਿਆਂ ਦੀ ਪੂਜਾ ਹੁੰਦੀ ਸੀ । ਜਾਵਾ ਵਿੱਚ 15ਵੀਂ ਸਦੀ ਤੱਕ ਭਾਰਤੀ ਸਭਿਆਚਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਚਲਨ ਰਿਹਾ ।
  • ਸੁਮਾਤਰਾ – ਸੁਮਾਤਰਾ ਦਾ ਪੁਰਾਤਨ ਹਿੰਦੂ ਰਾਜਾ ਸ਼੍ਰੀ ਵਿਜੇ ਸੀ । ਇਸ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਚੌਥੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਹੋਈ । ਚੀਨੀ ਯਾਤਰੀ ਇਤਸਿੰਗ ਲਿਖਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸੁਮਾਤਰਾ ਬੋਧੀ ਗਿਆਨ ਦਾ ਕੇਂਦਰ ਸੀ । 684 ਈ: ਵਿੱਚ ਸੁਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਬੋਧੀ ਰਾਜਾ ਸ਼ਾਸਨ ਕਰਦਾ ਸੀ ।
  • ਬਾਲੀ – ਬਾਲੀ ਵੀ ਹਿੰਦੂ ਉਪਨਿਵੇਸ਼ ਸੀ । ਇੱਥੇ ਵੀ ਹਿੰਦੂ ਮੰਦਰ ਸਨ । ਇੱਥੋਂ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਵੇਦਾਂ, ਮਹਾਂਭਾਰਤ ਅਤੇ ਰਾਮਾਇਣ ਦਾ ਗਿਆਨ ਸੀ । ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਚਾਰ ਜਾਤੀਆਂ ਸਨ । ਚੀਨੀ ਬਿਰਤਾਂਤ ਤੋਂ ਪਤਾ ਚੱਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬਾਲੀ ਇੱਕ ਸਭਿਆ ਅਤੇ ਅਮੀਰ ਹਿੰਦੂ ਸਮਾਜ ਸੀ ।
  • ਬੋਰਨੀਓ – ਬੋਰਨੀਓ ਵੀ ਹਿੰਦੁ ਉਪਨਿਵੇਸ਼ ਸੀ । ਇੱਥੋਂ ਦੇ ਰਾਜਾ ਮੁਲਵਰਮਾ ਦਾ ਵਰਣਨ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸਨੇ ਇੱਕ ਯੁੱਗ ਵਿੱਚ 20,000 ਗਊਆਂ ਦਾਨ ਦਿੱਤੀਆਂ ਸਨ । ਬਾਹਮਣਾਂ ਦਾ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਉੱਚਾ ਸਥਾਨ ਸੀ । ਇੱਥੇ ਵੀ, ਮੰਦਰਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸ੍ਰੀ ਲੰਕਾ, ਚੀਨ ਅਤੇ ਤਿੱਬਤ ਵਿੱਚ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੋਇਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ੍ਰੀ ਲੰਕਾ, ਚੀਨ ਅਤੇ ਤਿੱਬਤ ਵਿੱਚ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦੇ ਪ੍ਰਚਾਰ ਦਾ ਵਰਣਨ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ-

  • ਸ੍ਰੀ ਲੰਕਾ – ਸ੍ਰੀ ਲੰਕਾ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਅਸ਼ੋਕ ਨੇ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦੇ ਪ੍ਰਚਾਰ ਲਈ ਪ੍ਰਚਾਰਕ ਭੇਜੇ । ਉਸ ਨੇ ਆਪਣੇ ਪੁੱਤਰ ਮਹਿੰਦਰ ਅਤੇ ਪੁੱਤਰੀ ਸੰਘਮਿੱਤਰਾ ਨੂੰ ਉੱਥੇ ਭੇਜਿਆ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹੋਰ ਕਈ ਬੋਧੀ ਭਿਖਸ਼ੂ ਵੀ ਸ੍ਰੀ ਲੰਕਾ ਗਏ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਉੱਥੇ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਕੀਤਾ । ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਉੱਥੇ ਕਈ ਬੋਧੀ ਗ੍ਰੰਥ ਵੀ ਲਿਖੇ । ਅੱਜ ਵੀ ਸੀ ਲੰਕਾ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਲੋਕ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦੇ ਪੈਰੋਕਾਰ ਹਨ ।
  • ਚੀਨ – ਚੀਨ ਵਿੱਚ ਬੋਧੀ ਭਿਖਸ਼ੂ ਪਹਿਲੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਗਏ । ਭਿਖਸ਼ ਕੁਮਾਰਜੀਵ ਨੇ ਇੱਥੇ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦੇ ਪ੍ਰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਭੂਮਿਕਾ ਨਿਭਾਈ। ਉਸ ਨੇ ਕਈ ਬੋਧੀ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਦਾ ਚੀਨੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਅਨੁਵਾਦ ਕੀਤਾ । ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਇਹ ਧਰਮ ਸਾਰੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਫੈਲ ਗਿਆ । ਇਸ ਧਰਮ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋ ਕੇ ਕਈ ਚੀਨੀ ਯਾਤਰੀ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦੇ ਸਿਧਾਂਤਾਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨ ਲਈ ਭਾਰਤ ਆਏ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਫ਼ਾਹਿਆਨ ਅਤੇ ਹਿਊਨਸਾਂਗ ਮੁੱਖ ਸਨ ।
  • ਤਿੱਬਤ – ਤਿੱਬਤ ਇੱਕ ਪਹਾੜੀ ਤ ਹੈ । ਇਹ ਚੀਨ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਸਥਿਤ ਹੈ । ਇੱਥੇ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਸੱਤਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਇਆ । ਕੁਝ ਤਿੱਬਤੀ ਵਿਦਵਾਨ ਭਾਰਤ ਆਏ ਅਤੇ ਇੱਥੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕੀਤਾ । ਦੋ ਭਾਰਤੀ ਵਿਦਵਾਨ ਸ਼ਾਂਤੀ ਰਕਰਸ਼ਕ ਅਤੇ ਪਦਮ ਸੰਭਵ ਨੇ ਤਿੱਬਤ ਵਿੱਚ ਜਾ ਕੇ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਕੀਤਾ । ਇੱਥੋਂ ਦੀ ਰਾਜਧਾਨੀ ਲਹਾਸਾ ਵਿੱਚ ਅਨੇਕਾਂ ਬੋਧੀ ਮੱਠ ਬਣਵਾਏ ਗਏ | ਅੱਜ ਵੀ ਤਿੱਬਤ ਦੇ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਲੋਕ ਬੁੱਧ ਧਰਮ ਦੇ ਪੈਰੋਕਾਰ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅਰਬਾਂ ਦੇ ਸਿੰਧ ’ਤੇ ਹਮਲੇ ਦੇ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ । ਉੱਤਰ-ਮੁਹੰਮਦ-ਬਿਨ-ਕਾਸਿਮ ਨੇ 712 ਈ: ਵਿੱਚ ਸਿੰਧ ’ਤੇ ਹਮਲਾ ਕੀਤਾ ਸੀ ।
ਕਾਰਨ-
(1) ਅਰਬ ਦੇ ਮੁਸਲਮਾਨ ਸ਼ਾਸਕ ਭਾਰਤ ‘ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰ ਕੇ ਇਸ ਨੂੰ ਅਰਬ ਸਾਮਰਾਜ ਦਾ ਇੱਕ ਭਾਗ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ ।

(2) ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਭਾਰਤ ਦੀ ਅਪਾਰ ਧਨ-ਦੌਲਤ ਬਾਰੇ ਸੁਣ ਰੱਖਿਆ ਸੀ । ਉਹ ਭਾਰਤ ‘ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰ ਕੇ ਇੱਥੋਂ ਦਾ ਧਨ ਲੁੱਟਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ ।

(3) ਉਹ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਇਸਲਾਮ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਸਾਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ ।

(4) ਅਰਬ ਦੇ ਕੁਝ ਵਪਾਰੀ ਆਪਣੇ ਜਹਾਜ਼ ਲੈ ਕੇ ਦੇਵਲ ਬੰਦਰਗਾਹ ‘ਤੇ ਰੁਕੇ । ਉੱਥੇ ਕੁਝ ਸਮੁੰਦਰੀ ਡਾਕੂਆਂ ਨੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਮਾਲ ਲੁੱਟ ਲਿਆ । ਖਲੀਫ਼ਾ ਨੂੰ ਜਦੋਂ ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਪਤਾ ਲੱਗਾ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਗੁੱਸਾ ਆਇਆ । ਉਸ ਨੇ ਬਸਰਾ ਦੇ ਗਵਰਨਰ ਨੂੰ ਸਿੰਧ ’ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰਨ ਦੀ ਆਗਿਆ ਦਿੱਤੀ । ਬਸਰਾ ਦੇ ਗਵਰਨਰ ਨੇ ਸਿੰਧ ਦੇ ਰਾਜੇ ਦਾਹਿਰ ਤੋਂ ਲੁਟੇਰਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਲੁੱਟੇ ਹੋਏ ਮਾਲ ਦਾ ਹਰਜ਼ਾਨਾ ਮੰਗਿਆ । ਪਰ ਦਾਹਿਰ ਨੇ ਇਹ ਕਹਿ ਕੇ ਹਰਜ਼ਾਨਾ ਦੇਣ ਤੋਂ ਨਾਂਹ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਕਿ ਸਮੁੰਦਰੀ ਲੁਟੇਰੇ ਉਸ ਦੇ ਅਧੀਨ ਨਹੀਂ ਹਨ । ਇਹ ਜਵਾਬ ਮਿਲਦਿਆਂ ਹੀ ਬਸਰਾ ਦੇ ਗਵਰਨਰ ਨੇ ਸਿੰਧ ’ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ, ਪਰ ਉਹ ਹਾਰ ਗਿਆ । ਇਸ ਹਾਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਸ ਨੇ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ਾਲ ਸੈਨਾ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਅਤੇ 712 ਈ: ਵਿੱਚ ਮੁਹੰਮਦ-ਬਿਨ-ਕਾਸਿਮ ਨੂੰ ਸਿੰਧ ’ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰਨ ਲਈ ਭੇਜ ਦਿੱਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਅਰਬਾਂ ਦੇ ਸਿੰਧ ’ਤੇ ਹਮਲੇ ਦਾ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰਬਾਂ ਦੇ ਸਿੰਧ ’ਤੇ ਹਮਲੇ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਬਹੁਤ ਥੋੜੇ ਸਮੇਂ ਲਈ ਹੀ ਰਿਹਾ ਕਿਉਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਜਿੱਤ ਸਥਾਈ ਨਹੀਂ ਸੀ | ਪਰ ਇਸ ਹਮਲੇ ਦੇ ਕੁਝ ਅਪ੍ਰਤੱਖ ਸਿੱਟੇ ਨਿਕਲੇ, ਜਿਹਨਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ-

  1. ਅਰਬ ਦੇਸ਼ਾਂ ਨੂੰ ਭਾਰਤ ਦੀ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਦਾ ਪਤਾ ਲੱਗ ਗਿਆ ।
  2. ਭਾਰਤ ਅਤੇ ਪੱਛਮੀ ਦੇਸ਼ਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਨਵਾਂ ਰਸਤਾ ਖੁੱਲ੍ਹ ਗਿਆ ।
  3. ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਇਸਲਾਮ ਧਰਮ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਅਤੇ ਪ੍ਰਚਾਰ ਹੋਇਆ ।
  4. ਅਰਬ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਭਾਰਤ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਕੁਝ ਸਿੱਖਿਆ, ਜਿਵੇਂ ਤਾਰਿਆਂ ਦੀ ਵਿੱਦਿਆ, ਚਿੱਤਰਕਾਰੀ, ਦਵਾਈਆਂ ਅਤੇ ਸੰਗੀਤ ਆਦਿ ।
  5. ਕਈ ਭਾਰਤੀ ਵਿਦਵਾਨਾਂ ਨੂੰ ਬਗ਼ਦਾਦ ਸੱਦਿਆ ਗਿਆ । ਉੱਥੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਭਾਰਤੀ ਸਭਿਆਚਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਕੀਤਾ।