PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
एक पूर्णांकित चित्र की सहायता से मनुष्य की आँख की बनावट और कार्यविधि की व्याख्या करो।
उत्तर-
आँख की रचना-सिर की खोपड़ी के आगे के भाग में दो कटोरियां-सी होती हैं जिनमें एक-एक गोलाकार आँख होती है। मनुष्य की आँख लगभग 2.5 सेमी० व्यास का गोला है। इसके निम्नलिखित प्रमुख भाग हैं-
दृढ़ीकृत स्कलेरॉटिक (Sclerotic)-यह आँख की सबसे बाहरी कठोर परत होती है इसलिए आँख को चोट आदि से बचाती है।

कार्निया (Cornea)-आँख के सामने का थोड़ा-सा भाग पारदर्शी तथा शेष भाग अपारदर्शी होता है। आँख के उभरे हुए पारदर्शी भाग को कार्निया (Cornea) कहते हैं।

कोरायड (Choroid)-यह आँख की स्कलेरॉटिक के नीचे आने वाली दूसरी परत है। यह अपारदर्शी तथा कठोर होती है। यह परत अंदर से काली होती है ताकि आने वाला प्रकाश न बिखरे।

आइरिस (Iris)-कोरायड के अगले भाग में एक पर्दा होता है, जिसे परितारिका या आइरिस (Iris) कहते हैं। आइरिस का रंग भूरा या काला होता है। आइरिस से ठीक मध्य में एक छिद्र होता है जिसे पुतली (Pupil) कहते हैं। पुतली का आकार कम या ज्यादा हो सकता है। अधिक प्रकाश में पुतली छोटी हो जाती है ताकि कम प्रकाश ही आँख के भीतर जाए।

आँखों का लैंस (Eyes Lens)-आँख का लेंस एक उभयोत्तल लैंस (Double Convex Lens) होता है। इसकी सहायता से प्रकाश के अपवर्तन द्वारा रेटिना पर प्रतिबिंब बनता है।

पक्ष्माभ माँसपेशियां (Ciliary Muscles)-पक्ष्माभ माँसपेशियां आँख के लैंस को जकड़कर रखती हैं। ये इस लैंस की फोकस दूरी परिवर्तित करने में सहायता करती हैं।

पुतली (Pupil) आइरिस के केंद्र में एक छिद्र होता है जिसमें से प्रकाश निकलकर लेंस पर रेटिना पड़ता है। इस छिद्र को पुतली कहा जाता है।

नेत्रोद या ऐक्विअस हमर (Aqueous पीत बिंदु Humour) कॉर्निया और आँख के लैंस का मध्य कार्निया अंध बिंदु भाग एक पारदर्शी द्रव से भरा होता है, जिसे ऐक्विअस ह्यमर कहते हैं।

काचाभ द्रव या विट्रियस ह्यूमर (Vitreous Humour)-आँख के लैंस और रेटिना के मध्य का मांसपेशी भाग जैली जैसे पारदर्शी द्रव से भरा होता है, जिसे विट्रियस ह्यूमर कहते हैं।

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रेटिना या दृष्टिपटल (Retina)-आँख की तीसरी परत रेटिना कहलाती है। यह आँख में पर्दे का कार्य करती है जिस पर वस्तुओं के प्रतिबिंब बनते हैं। रेटिना में प्रकाश संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं जो दृक् तंत्रिका । (Optic Nerve) से जुड़ी होती हैं।

दृक् तंत्रिका (Optic Nerve)-इसके द्वारा सूचना मस्तिष्क तक पहुंचाई जाती है। (xii) मुख्य अक्ष (Principal Axis)-काल्पनिक रेखा ry आँख के प्रकाशीय तंत्र का मुख्य अक्ष है।

अंध बिंदु (Blind Spot)-आँख का वह भाग, जिसमें दृक् तंत्रिका है, प्रकाश के प्रति बिलकुल भी संवेदनशील नहीं होती और इसे अंध-बिंदु कहा जाता है। यदि किसी वस्तु का प्रतिबिंब अंध-बिंदु पर बने तो यह दिखाई नहीं देता।

पीत बिंदु (Yellow Spot) रेटिना का केंद्रीय भाग, जो आँख के दृक् अक्ष पर होता है, प्रकाश के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होता है उसे पीत बिंदु कहा जाता है।

आँख की पलकें (Eve lids) – आँख की पलकें आँख पर पड़ रहे प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती हैं ! ये आँख की धूल आदि से भी रक्षा करती हैं।

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प्रश्न 2.
मनुष्य की आँख के दोष कौन-कौन से हैं ? ये कैसे दूर किये जा सकते हैं ? चित्रों द्वारा स्पष्ट करें।
अथवा
मानव आँख के कौन-कौन से दोष हैं ? इन्हें कैसे दूर किया जाता है ? चित्रों की सहायता से समझाओ।
उत्तर-
मनुष्य की आँख के दोष- एक सामान्य स्वस्थ आँख अपनी फोकस दूरी को इस प्रकार संयोजित करती है कि पास तथा दूर पड़ी सभी वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना (Retina) पर बन जाए परंतु कभी-कभी आँख की इस संयोजन शक्ति में कमी आ जाती है जिससे प्रतिबिंब दृष्टिपटल पर ठीक से नहीं बनता है। इससे दीर्घ दृष्टि (Long Sightedness) तथा निकट दृष्टि (Short Sightedness) के दोष हो जाते हैं। इनके अतिरिक्त प्रेस्बायोपिया, रंगांधता और एस्टग्माटिज्म रोग भी बहुत सामान्य है।
1. दीर्घ-दृष्टि दोष (Long Sightedness or Hypermotropia)-इस दोष से ग्रसित व्यक्ति को दूर स्थित वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु समीप पड़ी हुई वस्तुएं स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। इसका कारण यह है कि समीप स्थित वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना के पीछे बनता है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
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दीर्घ-दृष्टि दोष के कारण –

  • नेत्र गोलक (Eyeball) का छोटा होना।
  • आँख के क्रिस्टलीय लैंस की फोकस दूरी का अधिक हो जाना।

दीर्घ-दृष्टि दोष को दूर करना-इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लैंस (Convex Lens) का प्रयोग किया जाता है। इस लैंस के प्रयोग से निकट बिंदु से आने वाली प्रकाश किरणें किसी दूर के बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं तथा समीप पड़ी वस्तुएं स्पष्ट दिखाई देने लगती हैं।
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2. निकट-दृष्टि दोष (Short Sightedness or Myopia)-इस दोष वाली आँख के पास की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु दूर स्थित वस्तुएं ठीक दिखाई नहीं देती या धुंधली दिखाई देती हैं। इसका अभिप्राय यह है कि दूर बिंदु अनंत की तुलना में कम दूरी पर आ जाता है।
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निकट-दृष्टि दोष के कारण-इस दोष के उत्पन्न होने के कारण –

  • क्रिस्टलीय लेंस की फोकस दूरी का कम हो जाना।
  • नेत्र गोलक (Eyeball) का लंबा हो जाना अर्थात् रेटिना तथा लैंस के बीच की दूरी बढ़ जाना होता है।

निकट दृष्टि दोष को दूर करना- इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लैंस (Concave Lens) का प्रयोग करना पड़ता है जिसकी फोकस दूरी आँख के दूर बिंदु के समान होती है।
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3. रंगांधता (Colour Blindness)-यह एक ऐसा रोग है जो जैविक कारणों से होता है। यह वंशानुगत होता है। इस रोग में रोगी विशेष रंगों की पहचान नहीं कर पाता क्योंकि उसकी आँखों में रेटिना पर शंकु (cone) जैसी संरचनाएं अपर्याप्त होती हैं। आँखों में लाल, नीले और हरे रंग को पहचानने वाली कोशिकाएं होती हैं। रंगान्ध व्यक्ति की आँख में कम शंक्वाकार रचनाओं के कारण वह विशेष रंगों को नहीं पहचान पाता। इस रोग का कोई उपचार नहीं है। ऐसा व्यक्ति प्रत्येक वस्तु ठीक प्रकार से देख सकता है पर कुछ रंगों की पहचान नहीं कर पाता।

4. प्रेस्बायोपिया (Presbyopia)- यह रोग आयु से संबंधित है। लगभग सभी व्यक्तियों को यह रोग 40 वर्ष की आयु के बाद हो जाता है। आँख के लैंस की लचक आयु के साथ कम हो जाती है। सिलियरी माँसपेशियाँ आँख के लैंस की फोकस दूरी को परिवर्तित नहीं कर पाती जिस कारण निकट की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती। निकट दृष्टि और दूर-दृष्टि के मिले-जुले इस रोग को दूर करने के लिए उत्तल और अवतल लैंस से युक्त दो चश्मों या बाइफोकल चश्मे में दोनों लैंसों के साथ-साथ प्रयोग से इसे सुधारा जा सकता है।

5. एस्टेग्माटिज्म (Astigmatism)-एस्टेग्माटिज्म से ग्रस्त व्यक्ति एक साथ अपनी दोनों आँखों को फोकस नहीं कर पाता। यह रोग कॉर्निया के पूर्ण रूप से गोलाकार न होने के कारण होता है। विभिन्न दिशाओं में वक्रता भिन्न होती है। व्यक्ति लंबाकार दिशा में ठीक प्रकार से दृष्टि फोकस नहीं कर पाता। इस रोग को सिलेण्ड्रीकल लैंस लगे चश्मे से सुधारा जा सकता है।

प्रश्न 3.
प्रिज्म किसे कहते हैं ? चित्र खींचकर प्रिज्म द्वारा प्रकाश का विचलन समझाइए।
उत्तर-
प्रिज्म-किसी पारदर्शी माध्यम का वह भाग जो किसी कोण पर झुके हुए दो समतल पृष्ठों के बीच स्थित होता है, प्रिज्म कहलाता है। प्रिज्म के जिन पृष्ठों से अपवर्तन होता है उन पृष्ठों (सतहों) को अपवर्तक पृष्ठ (सतह) तथा इनके बीच के कोण को प्रिज्म कोण कहते हैं।
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प्रिज्म द्वारा प्रकाश का विचलन–मान लें PQR B काँच के एक प्रिज्म का मुख्य परिच्छेद है। मान लें एक प्रकाश किरण BC प्रिज्म के पृष्ठ PR के बिंदु C पर आपतित होती है। इस पृष्ठ पर अपवर्तन के पश्चात् यह प्रकाश किरण बिंदु C पर खींचे गए अभिलंब की ओर झुककर CD दिशा में चली जाती है। किरण CD दूसरे अपवर्तक पृष्ठ QR के बिंदु D पर आपतित होती है और अपवर्तन के पश्चात् बिंदु D पर खींचे गए अभिलंब से दूर हटकर DE दिशा में निर्गत हो जाती है; अत: प्रिज्म BC दिशा में आने वाली किरण को DE दिशा में विचलित कर देता है। इस प्रकार प्रिज्म, प्रकाश की दिशा में ‘कोणीय विचलन’ उत्पन्न कर देता है। आपतित किरण BC को आगे तथा निर्गत किरण DE को पीछे की तरफ बढ़ाने पर ये एक-दूसरे को बिंदु G पर काटती हैं। इन दोनों के बीच बना कोण FGD विचलन कोण कहलाता है। इसे (डेल्टा) से प्रदर्शित करते हैं।

विचलन कोण का मान प्रिज्म के पदार्थ के-

  • अपवर्तनांक तथा
  • आपतित किरण के आपतन कोण पर निर्भर करता है।

यदि प्रिज्म पर पड़ने वाली किरण के आपतन कोण i के मान को बढ़ाते जाएँ तो विचलन कोण δ का मान घटता जाता है तथा एक विशेष आपतन कोण के लिए विचलन कोण न्यूनतम हो जाता है। इस न्यूनतम विचलन कोण को अल्पतम विचलन कोण कहते हैं।
यदि किसी प्रिज्म का कोण A तथा किसी रंग की किरण के लिए अल्पतम विचलन कोण δm है तो

प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक µ = \(\frac{\sin \left(\frac{\mathrm{A}+\delta_{m}}{2}\right)}{\sin \frac{\mathrm{A}}{2}}\)

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प्रश्न 4.
प्रिज्म द्वारा सूर्य के प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण से क्या तात्पर्य है ? आवश्यक चित्र द्वारा प्रदर्शित कीजिए तथा वर्ण-विक्षेपण का कारण भी समझाइए।
अथवा
प्रकाश की एक किरण प्रिज्म से होकर गुजरती है और पर्दे पर स्पेक्ट्रम प्राप्त होता है –
(क) एक चित्र बनाइए जो श्वेत प्रकाश का स्पेक्ट्रम प्रदर्शित करता है।
(ख) स्पेक्ट्रम के सात रंगों का क्रम से नाम बताइए।
(ग) स्पेक्ट्रम के किस रंग का विचलन सबसे अधिक व किसका सबसे कम होता है ?
उत्तर-
वर्ण-विक्षेपण- श्वेत प्रकाश किरण का अपने अवयवी रंगों की प्रकाश किरणों में विभाजित होने की प्रक्रिया प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण कहलाता है।

(क) प्रिज्म द्वारा प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण से प्राप्त स्पेक्ट्रम-जब सूर्य की श्वेत प्रकाश किरण किसी प्रिज्म में से गुजरती है तो वह अपवर्तन के कारण अपने मार्ग से परदा विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुककर विभिन्न रंगों की किरणों में विभाजित हो जाती है। इस प्रकार से उत्पन्न हुए विभिन्न रंगों के समूह को स्पेक्ट्रम (Spectrum) कहते हैं। इस स्पेक्ट्रम का एक सिरा लाल तथा दूसरा सिरा बैंगनी होता है।
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(ख) सामान्यतः हमारी आँख को स्पेक्ट्रम के रंग सात समूहों के रूप में दिखाई पड़ते हैं। प्रिज्म के आधार की ओर से ये रंग बैंगनी (Violet), नीला (जम्बुकी नीला, Indigo), आसमानी (Blue), हरा (Green), पीला (Yellow), नारंगी (Orange) तथा लाल (Red) के क्रम में होते हैं। रंगों के इस क्रम को अंग्रेज़ी के शब्द VIBGYOR (विबग्योर) से आसानी से याद रखा जा सकता है।

(ग) जब श्वेत प्रकाश की किरण प्रिज्म में से गुज़रती है तो श्वेत प्रकाश में उपस्थित भिन्न-भिन्न रंगों की किरणों में प्रिज्म द्वारा उत्पन्न विचलन भिन्न-भिन्न होता है। लाल प्रकाश की किरण में विचलन सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश की किरण में विचलन सबसे अधिक होता है। अन्य रंगों की किरणों में विचलन लाल व बैंगनी किरणों के बीच में होता है। बैंगनी रंग की तरंगदैर्घ्य सबसे कम तथा लाल रंग की तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होती है।

प्रिज्म द्वारा प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण का कारण-किसी पारदर्शी पदार्थ जैसे काँच का अपवर्तनांक प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है। अपवर्तनांक लाल रंग के प्रकाश के लिए सबसे कम तथा बैंगनी रंग के प्रकाश के लिए सबसे अधिक होता है। जब कोई प्रकाश किरण काँच के प्रिज्म में से गुजरती है तो वह अपने पथ से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुक जाती है। चूंकि प्रकाश में उपस्थित भिन्न-भिन्न रंगों की किरणों में विचलन भिन्न-भिन्न होता है इसलिए लाल रंग के प्रकाश की किरण प्रिज्म के आधार की ओर सबसे कम तथा बैंगनी रंग के प्रकाश की किरण प्रिज्म के आधार की ओर सबसे अधिक झुकेगी।

इस प्रकार, श्वेत रंग के प्रकाश का प्रिज्म में से गुज़रने पर वर्णविक्षेपण हो जाता है। आयताकार स्लैब में श्वेत रंग के प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण नहीं होता, क्योंकि आयताकार स्लैब द्वारा प्रकाश किरणों का विचलन नहीं होता बल्कि पार्श्व विस्थापन होता है। स्लैब में आपतित किरण तथा निर्गत किरण परस्पर समांतर हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
सूर्य का प्रकाश विभिन्न सात रंगों के प्रकाश का सम्मिश्रण है। प्रयोग द्वारा इस तथ्य की पुष्टि कैसे की जा सकती है ?
अथवा
सूर्य का श्वेत प्रकाश विभिन्न रंगों के प्रकाश का सम्मिश्रण है।” प्रिज्म की सहायता से आवश्यक किरण आरेख खींचकर कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर-
“सूर्य का प्रकाश विभिन्न सात रंगों का सम्मिश्रण है”-प्रिज्म द्वारा सूर्य के प्रकाश का स्पेक्ट्रम प्राप्त होने के निम्नलिखित दो संभव कारण हैं

  1. प्रिज्म अपने में से गुजरने वाले प्रकाश को स्वयं ही विभिन्न रंगों में विभक्त कर देता है।
  2. सूर्य का प्रकाश विभिन्न सात रंगों के प्रकाश से मिलकर बना है। प्रिज्म इन रंगों को विभक्त कर देता है।

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वास्तव में, दूसरा कारण सत्य है। इस कारण को निम्नांकित प्रयोग द्वारा सत्यापित किया जा सकता है। श्वेत प्रकाश का अवयवी सात रंगों के सम्मिश्रण का सत्यापन-प्रिज्म 1 तथा 2 अंधेरे कमरे में रखें। इन दोनों के बीच में परदा रखें, जिसमें एक बहुत छोटा-सा छिद्र बना हुआ हो। एक बारीक छिद्र H द्वारा प्रिज्म 1 पर सूर्य का प्रकाश डालें। प्रिज्म 1 के दूसरी ओर रखे परदे पर स्पेक्ट्रम प्राप्त करते हैं। परदे के छिद्र द्वारा स्पेक्ट्रम के

किसी एक रंग जैसे हरे रंग के प्रकाश को प्रिज्म 2 पर डालते हैं तथा प्रिज्म 2 से निर्गत प्रकाश को देखते हैं। प्रिज्म 2 से नए रंग का प्रकाश प्राप्त नहीं होता है। इस प्रकार, परदे के छिद्र के द्वारा क्रमशः प्रत्येक रंग का प्रकाश प्रिज्म 2 पर डालने से प्रिज्म 2 से निर्गत प्रकाश उसी रंग का प्राप्त होता है, जिस रंग का प्रिज्म 2 पर डाला गया था। इससे निष्कर्ष निकलता है कि प्रिज्म प्रकाश को रंग नहीं देता है।

श्वेत प्रकाश श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम से श्वेत प्रकाश का पुनर्योजन-अब दूसरा सर्व सम प्रिज्म पहले प्रिज्म के सापेक्ष उल्टी स्थिति में रखो ताकि स्पेक्ट्रम के सभी वर्ण दूसरे प्रिज्म में से होकर गुज़रे। अब दूसरे प्रिज्म में से श्वेत प्रकाश का पुंज निर्गत हुआ। इससे सिद्ध हुआ कि कोई भी प्रकाश जो सूर्य के प्रकाश के समान स्पेक्ट्रम चित्र-श्वेत प्रकाश के स्पेक्ट्रम का पुनर्योजन बनाता है वह श्वेत प्रकाश है।
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लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मनुष्य की आँख को ईश्वर के श्रेष्ठतम उपहारों में से एक क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
कहा जाता है कि आँख है तो संसार है। ईश्वर से प्राप्त आँखों द्वारा ही मनुष्य देख पाता है अर्थात् वह अलग-अलग वस्तुओं की ठीक प्रकार से पहचान कर पाता है, रंगों की पहचान कर सकता है, बिना छुए छोटे-बड़े में अंतर कर सकता है, पढ़-लिख सकता है और संसार के सभी आश्चर्यों को जान सकता है। इसीलिए आँखों को ईश्वर के श्रेष्ठतम उपहारों में से एक माना जाता है।

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प्रश्न 2.
जब हम किसी अंधेरे कमरे में प्रविष्ट करते हैं तो हमें कुछ समय के लिए कुछ भी दिखाई नहीं देता और अंधेरे में देर तक रहने के बाद अचानक तेज़ प्रकाश में भी हमारी आँखें कुछ देख नहीं पातीं। क्यों ?
उत्तर-
कॉर्निया के पीछे आइरिस (Iris) होती है जो पुतली के आकार को नियंत्रित करती हैं। इसके द्वारा आँख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की तीव्रता पर नियंत्रण रखा जाता है। जब हम किसी अंधेरे कमरे में प्रवेश करते हैं तो रेटिना पर बनने वाले बिंब के लिए अधिक प्रकाश की आवश्यकता होती है। इसे आँख के भीतर प्रकाश भेजने के लिए कुछ फैलना पड़ता है जिसके लिए कुछ समय लगता है। उस समय हमें दिखाई नहीं देता। इसी प्रकार अंधेरे में बैठे रहने से पुतलियां फैल जाती हैं ताकि अधिक प्रकाश भीतर जा सके। अचानक तेज़ प्रकाश आ जाने की स्थिति में इसे सिकुड़ने में समय लगता है जिस कारण हम कुछ देख नहीं पाते।

प्रश्न 3.
नेत्र गोलक के आगे लगा लेंस कैसा होता है ? इसका मुख्य काम क्या है ?
उत्तर-
मानवीय आँख में नेत्र गोलक के आगे लगा लेंस रेशेदार जैली का बना हुआ उत्तल लैंस होता है। इसकी वक्रता सिलियरी मांसपेशियों द्वारा नियंत्रित होती है। कॉर्निया और एक्वस ह्यूमर प्रकाश की अधिकांश किरणों का अपवर्तन कर देती हैं। क्रिस्टलीय लेंस उनकी फोकस दूरी को सुनिश्चित उचित रूप प्रदान करता है ताकि वे रेटिना पर वस्तु का प्रतिबिंब बना सकें।

प्रश्न 4.
दृष्टि पटल (Retina) का कार्य लिखिए।
उत्तर-
दृष्टिपटल (रेटिना) का कार्य-नेत्र के उचित कार्य के लिए दृष्टि पटल (Retina) अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। ये नेत्र गोलक का भीतरी पर्दा है जिसका रूप अत्यंत कोमल झिल्ली के समान होता है। इस पर असंख्य प्रकाश संवेदी कोशिकाएं होती हैं। इस पर दंड (Rods) और शंकु (Cones) जैसी रचनाएं होती हैं जो प्रकाश और रंगों के प्रति संवेदनशील होती हैं। यही प्रकाश की संवेदना को संकेतों के रूप में मस्तिष्क तक दृष्टि तंत्रिका के माध्यम से भेजती हैं जिससे हमें दिखाई देता है।

प्रश्न 5.
हम बहुत निकट से पढ़ने में कठिनाई क्यों अनुभव करते हैं ?
उत्तर-
नेत्र लेंस अपनी क्षमता और गुणों के कारण फोकस दूरी को कुछ सीमा तक बदलता है परंतु एक निश्चित सीमा से नीचे तक फोकस दूरी को नहीं बदल सकता। यदि कोई वस्तु आँख के बहुत निकट हो तो इसमें इतना परिवर्तन नहीं होता कि उसे ठीक-ठीक देखने में सहायता दे। इसीलिए हमें बहुत निकट से पढ़ने में कठिनाई अनुभव होती है। ऐसा करने से आँखों पर दबाव पड़ता है और धुंधला दिखाई देता है।

प्रश्न 6.
रेटिना से मस्तिष्क तक संकेत कैसे पहुंचते हैं ?
उत्तर-
पुतली से प्रकाश-किरणें नेत्र में प्रवेश कर अभिनेत्र लैंस के माध्यम से रेटिना पर किसी वस्तु का उल्टा, छोटा तथा वास्तविक प्रतिबिंब बनाती हैं। रेटिना पर बहुत बड़ी संख्या में प्रकाश सुग्राही कोशिकाएँ होती हैं जो सक्रिय होकर विद्युत् सिग्नल उत्पन्न करती हैं। ये सिग्नल दृक तंत्रिकाओं के द्वारा मस्तिष्क तक पहुँचा दिए जाते हैं और मस्तिष्क उनकी व्याख्या कर लेता है।

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प्रश्न 7.
कभी-कभी कुछ लोग दूर या निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए आँखें सिकोड़ कर देखते हैं। क्यों ?
उत्तर-
हमारी आँख का लैंस रेशेदार जेली जैसा होता है जिसकी वक्रता को कुछ सीमा तक पक्ष्माभी पेशियों द्वारा बदला जा सकता है। इसकी वक्रता में परिवर्तन से इसकी फोकस दूरी बदल जाती है। जब पेशियां शिथिल होती हैं तो लैंस पतला हो जाता है उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है और हमें दूर की वस्तु कुछ साफ़ दिखाई देने लगती है। पक्ष्माभी पेशियों को सिकोड़ लेने से अभिनेत्र लैंस की वक्रता बढ़ जाती है और यह मोटा हो जाता है जिस कारण लैंस की फोकस दूरी कम हो जाती है जिससे हम निकट रखी वस्तु को साफ-साफ देख सकते हैं।

प्रश्न 8.
वृद्ध लोगों को पढ़ने के लिए प्रायः चश्मा लगाना पड़ता है। क्यों ?
उत्तर-
लगभग साठ वर्ष की आयु में दृष्टि का निकट बिंदु 20 सेमी० हो जाता है जो युवावस्था सामान्य दृष्टि रखने वालों में 25 सेमी० होता है। ऐसा होने से पढ़ने में कठिनाई होती है और उत्तल लैंस का चश्मा लगाना पड़ता है।

प्रश्न 9.
हमें एक की अपेक्षा दो आँखों से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
हमें भगवान् ने एक आँख की बजाय दो आँखें देखने के लिए प्रदान की हैं। इसके हमें निम्नलिखित लाभ-

  1. हमारा दृष्टि-क्षेत्र विस्तृत हो जाता है।
  2. एक आँख होने की स्थिति में हमारा क्षैतिज दृष्टि क्षेत्र लगभग 150° होता है, लेकिन दो आँखों के कारण यह लगभग 180° है।
  3. किसी मंद प्रकाशित वस्तु को देखने की क्षमता एक आँख की अपेक्षा दो आँखों से बढ़ जाती है।

प्रश्न 10.
मोतिया बिंद (Cataract) किसे कहते हैं ? इसका क्या उपचार होता है ?
उत्तर-
आँख के लैंस के पीछे अनेक कारणों से एक झिल्ली-सी जम जाती है जिस कारण पारदर्शी लैंस के पार प्रकाश की किरणों के गुज़रने में रुकावट उत्पन्न होती है। कभी-कभी लैंस पूरी तरह अपारदर्शी भी बन जाता है। शल्य चिकित्सा के द्वारा उस खराब लैंस को बाहर निकाल दिया जाता है। उसके स्थान पर उचित शक्ति का कान्टेक्ट लैंस लगाने या शल्य-चिकित्सा के बाद चश्मा लगाने से ठीक दिखाई देने लगता है।

प्रश्न 11.
चाक्षुष विकृति किस-किस कारण संभव हो सकती है ?
उत्तर-
नेत्र बहुत कोमल और संवेदनशील ज्ञानेंद्रिय है और यह दृष्टितंत्र के किसी भी भाग के क्षतिग्रस्त होने से सदा के लिए खराब हो सकते हैं। कॉर्निया, पुतली, अभिनेत्र लैंस, काचाभ द्रव, रेटिना, दृक तंत्रिका आदि किसी के भी क्षतिग्रस्त होने से चाक्षुष विकृति संभव हो सकती है।

प्रश्न 12.
नेत्रदान की क्या आवश्यकता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
नेत्रदान को महादान कहा जाता है। बिना आँखों के संसार का अंधेरा बहुत दुःखद है। इस संसार में लगभग 3.5 करोड़ लोग नेत्रहीन हैं जिनमें से लगभग 45 लाख कॉर्निया अंधता से पीड़ित हैं। इन 45 लाख में 60% तो वे बच्चे हैं जिनकी आयु 12 वर्ष से भी कम है। ऐसे पीड़ित लोगों को कॉर्निया प्रतिरोपण से संसार का उजाला दिया जा सकता है। इसलिए मृत्यु के बाद हमें अपनी और अपनों की आँखें दान करने से किसी को रोशनी मिल सकती है।

प्रश्न 13.
नेत्रदान करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  • मृत्यु के बाद 4 से 6 घंटे के भीतर ही नेत्रदान हो जाना चाहिए।
  • नेत्रदान समीपवर्ती नेत्र बैंक को दिया जाना चाहिए। उनकी टीम दिवंगत व्यक्ति के घर या निकटवर्ती अस्पताल में 10-15 मिनट में नेत्र निकाल लेती है।
  • नेत्रदान एक सरल प्रक्रिया है और इससे किसी प्रकार का विरुपण नहीं होता।

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प्रश्न 14.
स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी-यदि वस्तु नेत्र के बहुत अधिक समीप हो तो वह स्पष्ट दिखाई नहीं देती; अतः वह निकटतम बिंदु जिस पर स्थित वस्तु को नेत्र अपनी अधिकतम समंजन-क्षमता लगाकर स्पष्ट देख सकता है, नेत्र का निकट बिंदु कहलाता है। नेत्र से निकट बिंदु तक की दूरी स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कहलाती है। सामान्य नेत्र के लिए यह दूरी 25 cm होती है।

प्रश्न 15.
एक 14-वर्षीय बालक, उससे 5 मीटर दूर रखे हुए श्यामपट्ट पर लिखे प्रश्न को भली-भाँति नहीं देख पाता है।
(i) उस दृष्टि-दोष का नाम बताइए जिससे वह प्रभावित है।
(ii) एक नामांकित चित्र की सहायता से दिखाइए कि कैसे इस दोष का निवारण हो सकता है ?
उत्तर-
(i) वह निकट-दृष्टि दोष (Myopia) से पीड़ित है।
(ii)
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इसका संशोधन इस दोष के संशोधन के लिए उचित फोकस दूरी के अवतल लैंस का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 16.
वर्षा के बाद आकाश में इंद्रधनुष क्यों और कैसे बनता है ? चित्र सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
इंद्रधनुष वर्षा के बाद कभी-कभी दिखाई देने वाला सुंदर दृश्य है जो आकाश में अपने रंगों की अद्भुत छटा बिखरा देता है। यह प्राकृतिक स्पेक्ट्रम है जो वर्षा के पश्चात् आकाश में जल के सूक्ष्म कणों में दिखाई देता है। यह वायुमंडल में उपस्थित जल की छोटी-छोटी बूंदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण प्राप्त होता है। इंद्र धनुष हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में बनता है।

जल की सूक्ष्म बूंदें छोटे प्रिज्मों की तरह कार्य करती हैं। सूर्य के आपतित प्रकाश को ये बूंदें अपवर्तित तथा विक्षेपित करती हैं और फिर इसे आंतरिक परावर्तित करती हैं। जल की बूंद से बाहर निकलते समय प्रकाश को पुनः अपवर्तित करती हैं। प्रकाश के परिक्षेपण तथा आंतरिक परावर्तन के कारण विभिन्न वर्ण प्रेक्षक के नेत्रों तक पहुँचते हैं। इसी को इंद्रधनुष कहते हैं।
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प्रश्न 17.
कारण दीजिए, सूर्य उसके वास्तविक उदय से दो मिनट पहले देखा जा सकता है।
उत्तर-
वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण, सूर्य से आने वाली किरणें वायुमंडल में प्रवेश करने पर अभिलंब की ओर झुक जाती हैं जिसके कारण सूर्य की वास्तविक स्थिति जब क्षितिज से नीचे होती है, सूर्य हमें दिखाई देने लगता है। इसी प्रकार सूर्यास्त के समय भी जब सूर्य क्षितिज से नीचे चला जाता है, सूर्य आभासी स्थिति में दिखाई देता है। इस प्रकार सूर्य वास्तविक सूर्योदय से 2 मिनट पूर्व एवं वास्तविक सूर्यास्त के 2 मिनट बाद तक दिखाई देता है।

प्रश्न 18.
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य की चक्रिका चपटी क्यों प्रतीत होती है ?
उत्तर-
वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण, सूर्य हमें वास्तविक सूर्योदय से लगभग 2 मिनट पहले दिखाई देने लगता है तथा वास्तविक सूर्यास्त के लगभग 2 मिनट बाद तक दिखाई देता रहता है। वास्तविक सूर्योदय से अर्थ हैसूर्य द्वारा वास्तव में क्षितिज को पार करना। सूर्य की क्षितिज के सापेक्ष वास्तविक तथा आभासी स्थितियाँ चित्र में दर्शायी गयी हैं। वास्तविक सूर्यास्त और आभासी सूर्यास्त के बीच समय का अंतर लगभग 2 मिनट है। इसी परिघटना के कारण ही सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य की चक्रिका चपटी प्रतीत होती है।
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प्रश्न 19.
टिंडल प्रभाव क्या है ? समझाइए।
उत्तर-
टिंडल प्रभाव (Tyndall Effect)-जिस प्रकार अंधेरे कमरे में प्रकाश की किरण में, वायु में धूल के कण चमकते हुए दिखाई पड़ते हैं, उसी प्रकार लेसों से केंद्रित प्रकाश को कोलॉइडी विलयन में डालकर समकोण दिशा में रखे एक सूक्ष्मदर्शी से देखने पर कोलॉइडी कण अंधेरे में घूमते हुए दिखाई देते हैं। इस घटना के आधार पर वैज्ञानिक टिंडल ने कोलॉइडी विलयनों में एक प्रभाव का अध्ययन किया जिसे टिंडल प्रभाव कहा गया।
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अत: कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन (scattering of light) के कारण टिंडल प्रभाव होता है। कोलॉइडी कणों का  आकार प्रकाश की तरंगदैर्घ्य (wavelength of light) से कम होता है। अतः प्रकाश की किरणों के कोलॉइडी कणों पर पड़ने पर वे प्रकाश की ऊर्जा का अवशोषण करके टिंडल प्रदीप्त शंक स्वयं आत्मदीप्त हो जाते हैं। अवशोषित ऊर्जा के पुनः छोटी तरंगों के प्रकाश के रूप में प्रकीर्णित होने से नीले रंग का एक शंकु दिखता है, जिसे टिंडल शंकु (Tyndall cone) कहते हैं और यह प्रभाव टिंडल प्रभाव कहलाती है।

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प्रश्न 20.
निकट दृष्टि दोष क्या होता है ? इस दोष वाले व्यक्ति की आंख में वस्तु का प्रतिबिंब कहां बनता है तथा यह दोष किस किस्म की ऐनकों से ठीक किया जा सकता है ?
अथवा
आँख के निकट दृष्टि दोष का कारण क्या है ? इसे कैसे ठीक किया जाता है ? चित्र की सहायता से वर्णन करें।
उत्तर-
मनुष्य की आँख के दोष- एक सामान्य स्वस्थ आँख अपनी फोकस दूरी को इस प्रकार संयोजित करती है कि पास तथा दूर पड़ी सभी वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना (Retina) पर बन जाए परंतु कभी-कभी आँख की इस संयोजन शक्ति में कमी आ जाती है जिससे प्रतिबिंब दृष्टिपटल पर ठीक से नहीं बनता है। इससे दीर्घ दृष्टि (Long Sightedness) तथा निकट दृष्टि (Short Sightedness) के दोष हो जाते हैं। इनके अतिरिक्त प्रेस्बायोपिया, रंगांधता और एस्टग्माटिज्म रोग भी बहुत सामान्य है।
1. दीर्घ-दृष्टि दोष (Long Sightedness or Hypermotropia)-इस दोष से ग्रसित व्यक्ति को दूर स्थित वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु समीप पड़ी हुई वस्तुएं स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। इसका कारण यह है कि समीप स्थित वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना के पीछे बनता है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
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दीर्घ-दृष्टि दोष के कारण –

  • नेत्र गोलक (Eyeball) का छोटा होना।
  • आँख के क्रिस्टलीय लैंस की फोकस दूरी का अधिक हो जाना।

दीर्घ-दृष्टि दोष को दूर करना-इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लैंस (Convex Lens) का प्रयोग किया जाता है। इस लैंस के प्रयोग से निकट बिंदु से आने वाली प्रकाश किरणें किसी दूर के बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं तथा समीप पड़ी वस्तुएं स्पष्ट दिखाई देने लगती हैं।
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2. निकट-दृष्टि दोष (Short Sightedness or Myopia)-इस दोष वाली आँख के पास की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु दूर स्थित वस्तुएं ठीक दिखाई नहीं देती या धुंधली दिखाई देती हैं। इसका अभिप्राय यह है कि दूर बिंदु अनंत की तुलना में कम दूरी पर आ जाता है।
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निकट-दृष्टि दोष के कारण-इस दोष के उत्पन्न होने के कारण –

  • क्रिस्टलीय लेंस की फोकस दूरी का कम हो जाना।
  • नेत्र गोलक (Eyeball) का लंबा हो जाना अर्थात् रेटिना तथा लैंस के बीच की दूरी बढ़ जाना होता है।

निकट दृष्टि दोष को दूर करना- इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लैंस (Concave Lens) का प्रयोग करना पड़ता है जिसकी फोकस दूरी आँख के दूर बिंदु के समान होती है।
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3. रंगांधता (Colour Blindness)-यह एक ऐसा रोग है जो जैविक कारणों से होता है। यह वंशानुगत होता है। इस रोग में रोगी विशेष रंगों की पहचान नहीं कर पाता क्योंकि उसकी आँखों में रेटिना पर शंकु (cone) जैसी संरचनाएं अपर्याप्त होती हैं। आँखों में लाल, नीले और हरे रंग को पहचानने वाली कोशिकाएं होती हैं। रंगान्ध व्यक्ति की आँख में कम शंक्वाकार रचनाओं के कारण वह विशेष रंगों को नहीं पहचान पाता। इस रोग का कोई उपचार नहीं है। ऐसा व्यक्ति प्रत्येक वस्तु ठीक प्रकार से देख सकता है पर कुछ रंगों की पहचान नहीं कर पाता।

4. प्रेस्बायोपिया (Presbyopia)- यह रोग आयु से संबंधित है। लगभग सभी व्यक्तियों को यह रोग 40 वर्ष की आयु के बाद हो जाता है। आँख के लैंस की लचक आयु के साथ कम हो जाती है। सिलियरी माँसपेशियाँ आँख के लैंस की फोकस दूरी को परिवर्तित नहीं कर पाती जिस कारण निकट की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती। निकट दृष्टि और दूर-दृष्टि के मिले-जुले इस रोग को दूर करने के लिए उत्तल और अवतल लैंस से युक्त दो चश्मों या बाइफोकल चश्मे में दोनों लैंसों के साथ-साथ प्रयोग से इसे सुधारा जा सकता है।

5. एस्टेग्माटिज्म (Astigmatism)-एस्टेग्माटिज्म से ग्रस्त व्यक्ति एक साथ अपनी दोनों आँखों को फोकस नहीं कर पाता। यह रोग कॉर्निया के पूर्ण रूप से गोलाकार न होने के कारण होता है। विभिन्न दिशाओं में वक्रता भिन्न होती है। व्यक्ति लंबाकार दिशा में ठीक प्रकार से दृष्टि फोकस नहीं कर पाता। इस रोग को सिलेण्ड्रीकल लैंस लगे चश्मे से सुधारा जा सकता है।

प्रश्न 21.
दीर्घ दृष्टि दोष किस कारण होता है ? इसे कैसे ठीक किया जाता है ? अंकित चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर-
मनुष्य की आँख के दोष- एक सामान्य स्वस्थ आँख अपनी फोकस दूरी को इस प्रकार संयोजित करती है कि पास तथा दूर पड़ी सभी वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना (Retina) पर बन जाए परंतु कभी-कभी आँख की इस संयोजन शक्ति में कमी आ जाती है जिससे प्रतिबिंब दृष्टिपटल पर ठीक से नहीं बनता है। इससे दीर्घ दृष्टि (Long Sightedness) तथा निकट दृष्टि (Short Sightedness) के दोष हो जाते हैं। इनके अतिरिक्त प्रेस्बायोपिया, रंगांधता और एस्टग्माटिज्म रोग भी बहुत सामान्य है।

1. दीर्घ-दृष्टि दोष (Long Sightedness or Hypermotropia)-इस दोष से ग्रसित व्यक्ति को दूर स्थित वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु समीप पड़ी हुई वस्तुएं स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। इसका कारण यह है कि समीप स्थित वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना के पीछे बनता है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
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दीर्घ-दृष्टि दोष के कारण –

  • नेत्र गोलक (Eyeball) का छोटा होना।
  • आँख के क्रिस्टलीय लैंस की फोकस दूरी का अधिक हो जाना।

दीर्घ-दृष्टि दोष को दूर करना-इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लैंस (Convex Lens) का प्रयोग किया जाता है। इस लैंस के प्रयोग से निकट बिंदु से आने वाली प्रकाश किरणें किसी दूर के बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं तथा समीप पड़ी वस्तुएं स्पष्ट दिखाई देने लगती हैं।
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2. निकट-दृष्टि दोष (Short Sightedness or Myopia)-इस दोष वाली आँख के पास की वस्तुएं तो स्पष्ट दिखाई देती हैं परंतु दूर स्थित वस्तुएं ठीक दिखाई नहीं देती या धुंधली दिखाई देती हैं। इसका अभिप्राय यह है कि दूर बिंदु अनंत की तुलना में कम दूरी पर आ जाता है।
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निकट-दृष्टि दोष के कारण-इस दोष के उत्पन्न होने के कारण –

  • क्रिस्टलीय लेंस की फोकस दूरी का कम हो जाना।
  • नेत्र गोलक (Eyeball) का लंबा हो जाना अर्थात् रेटिना तथा लैंस के बीच की दूरी बढ़ जाना होता है।

निकट दृष्टि दोष को दूर करना- इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लैंस (Concave Lens) का प्रयोग करना पड़ता है जिसकी फोकस दूरी आँख के दूर बिंदु के समान होती है।
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3. रंगांधता (Colour Blindness)-यह एक ऐसा रोग है जो जैविक कारणों से होता है। यह वंशानुगत होता है। इस रोग में रोगी विशेष रंगों की पहचान नहीं कर पाता क्योंकि उसकी आँखों में रेटिना पर शंकु (cone) जैसी संरचनाएं अपर्याप्त होती हैं। आँखों में लाल, नीले और हरे रंग को पहचानने वाली कोशिकाएं होती हैं। रंगान्ध व्यक्ति की आँख में कम शंक्वाकार रचनाओं के कारण वह विशेष रंगों को नहीं पहचान पाता। इस रोग का कोई उपचार नहीं है। ऐसा व्यक्ति प्रत्येक वस्तु ठीक प्रकार से देख सकता है पर कुछ रंगों की पहचान नहीं कर पाता।

4. प्रेस्बायोपिया (Presbyopia)- यह रोग आयु से संबंधित है। लगभग सभी व्यक्तियों को यह रोग 40 वर्ष की आयु के बाद हो जाता है। आँख के लैंस की लचक आयु के साथ कम हो जाती है। सिलियरी माँसपेशियाँ आँख के लैंस की फोकस दूरी को परिवर्तित नहीं कर पाती जिस कारण निकट की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती। निकट दृष्टि और दूर-दृष्टि के मिले-जुले इस रोग को दूर करने के लिए उत्तल और अवतल लैंस से युक्त दो चश्मों या बाइफोकल चश्मे में दोनों लैंसों के साथ-साथ प्रयोग से इसे सुधारा जा सकता है।

5. एस्टेग्माटिज्म (Astigmatism)-एस्टेग्माटिज्म से ग्रस्त व्यक्ति एक साथ अपनी दोनों आँखों को फोकस नहीं कर पाता। यह रोग कॉर्निया के पूर्ण रूप से गोलाकार न होने के कारण होता है। विभिन्न दिशाओं में वक्रता भिन्न होती है। व्यक्ति लंबाकार दिशा में ठीक प्रकार से दृष्टि फोकस नहीं कर पाता। इस रोग को सिलेण्ड्रीकल लैंस लगे चश्मे से सुधारा जा सकता है।

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प्रश्न 22.
नेत्र के जरा-दूरदर्शिता तथा वर्णांधता दोषों से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
1. जरा-दूरदर्शिता- कुछ व्यक्तियों में निकट-दृष्टि व दूर-दृष्टि दोनों दोष एक साथ होते हैं, इसे ज़रा-दूरदर्शिता कहते हैं। ऐसे व्यक्ति द्विफोकसी लैंस का प्रयोग करते हैं, जिसका ऊपरी भाग अवतल व नीचे का भाग उत्तल लैंस होता है। ऊपरी भाग दूर की वस्तुओं को देखने के लिए तथा निचला भाग समीप की वस्तुओं को देखने (पढ़ने आदि में) के लिए काम आता है।

2. वर्णांधता-यह दोष मनुष्य की आँख में शंक्वाकार कोशिकाओं की कमी के कारण होता है। इन कोशिकाओं की कमी के कारण मनुष्य की आँख कुछ निश्चित रंगों के लिए सुग्राही होती है। यह दोष मनुष्य की आँख में जन्मजात (आनुवंशिक) होता है तथा इसका कोई भी उपचार नहीं है। इस दोष वाले व्यक्ति सामान्यत: ठीक प्रकार से देख तो सकते हैं, परंतु रंगों में भेद करना उनके लिए संभव नहीं हो पाता। इस रोग को वर्णांधता कहते हैं।

प्रश्न 23.
निम्नलिखित परिभाषा दो : अनुकूलन शक्ति, दूरस्थ बिंदु, निकट बिंदु, स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी, दृष्टि-स्थिरता।
उत्तर-
अनुकूलन शक्ति- हमारी आँख सभी दूर स्थित और निकट स्थित वस्तुओं को देख सकती है। आँख की इस विशेषता को जिसके द्वारा आँख अपने लैंस की शक्ति को परिवर्तित करके भिन्न-भिन्न दूरी पर पड़ी वस्तुओं को देख सकती है, अनुकूलन शक्ति कहा जाता है।

दूरस्थ बिंदु (Far Point)-आँख से अधिकतम दूरी पर स्थित वह बिंदु जिस पर पड़ी हुई वस्तु को आँख स्पष्ट रूप से देख सकती है, दूरस्थ बिंदु कहा जाता है। सामान्य दृष्टि के लिए (Normal eye sight) दूरस्थ बिंदु अनंत पर होता है।

निकट बिंदु (Near Point)-आँख से न्यूनतम दूरी पर स्थित उस बिंदु को जिस पर पड़ी हुई वस्तु को आँख स्पष्ट रूप से देख सकती है, निकट बिंदु कहा जाता है।

स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (Least Distance of distinct vision)-दूरस्थ बिंदु और निकट बिंदु के मध्य एक ऐसा बिंदु जहां पर वस्तु को रखने से वस्तु बिलकुल स्पष्ट दिखाई देती है, स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी कहा जाता है। सामान्य दृष्टि के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी 25 सेमी० है।

दृष्टि-स्थिरता (Persistence of vision)-जब किसी वस्तु का प्रतिबिंब आँख के रेटिना पर बनता है तो वस्तु को हटा देने के बाद इस प्रतिबिंब का प्रभाव कुछ समय के लिए बना रहता है। इस प्रभाव को दृष्टि स्थिरता कहा जाता है।

प्रश्न 24.
आसमान का रंग नीला क्यों दिखाई देता है ?
उत्तर-
आसमान का रंग नीला दिखाई देना-जब सूर्य का सफेद प्रकाश धरती के वातावरण में से गुज़रता है तो प्रकाश का वातावरण छोटे-छोटे अणुओं द्वारा परस्पर क्रिया होने के कारण उसके विभिन्न रंगों मे प्रकीर्णन होता है।
रैले नियम अनुसार, प्रकाश के प्रकीर्णन की तीव्रता Iα\(\frac{1}{\times 4}\) , जहां λ. प्रकाश की तरंग लंबाई (λ3) लाल रंग की तरंग लंबाई (λR) की तुलना में बहुत कम है, इसलिए हवा के अणुओं द्वारा नीले रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन लाल रंग के प्रकाश के मुकाबले अधिक होता है।

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)

प्रश्न 1.
एक निकट-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति अपनी आँख से 75 cm से अधिक दूर की वस्तु स्पष्ट नहीं देख पाता है। दूर की वस्तुओं को देखने के लिए उसे किस प्रकार के तथा किस फोकस दूरी के लैंस की आवश्यकता होगी ?
हल-
∴ मनुष्य 75 cm से अधिक दूरी पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता; इसलिए दूर (अनंत) की वस्तुओं को देखने के लिए उसे एक ऐसे लैंस की आवश्यकता होगी जो अनंत पर रखी हुई वस्तु का प्रतिबिंब 75 cm की दूरी पर बना दे।
यहां υ = -75 cm, u = – ∞, f = ?
लैंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) दवारा
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{75}+\frac{1}{\infty}\) द्वारा
अतः लैंस की फोकस दूरी (f) = – 75 cm
ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि लैंस अवतल लैंस है।

प्रश्न 2.
एक दूर-दृष्टि से पीड़ित व्यक्ति की आँख के लिए निकट-बिंदु की दूरी 0.50 m है। इस व्यक्ति के दृष्टि-दोष के निवारण हेतु चश्मे में प्रयुक्त लैंस की प्रकृति, फोकस दूरी एवं क्षमता ज्ञात कीजिए।
हल : निकट बिंदु दूरी 0.50 m है। इसका अर्थ यह है कि मनुष्य 0.50 m से कम दूरी पर रखी वस्तु को स्पष्ट नहीं देख सकता। उसे एक ऐसे लैंस की आवश्यकता होगी जो 25 cm दूरी पर रखी हुई वस्तु का प्रतिबिंब 0.50 m की दूरी पर बना दे।
यहां ν = -0.50 m, u = – 25 cm = – 0.25 m, f= ?
लैंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) से
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{0.50}+\frac{1}{0.25}\)
= \(\frac{-1+2}{0.50}=\frac{1}{0.50}\)
अत: लैंस की फोकस दूरी (f) = 0.50 m (उत्तल लैंस)
धनात्मक चिन्ह दर्शाता है कि लैंस उत्तल लैंस है।
लैंस की क्षमता (P) = \(\frac{1}{f}\)
∴ P = \(\frac{1}{0.50}\) = 2 डायॉप्टर।

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति 20 cm दूरी पर रखी पुस्तक पढ़ सकता है। यदि पुस्तक को 30 cm दूर रख दिया जाए तो व्यक्ति को चश्मा प्रयुक्त करना पड़ता है। गणना कीजिए
(i) प्रयुक्त लैंस की फोकस दूरी,
(ii) प्रयुक्त लैंस का प्रकार,
(iii) किरण-आरेख खींचकर नेत्र दोष स्पष्ट कीजिए।
हल :
दिया है, ν = – 20 cm, u = – 30 cm, f = ?
(i) लैंस के सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) में मान रखने पर,
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{20}+\frac{1}{30}\)
= \(\frac{-3+2}{60}\)
= \(-\frac{1}{60}\)
अतः प्रयुक्त लैंस की फोकस दूरी (f) = – 60 cm

(ii) चूँकि फोकस दूरी ऋणात्मक है; इसलिए प्रयुक्त लैंस अवतल लैंस होगा।
(iii) नेत्र निकट दृष्टि दोष से ग्रसित है।
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प्रश्न 4.
एक निकट दृष्टि दोष से ग्रसित रोगी का दूर बिंद (Far Point) 40 सेमी. है। इसे किस प्रकार के लैंस का प्रयोग करना चाहिए कि दूर की वस्तुएं साफ़ दिखाई देने लगें। फोकस दूरी और लैंस की शक्ति भी ज्ञात करो।
हल :
यहां u = – ∝ ; ν = – 40 सेमी०; f = ?

लैंस सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) का प्रयोग करके
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{40}-\frac{1}{(-\propto)}\)
= \(-\frac{1}{40}\)
f = – 40 सेमी०
= – 0.4 मी०

अब लैंस की क्षमता (P) = \(\frac{1}{f}\)
= \(\frac{1}{-0.4}\)
= – 2.5 D
रोगी को अवतल लैंस का प्रयोग करना चाहिए जिसकी शक्ति – 2.5 D हो।

प्रश्न 5.
एक निकट दृष्टि वाले व्यक्ति का दूर बिंदु 20 सेमी० है। उससे 2.5 मी० दूर रखे टेलीविज़न को देखने के लिए कितनी शक्ति का कौन-सा लैंस प्रयोग करना चाहिए ?
हल :
यहां u = – 2.5 मी०;
ν = – 20 सेमी० = – 0.2 मी०;
f= ?
लैंस सूत्र द्वारा
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
= \(\frac{1}{(-0.2)}-\frac{1}{(-2.5)}\)
\(\frac{1}{f}\) = -5+0.4
= – 4.6

पर P = \(\frac{1}{f}\)
∴P = – 4.6 D
f = \(-\frac{1}{4.6}\)
f = -0.2174 मी०
= 21.74 सेमी०
उसे – 4.6 D शक्ति का अवतल लैंस प्रयोग में लाना चाहिए।

प्रश्न 6.
एक निकट दृष्टि वाले व्यक्ति का निकट बिंदु 50 सेमी० है। यदि वह 20 सेमी० दूर से अखबार पढ़ना चाहता है तो उसके चश्मे की शक्ति बताइए।
हल : यहां u = – 20 सेमी०, ν = – 50 सेमी०, f = ?
लैंस सूत्र \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\) द्वारा
\(\frac{1}{f}=-\frac{1}{50}-\frac{1}{(-20)}\)
= \(-\frac{1}{50}+\frac{1}{20}\)
= \(\frac{-2+5}{100}\)
= \(\frac{3}{100}\)
∴ f = \(\frac{100}{3}\) = 33.3 सेमी० = + 0.333 मी०
लैंस की शक्ति (P) = \(\frac{1}{f}=\frac{1}{+0.333}\) P = + 0.3 D
उसे + 0.3 D शक्ति का उत्तल लैंस प्रयोग में लाना चाहिए।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
स्वस्थ नेत्र का निकट बिंदु कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर –
स्वस्थ नेत्र का निकट बिंदु नेत्र से 25 cm दूरी पर स्थित होता है।

प्रश्न 2.
स्वस्थ नेत्र का दूर बिंदु कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर-
स्वस्थ नेत्र का दूर बिंदु अनंत पर स्थित होता है।

प्रश्न 3.
निकट-दृष्टि दोष के निवारण के लिए किस प्रकार के लैंस का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
निकट-दृष्टि दोष के निवारण के लिए अवतल लैंस का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
दूर-दृष्टि दोष के निवारण के लिए किस प्रकार के लैंस का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
दूर-दृष्टि दोष के निवारण के लिए उत्तल लैंस का उपयोग किया जाता है।

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प्रश्न 5.
एक व्यक्ति के चश्मे में अवतल लैंस लगा है। बताइए उस व्यक्ति की आँख में कौन-सा दोष है ?
उत्तर-
व्यक्ति की आँख में निकट-दृष्टि दोष है।

प्रश्न 6.
एक व्यक्ति के चश्मे में उत्तल लैंस लगा है। बताइए उस व्यक्ति की आँख में कौन-सा दोष है ?
उत्तर-
व्यक्ति की आँख में दूर-दृष्टि दोष है।

प्रश्न 7.
एक व्यक्ति के चश्मे के ऊपरी भाग में अवतल लैंस तथा निचले भाग में उत्तल लैंस लगा है। मनुष्य की आँख में कौन-कौन से दोष हैं ?
उत्तर-
मनुष्य की आँख में निकट-दृष्टि एवं दूर-दृष्टि दोनों दोष (जरा-दूरदर्शिता दोष) है।

प्रश्न 8.
एक व्यक्ति को पुस्तक पढ़ने के लिए पुस्तक को आँख से 35 cm दूर रखना पड़ता है। उसकी दृष्टि में कौन-सा दोष है तथा इसका निवारण करने के लिए उसे किस प्रकार का लैंस प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
दूर-दृष्टि दोष है; अत: उसे उत्तल लैंस का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 9.
एक व्यक्ति की दृष्टि क्षमता को 25 सेमी० से अनंत तक बढ़ाने के लिए किस प्रकार के लैंस की आवश्यकता होगी ?
उत्तर-
एक व्यक्ति की दृष्टि क्षमता को 25 सेमी० से अनंत तक बढ़ाने के लिए अवतल लैंस की आवश्यकता होगी।

प्रश्न 10.
प्रिज्म से निर्गत प्रकाश में किस रंग की किरण का विचलन कोण सबसे कम होता है ?
उत्तर-
लाल रंग की किरण का विचलन कोण सबसे कम होता है।

प्रश्न 11.
प्रिज्म से निर्गत प्रकाश में किस रंग की किरण का विचलन कोण सर्वाधिक होता है ?
उत्तर-
बैंगनी रंग की किरण का विचलन कोण सर्वाधिक होता है।

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प्रश्न 12.
काँच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण कितने वर्षों में होता है ?
उत्तर-
काँच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण सात वर्णों-

  • बैंगनी (Violet),
  • नीला (Indigo),
  • आसमानी (Sky Blue),
  • हरा (Green),
  • पीला Yellow,
  • नारंगी (Orange) तथा
  • लाल (Red) में होता है।

प्रश्न 13.
प्रिज्म से प्राप्त स्पेक्ट्रम के किस रंग की तरंग-दैर्घ्य अधिकतम होती है ?
उत्तर-
लाल रंग की तरंग-दैर्घ्य अधिकतम होती है।

प्रश्न 14.
प्रिज्म से प्राप्त स्पेक्ट्रम के किस रंग की तरंग-दैर्घ्य न्यूनतम होती है ?
उत्तर-
बैंगनी रंग की तरंग दैर्घ्य न्यूनतम होती है।

प्रश्न 15.
प्रिज्म से प्राप्त स्पेक्ट्रम में कौन-सा रंग प्रिज्म के आधार की ओर प्राप्त होता है ?
उत्तर-
बैंगनी रंग का प्रकाश प्रिज्म के आधार की ओर प्राप्त होता है।

प्रश्न 16.
आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई पड़ता है ?
उत्तर-
नीले रंग के प्रकाश का अधिक प्रकीर्णन होने के कारण आकाश का रंग नीला दिखाई पड़ता है।

प्रश्न 17.
अंतरिक्ष यात्रियों को आकाश का रंग कैसा दिखाई पड़ता है ?
उत्तर-
अंतरिक्ष यात्रियों को आकाश का रंग काला दिखाई पड़ता है।

प्रश्न 18.
मनुष्य की आँख में स्कलेरॉटिक का क्या कार्य है ?
उत्तर–
स्कलेरॉटिक आँख के भीतरी भाग की सुरक्षा करती है और आँख को आकार देती है।

प्रश्न 19.
मनुष्य की आँख में पक्ष्माभ माँसपेशियों का क्या कार्य है ?
उत्तर-
पक्ष्माभ मांसपेशियां आँख के लैंस को जकड़ कर रखती हैं तथा लैंस की फोकस दूरी को आवश्यकतानुसार परिवर्तित करने में सहायता करती हैं।

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प्रश्न 20.
चित्र में कौन-सी प्रकाशीय क्रिया दर्शाई गई है ?
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उत्तर–
प्रकाश के विक्षेपण।

प्रश्न 21.
नीचे दिए गए चित्र में कौन-सी प्रकाशीय प्रक्रिया के फलस्वरूप तारा अपनी स्थिति बदलता है ?
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उत्तर-
प्रकाश अपवर्तन।

प्रश्न 22.
मानव आँख का दृष्टिदोष चित्र में दर्शाया गया है। बताओ यह कौन-सा दोष है ?
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उत्तर-
दीर्घ दृष्टि दोष।

प्रश्न 23.
नीचे दिए गए चित्र में अवतल लेंस द्वारा मानव आँख के किस दोष को ठीक किया जा रहा है ?
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उत्तर-
निकट दृष्टिदोष।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सामान्य दृष्टि के वयस्क के लिए सुस्पष्ट दर्शन की न्यूनतम दूरी होती है लगभग
(a) 35m
(b) 3.5m
(c) 25cm
(d) 2.5cm.
उत्तर-
(c) 25cm.

प्रश्न 2.
अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता है
(a) पुतली द्वारा
(b) दृष्टि पटल द्वारा
(c) पक्ष्माभी द्वारा
(d) परितारिका द्वारा।
उत्तर-
(c) पक्ष्माभी द्वारा।

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प्रश्न 3.
निकट-दृष्टि दोष से पीड़ित एक व्यक्ति 1.2m से दूरी की वस्तुओं को नहीं देख सकता। सुस्पष्ट दृष्टि के लिए वह संशोधक लैंस उपयोग करेगा –
(a) अवतल लैंस
(b) सिलिंडरी लैंस
(c) उत्तल लैंस
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) अवतल लैंस।

प्रश्न 4.
सामान्य मानव नेत्र का दूर बिंद –
(a) 25cm पर होता है
(b) 25mm पर होता है
(c) 25m पर होता है
(d) अनंत पर होता है।
उत्तर-
(a) 25cm पर होता है।

प्रश्न 5.
मानव नेत्र में वस्तु का प्रतिबिंब
(a) पुतली पर बनता है
(b) परितारिका पर बनता है
(c) कार्निया पर बनता है
(d) रेटिना पर बनता है।
उत्तर-
(d) रेटिना पर बनता है।

प्रश्न 6.
परितारिका नेत्र में किसके पीछे स्थित है ?
(a) पुतली
(b) रेटिना
(c) कॉर्निया
(d) नेत्र गोलक।
उत्तर-
(c) कॉर्निया।

प्रश्न 7.
जब नेत्र में प्रकाश किरणें प्रवेश करती हैं तब अधिक प्रकाश किससे अपवर्तित होता है ?
(a) क्रिस्टलीय लैंस
(b) कार्निया के बाहरी तल
(c) पुतली
(d) आयरिस।
उत्तर-
(b) कार्निया के बाहरी तल।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) मानव आँख में किसी वस्तु का प्रतिबिंब ………………………… पर बनता है।
उत्तर-
रेटिना

(ii) सामान्य दृष्टि के मनुष्य के लिए सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी लगभग ……………………….. होती है।
उत्तर-
25 cm

(iii) दूर-दृष्टि दोष का निवारण ………………………………….. के प्रयोग द्वारा किया जाता है।
उत्तर-
उत्तल लेंस

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 11 मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार

(iv) तारों का टिमटिमाना तारों के प्रकाश का ………………………….. के कारण होता है।
उत्तर-
वायुमंडलीय अपवर्तन

(v) वर्षा के बाद आकाश में इंद्रधनुष का दिखाई देना सूर्य प्रकाश के ………………….. तथा …………………………. के कारण होता है।
उत्तर-
परिक्षेपण, आंतरिक परावर्तन।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 1.
बिंदुओं A(2, – 2) और B (3, 7) को जोड़ने वाले रेखाखंड को रेखा 2x + y – 4 = 0 जिस अनुपात में विभाजित करती है उसे ज्ञात कीजिए।
हल:
मान लीजिए रेखा 2x + y – 4 = 0 बिंदुओं A (2, – 2) और B (3, 7) को मिलाने वाले रेखाखंड को C (x, y) पर k : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 1

∴ C के निर्देशांक हैं :
x = \(\frac{3 k+2 \times 1}{k+1}=\frac{3 k+2}{k+1}\)

और y = \(\frac{7 k+(-2) \times 1}{k+1}=\frac{7 k-2}{k+1}\)

∴ C\(\left[\frac{3 k+2}{k+1}, \frac{7 k-2}{k+1}\right]\) रेखा 2x + y – 4 = 0 पर स्थित होगा।
अर्थात् \(2\left(\frac{3 k+2}{k+1}\right)+\left(\frac{7 k-2}{k+1}\right)\) – 4 = 0
या \(\frac{6 x+4+7 k-2-4 k-4}{k+1}\) = 0
या 9k – 2 = 0
या 9k = 2
या k = \(\frac{2}{9}\)
∴ अनुपात k : 1 = \(\frac{2}{9}\) : 1 = 2 : 9
अतः अभीष्ट अनुपात 2 :9 है।

प्रश्न 2.
x और y में एक संबंध ज्ञात कीजिए, यदि बिंदु (x, y); (1, 2) और (7, 0) सरेखी हैं।
हल :
दिए गए बिंदु A (x, y); B (1, 2) और C (7, 0) हैं।
यहाँ x1 = x, x2 = 1, x3 = 7
y1 = y, y2 = 2, y3 = 0
∵ तीन बिंदु सरेखी होते हैं :
यदि \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)] = 0
या \(\frac{1}{2}\) [x(2 – 0) + 1 (0 – 9) +7 (y – 2)] = 0
या 2x – y + 7y – 14=0
या 2x + 6y – 14 = 0
या x + 3y – 7 = 0 अभीष्ट संबंध हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 3.
बिंदुओं (6, – 6), (3, – 7) और (3, 3) से होकर जाने वाले वृत्त का केंद्र ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए 0 (x, y) अभीष्ट केंद्र है जो कि बिंदुओं P(6, – 6); Q (3, – 7) और R (3, 3) में से गुजरता है।
∵ वृत्त की त्रिज्याएँ समान होती हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 2

∴ OP = OQ = OR
(OP)2 = (OQ)2 = (OR)2
अब, (OP)2 = (OQ)2
(x – 6)2 + (y + 6)2 = (x – 3)2 + (y + 7)2
या x2 + 36 – 12x + y + 36 + 12y = x2 + 9 – 6x + y + 49 + 14y
या – 12x + 12y+ 72 = – 6x + 14y + 58
या – 6x – 2y + 14 = 0
या 3x + y – 7 = 0
साथ ही, (OQ)2 = (OR)2
या (x – 3)2 + (y + 7)2 = (x – 3)2 + (y – 3)2
या (y + 7)2 = (y – 3)2
या y2 + 49 + 14y = y2 + 9 – 6y
20y = – 40
y = \(\frac{-40}{20}\) = – 2
yके इस मान को (1) में प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त | होता है :
3x – 2 – 7 = 0
3x – 9 = 0
या 3x = 9
या x = \(\frac{9}{3}\) = 3
∴ अभीष्ट केंद्र (3, – 2) है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 4.
किसी वर्ग के दो सम्मुख शीर्ष (- 1, 2) और (3, 2) हैं। वर्ग के अन्य दोनों शीर्ष ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए वर्ग ACBD के दो सम्मुख शीर्ष A (- 1, 2) और B (3, 2) हैं तथा C का निर्देशांक (x, y) है। –
∵ वर्ग की प्रत्येक भुजा की लंबाई समान होती है।
∴ AC = BC
या (AC)2 = (BC)2
या (x + 1)2 + (y – 2)2 = (x – 3)2 + (y – 2)2

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 3

या (x + 1)2 = (x – 3)2
या x2 + 1 + 2x = x +9-6x
या 8x = 8
या x = \(\frac{8}{8}\) = 1 ……………(1)
अब समकोण ∆ACB में, पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करने पर
(AC)2 + (BC)2 = (AC)2
(x + 1)2 + (y – 2)2 + (x – 3)2 + (y – 2)2 = (3 + 1)2 + (2 – 2)2
या x2 + 1 + 2x + y2 + 4 – 4y + 12 + 9 – 6x + y2 + 4 – 4y = 16
या 2x + 2y2 – 4x – 8y + 2 = 0
या x + y2 – 2x – 4y + 1 = 0
x = 1
(1) से प्राप्त x के मान को प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है :
(1)2 + y2 – 2 (1) – 4y + 1 = 0
या y2 – 4y = 0
या y (y – 4) = 0
या y = 0 या y – 4 = 0
या y = 0 या y = 4
∴ y = 0, 4
∴ अभीष्ट बिंदु (1, 0) और (4, 0) हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 5.
कृष्णानगर के एक सैकेंडरी स्कूल के कक्षा X के विद्यार्थियों को उनके बागवानी क्रियाकलाप के लिए, एक आयाताकर भूखंड दिया गया है। गुलमोहर की पौध (sapling) को परस्पर 1 m की दूरी पर इस भूखंड की परिसीमा (boundary) पर लगाया जाता है। इस भूखंड के अंदर एक त्रिभुजाकार घास लगा हुआ लॉन (lawn) है, जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है। विद्यार्थियों को भूखंड के शेष भाग में फूलों के पौधे के बीज बोने हैं।
(i) A को मूलबिंदु मानते हुए, त्रिभुज के शीर्षों के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
(ii) यदि मूलबिंदु C हो, तो APQR के शीर्षों के निर्देशांक क्या होंगे ?
साथ ही, उपरोक्त दोनों स्थितियों में, त्रिभुजों के क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। आप क्या देखते हैं ?

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 4

हल:
स्थिति I. जब A को मूल बिंदु लें तो AD’; X-अक्ष और AB ; Y-अक्ष हैं।
∴ त्रिभुजाकार घास के लॉन PQR के निर्देशांक P (4, 6); Q (3, 2) और R( 6, 5) हैं।
यहां x1 = 4, x2 = 3, x3 = 6
y1 = 6, y2 = 2, y3 = 5
अब ∆PQR का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [4 (2 – 5) + 3 (5 – 6) + 6 (6 – 2)]
= \(\frac{1}{2}\) [- 12 – 3 + 24]
= \(\frac{9}{2}\) = 4.5 वर्गमात्रक

स्थिति II.
जब C को मूल बिंदु लें तो CB ; X-अक्ष है और CD ; Y-अक्ष लेते हैं।
∴ त्रिभुजाकार घास के लॉन PQR के निर्देशांक हैं : P (12, 2); Q (13, 6) और R (10, 3) हैं।
यहाँ x1 = 12, x2 = 13, x3 = 10
y1 = 2, y2 = 6, y3 = 3
अब ∆PQR का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [12 (6 – 3) + 13 (3 – 2) + 10 (2 – 6)]
= \(\frac{1}{2}\) [36 + 13 – 40]
= \(\frac{9}{2}\) = 4.5 वर्गमात्रक
उपर्युक्त दोनों स्थितियों से स्पष्ट है कि त्रिभुजाकार घास के लॉन का क्षेत्रफल एक समान है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 6.
एक त्रिभुज ABC के शीर्ष A(4,6), B(1, 5) और C(7, 2) हैं। भुजाओं AB और AC को क्रमशः D और E पर प्रतिच्छेद करते हुए एक रेखा इस प्रकार खींची गई है कि \(\frac{\mathrm{AD}}{\mathrm{AB}}=\frac{\mathrm{AE}}{\mathrm{AC}}=\frac{1}{4}\) है। ∆ADE का क्षेत्रफल परिकलित कीजिए और इसकी तुलना ∆ABC के क्षेत्रफल से कीजिए।(प्रमेय 6.2 और प्रमेय 6.6 का स्मरण कीजिए।)
हल :
∆ABC के शीर्ष A (4, 6); B (1, 5) और C (7, 2) हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 5

भुजाओं AB और AC को क्रमशः D (x, y) और E (x, y) पर काटती हुई रेखा इस प्रकार खींचिए ताकि \(\frac{\mathrm{AD}}{\mathrm{AB}}=\frac{\mathrm{AE}}{\mathrm{AC}}=\frac{1}{4}\)
∴ D और E, AB और AC को अनुपात 1 : 3 में | विभाजित करते हैं।
∴ D के निर्देशांक हैं :
x1 = \(\frac{1(1)+3(4)}{1+3}=\frac{1+12}{4}=\frac{13}{4}\)

और y = \(\frac{1(5)+3(6)}{1+3}=\frac{5+18}{4}=\frac{23}{4}\)
∴ D के निर्देशांक हैं : (\(\frac{13}{4}\), \(\frac{23}{4}\))

अब E के निर्देशांक हैं :
x2 = \(\frac{1(7)+3(4)}{1+3}=\frac{7+12}{4}=\frac{19}{4}\)

और y2 = \(\frac{1(2)+3(6)}{1+3}=\frac{2+18}{4}=\frac{20}{4}=5\)

∴ E के निर्देशांक हैं (\(\frac{19}{4}\), 5)

∆ADE में, x1 = 4, x2 = 4, x3
y1 = 6, y2 = 1, y3 = 5

∆ADE का क्षेत्रफल

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 6

∆ABC में,
x1 = 4, x2 = 1, x3 = 37
y1 = 6, y2 = 5, y3 = 2
∆ABC का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [4 (5 – 2) + 1 (2 – 6) + 7 (6 – 5)]
अब, PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 7
= \(\frac{1}{16}=\left(\frac{1}{4}\right)^{2}=\left(\frac{\mathrm{AD}}{\mathrm{AB}}\right)^{2}\) या \(\left(\frac{\mathrm{AE}}{\mathrm{AC}}\right)^{2}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

प्रश्न 7.
मान लीजिए A (4, 2), B (6, 5) और C (1, 4) एक त्रिभुज ABC के शीर्ष हैं।
(i) A से होकर जाने वाली माध्यिका BC से D पर मिलती है। बिंदु D के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
(ii) AD पर स्थित ऐसे बिंदु P के निर्देशांक ज्ञात कीजिए कि AP : PD = 2 : 1 हो।
(iii) माध्यिकाओं BE और CF पर ऐसे बिंदुओंQ और R के निर्देशांक ज्ञात कीजिए कि BQ : QE = 2 : 1 हो और CR: RF = 2 : 1 हो।
(iv) आप क्या देखते हैं ?
[नोट : वह बिंदु जो तीनों माध्यिकाओं में सार्वनिष्ठ हो, उस त्रिभुज का केंद्रक (centroid) कहलाता है और यह प्रत्येक माध्यिका को 2 : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।
(v) यदि A(x,y), B(xy) और C (x,ys) त्रिभुज ABC के शीर्ष हैं, तो इस त्रिभुज के केंद्रक के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया गया है कि AABC के शीर्ष A (4, 2); B (6, 5) और C (1, 4) हैं।
(i) AD, शीर्ष A से माध्यिका है।
∴ D, EC का मध्य बिंदु है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 8

तब x = \(\frac{6+1}{2}=\frac{7}{2}\)

y = \(\frac{5+4}{2}=\frac{9}{2}\)

अत: D के निर्देशांक (\(\frac{9}{2}\), \() हैं।

(ii) मान लीजिए P (x, y), AD पर कोई बिंदु इस प्रकार है कि AP : PD = 2 : 1

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 9

तब x = [latex]\frac{2\left(\frac{7}{2}\right)+1(4)}{2+1}=\frac{7+4}{3}=\frac{11}{3}\)

y = \(\frac{2\left(\frac{9}{2}\right)+1(2)}{2+1}=\frac{9+2}{3}=\frac{11}{3}\)

अत: P के निर्देशांक (\(\frac{11}{3}\), \(\frac{11}{3}\)) हैं।

(iii) मान लीजिए BE और CF, AABC की क्रमशः AC और AB पर माध्यिकाएँ हैं। . E और F क्रमश: AC और AB के मध्यबिंदु हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 10

E के निर्देशांक हैं :
x1 = \(\frac{4+1}{2}=\frac{5}{2}\)

और y1 = \(\frac{4+2}{2}=\frac{6}{2}\) = 3
E के निर्देशांक हैं : (\(\frac{5}{2}\), 3)

F के निर्देशांक हैं :
x2 = \(\frac{4+6}{2}=\frac{10}{2}\) = 5
और y2 = \(\frac{5+2}{2}=\frac{7}{2}\)
∴ F के निर्देशांक हैं : (5, \(\frac{7}{2}\))
अब, Q, BE को इस तरह विभाजित करता है कि : BQ : QE = 2 : 1

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 11

साथ ही, R, CF को इस तरह विभाजित करता है कि CR : RF = 2 : 1

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 12

(iv) उपर्युक्त चर्चा से यह स्पष्ट है कि P, Q और R के निर्देशांक एक समान हैं और एक बिंदु पर संपाती हैं।
यह बिंदु त्रिभुज का केंद्रक कहलाता है, जो कि प्रत्येक माध्यिका को 2 : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

(v) दी गई ∆ABC के शीर्ष A (x1, y1); B (x2, y2) और C (x3, y3) हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 13

मान लीजिए AD, ∆ABC की माध्यिका है।

∴ D, BC का मध्य-बिंदु है तब D के निर्देशांक हैं : \(\left(\frac{x_{2}+x_{3}}{2}, \frac{y_{2}+y_{3}}{2}\right)\)
मान लीजिए AD, AABC की माध्यिका है। :: D, BC का मध्य-बिंदु है तब D के निर्देशांक हैं :
अब G, ∆ABC का केंद्रक है जो माध्यिका AD को 2 : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।
∴ G के निर्देशांक हैं : [(iv) का प्रयोग करने पर]

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 14

प्रश्न 8.
बिंदुओंA (- 1, – 1), B (- 1, 4), C (5, 4) और D (5, – 1) से एक आयत ABCD बनता है। P, Q, R और S क्रमशः भुजाओं AB, BC, CD और DA के मध्य बिंदु हैं। क्या चतुर्भुज PQRS एक वर्ग है ? क्या यह एक आयत है ? क्या यह एक समचतुर्भुज है ? सकारण उत्तर दीजिए।
हल :
दिया है : दी गई आयत ABCD के शीर्ष हैं : A(-1, – 1); B (-1,4); C (5, 4) और D (5, — 1).

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 15

∵ P, AB का मध्य-बिंदु है
∴ P के निर्देशांक हैं : \(\left(\frac{-1-1}{2}, \frac{-1+4}{2}\right)=\left(-1, \frac{3}{2}\right)\)

∵ Q, BC का मध्य-बिंदु है
∴ Q के निर्देशांक हैं : \(\left(\frac{-1+5}{2}, \frac{4-4}{2}\right)\) = (2, 4)

∵ R, CD का मध्य-बिंदु है
∴ R के निर्देशांक हैं : \(\left(\frac{5+5}{2}, \frac{4+1}{2}\right)=\left(5, \frac{3}{2}\right)\)

∵ S, AD का मध्य-बिंदु है
∴ S के निर्देशांक हैं : \(\left(\frac{5-1}{2}, \frac{-1-1}{2}\right)\) = (2, 0)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4

अब, PQ = \(\sqrt{(2+1)^{2}+\left(4-\frac{5}{2}\right)^{2}}\)
= \(\sqrt{(3)^{2}+\left(\frac{8-5}{2}\right)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+\frac{9}{4}}=\sqrt{\frac{36+9}{4}}=\sqrt{\frac{45}{4}}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.4 16

उपर्युक्त चर्चा से यह स्पष्ट है कि PQ = RS और QR = SP
साथ ही, PR ≠ QS
⇒ चतुर्भुज PQRS की सम्मुख भुजाएँ बराबर हैं परंतु विकर्ण बराबर नही हैं।
⇒ चतुर्भुज PQRS एक समांतर चतुर्भुज है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

प्रश्न 1.
उस त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष हैं :
(i) (2, 3); (- 1, 0); (2, – 4)
(i) (- 5, – 1); (3, – 5); (5, 2)
हल :
(i) मान लीजिए ∆ABC के शीर्ष A (2, 3); B (- 1, 0) और C (2, – 4) हैं।
यहाँ x1 = 2, x2 = – 1, x3 = 2
y2 = 3, y2 = 0, y3 = – 4
∴ ∆ABC का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [2 × (0 + 4) – 1 × (- 4 – 3) + 2 × (3 – 0)]
= \(\frac{1}{2}\) [8 + 7 + 6]
= \(\frac{21}{2}\) = 10.5 वर्गमात्रक

(ii) मान लीजिए ∆ABC के शीर्ष A (- 5, – 1); B (3, – 5) और C (5, 2) हैं।
यहाँ x1 = – 5, x2 = 3, x3 = 5
y1 = – 1, y2 = – 5, y3 = 2
∴ ∆ABC का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [- 5 (- 5 – 2) + 3 (2 + 1) + 5 (- 1 + 5)]
= \(\frac{1}{2}\) [35 + 9 + 20]
= \(\frac{1}{2}\) × 64 = 32 वर्गमात्रक

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से प्रत्येक में ‘K’ का मान ज्ञात कीजिए, ताकि तीनों बिंद सरेखी हों :
(i) (7, – 2); (5, 1); (3, k)
(ii) (8, 1); (k, – 4); (2, – 5)
हल :
(i) मान लीजिए दिए गए बिंदु A (7, – 2); B (5, 1) और C (3, k) हैं।
यहां x1 = 7, x2 = 5, x3 = 3
y1 = – 2, y2 = 1, y3 = k
तीन बिंदु संरेखी होते हैं यदि
\(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)] = 0
या \(\frac{1}{2}\) [7 (1 – k) + 5 (k + 2) + 3 (- 2 – 1)] = 0
या 7 – 7k + 5k + 10 – 9 = 0
या – 2k + 8 = 0
या – 2k = – 8
या k = \(\frac{8}{2}\) = 4
अत: k= 4

(ii) मान लीजिए दिए गए बिंदु A (8, 1)1 B (k, – 4) | और C (2, – 5) हैं।
यहाँ x1 = 8, x2 = k, x3 = 2
y1 = 1, y2 = – 4 y3 = – 5
तीन बिंदु संरेखी होते हैं यदि
\(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)] = 0

या \(\frac{1}{2}\) [8 (- 4 + 5) + k (- 5 – 1) + 2 (1 + 4) = 0
या 8 – 6k + 10 = 0
या – 6k = – 18
या k = \(\frac{-18}{-6}\) = 3
अतः k = 3

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

प्रश्न 3.
शीर्षों (0, – 1 ), (2, 1) और (0, 3) वाले त्रिभुज की भुजाओं के मध्य-बिंदुओं से बनने वाले त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। इस क्षेत्रफल का दिए हुए त्रिभुज के क्षेत्रफल के साथ अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए दी गई त्रिभुज ABC के शीर्ष A(0, – 1); B (2, 1) और C (0, 3) हैं।
साथ ही, D, E,F क्रमश: AB, BC, CA के मध्य बिंदु हैं।
मध्यबिंदु सूत्र का प्रयोग करने पर
D के निर्देशांक = \(\left(\frac{0+2}{2}, \frac{-1+1}{2}\right)\)
= (1, 0)

E के निर्देशांक = \(\left(\frac{2+0}{2}, \frac{1+3}{2}\right)\)
= (1, 2)

F के निर्देशांक = \(\left(\frac{0+0}{2}, \frac{3-1}{2}\right)\)
= (0, 1)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 1

∴ ∆DEF के शीर्षों के निर्देशांक D (1, 0); E (1, 2); F (0,1) हैं।
यहाँ x1 = 1, x2 = 1, x3 = 0
y1 = 0, y2 = 2, y3 = 1

∆DEF का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [1 (2 – 1) + 1 (1 – 0) + 0 (0 – 2]
= \(\frac{1}{2}\) [1 + 1 + 0]
= \(\frac{2}{2}\) = 1 वर्ग मात्रक

∆ABC में,
x1 = 0, x2 = 2, x3 = 0
y1 = – 1, y2 = 1, y3 = 3

∆ABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [0 (1 – 3) + 2 (3 + 1) + 0 (- 1 – 1)]
= \(\frac{1}{2}\) [0 + 8 + 0]
= \(\frac{8}{4}\) = 4 वर्गमात्रक
ADEF व
अभीष्ट अनुपात = ∆DEF का क्षेत्रफल / ∆ABC का क्षेत्रफल

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

प्रश्न 4.
उस चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष, इसी क्रम में, (- 4, – 2); (- 3, – 5); (3, – 2) और (2, 3) हैं।
हल :
मान लीजिए दी गई चतुर्भुज ABCD के निर्देशांक A (-4, – 2); B (-3, -5); C (3, – 2) और D (2, 3) हैं।
AC को मिलाइए, तो चतुर्भुज ABCD, दो त्रिभुजों में विभाजित हो जाती है।
अर्थात् ∆ABC और ∆CDA

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 2

∆ABC में, यहाँ x1 = – 4, x2 = – 3, x3 = 3
y1 = – 2, y2 = – 5, y3 = – 2
∆ABC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [- 4 (- 5 + 2) + (- 3) (- 2 + 2) + 3 (- 2 + 5)]
= \(\frac{1}{2}\) [12 + 0 + 9]
= \(\frac{21}{2}\) वर्ग मात्रक
∆CDA में,
x1 = 3, x2 = 2, x3 = – 4
y1 = – 2, y2 = 3, y3 = – 2
∆CDA का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [3 (3 + 2) + 2 (- 2 + 2) + (- 4) (- 2 – 3)]
= \(\frac{1}{2}\) [20 + 15 + 0] = \(\frac{35}{2}\)
वर्ग मात्रक अब, चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = (∆ABC का क्षेत्रफल) + (∆ACD का क्षेत्रफल)
= \(\frac{21}{2}+\frac{35}{2}=\frac{21+35}{2}\)
= \(\frac{56}{2}\) = 28 वर्गमात्रक

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3

प्रश्न 5.
कक्षा IX म आपन पढ़ा है ( अध्याय ५, उदाहरण 3) कि किसी त्रिभुज की एक माध्यिका उसे बराबर क्षेत्रफलों वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है। उस त्रिभुज ABC के लिए इस परिणाम का सत्यापन कीजिए जिसके शीर्ष A(4, – 6), B(3, – 2) और C(5, 2) हैं।
हल :
दिया है कि ∆ABC के शीर्षों के निर्देशांक, A(4, – 6); B (3, – 2) और C (5, 2) हैं।
मान लीजिए CD एक माध्यिका है। अर्थात् D, AB का मध्य बिंदु है जो∆ABC को दो भागों में विभाजित करता है अर्थात्

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.3 3

∆ADC और ∆CDB
D के निर्देशांक = \(\left(\frac{4+3}{2}, \frac{-6-2}{2}\right)\)
= \(\left(\frac{7}{2}, \frac{-8}{2}\right)\)
= (3.5, – 4)

∆ADC में,
x1 = 4, x2 = 3.5, x3 = 5
y1 = – 6, y2 = – 4, y3 = 2

∆ADC का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]

= \(\frac{1}{2}\) [4 (- 4 – 2) + 3.5 (2 + 6) + 5 (- 6 + 4)]
= \(\frac{1}{2}\) [- 24 + 28 – 10]
= \(\frac{1}{2}\) × – 6 = – 3
= 3 वर्ग मात्रक(∵ क्षेत्रफल ऋणात्मक नहीं हो सकता)

∆CDB में,
x1 = 5, x2 = 3.5, x3 = 3
y1 = 2, y2 = – 4, y3 = – 2
∆CDB का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) [x1 (y2 – y3) + x2 (y3 – y1) + x3 (y1 – y2)]
= \(\frac{1}{2}\) [5 (- 4 + 2) + 3.5 (- 2 – 2) + 3 (2 + 4)]
= \(\frac{1}{2}\) [- 10 – 14 + 18]
= \(\frac{1}{2}\) x – 6 = – 3
= 3 वर्ग मात्रक (∵ क्षेत्रफल ऋणात्मक नहीं हो सकता)
उपर्युक्त चर्चा से स्पष्ट है कि ∆ADC का क्षेत्रफल = ∆CDB का क्षेत्रफल = 3 वर्ग मात्रक
अतः त्रिभुज की माध्यिका इसे बराबर क्षेत्रफलों वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अवतल दर्पण के सम्मुख विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तु के दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंबों की स्थिति, प्रकृति एवं आकार चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर-
अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब का बनना-अवतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार दर्पण से वस्तु की दूरी पर निर्भर करती है।
(i) जब वस्तु अनंत दूरी पर है-मान लो अनंत दूरी पर रखी वस्तु AB से चलने वाली किरणें परस्पर समांतर होती हैं। एक किरण, जो फोकस F से होकर जाती है, परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है। दूसरी किरण, जो वक्रता केंद्र C से होकर आती है, परावर्तन के पश्चात् उसी मार्ग पर लौट जाती है। ये दोनों परावर्तित किरणें दर्पण के फोकस तल के बिंदु B पर मिलती हैं। अत : B’, B का प्रतिबिंब हैं तथा A का प्रतिबिंब A.’ फोकस F पर बनता है। इस प्रकार AB वस्तु का प्रतिबिंब A B’ बनता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 1

यह प्रतिबिंब अवतल दर्पण के फोकस पर स्थित है तथा वास्तविक, उल्टा एवं वस्तु से आकार में बहुत छोटा बनता है।
(ii) जब वस्तु अनंत एवं वक्रता केंद्र (C) के मध्य रखी हो-मान लो वस्तु AB, अवतल दर्पण के सम्मुख उसकी वक्रता-त्रिज्या से अधिक दूरी पर रखी है। बिंदु A से मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली किरण AE, परावर्तन के पश्चात् फोकस F से होकर जाती है। दूसरी किरण AG जो वक्रता केंद्र C से होकर जाती है परावर्तन के पश्चात उसी मार्ग से लौट आती है। ये दोनों परावर्तित किरणें A’ पर मिलती हैं, जो A का वास्तविक प्रतिबिंब है। A’ से मुख्य अक्ष पर खींचा गया लंब A’B’, वस्तु AB का प्रतिबिंब है।
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यह प्रतिबिंब दर्पण के वक्रता केंद्र C तथा मुख्य फोकस F के बीच में वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटा बनता है।

(iii) जब वस्तु वक्रता-केंद्र (C) पर रखी हो-मान लो वस्तु AB, अवतल दर्पण के वक्रता केंद्र C पर रखी है। A से मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली आपतित किरण AD, परावर्तित होकर फोकस F से होकर जाती है । दूसरी आपतित किरण AD’, फोकस F से में से होकर जाती है जो परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समांतर D’A’ बन जाती है। ये दोनों किरणें बिंदु A’ पर मिलती हैं। A’ का वास्तविक प्रतिबिंब हैं। A’ से मुख्य अक्ष पर खींचा गया लंब A’B’, वस्तु AB का प्रतिबिंब हैं।
यह प्रतिबिंब दर्पण के वक्रता केंद्र पर वस्तु के समान आकार का, वास्तविक तथा उल्टा है।
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(iv) जब वस्तु वक्रता केंद्र (C) तथा फोकस (F) के बीच रखी होमान लो वस्तु AB, दर्पण के मुख्य फोकस F तथा वक्रता केंद्र C के बीच में स्थित हैं। A से मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली किरण AD, परावर्तित होकर मुख्य फोकस F से होकर जाती है। दूसरी आपतित किरण AD’, जो मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है। ये दोनों परावर्तित किरणें एक-दूसरे को A’ पर काटती हैं जो A का प्रतिबिंब हैं। A’ से मुख्य अक्ष पर खींचा गया लम्ब A’,B’ वस्तु AB का प्रतिबिंब है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 4
यह प्रतिबिंब दर्पण के वक्रता केंद्र तथा अनंत के बीच बनता है एवं वास्तविक उल्टा व वस्तु से बड़ा है।

(v) जब वस्तु मुख्य फोकस (F) पर रखी हो-मान लो वस्तु AB, मुख्य फोकस F पर स्थित है। A से मख्य अक्ष के समांतर चलने वाली आपतित किरण AD, परावर्तित होकर मुख्य फोकस F से होकर जाती है। बिंदु A से चलने वाली दूसरी आपतित किरण AE जो पीछे बढ़ाने पर वक्रता केंद्र C से गुजरती है, दर्पण से परावर्तित होकर उसी मार्ग पर लौट आती है। ये दोनों परावर्तित किरणें समांतर होने के कारण अनंत पर मिलती हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 5
यह प्रतिबंब अनंत पर बनता है तथा वास्तविक, उल्टा व वस्तु से बड़ा होता है।

(vi) जब वस्तु ध्रुव (P) तथा फोकस (F) के बीच रखी हो-मान लो वस्तु AB, अवतल दर्पण के फोकस एवं ध्रुव के बीच स्थित है। इसमें A से मुख्य अक्ष के समांतर चलने वाली किरण AD, परावर्तित होकर मुख्य फोकस F से होकर जाती है। दूसरी किरण AE दर्पण पर लंबवत् गिरती हैं। जो यह परावर्तित होकर उसी मार्ग पर लौट आती है। ये दोनों परावर्तित किरणें दर्पण के पीछे A’ से आती हुई प्रतीत होती हैं। अंत : A’, बिंदु A का आभासी प्रतिबिंब हैं। A’ से मुख्य अक्ष पर खींचा गया लंब AB’ वस्तु AB का प्रतिबिंब है।
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यह प्रतिबिंब दर्पण के पीछे, आभासी, सीधा व आकार में वस्तु से बड़ा होता है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 2.
प्रकाश अपवर्तन किसे कहते हैं ? काँच की आयताकार स्लैब में प्रकाश अपवर्तन चित्र द्वारा समझाओ तथा यह दर्शाओ कि निर्गत किरण, आपतित किरण के समांतर होती है।
उत्तर-
प्रकाश अपवर्तन- जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है तो वह दो माध्यमों के मिलन तल पर अपना पथ बदल लेती है। प्रकाश की इस प्रक्रिया को प्रकाश का अवपर्तन कहते हैं।
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एक आयताकार काँच की स्लैब PQRS को वायु में रखा गया है। AO आपतित किरण, 00′ अपवर्तित किरण और O’ B निर्गत किरण है। जब प्रकाश वायु में से काँच में प्रवेश करती है तो बिंदु 0 पर स्नैल के नियम का प्रयोग करने पर
\(\frac{\sin i_{1}}{\sin r_{1}}\) = aµb ……………….(1)
अब प्रकाश किरण काँच (सघन माध्यम) से वायु (विरल माध्यम) में जा रही है। बिंदु O’ पर स्नैल के नियम का प्रयोग करने पर
bµa= \(\frac{\sin i_{2}}{\sin r_{2}}=\frac{\sin r_{1}}{\sin r_{2}}\) ………………..(2)
(∵ ∠i2 = ∠r1 )
प्रकाश के उत्क्रमणीयता सिद्धांत (Principal of reversibility of light) के अनुसार
bµa = \(\frac{1}{a_{u_{b}}}\) …………………………….. (3)
समीकरण (2) और (3) से
aµb = \(\frac{\sin r_{2}}{\sin r_{1}}\) ………………………………………. (4)
समीकरण (1) और (4) की तुलना करने पर
\(\frac{\sin i_{1}}{\sin r_{1}}=\frac{\sin r_{2}}{\sin r_{1}}\)
या
sin i1 = sin r2
∴ i1 =r2
इसका अर्थ है कि आपतन कोण निर्गमन कोण के समान है । इसलिए जब प्रकाश एक आयताकार काँच की स्लैब से अपवर्तन होता है, तो निर्गत किरण और आपतित किरण समांतर होती हैं।

प्रश्न 3.
जब किसी वस्तु को एक उत्तल लेंस से (i) F और 2F के बीच (ii) 2F से परे (ii) F पर रखा जाता है तो चित्र की सहायता से इसके प्रतिबिंब की रचना दर्शाओ।
अथवा
एक वस्तु किसी उत्तल लेंस के F पर रखी हैं। चित्र की सहायता से उत्तल लेंस से बने प्रतिबिंब की स्थिति, आकार और स्वरूप ज्ञात कीजिए ।
उत्तर-
(i) जब वस्तु F और 2F के मध्य हो-जब वस्तु उत्तल लेंस के F तथा 2F के मध्य रखी जाती है तो प्रतिबिंब लेंस के दूसरी तरफ 2F से परे बनता है। यह प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा बड़े आकार का बनता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 8
(ii) जब वस्तु 2F से परे (दूर) पड़ी हो-जब वस्तु उत्तल लेंस के सामने 2F से दूर रखी जाती है तो प्रतिबिंब लेंस के दूसरी तरफ F तथा 2F के मध्य बनता है। यह प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा छोटे आकार का होता है।
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(iii) जब वस्तु F पर पड़ी हो-जब वस्तु उत्तल लेंस के F पर पड़ी हो तो प्रतिबिंब लेंस को दूसरी तरफ अनंत पर बनता है। यह प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा आकार में बड़ा बनता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 10

प्रश्न 4.
चित्र में प्रकाश की कौन-सी क्रिया दर्शाई गई है ? इसकी परिभाषा दें तथा इसके नियम भी लिखो।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 11
उत्तर-
चित्र में प्रकाश अपवर्तन की क्रिया दर्शायी गई है।
प्रकाश का अपवर्तन—जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो यह अपने पहले पथ से विचलित (मुड़) हो जाता है। प्रकाश के इस पथ परिवर्तन को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं। यदि प्रकाश किरण, प्रकाशीय विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो वह आपतन बिंदु पर बने अभिलंब की ओर मुड जाती है और यदि प्रकाश किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो यह अभिलंब से दूर मुड़ जाती है।

प्रकाश अपवर्तन के नियम –
(i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण और अभिलंब सदा एक ही तल में होते हैं।
(ii) जब एक प्रकाश-किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती है तो आपतन कोण (∠i) की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण (∠r) की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता है। इस नियतांक को दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं। इसे 1μ2 से प्रकट करते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 12
प्रकाश के अपवर्तन के दूसरे नियम को स्नैल का नियम भी कहते हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रकाश क्या है ? इसकी प्रकृति क्या है ?
उत्तर-
(Light)-प्रकाश वह भौतिक साधन है जो हमें दूसरी वस्तुओं को देखने में सहायता करता है। प्रकाश स्वयं दिखाई नहीं देता। यह एक प्रकार की ऊर्जा है। प्रकाश वास्तव में विद्युत् चुंबकीय तरंगें हैं जो वायु अथवा निर्वात में एक स्थान से दूसरे स्थान तक सीधी रेखा में चलता है।

प्रश्न 2.
प्रकाश की प्रकृति की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-

  • इन्हें संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती।
  • यह विद्युत् चुंबकीय तरंगों के रूप में होता है।
  • इसकी चाल माध्यम की प्रकृति पर आधारित होती है।

प्रश्न 3.
प्रकाश के कृत्रिम स्रोत कौन-से हैं ? उदाहरण दें।
अथवा
मनुष्य द्वारा बनाए गए प्रकाश के स्त्रोत कौन-से हैं ? उदाहरण दें।
उत्तर-
प्रकाश के कृत्रिम स्त्रोत (Artificial Sources of Light) – प्रकाश के मुख्य कृत्रिम स्रोत-अग्नि, विद्युत्, गैस, दीप तथा कुछ रासायनिक क्रियाएं हैं।

प्रश्न 4.
परावर्तक क्या होता है ?
उत्तर-
परावर्तक (Reflector)- ऐसी चिकनी और चमकीली (पॉलिश की गई) सतह जो प्रकाश किरणों को उसी माध्यम में लौटा देती है जिससे वे किरणें आ रही होती हैं, को परावर्तक (Reflector) कहते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 5.
प्रकाश परावर्तन से क्या अभिप्राय है ? प्रकाश परावर्तन के नियम लिखो।
अथवा
प्रकाश का परावर्तन (Reflection of Light) क्या है ? प्रकाश के परावर्तन के नियम लिखें।
उत्तर-
प्रकाश का परावर्तन (Reflection of Light)-जब प्रकाश की किरणें किसी समतल और चमकदार सतह से टकराती हैं, तो विशेष दिशा में वापिस पहले माध्यम में ही लौट आती हैं। प्रकाश की इस प्रक्रिया को प्रकाश परावर्तन कहते हैं।

परावर्तन के नियम (Laws of Reflection)-

  • आपतन कोण (∠i) और परावर्तन कोण (∠r) एक-दूसरे के बराबर होते हैं।
    अर्थात् ∠i = ∠r.
  • आपतित किरण परावर्तित किरण और आपतन बिंदु परावर्तित सतह आपतन बिंदु पर बना अभिलंब (normal) सभी दर्पण एक तल में होते हैं। चित्र में AB एक समतल परावर्तक सतह (दर्पण) है, PQ आपतित किरण, QR परावर्तित किरण और ON आपतन बिंदु पर अभिलंब हैं। चित्र से पता चलता है कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा अभिलंब सभी कागज़ के तल में हैं।
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प्रश्न 6.
जब प्रकाश की कोई किरण दर्पण पर अभिलंब रूप में पड़ती है तो आपतन कोण कितना होता
उत्तर-
जब प्रकाश की कोई किरण दर्पण पर अभिलंब रूप में पड़ती है तो इस अवस्था में आपतन कोण शून्य अंश के बराबर होता है। (∠i = ∠0 °)

प्रश्न 7.
जब प्रकाश की किरण किसी दर्पण पर अभिलंब रूप में पड़ती है तो यह किस कोण पर परावर्तित होती है?
उत्तर-
जब प्रकाश की कोई किरण दर्पण पर अभिलंब रूप में पड़ती है (∠i = 0°) तो यह परावर्तित होकर अभिलंब की दिशा में वापिस मुड़ आती है। इस अवस्था में परावर्तित (∠r = 0° ) शून्य अंश का होता है।

प्रश्न 8.
किसी दर्पण पर अभिलंब रूप में पड़ रही किरण उसी पथ पर वापिस आ जाती है। क्यों ?
उत्तर–
किसी दर्पण पर अभिलंब रूप में पड़ रही किरण उसी पथ पर वापिस आ जाती है। इस अवस्था में आपतन कोण (∠i = 20°) शून्य है, क्योंकि परावर्तन के नियमानुसार आपतन कोण ∠i = परावर्तन कोण Lr होता है, इसलिए परावर्तन कोण भी (∠r = 0°) शून्य होगा तथा प्रकाश किरण उसी पथ पर लौट आएगी।

प्रश्न 9.
इन पदों की परिभाषा दो : गोलीय दर्पण, अवतल दर्पण, उत्तल दर्पण, द्वारक, वक्रता केंद्र, शीर्ष, मुख्य फोकस और फोकस-दूरी।
उत्तर-
(i) गोलीय दर्पण (Spherical Mirror) यदि दर्पण किसी खोखले गोले का भाग है जिसकी एक सतह पॉलिश की हुई हो और दूसरी सतह परावर्तक हो तो ऐसा दर्पण, गोलीय दर्पण कहलाता है।
गोलीय दर्पण दो प्रकार का होता है –

  • अवतल दर्पण तथा
  • उत्तल दर्पण

(ii) अवतल दर्पण (Concave Mirror)- एक ऐसा गोलीय दर्पण जिसकी परावर्तक सतह उस गोले के केंद्र की ओर होती है जिसका यह दर्पण एक भाग है, अवतल दर्पण कहलाता है। अवतल दर्पण की बाहरी मुख्य अक्ष सतह पॉलिश की हुई होती है तथा प्रकाश परावर्तन भीतरी सतह से होता है।
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(iii) उत्तल दर्पण (Convex Mirror)-एक ऐसा दर्पण जिसकी परावर्तक सतह उस गोले के केंद्र से परे (दूर) होती है जिस गोले का दर्पण एक भाग होता है, उत्तल दर्पण कहलाता है। उत्तल दर्पण की भीतरी सतह पॉलिश की हुई होती है तथा परावर्तन बाहरी सतह से होता है।
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(iv) द्वारक (Aperture)-दर्पण के उस भाग को, जिससे प्रकाश का परावर्तन होता है, दर्पण का द्वारक कहा जाता है। चित्र (a) और (b) में दूरी M1 M2 दर्पण का द्वारका कहलाता है।
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(v) वक्रता-केंद्र (Centre of Curvature)-दर्पण का वक्रता केंद्र उस खोखले गोले का केंद्र है जिसका दर्पण एक भाग होता है। नीचे चित्र (a) में C एक अवतल दर्पण का वक्रता केंद्र है और चित्र (b) में C एक उत्तल दर्पण का वक्रता केंद्र है।

(vi) शीर्ष या ध्रुव (Pole)-गोलीय दर्पण के मध्य बिंदु या केंद्र को इसका ध्रुव या शीर्ष (vertex) कहा जाता है। नीचे चित्र (a) और (b) में इसे P से दर्शाया गया है।

(vii) मुख्य फोकस (Principal Focus)-दर्पण का मुख्य फोकस, मुख्य अक्ष पर वह बिंदु होता है जहाँ पर मुख्य अक्ष के समांतर आ रही प्रकाश किरणें दर्पण से परावर्तित होकर वास्तव में एक बिंदु पर आकर मिलें या इस बिंदु से अभिसरित होती हैं अथवा एक बिंदु से अपसरित होती हईं प्रतीत पडती हैं।
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(viii) फोकस दूरी (Focus Length)-गोलीय दर्पण के शीर्ष (ध्रुव) (P) और मुख्य फोकस (F) के मध्य की दूरी को दर्पण की फोकस दूरी कहा जाता है। इसे द्विारा प्रदर्शित किया जाता है। चित्र में PF फोकस दूरी है। एस० आई० पद्धति में फोकस दूरी का मात्रक (unit) मीटर हैं।

प्रश्न 10.
एक अवतल दर्पण की फोकस दूरी और वक्रता अर्धव्यास के मध्य क्या संबंध हैं ? समतल दर्पण की फोकस दूरी कितनी होती है ?
उत्तर-
एक अवतल दर्पण की फोकस दूरी उस दर्पण के वक्रता अर्धव्यास से आधी होती हैं। यदि अवतल दर्पण की फोकस दूरी f और वक्रता अर्धव्यास R हो, तो
f=\(\frac{1}{2}\) xR
समतल दर्पण की फोकस दूरी अनंत होती है।

प्रश्न 11.
अवतल दर्पण का एक वास्तविक फोकस होता है। एक आरेख बनाकर इसकी व्याख्या करो।
उत्तर-
अवतल दर्पण का वास्तविक फोकस-क्योंकि अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर आ रही सभी किरणें दर्पण से परावर्तित होकर वास्तव में फोकस में से गुज़रती हैं, इसलिए अवतल दर्पण का फोकस वास्तविक होता है।
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प्रश्न 12.
जब किसी अवतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिंब अनंत पर बनता है तो वस्तु कहाँ पर होती है ?
उत्तर-
जब वस्तु को अवतल दर्पण के फोकस पर रखा जाता है तो प्रतिबिंब अनंत पर बनता है तथा यह प्रतिबिंब वास्तविक तथा वस्तु की अपेक्षा आकार में बड़ा बनता है। इस अवस्था में वस्तु से आ रही प्रकाश किरणें परावर्तन के पश्चात् समांतर हो जाती हैं।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 13.
किसी वस्तु को एक अवतल दर्पण के सामने कहाँ पर रखा जाये ताकि इसका प्रतिबिंब वास्तविक और वस्तु के समान आकार का बने ?
उत्तर-
अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब वास्तविक तथा वस्तु के समान आकार का प्राप्त करने के लिए वस्तु को अवतल दर्पण के सामने वक्रता-केंद्र पर रखना चाहिए। इस अवस्था में प्रतिबिंब भी वक्रता-केंद्र पर बनेगा तथा यह वास्तविक, उल्टा और आकार में वस्तु के आकार के बराबर होगा।
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प्रश्न 14.
अवतल दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब बड़ा और आभासी कब बनता है ? आरेख दवारा दर्शाओ।
उत्तर-
जब वस्तु अवतल दर्पण के शीर्ष (Pole) और फोकस के मध्य रखी जाती है तो उस अवस्था में वस्तु प्रतिबिंब का प्रतिबिंब सीधा, आभासी तथा आकार में वस्तु की अपेक्षा बड़ा बनता है।
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प्रश्न 15.
किसी दर्पण का उपयोग शेव करने के लिए किया जाता है और क्यों ? इसकी क्रिया को एक आरेख की सहायता से दर्शाओ।
उत्तर-
अवतल दर्पण का शेव करने वाले दर्पण के रूप में उपयोग किया जाता है क्योंकि जब हम अपना चेहरा किसी अवतल दर्पण के निकट (शीर्ष और फोकस के मध्य) रखते हैं तो चेहरे का प्रतिबिंब आकार में बड़ा और सीधा बनता है, जिससे बारीक बाल भी दिखाई देते हैं, अर्थात् यह चेहरे की ठीक शेव (Shave) करने में सहायक होता है। इसलिए अवतल दर्पण को शेव करने वाले दर्पण के रूप में प्रयोग किया जाता है ।
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प्रश्न 16.
कौन-सा दर्पण हमेशा आभासी, सीधा और वस्तु से छोटे आकार का प्रतिबिंब बनाता है ?
उत्तर-
उत्तल दर्पण के लिए वस्तु की स्थिति यद्यपि कोई भी हो, प्रतिबिंब सदा आभासी, सीधा, उत्तल दर्पण वस्तु से छोटा और दर्पण के पीछे बनेगा।
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प्रश्न 17.
किस दर्पण की दृष्टि क्षेत्र बड़ा होता है ?
उत्तर-
उत्तल दर्पण में प्रतिबिंब सदा आभासी सीधा तथा वस्तु से छोटे आकार का और दर्पण के पीछे बनता है। दर्पण को वस्तु से दूर ले जाने पर पीछे की ओर के बड़े क्षेत्र में पड़ी वस्तुएं देखी जा सकती हैं। इस प्रकार इसका दृष्टि क्षेत्र बड़ा हो जाता है। अतः उत्तल दर्पण का दृष्टि क्षेत्र बड़ा होता है।

प्रश्न 18.
किस दर्पण को ड्राइवर के दर्पण के रूप में पहल दी जाती है और क्यों ? आरेख बनाकर दर्शाओ।
उत्तर-
उत्तल दर्पण को ड्राइवर के दर्पण के रूप में पहल दी जाती है क्योंकि उत्तल दर्पण में बन रहा प्रतिबिंब वस्तु से बहुत छोटा तथा सीधा बनता है। इसलिए उत्तल दर्पण द्वारा पीछे आ रही ट्रैफिक का एक बड़ा भाग दिखाई देता है।
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प्रश्न 19.
पीछे की ट्रैफिक देखने के लिए वाहनों में किस प्रकार के दर्पण का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
क्योंकि उत्तल दर्पण में पीछे आ रही ट्रैफिक का सीधा तथा छोटा प्रतिबिंब बनता है, इसलिए बड़े क्षेत्र में आ रहे वाहनों को देखने के लिए उत्तल दर्पण का प्रयोग वाहनों के दर्पण के रूप में किया जाता है ।

प्रश्न 20.
समतल दर्पण, अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण को बिना छुए आप इनमें अंतर कैसे मालूम करोगे ?
उत्तर-
दर्पणों की पहचान करना प्रतिबिंब देखकर–प्रत्येक दर्पण में अपने चेहरे का प्रतिबिंब देखें। अब अपना चेहरा दर्पण से दूर ले जाओ और प्रतिबिंब का आकार नोट करो। आप देखेंगे कि समतल दर्पण में बन रहे प्रतिबिंब का आकार चेहरे के आकार के बराबर तथा अवतल दर्पण में बड़ा और उत्तल दर्पण में प्रतिबिंब का आकार छोटा होगा। इस तरह हम बिना छुए समतल दर्पण, अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण में पहचान कर सकते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 21.
एक गोलीय दर्पण के आवर्धन की परिभाषा दो। समतल दर्पण में आवर्धन कितना होता है?
अथवा
आवर्धन (Magnification) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आवर्धन (Magnification)-गोलीय दर्पण का आवर्धन दर्पण द्वारा बनाये गए प्रतिबिंब के आकार या ऊँचाई (Size) और वस्तु के आकार या ऊँचाई (Size) के अनुपात के बराबर होता है। इसे m द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 25
समतल दर्पण का आवर्धन-समतल दर्पण को एक ऐसे गोले का भाग माना जा सकता है जिसका अर्धव्यास अनंत है।
∴ दर्पण फार्मूला लगाकर \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{\infty}\)
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=0\)
u+v = 0
u = -v
अब आवर्धन (m) = \(\frac{-v}{u}=\frac{u}{u} \) = 1
अर्थात् वस्तु का आकार और प्रतिबिंब का आकार एक समान होते हैं।

प्रश्न 22.
एक समतल दर्पण के द्वारा बनाये गए प्रतिबिंब के लक्षण लिखो।
उत्तर-
समलत दर्पण में बने प्रतिबिंब के लक्षण (गुण)-

  • यह आभासी होता है, अर्थात् इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता।
  • यह सीधा होता है।
  • इसमें पार्श्व परावर्तन होता है, अर्थात् दायाँ हाथ दर्पण में बायाँ दिखाई देता है और बायाँ हाथ दायाँ दिखाई देता है।
  • समतल दर्पण में बने प्रतिबिंब आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।
  • प्रतिबिंब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी जाती है।

प्रश्न 23.
प्रतिबिंब से क्या तात्पर्य है ? आभासी तथा वास्तविक प्रतिबिंब में क्या अंतर है ?
उत्तर-
प्रतिबिंब-दर्पण के सामने रखी वस्तु की दर्पण में जो आकृति बन जाती है उस आकृति को वस्तु का प्रतिबिंब कहते हैं। प्रतिबिंब की परिभाषा निम्नलिखित प्रकार से दी जाती है – “जब प्रकाश की किरणें किसी बिंदु से चलकर परावर्तन के पश्चात् (दर्पण में) अथवा अपवर्तन के पश्चात् (लेंस में) किसी दूसरे बिंदु पर जाकर मिलती है अथवा दूसरी बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं तो इस दूसरे बिंदु को पहले बिंदु का प्रतिबिंब कहते हैं।”

वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिंब में अंतर

एक वास्तविक प्रतिबिंब (Real Image) आभासी प्रतिबिंब (Virtual Image)
(1) परावर्तन या अपवर्तन के बाद यदि प्रकाश की किरणें परस्पर मिलें तो प्रतिबिंब वास्तविक बनता है। (1) परावर्तन या अपवर्तन के बाद यदि प्रकाश की किरणें परस्पर न मिलें (पीछे को बढ़ाकर उन्हें मिलना पड़े) तो प्रतिबिंब आभासी बनता है।
(2) यह प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। (2) यह प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
(3) यह प्रतिबिंब हमेशा उल्टा बनता है। (3) यह प्रतिबिंब सीधा बनता है।

प्रश्न 24.
समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब की रचना चित्र सहित समझाएं।
अथवा
कैसे दर्शाओगे कि समतल दर्पण में बने प्रतिबिंब की दर्पण से दूरी उसके सामने पड़ी वस्तु की दर्पण से दूरी के बराबर होती है।
उत्तर-
समतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब की लिमिट रचना-मान लो MM’ एक समतल दर्पण है और उसके सामने वस्तु 0 पड़ी है। OA और OB दो आपाती किरणें निकल रही हैं। AC और BD इनकी अनुसारी परावर्तित किरणें हैं, I प्रतिबिंब है। क्योंकि परावर्तित किरणें वास्तव में I पर नहीं मिलती | M aiyammiliauranizarrILM’ समतल दर्पण परंतु I पर मिलती हुई दिखाई देती हैं, इसलिए । वस्तु 0 का आभासी प्रतिबिंब है। मापने से पता चलता है कि NO = NI अर्थात् प्रतिबिंब दर्पण के पीछे उतनी दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर दर्पण के सामने रखी रहती है।
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प्रश्न 25.
गोलीय दर्पण के मुख्य उपयोग लिखो।
उत्तर-
गोलीय दर्पण के उपयोग-गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं।
(1) अवतल दर्पण
(2) उत्तल दर्पण।

(1) अवतल दर्पण के उपयोग–

  • अवतल दर्पण, परावर्तक के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। बड़े व्यास वाले दर्पणों को परावर्तक दूरदर्शी में प्रयुक्त किया जाता है।
  • एक अवतल दर्पण जिसके केंद्र में सुराख होता है, डॉक्टर के सिर के दर्पण (head mirror) के रूप में आँख, नाक, गले तथा कान के निरीक्षण के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
  • जब वस्तु को दर्पण के शीर्ष तथा फोकस के मध्य रखा जाता है तो यह सीधा, बड़ा तथा आभासी प्रतिबिंब बनाता है। इसलिए इसे शेव दर्पण के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
  • अवतल दर्पण कार की लैंप तथा सर्चलाइट में प्रयुक्त किया जाता है।

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(2) उत्तल दर्पण के उपयोग-
उत्तल दर्पण, ड्राइवरों द्वारा पीछे आ रहे ट्रैफिक का अधिक दृष्टि क्षेत्र में देखने के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि इस दर्पण में प्रतिबिंब छोटा, सीधा तथा आभासी होता है।
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प्रश्न 26.
उत्तल दर्पण द्वारा बनाए गए प्रतिबिंब की रचना आरेख चित्र द्वारा समझाओ।
अथवा
किसी अवतल दर्पण द्वारा बिंब के प्रतिबिंब बनने का स्थान निर्धारित करने के लिए न्यूनतम कितनी किरणों की आवश्यकता होती है ? एक अवतल दर्पण द्वारा आभासी प्रतिबिंब का बनना एक किरण आरेख खींचकर दिखाइए।
उत्तर-
किसी अवतल दर्पण द्वारा बिंब के प्रतिबिंब बनने का स्थान निर्धारित करने के लिए न्यूनतम दो किरणों की आवश्यकता होती है। अवतल दर्पण द्वारा आभासी प्रतिबिंब की रचनाउत्तल दर्पण द्वारा बनाए गए प्रतिबिंब की रचना (Formation of Image by Convex Mirror)-मान लो एक वस्तु AB उत्तल दर्पण के सामने इसके मुख्य अक्ष पर पड़ी है। एक किरण AD, A बिंदु से चलकर दर्पण से
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परावर्तन के पश्चात् DE दिशा में जाती है जोकि मुख्य फोकस F में से आ रही दिखाई पड़ती है। एक अन्य आपतित किरण AC, वक्रता केंद्र C से परावर्तित होकर, वापिस मुड़ जाती है। ये दोनों परावर्तित किरणे A’ पर मिलती हुई दिखाई दोती हैं जो A का आभासी प्रतिबिंब हैं। A’ पर बना लंब A B’ वस्तु AB का आभासी, सीधा तथा आकार में छोटा प्रतिबिंब है।

प्रश्न 27.
गोलीय दर्पणों के लिए नई कार्तीय चिह्न परंपराओं की चर्चा करो।
अथवा
गोलीय दर्पणों द्वारा परावर्तन के लिए कौन-सी चिह्न परिपाटी का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
नई कार्तीय चिह्न प्रतिबिंब परंपराएं (New Cartesian Sign Conventions)

  • वस्तु (या बिंब) दर्पण से बायीं ओर होता है तथा वस्तु से चलने वाली आपतित किरणें बायीं ओर से दायीं ओर जाती हुई मानी गई हैं।
  • सभी दूरियां गोलीय दर्पण के शीर्ष (Pole) से मापी जाती हैं।
  • आपतित प्रकाश की दिशा में मापी जाने वाली दूरियों को धनात्मक और आपतित प्रकाश की दिशा से विपरीत दिशा में मापी जाने वाली दूरियों को ऋणात्मक माना जाता है।
  • दर्पणों के मुख्य अक्ष के समकोणीय ऊपर की ओर मापी जाने वाली ऊँचाइयों को धनात्मक और इसके विपरीत नीचे की ओर ऊँचाइयों को ऋणात्मक माना जाता है।

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प्रश्न 28.
प्रकाश की एक किरण समतल दर्पण के साथ 40° का कोण बनाती है। इसका परावर्तन कोण कितना होगा ?
उत्तर-
प्रकाश की किरण का समतल दर्पण के साथ बना कोण = 40°
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∴ अभिलंब आपतित तथा किरण के मध्य साथ बना कोण = ∠i = 90° – 40° = 50° ‘
∵ ∠i = ∠r
अत : r = 50°

प्रश्न 29.
दो समतल दर्पणों को किस प्रकार : व्यवस्थित किया जाए कि परावर्तित किरण के समानांतर हैं ?
उत्तर-
परावर्तित किरण सदैव आपतित किरण के समानांतर होगी यदि दो समतल दर्पण एक-दूसरे के लंबवत् व्यवस्थित किए जाएं जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 30.
विसरित परावर्तन (Diffused Reflection) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
समानांतर किरणें किसी ऐसे तल से टकराती हैं जो असमतल (खुरदरा) हो तो प्रकाश की परावर्तित किरणों का एक बड़ा भाग टकराने के बाद अनियमित रूप से फैल जाता है, तो ऐसे परावर्तन को विसरित परावर्तन कहते हैं।
उदाहरण-पुस्तक के अक्षरों अथवा ब्लैक बोर्ड पर लिखे गए शब्दों का पढ़ जाना विसरित परावर्तन के विसतरित परावर्तन कारण ही संभव है।
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प्रश्न 31.
प्रकाशीय माध्यम किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
प्रकाशीय माध्यम-जिस भौतिक साधन में से प्रकाश सुगमता से गुज़र सकता है, उसे प्रकाशीय माध्यम कहते हैं; जैसे वायु, पानी, काँच आदि।
माध्यम निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं

  • पारदर्शी माध्यम-वह माध्यम जिसमें से प्रकाश की किरणें सुगमता से गुज़र सके और उसके दूसरी ओर पड़ी हुई वस्तुएं स्पष्ट दिखाई दें, पारदर्शी माध्यम कहलाता है; जैसे साफ पानी, काँच आदि।
  • अपारदर्शी माध्यम-जिस माध्यम में से प्रकाश की किरणें न गुज़र सकें और दूसरी ओर पड़ी हुई वस्तुएं दिखाई न दें, अपारदर्शी माध्यम कहलाता है ; जैसे ईंट, गत्ता, लोहे की चादर आदि।
  • पारभासी माध्यम-जिस माध्यम में से प्रकाश किरणे अल्प मात्रा में गुज़रे और दूसरी तरफ पड़ी हुई वस्तुएं धुंधली दिखाई दें, पारभासी माध्यम कहलाता है, जैसे धुंधला काँच, तेल लगा कागज़।

प्रश्न 32.
घनत्व की दृष्टि से माध्यम कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
घनत्व की दृष्टि से माध्यम दो प्रकार के होते हैं –

  • विरल माध्यम-कम घनत्व वाले माध्यम को विरल माध्यम कहते हैं। उदाहरण-वायु।
  • सघन माध्यम-अधिक घनत्व वाले माध्यम को सघन माध्यम कहते हैं। उदाहरण-काँच।

प्रश्न 33.
विरल माध्यम से सघन माध्यम में प्रवेश करते हुए माध्यम की अधिक सघनता का प्रकाश किरण पर क्या प्रभाव पड़ता है ? सचित्र उदाहरण से इसे समझाइए ।
अथवा
अपवर्तन में माध्यम की सघनता का अपवर्तित किरण के झुकाव पर क्या प्रभाव पड़ता है ? चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर-
जब प्रकाश की किरण विरल से सघन माध्यम में प्रवेश करती है तो यह अभिलंब की ओर मुड़ जाती है। माध्यम जितना अधिक सघन होगा, किरण उतनी ही अधिक अभिलंब की ओर मुड़ेगी। आगे दिए गए चित्र में प्रकाश की किरण वायु से पानी में तथा वायु से कांच में प्रवेश करती दिखाई गई है। किरण का झुकाव पानी की अपेक्षा काँच में अधिक है क्योंकि काँच पानी की अपेक्षा अधिक सघन है।
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प्रश्न 34.
जल से काँच में प्रवेश करने पर प्रकाश की चाल में क्या परिवर्तन होता है ?
उत्तर–
जल, काँच की अपेक्षा विरल माध्यम है। इसलिए प्रकाश जब जल से काँच में प्रवेश करता है तो प्रकाश की चाल कम हो जाती है तथा प्रकाश अभिलंब की ओर मुड़ जाता है। इस अवस्था में आपतन कोण (i) अपवर्तन कोण (r) से बड़ा होता है।

प्रश्न 35.
यदि प्रकाश की किरण काँच से जल में प्रवेश करें तो प्रकाश की किरणें अभिलंब की ओर मुड़ेंगी या अभिलंब से दूर हटेंगी ?
उत्तर-
इस अवस्था में प्रकाश सघन माध्यम (काँच) से जल (विरल माध्यम) में प्रवेश कर रही हैं जिससे अपवर्तन होने पर अभिलंब से दूर हटेंगी। इस अवस्था में आपतन कोण (i) अपवर्तन कोण (r) से कम होगा तथा जल में प्रकाश की चाल अधिक हो जायेगी।

प्रश्न 36.
वास्तविक और आभासी गहराई के संदर्भ में अपवर्तनांक ज्ञात करो।
उत्तर-
यह सामान्य ज्ञान है कि पानी की तालाब में गहराई अधिक प्रतीत होती है। उसका तल कुछ ऊपर उठा हुआ प्रतीत होता है। मान लो एक वस्तु तालाब की गहराई में A पर है। एक किरण AB तल से टकरा कर सामान्यत: BD की ओर अपवर्तित हो जाती है। A से एक अन्य किरण C पर आपतन Zi बना कर अभिलंब की ओर मुड़ जाती है। CE अपवर्तन Lr बनाती है और आँख तक पहुंचती है। इससे A अपने स्थान पर न रह कर A’ पर प्रतीत होता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 35
abω = \(\frac{1}{a_{b_{a}}}=\frac{1}{u}\)
\(\frac{\sin i}{\sin r}=a_{b_{\omega}}=\frac{1}{u}\)
\(\frac{\mathrm{BC} / \mathrm{AC}}{\mathrm{BC} / \mathrm{A}^{\prime} \mathrm{C}}=\frac{1}{\mu} \)

या µ = \(\frac{\mathrm{AC}}{\mathrm{A}^{\prime} \mathrm{C}}\)
क्योंकि B और C बहुत निकट हैं
∴ AC लगभग AB और A’C लगभग A’B के बराबर है।
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प्रश्न 37.
पानी में डूबी हुई लकड़ी मुड़ी हुई प्रतीत होती है। क्यों ?
उत्तर-
पानी में आंशिक रूप से एक सीधा लकड़ी का टुकडा (या पेंसिल) मुड़ा हुआ प्रतीत होता है। मान लो पानी में लकड़ी का एक सीधा टुकड़ा डुबोया गया है जो प्रकाश के अपवर्तन के कारण मुड़ा हुआ प्रतीत होगा। जैसे ही प्रकाश की किरणें बिंदु A से सघन माध्यम से विरल माध्यम में आती हैं तो वह लंब से परे मुड़ जाती हैं इस प्रकार बिंदु A बिंदु A के रूप में दिखाई देता है जिस कारण लकड़ी का टुकड़ा मुड़ा हुआ लगता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 37
इस प्रकार AO भाग A’ के रूप में दिखाई देता है तथा लकड़ी का टुकड़ा टेढ़ा प्रतीत होता है।

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प्रश्न 38.
क्या कारण है कि पानी से भरे टब में तल पर रखा सिक्का हमें ऊँचा उठा हुआ प्रतीत होता है ? चिन द्वारा दर्शाओ कि प्रकाश किरणें कैसे चलती हैं ?
उत्तर-
सिक्के का पानी में ऊपर उठा हुआ प्रतीत होना- इसका कारण प्रकाश का अपवर्तन है। जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो अभिलंब से दूर हट जाती है जिसके कारण बाहर से देखने पर हमें सिक्का ऊपर उठा दिखाई देता है।
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प्रश्न 39.
स्नेल के नियम की परिभाषा दो ।
उत्तर-
स्नेल का नियम (Snell’s Law)-अपवर्तन के दूसरे नियम को स्नेल का नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार आपतन कोण के साइन (sine i) अर्थात् (sin (i) और अपवर्तन कोण के साइन (sine r) अर्थात (sin r) का अनुपात (ratio) स्थिरांक होता है।
∴ \(\frac{\sin i}{\sin r} \) = स्थिरक = aµb

प्रश्न 40.
अपवर्तनांक किसे कहते हैं ? इसका संख्यात्मक सूत्र भी लिखें।
उत्तर-
अपवर्तनांक (Refractive Index)-निर्वात में प्रकाश के वेग और किसी अन्य माध्यम में प्रकाश के वेग के अनुपात को उस माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 39
aµb को माध्यम b का माध्यम a के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं अर्थात् प्रकाश माध्यम a से माध्यम b में प्रवेश करता है। अपवर्तनांक की कोई इकाई नहीं होती, क्योंकि यह दो एक जैसी राशियों का अनुपात है।

प्रश्न 41.
लेंस की परिभाषा दो। भिन्न-भिन्न प्रकार के लेंस कौन-से हैं ?
उत्तर-
लेंस (Lens)- यह एक पारदर्शी अपवर्तन करने वाले माध्यम का भाग है जो दो गोलीय पृष्ठों या एक गोलीय पृष्ठ तथा दूसरा समतल पृष्ठ से घिरा होता है। लेंस दो प्रकार के होते हैं-

  1. उत्तल लेंस
  2. अवतल लेंस।

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प्रश्न 42.
पद (1) प्रकाशिक केंद्र (2) मुख्य अक्ष (3) मुख्य फोकस का परिभाषा दो।
उत्तर-
1. प्रकाशिक केंद्र (Optical Centre)-लेंस के मध्य बिंदु को प्रकाशिक केंद्र कहा जाता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 41
चित्र-अवतल लेंस चित्र (a) में C उत्तल लेंस का प्रकाशिक केंद्र है तथा चित्र (b) में C अवतल लेंस का प्रकाशिक केंद्र है। इस बिंदु में से गुजरने वाली प्रकाश किरण मुड़ती (विचलित) नहीं है।

2. मुख्य अक्ष (Principal Axis)- किसी लेंस का मुख्य अक्ष वह काल्पनिक रेखा है जो कि इसके प्रकाशिक केंद्र में से गुज़रती है और यह लेंस के दोनों गोलीय पृष्ठों पर अभिलंब होता है। चित्र (a) में EF उत्तल लेंस का तथा चित्र (b) में चित्र EF अवतल लेंस का मुख्य अक्ष हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 42

3. मुख्य फोकस (Principal Focus)-यह लेंस के मुख्य अक्ष पर वह बिंदु हैं जिस पर मुख्य अक्ष के समांतर आ रही प्रकाश किरणे अपवर्तन के पश्चात् रूप में मिलती हैं (उत्तल लेंस) या (अवतल लेंस) पीछे की तरफ बढ़ाने पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 43

प्रश्न 43.
उत्तल लेंस से अपवर्तन द्वारा प्रतिबिंब बनाने के लिए कौन-कौन से नियम हैं ?
उत्तर-
लेंस से अवपर्तन द्वारा प्रतिबिंब बनाने के लिए नियम (Rules for Image Formation after refraction through lens)-(i) मुख्य अक्ष के समांतर प्रकाश की किरण अपवर्तन के बाद मुख्य फोकस से गुज़रती है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 44
(ii) मुख्य फोकस में से गुज़र रही प्रकाश की किरण अपवर्तन के बाद मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 45
(iii) लेंस के प्रकाशिक केंद्र में से गुजर रही प्रकाश किरण विचलित नहीं होती।
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प्रश्न 44.
किसी अवतल लेंस द्वारा प्रतिबिंब कैसे बनता है ? किरण आरेख खींच कर दिखाएं प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति कैसी होगी ?
उत्तर-
अवतल लेंस के सामने रखी किसी वस्तु के प्रतिबिंब का किरण आरेख चित्र में दिखाया गया है, अवतल लेंस द्वारा बनाया गया प्रतिबिंब सदैव लेंस के प्रकाशित केंद्र तथा फोकस के बीच वस्तु की ओर ही बनता है। यह प्रतिबिंब सदैव आकार में छोटा, सीधा तथा आभासी होता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 47

प्रश्न 45.
चित्र की सहायता से समझाइए कि उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
उत्तल लेंस की प्रिज़्मों के समूह से निर्मित हुआ माना जाता है, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। क्योंकि प्रिज्म में से गुजरने वाली किरण इसके आधार की ओर मुड़ जाती है, इसलिए यह संयोजन प्रकाश को अभिसरित करने की क्षमता रखता है। अतः इसे अभिसारी लेंस कहते है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 48

प्रश्न 46.
चित्र की सहायता से समझाइए कि अवतल लेंस को अपसारी लेंस क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
अवतल लेंस के दो प्रिज्मों को जिनके शीर्षक कांच पट्टिका की आमने-सामने वाली फलकों से संपर्क किए हुए हों, के समान माना जाता है। क्योंकि प्रकाश किरणे अपवर्तन के बाद आधार की ओर मुड़ती हैं और अपसरित होती दिखाई देती हैं। यह व्यवस्था प्रकाश को अपसरित करने की क्षमता रखता है। इस लेंस को अपसारी लेंस कहा जाता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 49

प्रश्न 47.
अवतल लेंस के लिए, यदि वस्तु अनंत पर हो तो प्रतिबिंब कहाँ बनेगा और इसकी प्रकृति क्या होगी ? चित्र बनाकर दर्शाओ।
उत्तर-
यदि वस्तु अनंत पर होगी तो उससे आने वाली सभी आपतित किरणें एक-दूसरे के समानांतर होंगी और अवतल लेंस में से गुज़रने (अपवर्तन) के पश्चात् अपसरित हो जायेंगी (अथवा फैल जाएगी) ये सभी अपवर्तित किरणें पीछे की ओर बढ़ाने पर एक बिंदु से आती हुई प्रतीत होंगी जहाँ प्रतिबिंब बनेगा। यह बिंदु फोकस कहलाता है। अतः प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आकार में छोटा होगा। चित्र में सभी आपतित किरणें अवतल लेंस के मुख्य अक्ष के समांतर दर्शायी गई हैं।
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प्रश्न 48.
उत्तल लेंस के लिए, वस्तु की स्थिति क्या होनी चाहिए, ताकि प्रतिबिंब फोकस पर बने और बहुत छोटा हो ? चित्र बनाकर दर्शाओ।
उत्तर-
उत्तल लेंस में प्रतिबिंब फोकस पर बनने और आकार में छोटा होने के लिए वस्तु को अनंत पर अर्थात् लेंस से बहुत अधिक दूरी पर होना चाहिए।
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प्रश्न 49.
लेंस सूत्र क्या है ? इसकी व्युत्पत्ति के लिए किन चिह्न परिपाटियों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
लेंस सूत्र (Lens Formula)–लेंस सूत्र वस्तु की दूरी (u), प्रतिबिंब की दूरी (v) तथा लेंस की फोकस दूरी (f) के बीच संबंध को प्रकट करता है।
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)

चिह्न परिपाटी (Sign Conventions)-

  • सभी दूरियाँ लेंस के प्रकाशिक केंद्र से मापी जाती हैं तथा प्रकाश बाईं ओर से दाईं ओर आपतित होता है।
  • आपतित किरण की दिशा में मापी जाने वाली सभी दूरियाँ धन (+) मानी जाती हैं। आपतित किरण की विपरीत दिशा में मापी जाने वाली सभी दूरियाँ ऋण (-) मानी जाती हैं।
  • मुख्य अक्ष पर अभिलंब की दिशा में ऊपर की तरफ मापी जाने वाली दरियाँ धन तथा नीचे की तरफ मापी जाने वाली दूरियाँ ऋण मानी जाती हैं।

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प्रश्न 50.
प्रतिबिंब की किस स्थिति में एक उत्तल लेंस आभासी तथा सीधा प्रतिबिंब बनाता है? एक किरण आरेख की सहायता से अपना उत्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
उत्तल लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा फोकस के बीच स्थित बिंब का प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा बनता है, जैसा कि चित्र में प्रदर्शित है। प्रतिबिंब की स्थिति लेंस के उसी ओर होती है जिस ओर बिंब है।
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PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 51.
आवर्धन की परिभाषा दो। आवर्धन का मात्रक क्या है ?
अथवा
रेखीय आवर्धन की परिभाषा दें। आवर्धन का मात्रक क्या है ?
उत्तर-
आवर्धन (Magnification)–गोलीय लेंस का आवर्धन लेंस द्वारा बनाये गये प्रतिबिंब के आकार तथा वस्तु के आकार का अनुपात होता है। इसे m से प्रदर्शित किया जाता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 54
m का कोई मात्रक नहीं होता क्योंकि यह दो समरूप राशियों का अनुपात है।

प्रश्न 52.
उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अंतर लिखिए।
उत्तर-
उत्तल दर्पण तथा अवतल दर्पण में अंतर

उत्तल दर्पण अवतल दर्पण
(1) इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल अंदर बाहर को उभरा होता है। (1) इसमें परावर्तन करने वाला चमकीला तल धंसा होता है।
(2) इसमें आभासी प्रतिबिंब बनता है। (2) इसमें वास्तविक और आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिंब बनते हैं।
(3) इसमें सीधा प्रतिबिंब बनता है। (3) इसमें प्रतिबिंब उल्टा और सीधा दोनों बनते हैं।
(4) इसमें प्रतिबिंब छोटा बनता है। (4) इसमें प्रतिबिंब बड़ा, छोटा तथा वस्तु के आकार का, तीनों प्रकार का बनता है।

प्रश्न 53.
उत्तल तथा अवतल लेंस में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
उत्तल तथा अवतल लेंस में अंतर –

उत्तल लेंस अवतल लेंस
(1) बीच में से मोटा तथा किनारों से पतला होता है। (1) बीच में से पतला तथा किनारों से मोटा होता है।
(2) अक्षर बड़े आकार के दिखाई देते हैं। (2) अक्षर छोटे आकार के दिखाई देते हैं।
(3) प्रकाश की किरणों को एक बिंदु पर केंद्रित करता है। (3) प्रकाश-किरण पुंज को बिखेर देता है।
(4) वस्तु का प्रतिबिंब वास्तविक, आभासी तथा उल्टा बनता है। (4) वस्तु का प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा बनता है।
(5) इसकी फोकस दूरी धनात्मक होती है। (5) इसकी फोकस दूरी ऋणात्मक होती है।

प्रश्न 54.
परावर्तन और अपवर्तन में क्या अंतर हैं ?
उत्तर-
परावर्तन तथा अपवर्तन के अन्तर –

परावर्तन अपवर्तन
(1) किसी चमकीली सतह से टकराकर प्रकाश की किरण का वापस लौट जाना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है। (1) पारदर्शक माध्यम से प्रकाश का एक-दूसरे पारदर्शक माध्यम में प्रवेश करने पर अपने पथ से विचलित हो जाना, प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है।
(2) इसमें आपतन कोण तथा परावर्तन कोण सदा समान होते हैं। (2) इसमें आपतन कोण और अपवर्तन कोण छोटे बड़े होते हैं।
(3) परावर्तन के पश्चात् प्रकाश की किरणें पुनः उसी माध्यम में वापस लौट जाती हैं। (3) अपवर्तन के पश्चात् प्रकाश की किरणें दूसरे माध्यम में चली जाती हैं।

प्रश्न 55.
बिना स्पर्श किए हुए आप उत्तल लेंस, अवतल लेंस तथा काँच की वृत्ताकार पट्टिका को कैसे पहचानोगे ?
उत्तर-
उत्तल लेंस, अवतल लेंस व काँच की पट्टिका को मुद्रित अक्षरों के ऊपर रखकर आँखों की ओर लाने पर यदि अक्षरों का आकार बढ़ता दिखाई दे तो वह उत्तल लेंस होगा और यदि अक्षरों का आकार घटता दिखाई दे तो वह अवतल लेंस होगा, और यदि अक्षरों का आकार समान रहे तो वह काँच की वृत्ताकार पट्टिका होगी।

प्रश्न 56.
एक-दूसरे के संपर्क में रखे दो या अधिक पतले लेंसों की क्षमता के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
यदि अनेक पलते लेंस लेकर उन्हें एक-दूसरे से जोड़कर रखें तो इस लेंस के संयोजन की कुल क्षमता उन लेंसों की अलग-अलग क्षमताओं के योग के समान होती है। चश्मा बनाने वाले संशोधी लेंसों के अनेक लेंसों की सहायता से ही आवश्यक लेंस की क्षमता की गणना करते हैं।
∴ P = P1+ P2 + P3

प्रश्न 57.
नीचे दिए गए चित्र में कौन-सा दर्पण दर्शाया गया है ? दर्पण की तुलना में वस्तु कहां रखी है ? बनते दिखाई देते प्रतिबिम्ब का एक लक्षण लिखें।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 55
उत्तर-
चित्र में अवतल दर्पण दर्शाया गया है। चित्र में वस्तु AB दर्पण के सामने फोकस (F) तथा ध्रुव के मध्य रखी है। चित्र में बन रहा प्रतिबिंब A’B’ वस्तु की तुलना में बड़ा, सीधा तथा अभासी है।

प्रश्न 58.
गोलाकार दर्पणों के दो उपयोग लिखें।
उत्तर-
गोलाकार दर्पण दो प्रकार के होते हैं-

  • अवतल दर्पण
  • उत्तल दर्पण।

गोलाकार दर्पणों का उपयोग

  • अवतल दर्पण परार्वतक के रूप में परावर्तक दूरदर्शी में प्रयोग किया जाता है।
  • उत्तल दर्पण ड्राइवरों द्वारा पीछे आ रहे ट्रैफिक को विस्तृत दृष्टि से देखने के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसमें बन रहा प्रतिबिंब छोटा, सीधा तथा आभासी है।

प्रश्न 59.
नीचे दिए गये चित्र में कौन-सा दर्पण दिखाया गया है ? दर्पण की तुलना में वस्तु कहाँ रखी है ? बन रहे प्रतिबिम्ब के लक्षण लिखो।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 56
उत्तर-
चित्र में अवतल दर्पण दर्शाया गया है। वस्तु की दूरी दर्पण की तुलना में वक्रता केन्द्र (C) से दूर रखा गया है। इसलिए वस्तु AB से बना प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार से छोटा होगा।

संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Questions)

प्रश्न 1.
20 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण से एक वस्तु कितनी दूरी पर रखी जाये ताकि इसका प्रतिबिंब दर्पण के सामने 40 cm की दूरी पर बने ?
उत्तर-
f = -20 cm (अवतल दर्पण के लिए)
v = -40 cm (आपतित प्रकाश की दिशा के उल्ट दिशा में मापी गई प्रतिबिंब की दूरी)
u = ? (अवतल दर्पण से वस्तु की दूरी)
दर्पण फार्मूले से \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
\(-\frac{1}{40}+\frac{1}{u}=\frac{1}{-20}\)
या
\(\frac{1}{u}=\frac{-1}{20}+\frac{1}{40}\)
= \(\frac{-2+1}{40}\)
= \(\frac{-1}{40}\)
\(\frac{1}{u}=\frac{1}{-40}\)
या u = -40 cm.
अर्थात् वस्तु अवतल दर्पण के सामने 40 cm की दूरी पर रखी जाए। उत्तर

प्रश्न 2.
एक अवतल दर्पण का वक्रता अर्ध-व्यास 15 cm है और एक वस्तु को इसके शीर्ष से 20cm पर रखा जाता है। प्रतिबिंब की प्रकृति और स्थिति मालूम करो।
हल- वक्रता अर्धव्यास (R) = -15cm (अवतल दर्पण के लिए)
फोकस दूरी (f) = \(\frac{-15}{2}\) cm
वस्तु की दर्पण के शीर्ष से दूरी (u) = -20 cm (आपतित किरण की दिशा के विपरीत दिशा में मापा गया)
प्रतिबिंब की शीर्ष से दूरी (v) = ?
आवर्धन (m) = ?
दर्पण फार्मूला से \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{v}+\frac{1}{-20}=\frac{1}{\frac{-15}{2}}\)
या \(\frac{1}{v}-\frac{1}{20}=\frac{-2}{15}\)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 57
∴ v = -12
अर्थात् प्रतिबिंब दर्पण के सामने 12 cm की दूरी पर बनता है।
अब आवर्धन (m) = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{-(-12)}{-20}\)
= \(\frac{-12}{20}\)
= \(\frac{-3}{5}\) = -0.6
m < 1 क्योंकि आवर्धन का मान 1 से कम और ऋणात्मक है, इसलिए प्रतिबिंब वस्तु से आकार में छोटा, उल्टा और वास्तविक है।

प्रश्न 3.
एक 6 cm ऊँचाई वाली वस्तु को 18cm फोकस दूरी वाले एक दर्पण से 10 cm की दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति और आवर्धन ज्ञात करो।
हल –
u = -10 cm आपतित किरण की दिशा के विपरीत दिशा में मापी गई दूरी)
f = + 18 cm (उत्तल दर्पण के लिए)
h1 = + 6 cm (मुख्य अक्ष के ऊपर की ओर मापने पर)
दर्पण फार्मूले से, \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{v}+\frac{1}{-10}=\frac{1}{18}\)
∴ \(\frac{1}{v}=\frac{1}{10}+\frac{1}{18}\)
⇒ \(\frac{1}{v}=\frac{18+10}{180}\)
= \(\frac{28}{180}\)
∴ v = + 6.4 cm
क्योंकि v धनात्मक है इसलिए प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 6.4 cm की दूरी पर बनता है और आभासी है ।
अब आवर्धन m = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{-6.4}{-10}\)
= 0.64 <1
m <1
क्योंकि m का मान एक से कम है, इसका अर्थ है कि प्रतिबिंब का आकार छोटा है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 4.
एक अवतल दर्पण का वक्रता अर्धव्यास 8 cm है और एक वस्तु इसके शीर्ष से 20 cm पर रखी जाती है। प्रतिबिंब का स्वरूप और स्थिति पता करो।
हल u = -20 cm (आपतित किरण के विपरीत दिशा में मापी गई दूरी)
R = -8 cm (अवतल दर्पण के लिए फोकस दूरी ऋणात्मक होती है।)
प्रतिबिंब की स्थिति v = ?
क्योंकि R = 2f,
∴ f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)
= \(\frac{-8}{2}\) = -4 cm
दर्पण फार्मूले (सूत्र) से, \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 58
∴ v = -5 cm
ऋण चिह्न यह दर्शाता है कि प्रतिबिंब दर्पण के सामने 5 cm की दूरी पर बनता है। अतः यह प्रतिबिंब वास्तविक तथा उल्टा है।

प्रश्न 5.
7.5cm ऊँचाई की एक वस्तु 20cm अर्धव्यास वाले उत्तल दर्पण के सामने 40 cm की दूरी पर पड़ी है। प्रतिबिंब की दूरी, स्वभाव तथा आकार ज्ञात करो।
हल-हम जानते हैं,
f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)
= \(\frac{+20}{2}\) = 10 cm
u = -40 cm
(आपतित किरण की दिशा के विपरीत दिशा में मापी गई दूरी)

दर्पण फार्मूले से, \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{-40}+\frac{1}{v}=\frac{1}{10}\)
⇒ \(\frac{1}{-40}+\frac{1}{v}=\frac{1}{10}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{10}+\frac{1}{40}\)
= \(\frac{4+1}{40}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{5}{40}\)
= \(\frac{1}{8} \)
∴ V = + 8 cm

क्योंकि v धनात्मक है इसलिए प्रतिबिंब सीधा तथा आभासी है और दर्पण के पीछे 8 cm की दूरी पर बनता है ।
अब आवर्धन
m = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{-8}{-40}\)
= \(\frac{1}{5}\)
∴ m <1
क्योंकि m < 1 है, इसलिए प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार की अपेक्षा छोटा है।

प्रश्न 6.
एक वस्तु का आकार 6 से०मी० है । इस 15 से० मी० फोकस दूरी वाले एक उत्तल दर्पण से 9 से०मी० दूर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति ज्ञात करें।
हल- उत्तल दर्पण की फोकस दूरी (f) = 15 से०मी०
वस्तु की दर्पण के शीर्ष से दूरी (u) = -9 से०मी०
वस्तु का आकार = 6 से०मी०

दर्पण फार्मूला
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 59
\(\frac{1}{v}=\frac{8}{45}\)
∴ v = \(\frac{45}{8}\)
= 5.62 से०मी०
प्रतिबिंब वस्तु की दूसरी ओर होगा। उत्तर

प्रश्न 7.
उस उत्तल लैंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या 32 cm है।
हल : उत्तल लैंस की वक्रता त्रिज्या, r = 32 cm
f = \(\frac{r}{2}\)
= \(\frac{32}{2}\)
= 16 cm

प्रश्न 8.
हम 20 cm फोकस दूरी के किसी पतले उत्तल लेंस द्वारा किसी वस्तु का वास्तविक, उल्टा तथा आकार में उस वस्तु के बराबर प्रतिबिंब प्राप्त करना चाहते हैं। वस्तु को कहां रखना चाहिए ? इस प्रकरण में प्रतिबिंब बनना दर्शाने के लिए प्रकाश किरण-आरेख खींजिए।
उत्तर-
20 सेमी० फोकस दूरी के उत्तल लेंस की सहायता से वास्तविक सीधा और समान आकार का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए वस्तु को 2F पर रखा जाता है। उसका प्रतिबिंब भी दूसरी 2F पर बनता है। वस्तु को (2×20) = 40 सेमी० दूर रखा जाना चाहिए ताकि समान आकार का प्रतिबिंब लेंस की दूसरी ओर प्राप्त हो सके। वस्तु की लैंस से दूरी = 2f
= 2xf
= 2 x 20 cm
= 40 cm
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 60

प्रश्न 9.
4.0 cm ऊँचाई की एक वस्तु 15.0 cm फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण से 30.0 cm की दूरी पर रखी गई है। दर्पण से कितनी दूरी पर एक पर्दे को रखा जाए जिससे कि वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त हो सके ? प्रतिबिंब की प्रकृति तथा आकार भी ज्ञात कीजिए।
हल-
दिया है : वस्तु का आकार h = 4.0 cm
वस्तु की अवतल दर्पण से दूरी u = -30.0 cm
अवतल दर्पण की फोकस दूरी f = -15.0 cm
प्रतिबिंब की दर्पण से दूरी v = ?
प्रतिबिंब का आकार h’ = ?

दर्पण के सूत्र \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\) से.
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}\)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 61
∴ v = -30.cm
अतः पर्दे को दर्पण के सामने 30.0 cm की दूरी पर रखना चाहिए।
प्रकृति-चूँकि प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त हो रहा है : अतः यह वास्तविक तथा उल्टा होगा।
आकार-दर्पण के आवर्धन सूत्र
m = \(\frac{h^{\prime}}{h}=-\frac{v}{u}\) से,
प्रतिबिंब का आकार h’ = \(-\frac{v}{u} \times h \)
= – \( \left(\frac{-30.0 \mathrm{~cm}}{-25.0 \mathrm{~cm}}\right) \times 4.0\) cm
= -4.0 cm

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 10.
3 cm ऊँचे बिंब को 18 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण के सामने 9 cm की दूरी पर रखा गया है। बने प्रतिबिंब की स्थिति तथा आकार ज्ञात कीजिए।
हल- दिया है : बिंब की अवतल दर्पण से दूरी, u = -9 cm
अवतल दर्पण की फोकस दूरी f = -18 cm
वस्तु की ऊँचाई, h = 3 cm

दर्पण सत्र \(\frac{1}{v}+\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\) से,
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}\)
= \(-\frac{1}{18}+\frac{1}{9}\)
= \(\frac{-1+2}{18}\)
= \(\frac{1}{18}\)
⇒ v = + 18 cm

स्थिति-प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 18cm की दूरी पर बनेगा।
प्रकृति-प्रतिबिंब सीधा तथा आभासी होगा।
आकार-दर्पण के लिए आवर्धन सूत्र m = \(\frac{h^{\prime}}{h}=\frac{v}{u}\) से,
प्रतिबिंब का आकार h = \(\frac{-v}{u} \times h\)
= – \(\left(\frac{18}{-9}\right) \times 3\) = 6 cm
∴ प्रतिबिंब की ऊँचाई 6 cm होगी।

प्रश्न 11.
18 cm फोकस दूरी के उत्तल लेंस से किसी बिंब को कितनी दूरी पर रखा जाना चाहिए कि उसका प्रतिबिंब लेंस से 24 cm की दूरी पर बने ? इस स्थिति में आवर्धन कितना होगा ?
हल- दिया है, लेंस की फोकस दूरी (f) = + 18 cm
प्रतिबिंब की लैंस से दूरी (v) = + 24 cm
बिंब की लैंस से दूरी (u) = ?

लेंस सूत्र \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\) से
या \(\frac{1}{u}=\frac{1}{v}-\frac{1}{f}\)
= \(\frac{1}{24}-\frac{1}{18}\)
= \(\frac{3-4}{72}\)
= \(-\frac{1}{72}\)
u = -72 cm

ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि वस्तु को लेंस के सामने 72 cm की दूरी पर रखना चाहिए।
आवर्धन = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{-24}{-72} \)
= \(-\frac{1}{3}\)
प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा आकार में वस्तु के आकार का \(-\frac{1}{3}\) होगा।
अतः प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा तथा आकार में बिंब का एक-तिहाई है।

प्रश्न 12.
एक उत्तल लेंस की फोकस दूरी 25cm है। बिंब की लेंस से दूरी का परिकलन कीजिए जबकि उसका प्रतिबिंब लेंस के दूसरी ओर लेंस से 75 cm की दूरी पर बनता है। इस प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होगी?
हल- दिया है : f = +25 cm, v = + 75 cm, u = ?

लेंस के सूत्र \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\) से
\(\frac{1}{u}=\frac{1}{v}-\frac{1}{f}\)
= \(\frac{1}{75}-\frac{1}{25}\)
= \(\frac{1-3}{75}\)
= \(\frac{-2}{75}\)
⇒ u = \(-\frac{75}{2}\) = -37.5cm
बिंब लेंस के बाईं ओर लेंस से 37.5 cm की दूरी पर स्थित है।
∵ प्रतिबिंब लेंस के दूसरी ओर है इसलिए यह वास्तविक तथा उल्टा होगा।

प्रश्न 13.
वायु के सापेक्ष सघन फ्लिंट कांच का अपवर्तनांक 1.65 तथा एल्कोहल के लिए यह 1.36 है। एल्कोहल के सापेक्ष सघन फ्लिंट कांच का अपवर्तनांक क्या है ?
हल-
एल्कोहल के w.r.t. फ्लिंट काँच का अपवर्तनांक = img
= \(\frac{1.65}{1.36}\)
= \(\frac{165}{136}\)
= 1.21

प्रश्न 14.
एक वस्तु 20 सेमी० फोकस दूरी वाले एक अवतल लेंस के सामने 40 मी० की दूरी पर रखी गई है। प्रतिबिंब की स्थिति तथा लेंस का आवर्धन ज्ञात करो।
हल : अवतल लेंस की फोकस दूरी (f) = -20 सेमी०
वस्तु की लेंस से दूरी (u) = -40 सेमी०
प्रतिबिंब की लेंस से दूरी (स्थिति) (v) = ?

लेंस फार्मूले से, \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{-40}=\frac{1}{-20}\)
\(\frac{1}{v}+\frac{1}{40}=-\frac{1}{20}\)
\(\frac{1}{v}=-\frac{1}{20}-\frac{1}{40}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{-2-1}{40}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{-3}{40}\)

∴ v = \(\frac{-40}{3}\) = -13.3 सेमी० प्रतिबिंब आभासी सीधा तथा लेंस के उसी तरफ बनता है।
आवर्धन (m) = \(\frac{-v}{u}\)
= \(\frac{-\left(\frac{-40}{3}\right)}{-40}\)
= \(\frac{40}{3 \times(-40)}\)
= \(\frac{-1}{3}\)
प्रतिबिंब आकार में छोटा होगा।

प्रश्न 15.
किसी माध्यम में प्रकाश का वेग 2 x 108 ms-1 है। एक आपतित किरण इसके सघन पक्ष के साथ 0° का कोण बनाती है। अपवर्तन कोण ज्ञात करो। निर्वात में प्रकाश का वेग 3 x 108 ms-1 है।
हल:
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 62
aμm = \(\frac{3 \times 10^{8}}{2 \times 10^{8}}\)
= \(\frac{3}{2}\)
aμm = \(\frac{1}{m_{\mu_{a}}}\)
\(\frac{3}{2}=\frac{1}{m_{u_{a}}}\)
mμa = \(\frac{\sin i}{\sin r}\)
\(\frac{2}{3}=\frac{\sin 30^{\circ}}{\sin r}\)
\(\frac{2}{3}=\frac{0.5}{\sin r} \)
sin r = \(\frac{0.5}{2 / 3}\)
= \(\frac{0.5 \times 3}{2}\)
sin r = 0.7500
∴ अपवर्तन कोण, r = 48° 36′ उत्तर

प्रश्न 16.
5 cm ऊंची कोई वस्तु 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 cm दूरी पर रखी जाती है। प्रकाश-किरण आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, आकार तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल:
वस्तु की ऊँचाई, h1 = 5 cm
वस्तु की अभिसारी लेंस से दूरी u = -25 cm
ऋणात्मक होगा। अभिसारी लेंस की फोकस दूरी, f = + 10 cm (उत्तल लेंस)
v = ?
लेंस सूत्र से, \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}+\frac{1}{u}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{1}{10}+\frac{1}{(-25)}\)
= \(\frac{1}{10}-\frac{1}{25}\)
\(\frac{1}{v}=\frac{5-2}{50}\)
= \(\frac{3}{50}\)
∴ v = \(\frac{50}{3}\) = 6.67 cm

अब लेंस का आवर्धन m = \(\frac{v}{u}\)
= \(\frac{50 / 3}{(-25)} \)
= \(\frac{-50}{3 \times 25}\)
m = \(\frac{-2}{3}\)

प्रतिबिंब वास्तविक, उल्टा और 16.67 cm दूर लेंस की दूसरी तरफ होगा।
m = \(\frac{h_{2}}{h_{1}}=\frac{-2}{3}\)
\(\frac{h_{2}}{5}=\frac{-2}{3}\)
h2 = \(\frac{-10}{3}\)
h2 = -3.33 cm
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 63

प्रश्न 17.
15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी वस्तु का लेंस से 10 cm दूरी पर प्रतिबिंब बनाता है। वस्तु लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है ? प्रकाश किरण-आरेख खींचिए।
हल :
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 64
यहाँ f = -15 cm, v = –10 cm, u = ?
लेंस सूत्र से, \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
\(\frac{1}{u}=\frac{1}{v}-\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{u}=\frac{1}{(-10)}-\frac{1}{(-15)}\)
= \(\frac{-1}{10}+\frac{1}{15}\)
\(\frac{1}{u}=\frac{-3+2}{30}\)
= \(\frac{-1}{30}\)
u = -30 cm
अतः वस्तु को अवतल लेंस से 30 cm दूर रखना चाहिए।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 18.
एक वस्तु को 15 cm फोकस दूरी के एक अवतल लेंस से 30 cm पर रखा जाता है। प्रतिबिंब की प्रकृति, स्थिति और आवर्धन क्या होगा ?
हल : यहां अवतल लेंस की फोकस दूरी (f) = -15 cm (अवतल लेंस की फोकस दूरी ऋणात्मक मानी जाती है)
वस्तु की अवतल लेंस से दूरी (u) = -30 cm (आपतित किरण की दिशा से विपरीत दिशा में मापी गई दूरी ऋणात्मक मानी जाती है)
प्रतिबंब की अवतल लेंस से दूरी (v) = ?
लेंस फार्मूले से \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{-30}=\frac{1}{-15}\)
या \(\frac{1}{v}+\frac{1}{30}=\frac{1}{-15}\)
या \(\frac{1}{v}=-\frac{1}{15}-\frac{1}{30}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{-2-1}{30}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{-3}{30}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{-1}{10}\)
या v = -10 cm

v के ऋण चिह्न से पता चलता है कि प्रतिबिंब लेंस के उसी तरफ 10 cm की दूरी पर बनेगा जिस तरफ वस्तु पड़ी है। इसलिए प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा होगा।
अब आवर्धन (m) = \(\frac{-v}{-u}\)
= \(\frac{-(-10)}{-(-30)}\)
= \(\frac{10}{30}\)
= \(\frac{1}{3}\) = 0.33
क्योंकि m का मान धनात्मक है, इसलिए प्रतिबिंब सीधा है।
∵ | m | = \(\frac{1}{3}\) जोकि <1 है, इसलिए प्रतिबिंब आकार में वस्तु से छोटा है।

प्रश्न 19.
7 cm ऊँचाई की एक वस्तु को 20 cm फोकस-दूरी के एक उत्तल लेंस से 40 cm की दूरी पर रखा जाता है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति और ऊँचाई ज्ञात करो।
हल : यहाँ पर वस्तु की ऊँचाई (h) = + 7 cm
उत्तल लेंस की फोकस दूरी (f) = + 20 cm (उत्तल लेंस की फोकस दूरी धनात्मक मानी जाती है)
वस्तु की उत्तल लेंस से दूरी (u) = – 40 cm
(आपतित किरण की विपरीत दिशा में मापी गई दूरी ऋणात्मक मानी जाती है)
प्रतिबिंब की लेंस से दूरी (v) = ?

लेंस सूत्र से \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{-40}=\frac{1}{+20}\)
या \(\frac{1}{v}+\frac{1}{40}=\frac{1}{20}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{1}{20}-\frac{1}{40}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{2-1}{40}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{1}{40}\)
∴ v = + 40 cm 1

v के धन चिह्न से पता चलता है कि प्रतिबिंब वास्तविक तथा उल्टा है और लेंस की दूसरी तरफ 40 cm की दूरी पर बनता है।

अब m = \(\frac{v}{u}\)
= \(\frac{40}{-40}\)
∴ m = -1
|m| = |-1| = 1
परंतु m = \(\frac{h_{2}}{h_{1}}\)
∴ h2 = h1
अर्थात् प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के समान है।

प्रश्न 20.
4 cm ऊँचाई की एक वस्तु को -10 डाइऑप्टर क्षमता वाले एक अवतल लेंस के सामने 15 cm की दूरी पर रखा जाता है। प्रतिबिंब का आकार और प्रकृति पता करो। हल : वहाँ वस्तु की ऊंचाई (h1) = + 4 cm
अवतल लेंस की क्षमता (P) = -10 डाइऑप्टर
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 65
f = \( \frac{1}{-10} \times 100\)
= -10 cm
∴ अवतल लेंस की फोकस दूरी (f) = -10 cm

वस्तु की लेंस से दूरी (u) = -15 cm
प्रतिबिंब की लेंस से दूरी (v) = ?
लेंस सूत्र से, \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
\(\frac{1}{v}-\frac{1}{-15}=\frac{1}{-10}\)
\(\frac{1}{v}+\frac{1}{15}=\frac{-1}{10}\)
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 66
∴ v = -6 cm

v के ऋण चिहन से पता चलता है कि प्रतिबिंब आभासी तथा सीधा है और लेंस की तरफ 6 cm की दूरी पर बनता है।

अब m = \(\frac{v}{u}\)
= \(\frac{-6}{-15}\)
= \(\frac{2}{5}\)
∴ m = \(\frac{2}{5}\)

m = \(\frac{h_{2}}{h_{1}}\)
m = \(\frac{2}{5}\)
h2 = \(\frac{2 h_{1}}{5}\)
∴ = \(\frac{2}{5}\) × 4 cm
∴ h2 = \(\frac{8}{5}\) cm = 1.6 cm
अत: प्रतिबिंब का आकार 1.6 cm है।

प्रश्न 21.
5 मीटर फोकस दूरी वाले अवतल लेंस की शक्ति ज्ञात करो।
हल :
अवतल लेंस की फोकस दूरी (f) = -5 m
अवतल लेंस की शक्ति (P) =?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 67
= \(\frac{1}{-5}\)
= -0.2 D उत्तर

प्रश्न 22.
4 मीटर फोकस दूरी के एक उत्तल लेंस की क्षमता कितनी होगी?
हल :
उत्तर लेंस की फोकस दूरी (f) = 4
मीटर उत्तल लेंस की क्षमता (P) = ?
हम जानते हैं कि लेंस की क्षमता
(P) = \(\frac{1}{f}\)
= \(\frac{1}{4}\)
= 0.25 D उत्तर

प्रश्न 23.
2m फोकस दूरी वाले किसी उत्तल लेंस की शक्ति ज्ञात करो। लेंस की शक्ति की इकाई लिखो।
हल : उत्तल लेंस की फोकस दूरी (f) = 2m
उत्तल लेंस की क्षमता (P) = ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 68
= \(\frac{1}{2}\)
= 0.5 D (डाइऑप्टर) उत्तर

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
दर्पण की फोकस दूरी की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
फोकस दूरी (Focal Length)-गोलीय दर्पण के ध्रुव (शीर्ष) तथा मुख्य फोकस के मध्य की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं। इसे द्विारा प्रदर्शित किया जाता है। S.I. पद्धति में फोकस दूरी का मात्रक मीटर है।

प्रश्न 2.
दर्पण के ध्रुव ( या शीर्ष) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
ध्रुव या शीर्ष (Pole)-गोलीय दर्पण के मध्य बिंदु या केंद्र को इसका ध्रुव या शीर्ष कहते हैं।

प्रश्न 3.
यदि कोई वस्तु समतल दर्पण से 10 मीटर की दूरी पर है तो वस्तु तथा उसके प्रतिबिंब के मध्य कितनी दूरी होगी ?
उत्तर-
वस्तु और प्रतिबिंब के मध्य दूरी = (10 + 10) मीटर = 20 मीटर।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 4.
जब प्रकाश की किरण समतल दर्पण पर अभिलंब रूप में पड़ती है तो उसका आपतित कोण तथा परावर्तन कोण कितने-कितने अंश होता है?
उत्तर-
आपतन कोण (∠i) = (0°)
परावर्तन कोण (∠r) = 0°

प्रश्न 5.
ऊर्जा के किन्हीं तीन रूपों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. प्रकाश ऊर्जा
  2. ताप ऊर्जा
  3. ध्वनि ऊर्जा।

प्रश्न 6.
प्रकाशीय ऊर्जा की प्रकृति क्या है ?
उत्तर-
विद्युत्-चुंबकीय तरंगें (Electro-Magnetic Waves)

प्रश्न 7.
वायु में प्रकाश की चाल कितनी है ?
उत्तर-
3 x 108 मीटर प्रति सैकिंड।

प्रश्न 8.
प्रकाश के एक प्रमुख प्राकृतिक स्रोत का नाम बताओ।
उत्तर-
सूर्य।

प्रश्न 9.
दो मानव निर्मित प्रकाश स्रोतों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. मोमबत्ती,
  2. विद्युत् लैंप।

प्रश्न 10.
गोलीय दर्पण की दो किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. अवतल दर्पण
  2. उत्तल दर्पण।

प्रश्न 11.
आपतन कोण क्या होता है?
उत्तर-
आपतन कोण- आपतित किरण तथा अभिलंब के बीच बने कोण को आपतन कोण ( ∠i) कहते हैं।

प्रश्न 12.
परावर्तन कोण क्या होता है ?
उत्तर-
परावर्तन कोण- परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर बने अभिलंब के मध्यवर्ती कोण को परावर्तन कोण ( ∠r) कहते हैं।

प्रश्न 13.
गोलीय दर्पण की परिभाषा दो।
उत्तर-
गोलीय दर्पण (Spherical Mirror)- यदि दर्पण किसी खोखले गोले का भाग हो जिसकी एक सतह पालिश की गई हो और दूसरी सतह परावर्तक हो तो ऐसा दर्पण गोलीय दर्पण कहलाता है।

प्रश्न 14.
समतल दर्पण में किस प्रकृति का प्रतिबिंब बनता है?
उत्तर-
आभासी, सीधा तथा समान आकार का।

प्रश्न 15.
किस गोलीय दर्पण की फोकस दूरी धनात्मक मानी जाती है?
उत्तर-
उत्तल दर्पण की।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 16.
दर्पण फार्मला लिखो।
अथवा
किसी गोलीय दर्पण से परावर्तन के लिए सूत्र लिखो।
उत्तर-
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
.
प्रश्न 17.
अवतल दर्पण की किस सतह से परावर्तन होता है?
उत्तर-
वह भीतरी सतह जो दर्पण के वक्रता केंद्र की ओर होती है।

प्रश्न 18.
किस गोलीय दर्पण में सदैव प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा छोटा बनता है ?
उत्तर-
उत्तल दर्पण में।

प्रश्न 19.
गोलीय दर्पण के वक्रता अर्धव्यास तथा फोकस दूरी में क्या संबंध है ?
उत्तर-
f= \(\frac{\mathrm{R}}{2}\)

प्रश्न 20.
जिस दर्पण की फोकस दूरी -15 cm हो, उसकी प्रकृति कैसी होगी ?
उत्तर-
यह दर्पण अवतल होगा।

प्रश्न 21.
एक दर्पण का आवर्धन 0.4 है। यह दर्पण किस प्रकार का है ? इसका प्रतिबिंब कैसा होगा?
उत्तर-
यह दर्पण उत्तल होगा क्योंकि इसका आवर्धन धनात्मक है और यह 1 से कम है। प्रतिबिंब छोटा, सीधा तथा आभासी होगा।

प्रश्न 22.
आवर्धन की परिभाषा लिखो। इसकी इकाई क्या है?
उत्तर-
आवर्धन(Magnifications)-प्रतिबिंब के आकार तथा वस्तु के आकार के अनुपात को आवर्धन कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 69
आवर्धन (m) की कोई इकाई नहीं होती क्योंकि यह एक समान दो राशियों का अनुपात है।

प्रश्न 23.
किसी दर्पण को अभिसारी तथा किस दर्पण को अपसारी कहा जाता है ?
उत्तर-
अभिसारी दर्पण-अवतल दर्पण अपसारी दर्पण-उत्तल दर्पण।।

प्रश्न 24.
सर्चलाइट में किस दर्पण का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
अवतल दर्पण का।

प्रश्न 25.
किस दर्पण को अपने से दूर ले जाने पर दर्पण का दृष्टि क्षेत्र बढ़ जाता है ?
उत्तर-
उत्तल दर्पण।

प्रश्न 26.
समतल दर्पण की कितनी फोकस दूरी होती है?
उत्तर-
अनंत।

प्रश्न 27.
किसी दर्पण की आवर्धन क्षमता 1 होती है ?
उत्तर-
समतल दर्पण की।

प्रश्न 28.
समतल दर्पण में बन रहे प्रतिबिंब के लिए वस्तु दूरी तथा प्रतिबिंब दूरी के मध्य संबंध लिखो।
उत्तर-
u= -v,

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 29.
वास्तविक प्रतिबिंब से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
वास्तविक प्रतिबिंब- परावर्तन या अपवर्तन के पश्चात् यदि प्रकाश की किरणें परस्पर एक बिंदु पर मिलें तो उस बिंदु पर वास्तविक प्रतिबिंब बनता है।

प्रश्न 30.
अवतल दर्पण के लिए जब वस्तु अनंत और वक्रता केंद्र (C) के बीच हो तो प्रतिबिंब की स्थिति बताओ।
उत्तर-
जब वस्तु अनंत और वक्रता केंद्र के C बीच हो तो अवतल दर्पण में प्रतिबिंब अवतल दर्पण के फोकस व वक्रता केंद्र के मध्य बनता है।

प्रश्न 31.
एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 24 cm है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर-
दिया है, वक्रता त्रिज्या R = 24 cm
∴ फोकस दूरी f = \(\frac{\mathrm{R}}{2}\) = \(\frac{24}{2}\) = 12.0 cm

प्रश्न 32.
जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है, तो अभिलंब के किस ओर झुकती है?
उत्तर-
ऐसी प्रकाश की किरण अभिलंब से दूर झुक जाती है।

प्रश्न 33.
जब प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है, तो अभिलंब के किस ओर झुकती है?
उत्तर-
प्रकाश की किरण अभिलंब की ओर झुक जाती है।

प्रश्न 34.
जब प्रकाश विरल से सघन माध्यम में जाता है, तो अपवर्तन कोण तथा आपतन कोण में से कौन-सा बड़ा होता है?
उत्तर-
आपतन कोण।

प्रश्न 35.
उत्तल लेंस द्वारा दूर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब कैसा बनता है ?
उत्तर-
वास्तविक, उल्टा तथा छोटा।

प्रश्न 36.
किस छपे हुए कागज़ पर अभिसारी लेंस रखने पर अक्षर कैसे दिखाई देते हैं ?
उत्तर-
सीधे तथा बड़े।

प्रश्न 37.
पानी में रखा सिक्का उठा हुआ क्यों दिखाई देता है?
उत्तर-
प्रकाश अपवर्तन के कारण।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 38.
मुख्य फोकस और प्रकाशिक केंद्र के बीच की दूरी को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
फोकस दूरी (1)।

प्रश्न 39.
किसी स्थिति में प्रतिबिंब, वस्तु के आकार के समान होता है?
उत्तर-
जब वस्तु 2f पर हो।

प्रश्न 40.
उत्तल लेंस से आभासी तथा बड़ा प्रतिबिंब कब बनता है? उत्तर-जब वस्तु मुख्य फोकस तथा प्रकाशिक केंद्र के बीच हो। प्रश्न 41. लेंस किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
लेंस- एक ऐसा पारदर्शक माध्यम जो दो वक्र तलों अथवा एक वक्र तल तथा दूसरा समतल सतह से घिरा हुआ हो तथा प्रकाश का अपवर्तन करता हो, लेंस कहलाता है। ये दो प्रकार के होते हैं-

  1. उत्तल लेंस
  2. अवतल लेंस।

प्रश्न 42.
लेंस के लिए दूरियाँ किस बिंदु से मापी जाती हैं ?
उत्तर-
प्रकाशिक केंद्र से।

प्रश्न 43.
किस लेंस को आवर्धन लेंस कहते हैं ?
उत्तर-
उत्तल लेंस को।

प्रश्न 44.
लेंस सूत्र लिखिए।
उत्तर-
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)

प्रश्न 45.
लेंस की क्षमता की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
लेंस की क्षमता-किसी लेंस की क्षमता (शक्ति) इसकी मीटरों में फोकस दूरी का व्युत्क्रम होती है।
P = \(\frac{1}{f}\)

प्रश्न 46.
बिना शक्ति के चश्मे (Plane Glasses) की फोकस दूरी कितनी होती है?
उत्तर-
P= \(\frac{1}{f}\)
= \(\frac{1}{0}\) = ∞
∴ अनंत फोकस दूरी।

प्रश्न 47.
किस लेंस को अपसारी लेंस कहते हैं ?
उत्तर-
अवतल लेंस को।

प्रश्न 48.
लेंस की शक्ति तथा फोकस दूरी में संबंध लिखो।
उत्तर-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 70

प्रश्न 49.
किस लेंस की शक्ति धन तथा किस लेंस की शक्ति ऋण होती है ?
उत्तर-
उत्तल लेंस की शक्ति धन तथा अवतल लेंस की शक्ति ऋण होती है।

प्रश्न 50.
लेंस की फोकस दूरी की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
लेंस की फोकस दूरी (Focal Length of Lens)- किसी लेंस की फोकस दूरी उस लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच की दूरी है।

प्रश्न 51.
अपवर्तनांक की परिभाषा दो।
उत्तर-
अपवर्तनांक (Refractive Index)-निर्वात में प्रकाश के वेग और किसी अन्य माध्यम में प्रकाश के अनुपात को उस माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 71

प्रश्न 52.
दो विलयनों के अपवर्तनांक 1.36 तथा 1.54 हैं, कौन अधिक सघन है ?
उत्तर-
अधिक अपवर्तनांक 1.54 वाला विलयन सघन होगा।

प्रश्न 53.
लेंस की क्षमता का मात्रक लिखिए।
उत्तर-
डाऑप्टर।

प्रश्न 54.
एक लेंस की क्षमता -2.5 D है। यह लेंस कैसा होगा ?
उत्तर-
अवतल।

प्रश्न 55.
संपर्क में रखे दो लेंसों की क्षमताएँ क्रमशः P1 तथा P2 हैं। संयुक्त लेंस की क्षमता क्या होगी ?
उत्तर-
क्षमता P = P1 + P2

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 56.
घड़ीसाज, घड़ी के सूक्ष्म पुों को देखने के लिए कौन-सा लेंस प्रयोग करता है ?
उत्तर-
उत्तल लेंस।

प्रश्न 57. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है जबकि काँच का अपवर्तनांक 1.5 है। दोनों में कौन अधिक प्रकाशीय सघन है ? किसमें प्रकाश की चाल अधिक होगी ?
उत्तर-
हीरे का अपवर्तनांक, काँच से अधिक है, इसलिए काँच की तुलना में हीरा प्रकाशीय सघन है।
∴ विरल माध्यम में प्रकाश की चाल सघन माध्यम की तुलना में अधिक होती है। इसलिए काँच में चाल अधिक होगी।

प्रश्न 58.
विचलन कोण (Angle of deviation) क्या है ?
उत्तर-
विचलन कोण-निर्गत किरण (Emergent ray) बनाने में आपतित किरण (Incident ray) जिस कोण पर मुड़ जाती है, उस कोण को विचलन कोण (Angle of deviation) कहा जाता है।

प्रश्न 59.
उत्तल लेंस के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
मुख्य फोकस-उत्तल लेंस का मुख्य फोकस लेंस के मुख्य अक्ष पर वह बिंदु है जिस पर मुख्य अक्ष के समांतर आ रही प्रकाश किरणे अपवर्तन के बाद मिलती हैं।

प्रश्न 60.
गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
वक्रता-त्रिज्या-गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या उस खोखले गोले का अर्धव्यास है जिस का दर्पण एक भाग है। इसे R द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

प्रश्न 61.
नीचे गोलीय दर्पण के रेखाचित्र
(a) तथा
(b) दिए गए हैं। दर्पण (a) तथा दर्पण (b) की किस्म बताओ।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 72
उत्तर-
(a) अवतल दर्पण
(b) उत्तल दर्पण।

प्रश्न 62.
नीचे दिए गए चित्र किस प्रकाशीय प्रक्रिया को दर्शाते हैं।
imgPSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन 73उत्तर-
प्रकाश अपवर्तन।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक उत्तल लेंस की क्षमता 2 डाइआप्टर है। इसकी फोकस दूरी होगी –
(a) 20 सें० मी०
(b) 40 सें० मी०
(c) 10 सें० मी०
(d) 50 सें० मी०।
उत्तर-
(d) 50 सें० मी०।

प्रश्न 2.
वस्तु का आभासी और बराबर आकार का प्रतिबिंब बनाता है
(a) अवतल दर्पण
(b) उत्तल दर्पण
(c) समतल दर्पण
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(c) समतल दर्पण।

प्रश्न 3.
उत्तल दर्पण द्वारा वस्तु का प्रतिबिंब बनता है, सदैव
(a) वास्तविक, उल्टा व वस्तु से छोटा
(b) आभासी, उल्टा तथा वस्तु से छोटा
(c) आभासी, सीधा तथा वस्तु से छोटा
(d) आभासी, सीधा तथा वस्तु से बड़ा।
उत्तर-
(c) आभासी, सीधा तथा वस्तु से छोटा।

प्रश्न 4.
मोटर वाहन में पीछे का दृश्य देखने के लिए प्रयोग करते हैं –
(a) अवतल दर्पण
(b) समतल दर्पण
(c) उत्तल दर्पण
(d) कोई भी गोलीय दर्पण।
उत्तर-
(c) उत्तल दर्पण।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

प्रश्न 5.
Sini/Sinr में सम्बन्ध प्रतिपादित किया –
(a) न्यूटन ने
(b) रमन ने
(c) स्नैल ने
(d) फैराडे ने।
उत्तर-
(c) स्नैल ने।

प्रश्न 6.
किसी लैंस की फोकस दूरी निम्नलिखित में से किस सूत्र द्वारा व्यक्त की जाती है ?
(a) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}+\frac{1}{u}\)
(b) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)
(c) f\(=\frac{1}{v}=\frac{1}{u}\)
(d) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{u}-\frac{1}{v}\)
उत्तर-
(b) \(\frac{1}{f}=\frac{1}{v}-\frac{1}{u}\)

प्रश्न 7. अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R तथा फोकस दूरी के बीच सम्बन्ध होता है
(a) f= R
(b) f= R/2
(c) R = f/2
(d) R = f/4.
उत्तर-
(b) f = R/2.

प्रश्न 8.
एक अवतल दर्पण के वक्रता केंद्र पर स्थापित वस्तु का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब कहाँ बनेगा ?
(a) F पर
(b) C पर
(c) C तथा F के बीच
(d) अनंत पर।
उत्तर-
(b) C पर।

प्रश्न 9.
दंत चिकित्सक द्वारा प्रायः उपयोग में लाए जाने वाला दर्पण –
(a) उत्तल दर्पण
(b) अवतल दर्पण
(c) उत्तल और अवतल दर्पण
(d) समतल दर्पण।
उत्तर-
(b) अवतल दर्पण।

प्रश्न 10.
बड़ा तथा वास्तविक प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए उपयोग होने वाला दर्पण
(a) उत्तल दर्पण
(b) अवतल दर्पण
(c) समतल दर्पण
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) अवतल दर्पण।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) निर्वात में प्रकाश की चाल ……………………… है।
उत्तर-
3 x 108 ms-1

(ii) प्रकाश ………………………. के कारण पानी में रखा हुआ सिक्का वास्तविक स्थिति से ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है।
उत्तर-
अपवर्तन

(iii) समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सीधा, आभासी और …………………………. होता है।
उत्तर-
वस्तु के बराबर

(iv) कम फोकस दूरी वाले लेंसों की क्षमता अधिक दूरी वाले लेंसों की अपेक्षा ………………………………. होती है।
उत्तर-
अधिक

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

(v) वस्तु के आकार का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए वस्तु को उत्तल लैंस के सामने ……………………………… पर रखना चाहिए।
उत्तर-
2F ।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2

प्रश्न 1.
उस बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए, जो बिंदुओं (- 1, 7) और (4, – 3) को मिलाने वाले रेखाखंड को 2 : 3 के अनुपात में विभाजित करता है।
हल :
मान लीजिए P (x, y) वांछित बिंदु है जो दिए गए बिंदुओंA (- 1, 7) और B (4, -3) को मिलाने वाले रेखाखंड को 2 : 3 के अनुपात में विभाजित करता है।
हल :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 1

∴ x = \(\frac{2 \times 4+3 \times-1}{2+3}=\frac{8-3}{5}=\frac{5}{5}\) = 1

और y = \(\frac{2 \times-3+3 \times 7}{2+3}=\frac{-6+21}{5}=\frac{15}{5}\) = 3

अतः अभीष्ट बिंदु हैं (1, 3)

प्रश्न 2.
बिंदुओं (4, – 1) और (- 2, – 3) को जोड़ने वाले रेखाखंड को सम-त्रिभाजित करने वाले बिंदुओं के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए P (x1, y1) और Q (x2, y2) अभीष्ट बिंदु हैं जो बिंदुओं A (4, – 1) और (- 2, – 3) को जोड़ने वाले रेखाखंड को समत्रिभाजित करते हैं
अर्थात् P (x1, y1) AB को 1 : 2 के अनुपात में और Q (x2, y2) AB को 2 : 1 के अनुपात में विभाजित करते हैं

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 2

∴ x1 = \(\frac{1 \times-2+2 \times 4}{1+2}=\frac{-2+8}{3}=\frac{6}{3}\) = 3

y1 = \(\frac{1 \times-3+2 \times-1}{1+2}=\frac{-3-2}{3}=-\frac{5}{3}\)

∴ P(x1, y1) हैं: = (2, – \(\frac{5}{3}\))

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 3

अब, x2 = \(\frac{2 \times-2+1 \times 4}{2+1}\)
= \(\frac{-4+4}{3}\) = 0

और y2 = \(\frac{2 \times-3+1 \times-1}{2+1}\)
= \(\frac{-6-1}{3}=-\frac{7}{3}\)
∴ Q (x2, y2) है: (0, – \(\frac{7}{3}\))

अतः अभीष्ट बिंदु हैं : (2, – \(\frac{5}{3}\)) और (0, – \(\frac{7}{3}\))

प्रश्न 3.
आपके स्कूल में खेल-कूद क्रियाकलाप आयोजित करने के लिए, एक आयताकार मैदान ABCD में, चूने से परस्पर Im की दूरी पर पंक्तियाँ बनाई गई हैं। AD के अनुदिश परस्पर 1m की दूरी पर 100 गमले रखे गए हैं, जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है। निहारिका दूसरी पंक्ति में AD के \(\frac{1}{4}\) भाग के बराबर की दूरी दौड़ती है और वहाँ एक हरा झंडा गाड़ देती है।

प्रीत आठवीं पंक्ति में AD के \(\frac{1}{5}\) भाग के बराबर की दूरी दौड़ती है और वहाँ एक लाल झंडा गाड़ देती है। दोनों झंडों के बीच की दूरी क्या है ? यदि रश्मि को एक नीला झंडा इन दोनों झंडों को मिलाने वाले रेखाखंड पर ठीक आधी दूरी (बीच में) पर गाड़ना हो तो उसे अपना झंडा कहाँ गाड़ना चाहिए ?

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 4

हल :
दी गई आकृति में हम A को मूल बिंदु लेते हैं AB को x-अक्ष और AD को -अक्ष लेने पर हरे झंडे की स्थिति = निहारिका द्वारा तय की गई दूरी
= निहारिका दूसरी पंक्ति में AD के \(\frac{1}{4}\) भाग के बराबर की दूरी दौड़ती है
= \(\frac{1}{4}\) × 100 = 25m
∴ हरे झंडे के निर्देशांक (2, 25) हैं।
अब, लाल झंडे की स्थिति = प्रीत द्वारा तय की गई दूरी
= प्रीत आठवीं पंक्ति में AD के \(\frac{1}{5}\) भाग के बराबर दूरी दौड़ती है

= \(\frac{1}{5}\) × 100 = 20m.
∴ हरे और लाल झंडे के बीच की दूरी = \(\sqrt{(8-2)^{2}+(20-25)^{2}}\)
= \(\sqrt{36+25}=\sqrt{61}\) m.

नीले झंडे की स्थिति = हरे झंडे और लाल झंडे को मिलाने वाले रेखाखंड का आधा = \(\left(\frac{2+8}{2}, \frac{25+20}{2}\right)\)
= (5, 22.5).
अतः नीला झंडा 5वीं पंक्ति में है और AD की ओर 22.5 मी० की दूरी पर है।

प्रश्न 4.
बिंदुओं (- 3, 10) और (6, – 8) को जोड़ने वाले रेखाखंड को बिंदु (- 1, 6) किस अनुपात में विभाजित करता है।
हल :
मान लीजिए बिंदु P (- 1, 6) बिंदुओं | A (- 3, 10) और B (6, – 8) को जोड़ने वाले रेखाखंड को K : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 5

∴ – 1 = \(\frac{6 \times \mathrm{K}-3 \times 1}{\mathrm{~K}+1}\)
या – K – 1 = 6K – 3
या – K – 6K = – 3 + 1
या – 7K = – 2
या k = \(\frac{2}{7}\)
∴ K : 1 = \(\frac{2}{7}\) : 1 = 2 : 7
अतः, अभीष्ट अनुपात 2 : 7. है।

प्रश्न 5.
वह अनुपात ज्ञात कीजिए जिसमें बिंदुओं A (1, – 5) और B (- 4, 5) को मिलाने वाला रेखाखंड x-अक्ष से विभाजित होता है। इस विभाजन बिंदु के निर्देशांक भी ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए x-अक्ष पर अभीष्ट बिंदु P (x, 0) है जो A (1, – 5) और B (- 4, 5) को मिलाने वाले रेखाखंड को K : 1 के अनुपात में विभाजित करता है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 6

P का y निर्देशांक है
0 = \(\frac{5 \times K+(-5) \times 1}{K+1}\)

या 0 = \(\frac{5 \mathrm{~K}-5}{\mathrm{~K}+1}\)
या 5K – 5 = 0
या 5K – 5 = 0
या 5K = 5
या K = \(\frac{5}{5}\) = 1
∴ अभीष्ट अनुपात K : 1 = 1 : 1
अब, P का x निर्देशांक है : x = \(\frac{-4 \times \mathrm{K}+1 \times 1}{\mathrm{~K}+1}\)
K = 1, मान प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है
x = \(\frac{-4 \times 1+1 \times 1}{1+1}=\frac{-4+1}{2}\)
x = – \(\frac{3}{2}\)
अत: अभीष्ट बिंदु है : (- \(\frac{3}{2}\), 0)

प्रश्न 6.
यदि बिंदु (1, 2); (4, y); (x, 6) और (3, 5) इसी क्रम में लेने पर, एक समांतर चतुर्भुज के शीर्ष हों तो x और y ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए समांतर चतुर्भुज ABCD के शीर्ष हैं: A (1, 2) ; B (4, y); C (x, 6) और D (3, 5)
परंतु समांतर चतुर्भुज के विर्कण परस्पर समद्विभाजित होते हैं।

स्थिति I: जब E, A (1, 2) और C (x, 6) का मध्य बिंदु हो।
∴ E के निर्देशांक हैं
E = \(\left(\frac{x+1}{2}, \frac{6+2}{2}\right)\)

E = \(\left(\frac{x+1}{2}, 4\right)\) ……………….(1)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 7

स्थिति II : जब E, B (4, y) और D (3, 5) का मध्य बिंदु है।
∴ E के निर्देशांक हैं :
E = \(\left(\frac{3+4}{2}, \frac{5+y}{2}\right)\)

E = \(\left(\frac{7}{2}, \frac{5+y}{2}\right)\) …………………..(2)
परंतु (1) और (2) में E के मान समान हैं, इसलिए निर्देशांकों की तुलना करने पर, हमें प्राप्त होता है
\(\frac{x+1}{2}=\frac{7}{2}\)

या x + 1 = 7

या x = 6

और 4 = \(\frac{5+y}{2}\)

या 8 = 5 + y
या y = 3 .
अतः x और y के मान 6 और 3 हैं।

प्रश्न 7.
बिंदु के निर्देशांक ज्ञात कीजिए, जहाँAB एक वृत्त का व्यास है जिसका केंद्र (2, – 3) है तथा B के निर्देशांक (1, 4) हैं।
हल :
मान लीजिए A के निर्देशांक (x, y) हैं।
परंतु, व्यास के शीर्षों का मध्यबिंदु केंद्र होता है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 8

∴ 0, A (x, y) और B (1, 4) का मध्य-बिंदु है।
∴ \(\left(\frac{x+1}{2}, \frac{y+4}{2}\right)\) = (2, – 3)
तुलना करने पर, हमें प्राप्त होता है :
\(\frac{x+1}{2}\) = 2
या x + 1 = 4
या x = 3

और \(\frac{y+4}{2}\) आर -=-3
या y + 4 = – 6
या y = – 10
अत: अभीष्ट बिंदु A (3, 10) हैं।

प्रश्न 8.
यदि Aऔर B क्रमशः (- 2, – 2) और (2, – 4) हो तो P के निर्देशांक ज्ञात कीजिए ताकि AP = \(\frac{3}{7}\) AB है और P रेखाखंड AB पर स्थित है।
हल :
मान लीजिए अभीष्ट बिंदु P है (x, y) साथ ही,
AP = \(\frac{3}{7}\) AB _..(दिया है)
परंतु, PB = AB – AP
= AB – \(\frac{3}{7}\) AB
= \(\frac{7-3}{7}\) AB
= \(\frac{4}{7}\) AB

∴ \(\frac{\mathrm{AP}}{\mathrm{PB}}=\frac{\frac{3}{7} \mathrm{AB}}{\frac{4}{7} \mathrm{AB}}=\frac{3}{4}\)

∴ P दिए गए बिंदुओंA और B को 3:4 के अनुपात में विभाजित करता है :
अब x = \(\frac{3 \times 2+4 \times-2}{3+4}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 9

अत: P के निर्देशांक हैं : \(\left(-\frac{2}{7},-\frac{20}{7}\right)\)

प्रश्न 9.
बिंदुओं A (- 2, 2) और B (2, 8) को जोड़ने | वाले रेखाखंड AB को चार बराबर भागों में विभाजित करने वाले बिंदुओं के निर्देशांक ज्ञात कीजिए। .
हल :
मान लीजिए C, D और E अभीष्ट बिंदु हैं जो बिंदुओं A (- 2, 2) और B (2, 8) को मिलाने वाले रेखाखंड को चार बराबर भागों में विभाजित करते हैं।
तब D, A और B का मध्य बिंदु है ; C, A और D का मध्य बिंदु है;E, D और B का मध्य-बिंदु है, ताकि

AC = CD = DE = EB अब, A और B का मध्य बिंदु (अर्थात् D के निर्देशांक) = \(\left(\frac{-2+2}{2}, \frac{2+8}{2}\right)\) = (0, 5)
A और D का मध्य-बिंदु (अर्थात् C के निर्देशांक) = \(\left(\frac{-2+0}{2}, \frac{2+5}{2}\right)=\left(-1, \frac{7}{2}\right)\)

D और B का मध्य बिंदु (अर्थात् E के निर्देशांक) = \(\left(\frac{2+0}{2}, \frac{8+5}{2}\right)=\left(-1, \frac{13}{2}\right)\)

अतः अभीष्ट बिंदु हैं,
(0, 5), (- 1, \(\frac{7}{2}\)) और (1, \(\frac{13}{2}\))

प्रश्न 10.
एक समचतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके शीर्ष, इसी क्रम में, (3, 0), (4, 5), (- 1, 4) और (- 2, – 1) हैं।
[संकेत : सभचतुर्भुज का क्षेत्रफल = = (उसके विकर्णों का गुणनफल)]
हल :
मान लीजिए समचतुर्भुज ABCD के शीर्ष बिंदु हैं : A (3, 0) ; B (4, 5) ; C (- 1, 4) और D (- 2, – 1).
विकर्ण AC = \(\sqrt{(-1-3)^{2}+(4-0)^{2}}\)
= \(\sqrt{16+16}=\sqrt{32}+\)
= 4√2

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.2 10

और विकर्ण BD
BD = \(\)
= \(\) = √72
= 6√2

∴ समचतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) × AC × BD
ABCD = \(\left[\frac{1}{2} \times 4 \sqrt{2} \times 6 \sqrt{2}\right]\) वर्गमात्रक
= (\(\frac{1}{2}\) × 24 × 2) वर्गमात्रक
= 24 वर्गमात्रक
अतः, समचतुर्भुज का क्षेत्रफल 24 वर्गमात्रक है।

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Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.1 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.1

प्रश्न 1.
बिंदुओं के निम्नलिखित युग्मों के बीच की दूरियाँ ज्ञात कीजिए:
(i) (2, 3); (4, 1)
(ii) (- 5, 7); (- 1, 3)
(ii) (a, b); (- a, – b).
हल :
(i) दिए गए बिंदु हैं : (2, 3) ; (4, 1)
अभीष्ट दूरी = \(\sqrt{(4-2)^{2}+(1-3)^{2}}\)
= \(\sqrt{(4-2)^{2}+(1-3)^{2}}\)
= 2√2.

(ii) दिए गए बिंदु हैं : (- 5, 7) ; (- 1, 3)
अभीष्ट दूरी = \(\sqrt{(-1+5)^{2}+(3-7)^{2}}\)
= \(\sqrt{4+4}=\sqrt{8}\)
= 4√2

(iii) दिए गए बिंदु हैं : (a, b); (- a, – b)
अभीष्ट दूरी = \(\sqrt{(-a-a)^{2}+(-b-b)^{2}}\)
= \(\sqrt{(-2 a)^{2}+(-2 b)^{2}}\)
= \(\sqrt{4 a^{2}+4 b^{2}}\)
= 2 \(\sqrt{a^{2}+b^{2}}\)

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प्रश्न 2.
बिंदुओं (0, 0) और (36, 15) के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए। क्या अब आप अनुच्छेद 7.2 में दिए दोनों शहरों A और B के बीच की दूरी ज्ञात कर सकते हैं ?
हल :
दिए गए बिंदु हैं :
A (0, 0) और B (36, 15)
दूरी AB = \(\sqrt{(0-36)^{2}+(0-15)^{2}}\)
= \(\sqrt{1296+225}=\sqrt{1521}\)
= 39.

अनुच्छेद 7.2 के अनुसार
विभिन्न बिंदु A (0, 0) और B (36, 15) आकृति में दिखाए अनुसार खींचिए,

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.1 1

BC ⊥ X-अक्ष पर खींचिए।
अब, समकोण AACB में,
AB = \(\sqrt{A C^{2}+B C^{2}}\)
= \(\sqrt{(36)^{2}+(15)^{2}}\)
= \(\sqrt{1296+225}=\sqrt{1521}\)
= 39.
अतः बिंदुओं के बीच की अभीष्ट दूरी 39 है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.1

प्रश्न 3.
निर्धारित कीजिए कि क्या बिंदु (1, 5), (2, 3) और (- 2, – 11) सरेखी हैं।
हल :
दिए गए बिंदु हैं : A (1, 5) ; B (2, 3) और C(- 2, – 11).
AB = \(\sqrt{(2-1)^{2}+(3-5)^{2}}\)
= \(\sqrt{1+4}=\sqrt{5}\)

BC = \(\sqrt{(-2-2)^{2}+(-11-3)^{2}}\)
= \(\sqrt{16+196}=\sqrt{212}\)

CA = \(\sqrt{(1+2)^{2}+(5-11)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+256}=\sqrt{265}\).
उपर्युक्त दूरियों से, यह स्पष्ट है कि किन्हीं दो का योगफल तीसरे के बराबर नहीं है।
अतः, दिए गए बिंदु सरेखी नहीं हैं।

प्रश्न 4.
जाँच कीजिए कि क्या बिंदु (5, – 2) ; (6, 4) और (7, -2) एक समद्विबाहु त्रिभुज के शीर्ष हैं।
हल :
दिए गए बिंदु हैं A (5, – 2) ; B (6, 4) और C (7, – 2).
AB = \(\sqrt{(5-6)^{2}+(-2-4)^{2}}\)
= \(\sqrt{1+36}=\sqrt{37}\)

BC = \(\sqrt{(6-7)^{2}+(4+2)^{2}}\)
= \(\sqrt{1+36}=\sqrt{37}\)

CA = \(\sqrt{(7-5)^{2}+(-2+2)^{2}}\)
= \(\sqrt{4+0}\) = 2.
उपर्युक्त दूरियों से स्पष्ट है कि AB = BC = √37.
∴ दिए गए बिंदु समद्विबाहु त्रिभुज के शीर्ष हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.1

प्रश्न 5.
किसी कक्षा में, चार मित्र बिंदुओं A, B, C और D पर बैठे हुए हैं, जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है। चंपा और चमेली कक्षा के अंदर आती हैं
और कुछ मिनट तक देखने के बाद, चंपा, चमेली से पूछती है, ‘क्या तुम नहीं सोचती हो कि ABCD एक वर्ग है ?’ चमेली इससे सहमत नहीं है। दूरी सूत्र का प्रयोग करके बताइए कि इनमें कौन सही हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 7 निर्देशांक ज्यामिति Ex 7.1 2

हल :
दी गई आकृति में दिए गए बिंदुओं के शीर्ष हैं :
A (3, 4); B (6, 7); C (9, 4) और D (6, 1).
अब, AB = \(\sqrt{(6-3)^{2}+(7-4)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+9}=\sqrt{18}\)

BC = \(\sqrt{(9-6)^{2}+(4-7)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+9}=\sqrt{18}\)

CD = \(\sqrt{(6-9)^{2}+(1+4)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+9}=\sqrt{18}\)

DA = \(\sqrt{(3-6)^{2}+(4-1)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+9}=\sqrt{18}\)

AC = \(\sqrt{(9-3)^{2}+(4-4)^{2}}\)
= \(\sqrt{36+0}\) = 6

BD = \(\sqrt{(6-6)^{2}+(1-7)^{2}}\)
= \(\sqrt{0+36}\) = 6
उपर्युक्त दूरियों से यह स्पष्ट है कि AB = BC = CD = DA = √18 और AC = BD = 6.
∴ ABCD एक वर्ग बनाता है तथा चंपा की सोच सही है।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित बिंदुओं द्वारा बनने वाले चतुर्भुज का प्रकार (यदि कोई है तो) बताइए तथा अपने उत्तर के लिए कारण भी दीजिए :
(i) (- 1, – 2), (1, 0), (- 1, 2), (- 3, 0)
(ii) (- 3, 5), (3, 1), (0, 3), (- 1, – 4)
(iii) (4, 5), (7, 6), (4, 3), (1, 2).
हल :
(i) दिए गए बिंदु हैं : A (- 1, – 2); B (1, 0); C (- 1, 2) और D (- 3, 0).
AB = \(\sqrt{(1+1)^{2}+(0+2)^{2}}\)
= \(\sqrt{4+4}=\sqrt{8}\)

BC = \(\sqrt{(-1-1)^{2}+(2-0)^{2}}\)
= \(\sqrt{4+4}=\sqrt{8}\)

CD = \(\sqrt{(-3+1)^{2}+(0-2)^{2}}\)
= \(\sqrt{4+4}=\sqrt{8}\)

DA = \(\sqrt{(-1+3)^{2}+(-2-0)^{2}}\)
= \(\sqrt{4+4}=\sqrt{8}\)

AC = \(\sqrt{(-1+1)^{2}+(2+2)^{2}}\)
= \(\sqrt{0+16}\) = 4

BD = \(\sqrt{(-3-1)^{2}+(0-0)^{2}}\)
= \(\sqrt{16+0}\) = 4
उपर्युक्त चर्चा से यह स्पष्ट है कि AB = BC = CD = DA = √8 और AC = BD = 4.
अतः, दी गई चतुर्भुज ABCD एक वर्ग है।

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(ii) दिए गए बिंदुओं : A (- 3, 5) ; B (3, 1); C (0, 3) और D (- 1, – 4)
AB = \(\sqrt{(-3-3)^{2}+(5-1)^{2}}\)
= \(\sqrt{36+16}=\sqrt{52}\)
= 2√13

BC = \(\sqrt{(3-0)^{2}+(1-3)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+4}=\sqrt{13}\)

CA = \(\sqrt{(0+3)^{2}+(3-5)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+4}=\sqrt{13}\)

अब, BC+ CA = √13 + √13 = 2√13 = AB.
A, B और C संरेखी हैं तो A, B, C और D चतुर्भुज नहीं बनाते हैं।

(iii) दिए गए बिंदुओं : A (4, 5) ; B (7, 6); C (4, 3) और D (1, 2)
AB = \(\sqrt{(7-4)^{2}+(6-5)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+1}=\sqrt{10}\)

BC = \(\sqrt{(4-7)^{2}+(3-6)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+9}=\sqrt{18}=3 \sqrt{2}\)

CD = \(\sqrt{(1-4)^{2}+(2-3)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+1}=\sqrt{10}\)

DA = \(\sqrt{(4-1)^{2}+(5-2)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+9}=\sqrt{18}=3 \sqrt{2}\)

AC = \(\sqrt{(4-4)^{2}+(3-5)^{2}}\)
= \(\sqrt{0+4}\) = 2

BD = \(\sqrt{(1-7)^{2}+(2-6)^{2}}\)
= \(\sqrt{36+16}=\sqrt{52}=2 \sqrt{3}\)

उपर्युक्त चर्चा से यह स्पष्ट है कि AB = CD और BC = DA और AC ≠ BD.
अर्थात् सम्मुख भुजाएँ बराबर हैं, परंतु उनके विकर्ण बराबर नहीं हैं।
अतः दी गई चतुर्भुज ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।

प्रश्न 7.
x-अक्ष पर वह बिंदु ज्ञात कीजिए जो (2, – 5) और (-2, 9) से समदूरस्थ है।
हल :
मान लीजिए अभीष्ट बिंदु P (x, 0) और दिए गए बिंदु हैं A (2, – 5) और B (- 2, 9).
प्रश्नानुसार,
PA = PB या
(PA)2 = (PB)2
या (2 – x)2 + (- 5 – 0)2 = (- 2 – x)2 + (9 – 0)2
या 4 + x – 4x + 25 = 4 + x2 + 4x + 81
या – 8x = 56
या x = \(-\frac{56}{8}\) = – 7
अतः अभीष्ट बिंदु (-7, 0) है।

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प्रश्न 8.
y का वह मान ज्ञात कीजिए जिसके लिए बिंदु P(2, – 3) और Q (10, y) के बीच की दूरी 10 मात्रक है।
हल :
दिए गए बिंदु हैं P (2, – 3) और Q (10, y)
PQ = \(\sqrt{(10-2)^{2}+(y+3)^{2}}\)
= \(\sqrt{64+y^{2}+9+6 y}\)
= \(\sqrt{y^{2}+6 y+73}\)
प्रश्न के अनुसार,
PQ = 10
या \(\sqrt{y^{2}+6 y+73}\) = 10
या y2 + 6y + 73 = 100
या y2 + 6y – 27 = 0
S = 6, P = – 27
या y + 9y – 3y – 27 = 0
या y (y + 9) – 3 (y + 9) = 0
या (y + 9) (y – 3) = 0
या y + 9 = 0
या y – 3 = 0
y = – 9 या y = 3
अतः y = – 9 और 3

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प्रश्न 9.
यदिए (0, 1) बिंदुओं P(5,-3) और R (x, 6) से समदूरस्थ है, तो x का मान ज्ञात कीजिए। दूरियाँ QR और PR भी ज्ञात कीजिए।
हल :
दिए गए बिंदु हैं Q (0, 1) ; P (5, – 3) और R (x, 6)
QP = \(\sqrt{(5-0)^{2}+(-3-1)^{2}}\)
= \(\sqrt{25+16}=\sqrt{41}\)

और QR = \(\sqrt{(x-0)^{2}+(6-1)^{2}}\)
= \(\sqrt{x^{2}+25}\)

प्रश्न के अनुसार,
QP = QR
या √41 = \(\sqrt{x^{2}+25}\)
या 41 = x2 + 25
या x2 = 16
या x = ± √16 = ± 4.

जब x = 4 तो R (4, 6).
QR = \(\sqrt{(4-0)^{2}+(6-1)^{2}}\)
= \(\sqrt{16+25}=\sqrt{41}\)

PR = \(\sqrt{(4-5)^{2}+(6+3)^{2}}\)
= \(\sqrt{1+81}=\sqrt{82}\)

जब x = – 4 तो R(- 4, 6).
QR = \(\sqrt{(-4-0)^{2}+(6-1)^{2}}\)
= \(\sqrt{16+25}=\sqrt{41}\)

PR = \(\sqrt{(-4-5)^{2}+(6+3)^{2}}\)
= \(\sqrt{81+81}=\sqrt{162}\)

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प्रश्न 10.
x और y का वह संबंध ज्ञात कीजिए कि बिंदु (x, y) बिंदुओं (3, 6) और (- 3, 4) से समदूरस्थ हो।
हल :
मान लीजिए अभीष्ट बिंदु P (x, y) है। दिए गए बिंदु हैं A (3, 6) और B (-3, 4)
PA = \(\sqrt{(3-x)^{2}+(6-y)^{2}}\)
= \(\sqrt{9+x^{2}-6 x+36+y^{2}-12 y}\)
= \(\sqrt{x^{2}+y^{2}-6 x-12 y+45}\)

और PB = \(\sqrt{(-3-x)^{2}+(4-y)^{2}}\)
= \(\sqrt{(-3-x)^{2}+(4-y)^{2}}\)
= \(\sqrt{x^{2}+y^{2}+6 x-8 y+25}\)

प्रश्न के अनुसार,
PA = PB
\(\begin{aligned}
\sqrt{x^{2}+y^{2}-6 x-12 y+45} \\
&=\sqrt{x^{2}+y^{2}+6 x-8 y+25}
\end{aligned}\)

दोनों ओर वर्ग करने पर हमें प्राप्त होता है,
या x2 + y2 – 6x – 12y + 45 = x2 + y2 + 6x – 8y + 25
या – 12x -4y + 20 = 0
या 3x + y – 5 = 0 अभीष्ट संबंध है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मेंडल के द्वारा मटर के पौधों पर किए गए प्रयोगों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर-
मेंडल ने मटर के पौधे के विभिन्न विकल्पी लक्षणों का अध्ययन किया था। उन्होंने उनके बाहरी लक्षणों की ओर विशेष ध्यान दिया था। गोल/झुरींदार बीज, लंबे/बौने पौधे, सफेद/बैंगनी फूल आदि विभिन्न विकल्पी लक्षणों वाले पौधों का चयन कर उनसे पौधे उगाए थे। उन्होंने लंबे पौधे तथा बौने पौधे का संकरण करा कर प्राप्त संतति पीढ़ी में लंबे एवं बौने पौधों की गणना की।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास 1
प्रथम संतति अथवा F1 में कोई पौधा बीच की ऊँचाई का नहीं था। सभी पौधे लंबे थे। इसका अर्थ था कि पहली पीढ़ी में दो लक्षणों में से केवल एक गंबा पीया लंबा पौधा लंबा पौधा लंबा पौधा लंबा पौधा बौना पौधा पैतृक लक्षण ही दिखाई देता है। उन दोनों का मिश्रित प्रभाव दिखाई नहीं देता। मेंडल ने अपने प्रयोगों में दोनों प्रकार के पैतृक पौधों एवं F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण द्वारा उगाया। पैतृक पीढ़ी के लंबे पौधों से प्राप्त सभी संतति भी लंबे पौधों की थी। पर F1 पीढ़ी के लंबे पौधों की दूसरी पीढ़ी अर्थात् F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे। उनमें से एक चौथाई संतति बौने पौधे थे। इससे संकेत मिला कि F, पौधों द्वारा लंबाई एवं बौनेपन दोनों के विकल्पी लक्षणों की वंशानुगति हुई। केवल लंबाई वाला विकल्प अपने आपको व्यक्त कर पाया। इसलिए किसी भी लक्षण के दो विकल्प लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवों में किसी भी लक्षण के दो विकल्प की वंशानुगति होती है।

‘TT’ एवं ‘Tt’ दोनों ही लंबे पौधे हैं, लेकिन ‘tt’ बौने पौधे हैं। ‘T’ एक अकेला विकल्प ही पौधे को लंबा बनाने के लिए पर्याप्त है, जबकि संकरण बौनेपन के लिए ‘t’ के दोनों विकल्प ‘t’ ही होने चाहिएं। ‘T’ जैसे विकल्प ‘प्रभावी’ लक्षण कहलाते हैं जबकि जो लक्षण (Trait) ‘t’ की तरह स्वनिषेचन व्यवहार करते हैं, ‘अप्रभावी’ कहलाते हैं।

यदि गोल बीज वाले लंबे पौधों का झरींदार बीजों वाले बौने पौधों से संकरण कराया जाए तो F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे एवं गोल बीज वाले होंगे। इसलिए लंबाई तथा गोल बीज ‘प्रभावी’ लक्षण हैं। परंतु जब F, P RR yy संतति के स्वपरागण से F2 पीढ़ी की संतति प्राप्त होती है। पहले प्रयोग के आधार पर F2 संतति के कुछ पौधे गोल बीज वाले लंबे पौधे होंगे तथा कुछ F1 झुर्रादार बीज वाले बौने पौधे। परंतु F2 की संतति के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करेंगे। उनमें से कुछ पौधे लंबे पर झुरींदार तथा कुछ पौधे बौने पर | गोल बीज वाले होंगे। इसलिए लंबे/बौने लक्षण तथा गोल/झुरींदार लक्षण अनुपात स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास 2

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास 3

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 2.
डार्विन के विकास के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
चार्ल्स राबर्ट डार्विन (1809-1882) ने निरंतर अनेक वर्ष तक विभिन्न जगहों पर एच० एम० एस० बीगल नामक समुद्री जहाज़ से घूम-घूम कर जीव-जंतुओं का अध्ययन करने के पश्चात् अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘The Origin of Species’ में जैव-विकास के सिद्धांतों की प्रतिपादता की थी जिन्हें डार्विनवाद के नाम से जाना जाता है।

डार्विन ने अपने मतों को निम्नलिखित आधारों पर स्थापित किया था-
(I) संतान उत्पन्न करने की अपार क्षमता (Enormous Fertility)-संसार में सभी प्राणियों के पास बहुत अधिक संतान उत्पन्न करने की क्षमता होती है। उनमें परिवार वृद्धि की भावना भी विद्यमान होती है।

(II) जीवन-संघर्ष (Struggle for Existence) सभी प्राणी उत्पन्न होते ही जीवन के लिए संघर्ष करते हैं। वे जीवित रहने के लिए पानी, हवा, भोजन, प्रकाश, सुरक्षित स्थान, तापमान आदि को प्राप्त करना चाहते हैं। अधिक संख्या में उत्पन्न प्राणियों में हर प्राणी अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं। यह संघर्ष तीन प्रकार का होता है-अंतर्जातीय, अंतर-जातीय और वातावरणीय कारकों के बीच। अंतर्जातीय संघर्ष केवल एक ही जाति के प्राणियों के बीच होता है लेकिन अंतर-जातीय संघर्ष विभिन्न जातियों और प्राणियों के बीच होता है। जीवित रहने के लिए संघर्ष हवा, पानी, दबाव, तापमान आदि के बीच भी चलता है। जो प्राणी इनका विपरीत स्थितियों में सामना नहीं कर पाते, वे मर जाते हैं। जीवन-संघर्ष के लिए अनुकूलन की बहुत आवश्यकता होती है। जो अनुकूलन करने में सफल नहीं हो पाते वे कमज़ोर और असमर्थ होने के कारण नष्ट हो जाते हैं।

(III) नई जातियों की उत्पत्ति (Origin of New Species) – संसार में सभी प्राणियों में भिन्नता होती है। कोई भी प्राणी पूर्ण रूप से एक जैसा नहीं है। उनको गुणों-अवगुणों के भेद के कारण ही पहचाना जाता है। उपयोगी और श्रेष्ठ गुणों के कारण प्राणी सहजता से रह सकते हैं। प्राणियों के श्रेष्ठ गुण उनमें स्थायी बन जाते हैं। वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चलते हैं। इसी कारण नई जातियों की उत्पत्ति होती है।

(IV) योग्यतम की उत्तर जीविता (Survival of the fittest)-प्राणियों का जीवन संघर्ष निरंतर सारा जीवन चलता रहता है। जो प्राणी वातावरण में रहने के लिए अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध कर लेते हैं, वही रह पाते हैं। जो इस संसार में अपनी रहने योग्य श्रेष्ठता सिद्ध नहीं कर पाते, वे कुछ समय बाद नष्ट हो जाते हैं। वातावरण में वहीं जीवित रह पाता है जो योग्यतम है, इसी को योग्यता की उत्तर जीविता कहते हैं। वातावरण में संघर्ष करते समय प्राणियों के जीवन में कुछ परिवर्तन भी आते हैं।

ये परिवर्तन विभिन्नताएँ कहलाती हैं और वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के पास पहुंचती हैं। अगली पीढ़ी के प्राणी पिछली पीढ़ी के प्राणियों की अपेक्षा अपने आप को वातावरण के प्रति अधिक अच्छी तरह ढालने की योग्यता रखते हैं। प्रकृति के प्रति अनुकूलन न करना और इन्हें न झेल कर नष्ट हो जाना प्राकृतिक वरण कहलाता है। प्राकृतिक वरण (Natural Selection) जीवन भर चलता रहता है। विभिन्नताओं की प्राप्ति करने से नई जातियाँ विकास करती हैं।

(V) वातावरण के प्रति अनुकूलन (Adaptation to the Environment)-सभी प्राणियों को भिन्न प्रकार के भौतिक वातावरण को झेलना पड़ता है। वे जीवन भर सर्दी-गर्मी, सूखा-बाढ़, भूकंप, तूफान आदि के द्वारा उत्पन्न संकटों का सामना करते हैं। जो प्राणी अपने आप को इनका सामना करने के योग्य बना पाते हैं, वही अपने जीवन संघर्ष में सफल हो पाते हैं। जो प्राणी स्वयं को वातावरण के प्रति अनुकूल नहीं बना पाते वे स्वयं के साथ नष्ट हो जाते हैं।

(VI) विभिन्नताएँ और आनुवंशिकता (Variations and Heredity)-एक जाति और एक ही माता-पिता की संतानों में समानताओं के बावजूद कई तरह के अंतर पाए जाते हैं। कोई भी दो प्राणी पूर्ण रूप से एक जैसे नहीं है। लाभकारी अंतर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
आनुवंशिकी की परिभाषा दीजिएं। जीव विज्ञान की इस शाखा में मेंडल के क्या योगदान हैं ?
उत्तर-
आनुवंशिकी जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत आनुवंशिकता और विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है। मेंडल ने जीव विज्ञान की इस शाखा आनुवंशिकी को अति महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था इसीलिए उन्हें आनुवंशिकी का जनक माना जाता है। उन्होंने मटर के दानों पर संकरण के तरह-तरह के प्रयोग किए थे और तीन नियमों को प्रतिपादित किया था।
(I) प्रभाविता का नियम (Law of Dominance)-संकरण में भाग लेने वाले पौधों का प्रभावी गुण प्रकट होता है और अप्रभावी गुण छिप जाता है।

(II) पृथक्करण का नियम (Law of Segregation)-युग्मकों की रचना के समय कारकों (genes) के जोड़े के कारक अलग-अलग हो जाते हैं। इन दोनों में से केवल एक युग्मक के पास पहुँचता है। दोनों कारक कभी भी एक साथ युग्मक में नहीं जाते।

(III) अपव्यूहन का नियम (Law of Independent Assortment)-जीवों के गुण के कारक एक-दूसरे को प्रभावित किए बिना अपने आप उन्मुक्त रूप से युग्मकों में जाते हैं और अपने आप को प्रकट करते हैं। उदाहरण के लिए, विसंकर क्रॉस की दूसरी पीढ़ी की संतानों में सभी कारकों के गुण अलग-अलग दिखाई देते हैं पर पहली पीढ़ी में अपने प्रभावी गुण ही प्रकट करते हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सभी स्पीशीज़ में विभिन्नताओं में अस्तित्व की समान संभावना क्यों नहीं होती ?
उत्तर-
सभी स्पीशीज़ में विभिन्नताओं में अस्तित्व की समान संभावना नहीं होती। प्रकृति के विभिन्न आधारों के कारण जीवों को अलग-अलग लाभ हो सकते हैं। गर्मी को झेलने की क्षमता वाले जीवाणुओं के अधिक गर्मी में बचे ‘ रहने की संभावना अधिक होती है। पर्यावरण उत्तम परिवर्तन (Variants) का जैव विकास प्रक्रम पर प्रभाव डालता

प्रश्न 2.
मानवों में लक्षणों की वंशागति किस बात पर आधारित होती है ?
उत्तर-
मानवों में लक्षणों की वंशागति इस बात पर आधारित होती है कि माता-पिता दोनों अपनी संतान में समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ को स्थानांतरित करते हैं। संतान का प्रत्येक लक्षण पिता या माता के DNA से प्रभावित होता है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 3.
F1 संतति और F2 संतति क्या है ?
उत्तर-
प्रथम संतति F1 कहलाती है जिसमें माता-पिता के दो लक्षणों में से एक केवल पैतृक लक्षण दिखाई देता है जिसका अर्थ है कि उन दोनों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई देता है। स्वपरागण की अवस्था में F2 संतति दोनों के विकल्पी लक्षणों को प्रकट करती है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास 4

प्रश्न 4.
जीन लक्षणों को कैसे नियंत्रित करते हैं ?
उत्तर-
कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण के लिए एक सूचना तंत्र होता है, DNA के जिस भाग में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना होती है वह प्रोटीन का जीन कहलाता है। जीवों के लक्षण इसी हॉर्मोन पर निर्भर करते हैं। हॉर्मोन की मात्रा उस प्रक्रम की दक्षता पर निर्भर करती है जिसके द्वारा ये उत्पादित होते हैं। यदि विशिष्ट प्रोटीन दक्षता से कार्य करेगी तो हॉर्मोन पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न होगा और यदि प्रोटीन की दक्षता पर कुछ भिन्न प्रभाव पड़ता है तो कम दक्षता के कारण हॉर्मोन कम होगा। जीन ही लक्षणों को प्रभावित और नियंत्रित करते हैं।

प्रश्न 5.
जैव विविधता क्या है ?
उत्तर-
जैव विविधता-जैव विविधता या जीव भिन्नता पृथ्वी पर पाई जाने वाली विविध प्रकार की उन जैवीय प्रजातियों को कहते हैं जो अपने-अपने प्राकृतिक आवास क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इसमें पेड़-पौधे, सूक्ष्म जीव, पशुपक्षी आदि सभी प्राणी सम्मिलित हैं।

प्रश्न 6.
जैव विविधता के विभिन्न स्तर कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-

  • आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
  • प्रजाति विविधता (Species Diversity) ।
  • परिस्थितिगत विविधता (Ecosystem Diversity) |

प्रश्न 7.
आनुवंशिक विविधता क्या है ?
उत्तर-
आनुवंशिक विविधता–अलग-अलग जीन की उपस्थिति के कारण उत्पन्न विविधता को आनुवंशिक विविधता कहते हैं। मनुष्यों में यह विविधता मंगोल, नीग्रो आदि में देखी जा सकती है।

प्रश्न 8.
पक्षियों का विकास डायनोसॉर से क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
डायनोसॉर सरीसृप थे। उनके विभिन्न जीवाश्मों में अस्थियों के साथ पंखों की छाप भी स्पष्ट रूप से मिलती है। तब शायद वे सब इन पंखों की सहायता से उड़ नहीं पाते होंगे पर बाद में पक्षियों ने पंखों से उड़ना सीख लिया होगा। इसीलिए पक्षियों को डायनोसॉर से संबंधित मान लिया जाता है।

प्रश्न 9.
आनुवंशिकता क्या है ?
उत्तर-
आनुवंशिकता-सभी जीवधारियों में कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो उन्हें अपने से पहले पीढ़ियों से प्राप्त होते हैं। ये गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं। एक जीव से दूसरे जीव में पीढ़ी-दर-पीढ़ी लक्षणों का आगे जाना आनुवंशिकता कहलाती है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 10.
लिंग गुण सूत्र क्या है ?
उत्तर-
लिंग गुण सूत्र-मानवों में कुल 23 जोड़े गुण सूत्र होते हैं जिनमें से अंतिम तेइसवाँ जोड़ा लिंग गुण सूत्र (Sex Chromosome) कहलाता है। इसी के कारण कोई मानव नर या मादा के रूप में जन्म लेता है। नर में XY लिंग गुण सूत्र होते हैं पर मादा में XX लिंग गुण सूत्र होते हैं।

प्रश्न 11.
समजात अंग (Homologous Organs) को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
समजात अंग-जीव-जंतुओं के वे अंग, जिनकी उत्पत्ति और मूल संरचना में समानता होती है पर समय, परिस्थिति और कार्य के कारण उनकी बाहरी रचना में अंतर आ जाता है, उन्हें समजात अंग कहते हैं। उदाहरण-पक्षी के पंख, मेंढक की टाँगें, सील के फ्लीपर, चमगादड़ के पंख, घोड़े की अगली टाँगें और मनुष्य की बाजू की उत्पत्ति और संरचना समान है पर इनके कार्यों में अंतर है। ये इस बात को प्रमाणित करते हैं कि कभी सभी के पूर्वज एक जैसे ही थे। परिस्थितियों और समय ने उनमें परिवर्तन किए हैं।
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प्रश्न 12.
समरूप अंग क्या होते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
समरूप अंगों-समरूप अंगों में कार्य की समानता होती है लेकिन उनकी उत्पत्ति और मूल संरचना में अंतर होता है। कीड़े, पक्षी चमगादड़ और चमगादड़ सभी पँखों का प्रयोग उड़ने के लिए करते हैं पर उनकी उत्पत्ति अलग-अलग ढंग से हुई थी।
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प्रश्न 13.
समजात अंग और समरूप अंग में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

समजात अंग समरूप अंग
(i) इन अंगों की मूल रचना और उत्पत्ति समान नहीं होती। (i) इन अंगों की मूल रचना और उत्पत्ति एक एक समान होती है।
(ii) इनके कार्य समान नहीं होते हैं। उदाहरण-I. पक्षियों के पंख और मेंढक
II. मनुष्य की बाजू और घोड़े की अगली टांगें।
(ii) इनके कार्य समान होते हैं। उदाहरण-I. पक्षी और चमगादड़ के पंख। के अग्रपाद।
II. पक्षियों और कीटों के पंख।

प्रश्न 14.
मेंडल के आनुवंशिकता के प्रबलता के नियम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
प्रबलता का नियम-जब पौधों के विपरीत लक्षणों के बीच संकरण कराया जाता है जो उनकी संतति में उन लक्षणों में से एक लक्षण ही प्रभावी रहता जबकि दूसरा विपरीत लक्षण अप्रभावी रहता है। प्रभावी लक्षण संतान में दिखाई देता है जबकि अप्रभावी लक्षण विद्यमान होते हुए भी दिखाई नहीं देता।
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मेंडल के द्वारा किए गए मटरों के प्रयोग में पहली पीढ़ी में सभी पौधे शुद्ध लंबे थे परंतु दूसरी पीढ़ी में एक शुद्ध लंबा पौधा, दो संकरे लंबे तथा एक शुद्ध बौना पौधा था।

प्रश्न 15.
मेंडल के मटर के पौधों पर प्रयोग से क्या परिणाम निकले ?
उत्तर–
मेंडल के मटर के पौधों पर किए प्रयोग से निम्नलिखित परिणाम निकले

  • पौधों में लक्षण कुछ इकाइयों द्वारा नियंत्रित होते हैं। उन्हें कारक कहा जाता है। प्रत्येक लक्षण के लिए युग्मक में एक कारक होता है, जैसे लंबाई, फूल का रंग।
  • एक लक्षण को दो कारकों द्वारा ही व्यक्त किया जाता है, जैसे TT या tt |

प्रश्न 16.
युग्मकों की शुद्धता का नियम क्या है ?
उत्तर-
गुणसूत्रों पर जीन हमेशा जोड़े में विद्यमान होती हैं जैसे TT या tt । युग्मक में ये जीन अलग-अलग हो जाते हैं और अलग हुआ एक जीन एक गुण के लिए बिल्कुल शुद्ध होता है। युग्मक संयोग के बाद युग्मनज में एक जीन पिता से और एक जीन माता से (एक ही गुण वाले) समान जीन एकत्रित हो जाते हैं और ये दोनों जीन एक लक्षण के लिए उत्तरदायी होते हैं। इस नियम को युग्मकों की शुद्धता का नियम कहते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 17.
जीन कहाँ स्थित होते हैं ? इनकी रासायनिक प्रकृति क्या है ?
उत्तर-
जीन-जीन आनुवंशिकता की अंतिम इकाई है जिसके द्वारा पैतृक गुण संतानों में स्थानांतरित होते हैं। यह DNA के खंड होते हैं। जीन गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं। न्यूक्लियोटाइडस का विशिष्ट क्रम इसकी क्रियात्मक विशिष्टता को निर्धारित करता है। जीन को किसी विशेष एंजाइम से काटा जा सकता है और उसे किसी अन्य जीव के जीन के साथ जोड़ा जा सकता है।

प्रश्न 18.
लिंग गुणसूत्रों और अलिंग गुणसूत्रों में अंतर लिखिए।
उत्तर-

लिंग गुणसूत्र अलिंग गुणसूत्र
(1) ये लिंग निर्धारण से संबंधित होते हैं। (1) ये लिंग निर्धारण से संबंधित नहीं होते।
(2) मनुष्य में केवल दो लिंग गुणसूत्र X और Y होते हैं। (2) मनुष्य में 44 अलिंग गुणसूत्र होते हैं।
(3) मानव नर में XY तथा मानव मादा में XX लिंग गुणसूत्र होते हैं। (3) इन गुण सूत्रों को 1 से 22 तक संख्या प्रदान की गई है।

प्रश्न 19.
विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता किस प्रकार बढ़ जाती है?
उत्तर-
लाभकारी विभिन्नताएं जीन को वातावरण की अवश्यकताओं के अनुकूल बनाती हैं। जो उसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाती है। ऐसा होने पर जीन की उस स्पीशीज़ की उत्तरजीविता में वृद्धि होती है।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मानव नर और मादा में कितने जोड़े गुण सूत्र होते हैं ?
उत्तर-
23 जोड़े।

प्रश्न 2.
स्त्रियों में कौन-सा लिंग गुणसूत्र होता है ?
उत्तर-
‘XX’ गुणसूत्र।

प्रश्न 3.
पुरुषों में कौन-सा लिंग गुणसूत्र होता है ?
उत्तर-
‘XY’ गुणसूत्र।

प्रश्न 4.
बच्चे के लिंग का निर्धारण किसके गुणसूत्र पर निर्भर करता है।
उत्तर-
पिता के ‘Y’ गुणसूत्र पर।

प्रश्न 5.
डार्विन ने किस सिद्धांत की परिकल्पना की थी ?
उत्तर-
प्राकृतिक वरण द्वारा जैव विकास।

प्रश्न 6.
जीवाश्म क्या होते हैं ?
उत्तर-
जीवाश्म-जीवों के चट्टानों में परिरक्षित अवशेष जीवाश्म कहलाते हैं।

प्रश्न 7.
आनुवंशिकता किसे कहते हैं ?
उत्तर–
प्राणियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने वाले पूर्वजों के लक्षणों और गुणों को आनुवंशिकता कहते हैं।

प्रश्न 8.
विभिन्नता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समान माता-पिता और समान जाति होने पर भी संतानों में रंग-रूप, बुद्धिमता, कद आदि में अंतर पाया जाता है। इसी को विभिन्नता कहते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 9.
मानव शरीर में लगभग कितनी जीन होती हैं ?
उत्तर-
30000 से 40000 तक।

प्रश्न 10.
जीन कहाँ विद्यमान होती हैं ?
उत्तर-
जीन गुणसूत्रों पर निश्चित स्थान पर विद्यमान होती हैं।

प्रश्न 11.
AIDS का वायरस HIV कैसा होता है ?
उत्तर-
रेट्रो वायरस।

प्रश्न 12.
जीन का क्या कार्य होता है ?
उत्तर-
आनुवंशिक लक्षणों का निर्धारण, नियंत्रण और वहन।

प्रश्न 13.
DNA तथा RNA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
DNA = डी ऑक्सीरिबो न्यूक्लिक अम्ल।
RNA = रिबो न्यूक्लिक अम्ल।

प्रश्न 14.
ऑटोसोम्स किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मनुष्य में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं। लिंग गुणसूत्रों का जोड़ा 23वां होता है। शेष 22 जोड़े ऑटोसोम्स कहलाते हैं।

प्रश्न 15.
समजात अंग क्या होते हैं ?
उत्तर–
समजात अंग –वे अंग जिनकी उत्पत्ति और मूल रचना समान हो पर उनके कार्य भिन्न हों।

प्रश्न 16.
समवृत्ति अंग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वे अंग जिनके कार्यों में समानता है पर उनकी उत्पत्ति और मूल रचना भिन्न हो।

प्रश्न 17.
मानव शरीर में कौन-कौन से अवशेषी अंग हैं ?
उत्तर–
कर्ण पल्लव की पेशियाँ, कृमि रूप परिशेषिका, पुच्छ कशेरुक, निमेषक पटल।

प्रश्न 18.
बायोजेनेटिक नियम लिखिए।
उत्तर-
जीव जंतु भ्रूण-विकास के समय अपने पूर्वजों के जातीय विकास की उत्तरोतर अवस्थाओं को प्रकट करता है। इस नियम को ‘व्यक्ति वृत्त में जातिवृत्त की पुनरावृत्ति’ (Ontogeny Repeats Phylogeny) भी कहते हैं।

प्रश्न 19.
आनुवंशिक इंजीनियरी में कौन-सी क्रिया की जाती है ? ।
उत्तर-
DNA या जीन के एक टुकड़े को काटकर किसी दूसरे जीवधारी की DNA के साथ विशिष्ट एंजाइम की सहायता से जोड़ने की क्रिया आनुवंशिक इंजीनियरी में की जाती है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 20. ‘
फॉसिल डेटिंग’ किसे कहते हैं ?
उत्तर-जिसमें जीवाश्म में पाए जाने वाले किसी एक तत्त्व के विभिन्न समस्थानिकों के अनुपात के आधार पर जीवाश्म का समय निर्धारित किया जाता है उसे फॉसिल डेटिंग कहते हैं।

प्रश्न 21.
प्रभावी लक्षण क्या होते हैं ?
उत्तर-
प्रभावी लक्षण-वे विषय जो समयुग्म तथा विषम युग्मजी दोनों अवस्थाओं में प्रकट कर सकते हैं, प्रभावी लक्षण कहलाते हैं।

प्रश्न 22.
चित्र में दर्शाए गए अंग किस प्रकार के अंगों को दर्शाते हैं ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास 8
उत्तर-
समजात अंग।

प्रश्न 23.
नीचे दिए गये चित्र में जीव-विकास के दृष्टिकोण से चित्र में दिखाए अंग किस प्रकार के अंग हैं ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास 9
उत्तर-
दोनों के कार्य करने में समानता है परन्तु इनकी उत्पत्ति तथा मूल रचना में अंतर होता है, इसलिए इन्हें समरूप अंग (Analogous organ) कहते हैं।

प्रश्न 24.
नीचे दर्शाए गए चित्र में (क) और (ख) का लिंग लिखें।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास 10
उत्तर-
(क) मादा (ख) नर।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न | (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मेंडल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफ़ेद पुष्प थे, से कराया गया। इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्प बैंगनी रंग के थे। परंतु उनमें से लगभग आधे बौने थे। इससे कहा जा सकता है, लंबे जनक पौधों की आनुवंशिक रचना निम्न थी –
(a) TTww
(b) TTww
(c) Tt ww
(d) Tt Ww.
उत्तर-
(c) TtWW.

प्रश्न 2.
समजात अंगों के उदाहरण हैं
(a) हमारा हाथ तथा कुत्ते के अग्रपाद
(b) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत
(c) आलू एवं घास के उपरिभूस्तारी
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 3.
विकासीय दृष्टिकोण से हमारी किससे अधिक समानता है
(a) चीन के विद्यार्थी
(b) चिंपैंजी
(c) मकड़ी
(d) जीवाणु।
उत्तर-
(a) चीन के विद्यार्थी।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 4.
‘AB’ रक्त वर्ग तथा ‘0’ रक्त वर्ग वाले माता-पिता की सन्तति हो सकती है
(a) ‘A’ रक्त वर्ग की
(b) ‘0’ रक्त वर्ग की
(c) ‘AB’ रक्त वर्ग की।
(d) ‘A’ या ‘B’ रक्त वर्ग की।
उत्तर-
(d) ‘A’ या ‘B’ रक्त वर्ग की।

प्रश्न 5.
अवशेषी अंग का उदाहरण नहीं है
(a) कीवी के पंख
(b) मनुष्य के रदनक दांत
(c) व्हेल का पाद
(d) सर्प की श्रेणी मेखला।
उत्तर-
(c) व्हेल का पाद।

प्रश्न 6.
समजात अंग का उदाहरण नहीं है
(a) मनुष्य के नाखून तथा बिल्ली के पंजे
(b) मनुष्य के हाथ और कुत्ते के अग्रपाद
(c) चिड़िया तथा चमगादड़ के पंख
(d) मनुष्य और हाथी के दाँत।
उत्तर-
(c) चिड़िया तथा चमगादड़ के पंख।।

प्रश्न 7.
कौन-सा एक टैस्ट क्रॉस को दर्शाता है ?
(a) TT x TT
(b) Tt x tt
(c) ttx tt
(d) Tt x Tt.
उत्तर-
(b) Tt x tt.

प्रश्न 8.
कोई लड़की अपने पिता से किस गुण-सूत्र को प्राप्त करती है ?
(a) X
(b) Y
(c) XY
(d) 0.
उत्तर-
(a) X.

प्रश्न 9.
कोई लड़का अपने पिता से किस गुण-सूत्र को प्राप्त करता है ?
(a) X
(b) Y
(c) XY
(d) O.
उत्तर-
(b) Y.

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) दो जीवों की अंग रचना एक समान परंतु कार्य अलग-अलग ……………………… हों तो उन्हें कहते हैं।
उत्तर-
समजात

(ii) प्राणियों में लक्षणों को ……………………… नियंत्रित करते हैं।
उत्तर-
जीन

(iii) हावी गुण को ………………………. तथा दब्बू गुण को ……………………… कहते हैं।
उत्तर-
प्रभावी, अप्रभावी

(iv) बच्चों के लिंग का निर्धारण ………………………. के गुणसूत्र पर निर्भर करता है।
उत्तर-
पिता

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

(v) मेंडल ने अपने मठ के बगीचे में मटर के पौधों पर, लगभग ……………………………. प्रयोग किए।
उत्तर-
10,000।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 1.
आकृति में, PS कोण ∠QPR का समद्विभाजक है। सिद्ध कीजिए कि \(\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}=\frac{\mathrm{PQ}}{\mathrm{PR}}\) है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 1

हल :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 3

दिया है : ∆PQR, PS कोण ∠QPR का समद्भिाजक है अर्थात् ∠1 = ∠2 है।
सिद्ध करना है. \(\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}=\frac{\mathrm{PQ}}{\mathrm{PR}}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 2

रचना : R में से एक रेखा PS के समांतर खींचिए जो QP को बढ़ाने पर T पर मिलती है।
उपपत्ति : ∆QRT में,
PS || TR
∠2 = ∠3 (एकांतर कोण)
∠1 = ∠4 (संगत कोण)
परंतु ∠1 = ∠2 (दिया है)
∴ ∠3 = ∠4
∆PRT में,
∠3 = ∠4 (प्रमाणित)
PT = PR
[समान भुजाओं के सम्मुख कोण समान होते हैं।
∆QRT में,
PS || TR

∴ \(\frac{\mathrm{QP}}{\mathrm{PT}}=\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}\)

[आधारभूत समानुपातिकता प्रमेय से]

\(\frac{\mathrm{QP}}{\mathrm{PR}}=\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}\) (PT = PR)

\(\frac{\mathrm{PQ}}{\mathrm{PR}}=\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}\)

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प्रश्न 2.
आकृति में D त्रिभुज ABC के कर्ण AC पर स्थित एक बिंदु है तथा DM ⊥ BC और DN ⊥ AB, सिद्ध कीजिए कि
(i) DM2 = DN.MC
(ii) DN2 = DM.AM.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 4

दिया है : ∆ABC में, DM ⊥ BC, DN ⊥ AB है।
सिद्ध करना है : DM2 = DN.AC
DN = DM.AM.

हल : BD ⊥ AC (दिया है)
⇒ ∠BDC = 90°
⇒ ∠BDM + ∠MDC = 90° ………..(1)
∆DMC में,
∠DMC = 90°
[∵ DM ⊥ BC (दिया है)]
⇒ ∠C + ∠MDC = 90° ……………(2)
(1) और (2),
∠BDM + ∠MDC = 2C + ∠MDC
∠BDM = ∠C
[दोनों ओर से CMDC को काटने पर]
अब ∆BMD और ∆MDC में,
∠BDM = ∠C [प्रमाणित]
∠BMD = ∠MDC [प्रत्येक 90°]
∆BMD ~ ∆MDC [AA समरूपता कसौटी से]
⇒ \(\frac{\mathrm{DM}}{\mathrm{BM}}=\frac{\mathrm{MC}}{\mathrm{DM}}\)
[:: समरूप त्रिभुजों की संगत भुजाएं समानुपाती होती
⇒ DM2 = BM X MC
⇒ DM2 = DN X MC
[∵ BM = DN]
इसी प्रकार ∆NDA ~ ∆NBD
⇒ \(\frac{\mathrm{DN}}{\mathrm{BN}}=\frac{\mathrm{AN}}{\mathrm{DN}}\)
[∵ समरूप त्रिभुजों की संगत भुजाएं समानुपाती होती हैं।]
DN2 = BN × AN
DN2 = DM × AN

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प्रश्न 3.
आकृति में ABC एक त्रिभुज है जिसमें ∠ABC > 90° है तथा AD ⊥ BC है। सिद्ध कीजिए कि AC2 = AB2 + BC2 + 2BC.BD है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 5

हल :
दिया है : ∆ABC में AD ⊥ BC जब BC को बढ़ाया जाता है। ∠ABC > 90° है।
सिद्ध करना है : AC2 = AB2 + BC2 + 2BC.BD.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 6

हल : मान लीजिए, BC = a,
CA = b,
AB = c,
AD = h और
BD = x.
समकोण त्रिभुज ∆ADB में, पाइथागोरस प्रमेय से, AB2 = DB2 + AD2
अर्थात् b2 = x2 + h2 ………….(1)
समकोण त्रिभुज ∆ADC में,
AC2 = CB2 + AD2
अर्थात् , c2 = (a + x)2 + h2
= a2 + 2ax + x2 + h2
= a2 + 2ax + b2; [(1) का प्रयोग करने पर]
= a2 + b2 + 2ab
अतः AB2 = BC2 + AC2 + 2BC × CD.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 4.
आकृति में, ABC एक त्रिभुज है जिसमें ∠ABC < 90° है तथा AD ⊥ BC है। सिद्ध कीजिए कि AC2 = AB2 + BC2 – 2BC.BD.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 7

हल :
दिया है : ∆ABC जिसमें ∠ABC < 90° तथा AD ⊥ BC है।
सिद्ध करना है : AC2 = AB2 + BC2 – 2BC.BD.
उपपत्ति: ADC एक समकोण है जिसमेंD पर समकोण है।
AC2 = CD2 + DA2 ……………..(1)
(पाइथागोरस प्रमेय से)
साथ ही, ∆ADB समकोण A है D पर समकोण है।
AB2 = AD2 + DB2 ………………..(2)
(1) से हमें प्राप्त होता है
AC2 = AD2 + (CB – BD)2
= AD2 + CB2 + BD2 – 2CB × BD
AC2 = (BD2 + AD2) + CB2 – 2CB × BD
AC2 = AB2 + BC2 – 2BC × BD. [(2) के प्रयोग से]

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न5.
आकृति में AD त्रिभुज ABC की एक माध्यिका है तथा AM ⊥ BC है सिद्ध कीजिए कि :
(i) AC2 = AD2 + BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\)

(ii) AB2 = AD2 – BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\)

(ii) AC2 + AB2 = 2AD2 + \(\frac{1}{2}\) BC2

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 8

हल :
दिया है : ∆ABC में, AM ⊥ BC, AD, ∆ABC की एक माध्यिका है।
सिद्ध करना है :
(i) AC2 = AD2 + BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\)

(ii) AB2 = AD2 – BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\)

(ii) AC2 + AB2 = 2AD2 + \(\frac{1}{2}\) BC2
उपपत्ति : ∆AMC में,
AC2 = AM2 + MC2
= AM2 + (MD + DC)2
AC2 = AM2 + MD2 + DC2 + 2MD × DC
AC2 = (AM2 + MD2) + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\) + 2.MD (\(\frac{BC}{2}\))
AC2 = AD2 + BC × MD + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\)
[समकोण त्रिभुज ∆AMD AD2 = AM2 + MD2 ]
∴ AC2 = AD2 + BC.MD + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\) ……………(1)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

(ii) समकोण त्रिभुज AMB ,
AB2 = AM2 + BM2
= AM2 + (BD – MD)2
= AM2 + BD2 + MD2 – 2BD × MD
= (AM2 + MD2) + BD2 – 2 (\(\frac{1}{2}\) BC) MD
= AD2 + (\(\frac{1}{2}\) BC)2 – BC.MD
[∵ ∆AMD में, AD2 = MA2 + MD2]
AB2 = AD2 + (\(\frac{BC}{2}\))2 – BC.MD ………………(2)

(iii) (1) और (2) को जोड़ने पर,
AB2 + AC2 = AD2 + BC.MD + (\(\frac{BC}{2}\))2 + AD2 + (\(\frac{BC}{2}\))2 – BC. MD

= 2AD2 + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\) + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\)

= 2AD2 + 2 \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\)
AB2 + AC2 = 2AD2 + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{2}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि एक समांतर चतुर्भुज के विकर्णों के वर्गों का योग उसकी भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
हल:

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 9

दिया है : मान लीजिए ABCD एक समांतर चतुर्भुज है जिसमें विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु M पर प्रतिच्छेद करते हैं।
सिद्ध करना है : AB2 + BC2 + CD2 + DA2 = AB2 + BC2
उपपत्ति : समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे को परस्पर विभाजित करते हैं।
∴ समांतर चतुर्भुज ABCD में, विकर्ण BD और AC एक दूसरे को परस्पर काटते हैं। या MB और MD क्रमश : त्रिभुज ABC और ADC की माध्यिका है।
हम जानते हैं, कि AD, ∆ABC की माध्यिका है,
∴ AB2 + AC2 = 2AD2 + \(\frac{1}{2}\) BC2
इसका प्रयोग करते हुए,
AB2 + BC2 = 2BM2 + \(\frac{1}{2}\) BC2 ……………..(1) और
AD2 + CD2 = 2DM2 + \(\frac{1}{2}\) AC2 ……………..(2)
(1) और (2), को जोड़ने पर, हमें प्राप्त होता है,
AB2 + BC2 + AD2 + CD2 = 2 (BM2 + DM2) + \(\frac{1}{2}\) (AC2 + AC2)
AB2 + BC2 + AD2 + CD2 = 2(\(\frac{1}{4}\) BD2 + \(\frac{1}{4}\) BD2) + AC2
AB2 + BC2 + AD2 + CD2 = BD2 + AC2
अंतः एक समांतर चतुर्भुज के विकर्णों के वर्गों का योग उसकी भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।

प्रश्न 7.
आकृति में, एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि
(i) ∆APC ~ ∆DPB
(ii) AP.PB = CP.DP.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 10

हल :
दिया है : एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करती हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 11

सिद्ध करना है : (i) ∆APC ~ ∆DPB
(ii) AP.PB = CP.DP.
उपपत्ति : (i) ∆APC और ∆DPB में,
∠1 = ∠2 (शीर्षाभिमुख कोण)
∠3 = ∠4 (एक ही वृत्तखंड के कोण)
∴ ∆APC ~ ∆DPB [AA समरूपता कटौती]

(ii) ∆APC ~ ∆DPB (ऊपर प्रमाणित)
\(\frac{\mathrm{AP}}{\mathrm{DP}}=\frac{\mathrm{PC}}{\mathrm{PB}}\)
(यदि दो त्रिभुजें समरूप हों, तो उनकी संगत कोण समानुपाती होते हैं।)
AP.PB = PC.DP

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 8.
आकृति में, एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD बढ़ाने पर परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि
(i) ∆PAC ~ ∆PDB
(ii) PA.PB = PC.PD.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 12

हल :
दिया है : एक वृत्त की दो जीवाएं AB और CD बढ़ाने पर परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करती हैं।
सिद्ध करना है :
(i)∆PAC ~ ∆PDB
(ii) PA.PB = PC.PD.
उपपत्ति :
(i) ∆PAC और APDB से,
∠P = ∠P (उभयनिष्ठ)
∠PAC = ∠PDB
(चक्रीय चतुर्भुज का बाह्य कोण अतः सम्मुख कोण के बराबर होता है।)
∴ ∆PAC ~ ∆PDB [AA समरूपता कसोटी से]

(ii) ∆PAB ~ ∆PDB
∴ \(\frac{\mathrm{PA}}{\mathrm{PD}}=\frac{\mathrm{PC}}{\mathrm{PB}}\)
[यदि तो त्रिभुजें समरूप हों, तो उनकी संगत भुजाएँ समानुपाती होती हैं।]
PA × PB = PC × PD.

प्रश्न 9.
आकृति में, त्रिभुज ABC की भुजा BC पर एक a BD _ AB | बिंदु D इस प्रकार स्थित है कि \(\frac{\mathbf{B D}}{\mathrm{DC}}=\frac{\mathbf{A B}}{\mathbf{A C}}\) सिद्ध कीजिए कि : AD कोण ∠BAC का समद्विभाजक है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 13

हल :
दिया है : ∆ABC, में भुजा BC पर एक बिंदु D इस प्रकार स्थित है कि \(\frac{\mathbf{B D}}{\mathrm{DC}}=\frac{\mathbf{A B}}{\mathbf{A C}}\)
सिद्ध करना है : AD कोण ∠BAC का समद्विभाजक है।
अर्थात्, ∠1 = ∠2
रचना : C में से CE || DA खींचिए जो BA को | बढ़ाने पर E पर मिले।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 14

उपपत्ति : ∆BCE में, AD || CE …………(रचना)
आधारभूत समानुपातिकता प्रमेय से,
परंत \(\frac{\mathrm{BD}}{\mathrm{DC}}=\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AE}}\)

⇒ \(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AE}}=\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AC}}\)

\(\frac{\mathrm{BD}}{\mathrm{DC}}=\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AC}}\)

AB = AC

∆ACE में, AE = AC
⇒ ∠3 = ∠4 …………….. (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण)
चूँकि CE || DA और AC उन्हें प्रतिच्छेद करती है, तब
∠2 = ∠4 ..(एकांतर कोण)
साथ ही, CE || DA और BAE उन्हें प्रतिच्छेद करती है,
∠1 = ∠3 ………..(संगत कोण)
इस प्रकार, हमें प्राप्त करता है :
∠3 = ∠4
⇒ ∠4 = ∠1
∠3 = ∠1
परंतु ∠4 = ∠2
⇒ ∠1 = ∠2.
AD, ∠BAC को समद्विभाजित करता है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6

प्रश्न 10.
नाज़िमा एक नदी की धारा में मछलियाँ पकड़ रही है। उसकी मछली पकड़ने वाली छड़ का सिरा पानी की सतह से 1.8 m ऊपर है तथा डोरी के निचले सिरे से लगा कांटा पानी के सतह पर इस प्रकार स्थित है कि उसकी नाजिमा से दूरी 3.6 m है और छड़ के सिरे के ठीक नीचे पानी के सतह पर स्थित बिंदु से उसकी दूरी 2.4m है।

यह मानते हुए कि उसकी डोरी (उसकी छड़ के सिरे से काँटे तक ) तनी हुई है, उसने कितनी डोरी बाहर निकाली हुई है ( देखिए आकृति) ? यदि वह डोरी को 5 cm/s की दर से अंदर खींचे, तो 12 सेकंड के बाद नाजिमा की काँटे से क्षैतिज दूरी कितनी होगी ?

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हल :
समकोण त्रिभुज ABC में,
AB = 1.8 cm,
BC = 2.4 cm,
∠B = 90°
पाइथागोरस प्रमेय से,
AC2 = AB2 + BC2
AC2 = (1.8)2 + (2.4)2
AC2 = 3.24 + 5.76 = 9
AC2 = (3)2
AC = 3 cm
अब नाज़िमा डोरी को 5 cm/s की दर से अंदर खींचे, तो डोरी की लंबाई कम होती है।
= 5 × 12 = 60 cm
= 0.6 m;
12 सेकण्ड में. मान लो, 12 सेकण्ड के बाद काँटरे की स्थिति D है।
AD = AC – (12 सेकण्ड में तय दूरी)
= (3 – 0.6) m = 2.4 m
अब, समकोण त्रिभुज ∆ABD में, पाइथागोरस प्रमेय से,
AD2 = AB2 + BD2
(2.4)2 = (1.8)2 + BD2
BD2 = 5.76 – 3.24
BD2 = 2.52 m
BD = 1.587 m.
∴ नाज़िमा द्वारा तय की गई क्षैतिज दूरी = BD + 1.2 m
= (1.587 + 1.2) m
= 2.787 m
= 2.79 m
अब, डोरी की लंबाई और नाज़िमा द्वारा तय की गई दूरी 3m और 2.79 m

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पौधों में कायिक जनन का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर-
पौधों में कायिक जनन मुख्य रूप से दो प्रकार से होता है
(i) प्राकृतिक और
(ii) कृत्रिम कायिक जनन।

(i) प्राकृतिक कायिक जनन-प्राकृतिक कायिक जनन निम्नवत् होता है –
(क) जड़ों द्वारा-कुछ पौधों की जड़ों, जैसे शकरकंद में कलिकाएं (आँक) मौजूद होती हैं। शकरकंद को भूमि में गाड़ देने से कलिकाओं के कोंपल फूटते हैं, जिससे नया पौधा बनता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 1
(ख) तने द्वारा- कुछ तनों से भी आँक या कलिकाएं मौजूद होती हैं जैसे आलू, अदरक आदि। इनको भूमि में बो देने से कलिकाओं से कोंपल निकल आती है।
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(ग) पत्तियों द्वारा-ब्रायोफिलम, बिगोनिया आदि की पत्तियों से पर्ण-कलिकाएं निकल आती हैं, जो पत्तियों से विलग होकर भूमि पर गिर कर नये पौधे को जन्म देती हैं।

(ii) कृत्रिम कायिक जनन-यह मुख्यत: निम्नलिखित प्रकार का होता है-
(क) लेयरिंग-कुछ पौधों की टहनियों को झुकाकर भूमि के भीतर मिट्टी में दबा देते हैं। कुछ दिन बाद मिट्टी में दबी टहनी में से कोंपल फूट आते हैं। उदाहरण-चमेली, अंगूर आदि।

(ख) कलम-गुलाब, गुड़हल, चमेली आदि की ऐसी शाखा काट लेते हैं जिनमें दो पर्व हों। इनको भूमि में गाड़ देने से पर्वो से अपस्थानिक जड़ें निकल आती हैं और कक्षकलिकाओं से कोंपल फूटने लगते हैं।

(ग) रोपण-इसमें एक वृक्ष की शाखा को काट कर उसमें ‘T’ के आकार का खांच बना लेते हैं, इसको स्टाक कहते हैं। अब उसी जाति को दूसरे वृक्ष की शाखा को काट कर स्टॉक के खांच के अनुरूप खांच बना लेते हैं, इसको सिऑन कहते हैं। सिऑन को स्टॉक में फिट कर देते हैं। खांच के चारों ओर मिट्टी लगा कर बाँध देते हैं। कुछ दिन बाद दोनों जुड़कर पौधा बन जाता है। उदाहरण-गन्ना, आम, अमरूद, लीची आदि।

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(घ) कलिका-इसमें एक वृक्ष की टहनी की छाल में ‘T’ की तरह खांच बना लेते हैं। किसी दूसरे चुने हुए पौधे की कलिका को लेकर स्टॉक के खांचे में घुसा देते हैं। इसको अच्छी तरह से बांधकर इसके ऊपर मिट्टी लपेट देते हैं। कुछ दिन बाद उस स्थान में कोंपल निकल आते हैं।
उदाहरण-नींबू, नारंगी आदि।

प्रश्न 2.
अंकित चित्र की सहायता से पुष्प के भागों का वर्णन करो।
उत्तर-
पुष्प-पुष्पी पौधों में पुष्प लैंगिक जनन में सहायता करता है। पुष्पों की सहायता से बीज बनते हैं। पुष्प में एक आधारी भाग होता है जिस पर पुष्प के सभी भाग लगे होते हैं। इसे पुष्पासन कहते हैं। पुष्प के मुख्य चार भाग होते हैं –
(i) बाह्य दलपुंज या हरी पत्तियाँ- यह पुष्प का सबसे बाहरी भाग होता है। यह हरी पत्तियों के रूप में परागकोष होता है जिन्हें बाह्य दल कहते हैं। यह पुष्प की रक्षा करता है।

(ii) दलपुंज या रंगीन पत्तियाँ- बाह्य दलपुंज के भीतरी भाग को दलपुंज कहते हैं। प्रत्येक अंग पंखुड़ी या दल कहलाता है। इसका रंग विभिन्न पुष्पों में अलग-अलग होता है। इनका कार्य कीटों को आकर्षित करके परागण में सहायता करना है।
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(iii) पुंकेसर-यह पुष्प का बाहर से तीसरा भाग है। इसके प्रत्येक अंग को पुंकेसर कहते हैं। पुंकेसर के मुख्य दो भाग होते हैं-पराग सूत्र एवं पुतंतु। पराग सूत्र भोजी द्वारा पराग कोष से जुड़ा होता है। पराग कोष के अंदर परागकण होते हैं। ये निषेचन के बाद बीज बनाते हैं।

(iv) स्त्रीकेसर-यह पुष्प का मादा भाग होता है। इसके प्रत्येक अंग को स्त्रीकेसर या गर्भ केसर कहते हैं। इसके तीन भाग होते हैं-

  1. वर्तिकाग्र
  2. वर्तिका
  3. अंडाशय।

अंडाशय के अंदर बीजाणु होते हैं।

प्रश्न 3.
परागण से आरंभ करके पौधों में बीज बनने तक सभी अवस्थाएं बताइए।
उत्तर-
परागकोश से परागकणों का वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण परागण कहलाता है। फूल के पुंकेसर में परागकोश होते हैं, जो परागकण उत्पन्न करते हैं। स्त्रीकेसर के तीन भाग होते हैं-अंडाशय, वर्तिका और वर्तिकाग्र। परागण के बाद परागकण से एक नली निकलती है जिसे परागनली कहते हैं। पराग नली में दो नर युग्मक होते हैं। इनमें से एक नर युग्मक पराग नली में से होता हुआ बीजांड तक पहुँच जाता है। यह बीजांड के साथ संलयन करता है जिससे युग्मनज बनता है। दूसरा नर युग्मक दो ध्रुवीय केन्द्रकों से मिलकर प्राथमिक एंडोस्पर्म (भ्रूणकोष) केंद्रक बनाता है जिस से अंत में एंडोस्पर्म बनता है। इस प्रकार उच्चवर्गीय (एंजियोस्पर्मी) पौधे दोहरी निषेचन क्रिया प्रदर्शित करते हैं।
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निषेचन के बाद फूल की पंखुड़ियां, पुंकेसर, वर्तिका तथा वर्तिकाग्र गिर जाते हैं। बाह्य दल सूख जाते हैं और अंडाशय पर लगे रहते हैं। अंडाशय शीघ्रता से वृद्धि करता है और इनमें स्थित कोशिकाएं विभाजित होकर वृद्धि करती हैं और बीज का बनना आरंभ हो जाता है। बीज में एक शिशु पौधा अथवा भ्रूण होता है। भ्रूण में एक छोटी जड़ (मूल जड़), एक छोटा प्ररोह (प्रांकुर) तथा बीजपत्र होते हैं। बीजपत्र में भोजन संचित रहता है। समयानुसार बीज सख्त होकर सूख जाता है। यह बीज प्रतिकूल परिस्थिति में जीवित रह सकता है। अंडाशय की दीवार भी सख्त हो सकती है और एक फली बन जाती है। निषेचन के बाद सारे अंडाशय को फल कहते हैं।

प्रश्न 4.
बाह्य निषेचन तथा आंतरिक निषेचन का क्या अर्थ है ? परनिषेचन तथा स्वनिषेचन में क्या अंतर है? इनमें से कौन-सी ज्यादा लाभदायक है?
उत्तर-
बाह्य निषेचन तथा आंतरिक निषेचन-जब नर और मादा अपने-अपने शुक्राणु तथा अंडे सारे शरीर से बाहर पानी में छोड़ देते हैं और शुक्राणु और अंडे का संयोग शरीर से बाहर होता है तो इस क्रिया को बाह्य निषेचन कहते हैं। जैसे मेंढक और मछलियों में। आंतरिक निषेचन में नर अपने शुक्राणु मादा के शरीर में विसर्जित करता है और शुक्राणु मादा के शरीर में अंडे से संयोग करता है। जैसे पक्षियों और स्तनधारियों में।

परनिषेचन और स्वनिषेचन-
परनिषेचन (Cross-Fertilization)-यह उन जीवों में होता है जहां नर और मादा अलग-अलग होते हैं। उभयलिंगी जंतुओं में यह हो सकता है यदि जनन अंग विभिन्न समय पर परिपक्व हों। इससे जीवों में विविधताएं आती हैं।

स्वनिषेचन (Self-Fertilization)-उभयलिंगी जीवों में जहां नर और मादा जनन अंग एक ही समय पर परिपक्व होते हैं, स्वनिषेचन होता है। इस विधि में पैतृक गुण पीढ़ी दर पीढ़ी कायम रहते हैं। परपरागण से जीवों में विविधताएँ उत्पन्न होती हैं जिससे जीवों में क्षमताएँ बढ़ती हैं। जीवन के नए युग्मक बनने में आनुवंशिक विविधता का विकास होता है।

प्रश्न 5.
अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियां कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन में जीव स्वयं गुणित होते हैं। अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियां निम्नलिखित हैं
(i) विखंडन (Binary Fission)-द्विखंडन में जीव का शरीर लंबवत् अनुप्रस्थ खांच से दो बराबर भागों में विभाजित हो जाता है। प्रत्येक भाग जनक के समान हो जाता है। जनन की यह विधि प्रोटोज़ोआ (अमीबा, पैरामीशियम आदि) में होती है जिन में यही विधि आवश्यक रूप से कोशिका विभाजन की विधि है जिसके परिणामस्वरूप संतति कोशिकाओं का पृथक्करण होता है। बहुकोशिकीय जंतुओं में भी इस विधि को देखा गया है। जैसे-सी-ऐनीमोन में लंबवत् खंडन तथा प्लेनेरिया में अनुप्रस्थ खंडन।
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(ii) मुकुलन (Budding)-मुकुलन एक प्रकार की अलैंगिक जनन क्रिया है जिसमें नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुँज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है। मुकुल अलग होने से पहले जनक का रूप धारण कर लेता है जैसे-बाह्य मुकुलन में या जनक से अलग होने के पश्चात् आंतरिक मुकुलन में। बाह्य मुकुलन स्पंज, सोलेंट्रेटा (जैसे हाइड्रा), चपटे कृमि और ट्यूनीकेट में मिलता है लेकिन कुछ सीलेंट्रेट जैसे ओबेलिया पोलिप की अपेक्षा मैडूयूसी पैदा करते हैं।

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(iii) खंडन (Fragmentation)-स्पाइरोगायरा जैसे कुछ जीव पूर्ण विकसित होने के बाद साधारणतया दो या अधिक खंडों में टूट जाते हैं। ये खण्ड वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाते हैं। खंडन चपटे कृमि, रिबन कृमि
और एनेलिडा संघ के प्राणियों में भी होता है।

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(iv) बहुखंडन (Multiple Fission)-कभी-कभी प्रतिकूल परिस्थितियों में कोशिका के चारों ओर एक संरक्षक परत या भित्ति बन जाती है। ऐसी अवस्था को पुटी (सिस्ट) कहते हैं। पुटी के अंदर कोशिका कई बार विभाजित हो जाती है जिससे बहुत-सी संतति कोशिकाएं बन जाती हैं। ऐसी प्रक्रिया को बहुखंडन कहते हैं। पुटी के फटने के बाद बहुत-सी कोशिकाएं बाहर निकल जाती हैं।
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(v) कायिक प्रवर्धन (Vegetative Reproduction)-जब पौधे के किसी कायिक अंग जैसे पत्ता, तना अथवा जड़ से नया पौधा उगाया जा सकता हो तो इस प्रक्रिया को कायिक प्रवर्धन कहते हैं।

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प्रश्न 6.
मनुष्य में नर जनन तंत्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मनुष्य में नर जनन तंत्र-नर मनुष्य (पुरुष) में जंघनास्थि क्षेत्र में एक मांसल संरचना शिश्न होता है जिसके बीच में मूत्रवाहिनी होती है। शिश्न के नीचे उसकी जड़ में एक मांसल थैली वृषण कोष होता है जिसमें अंडाकार संरचनाएं वृषण होते हैं। वृषण नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करते हैं। वृषण में एक विशिष्ट संरचना शुक्राशय पाया जाता है जिसमें शुक्राणु के पोषण के लिए चिपचिपा पदार्थ स्रावित होता है। चिपचिपे पदार्थ (वीर्य) के साथ शुक्राणु एक संकरी नली द्वारा मूत्र वाहिनी में पहुंचते हैं। जहाँ से शिश्न की सहायता से मादा की योनि में छोड दिए जाते हैं। शिश्न मूत्र एवं शुक्राणु युक्त वीर्य दोनों को बाहर निकालता है।

प्रश्न 7.
मनुष्य के मादा जनन तंत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मनुष्य के मादा जनन तंत्र के निम्नलिखित भाग हैं –
(i) अंडाशय (Ovary) – श्रोणीय गुहिका में दो अंडाशय होते हैं जो बहुत छोटे आकार के होते हैं। अंडाशय में अंडे बनते हैं। अंडाशय की अंदर की सतह पर एपीथीलियम कोशिकाओं की पतली परत होती है जिसे जनन एपीथीलियम कहते हैं। इसकी कोशिकायें विभाजित होकर फोलिकल तथा अंडा बनाती हैं। अंडाशय की गुहा में संयोजी ऊतक होते हैं जिन्हें स्ट्रोमा कहते हैं। प्रत्येक फोलिकल में एक जनन कोशिका होती है जिसके चारों ओर स्ट्रोमा की कोशिकाएं रहती हैं। अर्ध सूत्री विभाजन के फलस्वरूप जनन कोशिकाएं अंडे का निर्माण करती हैं। ओस्ट्रोजिन तथा प्रोजिस्ट्रॉन नामक दो हार्मोन अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं जो मादा में प्रजनन संबंधी विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।

(ii) फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube)-यह रचना में नलिका समान होती है। इसका एक सिरा गर्भाशय से जुड़ा रहता है और दूसरा सिरा अंडाशय के पास खुला रहता है। इसके सिरे पर झालदार रचना होती है जिसे फिंब्री कहते हैं। अंडाशय से जब अंडा निकलता है तो फिंब्री की संकुचन क्रिया के कारण फैलोपियन नलिका में आ जाता है। यहाँ से गर्भाशय की ओर बढ़ता है। अंड निषेचन फैलोपियन नलिका में ही होता है। यदि अंडे का निषेचन नहीं होता यह गर्भाशय से होकर योनि में और ऋतु स्राव के समय योनि से बाहर निकल जाता है।
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(iii) गर्भाशय (Uterus)-यह मूत्राशय तथा मलाशय के बीच स्थित एक मांसल रचना है। फैलोपियन नलिकाएँ इसके दोनों ओर ऊपर के भागों में खुलती हैं। गर्भाशय का निचला सिरा कम चौड़ा होता है और योनि में खुलता है। गर्भाशय के अंदर की दीवार एंड्रोमीट्रियम की बनी होती है। गर्भाशय का मुख्य कार्य निषेचन अंडे को परिवर्धन काल में जब तक कि गर्भ विकसित होकर शिशु के रूप में जन्म न ले ले, आश्रय तथा भोजन प्रदान करना है।

(iv) योनि (Vagina)-यह मांसल नलिका समान रचना है। इसका पिछला भाग गर्भाशय की ग्रीवा में खुलता है। मादा में मूत्र निष्कासन के लिए अलग छिद्र होता है जो योनि में खुलता है।

(v) भग (Vulva)–योनि बाहर की ओर एक सुराख से खुलती है जिसे भग कहते हैं।

प्रश्न 8.
(क) परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है ?
(ख) फूल के नर तथा मादा जनन अंगों का नामांकित चित्र बनाओ।
उत्तर-
(क) परागण क्रिया तथा निषेचन क्रिया में अंतर-देखें “अध्याय के अंतर्गत प्रश्न’ शीर्षक के अधीन प्रश्न 1 पृष्ठ 201
(ख) फूल का नर जनन अंग : पुंकेसर
फूल का मादा जनन अंग : स्त्रीकेसर
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लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
कायिक प्रवर्धन के लाभ बताइए।
उत्तर-

  • सभी नये पौधे मातृ पौधे के समान होते हैं। इस प्रकार एक अच्छे गुणों वाले पौधे से कलम द्वारा उसके समान ही अनेक पौधे तैयार किये जाते हैं।
  • फलों द्वारा उत्पन्न सभी बीज समान नहीं होते परंतु कायिक जनन खरा उत्पन्न पौधों में पूर्ण समानता होती है।
  • कायिक जनन द्वारा नये पौधे थोड़े समय में ही प्राप्त हो जाते हैं।
  • वे पौधे जो बीज द्वारा सरलता से प्राप्त नहीं किए जा सकते, कायिक जनन द्वारा प्राप्त किये जा सकते हैं। केला, अंगूर, संतरे आदि की खेती इस प्रकार की जाती है।

प्रश्न 2.
पुनरुद्भवन (Regeneration) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पुनरुद्भवन-शरीर के कटे हुए किसी भाग में पूर्ण जीव बना लेने या उसे फिर से विकसित कर लेने की क्षमता को पुनर्जनन या पुनरुद्भवन कहते हैं। स्टार फिश कटी हुई भुजा को फिर से प्राप्त कर लेती है। स्पाइरोगायरा, हाइड्रा, प्लैनेरिया आदि इस विधि से जनन करते हैं।
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प्रश्न 3.
ऊतक संवर्धन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऊतक संवर्धन (Tissue Culture)- इस विधि में पौधे के ऊतक का एक टुकड़ा काट लेते हैं। एक बीकर में पोषक तत्वों से युक्त माध्यम लेकर उसमें उचित परिस्थितियों में ऊतक के टुकड़े को रख देते हैं। इस चीकर के अंदर उस ऊतक की वृद्धि एक असंगत पिंड की तरह होती है जिसे कैलस कहा जाता है। कैलस का थोड़ा-सा भाग एक अन्य माध्यम में रखा जाता है जिसमें पदपादक में विभेदन होता है। इस पदपादक को गमले या मिट्टी में रोपित कर देते हैं। इस प्रकार एक नया पौधा बनकर तैयार हो जाता है।

प्रश्न 4.
राइज़ोपस में बीजाणु समासंघ से नए जीव किस प्रकार उत्पन्न होते हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
अनेक सरल बहुकोशिक जीवों में विशिष्ट जनन संरचनाएँ पाई जाती हैं। नमी युक्त ब्रेड पर धागे के समान कुछ संरचनाएं विकसित होती हैं। वह राइजोपस का कवक जाल है। यह जनन के भाग नहीं हैं। इन उर्ध्व तंतुओं पर गोल सूक्ष्म गुच्छ (संरचनाएँ) जनन में भाग लेती हैं। यह गुच्छ बीजाणुधानी हैं जिसमें विशेष कोशिकाएँ अथवा बीजाणु होते हैं। यह बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नए जीव उत्पन्न करते हैं। बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है। नम सतह के संपर्क में आने पर वह वृद्धि करने लगते हैं।
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प्रश्न 5.
मासिक धर्म के बंद होने का क्या कारण है ?
उत्तर–
गर्भाशय में भ्रूण की उपस्थिति में प्लेसैंटा बनता है। प्लेसैन्टा ऐस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोजन हार्मोन पैदा करता है जो मासिक धर्म को बंद कर देते हैं।

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प्रश्न 6.
गर्भधारण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गर्भधारण-निषेचित अंडा बार-बार माइटोटिक विभाजन करता है जिससे कोशिकाओं का एक पुँज-सा बन जाता है जो अंडवाहिनी से गर्भाशय तक जाता है। यहाँ यह गर्भाशय की गर्भ दीवारों में धंस जाता है। इस क्रिया को गर्भाधारण करना कहते हैं।

प्रश्न 7.
मैनोपॉज (Menopause) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मैनोपॉज-मादा में प्राकृतिक मासिक धर्म की क्रिया के बंद होने को मैनोपॉज कहते हैं। मानव मादा में यह 45-50 वर्ष की अवस्था में होता है। इस मैनोपॉज के बंद होने के पश्चात् स्त्री बच्चों को जन्म नहीं दे सकती।

प्रश्न 8.
एक लिंगी तथा उभयलिंगी की परिभाषा एक-एक उदाहरण देते हुए लिखिए।
उत्तर-
एक लिंगी-वे जीव जिनमें नर और मादा स्पष्ट रूप से अलग-अलग हों उन्हें एक लिंगी जीव कहते हैं। उदाहरण- मनुष्य। उभयलिंगी-जिन जीवों में नर और मादा लिंग एक साथ उपस्थित होते हैं उन्हें उभयलिंगी कहते हैं। उदाहरण-केंचुआ।

प्रश्न 9.
पुरुष तथा स्त्री के द्वितीयक लैंगिक लक्षणों का वर्णन कीजिए।
अथवा
किशोर अवस्था में लड़के तथा लड़कियों में आने वाले परिवर्तन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
(क) नर के शरीर में दिखाई देने वाले परिवर्तन

  • आवाज़ में भारीपन आ जाता है।
  • दाढ़ी और मूंछे उग जाती हैं।
  • जननांगों पर बाल उग आते हैं।
  • शिश्न का आकार बढ़ जाता है और दिन या रात के सपनों में उसका स्तंभन बढ़ जाता है।
  • कंधे चौड़े हो जाते हैं। माँस पेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  • विपरीत लिंग की ओर आकर्षण बढ़ जाता है।

(ख) मादा के शरीर में दिखाई देने वाले परिवर्तन

  • जननांगों पर बाल उग आते हैं।
  • वक्षों का विकास हो जाता है। मांसलता आ जाती है।
  • रजोधर्म चक्र आरंभ हो जाता है।
  • कूल्हों के आस-पास वसा इकट्ठी हो जाती है।
  • विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है।
  • जनन अंगों का विकास हो जाता है।

प्रश्न 10.
अंडे और शुक्राणु में क्या अंतर है ?
उत्तर-

अंडा शुक्राणु
(1) यह नर जनन कोशिका है। (1) यह मादा जनन कोशिका है।
(2) यह अंडे की अपेक्षा आकार में छोटा होता है। (2) यह शुक्राणु की अपेक्षा आकार में बड़ा होता है।
(3) इसकी पूंछ नहीं होती। (3) इसकी पूंछ होती है।
(4) यह तैर नहीं सकते।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 13
(4) ये पूंछ की सहायता से तैर सकते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 14

प्रश्न 11.
लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर बताओ।
उत्तर-
लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर

लैंगिक जनन अलैंगिक जनन
(1). इस क्रिया में नर और मादा दोनों की आवश्यकता नहीं होती। (1) इस क्रिया में नर और मादा दोनों की आवश्यकता पड़ती है।
(2) इस प्रकार का जनन उच्च श्रेणी के जीवों में होता है। (2) यह निम्न श्रेणी के जीवों में होता है।
(3) लैंगिक जनन निषेचन क्रिया के बाद जीव बनना आरंभ करता है। (3) अलैंगिक जीव में निषेचन क्रिया नहीं होती।
(4) इस जनन द्वारा उत्पन्न संतान में नए गुण विकसित सकते। (4) इस जनन द्वारा उत्पन्न संतान में नए गुण नहीं आ हो सकते हैं।
(5) इस क्रिया में बीजाणु उत्पन्न नहीं होते। (5) इस क्रिया में एककोशिकीय बीजाणु (जैसे फफूंदी में) उत्पन्न हो सकते हैं।

प्रश्न 12.
नर मानव में वृषण शरीर के बाहर क्यों स्थित होते हैं ?
उत्तर-
नर मानव में वृषण की स्थिति वृषण कोश में होती है जो उदर गुहिका के बाहर नीचे की ओर स्थित होता है। शुक्राणुओं के जनन के लिए निम्न ताप प्राप्ति के लिए ऐसा संभव होता है ताकि शुक्राणु देर तक सक्रिय रह सकें।

प्रश्न 13.
एड्स (AIDS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
एड्स (AIDS)-एड्स (एक्वायर्ड इम्युनो-डेफिशिएंसी सिंड्रोम) नामक रोग एक ऐसे विषाणु (Virus) के कारण होता है जो शरीर के प्रतिरक्षण संस्थान को निष्क्रिय करता है जिसके कारण शरीर को कोई भी रोग सरलता से लग सकता है। इस के वायरस का नाम HIV है। एड्स के रोगी उनके कमज़ोर शरीर पर हुए अन्य आक्रमण के कारण मरते हैं। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध स्थापित करने से फैलता है परंतु कभी-कभी इसके विषाणु सीधे ही रक्त में पहुँच जाते हैं।

ऐसा तब होता है जब रक्त आधान (खून चढ़ाना) द्वारा किया गया रक्त संक्रमित हो या टीका लगाने के लिए संक्रमित सुई का उपयोग किया गया हो यह आनुवंशिक भी होता है। इस रोग से संक्रमित माताओं के बच्चों से भी यह रोग माता के रक्त द्वारा पहुँच जाता है इसके उपचार का कोई भी टीका या औषधि अब तक उपलब्ध नहीं है। इस रोग का अधिक प्रकोप अफ्रीका तथा पश्चिमी देशों में है। अज्ञानता, ग़रीबी और अशिक्षा के कारण हमारा देश इस रोग के चंगुल में बहुत तेजी से आ रहा है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं

प्रश्न 14.
मानव मादा जनन तंत्र का अंकित अंकित चित्र बनाओ।
उत्तर-
मानव मादा जनन तंत्र का अंकित चित्र-
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 15

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
DNA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
डिऑक्सी राइबो न्यूक्लीक एसिड।

प्रश्न 2.
किन जीवों में एक साथ अनेक संतति कोशिकाओं में विभाजन होता है।
उत्तर-
मलेरिया परजीवी, प्लैज्मोडियम जैसे एक कोशिका जीव।

प्रश्न 3.
कैलस किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ऊतक संवर्धन में जब कोशिकाएं विभाजित हो कर अनेक कोशिकाओं का छोटा समूह बनाती हैं तो उसे कैलस कहते हैं।

प्रश्न 4.
पुष्प के जनन भाग कौन-से हैं ?
उत्तर-
पुंकेसर और स्त्रीकेसर।

प्रश्न 5.
एकलिंगी पुष्प के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
पपीता, तरबूज।

प्रश्न 6.
उभयलिंगी पुष्प के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
गुड़हल, सरसों।।

प्रश्न 7.
कलम एवं दाब लगाकर नये पौधे उत्पन्न करने के कौन-से दो मुख्य लाभ हैं ?
उत्तर-

  1. सभी नए पौधे मूल या मातृ पौधे के समान होते हैं।
  2. नए पौधे थोड़े ही समय में तैयार हो जाते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं

प्रश्न 8.
परागण की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
परागण-पौधों में निषेचन क्रिया के पूर्व पराग कणों के स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचने की क्रिया को परागण कहते हैं।

प्रश्न 9.
निषेचन क्रिया के पश्चात् युग्मनज में क्या बनता है ?
उत्तर-
भ्रूण।

प्रश्न 10.
नर तथा मादा युग्मकों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
शुक्राणु तथा अंडाणु।

प्रश्न 11.
फीटस किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गर्भ धारण के दो या तीन महीने बाद विकसित हो रहे बच्चे को फीटस कहते हैं।

प्रश्न 12.
वीर्य क्या है ?
उत्तर-
वीर्य में शुक्राणु और कुछ ग्रंथियों का स्राव होता है।

प्रश्न 13.
प्लेसेंटा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गर्भवती माँ के गर्भाशय की दीवार तथा भ्रूण की झिल्ली के संयोजन की एक नाल की रचना होती है जिसे आँवल या गर्भनाल या प्लेसैंटा कहते हैं। प्लेसेंटा में पर्याप्त रुधिर कोशिकाएं होती हैं जिनके द्वारा माता का रुधिर भ्रूण या गर्भ के शरीर में आता जाता रहता है।

प्रश्न 14.
पुनर्जनन से उत्पन्न प्राणी का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
स्टारफिश।

प्रश्न 15.
यौवन की आयु क्या होती है ?
उत्तर-
लड़कों में 13-14 वर्ष, लड़कियों में 10-12 वर्ष।

प्रश्न 16.
मनुष्य की मादा में गर्भकाल कितना होता है ?
उत्तर-
लगभग नौ मास।

प्रश्न 17.
IUCD क्या है ?
उत्तर-
IUCD (इंटरायूटीरिन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) नारी गर्भाशय में लगाई जाने वाली एक युक्ति है जो गर्भ निरोधक का कार्य करती है।

प्रश्न 18.
STD क्या है ?
उत्तर-
STD (Sexually Transmitted Disease) यौन संक्रमित रोग।

प्रश्न 19.
दो यौन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. गोनेरिया,
  2. सिफलिस।

प्रश्न 20.
नीचे दिए गए चित्र किस जीव के हैं तथा किस क्रिया को दर्शाते हैं ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 16
उत्तर-
जीव का नाम : अमीबा। क्रिया पोषण क्रिया।

प्रश्न 21.
नीचे दिए चित्र में अमीबा की कौन-सी जीवन क्रिया दर्शायी गई है ?
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं 17
उत्तर-
जनन क्रिया की द्विखण्डन विधि।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडियम
(d) लेप्मानिया।
उत्तर-
(b) यीस्ट।

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है ?
(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी।
उत्तर-
(c) शुक्रवाहिका।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं

प्रश्न 3.
यीस्ट में अलैंगिक जनन प्रायः होता है
(a) मुकुलन द्वारा
(b) विखंडन द्वारा
(c) बीजाणु
(d) रोपण द्वारा।
उत्तर-
(a) मुकुलन द्वारा।

प्रश्न 4.
विखंडन द्वारा अलैंगिक जनन होता है –
(a) अमीबा में
(b) यीस्ट में
(c) स्पाइरोगाइरा में
(d) फर्न।
उत्तर-
(c) स्पाइरोगाइरा में।

प्रश्न 5.
हाइड्रा में अनुकूल परिस्थितियों में अलैंगिक जनन होता है –
(a) विखंडन द्वारा
(b) मुकुलन द्वारा
(c) बीजाणुओं द्वारा
(d) विखंडन द्वारा।
उत्तर-
(b) मुकुलन द्वारा।

प्रश्न 6.
कायिक प्रवर्धन होता है-
(a) दूब घास में
(b) आलू में
(c) ब्राइओफिलम में
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 7.
स्त्री में आर्तव चक्र पूर्ण होता है –
(a) 14 दिन में
(b) 21 दिन में
(c) 28 दिन में
(d) 30 दिन में।
उत्तर-
(b) 21 दिन में।

प्रश्न 8.
कौन-सा हॉर्मोन लड़कियों में यौवनावस्था के लक्षणों को नियंत्रित करता है ?
(a) एस्ट्रोजन
(b) टेस्टोस्टेरॉन
(c) थायरॉक्सिन
(d) इंसुलिन।
उत्तर-
(a) एस्ट्रोजन।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) नर तथा मादा जनन कोशिकाओं के मेल से बनी संरचना को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
युग्मनज

(ii) प्रजनन अंगों में होने वाली कोशिका विभाजन से ………………………. कोशिकाएँ बनती हैं।
उत्तर-
जनन

(iii) मनुष्य का जीवन ………………………….. कोशिका से शुरू होता है।
उत्तर-
एक

(iv) जब वृद्धि एक निश्चित अनुपात में होती है तो इसे …………………….. कहते हैं।
उत्तर-
परिवर्धन

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते हैं

(v) अमीबा में अलैंगिक जनन …………………. विधि द्वारा होता है।
उत्तर-
द्विखंडन।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 1.
कुछ त्रिभुजों की भुजाएँ नीचे दी गई हैं। निर्धारित कीजिए कि इनमें से कौन-कौन से त्रिभुज समकोण त्रिभुज हैं। इस स्थिति में कर्ण की लंबाई भी लिखिए।
(i) 7 cm, 24 cm, 25 cm
(ii) 3 cm, 8 cm, 6 cm
(iii) 50 cm, 80 cm, 100 cm
(iv) 13 cm, 12 cm, 5 cm.
हल :
(i) मान लीजिए ∆ABC में,
AB = 7 cm, BC = 24 cm, AC = 25 cm
AB2 + BC2 = (7)2 + (24)2
= 49 + 576 = 625
AC2 = (25)2 = 625
अब AB2 + BC2 = AC2
∴ ∆ ABC एक समकोण त्रिभुज है।

(ii) मान लीजिए APQR में,
PQ = 3 cm, QR = 8 cm, PR = 6 cm
PQ2 + PR2 = (3)2 + (6)2
= 9 + 36 = 45
QR2 = (8)2 = 64.
यहाँ PQ2 + PR2 ≠ QR2
∴ ∆ PQR समकोण त्रिभुज नहीं है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

(iii) मान लीजिए ∆MNP में, MN = 50 cm, NP = 80 cm, MP = 100 cm
MN2 + NP2 = (50)2 + (80)2
= 2500 + 6400 = 8900
MP2 = (100)2 = 10000
यहां MP2 + MN2 + NP2.
∴ ∆MNP समकोण त्रिभुज नहीं है।

(iv) मान लीजिए ∆ABC में,
AB = 13 cm, BC = 12 cm,
AC = 5 cm BC2 + AC2
= (12)2 + (5)2
= 144 + 25 = 169
AB2 = (13)2 = 169
∴ AB2 = BC2 + AC2
∆ABC समकोण त्रिभुज है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 2.
POR का समकोण त्रिभज है जिसका कोण P समकोण है तथा QR पर बिंदु M इस प्रकार स्थित है कि PM ⊥ QR है। दर्शाइए कि PM2 = QM.MR है।
हल:
दिया है : समकोण ∆PQR में कोण P समकोण है।Q पर बिंदु M इस प्रकार स्थित है कि PM ⊥ QR है।
सिद्ध करना है : PM2 = QM × MR

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 1
(दिया है)

उपपत्ति:
∠P = 90°
∠1 + ∠2 = 90° ………………(1)
∠M = 90°
∆PMQ में,
∠1 + ∠3 + ∠n = 180°
∠1 + ∠3 = 90° ……………..(2)
[∠M = 90°]
(1) और (2) से,
∠1 + ∠2 = ∠1 + ∠3
∠2 = ∠3
∆QPM और ∆RPM में,
∠3 = ∠2 (प्रमाणित)
∠5 = ∠6 (प्रत्येक 90°)
∴ ∆QMP ~ ∆PMR [AA समरूपता]

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 2

[यदि दो त्रिभुजें समरूप हैं, तो उनके क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के बराबर होता है।]

\(\frac{\frac{1}{2} \mathrm{QM} \times \mathrm{PM}}{\frac{1}{2} \mathrm{RM} \times \mathrm{PM}}=\frac{\mathrm{PM}^{2}}{\mathrm{MR}^{2}}\)

[∵ A का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) × आधार × शीर्षलम्ब]

\(\frac{\mathrm{QM}}{\mathrm{RM}}=\frac{\mathrm{PM}^{2}}{\mathrm{RM}^{2}}\)

PM2 = QM × RM

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 3.
आकृति में, ABD एक समकोण त्रिभुज है जिसका कोणA समकोण है तथा AC ⊥ BD है।दर्शाइए कि
(i) AB2 = BC.BD
(ii) AC2 = BC.DC
(iii) AD = BC.CD.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 3

हल :
∆DAB और ∆DCA में,
∠D = ∠D (उभयनिष्ठ)
∠A = ∠C (प्रत्येक 90°)
∴ ∆DAB ~ ∆DCA [AA समरूपता]
∆DAB और ∆ACB में, ……………….(1)
∠B = ∠B (उभयनिष्ठ)
∠A = ∠C (प्रत्येक 90°)
∴ ∆DAB ~ ∆ACB ……………..(2)
(1) और (2) से,
∆DAB ~ ∆ACB ~ ∆DCA.
(i) ∆ACB~ ∆DAB (प्रमाणित)

∴ \(\frac{(\Delta \mathrm{ACB})}{(\Delta \mathrm{DAB})}=\frac{\mathrm{AB}^{2}}{\mathrm{DB}^{2}}\)

[यदि दो त्रिभुजें समरूप हैं, तो उनके क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के बराबर होता है।]

\(\frac{\frac{1}{2} \mathrm{BC} \times \mathrm{AC}}{\frac{1}{2} \mathrm{DB} \times \mathrm{AC}}=\frac{\mathrm{AB}^{2}}{\mathrm{DB}^{2}}\)

[∵ त्रिभुज का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) आधार × शीर्षलम्ब]

BC = \(\frac{\mathrm{AB}^{2}}{\mathrm{BD}}\)
AB2 = BC × BD.

(ii) ∆ACB ~ ∆DCA (प्रमाणित)

\(\frac{(\Delta \mathrm{ACB})}{(\Delta \mathrm{DCA})}=\frac{\mathrm{AC}^{2}}{\mathrm{DC}}\)

[यदि दो त्रिभुजें समरूप हों, तो उनके क्षेत्रफलों का अनुपात संगत भुजाओं के अनुपात के वर्ग के बराबर होता है।]

\(\frac{\frac{1}{2} \mathrm{BC} \times \mathrm{AC}}{\frac{1}{2} \mathrm{DC} \times \mathrm{AC}}=\frac{\mathrm{AC}^{2}}{\mathrm{DC}^{2}}\)

[∵ त्रिभुज का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) आधार × शीर्षलम्ब]

BC = \(\frac{\mathrm{AC}^{2}}{\mathrm{DC}}\)

AC2 = BC × DC

(iii) ∆DAB ~ ∆DCA (प्रमाणित)

\(\frac{(\triangle \mathrm{DAB})}{(\Delta \mathrm{DCA})}=\frac{\mathrm{DA}^{2}}{\mathrm{DB}^{2}}\)

[यदि दो त्रिभुजें समरूप हों, तो उनके क्षेत्रफलों का अनुपात संगत भुजाओं के अनुपात के वर्ग के बराबर होता है।

\(\frac{\frac{1}{2} \mathrm{CD} \times \mathrm{AC}}{\frac{1}{2} \mathrm{BD} \times \mathrm{AC}}=\frac{\mathrm{AD}^{2}}{\mathrm{BD}^{2}}\)

CD = \(\frac{\mathrm{AD}^{2}}{\mathrm{BD}}\)

→ AD2 = BD × CD.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 4.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसका कोण C समकोण है। सिद्ध कीजिए कि AB2 = 2AC है।
हल :
दिया है : ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसका कोण C समकोण है।
सिद्ध करना है : AB2 = 2AC2.
उपपत्ति : ∆ACB में, ∠C = 90°
AC = BC (दिया है)
AB2 = AC2 + BC2
[पाइथागोरस प्रमेय से]
= AC2 + AC2 [BC = AC]
AB2 = 2 AC2

प्रश्न 5.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AC = BC है। यदि AB2 = 2AC2 है, तो सिद्ध कीजिए कि ABC एक समकोण त्रिभुज है।
हल :
दिया है. : ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसका कोण AC = BC है।
AB2 = 2AC2.
सिद्ध करना है : ∆ABC एक समकोण त्रिभुज है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 4

उपपत्ति: AB2 = 2AC2
(दिया है) AB2 = AC2 + A2
AB2 = AC2 + BC2 [AC = BC]
∴ पाइथागोरस प्रमेय के विलोम से, ∆ABC समकोण त्रिभुज है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 6.
एक समबाहु त्रिभुज ABC की भुजा 2a है। उसके प्रत्येक शीर्षलंब की लंबाई ज्ञात कीजिए।
हल :
∆ABC समबाहु त्रिभुज है जिसकी भुजा 2a है।
AD ⊥ BC
AB = AC = BC = 2a
∆ADB = ∆ADC [RHS सर्वांगसमता से]
∴ BD = DC = a

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 5

समकोण ∆ADB में,
AB2 = AD2 + BD2
(2a)2 = AD2 + (a)2
4a2 – a2 = AD2.
AD2 = 3a2
∴ AD = √3a.

प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि एक समचतुर्भुज की भुजाओं के वर्गों का योग उसके विकर्णों के वर्गों के योग के बराबर होता है।
हल :
दिया है : समचतुर्भज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर 0 पर प्रतिच्छेद करते हैं।
सिद्ध करना है : AB2 + BC2 + CD2 + AD2 = AC2 + BD2
उपपत्ति: समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित होते हैं। ………………(1)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 6

∴ AO = CO, BO = DO
∴ O पर कोण समकोण हैं
∆AOB में, ∠AOB = 90°
∴ AB2 = AO2 + BO2
[पाइथागोरस प्रमेय से]
इसी प्रकार, BC2 = CO2 + BO2 ……………(2)
CD2 = CO2 + DO2 ………….(3)
और DA2 = DO2 + AO2 ……………(4)
(1), (2), (3) और (4) को जोड़ने पर हमें प्राप्त होता है।
AB2 + BC2 + CD2 + DA2 = 2AO2 + 2CO2 + 2BO2 + 2DO2
= 4AO2 + 4BO2
[∵ AO = CO और BO = DO]
= (2AO)2 + (2BO)2
= AC2 + BD2.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 8.
आकृति में, ∆ABC के अभ्यंतर में स्थित कोई बिंदु O है तथा OD ⊥ BC, OE ⊥ AC और OF ⊥ AB है। दर्शाइए कि
(i) OA2 + OB2 + OC2 – OD2 – OE2 – OF2 = AF2 + BD2 + CE2
(ii) AF2 + BD2 + CE2 = AE2 + CD2 + BF2.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 7

हल :
दिया है : एक ∆ABC जिसमें OD ⊥ BC, OE ⊥ AC और OF ⊥ AB है।
सिद्ध करना है: (i) AF2 + BD2 + CE2 = OA2 + OB2 + OC2 – OD2 – OE2 – OF2
(ii) AF2 + BD2 + CE2 = AE2 + CD2 + BF2
उपपत्ति : (i) समकोण AAFO में,
OA2 = OF2 + AF2 [पाइथागोरस प्रमेय से।]
या AF2 = OA2 – OF2 …………….(1)
समकोण ∆BDO में,
OB2 = BD2 + OD2 [पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ BD2 = OB2 – OD2 ……………….(2)
समकोण ∆CEO में,
OC2 = CE2 + OE2
[पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ CE2 = OC2 – OE2 ……………(3)
∴ AF2 + CD2 + CE2 = OA2 – OF2 + OB2 – OD2 + OC2 – OE2
[(1), (2), और (3) को जोड़ने पर]
= OA2 + OB2 + OC2 – OD2 – OE2 – OF2
जोकि (1) को सिद्ध करता है।
पुन : AF2 + BD2 + CE2
= (OA2 – OE2) + (OC2 – OD2) + (OB2 – OF2)
= AE2 + CD2 + BF2
[∵ AE2 = AO2 – OE2
CD2 = OC2 – OD2
BF2 = OB2 – OF2]

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 9.
10 m लंबी एक सीढ़ी एक दीवार पर टिकाने पर भूमि से 8 m की ऊँचाई पर स्थित एक खिड़की तक पहुँचती है। दीवार के आधार से सीढ़ी के निचले सिरे की दूरी ज्ञात कीजिए।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 8

हल :
खिड़की की धरती से ऊँचाई (AB) = 8 m
10m
8m
सीढ़ी की लंबाई (AC) = 10 m
सीढ़ी के निचले सिरे और दीवार के आधार के बीच की दूरी (BC) = ?
∆ ABC में,
AB2 + BC2 = AC2 [पाइथागोरस प्रमेय से।
(8)2 + (BC)2 = (10)2
64 + BC2 = 100
BC2 = 100 – 64
BC = √36
BC = 6 cm.
∴ सीढ़ी के निचले सिरे और दीवार के आधार के बीच की दूरी = 6 cm.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 10.
18 m ऊँचे एक ऊर्ध्वाधर खंभे के ऊपरी सिरे से एक तार का एक सिरा जुड़ा हुआ है तथा तार का दूसरा सिरा एक खूटे से जुड़ा हुआ है। खंभे के आधार से खूटे को कितनी दूरी पर गाड़ा जाए कि तार तना रहे जबकि तार की लंबाई 24 m है।
हल :
मान लीजिए खंभे की ऊँचाई AB = 18 m
तार की लंबाई, AC = 24 m

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 9

C, खूटे की स्थिति है। इसकी खंभे के आधार से दूरी BC = है।
समकोण ABC,
AB2 + BC2 = AC2 [पाइथागोरस प्रमेय से।]
(18)2 + (BC)2 = (24)2
324 + (BC)2 = 576
BC2 = 576 – 324
BC = √252
BC = 6√7 m

प्रश्न 11.
एक हवाई जहाज़ एक हवाई अड्डे से उत्तर की ओर 1000 km/hr की चाल से उड़ता है। इसी समय एक अन्य हवाई जहाज़ उसी हवाई अड्डे से पश्चिम की
ओर 1200 km/hr की चाल से उड़ता है। 1\(\frac{1}{2}\) बाद दोनों हवाई जहाजों के बीच की दूरी कितनी होगी ?
हल :
पहले हवाई जहाज़ की चाल = 1000 km/hr.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 10

पहले हवाई जहाज़ द्वारा उत्तर की ओर 1 \(\frac{1}{2}\) घंटे में तय की गई दूरी = 1000 × \(\frac{3}{2}\) km = 1500 km
OA = 1500 km
दूसरे हवाई जहाज़ की चाल = 1200 km/hr.
दूसरे हवाई जहाज़ द्वारा 1 \(\frac{1}{2}\) घंटे में तय की गई दूरी = 1200 × \(\frac{3}{2}\)
OB = 1800 km.
समकोण ∆AOB में,
AB2 = AO2 + OB2
AB2 = (1500)2 + (1800)2
AB = \(\sqrt{2250000+3240000}\)
= \(\sqrt{5490000}\)
AB = 300 √61 km.
∴ दोनों हवाई जहाज़ों के बीच की दूरी = 300 √61 km

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5

प्रश्न 12.
दो खंभे जिनकी ऊँचाईयाँ 6 m और 11 m हैं तथा ये समतल भूमि पर खड़े हैं। यदि इनके ऊपरी सिरों के बीच की दूरी 12 m है तो इनके ऊपरी सिरों के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
खंभे की ऊँचाई, AB = 11m
खंभे की ऊँचाई (CD) = 6 m

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 11

खंभों के आधारों में दूरी = 12 m
C से CE ⊥ AB खींचिए
BE = DC = 6m
AE = AB – BE
= (11 – 6) m = 5 m.
समकोण ∆AEC में, AC2 = AE2 + EC2
AC = \(\sqrt{(5)^{2}+(12)^{2}}\)
= \(\sqrt{25+144}\)
= √169 = 13.
∴ खंभों के ऊपरी सिरों के बीच की दूरी = 13m.

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प्रश्न 13.
एक त्रिभुज ABC जिसका कोण C समकोण है, की भुजाओं CA और CB पर क्रमशः बिंदु D और E स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि AE2 + BD2 = AB2 + DE2 है।
हल :
दिया है :
∆ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसमें C पर समकोण है भुजाओं CA और CB पर क्रमशः बिंदुD और E स्थित हैं।
अर्थात् CD = AD = \(\frac{1}{2}\) AC
BE = EC = \(\frac{1}{2}\) BC
सिद्ध करना है:
AE2 + BD2 = AB2 + DE2
उपपत्ति : समकोण ABCA में,
AB2 = BC2 + CA2 ………………(1)
[पाइथागोरस प्रमेय से]

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5 13

समकोण AECD में,
DE2 = EC2 + DC2 …………….(2)
पाइथागोरस प्रमेय से] समकोण ∆ACE में,
AE2 = AC2 + CE2 ……………..(3)
समकोण ABCD में, BD2 = BC2 + CD2 ……………..(4)
(3) और (4) को जोड़ने पर,
AE2 + BD2 = AC2 + CE2 + BC2 + CD2
= [AC2 + CB2] + [CE2 + DC2]
= AB2 + DE2
[(3) और (4) से]
अतः, AE2 + BD2 = AB2 + DE2.

प्रश्न 14.
किसी त्रिभुज ABC के शीर्ष A से BC पर डाला गया लम्ब BC को बिंदु पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करता है कि DB = 3 CD है ( देखिए आकृति)
सिद्ध कीजिए कि 2 AB2 = 2 AC2 + BC2 है।
हल :
दिया है : ∆ABC में, AD ⊥ BC
BD = 3CD है।
सिद्ध करना है: 2AB2 = 2AC2 + BC2.
उपपत्ति : समकोण त्रिभुजों ADB और ADC में,
AB2 = AD2 + BD2;
AC2 = AD2+ DC2
[पाइथागोरस प्रमेय से]
AB2 – AC2 = BD2 – DC2
= 9CD2 – CD2;
[∵ BD = 3CD]
= 8CD2 = 8 (\(\frac{BC}{4}\))2
[∵ BC = DB + CD
= 3CD + CD
= 4CD ]
[∴ CD = \(\frac{1}{4}\) BC]
∴ AB2 – AC2 = \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{2}\)
⇒ 2(AB2– AC2) = BC2
⇒ 2AB2 – 2AC2 = BC2
∴ 2AB2 = 2AC2 + BC2.

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प्रश्न 15.
किसी समबाहु त्रिभुज ABC की भजा BC पर एक बिंदु D इस प्रकार स्थित है कि BD = \(\frac{1}{3}\) BC है। सिद्ध कीजिए कि 9AD2 = 7AB2 है।
हल :
दिया है : समबाहु त्रिभुज ABC की भुजा BC पर एक बिंदु D इस प्रकार स्थित है कि BD = \(\frac{1}{3}\) BC.
सिद्ध करना है : 9AD2 = 7AB2.

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रचना : AB ⊥ BC.
उपपत्ति :- ∆AMB ≅ ∆AMC [R.H.S. नियम से क्योंकि AM = AM और AB = AC]
∴ BM = MC = \(\frac{1}{2}\) BC
पुन: {BD = \(\frac{1}{3}\) BC और DC = \(\frac{2}{3}\) BC}
(∵ BC, D पर तीन भागों में विभाजित है)
अब ∆ADC में, ∠ C न्यून कोण है। .
AD2 = AC2 + DC2 – 2DC × MC
= AC2 + (\(\frac{2}{3}\) BC)2 – 2 (\(\frac{2}{3}\) BC) \(\frac{1}{2}\) BC

[∵ DC = \(\frac{2}{3}\) BC और MC = \(\frac{2}{3}\) BC]
= AB2 + \(\frac{4}{9}\) AB2 – \(\frac{2}{3}\) AB2
[∵ AC = BC = AB]
=\(\left(1+\frac{4}{9}-\frac{2}{3}\right)\) AB2

= \(\left(\frac{9+4-6}{9}\right)\) AB2

= \(\frac{7}{9}\) AB2

∴ AD2 = \(\frac{7}{9}\) AB2

⇒ 9AD2 = 7AB2.

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प्रश्न 16.
किसी समबाहु त्रिभुज में, सिद्ध कीजिए कि उसकी एक भुजा के वर्ग का तिगुना उसके एक शीर्षलंब के वर्ग के चार गुने के बराबर होता है।
हल :
दिया है : ∆ABC एक समबाहु A है जिसमें AB = BC = AC

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AD ⊥ DC सिद्ध करना है : 3AB2 = 4AD2
उपपत्ति : ∆ABC में, मान लीजिए AB = BC = AC = 2a
AD ⊥ BC
∴ BD = DC = \(\frac{1}{2}\) BC = a समकोण त्रिभुज में,
AB2 = AD2 + BD2
(2a)2 = AD2 + (a)2
4a2 = AD2 + a2
4a2 – a2 = AD2
AD2 = 3a2
= \(\left[\frac{A B}{2}\right]^{2}\)
[∵ AB = 2a, a = \(\frac{A B}{2}\)]
AD2 = 3 \(\frac{\mathrm{AB}^{2}}{4}\)
3AB2 = 4AD2.

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प्रश्न 17.
सही उत्तर चुनकर उसका औचित्य दीजिए : ∆ABC में, AB = 6√3 cm, AC = 12 cm और BC = 6 cm है। कोण B है :
(A) 120°
(B) 60°
(C) 90°
(D) 45°
हल :
AC = 12 cm
AB = 6√3 cm
BC = 6 cm
AC2 = (12)2 = 144 cm
AB2 + BC2 = (6√3)2 + (6)2
= 108 + 36
AB2 + BC2 = 144
∴ AB2 + BC2 = AC2
पाइथागोरस प्रमेय के विलोम से,
∆ABC में B पर समकोण है
∴ ∠B = 90°
∴ विकल्प (C) सही है।