PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 14 Mathematical Reasoning Ex 14.1

Punjab State Board PSEB 11th Class Maths Book Solutions Chapter 14 Mathematical Reasoning Ex 14.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 14 Mathematical Reasoning Ex 14.1

Question 1.
Which of the following sentences are statements? Give reasons for your answer.
(i) There are 35 days in a month.
(ii) Mathematics is difficult.
(iii) The sum of 5 and 7 is greater than 10.
(iv) The square of a number is an even number.
(v) The side of a quadrilateral have equal length.
(vi) Answer this question.
(vii) The product of (-1) and 8 is 8.
(viii) The sum of all interior angles of a triangle is 180°.
(ix) Today is a windy day.
(x) All real numbers are complex numbers.
Answer.
(i) This sentence is incorrect because the maximum number of days in a month is 31. Hence, it is a statement.
(ii) This sentence is subjective in the sense that for some people, mathematics can be easy and for some others, it can be difficult. Hence, it is not a statement.
(iii) The sum of 5 and 7 is 12, which is greater than 10. Therefore, this sentence is always correct. Hence, it is a statement.
(iv) This sentence is sometimes correct and sometimes incorrect. For example, the square of 2 is an even number. However, the square of 3 is an odd number. Hence, it is not a statement.
(v) This sentence is sometimes correct and sometimes incorrect. For example, squares and rhombus have sides of equal lengths. However, trapezium and rectangles have sides of unequal lengths. Hence, it is not a statement.
(vi) It is an order. Therefore, it is not a statement.
(vii) The product of (- 1) and 8 is (- 8). Therefore, the given sentence is incorrect. Hence, it is a statement.
(viii) This sentence is correct and hence, it is a statement.
(ix) The day that is being referred to is not evident from the sentence. Hence, it is not a statement.
(x) All real numbers can be expressed as a + ib. Therefore, the given sentence is always correct. Hence, it is a statement.

Question 2.
Give three examples of sentences which are not statements. Give reasons for the answers.
Answer.
The three examples of sentences, which are not statements, are as follows:
(i) He is a doctor.
It is not evident from the sentence as to whom ‘he’ is referred to. Therefore, it is not a statement.
(ii) Geometry is difficult.
This is not a statement because for some people, geometry can be easy and for some others, it can be difficult.
(iii) Where is she going?
This is a question, which also contains ‘she’, and it is not evident as to who ‘she’ is. Hence, it is not a statement.

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

Punjab State Board PSEB 12th Class Economics Book Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

PSEB 12th Class Economics राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
साधन आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
साधन आय से अभिप्राय उत्पादन के साधनों को काम करने के बदले में आय, लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
हस्तान्तरण आय (Transfare Payments) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
हस्तान्तरण भुगतान वह भुगतान है जो बिना किसी सेवा प्रदान किए ही दिए जाते हैं। जैसे कि बुढ़ापा पैन्शन, बेरोज़गारी भत्ता, इत्यादि।

प्रश्न 3.
घरेलू साधन आय को परिभाषित करो।
उत्तर-
घरेलू साधन आय एक देश के घरेलू क्षेत्र में उत्पादन के साधनों को काम करने के बदले में जो आय प्राप्त होती है, उसको घरेलू साधन आय कहा जाता है।

प्रश्न 4.
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNPAP) को परिभाषित करो।
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में उत्पादित वस्तुओं तथा सेवाओं के बाजार कीमत के मूल्य को बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है। इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को भी शामिल किया जाता है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

प्रश्न 5.
बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPL) को परिभाषित करो।
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में उत्पादन वस्तुओं तथा सेवाओं के बाज़ार कीमत पर मूल्य के योग को बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है, यदि इसमें से मशीनों की मूल्य घिसावट घटा दी जाए तो इसको बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) कहते हैं।

प्रश्न 6.
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP at Factor Cost) को परिभाषित करो।
उत्तर-
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद का अर्थ उत्पादन के साधनों को सेवाएं प्रदान करने के बदले में लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त होने वाली आय का योग होता है। इसमें मशीनों की घिसावट का मूल्य भी शामिल होता है।

प्रश्न 7.
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन (NNP at Factor Cost) को परिभाषित करो।
अथवा
राष्ट्रीय आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उत्पादन के साधनों द्वारा एक वर्ष में जो लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में आय प्राप्त की जाती है, उसके योग में से यदि मशीनों की घिसावट (Depreciation) को घटा दिया जाए तो इसको साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।

प्रश्न 8.
घरेलू साधन आय में क्या शामिल किया जाए जिससे राष्ट्रीय आय प्राप्त हो जाती है ?
उत्तर-
घरेलू साधन उत्पादन देश के निवासियों द्वारा देश की घरेलू सीमा के अन्दर प्राप्त की गई आय होती है। यदि हम इस आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को शामिल कर लेते हैं तो राष्ट्रीय आय प्राप्त हो जाती है।

प्रश्न 9.
घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक कब होती है ?
उत्तर-
घरेलू साधन आय में उत्पादन के साधनों द्वारा लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ को शामिल किया जाता है। यदि हम घरेलू साधन आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय जोड़ लेते हैं तो इसको राष्ट्रीय आय कहा जाता है। घरेलु साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक होगी, यदि विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय ऋणात्मक होती है।

प्रश्न 10.
सकल घरेलू उत्पाद, सकल राष्ट्रीय उत्पाद के समान कब होता है ?
उत्तर-
देश की घरेलू सीमा में निवासियों द्वारा एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं तथा सेवाओं के योग को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं। इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को शामिल किया जाए तो सकल राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त होता है। सकल घरेलू उत्पाद, सकल राष्ट्रीय उत्पाद के समान होता है, जब विदेशों से प्राप्त साधन आय शून्य होती है।

प्रश्न 11.
घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक कब होती है ?
उत्तर-
जब विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय ऋणात्मक होती है तो घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक होती है।

प्रश्न 12.
हरे सकल घरेलू उत्पाद (Green GNP) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जब सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि से निर्धनता तथा प्रदूषण नहीं फैलता तथा जब सकल राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि प्राकृतिक वातावरण के दुरुपयोग तथा विकास के लाभों का समान वितरण करता है तो इसको अर्थशास्त्री हरे सकल घरेलू उत्पादन (Green GNP) का नाम देते हैं।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

प्रश्न 13.
कौन सी मदें हैं जो सकल राष्ट्रीय उत्पाद (G.N.P.) में से बाहर निकाली जाती हैं ?
उत्तर-
निम्नलिखित मदें सकल राष्ट्रीय उत्पाद में शामिल नहीं की जाती :

  • घर की गृहिणी द्वारा घर का काम करना
  • पिता का अपने पुत्र को पढ़ाना
  • गैर-कानूनी क्रियाएं (समगलिंग, जुआ इत्यादि)।

प्रश्न 14.
गैर-बाज़ार क्रियाओं का अर्थ स्पष्ट करो।
उत्तर-
गैर-बाज़ार क्रियाओं में उन सेवाओं को शामिल किया जाता है, जो बाज़ार में बिकने के लिए नहीं आती।

प्रश्न 15.
आराम (Leisure) को सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) में शामिल नहीं किया जाता है। कारण बताओ।
उत्तर-
आराम को सकल राष्ट्रीय उत्पाद में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि(i) आराम (Leisure) द्वारा आय की सृजना नहीं होती। (ii) ऐसी क्रिया के मूल्य का माप नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 16.
क्या निम्नलिखित क्रियाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ? कारण बताओ।
(i) लॉटरी द्वारा ईनाम प्राप्त करना।
(ii) नई कार की खरीद।
उत्तर-
(i) लाटरी द्वारा ईनाम प्राप्त करना-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि इससे मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती।
(ii) नई कार की खरीद-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।

प्रश्न 17.
क्या निम्नलिखित क्रियाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ? कारण बताओ।
(i) स्वयं-उपभोग के लिए रखा उत्पादन।
(ii) बुढ़ापा पैन्शन।
उत्तर-
(i) स्वयं उपभोग के लिए रखा उत्पादन- इसको राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।
(ii) बुढ़ापा पैन्शन-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि इससे मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती।

प्रश्न 18.
क्या निम्नलिखित आय को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ?
(i) विदेशी बैंक द्वारा भारत में से प्राप्त आय।
(ii) शेयरों की बिक्री से आय।
उत्तर
(i) विदेशी बैंक द्वारा भारत में से प्राप्त आय-इस बैंक द्वारा प्राप्त आय को भारत की राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है, क्योंकि यह ब्रांच भारत में स्थित है।
(ii) शेयरों की बिक्री से आय-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि शेयरों की बिक्री से वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन नहीं होता।

प्रश्न 19.
राष्ट्रीय आय तथा घरेलू आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
घरेलू आय देश के साधारण निवासियों द्वारा देश की घरेलू सीमा के अन्दर प्राप्त की साधन आय लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ का योग है। यदि हम इस आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन जोड़ लेते हैं तो राष्ट्रीय आय प्राप्त होती है। राष्ट्रीय आय = घरेलू आय + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय|

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प्रश्न 20.
चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय तथा स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
जब राष्ट्रीय आय का माप प्रचलित कीमतों पर किया जाता है तो इसको चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय कहा जाता है। जब राष्ट्रीय आय का माप स्थिर कीमतों पर किया जाता है तो इसको वास्तविक आय कहा जाता है।

प्रश्न 21.
सकल राष्ट्रीय उत्पादन के बढ़े मूल्य को घटाने से क्या उद्देश्य है ?
उत्तर-
चालू कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन को वास्तविक कीमतों (आधार वर्ष की कीमतों) के मापने को सकल राष्ट्रीय उत्पादन के बढ़े मूल्य को घटाना (GNP deflator) कहा जाता है।
GNP deflator = \(\frac{\text { Nominal GNP }}{\text { Real GNP }} \times 100\)

प्रश्न 22.
परिभाषित करो
(a) मौद्रिक सकल राष्ट्रीय उत्पाद
(b) वास्तविक सकल राष्ट्रीय उत्पाद।
उत्तर-
(a) मौद्रिक सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Nominal G.N.P.)-यदि सकल राष्ट्रीय उत्पाद का माप चालू बाज़ार की कीमत पर किया जाता है तो इसको मौद्रिक सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।
(b) वास्तविक सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Real GNP)-सकल राष्ट्रीय उत्पाद को स्थिर कीमतों पर मापा जाता है तो इसको वास्तविक सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।

प्रश्न 23.
घिसावट (Depreciation) से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
स्थिर पूंजी के उपभोग से क्या अभिप्राय है ? इसके मुख्य अंश बताओ।
उत्तर-
घिसावट को स्थिर पूंजी का उपभोग भी कहा जाता है, जब स्थिर भण्डारों का प्रयोग किया जाता है तो इनके मूल्य की कमी को घिसावट कहा जाता है। घिसावट में-

  • साधारण टूट-फूट पर घिसाई
  • नई तकनीकों के आविष्कार से पुरानी मशीनों का प्रयोग न होना
  • मशीनों का खराब होना शामिल होता है।

प्रश्न 24.
अंतिम वस्तुओं तथा मध्यवर्ती वस्तुओं में क्या अन्तर होता है ? उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
उत्तर-
मध्यवर्ती उपभोग (Intermediate Goods)- यह वह वस्तुएं होती हैं, जिनका प्रयोग अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए अथवा पुनः बिक्री के लिए किया जाता है।
अन्तिम वस्तुएं (Final Goods)-वह वस्तुएं होती हैं जो अन्तिम उपभोग अथवा निवेश के लिए प्रयोग की जाती हैं, जैसे कि होटल वाले के लिए आटा मध्यवर्ती वस्तु है तथा परिवारों के लिए आटा अन्तिम वस्तु है।

प्रश्न 25.
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक देश के साधारण निवासियों द्वारा एक वर्ष में एक देश में जो साधन आय का योग होता है, उसको राष्ट्रीय आय कहा जाता है। राष्ट्रीय आय में यदि हम शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण शामिल कर लेते हैं तो इसको शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय कहा जाता है।

प्रश्न 26.
बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद तथा राष्ट्रीय व्यय योग्य आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रीय व्यय योग्य आय एक देश के साधारण निवासियों को एक वर्ष में सभी साधनों द्वारा प्राप्त आय होती है, जिसको वह उपभोग अथवा बचत कर सकते हैं। बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में शेष विश्व से अन्य चालू हस्तान्तरण योगकर राष्ट्रीय व्यय योग्य आय प्राप्त होती है।
National Disposable Income = NNP Mp + Other Current Transfers from the rest of the World
अथवा
Gross National Disposable Income = GNP Mp + Other Current Transfers from the rest of the World.

प्रश्न 27.
निजी आय (Private Income) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
निजी क्षेत्र को सभी साधनों द्वारा जो कुल आय प्राप्त होती है, जिसमें चालू हस्तान्तरण आय को भी शामिल किया जाए तो इसके योग को निजी आय कहा जाता है।
प्राइवेट आय =
(i) शुद्ध घरेलू उत्पाद से प्राप्त निजी क्षेत्र की आय + (ii) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय + (iii) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + (iv) सरकार से प्राप्त चालू हस्तान्तरण +(v) शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण।

प्रश्न 28.
चालू हस्तान्तरण तथा पूंजी हस्तान्तरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-

  • चालू हस्तान्तरण (Current Transfers)-चालू हस्तान्तरण वह हस्तान्तरण होती है, जो अदा करने वाले द्वारा चालू आय में से उपभोग व्यय के लिए लोगों को दी जाती है।
  • पूंजी हस्तान्तरण (Capital Transfers)-पूंजी हस्तान्तरण वह हस्तान्तरण है जो अदा करने वाले द्वारा धन अथवा बचत में से प्राप्त करने वाले के धन अथवा बचत के लिए दी जाती है।

प्रश्न 29.
व्यक्तिगत आय (Personal Income) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
व्यक्तिगत आय वह आय है, जोकि व्यक्तियों द्वारा साधन आय के रूप में अथवा चालू हस्तान्तरण के रूप में सभी साधनों से प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 30.
निजी आय तथा व्यक्तिगत आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
व्यक्तिगत आय = निजी आय (-) निगम कर-निगम बचत अथवा निगमों के अनवितरण लाभ। इससे ज्ञात होता है कि निजी आय विशाल धारणा है, जबकि व्यक्तिगत आय इसका भाग है। निजी आय में से निगम कर तथा निगम बचत घटाकर व्यक्तिगत आय प्राप्त की जाती है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

प्रश्न 31.
वह नागरिक जो एक देश में रहते हैं और उनके हित उस देश से जुड़े होते हैं, को ……… कहते हैं।
(क) विदेशी नागरिक
(ख) प्रवासी नागरिक
(ग) साधारण नागरिक
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) साधारण नागरिक।

प्रश्न 32.
अप्रत्यक्ष कर और आर्थिक सहायता के अन्तर को …….. कहते हैं।
(क) सकल अप्रत्यक्ष कर
(ख) प्रत्यक्ष कर
(ग) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।

प्रश्न 33.
उपभोग के लिए अन्तिम वस्तुओं के उपभोग को ………. कहते हैं।
(क) निवेश व्यय
(ख) उपभोग व्यय
(ग) राष्ट्रीय आय
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) उपभोग व्यय।

प्रश्न 34.
अप्रत्यक्ष कर तथा आर्थिक सहायता के अन्तर को …………. कहते हैं।
उत्तर-
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।

प्रश्न 35.
व्यक्तियों को सभी स्रोतों से असल में प्राप्त आय और हस्तातरण भुगतान के योग को ……….. कहते हैं।
उत्तर-
निजी आय।

प्रश्न 36.
वह भुगतान जो किसी बगैर किसी सेवा के प्रदान किए जाते हैं, को ….. कहते हैं।
उत्तर-
हस्तांतरण भुगतान।

प्रश्न 37.
बाज़ार कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) में है। …….. किया जाए तो बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त होता है।
(क) घिसावट
(ख) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(ग) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय।

प्रश्न 38.
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) ………… = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP).
उत्तर-
घिसावट।

प्रश्न 39.
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMD)………….. साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC)
उत्तर-
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।

प्रश्न 40.
बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPM) (-) ………….. साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) अथवा राष्ट्रीय आय (Material Income)
उत्तर-
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।

प्रश्न 41.
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPR) (-) ……….. = राष्ट्रीय आय (National Income)
उत्तर-
घिसावट।

प्रश्न 42.
निजी आय (-) निगमकर (-) निगमों को आबंटित लाभ ……….
उत्तर-
व्यक्तिगत आय।

प्रश्न 43.
वह वस्तुएँ जिनका प्रयोग और वस्तुओं के उत्पादन अथवा पुनः बिक्री के लिए किया जाता है को ……………….. कहते हैं।
उत्तर-
मध्यवर्ती वस्तुएँ।

प्रश्न 44.
वह वस्तुएँ जिनका प्रयोग अन्तिम उपभोग अथवा निवेश के लिए किया जाता है, को …….. कहते हैं।
उत्तर-
अन्तिम वस्तुएँ।

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II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
साधन आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
साधन आय से अभिप्राय उत्पादन के साधनों को काम करने के बदले में आय, लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त होती है। उत्पादन प्रक्रिया में सेवाएं प्रदान करने के बदले में प्राप्त होने वाली आय को साधन आय कहा जाता है।

प्रश्न 2.
हस्तान्तरण आय (Transfer Payments) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
हस्तान्तरण भुगतान वह भुगतान है जो बिना किसी सेवा प्रदान किए ही दिए जाते हैं। यह एक-तरफा भुगतान होते हैं, जैसे कि बुढ़ापा पैन्शन, बेरोज़गारी भत्ता, इत्यादि।

प्रश्न 3.
घरेलू साधन आय को परिभाषित करो।
उत्तर-
घरेलू साधन आय एक देश के घरेलू क्षेत्र में उत्पादन के साधनों को काम करने के बदले में जो आय प्राप्त होती है, उसको घरेलू साधन आय कहा जाता है।

प्रश्न 4.
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNPL) को परिभाषित करो।
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में उत्पादित वस्तुओं तथा सेवाओं के बाजार कीमत के मूल्य को बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है। इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को भी शामिल किया जाता है।

प्रश्न 5.
बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPM) को परिभाषित करो।
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में उत्पादन वस्तुओं तथा सेवाओं के बाजार मूल्य के योग को बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है, यदि इसमें से मशीनों की मूल्य घिसावट घटा दी जाए तो इसको बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) कहते हैं।
NNPMP = GNPMP – Depreciation

प्रश्न 6.
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP at Factor Cost) को परिभाषित करो।
उत्तर-
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद का अर्थ उत्पादन के साधनों को सेवाएं प्रदान करने के बदले में लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त होने वाली आय का योग होता है। इसमें मशीनों की घिसावट का मूल्य भी शामिल होता है।

प्रश्न 7.
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन (NNP at Factor Cost) को परिभाषित करो।
अथवा
राष्ट्रीय आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उत्पादन के साधनों द्वारा एक वर्ष में जो लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में आय प्राप्त की जाती है, उसके योग में से यदि मशीनों की घिसावट (Depreciation) को घटा दिया जाए तो इसको साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।

प्रश्न 8.
घरेलू साधन आय में क्या शामिल किया जाए जिससे राष्ट्रीय आय प्राप्त हो जाए ?
उत्तर-
घरेलू साधन उत्पादन देश के निवासियों द्वारा देश की घरेलू सीमा के अन्दर प्राप्त की गई आय होती है। यदि हम इस आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को शामिल कर लेते हैं तो राष्ट्रीय आय प्राप्त हो जाती है।

प्रश्न 9.
घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक कब होती है ?
उत्तर-
घरेलू साधन आय में उत्पादन के साधनों द्वारा लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ को शामिल किया जाता है। यदि हम घरेलू साधन आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय जोड़ लेते हैं तो इसको राष्ट्रीय आय कहा जाता है। घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक होगी, यदि विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय ऋणात्मक होती है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

प्रश्न 10.
क्या निम्नलिखित क्रियाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ? कारण बताओ।
(i) लॉटरी द्वारा ईनाम प्राप्त करना।
(ii) नई कार की खरीद।
उत्तर-
(i) लाटरी द्वारा ईनाम प्राप्त करना-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि इससे मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती।।
(ii) नई कार की खरीद-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।

प्रश्न 11.
क्या निम्नलिखित क्रियाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ? कारण बताओ।
(i) स्वयं-उपभोग के लिए रखा उत्पादन
(ii) बुढ़ापा पैन्शन।
उत्तर-
(i) स्वयं उपभोग के लिए रखा उत्पादन
(ii) बुढ़ापा पैन्शन-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि इससे मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती।

प्रश्न 12.
घिसावट (Depreciation) से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
स्थिर पूंजी के उपभोग से क्या अभिप्राय है ? इसके मुख्य अंश बताओ।
उत्तर-
घिसावट को स्थिर पूंजी का उपभोग भी कहा जाता है, जब स्थिर भण्डारों का प्रयोग किया जाता है तो इनके मूल्य की कमी को घिसावट कहा जाता है। घिसावट में-

  • साधारण टूट-फूट पर घिसाई
  • नई तकनीकों के आविष्कार से पुरानी मशीनों का प्रयोग न होना
  • मशीनों का खराब होना शामिल होता है।

प्रश्न 13.
अंतिम वस्तुओं तथा मध्यवर्ती वस्तुओं में क्या अन्तर होता है ? उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
उत्तर-
मध्यवर्ती उपभोग (Intermediate Goods)-यह वह वस्तुएं होती हैं, जिनका प्रयोग अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए अथवा पुनः बिक्री के लिए किया जाता है। अन्तिम वस्तुएं (Final Goods)-वह वस्तुएं होती हैं जो अन्तिम उपभोग अथवा निवेश के लिए प्रयोग की जाती हैं, जैसे कि होटल वाले के लिए आटा मध्यवर्ती वस्तु है तथा परिवारों के लिए आटा अन्तिम वस्तु है।

प्रश्न 14.
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक देश के साधारण निवासियों द्वारा एक वर्ष में एक देश में जो साधन आय का योग होता है, उसको राष्ट्रीय आय कहा जाता है। राष्ट्रीय आय में यदि हम शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण शामिल कर लेते हैं तो इसको शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय कहा जाता है।

प्रश्न 15.
निजी आय (Private Income) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
निजी क्षेत्र को सभी साधनों द्वारा जो कुल आय प्राप्त होती है, जिसमें चालू हस्तान्तरण आय को भी शामिल किया जाए तो इसके योग को निजी आय कहा जाता है।
प्राइवेट आय = (i) शुद्ध घरेलू उत्पाद से प्राप्त निजी क्षेत्र की आय + (ii) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय + (iii) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + (iv) सरकार से प्राप्त चालू हस्तान्तरण + (v) शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

प्रश्न 16.
चालू हस्तान्तरण तथा पूंजी हस्तान्तरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-

  • चालू हस्तान्तरण (Current Transfers)-चालू हस्तान्तरण वह हस्तान्तरण होती है, जो अदा करने वाले द्वारा चालू आय में से उपभोग व्यय के लिए लोगों को दी जाती है।
  • पूंजी हस्तान्तरण (Capital Transfers)-पूंजी हस्तान्तरण वह हस्तान्तरण है जो अदा करने वाले द्वारा धन अथवा बचत में से प्राप्त करने वाले के धन अथवा बचत के लिए दी जाती है।

प्रश्न 17.
व्यक्तिगत आय (Personal Income) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
व्यक्तिगत आय वह आय है, जोकि व्यक्तियों द्वारा साधन आय के रूप में अथवा चालू हस्तान्तरण के रूप में सभी साधनों से प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 18.
निजी आय तथा व्यक्तिगत आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
व्यक्तिगत आय = निजी आय (-) निगम कर-निगम बचत अथवा निगमों के अनवितरण लाभ। इससे ज्ञात होता है कि निजी आय विशाल धारणा है, जबकि व्यक्तिगत आय इसका भाग है। निजी आय में से निगम कर तथा निगम बचत घटाकर व्यक्तिगत आय प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 19.
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय तथा व्यक्तिगत आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय वह आय है जोकि एक देश के व्यक्ति तथा परिवार उपभोग पर व्यय कर सकते हैं अथवा बचत कर सकते हैं। निजी व्यय योग्य आय तथा निजी आय में अन्तर इस प्रकार है व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = व्यक्तिगत आय-व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर-सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की फीस तथा जुर्माने।

प्रश्न 20.
बाज़ार कीमतों पर कुल घरेलू उत्पाद से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में देश के साधारण निवासियों द्वारा जो अन्तिम वस्तुएं तथा सेवाएं प्रदान की जाती हैं उसके बाज़ार मूल्य को बाज़ार कीमतों पर कुल घरेलू उत्पाद (GDP at market Price) कहा जाता है।

III. लयु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
साधन आय के अंश बताओ।
उत्तर-
साधन आय के अंश इस प्रकार हैं-

  1. कर्मचारियों का मेहनताना-उद्यमियों द्वारा कर्मचारियों को नकद मज़दूरी तथा वेतन अथवा बोनस में मेहनताना दिया जाता है तथा इन कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा योजना में पाए गए योगदान को कर्मचारियों का मेहनताना कहते हैं। इसको साधन आय में शामिल किया जाता है।
  2. प्रचालन बेशी-इसमें जायदाद से आय तथा उद्यमवृत्ति से आय को शामिल किया जाता है। इसमें लगान,ब्याज तथा लाभ को शामिल किया जाता है। (लाभ = लाभांश + निगम कर + अवितरित लाभ)
  3. मिश्रित आय–निजी इकाइयों द्वारा प्राप्त लाभ तथा स्वयं नियोजता की आय को मिश्रित आय कहते हैं। इनके जोड़ से साधन आय प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 2.
घरेलू साधन आय के अंश बताओ। राष्ट्रीय आय प्राप्त करने के लिए इसमें क्या शामिल किया जाता है तथा क्यों ?
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश की घरेलू सीमा में साधनों की आय के योग को घरेलू साधन आय कहा जाता है। घरेलू साधन आय =
(1) कर्मचारियों का मेहनताना + (2) प्रचालन बेशी + (3) मिश्रित आय।
राष्ट्रीय आय प्राप्त करने के लिए घरेलू साधन आय प्राप्त करने के लिए विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को घरेलू साधन आय में जोड़ा जाता है| राष्ट्रीय आय = घरेलू साधन आय + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय = विदेशी शहरों द्वारा एक देश में से प्राप्त की साधन आय–इस देश के साधारण शहरियों द्वारा विदेशों से प्राप्त की गई साधन आय।

प्रश्न 3.
बाज़ार कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद तथा साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में अन्तर बताओ।
उत्तर-
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP)
(-) घिसावट
(-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(+) विदेशों से शुद्ध साधन आय।

अन्तर का आधार बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP Market Price) साधन लागत परशुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP Factor Cost)
1. घिसावट इसमें स्थित पूंजी की घिसावट शामिल होती है। इसमें घिसावट शामिल नहीं होती।
2. शुद्ध अप्रत्यक्ष कर इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (अप्रत्यक्ष कर-सबसिडी) शामिल होती है। इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर शामिल नहीं होते।
3. विदेशों से शुद्ध साधन आय इसमें विदेशों से शुद्ध साधन आय शामिल नहीं होती। इसमें देश के साधारण निवासियों तथा विदेशियों द्वारा घरेलू क्षेत्र की पैदावार को जोड़ते हैं। इसमें देश के साधारण निवासियों द्वारा घरेलू क्षेत्र अथवा विदेशी क्षेत्र में उत्पादकता को जोड़ते हैं।

प्रश्न 4.
साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद तथा बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में अन्तर बताओ।
उत्तर-
साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP)
(-) घिसावट (+) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(+) विदेशों से शुद्ध साधन आय

अन्तर का आधार बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC)
1. घिसावट इसमें घिसावट शामिल नहीं होती। इसमें घिसावट शामिल होती है।
2. शुद्ध अप्रत्यक्ष कर इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर शामिल होते | इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर शामिल नहीं
होते।
3. विदेशों से शुद्ध साधन आय इसमें विदेशों से शुद्ध साधन आय शामिल होती है। इसमें विदेशों से शुद्ध साधन आय शामिल नहीं होती।

प्रश्न 5.
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य तथा बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NDI) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध साधन आय (NNPMP) + शेष विश्व से चालू हस्तान्तरण
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 1
कुल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GNPL) + शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण (Gross National Disposable Income)

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

प्रश्न 6.
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय तथा राष्ट्रीय व्यय योग्य आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
निजी व्यय योग्य आय तथा राष्ट्रीय व्यय योग्य आय में अन्तर-

व्यक्तिगत व्यय योग्य आय राष्टीय व्यय योग्य आय
1. यह देश के व्यक्तियों तथा परिवारों की व्यय योग्य आय होती है। 1. यह देश की व्यय योग्य आय होती है।
2. व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = व्यक्तिगत उपभोग + व्यक्तिगत बचतें। 2. राष्ट्रीय व्यय योग्य आय = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद + शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण (उपहार, उपभोगी सामान, फ़ौजी सामान तथा नकद मुद्रा)

प्रश्न 7.
राष्ट्रीय आय तथा निजी आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रीय आय तथा निजी आय में अन्तर इस प्रकार है-

अन्तर का आधार राष्ट्रीय आय निजी आय
(1) क्षेत्र इसमें सार्वजनिक क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र से प्राप्त आय को शामिल किया जाता है। इसमें केवल निजी क्षेत्र से प्राप्त आय को शामिल किया जाता है।
(2) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज राष्ट्रीय आय में राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज को शामिल नहीं किया जाता। निजी आय में राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज को शामिल किया जाता है।
(3) हस्तान्तरण आय राष्ट्रीय आय में किसी किस्म की हस्तान्तरण आय को शामिल नहीं किया जाता। इसमें केवल साधन आय को जोड़ते हैं। निजी आय में सरकार से प्राप्त चालू हस्तान्तरण तथा शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण को जोड़ते हैं। इसमें साधन आय भी जोड़ी जाती है।

प्रश्न 8.
राष्ट्रीय आय तथा व्यक्तिगत आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-

अन्तर का आधार राष्ट्रीय आय (National Income) व्यक्तिगत आय (Personal Income)
(1) हस्तान्तरण आय राष्ट्रीय आय में केवल साधन आय को शामिल किया जाता है, हस्तान्तरण आय को शामिल नहीं किया जाता। व्यक्तिगत आय में साधन आय तथा हस्तान्तरण आय दोनों को ही शामिल किया जाता है।
(2) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता। इसको व्यक्तिगत आय में शामिल किया जाता है।
(3) निगम कर तथा बचतें निगम कर तथा बचतों को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है। निगम कर तथा बचतों को व्यक्तिगत आय में शामिल नहीं किया जाता।
(4) सरकारी क्षेत्र की आय सरकारी क्षेत्र में काम करके उद्योगों से प्राप्त आय को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है। सरकारी क्षेत्र की आय को व्यक्तिगत आय में शामिल नहीं किया जाता।

प्रश्न 9.
व्यक्तिगत आय तथा व्यय योग्य आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
व्यक्तिगत आय-व्यक्तियों तथा परिवारों को साधन आय तथा हस्तान्तरण आय के योग को व्यक्तिगत आय कहा जाता है। यह व्यय योग्य आय से विशाल धारणा है। व्यय योग्य आय-जो आय व्यक्तियों तथा परिवारों के पास प्रत्यक्ष निजी कर जैसे कि आय कर तथा हाऊस कर देने के पश्चात् तथा सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की फीस तथा जुर्माने देने के उपरान्त लोगों के पास रह जाती है, उसको व्यय योग्य आय कहा जाता है। व्यय योग्य आय का उपभोग किया जा सकता है अथवा बचत की जा सकती है। व्यय योग्य आय = व्यक्तिगत आय-प्रत्यक्ष कर (-) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की फीस तथा जुर्माने।

प्रश्न 10.
वह तीन धारणाएं बताओ जो सकल तथा शुद्ध बाज़ार कीमत तथा साधन लागत, घरेलू तथा राष्ट्रीय धारणाओं में अन्तर स्पष्ट करती है ।
उत्तर-

  1. घिसावट (Depreciation)सकल तथा शुद्ध आय में अन्तर को घिसावट द्वारा स्पष्ट किया जाता है। सकल आय अथवा उत्पाद = शुद्ध आय अथवा उत्पाद + घिसावट
  2. शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes) बाज़ार कीमत तथा साधन लागत पर राष्ट्रीय आय की धारणाओं को शुद्ध अप्रत्यक्ष करों द्वारा सम्बन्धित किया जाता है। शुद्ध अप्रत्यक्ष कर = अप्रत्यक्ष कर-सबसिडी साधन लागत पर आय = बाज़ार कीमत पर आय-शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
  3. विदेशों से शुद्ध साधन आय (Net Factor Income from Abroad)-जब हम घरेलू तथा राष्ट्रीय आय की धारणाओं में अन्तर करते हैं तो विदेशों से शुद्ध साधन आय द्वारा इनमें सम्बन्ध स्थापित होता है। घरेलू आय = राष्ट्रीय आय–विदेशों से शुद्ध साधन आय।

प्रश्न 11.
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय तथा राष्ट्रीय आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय (National Disposable Income) से अभिप्राय उस शुद्ध आय से है जोकि उस देश को खर्च करने के लिए उपलब्ध होती है। राष्ट्रीय प्रयोज्य आय को निम्नलिखित अनुसार स्पष्ट किया जा सकता है| राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = राष्ट्रीय आय + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण राष्ट्रीय आय से अभिप्राय साधन लागत पर शुद्ध घरेलू आय और विदेशों से शुद्ध साधन आय का योग होता है। इस प्रकार राष्ट्रीय प्रयोज्य आय तथा राष्ट्रीय आय में अन्तर इस प्रकार होता है राष्ट्रीय आय = राष्ट्रीय प्रयोज्य आय-शुद्ध अप्रत्यक्ष कर-शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण

प्रश्न 12.
सकल प्रयोज्य आय तथा शुद्ध प्रयोज्य आय में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
सकल प्रयोज्य आय वह आय है जोकि देश के निवासियों को सभी स्रोतों से उपभोग तथा बचत के लिए प्राप्त होती है। सकल प्रयोज्य आय में अर्थव्यवस्था की घिसावट लागत शामिल होती है। अर्थव्यवस्था की घिसावट लागत को हम पुनः स्थानापन्न लागत भी कहते हैं। इस प्रकार किसी देश में सकल प्रयोज्य आय उस देश की राष्ट्रीय आय, शुद्ध अप्रत्यक्ष कर तथा बाकी विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण का जोड़ होता है। यदि इसमें से पुनःस्थापन लागत या घिसावट लागत कम कर दी जाए तो इसको शुद्ध राष्ट्रीय प्रयोज्य आय कहा जाता है। शुद्ध प्रयोज्य आय = सकल राष्ट्रीय आय-चालू पुनः स्थापन लागत अथवा घिसावट लागत

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय आय अथवा उत्पादन की विभिन्न धारणाएं कौन-कौन सी हैं ? इनके सम्बन्ध को स्पष्ट करो। (What are the different concepts of National Product or Income ? Show their relationship.)
उत्तर-
राष्ट्रीय आय अथवा उत्पादन की मुख्य धारणाएं निम्नलिखित हैं-

  1. बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP)
  2. बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP)
  3. बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP)
  4. बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP)
  5. साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद अथवा घरेलू साधन आय (NDPFC)
  6. साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद अथवा सकल घरेलू आय (GDPFC)
  7. साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद अथवा सकल राष्ट्रीय आय (GNPFC)
  8. साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन अथवा राष्ट्रीय आय (NNPFC or National Income)
  9. सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (Gross Disposable National Income)
  10. शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (Net Disposable National Income) इन धारणाओं के बिना राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण धारणाएं इस प्रकार हैं
  11. निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय
  12. निजी आय (Private Income)
  13. व्यक्तिगत आय (Personal Income)
  14. व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) इन धारणाओं के परस्पर सम्बन्ध को एक तालिका द्वारा निम्नलिखित रेखाचित्र 1 अनुसार स्पष्ट किया जा सकता है।

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 3

राष्ट्रीय उत्पाद अथवा राष्ट्रीय आय की धारणाओं का सम्बन्ध इस प्रकार है-

  1. बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) –  तथा सेवाओं का बाज़ार कीमत पर मूल्य।
  2. बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
  3. बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) घिसावट (Depreciation)
  4. बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) = बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP)- विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
  5. साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद अथवा शुद्ध घरेलू आय (NDPFC) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP)-शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (N.I.T.)
  6. साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद अथवा सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC) = साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद अथवा शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPFC) + घिसावट (Depreciation)
  7. साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद अथवा सकल राष्ट्रीय आय (GNPFC) = साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद अथवा सकल घरेलू आय (GDPFC) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
  8. साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद अथवा शुद्ध राष्ट्रीय आय (NNPFC or National Income) = साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC) – घिसावट (Depreciation)
  9. सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GDNI) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) + शेष विश्व से चालू हस्तान्तरण।
  10. शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NDNI) = सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GDNI) (-) घिसावट (Depreciation)

अथवा व्यक्तियों तथा परिवारों की व्यय योग्य आय का योग इन धारणाओं के बिना कुछ अन्य धारणाएं इस प्रकार हैं, जिनका सम्बन्ध 5वीं धारणा साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPRO) से आरम्भ करते हैं।

  1. निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय = साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद-सरकारी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय। 1. गैर-विभागीय उद्यमों की बचतें 2. विभागीय उद्यमों को सम्पत्ति तथा उद्यम श्रमिक से आय)
  2.  निजी आय (Private Income) = निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय (+) विदेशों से शुद्ध साधन आय (+) सरकारी क्षेत्र से हस्तान्तरण आय (+) शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण (+) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज।
  3. व्यक्तिगत आय (Personal Income) = निजी क्षेत्र-निगम कर-निगम बचतें निगमों के अवितरित लाभ
  4. व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) = व्यक्तिगत आय-व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की प्राप्तियां (फीस तथा जुर्माने)

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित धारणाओं में अन्तर बताओ
(i) GDPMP and GNPMP
(ii) GDPMP and NNPMP
(iii) GDP at FC and NNP at MP
(iv) GNP at FC and NNP at FC
(v) GDP and NNP
(vi) GNP at FC and GNP at MP
(vii) GNP at MP and NDP at FC
(viii) GDP at MP and NNP at FC.
उत्तर-
राष्ट्रीय आय की धारणाओं का सम्बन्ध-रेखाचित्र 2 अनुसार-
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 4
बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP)-एक वर्ष में एक देश में देश के साधारण निवासियों द्वारा जो अन्तिम वस्तुएं तथा सेवाएं उत्पादन की जाती हैं, उसके बाज़ार मूल्य को बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं। यदि अकेला GDP दिया हो तो इससे अभिप्राय कीमत पर होता है।

बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद में यदि विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (Net Factor Income from abroad (NFYA) को सम्मिलित किया जाए तो बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त हो जाता है। यदि अकेला GNP दिया हो तो यह बाज़ार कीमत पर होता है।

(i) बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) (+) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)

(ii) बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) = बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) (-) घिसावट (Depreciation)

(iii) साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पादन (GDPFC) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) + घिसावट (Depreciation) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes)

(iv) साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC) = साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP at FC) + घिसावट (Depreciation) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)

(v) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC) (-) घिसावट (Depreciation)

(vi) सकल घरेलू उत्पाद (GDP) = शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) (+) घिसावट (Depreciation) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)

(vii) साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes)

(viii) साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NFPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) (-) घिसावट (Depreciation) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes)

(ix) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) (-) घिसावट (Depreciation) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)

प्रश्न 3.
भारत की अर्थव्यवस्था के 1982-83 के आंकड़े चालू कीमतों अनुसार दिए गए हैं। इनसे
(i) NNPFC
(ii) NNPMP
(iii) GNPMP
(iv) GDPMP
(v) GNPFC
(vi) NDPMP
(vii) GDPFC ज्ञात करो।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 5
उत्तर-
बेकरमैन के चित्र रेखाचित्र 2 के अनुसार
(i) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPFC) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) = 1,33,151 + (-) 681 = ₹ 1,32,470 करोड़

(ii) बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) = साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (NIT) = 1,32,470 + 19,183 = ₹ 1,51,653 करोड़

(iii) बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) + faturala (Depreciation) = 1,51,653 + 11,242 = ₹ 1,62,895 करोड

(iv) बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) – विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) = 1,62,895 – (-681) = ₹ 1,63,576 करोड़

(v) साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (N.I.T.) = 1,62,895 – 19,183 = ₹ 1,43,712 करोड़

(vi) बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) घिसावट (Depreciation) = 1,63,576 – 11,242 = ₹ 1,52,334 करोड़

(vii) साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPR) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (N.I.T.) = 1,63,576 – 19,183 = ₹ 1,44,393 करोड़ उत्तर।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित आंकड़ों द्वारा ज्ञात करो।
(a) बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP)
(b) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC)
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 6
उत्तर-
बैकरमैन का चित्र बनाओ –
(a) बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) = बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) +घिसावट (Depreciation) = 74905 + 4486 = ₹ 79391 करोड़ उत्तर
(b) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (NIT) (+) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) = 74905 – 8344 + (-232) = ₹ 66329 करोड़ उत्तर।

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V. सरख्यात्मक प्रश्न (Numericals)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित आंकड़ों से शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) ज्ञात करो
₹ करोड़
(1) बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद = 97503
(2) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय = (-) 201
(3) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर = 10,576
(4) स्थिर पूंजी का उपभोग = 5,699
उत्तर-
बेकरमैन का चित्र –
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 7
नोट : इस चित्र में D = Depreciation (घिसावट अथवा मूल्य घसाई)
NIT = Net Indirect Taxes (शुद्ध अप्रत्यक्ष कर)
NFYA = Net Factor Income from abroad (विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय)
बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (-) स्थिर पूंजी का उपभोग अथवा घिसावट
= 97503 (-) (-) 201 (-) 5699
= 97503 + 201 – 5699 = ₹ 92005 करोड़ उत्तर।

प्रश्न 2.
एक काल्पनिक अर्थव्यवस्था का बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद ₹ 1,20,000 करोड़ है। यदि देश का पूंजी भण्डार ₹ 3,00,000 करोड़ है तथा इसकी वार्षिक घिसावट 20% है। अप्रत्यक्ष कर ₹ 30,000 करोड़ तथा सबसिडी ₹ 15,000 करोड़ है। राष्ट्रीय आय कितनी होगी?
उत्तर-
राष्ट्रीय आय (NNPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) – मशीनों की घिसावट – शुद्ध अप्रत्यक्ष कर ₹ करोड़ बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद = 1,20,000
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित आंकड़ों से निजी आय ज्ञात करो।
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 9
उत्तर-
निजी आय (Private Income) = साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (-) गैर विभागीय सरकारी उद्यमों की बचतें (-) सरकारी प्रबन्धकीय उद्यमों को जायदाद तथा उद्यमवृत्ति से आय ” (+) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों से चालू हस्तान्तरण (+) शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण (+) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज निजी आय = 473 – 1 – 9 + 18 + 4 + 28 = ₹ 513 करोड़
नोट-विदेशों से शुद्ध साधन आय, साधन लागत तथा शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में शामिल होती है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित आंकड़ों से निजी आय ज्ञात करो
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 10
उत्तर-
निजी आय = निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पाद से प्राप्त आय (+) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों से शुद्ध चालू हस्तान्तरण (+) विदेशों से शुद्ध साधन आय + राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण निजी आय (Private Income) = 500 + 40 + (-20) + 60 + 50 = ₹ 630 करोड़ उत्तर

प्रश्न 5.
निम्नलिखित आंकड़ों से ज्ञात करो
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 11
उत्तर-
निजी आय (Private Income)-राष्ट्रीय आय (-) विभागीय उद्यमों की सम्पत्ति तथा उद्यमवृत्ति से आय (-) गैर-विभागीय उद्यमों की बचतें + सरकारी क्षेत्र से हस्तान्तरण आय + शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण + राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज
(i) निजी आय = 5000 – 70 – 60 + 55 + 25 + 20 = ₹ 4970 करोड़ उत्तर
(ii) व्यक्तिगत आय = निजी आय-निगम कर-निगम बचतें = 4970 – 100 – 200 = ₹ 4670 करोड़ उत्तर
(iii) व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = व्यक्तिगत आय (-) व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर (-) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की प्राप्तियां व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = 4670 – 20 – 10 = ₹ 4640 करोड उत्तर

प्रश्न 6.
निम्नलिखित आंकड़ों से व्यक्तिगत आय ज्ञात करोPSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 12
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 13
उत्तर-
व्यक्तिगत आय (Personal Income)-निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय + राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + सरकारी क्षेत्र से प्राप्त हस्तान्तरण + शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण – निगम कर – निगमों के अवितरित लाभ व्यक्तिगत आय = 270 + 5 + 10 + 8 – 10 – 2
= ₹ 281 करोड़ उत्तर ।

प्रश्न 7.
व्यक्तिगत आय (Personal Income) ज्ञात करो यदि
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 14
उत्तर-
व्यक्तिगत आय (Personal Income) =निजी आय (-) निगम कर – निगमों के अवितरित लाभ व्यक्तिगत आय = 300 – 20 – 50 = ₹ 230 करोड़ उत्तर

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

प्रश्न 8.
निम्नलिखित आंकड़ों से व्यक्तिगत व्यय योग्य आय ज्ञात करो
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 15
उत्तर-
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) = निजी आय (-) निगम कर (-) निगमों की बचतें (-) प्रत्यक्ष कर (-) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की प्राप्तियां व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = 200 – 20 – 30 – 10 – 5 = ₹ 135 करोड़ उत्तर

प्रश्न 9.
निम्नलिखित आंकड़ों से व्यक्तिगत व्यय योग्य आय ज्ञात करो
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 16
उत्तर-
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) = निजी आय (-) निगम कर (-) निगमों के अवितरित लाभ (-) प्रत्यक्ष कर (-) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की प्राप्तियां व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = 500 – 20 – 15 -5 – 2 = ₹ 458 करोड़ उत्तर

प्रश्न 10.
निम्नलिखित आंकड़ों से ज्ञात करो :
(a) व्यक्तिगत आय (Personal Income)
(b) व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income)
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 17
उत्तर:
(a) व्यक्तिगत आय (Personal Income) = निजी आय (-) निगम कर (-) निगम बचतें व्यक्तिगत आय = 45000 – 1000 – 2000 = ₹ 42000 करोड़
(b) व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) = व्यक्तिगत आय-प्रत्यक्ष कर = 42000 – 300 = ₹ 41700 करोड़ उत्तर।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित आंकड़ों से सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय तथा शुद्ध राष्ट्रीय प्रयोज्य आय ज्ञात करें-
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उत्तर-

  • सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = राष्ट्रीय आय + शेष विश्व से निवल (शुद्ध) चालू हस्तान्तरण + स्थायी (अचल) पूंजी का उपभोग + निवल शुद्ध अप्रत्यक्ष कर = 2000 + 200 + 100 + 250 = ₹ 2550 करोड़ उत्तर
  • शुद्ध राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय – स्थायी (अचल) पूंजी का उपभोग = 2550 – 100 = ₹ 2450 करोड़ उत्तर

प्रश्न 12.
निम्नलिखित आंकड़ों से शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NNDI) ज्ञात करो
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 19
उत्तर-
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NNDI) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण-घिसावट
= 100 (+) 50 (-) 20 = ₹ 130 करोड़ उत्तर

प्रश्न 13.
निम्नलिखित आंकड़ों द्वारा शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NNDI) ज्ञात करो
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 20
उत्तर-
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NIINDI) = साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर के शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण – स्थिर पूंजी का उपभोग (अथवा घिसावट) NNDI = 800 + 70 + 50 – 60 = ₹ 860 करोड़ उत्तर

प्रश्न 14.
निम्नलिखित आंकड़ों से सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GNDI) ज्ञात करो
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 21
उत्तर-
सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GNDI) = राष्ट्रीय आय (NNPFC) + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + स्थिर पूंजी का उपभोग + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GNDI) = 2000 + 250 + 100 + 200 = ₹ 2550 करोड़ उत्तर

PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं

प्रश्न 15.
राष्ट्रीय आय तथा शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NNDI) = राष्ट्रीय आय + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण उदाहरण
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 22
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय = राष्ट्रीय आय + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण
= 1864292 + 202036 + 57821 = ₹ 21,241,49 करोड़ उत्तर
अथवा
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण = 2066328 + 57821
= ₹ 21,24,149 करोड़ उत्तर

प्रश्न 16.
राष्ट्रीय आय तथा राष्ट्रीय उत्पाद की धारणाओं के सम्बन्ध को स्पष्ट करो।
उत्तर-
राष्ट्रीय आय तथा राष्ट्रीय उत्पाद के सम्बन्ध को बेकरमैन के अग्रलिखित चार्ट की सहायता से स्पष्ट किया जा सकता है:-
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 23

इसमें

  •  D = घिसावट (Depreciation)
  • NIT = शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes = Indirect Taxes – Subsidies)
  • NFYA = विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
    ↓ जब ऐरो नीचे को जाता है तो घटाओ
    ↑ जब ऐरो ऊपर को जाता है तो जोड़ो
  • शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण (Other Current Transfer from the rest of the World) = (उपहार, उपभोगी वस्तुएं, जंगी सामान, नकदी)

नोट-इस चार्ट की सहायता से राष्ट्रीय आय तथा राष्ट्रीय उत्पादन की धारणाओं का आसानी से माप किया जा सकता है।

प्रश्न 17.
निजी आय तथा व्यक्तिगत आय की धारणाओं के सम्बन्ध को स्पष्ट करो।
उत्तर-
निजी आय (Private Income) तथा व्यक्तिगत आय (Personal Income) की धारणाओं के सम्बन्ध को अग्रलिखित चार्ट द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-
PSEB 12th Class Economics Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं 24
नोट-इस चार्ट की सहायता से निजी आय तथा व्यक्तिगत आय का माप आसानी से किया जा सकता है।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਲਿਖੋ ਅਤੇ ਗਣਿਤਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਤੋਂ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗ ਰਹੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੇ ਸੂਤਰ ਦਾ ਵਿਉਂਤਪੰਨ ਤਿਆਰ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਟਨ ਦਾ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦਾ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਨਿਯਮ (Newton’s Universal Law of Gravitation) – ਇਸ ਹਿਮੰਡ ਵਿੱਚ ਹਰੇਕ ਪਦਾਰਥਕ ਵਸਤੂ ਹਰ ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਲ ਨਾਲ ਪਰਸਪਰ . ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਜਿਹੜਾ-
(i) ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੁੰਜਾਂ ਦੇ ਗੁਣਨਫਲ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ
(ii) ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ-ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਬਲ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਰੇਖਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਗਦਾ ਹੈ |
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 1
ਗਣਿਤਿਕ ਧਾਰਣਾਵਾਂ – ਉੱਪਰ ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਦੇ ਹਵਾਲੇ ਵਿੱਚ ਮੰਨ ਲਉ ਸਾਡੇ ਕੋਲ ਦੋ ਗੇਂਦਾਂ A ਅਤੇ B ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਕੁਮਵਾਰ m1 ਅਤੇ m2 ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦੀ ਦੂਰੀ r ਹੈ ।

ਨਿਊਟਨ ਅਨੁਸਾਰ ਗੇਂਦ A, ਗੇਂਦ B ਉੱਪਰ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ FBA ਲਗਾਵੇਗੀ ਅਤੇ FAB ਲ ਗੇਂਦ A ਉੱਪਰ ਗੇਂਦ B ਦੁਆਰਾ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਲ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਬਲਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਬਰਾਬਰ ਹੈ, : ਪਰੰਤੁ ਉਹ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲੱਗ ਰਹੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
FAB = FBA
ਮੰਨ ਲਓ FAB = FBA = F
ਤਾਂ ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, F ∝ m1 × m2 ………… (i)
ਅਤੇ F ∝ \(\frac{1}{r^{2}}\) ………. (ii)
ਸਮੀਕਰਨ (i) ਅਤੇ (ii) ਨੂੰ ਜੋੜਨ ਤੇ
F ∝ \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
F = ਸਥਿਰ-ਅੰਕ × \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
F = G\(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)
G ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਵੀ-ਸਥਿਰ-ਅੰਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਇਹ ਨਾਂ ਇਸ ਲਈ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਰੇ ਹੀ ਹਿਮੰਡ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦਾ ਸੰਖਿਅਕ ਮੁੱਲ ਇਕੋ ਹੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
G ਦਾ ਸੰਖਿਅਕ ਮੁੱਲ- G = 6.67 × 10-11 N-m2/kg2 ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਬਾਰੇ ਕੈਪਲਰ ਦੇ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਲ੍ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਬਾਰੇ ਕੈਪਲਰ ਦੇ ਨਿਯਮ – ਸੋਲ੍ਹਵੀਂ ਸਦੀ ਤੱਕ ਅਨੇਕ ਖਗੋਲ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੇ ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਬਾਰੇ ਆਂਕੜੇ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੇ । ਜਹਾਂਸ ਕੈਪਲਰ ਨੇ ਇਹਨਾਂ ਆਂਕੜਿਆਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਤਿੰਨ ਨਿਯਮ ਬਣਾਏ ਜਿਹੜੇ ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਨੂੰ ਨਿਰਦੇਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਨਿਯਮ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹਨ-
1. ਆਰਬਿਟ ਨਿਯਮ (ਪਹਿਲਾ ਨਿਯਮ) – ਹਰੇਕ ਹਿ ਦਾ ਹਿ ਪੱਥ ਅੰਡਾਕਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਇਸਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ 0 ਦੁਆਰਾ ਸੂਰਜ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

2. ਖੇਤਰਫਲ ਦਾ ਨਿਯਮ ਦੂਸਰਾ ਨਿਯਮ – ਸੂਰਜ ਅਤੇ ਗ੍ਰਹਿ ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਰੇਖਾ ਸਮਾਨ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨ ਖੇਤਰਫਲ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਤੋਂ 8 ਤੱਕ ਗਤੀ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ 0 ਤੋਂ 0 ਤੱਕ ਗਤੀ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਖੇਤਰਫਲ OAB ਅਤੇ OCD ਬਰਾਬਰ ਹੋਣਗੇ ।

3. ਪਰਿਕਰਮਾ ਕਾਲ (ਪੀਰੀਅਡ) ਨਿਯਮ (ਤੀਸਰਾ ਨਿਯਮ) – ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਕਿਸੇ ਹਿ ਦੀ ਔਸਤ ਦੂਰੀ (r) ਦਾ ਘਣ ਉਸ ਹਿ ਦੇ ਹਿ ਪੱਥ ਪਰਿਕਰਮਾ ਅਰਥਾਤ ਕਾਲ 1 ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ \(\frac{r^{3}}{\mathrm{~T}^{2}}\) = ਸਥਿਰ ਅੰਕ
ਜਾਂ T2 α r3
ਕੈਪਲਰ ਕੋਈ ਸਿਧਾਂਤ ਪੇਸ਼ ਨਾ ਕਰ ਸਕਿਆ ਜਿਹੜਾ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰ ਸਕੇ । ਨਿਉਟਨ ਨੇ ਇਹ ਦਰਸਾਇਆ ਕਿ ਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਗੁਰੁਤਾਕਰਸ਼ਣ ਉਹ ਬਲ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਸੂਰਜ ਉਹਨਾਂ ‘ਤੇ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਰਾਬਰਟ ਬਾਇਲ ਨੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਕਿਵੇਂ ਸਿੱਧ ਕੀਤਾ ਕਿ ਨਿਰਵਾਤ (ਖਲਾਅ ਵਿੱਚ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਇੱਕ ਹੀ ਦਰ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਲ ਪ੍ਰਯੋਗ – ਰਾਬਰਟ ਬਾਇਲ ਨੇ ਇੱਕ ਲੰਮੀ ਕੱਚ ਦੀ ਟਿਊਬ ਲਈ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਇੱਕ ਭਾਰੀ ਸਿੱਕਾ ਅਤੇ ਇੱਕ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਟਿਊਬ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ । ਟਿਊਬ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੱਤਾ । ਟਿਊਬ ਵਿੱਚੋਂ ਹਵਾ ਨੂੰ ਨਿਰਵਾਤ ਪੰਪ ਦੁਆਰਾ ਖ਼ਾਲੀ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ।

ਜਦੋਂ ਟਿਉਬ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਨਾਲ ਉਲਟਾਇਆ ਗਿਆ, ਤਾਂ ਇਹ ਵੇਖਣ ਵਿੱਚ ਆਇਆ ਕਿ ਸਿੱਕਾ ਅਤੇ ਕਾਗਜ਼ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਇੱਕ ਸਮੇਂ ਹੀ ਟਿਉਬ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਤਲੀ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਦੇ ਹਨ । ਹੁਣ ਫਿਰ ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨੂੰ ਦੁਹਰਾਇਆ ਗਿਆ ਜਦੋਂ ਕੱਚ ਦੀ ਟਿਊਬ ਅੰਦਰ ਹਵਾ ਮੌਜੂਦ ਸੀ । ਇਸ ਵਾਰੀ ਦੇਖਣ ਵਿੱਚ ਆਇਆ ਕਿ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦਾ ਹੈ ਜਦ ਕਿ ਸਿੱਕਾ ਛੇਤੀ ਹੀ ਟਿਊਬ ਦੀ ਤਲੀ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਯੋਗ ਤੋਂ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਨਿਰਵਾਤ ਵਿੱਚ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਹਲਕੀਆਂ ਅਤੇ ਭਾਰੀਆਂ ਇੱਕੋ ਵੇਗ ਨਾਲ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
(ੳ) ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਦਾ ਮੁੱਲ ਵਸਤੂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਦੇ ਮੁੱਲ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) g ਦਾ ਮਾਨ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਜਿਵੇਂ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਧਰਤੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਸਥਿਤ m ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਕਰੋ । ਮੰਨ ਲਉ M ਅਤੇ R ਕੁਮਵਾਰ ਧਰਤੀ ਦੇ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਹਨ ।
ਮੰਨ ਲਉ F ਵਸਤੂ ਤੇ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਿਹਾ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 4
ਇਸ ਵੇਗ ਨੂੰ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਆਖਦੇ ਹਨ ।

ਇਸ ਸਮੀਕਰਨ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਸ਼ਾਮਲ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਪਤਾ ਚਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਵੇਗ ਇਸ ਦੇ ਪੁੰਜ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਸਾਰੇ ਆਕਾਰਾਂ ਅਤੇ ਪੰਜਾਂ ਵਾਲੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਕਿਸੇ ਵੀ ਥਾਂ ਤੇ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਡਿੱਗਦੀਆਂ ਹਨ ।

(ਅ) g ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰਨਾ G = 6.67 × 10-11 Nm2 / kg2
ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ, R = 6400 km
= 6400 × 1000 m
= 6.4 × 106 m
ਧਰਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ M = 6 × 1024 kg
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\)
ਜਾਂ g = \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 6 \times 10^{24}}{\left(6.4 \times 10^{6}\right)^{2}}\)
∴ g = 9.8 ms-2

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
(ੳ) ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਸਮੀਕਰਨ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
(ਅ) ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
(ੲ) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਬਿਲਕੁਲ ਸਿੱਧੇ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉੱਚਾਈ ਪਤਾ ਕਰਨ ਲਈ ਸਮੀਕਰਨ ਲਿਖੋ ।
(ਸ) ਸਿੱਧ ਕਰੋ ਕਿ ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਅਤੇ ਉੱਪਰ ਜਾਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਗੁਰੂਤਾ ਅਧੀਨ ਕਿਰਿਆ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗਣ ਵਾਲੇ ਸਮੀਕਰਨ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

(ਅ) ਇਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਵਾਲੇ ਸਮੀਕਰਨਾਂ ਵਿੱਚ a ਦੀ ਥਾਂ g ਲਿਖ ਕੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਾਲੇ ਸਮੀਕਰਨ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹਨ-
(i) v = u + gt
(ii) n = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
(iii) v2 – u2 = 2gh
ਇੱਥੇ u ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ, v ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ, h ਪ੍ਰਾਪਤ ਉੱਚਾਈ ਅਤੇ t ਸਮਾਂ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਛੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਅਰਥਾਤ u = 0

(ੲ) ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉੱਚਾਈ ਲਈ ਵਿਅੰਜਕ – ਆਓ ਮੁੱਢਲੇ ਵੇਗ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਸੁੱਟੇ ਜਾਣ ਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਲਈ ਵਿਅੰਜਕ ਗਿਆਤ ਕਰੀਏ ।
ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋਵੇਗਾ । ਗੁਰੂਤਾ-ਪ੍ਰਵੇਗ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੋਵੇਗਾ । ਜੇਕਰ h ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਹੈ, ਤਾਂ
v2 – u2 = 2ah
ਜਾਂ 02 – u2 = 2 (-g) h [a = – g]
-u2 = -2gh
u2 = 2gh
∴ h = \(\frac{u^{2}}{2 g}\)

(ਸ) ਉੱਪਰ ਜਾਣ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਦਾ ਸਮਾਂ – ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਸਮਾਂ ਅਵਰੋਹਣ ਸਮਾਂ ਹੈ | ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵਾਪਸ ਆਉਣ ਲਈ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ ਆਰੋਹਣ ਸਮਾਂ ਹੈ ।
ਅਵਰੋਹਣ (ਉੱਪਰ ਜਾਣ ਲਈ) ਸਮਾਂ
ਇੱਥੇ v = 0, a = – g
v = u + at
0 = u – gt
t = \(\)

ਆਰੋਹਣ (ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਲਈ) ਸਮਾਂ-
ਹੁਣ, ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੁ ਤੇ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੈ,
∴ u = 0
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 5
ਅਰਥਾਤ ਉੱਪਰ ਜਾਣ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਆਉਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਕਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕਰਕੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ‘g’ ਦੇ ਮੁੱਲ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ‘g’ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਕਾਰਕ-
1. ਧਰਤੀ ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਕਾਰਨ g` ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ (Variation in g with Altitude) – ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਜਾਂ ਹੇਠਾਂ ਦੋਹਾਂ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਘਟਦਾ ਹੈ । ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਿਰਫ਼ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਹੀ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਹੀ ਅਸੀਂ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟਦਾ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਕਿਸੇ ਵੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ‘g’ ਦੇ ਮੁੱਲ ਦੀ ਗਣਨਾ ਅਸੀਂ ਇੱਕ ਨਿਸਚਿਤ ਗਣਿਤਕ ਸੂਤਰ ਨਾਲ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।
ਜੇਕਰ ge = ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਪ੍ਰਵੇਗ
gh = ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਉੱਚਾਈ hਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ
ਅਤੇ R = ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ, gh = ge[latex]\frac{\mathrm{R}^{2}}{(\mathrm{R}+h)^{2}}[/latex]
(R+h)”
‘h’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਹੋਣ ਤੇ ‘gh’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸਥਿਤੀ (Special Case) – ਧਰਤੀ ਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਨਾਲੋਂ ਅੱਧੀ ਉੱਚਾਈ hਤੇ ਅਰਥਾਤ ਜਦੋਂh = R/ 2 ਤਾਂ ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੇ ਫ਼ਾਰਮੂਲੇ ਤੋਂ,
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 6
‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਧਰਤੀ ਤੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ‘ਜ਼ੀਰੋ’ ਹੋਵੇਗਾ ।

2. ਧਰਤੀ ਦੀ ਆ ਕਾਰਨ ‘g’ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ (Variation in g` due to shape of Earth) – ਧਰਤੀ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੋਲਾਕਾਰ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਥੋੜ੍ਹੀ ਜਿਹੀ ਇਲਿਪਸੀ (ਅੰਡਾਕਾਰ) ਆਤੀ ਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਧਰਵਾਂ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪੱਧਰੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਦੇ ਨੇੜੇ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਉੱਠੀ ਹੋਈ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਇਆ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 7
ਉੱਪਰ ਵਿਖਾਏ ਚਿੱਤਰ ਅਨੁਸਾਰ, ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਲਗਪਗ 6378 ਕਿ. ਮੀ. ਅਤੇ ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 6357 ਕਿ. ਮੀ. ਹੈ । ਹੁਣ ਕਿਉਂ ਜੋ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ, ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਨਾਲੋਂ ਲਗਪਗ 21 ਕਿ. ਮੀ. ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਧਰੁਵਾਂ ਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਅਰਥਾਤ gp ਜ਼ਿਆਦਾ ਅਰਥਾਤ 9.831 m/s2 ਹੈ ਅਤੇ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ਘੱਟ ਅਰਥਾਤ ge = 9.782 m/s2 ਹੈ । ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਜਿਹੜਾ ਅਸੀਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਉਂਦੇ ਹਾਂ, ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਹਾਂ ਮੁੱਲਾਂ ਦੀ ਔਸਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ‘g’ ਦੇ ਮੁੱਲ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਵਸਤੁ ਦਾ ਭਾਰ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ਨਿਊਨਤਮ ਅਤੇ ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ਅਧਿਕਤਮ ਹੋਵੇਗਾ ।

3. ਡੂੰਘਾਈ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ (Effect of depth) – ਜੇ ਅਸੀਂ ਡੂੰਘਾਈ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਤੇ ਜਾਈਏ ਤਾਂ 8 ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡੂੰਘਾਈ ਦੇ ਨਾਲ ਇਹ ਮੁੱਲ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਇਸਦਾ ਮੁੱਲ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
\(\frac{\mathbf{W}_{d}}{\mathbf{W}_{e}}\) = \(\frac{g_{d}}{g_{e}}\) = (1 – \(\frac{d}{\mathrm{R}}\))

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
‘g’ ਅਤੇ ‘G’ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
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g ਅਤੇ G ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ (Relation between g and G) – ਮੰਨ ਲਉ । ਪੁੰਜ ਅਤੇ d ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੜਾ ਜਿਸ ਦਾ ਪੁੰਜ M ਅਤੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ R ਉੱਪਰ ਪਈ ਹੈ । ਮੰਨ ਲਉ ਕਿ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਗੇਂਦ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ r ਹੈ, ਅਰਥਾਤ r = d + R
ਧਰਤੀ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਬਲ F ਨਾਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰੇਗੀ ।
∴ F = G\(\frac{\mathrm{Mm}}{r^{2}}\) ……….. (1)
ਹੁਣ F = m × ਗੇਂਦ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਪ੍ਰਵੇਰਾ
ਜਾਂ F = mg ………….(2)
ਇੱਥੇ g ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦਾ ਗੁਰੂਤਵੀ-ਦੇਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਇਸ ਦੀ ਮੁੱਲ ਅਧਿਕਤਮ ਅਰਥਾਤ 9.81 ms2 ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸਮੀਕਰਨ (1) ਦੇ ਬਲ ਦੀ ਸਮੀਕਰਨ (2) ਦੇ ਬਲ ਨਾਲ ਤੁਲਨਾ ਕਰਨ ਤੇ-
m × g = G \(\frac{m \mathbf{M}}{r^{2}}\)
g = G\(\frac{\mathrm{M}}{r^{2}}\) …………… (3)

ਕਿਉਂਕਿ ਗੇਂਦ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੈ ਅਰਥਾਤ r<< R ਤਾਂ
ਜੋ r = R
ਸਮੀਕਰਨ (3) ਤੋਂ g = G\(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\) ………….(4)
ਸਮੀਕਰਨ (4) ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ‘g’ ਅਤੇ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਵੀ ਸਥਿਰ-ਅੰਕ ‘G’ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ਕਿ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਧਰਤੀ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਉੱਚੀ ਛਲਾਂਗ ਕਿਉਂ ਲਗਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਓ ਅ ਪੁੰਜ ਵਾਲਾ ਵਿਅਕਤੀ, M ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਧਰਤੀ ਜਿਸਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ Rਹੈ ਦੀ ਸੜਾ ਉੱਪਰ ਖੜ੍ਹਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਉਸ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਲਗਾ ਕੇ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ ।
∴ F = m × ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਇਆ ਪ੍ਰਵੇਰਾ
F = m × G ………..(i)
ਇੱਥੇ g ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦਾ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
m × g = \(\frac{\mathrm{G} \times m \times \mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\)
ਜਾਂ g = G × \(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\) …………………(ii)

ਜੇਕਰ ਸਮੀਕਰਨ (ii) ਵਿੱਚ ਚੰਦਰਮਾ ਦੇ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੇ ਮੁੱਲ ਭਰ ਦੇਈਏ, ਤਾਂ ਚੰਨ ਉੱਤੇ 8 ਦਾ ਮੁੱਲ 8w ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 9
∴ gm = \(\frac{1}{6}\) × g
ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਪ੍ਰਵੇਗ = \(\frac{1}{6}\) × ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਹੁਣ ਕਿਉਂਕਿ ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ
ਦਾ \(\frac{1}{6}\) ਵਾਂ ਭਾਗ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਵਿਅਕਤੀ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਨਾਲੋਂ ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ 6 ਗੁਣਾ ਉੱਚੀ ਛਲਾਂਗ ਲਗਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਆਰਕੀਮਿਡੀਜ਼ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ ਕੀ ਹੈ ? ਪ੍ਰਯੋਗਿਕ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਇਸ ਨੂੰ ਸਿੱਧ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਰਕੀਮਿਡੀਜ਼ ਦਾ ਸਿਧਾਂਤ- ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਤਰਲ ਵਿੱਚ ਪੂਰਨ ਤੌਰ ਤੇ ਜਾਂ ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਲ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਗਏ ਤਰਲ ਦੇ ਭਾਰ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।”
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 10
ਯੋਗਿਕ ਪੜਤਾਲ – ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਲਓ ਅਤੇ ਇਸਨੂੰ ਕਮਾਨੀਦਾਰ ਤੁਲਾ (ਸਪਰਿੰਗ ਬੈਲੈਂਸ) ਦੇ ਹੁੱਕ ਨਾਲ ਬੰਨੋ । ਤੁਲਾ ਨੂੰ ਸਟੈਂਡ ‘ਤੇ ਲਟਕਾਓ ਜਾਂ ਫਿਰ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਪੱਕੜ ਕੇ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਲਟਕਾਓ । ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਪੱਥਰ ਦਾ ਭਾਰ ਕਮਾਨੀਦਾਰ ਤੁਲਾ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ ਨੋਟ ਕਰਕੇ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਹੁਣ ਬੀਕਰ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰ ਕੇ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਪਏ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋ ਦਿਉ ਜਿਵੇਂ ਚਿੱਤਰ (b) ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਜਦੋਂ ਪੱਥਰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਮਾਨੀਦਾਰ ਤੁਲਾ ਦੀ ਪੜ੍ਹਤ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋਣ ਨਾਲ ਪੱਥਰ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਘਾਟ ਆ ਗਈ ਹੈ । ਪਹਿਲੀ ਪੜ੍ਹਤ ਵਿੱਚੋਂ ਦੂਜੀ ਪੜ੍ਹਤ ਨੂੰ ਘਟਾ ਕੇ ਪੱਥਰ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਘਾਟ ਪਤਾ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਜਿਉਂ ਹੀ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਵੇਗਾ, ਤਾਂ ਹੀ ਪੱਥਰ ਦੇ ਆਇਤਨ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਆਇਤਨ ਦਾ ਪਾਣੀ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਇੱਕ ਹੋਰ ਬੀਕਰ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲਉ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਦਾ ਭਾਰ ਪੱਥਰ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਕਮੀ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਰਕੀਮਿਡੀਜ਼ ਦਾ ਨਿਯਮ ਸਿੱਧ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਹੜਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ, 1 kg ਲੋਹੇ ਉੱਪਰ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਧਰਤੀ ਵੱਲੋਂ ਆਕਰਸ਼ਣ-ਬਲ ਜਾਂ ਧਰਤੀ ਉੱਪਰ ਲੱਗ ਰਿਹਾ 1 kg ਲੋਹੇ ਵਲੋਂ ਆਕਰਸ਼ਣ-ਬਲ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਇਹ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਆਪਸੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਨਾ ਤਾਂ ਧਰਤੀ ਲੋਹੇ ਉੱਪਰ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਲੋਹਾ ਧਰਤੀ ਉੱਪਰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਪਰ ਕਿਉਂਕਿ ਲੋਹੇ ਦਾ ਪੁੰਜ ਧਰਤੀ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਧਰਤੀ 1 kg ਲੋਹੇ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚ ਲੈਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਗਤੀ ਇਹ ਦੱਸਦੀ ਹੈ ਕਿ ਧਰਤੀ 1 kg ਲੋਹੇ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਲ ਲਗਾ ਰਹੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
G ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਕਿਉਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
G ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਇਸ ਲਈ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਾਰੇ ਹੀ ਹਿਮੰਡ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਸੰਖਿਅਕ ਮੁੱਲ ਇੱਕੋ ਹੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ G ਦਾ ਮੁੱਲ 6.67 ×10--11 N-m2 /kg2 ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਗਿਆਤ ਸਥਿਤੀ ਉੱਪਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਸਤੂਆਂ ਲਈ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਵੱਖਰਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (g) ਅਤੇ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਵੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਤੋਂ ਅਸੀਂ
ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\) ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਸੰਬੰਧ ਤੋਂ ਇਹ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ 8 ਦਾ ਮੁੱਲ ਵਸਤੂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਇਸ ਸਿੱਟੇ ‘ਤੇ ਪੁੱਜਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਕਿਸੇ ਗਿਆਤ ਸਥਿਤੀ ਉੱਪਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਸਤੁਆਂ ਲਈ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕੀ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਧਰੁਵਾਂ ਉੱਤੇ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 11
ਧਰਤੀ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੋਲ ਨਹੀਂ ਹੈ ਸਗੋਂ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਅੰਡਾਕਾਰ (ਇਲਿਪਸੀ) ਹੈ । ਇਹ ਧਰੁਵਾਂ ਦੇ ਨੇੜੇ ਪੱਧਰੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਦੇ ਨੇੜੇ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਉੱਠੀ ਹੋਈ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਲਗਪਗ 6378 ਕਿ.ਮੀ. ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 6357 ਕਿ. ਮੀ. ਹੈ । ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਨਾਲੋਂ 21 ਕਿ. ਮੀ. ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^{2}}\) ਅਰਥਾਤ g ਦਾ ਮੁੱਲ R ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ (g ∝ \(\frac{1}{\mathrm{R}^{2}}\)) ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ, ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ , ਇਸ ਲਈ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ ਧਰੁਵ ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਭਾਰਹੀਨ ਕਿਉਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰਹੀਨ ਹੋਣਾ-ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਜਾਣ ਵੇਲੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ (9) = 0 ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਜਿਸਦਾ ਪੁੰਜ ਅ ਹੈ ਦਾ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਭਾਰ = m × g
= m × 0
= 0 ਸਿਫ਼ਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਵਸਤੂ ਭਾਰਹੀਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਟੈਨਿਸ ਦੀ ਗੇਂਦ ਮੈਦਾਨਾਂ ਨਾਲੋਂ ਪਹਾੜਾਂ ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਉਛਲਦੀ ਹੈ । ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਅਸੀਂ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਿਵੇਂ-ਤਿਵੇਂ ਗੁਰੁਤਵੀ ਵੇਗ (g) ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਹਾੜਾਂ ਦੀ ਮੈਦਾਨੀ ਇਲਾਕਿਆਂ ਨਾਲੋਂ ਉੱਚਾਈ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ਼ ਕਰਕੇ ਗੇਂਦ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਪਹਾੜਾਂ ਤੇ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਪਹਾੜਾਂ ਤੇ ਗੇਂਦ ਮੈਦਾਨੀ ਇਲਾਕੇ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਉਛਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਲਗਪਗ 9.8 ਨਿਊਟਨ ਹੈ । ਇਸ ਕਥਨ ਦੀ ਪੁਸ਼ਟੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (g) ਦਾ ਮੁੱਲ 9.8 m2 ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਭਾਰ ਲਈ ਸੰਬੰਧ ਹੈ,
W = m × g
ਇੱਥੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰਾਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਮੁੱਲ ਭਰਨ ਮਗਰੋਂ,
9.8 = m × 9.8
ਜਾਂ m = \(\frac{9.8}{9.8}\)
m = 98
∴ m = 1 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ
ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਕਥਨ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ 1 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਗੁਰੂਤਾ ਅਧੀਨ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਾ ਅਧੀਨ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀ ਵਸਤੂ – ਗੁਰੂਤਾ ਅਧੀਨ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗ ਰਹੀ ਵਸਤੂ ਇਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗੇਗੀ । ਜੇਕਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਆਕਾਰ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚੋਂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗਣ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਇਕ ਸਮਾਨ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਹੋਵੇਗਾ ਅਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਵੱਧਦਾ ਰਹੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਇੱਕ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੁਣ ਕਿਹੜਾ ਹੈ, ਪੁੰਜ ਜਾਂ ਭਾਰ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੁਣ ਉਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਨਾ ਕਿ ਉਸਦਾ ਭਾਰ, ਕਿਉਂਕਿ ਅਜਿਹੀ ਕੋਈ ਥਾਂ ਨਹੀਂ ਜਿੱਥੇ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਪੁੰਜ ਨਾ ਹੋਵੇ | ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ‘ਤੇ ਵਸਤੁ ਦਾ ਭਾਰ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੁ ਪੁੰਜ ਜ਼ੀਰੋ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕੋਈ ਵੀ ਵਸਤੂ ਜਿਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਿਹੜੀ ਥਾਂ ਘੇਰਦੀ ਹੈ ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜੋ ਕਿ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦੱਸਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੁਣ ਉਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਹੈ ਨਾ ਕਿ ਉਸਦਾ ਭਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ
(i) g (ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ) ਅਤੇ (ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ) ਸਥਿਰ ਅੰਕ G
(ii) ਭਾਰ ਅਤੇ ਪੁੰਜ
(iii) ਪੁੰਜ ਕੇਂਦਰ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

‘g’ (ਗਰਤਾ ਪਵੇਗ) ‘G’ (ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ)
(1) ਇਹ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ । (1) ਇਹ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਲ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (2) ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਭ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਸਰਵ-ਵਿਆਪਕ ਸਥਿਰ ਅੰਕ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਸ ਦਾ ਧਰਤੀ ਉੱਤੇ ਮੁੱਲ 9.8 m/s2 ਹੈ । (3) ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਲ 6.67 × 10-11 N-m2/kg2 ਹੈ ।

(ii) ਭਾਰ ਅਤੇ ਪੁੰਜ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਭਾਰ (Weight) ਪੁੰਜ (Mass)
(1) ਭਾਰ ਉਹ ਬਲ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਸਤੂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਵੱਲ ਖਿੱਚੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (1) ਪੁੰਜ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਹੈ ।
(2) ਭਾਰ ਇੱਕ ਸਦਿਸ਼ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ । (2) ਪੁੰਜ ਇੱਕ ਅਦਿਸ਼ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ।
(3) ਇਹ ਰਾਸ਼ੀ ਸਥਿਰ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਬਦਲਦੀ ਹੈ । (3) ਇਹ ਇੱਕ ਸਥਿਰ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ।
(4) ਭਾਰ ਸਪਰਿੰਗ-ਬੈਲੇਂਸ ਨਾਲ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (4) ਪੁੰਜ ਡੰਡੀ-ਤੱਕੜੀ ਨਾਲ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(5) ਵਸਤੁ ਦਾ ਭਾਰ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (ਅਰਥਾਤ g = 0). (5) ਪੁੰਜ ਕਿਸੇ ਥਾਂ ਤੇ ਵੀ ਜ਼ੀਰੋ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(6) ਇਸ ਨੂੰ ਨਿਊਟਨ ਜਾਂ ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । (6) ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਵਿੱਚ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਪੰਜ ਕੇਂਦਰ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ – ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਤੇ ਜਾਂ ਇਸੇ ਦੇ ਨਜ਼ਦੀਕ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਜਿੱਥੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਬਲ ਸਥਿਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਪੰਜ ਕੇਂਦਰ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਪੁੰਜ ਕੇਂਦਰ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਵਸਤੁ ਉੱਤੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਅਨੁਭਵ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਹ ਬਿੰਦੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਗੁਰੂਤਾ ਬਲ ਸੰਪੂਰਨ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਮੰਨਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਅਸੀਂ ਸਾਰੇ ਤਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਹਿਲਾਏ-ਜੁਲਾਏ ਬਗੈਰ ਆਪਣੀ ਉਂਗਲੀ ਵੀ ਨਹੀਂ ਹਿਲਾ ਸਕਦੇ । ਟਿੱਪਣੀ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਉਂਗਲੀ ਹਿਲਾਉਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਉਂਗਲੀ ਅਤੇ ਬ੍ਰਹਿਮੰਡ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੁਰੀ ਬਦਲ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਨਤੀਜੇ ਵਜੋਂ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਪਰ ਇਹ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਬਹੁਤ ਹੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਅਤੇ ਗੁਰੁਤਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ – ਇਹ ਇਸ ਹਿਮੰਡ ਦੀਆਂ ਕਿਸੇ ਦੋ ਵਸਤੁਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਆਕਰਸ਼ਣ ਹੈ ।
ਗੁਰੂਤਾ – ਇਹ ਧਰਤੀ ਦੁਆਰਾ ਇਸ ਦੀ ਸਤਹ ਜਾਂ ਇਸ ਦੇ ਨੇੜੇ ਸਥਿਤ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸੂਰਜ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੀ ਗਤੀ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਰੇ ਹਿ ਆਪਣੇ-ਆਪਣੇ ਪੱਥ ਵਿੱਚ ਸੂਰਜ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਉਸਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਘੁੰਮਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਗਤੀ ਵੀ ਬਿਲਕੁਲ ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ, ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੰਨ ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਾਰਨ ਧਰਤੀ ਦੁਆਲੇ ਘੁੰਮਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 12

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਵਹਾਰਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਕੁੱਝ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ-

  1. ਸੂਰਜ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਹੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਕਾਰਨ ਹੀ ਧਰਤੀ, ਸੂਰਜ ਦੁਆਲੇ ਆਪਣੀ ਗਤੀ ਬਣਾਈ ਰੱਖਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸੂਰਜੀ ਪਰਿਵਾਰ ਦੀ ਹੋਂਦ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੈ ।
  3. ਹਿ ਦੇ ਤਲ ਤੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲਾ ਉਪਸਥਿਤੀ ਜਵਾਰਭਾਟਾ ਸੁਰਜ, ਚੰਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚਕਾਰ ਕਿਰਿਆ ਕਰ ਰਹੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੀ ਅਸੀਂ ਧਰਤੀ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਨਾਲ ਖੜੇ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਾਂ।
  6. ਬਣਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਨੂੰ ਚੱਕਰ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦਾ ਬਲ ਵੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪੁੰਜ ਦੇ ਗੁਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜ-ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਪੰਜ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਪੁੰਜ ਦੇ ਗੁਣ-ਇਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਗੁਣ ਹਨ-

  1. ਇਹ ਇੱਕ ਸਕੇਲਰ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਹਰ ਥਾਂ ਤੇ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਸ ਨੂੰ ਭੌਤਿਕ ਤੁਲਾ ਦੁਆਰਾ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਭਾਰ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਉਸ ਦੇ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ‘g’ ਦਾ ਗੁਣਨਫਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਦਾ ਮੁੱਲ ਵਸਤੂ ਦੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
∴ g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}_{e}^{2}}\)

ਗੁਰੁਤਵੀ ਵੇਗ ਵਸਤੁ ਦੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਭਾਰ ਵੀ ਵਸਤੂ ਦੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੋਵੇਗਾ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਤਲ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਸਾਡੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ ਦੂਰੀ ਵੱਧਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਸਾਡਾ ਭਾਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਾ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜਾਈਏ, ਤਾਂ ਸਾਡਾ ਭਾਰ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ \(\frac {1}{4}\) ਹਿੱਸਾ ਰਹਿ ਜਾਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ‘ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ? ਉਸਦਾ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਧਰਤੀ ਉਸ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਗੁਰੁਤਾ ਬਲ ਕਾਰਨ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਨੂੰ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ । ਗੁਰੁਤਾ ਬਲ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਵੇਗ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟੀ ਗਈ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਪਰ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟੀ ਗਈ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ = – 9.8 m/s2 ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਸੁੱਟੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸਦਾ ਵੇਗ 9.8 m/s2 ਦੀ ਦਰ ਨਾਲ ਘੱਟਦਾ ਹੈ । ਵੇਗ ਉਦੋਂ ਤਕ ਘੱਟਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਤਕ ਜ਼ੀਰੋ ਨਹੀਂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ | ਅਧਿਕਤਮ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਉਛਾਲ ਬਲ ਧਕੇਲ ਬਲ) ਅਤੇ ਉਛਾਲ ਕੇਂਦਰ ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਛਾਲ ਬਲ (ਧਕੇਲ ਬਲ)-ਹਰੇਕ ਤਰਲ ਆਪਣੇ ਅੰਦਰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਾਂ ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਨਾਲ ਡੁੱਬੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਉਛਾਲ ਬਲ (ਧਕੇਲ ਬਲ) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਡੁੱਬੀ ਹੋਈ ਵਸਤੁ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਗਏ ਤਰਲ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ’ਤੇ ਉਛਾਲ ਬਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਟਾਏ ਗਏ ਤਰਲ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਕੇਂਦਰ ਨੂੰ ਉਛਾਲ ਕੇਂਦਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਨਦੀਆਂ ਉੱਪਰ ਬਣਾਏ ਗਏ ਬੰਨ (ਡੈਮ ਦੀ ਦੀਵਾਰ ਹੇਠਾਂ ਮੋਟੀ ਅਤੇ ਉੱਪਰਲੇ ਹਿੱਸੇ ਵਿੱਚ ਪਤਲੀ ਕਿਉਂ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੰਨ੍ਹ (ਡੈਮ ਦੀ ਦੀਵਾਰ ਦਾ ਹੇਠਲਾ ਹਿੱਸਾ ਮੋਟਾ ਅਤੇ ਉੱਪਰਲੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਪਤਲਾ ਬਣਾਉਣਾ-ਡੈਮ ਦੀ ਗਹਿਰਾਈ ਬਹੁਤ ਅਧਿਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਤਰਲ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਦਾਬ ਉਸ ਬਿੰਦੂ ਦੀ ਮੁਕਤ ਤਲ ਦੀ ਗਹਿਰਾਈ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਡੈਮ ਦੀ ਤਲੀ ਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਦਾਬ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਬੰਨ੍ਹ ਦੀ ਦੀਵਾਰ ਦੇ ਹੇਠਲੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਦਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਜਾਈਏ ਦਾਬ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਡੈਮ ਦੀ ਦੀਵਾਰ ਹੇਠਾਂ ਮੋਟੀ ਅਤੇ ਉੱਪਰਲੇ ਭਾਗ ਵਿਚ ਪਤਲੀ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 13

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਭਾਰੀ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਪਹੀਆਂ ਦੇ ਟਾਇਰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਚੌੜੇ ਕਿਉਂ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰੀ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਟਾਇਰ ਚੌੜੇ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਖੇਤਰਫਲ A ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੜਕ ਜਾਂ ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਦਾਬ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਦਾਬ ਅਤੇ ਖੇਤਰਫਲ ਉਲਟੇ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸੇ ਲਈ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਪਹੀਏ ਘੱਟ ਦਾਬ ਕਾਰਨ ਸੜਕ ਵਿੱਚ ਧੱਸਣ ਤੋਂ ਬੱਚ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਨਹਿਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਰਨ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸੁਖਾਲਾ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਹਿਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਰਨਾ ਸੁਖਾਲਾ-ਨਹਿਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ ਸਮੁੰਦਰ (ਲੂਣ ਘੁਲਿਆ ਹੋਣ ਕਾਰਨ) ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਤਰਨ ਲਈ ਘੱਟ ਪਾਣੀ ਦਾ ਆਇਤਨ ਹਟਾਉਣਾ ਪਵੇਗਾ (ਅਰਥਾਤ ਸਰੀਰ ਦਾ ਘੱਟ ਭਾਗ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇਗਾ) । ਇਸ ਲਈ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਨਹਿਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਸਮੁੰਦਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਰਨਾ ਸੁਖਾਲਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਖੂਹ ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਣੀ ਖਿੱਚਦੇ ਸਮੇਂ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰੀ ਹੋਈ ਬਾਲਟੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਆਉਣ ਤੇ ਹੌਲੀਹੌਲੀ ਭਾਰੀ ਕਿਉਂ ਮਾਲੂਮ ਹੋਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ? . ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਬਾਲਟੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਗਏ ਪਾਣੀ ਦੇ ਭਾਰ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਉਛਾਲ ਬਲ ਲਗਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਬਾਲਟੀ ਅਸਲੀ ਭਾਰ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਘੱਟ ਭਾਰੀ ਮਾਲੂਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਬਾਲਟੀ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਉਸ ਉੱਪਰ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਉਛਾਲ-ਬਲ ਦਾ ਮਾਨ ਘੱਟ ਹੋਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬਾਲਟੀ ਭਾਰੀ ਜਾਪਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਬਰਾਬਰ ਬਲ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਮੋਟੇ ਨੋਕ ਵਾਲੀ ਕਿੱਲ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਬਰੀਕ ਨੋਕ ਵਾਲੀ ਕਿੱਲ ਦੀਵਾਰ ਵਿੱਚ ਛੇਤੀ ਕਿਉਂ ਖੁੱਭ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? .
ਉੱਤਰ-
ਬਰੀਕ ਨੋਕ ਵਾਲੀ ਕਿੱਲ ਦੇ ਸਿਰੇ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ, ਮੋਟੀ ਕਿੱਲ ਦੇ ਸਿਰੇ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਦੋਨੋਂ ਕਿੱਲਾਂ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਬਲ ਲਗਾਉਣ ਤੇ ਬਰੀਕ ਨੋਕ ਵਾਲੀ (ਨੁਕੀਲੀ) ਕਿੱਲ ਮੋਟੀ ਕਿੱਲ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵੱਧ ਦਾਬ ਪਾਏਗੀ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਹ ਸੌਖ ਨਾਲ ਦੀਵਾਰ ਵਿੱਚ ਧੱਸ ਜਾਏਗੀ ।

ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੂਤਰ (Important Formulae)

1. F = G\(\frac{\mathbf{M m}}{\mathbf{R}^{2}}\)
2. F = mg
3. g = G\(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^{2}}\)
4. υ = u + gt
5. υ2 = u2 + 2gh
6. h = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
7. ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ (gm ) = \(\frac {1}{6}\) × ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ
ਲੋੜੀਂਦੇ ਆਂਕੜੇ
ਧਰਤੀ
ਪੁੰਜ = 6 × 1024kg
ਅਰਧ-ਵਿਆਸ = 6.4 × 106 m (6400 km)
ਸੂਰਜ ਤੋਂ ਦੂਰੀ = 1.5 × 1011 m
ਚੰਨ
ਪੁੰਜ = 7.3 × 1022 kg

ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Problems)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
1 kg ਵਾਲੇ ਦੋ ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੀ ਗਣਨਾ ਕਰੋ ਜਦੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ 3m ਹੋਵੇ । ਗਿਆਤ ਹੈ ਕਿ G = 6.67 x 10-11 N-m2kg2
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 14
ਇੱਥੇ m1 = m2 = 1 kg
ਦੋਨਾਂ ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ r = 3 m
ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੁਤਵੀ ਸਥਿਰ ਅੰਕ = G = 6.67 × 10-11 N-m2/kg2
ਦੋਨਾਂ ਗੋਲਿਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਗੁਰੂਤਵੀ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ, F = ?
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਵਿਸ਼ਵ-ਵਿਆਪੀ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
F = \(\frac{\text { G. } m_{1} \cdot m_{2}}{r^{2}}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 1 \times 1}{3^{2}}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11}}{9}\)
= 0.741 × 10-11 N
= 7.41 × 10-12 ਨਿਊਟਨ

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਸਤੂ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਤਿਸ਼ਤ ਤਬਦੀਲੀ ਦੱਸੋ ਜਦੋਂ ਇਸ ਨੂੰ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੋਂ ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ਲਿਜਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 6357 km ਹੈ ਅਤੇ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ 6378 km ਹੈ ।
ਹੱਲ:
ਧਰੁਵੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ (r) = 6357 km
ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖੀ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ (R) = 6378 km
∴ h = R – r
= 6378 – 6357
h = 21 km
R = 6400 km (ਲਗਪਗ)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 15
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 16

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਦਾ ਮੁੱਲ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਪਰਲੇ ਮੁੱਲ ਤੋਂ ਅੱਧਾ ਹੋਵੇਗਾ ? ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ‘R’ ਮੰਨ ਲਓ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ h ਉੱਚਾਈ ਹੈ ਜੋ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੈ ਜਿੱਥੇ g’ = \(\frac{g}{2}\) ਹੈ, ਤਾਂ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 17
√2R = R + h
h = √2 R – R
∴ h = R(√2 – 1)
= R (1.414 – 1)
(∵ √2 = 1.414)
= R (0.414)
∴ h = 0.414 R

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਗੇਂਦ 40 ਮੀਟਰ ਉੱਚੇ ਮੀਨਾਰ ਦੇ ਸ਼ਿਖਰ ਤੋਂ ਸੁੱਟੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । 20 ਮੀਟਰ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਨ ਉਪਰੰਤ ਇਸ ਦਾ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ? ਧਰਤੀ ਤੇ ਟਕਰਾਉਣ ਵੇਲੇ ਇਸਦਾ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
(i) ਇੱਥੇ, h = 40 m
u = 0
a = g = 10 m/s2
ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ S = 20 m
υ = ?
ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ ਲਗਾਉਣ ਤੇ υ2 – u2 = 2aS
υ2 – (0)2 = 2 x 10 x 20
∴ υ2 = 400
υ2 = \(\sqrt{400}\)
= 20 m/s

(ii) υ = ?
a = g = 10 m/s2
u = 0
S = h = 40 m
υ2 – u2 = 2 aS
υ2 – (0)2 = 2 × 10 × 40
υ2 = 800
υ = \(\sqrt{800}\)
= \(\sqrt{400 \times 2}\)
= \(\sqrt{400}\) × √2
= 20 × √2
∴ υ = 20√2 m/s

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਦੇ ਮੁੱਲ ਦਾ 4% ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ? ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ = 6400 km ਦਿੱਤਾ ਹੈ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਉ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ h ਦੂਰੀ (ਉੱਚਾਈ) ਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਦੇ ਮੁੱਲ ਦਾ 4% ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਤਾਂ, g’ = g ਦਾ 4%
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PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 19
ਜਾਂ h = 4 × R
= 4 × 6400 km
∴ h = 25600 km

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ 49 N ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਸਦਾ ਪੁੰਜ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ, W = 49 N
g = 9.8 ms-2
ਭਾਰ = ਪੁੰਜ × ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ
ਅਰਥਾਤ W = m × 8
ਜਾਂ 49 = m × 9.8
∴ m = \(\frac{49}{9.8}\) = 5 kg

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੇ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਛੱਤ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਸੁੱਟਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਜੇ ਉਹ 2 m ਉੱਚੀ ਖਿੜਕੀ ਨੂੰ 0.1 s ਵਿੱਚ ਪਾਰ ਕਰੇ, ਤਾਂ ਖਿੜਕੀ ਦੇ ਉੱਪਰੀ ਕਿਨਾਰੇ ਤੋਂ ਛੱਤ ਕਿੰਨੀ ਉੱਪਰ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 20
ਖਿੜਕੀ ਪਾਰ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਹੋਈ ਦੁਰੀ S = 2 m
g = 9.8 m/s2 ; t = 0.1 s.
ਹੁਣ ਜਦੋਂ ਪੱਥਰ ਖਿੜਕੀ ਦੇ ਉੱਪਰੀ ਕਿਨਾਰੇ ਤਕ ਪੁੱਜਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਦਾ ਵੇਗ υ ਹੈ ।
ਹੁਣ S = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2
2 = υ × 0.1+ \(\frac {1}{2}\) × 9.8 × (0.1)2
2 = 0.1 υ + 0.049
0.1 υ = 1.951
υ = 1951 × 10
= 19.51 ms-1
ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ u = 0
ਇਹ ਵੇਗ ਪੱਥ OA ਦੇ ਲਈ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ ਹੈ ।
ਇਸ ਲਈ υ2 – u2 = 2gS
(19.51)2 – (0)2 = 2 × 9.8 × S
S = \(\frac{19.51 \times 19.51}{2 \times 9.8}\)
= 19.41 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
70kg ਪੁੰਜ ਦੇ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ਤੇ ਭਾਰ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ? ਉਸ ਦਾ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਪੁੰਜ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਪੁੰਜ ਇੱਕ ਸਥਿਰ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਪੁੰਜ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਵੇਗਾ
ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪੁੱਜ = 70kg
∴ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਪੰਜ = 70kg
ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ (W1) = ?
ਧਰਤੀ ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ g = 9.8 m/s2
ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ’ਤੇ ਭਾਰ (W2) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ (w) = mg
ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ (W1) = 70 × 9.8 = 686 N
ਹੁਣ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਭਾਰ (W2) = \(\frac {1}{6}\) × ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਭਾਰ
= \(\frac{\mathrm{W}_{1}}{6}\)
= \(\frac{686 \mathrm{~N}}{6}\)
= 114.33 N

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ 600 N ਹੈ । ਚੰਦਰਮਾ ਦੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ, ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ ਦਾ \(\frac {1}{6}\) ਹੈ । ਜੇ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਵੇਗ 10 m/s2 ਹੈ ਤਾਂ ਚੰਦਰਮਾ ‘ ਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ ਤੇ ਭਾਰ ਪਤਾ ਕਰੋ ?
ਹੱਲ:
ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ = ਆ
g = 10 m/s2
w = mg = 600 N
m = \(\frac{600}{g}\)
= \(\frac{600}{10}\) = 60kg
ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਵੀ ਪੁੰਜ = 60 kg (∵ਪੁੰਜ ਸਥਿਰ ਹੈ)
ਚੰਦਰਮਾ ‘ਤੇ ਭਾਰ = \(\frac {1}{6}\) × mg
= \(\frac{m g}{6}\)
= \(\frac {1}{6}\)(600)
= 100 N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਿਸੇ ਉੱਭਰੀ ਹੋਈ ਚੱਟਾਨ (ਕਿੰਗਰੇ) ਤੋਂ ਇਕ ਕਾਰ 0.5 sec ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ । ਮਨ ਲਓ g = 10 m/s2 (ਗਣਨਾ ਨੂੰ ਸੌਖਾ ਕਰਨ ਲਈ) ।
(ਕ) ਧਰਤੀ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਹੋਏ ਕਾਰ ਦੀ ਚਾਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
(ਖ) 0.5 s ਦੌਰਾਨ ਇਸਦੀ ਔਸਤ ਚਾਲ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
(ਗ) ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਕਿੰਗਰੇ ਕਿੰਨੀ ਉੱਚਾਈ ‘ਤੇ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਸਮਾਂ t = 0.5 s.
ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ u = 0 m/s
ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ g = 10 m/s2
ਕਾਰ ਦਾ ਵੇਗ a = + 10 m/s2 (ਥੱਲੇ ਵੱਲ)

(ਕ) ਚਾਲ V = u + at
= 0 + 10 m/s2 × 0.5 s
= 5 m/s

(ਖ) ਔਸਤ ਚਾਲ = \(\frac{\mathrm{V}+u}{2}\)
= \(\frac{(0 \mathrm{~m} / \mathrm{s}+5 \mathrm{~m} / \mathrm{s})}{2}\)
= 2.5 m/s

(ਗ) ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ
S = ut + \(\frac {1}{2}\)at2
= 0 × 0.5 s + \(\frac {1}{2}\) × 10 ms2 × (0.5)2
= \(\frac {1}{2}\) × 10 m/s2 × 0.252
= 1.25 m
ਇਸ ਲਈ, S = 1.25 m

(i) ਧਰਤੀ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕਾਰ ਦੀ ਚਾਲ = 5 m/s
(ii) 0.5 s ਦੌਰਾਨ ਇਸਦੀ ਔਸਤ ਚਾਲ = 2.5 m/s
(iii) ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਕਿੰਗਰੇ (ਚੱਟਾਨ) ਦੀ ਉੱਚਾਈ = 1.25 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ 10 m ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪਤਾ ਕਰੋ
(i) ਵੇਗ ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਗਿਆ
(ii) ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਉੱਚਤਮ ਬਿੰਦੂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਵਿੱਚ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ।
ਹੱਲ:
ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ S = 10 m
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ V = 0 ms
ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ g = 9.8 m/s2
ਵਸਤੂ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਗ a = – 9.8 m/s2(ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ)

(i) v2 = u2 – 2aS
0 = u2 – 2 × 9.8 m/s2 × 10 m
– u = – 2 × 9.8 × 10 m/s.
u = \(\sqrt{196}\) ms-1
u = 14 ms-1

(ii) v = u + at
0 = 14 m/s – 9.8 m/s2 × t
9.8 × t = 14
∴ t = \(\frac{14 \mathrm{~m} / \mathrm{s}}{9.8 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2}}\)
= 1.43 s

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਮਾਪਣ ਤੇ 10 N ਹੈ । ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਮਾਪਣ ਤੇ ਉਸਦਾ ਭਾਰ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਚੰਨ ‘ਤੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ (Wm) = 1/6 × ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਉਸਦਾ ਭਾਰ (We).
ਜਾਂ Wm = \(\frac {1}{6}\) × We
= \(\frac {1}{6}\) × 10
= 1.67 N
ਇਸ ਲਈ ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਹੋਵੇਗਾ = 1.67 N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤੈਰਦੇ ਸਮੇਂ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਦਾ \(\frac {4}{5}\) ਭਾਗ ਡੁੱਬਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ | ਵਸਤੂ ਦੀ ਘਣਤਾ ਗਿਆਤ ਕਰੋ । ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ = 1000 kg/m3)
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਇਤਨ V ਅਤੇ ਘਣਤਾ d kg/m ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 21
∴ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਦੀ ਘਣਤਾ (d) = \(\frac {4}{5}\) × 1000
= 800 kg/m3

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਕੁੱਲ ਆਇਤਨ ਦਾ \(\frac {4}{5}\) ਭਾਗ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਉਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ 1.6 ਸਾਪੇਖ ਘਣਤਾ ਵਾਲੇ ਤਰਲ ਵਿੱਚ ਤਰਾਇਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦਾ ਕਿੰਨਾ ਭਾਗ ਡੁੱਬੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਵਸਤੂ ਦਾ ਆਇਤਨ V ਅਤੇ ਉਸ ਦੀ ਘਣਤਾ d ਹੈ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਰਾਉਣ ਸਮੇਂ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ) ਪਾਣੀ ਦਾ ਭਾਰ = ਵਸਤੂ ਦਾ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਭਾਰ
\(\frac {4}{5}\) V × 1 × g = V × d × g …………… (1)
ਮੰਨ ਲਓ ਤਰਲ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦੇ ਕੁੱਲ ਆਇਤਨ ਦਾ 1 ਭਾਗ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
∴ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਹਟਾਏ ਗਏ ਤਰਲ ਦਾ ਭਾਰ = ਵਸਤੂ ਦਾ ਹਵਾ ਵਿਚ ਭਾਰ
x V × 1.6 × g = V × d × 8 …………….. (2)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਅਤੇ (2) ਤੋਂ,
\(\frac {4}{5}\) V × 1 × g = x × V × 1.6 × g
ਜਾਂ x = \(\frac{4}{5 \times 1.6}\)
= \(\frac {1}{2}\)
ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਆਇਤਨ ਦਾ ਅੱਧਾ (\(\frac {1}{2}\)) ਭਾਗ ਤਰਲ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਲੱਕੜ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਦਾ ਕੁੱਲ ਭਾਰ 6 kg ਹੈ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤੈਰਦੇ ਸਮੇਂ ਇਭਾਗ \(\frac {1}{3}\) ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਟੁਕੜੇ ‘ਤੇ ਕਿੰਨਾ ਭਾਰ ਰੱਖੀਏ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਪੂਰਾ ਪਾਣੀ ਅੰਦਰ ਰਹਿ ਕੇ ਤੈਰਦਾ ਰਹੇ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਲੱਕੜ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਉੱਪਰ W ਭਾਰ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਇਹ ਪੂਰਾ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਡੁੱਬ ਕੇ ਤੈਰੇਗਾ ।
ਮੰਨ ਲਓ ਇਸ ਦਾ ਆਇਤਨ V ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਤੈਰਦੇ ਸਮੇਂ ਟੁਕੜੇ ਦੇ ਆਇਤਨ \(\frac {1}{3}\) ਦਾ ਭਾਗ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ,
ਟੁਕੜੇ ਦਾ ਭਾਰ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਪਾਣੀ ਦਾ ਭਾਰ,
6 = \(\frac {1}{3}\) V × d × g ………….. (1)
ਵਾਧੂ , ਭਾਰ W ਰੱਖ ਦੇਣ ਮਗਰੋਂ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
∴ 6 + W = V × d × g …………….. (2)
ਸਮੀਕਰਨ (2) ਨੂੰ (2) ਨਾਲ ਭਾਗ ਦੇਣ ਤੇ ।
\(\frac{6+W}{6}=\frac{3}{1}\)
ਜਾਂ 6 + W = 18
∴ ਲੱਕੜ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਦਾ ਭਾਰ W = 18 – 6
= 12 kg

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਇੱਕ ਹੈਲੀਕਾਪਟਰ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕਿਸ਼ਤੀ ਵਿੱਚ ਫਾਂਸੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਸਵਾਰੀਆਂ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦੇ ਪੈਕਟ ਸੁੱਟਣ ਲਈ ਭੇਜਿਆ ਗਿਆ । ਇਹ 20 m ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ 2 m/s ਦੇ ਇਕ ਸਮਾਨ ਖਿਤਿਜ ਵੇਗ ਨਾਲ ਉੱਡ ਰਿਹਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿਸ਼ਤੀ ਦਾ ਨੇੜਲਾ ਸਿਰਾ ਹੈਲੀਕਾਪਟਰ ਦੇ ਠੀਕ ਹੇਠਾਂ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੈਕਟ ਸੁੱਟੇ ਗਏ । ਜੇਕਰ ਕਿਸ਼ਤੀ 5 m ਲੰਮੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਕੀ ਕਿਸ਼ਤੀ ਵਿੱਚ ਬੈਠੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਸਵਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪੈਕਟ ਮਿਲ ਜਾਣਗੇ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ h = 20 m, u = 2 m/s g = 10 ms-2
ਉੱਚਾਈ ਵਾਲਾ ਰੇਂਜ, R = 2\(\sqrt{\frac{2 h}{g}}\)
= 2\(\sqrt{\frac{2 \times 20}{10}}\)
= 2√4
= 4 m
ਕਿਸ਼ਤੀ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = 5 m
ਇਸ ਲਈ ਕਿਸ਼ਤੀ ਵਿੱਚ ਬੈਠੀਆਂ ਸਵਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਪੈਕਟ ਮਿਲ ਜਾਣਗੇ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੂਰਜੀ ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੀ ਸੂਰਜ ਦੁਆਲੇ ਬੇਰੋਕ ਘੁੰਮਣ ਗਤੀ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪਰਸਪਰ ਗੁਰੂਤਵੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਚੰਦਰਮਾ ਦਾ ਧਰਤੀ ਦੁਆਲੇ ਗਤੀ ਦੇ ਪੱਥ ਦਾ ਆਕਾਰ ਕਿਸ ਸ਼ਕਲ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਲਿਪਸੀ ਜਾਂ ਅੰਡਾਕਾਰ ਸ਼ਕਲ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਾਲੇ ਲਗ ਰਹੇ ਆਪਸੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਗਣਿਤਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ । .
ਉੱਤਰ-
F = G.\(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
G ਦਾ ਸੰਖਿਅਕ ਮੁੱਲ ਕਿੰਨਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
G = 6.67 x 10-11 N-m2 kg2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇੱਕ ਬੈਂਚ ‘ਤੇ ਬੈਠੇ ਦੋ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਪਰਸਪਰ ਗੁਰੂਤਵੀ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਲਗਦਾ ਹੈ ਪਰ ਦੋਨੋਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਇਸ ਬਲ ਨੂੰ ਅਨੁਭਵ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ, ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ F = G. \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\) ਇੱਥੇ G ਦਾ ਮੁੱਲ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਇਹ ਬਲ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਅਨੁਭਵ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਕਿੰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ 8 = 9.81 m/s2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕੀ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਕਦੋਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ g ਦਾ ਮੁੱਲ ਘੱਟਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ 8 ਨੂੰ ਰਿਣਾਤਮਕ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪ੍ਰੋਜੈਕਟਾਈਲ ਦਾ ਗਤੀ ਪੱਥ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੈਰਾਬੋਲਿਕ ਪੱਥ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁੰਜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪੁੰਜ ਨੂੰ ਮਾਪਣ ਵਾਲੀ SI ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕਿਸ ਹਿੱਸੇ ਵਿੱਚ ਭਾਰ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ‘ਤੇ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਭਾਰ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਰਾਸ਼ੀ ਸਕੇਲਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਭਾਰ ਦੀ SI ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਟਨ (N) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਭਾਰ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ ? ਸਕੇਲਰ ਜਾਂ ਵੈਕਟਰ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰ ਇੱਕ ਕਿਸਮ ਦਾ ਬਲ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਵੈਕਟਰ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪੁੱਜ 30 ਕਿ. ਗ੍ਰਾਮ ਹੈ, ਤਾਂ ਦੱਸੋ ਚੰਦਰਮਾ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਇਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜ ਇੱਕ ਸਥਿਰ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੂ ਦਾ ਚੰਦਰਮਾ ਉੱਤੇ ਪੁੱਜ ਓਨਾ ਹੀ ਹੋਵੇਗਾ, ਜਿੰਨਾ ਉਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਧਰਤੀ ਉੱਪਰ ਹੈ ਅਰਥਾਤ 30 ਕਿ. ਗ੍ਰਾਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ’ ਤੇ ‘g’ ਦਾ ਮੁੱਲ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ‘ਤੇ G = 0

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਦੱਸੋ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਕਿੱਥੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ – ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ਜਾਂ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ‘ਤੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾ ਕਰਨ ਤੇ ਗੁਰੂਤਵੀ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ’ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਹਿਲਾਂ ਨਾਲੋਂ \(\frac {1}{9}\) ਵੀ ਭਾਗ ਰਹਿ ਜਾਵੇਗਾ ।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

PSEB 6th Class Science Guide ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ Textbook Questions, and Answers

1. ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ ਬਣਨ

(i) ਮੱਛੀ ਦਾ ਸਾਹ ਅੰਗ …………… ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਲਫੜਾ,

(ii) ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ………….. ਅਤੇ …………. ਭਾਗ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਜੀਵ, ਨਿਰਜੀਵ

(iii) ਸੂਰਜ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਆਵਾਸ ਦਾ ………….. ਭਾਗ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਿਰਜੀਵ ਜਾਂ ਭੌਤਿਕ,

(iv) ਧਰਤੀ ਤੇ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ………….. ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਥਲੀ ਜੀਵ,

(v) ਸਾਰੇ ………….. ਵਾਧਾ ਦਿਖਾਉਂਦੇ ਅਤੇ ਪ੍ਰਣਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਜੀਵ ।

2. ਸਹੀ ਜਾਂ ਗਲਤ ਲਿਖੋ ਨਰ-

(i) ਕੈਕਟਸ ਆਪਣੇ ਤਣਿਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸਲੇਸ਼ਣ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਹੀ,

(ii) ਊਠ ਦਾ ਕੁੱਬ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਇਕੱਠਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਹੀ,

(iii) ਸਾਰੇ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਉਤਪਾਦਕ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਹੀ,

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

(iv) ਜੈਵਿਕ ਭਾਗ ਪਾਣੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਗ਼ਲਤ ।

3. ਕਾਲਮ ‘ਉ’ ਅਤੇ ‘ਅ’ ਦਾ ਮਿਲਾਨ ਕਰੋ-

ਕਾਲਮ ‘ਉ’ ਕਾਲਮਅ’
(ਉ) ਧਰਤੀ ਉੱਤੇ ਊਰਜਾ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸ੍ਰੋਤ (i) ਪੌਦੇ ਜਾਂ ਜਾਨਵਰ
(ਅ) ਬ੍ਰਿਛਵਾਸੀ (ii) ਸੂਲਾਂ ਕੰਡੇ
(ਇ) ਕੈਕਟਸ (iii) ਬਾਂਦਰ
(ਸ) ਜੈਵਿਕ ਅੰਸ਼ (iv) ਸੂਰਜ

ਉੱਤਰ –

ਕਾਲਮ ‘ਉ’ ਕਾਲਮ ‘ਅ’
(ਉ) ਧਰਤੀ ਉੱਤੇ ਊਰਜਾ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸ੍ਰੋਤ (iv) ਸੂਰਜ
(ਅ) ਬਿਛਵਾਸੀ (iii) ਬਾਂਦਰ
(ਇ) ਕੈਕਟਸ (ii) ਸੂਲਾਂ (ਕੰਡੇ)
(ਸ) ਜੈਵਿਕ ਅੰਸ਼ (i) ਪੌਦੇ ਜਾਂ ਜਾਨਵਰ

4. ਸਹੀ ਉੱਤਰ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰੋ ਸ਼ਰਾਰ ਹੋ-

(i) ਅਜੈਵਿਕ ਅੰਸ਼ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹਨ
(ਉ) ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਪੌਦੇ
(ਅ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਮਿੱਟੀ
(ਈ) ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜਾਨਵਰ
(ਸ) ਮਿੱਟੀ, ਪੌਦੇ, ਪਾਣੀ ॥
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਮਿੱਟੀ ।

(ii) ਕੈਕਟਸ ਇੱਕ
(ਉ) ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਾ
(ਅ) ਨਿਖੇੜਕ
(ਈ) ਜਲੀ ਪੌਦਾ
(ਸ) ਜੜੀ-ਬੂਟੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਾ ।

(iii) …………. ਦਾ ਸਰੀਰ ਧਾਰਾ ਰੇਖੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਉ) ਗੰਡੋਏ ।
(ਅ) ਚੀਤੇ
(ਈ) ਮੱਛੀਆਂ
ਸਿ) ਪਹਾੜੀ ਰਿੱਛ ॥
ਉੱਤਰ-
(ਈ) ਮੱਛੀਆਂ ।

(iv) ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ …………. ਜੀਵ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(ਉ) ਜਲੀ
(ਅ) ਸਥਲੀ
(ਈ) ਸਥਲੀ ਪੌਦੇ
(ਸ) ਹਵਾਈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਜਲੀ ।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

5. ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ-

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
ਆਵਾਸ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਜਗਾ ਜਿੱਥੇ ਸਜੀਵ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਉਸਦਾ ਆਵਾਸ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ! ਆਪਣੇ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਜੀਵ ਭੋਜਨ, ਪਾਣੀ, ਹਵਾ, ਸਹਾਰਾ, ਸੁਵਿਧਾ, ਬਚਾਅ ਅਤੇ ਸੁਰੱਖਿਆ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
ਸਥਲੀ ਅਤੇ ਜਲੀ ਜੀਵਾਂ ਦੀਆਂ ਦੋ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਥਲੀ ਜੀਵ-ਸ਼ੇਰ ਚੀਤਾ ॥ ਜਲੀ ਜੀਵ-ਡੱਡੂ, ਸ਼ਾਰਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii)
ਅਨੁਕੂਲਤਾ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਤ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਨਾਲ ਤਾਲਮੇਲ ਬਣਾ ਕੇ ਰਹਿਣ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਨੂੰ ਅਨੁਕੂਲਤਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv)
ਉਤਪਾਦਕ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਹੜੇ ਜੀਵ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਆਪ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਉਤਪਾਦਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ ਹਰੇ ਦੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਤਪਾਦਕ ਇਸ ਲਈ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਆਪ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v)
ਜੈਵਿਕ ਅੰਸ਼ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਜਿਵੇਂ ਪੌਦੇ, ਜਾਨਵਰ, ਮਨੁੱਖ ਅਤੇ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਨੂੰ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੇ ਜੈਵਿਕ ਭਾਗ ਜਾਣ ਅੰਸ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

6. ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ-

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
ਮ੍ਰਿਤਆਹਾਰੀ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਕ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਮ੍ਰਿਤਆਹਾਰੀ (Seprophytes)fousa (Decomposers)- ਕੁੱਝ ਜੰਤੂ ਮਰੇ ਹੋਏ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਵਜੋਂ ਖਾਂਦੇ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ, ਜਿਹੜੇ ਮਰੇ ਹੋਏ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਡੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਵਜੋਂ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਮਦਦ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਵਿੱਚ ਤੋੜ ਦਿੰਦੇ ਹਨ, ਨੂੰ ਨਿਖੇੜਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ-ਗਿਰਝ, ਕੁੱਤਾ, ਇੱਲ, ਕਾਂ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ-ਜੀਵਾਣੂ ਅਤੇ ਉੱਲੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
ਮੱਛੀ ਦੀਆਂ ਦੋ ਅਨੁਕੂਲਨ ਸੰਬੰਧੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀ ਦੀਆਂ ਦੋ ਅਨੁਕੂਲਨ ਸੰਬੰਧੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਹਨ

  • ਇਸ ਦਾ ਸਰੀਰ ਰੇਖਾ-ਧਾਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਲ ਵਿਚੋਂ ਘੁਲੀ ਹੋਈ ਆਕਸੀਜਨ ਲੈਣ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਗਲਫੜਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii)
ਮਾਰੂਥਲ ਦਾ ਜਹਾਜ਼ ਕਿਸ ਜਾਨਵਰ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਕੋਈ ਦੋ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਠ ਨੂੰ ਮਾਰੂਥਲ ਦਾ ਜਹਾਜ਼ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਊਠ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕਰਕੇ ਉਹ ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਜ਼ਿੰਦਾ ਰਹਿ ਸਕਦਾ ਹੈ, ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਹਨ –

  • ਊਠ ਵਿੱਚ ਪਸੀਨੇ ਦੀਆਂ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨੁਕਸਾਨ ਨੂੰ ਘਟਾਉਣ ਲਈ ਉਹ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਪਿਸ਼ਾਬ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਠ ਦੀ ਪਿੱਠ ਤੇ ਇੱਕ ਜਾਂ ਦੋ ਕੁੱਬ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਊਠ ਕੁੱਬ ਵਿੱਚ ਚਰਬੀ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਵਜੋਂ ਜਮਾਂ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  • ਮਾਰੂਥਲ ਦੀ ਗਰਮੀ ਨੂੰ ਸਹਿਣ ਲਈ ਇਸਦੀ ਚਮੜੀ ਬਹੁਤ ਮੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਇਸਦੇ ਪੈਰ ਚੌੜੇ ਅਤੇ ਗੱਦੇਦਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਮਾਰੂਥਲ ਦੀ ਗਰਮ ਰੇਤ ‘ਤੇ ਤੁਰਨ ਲਈ ਢੁੱਕਵੇਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv)
ਡੁੱਬੇ ਹੋਏ ਅਤੇ ਤੈਰਨ ਵਾਲੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਡੁੱਬੇ ਹੋਏ ਪੌਦੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਤੈਰਨ ਵਾਲੇ ਪੌਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਤੈਰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

7. ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ –

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
ਟਿੱਪਣੀ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਉਤਪਾਦਕ
(ਅ) ਖਪਤਕਾਰ
(ਇ) ਨਿਖੇੜਕ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਉਤਪਾਦਕ-ਜਿਹੜੇ ਜੀਵ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਆਪ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ, ਨੂੰ ਉਤਪਾਦਕ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ ਹਰੇ ਪੌਦੇ । ਇਹ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਸਲੇਸ਼ਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਆਪ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ |

(ਅ) ਖਪਤਕਾਰ-ਉਹ ਜੀਵ ਜੋ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਨਹੀਂ ਬਣਾ ਸਕਦੇ ਪਰ ਹਰੇ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੀਵਾਂ ਤੋਂ ਤਿਆਰ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਨੂੰ ਖਪਤਕਾਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ

  • ਪਹਿਲੇ ਦਰਜੇ ਦੇ ਖਪਤਕਾਰ ਜਾਂ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ (Herbivores-ਜਿਹੜੇ ਜਾਨਵਰ ਸਿੱਧੇ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਨੂੰ ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ-ਹਾਥੀ, ਹਿਰਨ, ਗਾਂ ਅਤੇ ਬੱਕਰੀ ॥
  • ਦੂਜੇ ਦਰਜੇ ਦੇ ਖਪਤਕਾਰ ਜਾਂ ਮਾਸਾਹਾਰੀ (Carnivoresਇਹ ਪਹਿਲੇ ਦਰਜੇ ਦੇ ਖਪਤਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ-ਸੱਪ, ਡੱਡੂ, ਛਿਪਕਲੀ ।
  • ਤੀਸਰੇ ਦਰਜੇ ਦੇ ਖਪਤਕਾਰ (Tertiary Consumers-ਇਹ ਦੂਜੇ ਦਰਜੇ ਦੇ ਖਪਤਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ-ਸ਼ੇਰ, ਚੀਤਾ ।

(ਇ) ਨਿਖੇੜਕ-ਉਹ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ, ਜਿਹੜੇ ਮਰੇ ਹੋਏ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਵਜੋਂ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਰਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਤੋੜ ਦਿੰਦੇ ਹਨ, ਨੂੰ ਨਿਖੇੜਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ-ਜੀਵਾਣੂ ਅਤੇ ਉੱਲੀ ।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਆਵਾਸਾਂ ਬਾਰੇ ਸੰਖੇਪ ਚਰਚਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਵਾਸ ਦੀਆਂ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਿੰਨ ਕਿਸਮਾਂ ਹਨ-

1 ਸਥਲੀ (ਧਰਤਲੀ ਆਵਾਸ ।
2. ਜਲੀ ਆਵਾਸ
3. ਹਵਾਈ ਜਾਂ ਬਿਛਵਾਸੀ ਆਵਾਸ ।

1. ਸਥਲੀ (ਧਰਤਲੀ) ਆਵਾਸ-ਉਹ ਜੀਵ ਜੋ ਧਰਤੀ ਉੱਤੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਨੂੰ ਸਥਲੀ ਜਾਂ ਧਰਾਤਲੀ ਜੀਵ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਨੂੰ ਸਥਲੀ ਜਾਂ ਧਰਾਤਲੀ ਆਵਾਸ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ-ਮਾਰੂਥਲ, ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨ, ਪਹਾੜ ਅਤੇ ਜੰਗਲ ।

2. ਜਲੀ ਆਵਾਸ-ਉਹ ਜੀਵ ਜੋ ਪਾਣੀ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੋਤਾਂ ਜਿਵੇਂ-ਝੀਲਾਂ, ਛੱਪੜਾ, ਤਲਾਬਾਂ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਨੂੰ ਜਲੀ ਜੀਵ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਨੂੰ ਜਲੀ ਆਵਾਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਵਜੋਂ-ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਆਵਾਸ, ਸਮੁੰਦਰ, ਸਾਗਰ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਝੀਲਾਂ ।

3. ਹਵਾਈ ਜਾਂ ਬਿਛਵਾਸੀ ਆਵਾਸ-ਇਹ ਉਨ੍ਹਾਂ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਰਹਿਣ ਦੀ ਥਾਂ ਹੈ ਜਿਹੜੇ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਹਿੱਸਾ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬਿਛਵਾਸੀ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਪੰਛੀ ਅਤੇ ਪੰਖਾਂ ਵਾਲੇ ਜਾਨਵਰ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਬਿਛਵਾਸੀ ਹਨ । ਇਹ ਜੀਵ ਜਵਾ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਕੋਈ ਵੀ ਜੀਵ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

ਪਸ਼ਨ (iii)
ਆਵਾਸ ਦੇ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਭਾਗਾਂ ਦੇ ਆਪਸੀ ਤਾਲਮੇਲ ਉੱਤੇ ਇੱਕ ਨੋਟ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਵਾਸ ਦੇ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਆਪਸੀ ਤਾਲਮੇਲ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਜੀਵਨ ਦੀ ਹੋਂਦ ਲਈ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਤਾਲਮੇਲ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ਤਾਂ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਜੀਵਨ ਦੀ ਹੋਂਦ ਮੁੱਕ ਜਾਵੇਗੀ । ਇਸ ਤਾਲਮੇਲ ਕਰਕੇ ਹੀ ਧਰਤੀ ਦੇ ਸਾਰੇ ਹਿੱਸਿਆਂ ਵਿੱਚ ਜੀਵਨ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਜਾਨਵਰ ਅਤੇ ਪੌਦੇ ਆਵਾਸ ਦੇ ਜੈਵਿਕ ਭਾਗ ਹਨ । ਧੁੱਪ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਰੋਸ਼ਨੀ, ਵਰਖਾ, ਨਮੀ, ਤਾਪਮਾਨ ਆਦਿ ਆਵਾਸ ਦੇ ਅਜੈਵਿਕ ਭਾਗ ਹਨ ।

ਜੇਕਰ ਜੈਵਿਕ ਭਾਗ, ਅਜੈਵਿਕ ਭਾਗਾਂ ਨਾਲ ਸਹੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਤਾਲਮੇਲ ਨਹੀਂ ਬਣਾਉਂਦੇ ਤਾਂ ਉਹ ਜਿਉਂਦੇ ਰਹਿਣ ਲਈ ਮੁੱਢਲੀਆਂ ਲੋੜਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਹ ਨਾ ਸਿਰਫ਼ ਆਪ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਸਗੋਂ ਪ੍ਰਜਣਨ ਨਾ ਕਰਨ ਕਰਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਭਵਿੱਖ ਦੀਆਂ ਪੀੜੀਆਂ ਵੀ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਹੋਣਗੀਆਂ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਫ਼ਾਇਆ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ । ਜੈਵਿਕ ਭਾਗ ਆਪਣੇ ਅੰਦਰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਵਿਰਤਨ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਹ ਅਜੈਵਿਕ ਭਾਗਾਂ ਨਾਲ ਤਾਲਮੇਲ ਬਿਠਾ ਸਕਣ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਹੋਂਦ ਨੂੰ ਬਚਾ ਸਕਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv)
ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ –

ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੁਆਂ
1. ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਆਪਣੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਗਾਂ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਹਿੱਸੇ ਵਿਚ ਹਿਲਜੁਲ (ਗਤੀ ਵਿਖਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । 1. ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੀਆਂ ।
2. ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । 2. ਨਿਰਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਾਧਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
3. ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਆਪਣੇ ਵਰਗੀਆਂ ਹੋਰ ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ | 3. ਨਿਰਜੀਵ ਆਪਣੇ ਵਰਗੇ ਜੀਵ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ  ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ।
4. ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਹੋਣ ਵਾਲੇ | 4. ਨਿਰਜੀਵ ਮਹਿਸੂਸ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
5. ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਸਾਹ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । 5. ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਸਾਹ ਨਹੀਂ ਲੈਂਦੀਆਂ ।
6. ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥ ਸਰੀਰ ਵਿਚੋਂ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । 6. ਨਿਰਜੀਵ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥ ਬਾਹਰ ਨਹੀਂ ਕੱਢਦੇ ।
7. ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । 7. ਨਿਰਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।

PSEB Solutions for Class 6 Science ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ Important Questions and Answers

1. ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

(i) ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ ਮਨ ……………………. ਵਸਤੂਆਂ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਸਰੀ ਥਾਂ ਤੇ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਜੀਵ,

(ii) ਪੰਛੀਆਂ ਦਾ ਆਵਾਸ ………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਰੁੱਖ,

(iii) ………….. ਨਿਖੇੜਕਾਂ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ,

(iv) ………….. ਕੁੱਬ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਜਮਾਂ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਠ,

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

(v) ਪੰਛੀਆਂ ਦਾ ਸਰੀਰ ………….. ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਧਾਰਾ-ਰੇਖੀ ।

2. ਸਹੀ ਜਾਂ ਗ਼ਲਤ ਲਿਖੋ –

(i) ਕਣਕ ਇੱਕ ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਗ਼ਲਤ,

(ii) ਮੱਛੀਆਂ ਅਤੇ ਪੰਛੀਆਂ ਦਾ ਸਰੀਰ ਧਾਰਾ ਰੇਖੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਹੀ,

(iii) ਸੂਰਜ ਦੀ ਰੋਸ਼ਨੀ ਆਵਾਸ ਦਾ ਜੈਵਿਕ ਭਾਗ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਗ਼ਲਤ,

(iv) ਕੈਕਟਸ ਪੱਤਿਆਂ ਰਾਹੀਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਸਲੇਸ਼ਣ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਗ਼ਲਤ,

(v) ਮਨੁੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਅਨੁਕੂਲਨ ਦੀ ਤਾਕਤ ਨਹੀਂ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਗ਼ਲਤ ।

3. ਮਿਲਾਨ ਕਰੋ –

ਕਾਲਮ ‘ਉ’ ਕਾਲਮ ‘ਅ’
(i) ਸੰਜੀਵ (ਉ) ਹਾਈਫ਼ਿਲਾ
(ii) ਨਿਰਜੀਵ (ਅ) ਅਜੈਵਿਕ ਤੱਤ
(iii) ਜਲੀ ਆਵਾਸ () ਪ੍ਰਜਣਨ
(iv) ਮਾਰੂਥਲੀ ਆਵਾਸ (ਸ) ਭੋਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ
(v) ਮਿੱਟੀ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਆਦਿ (ਹ) ਕੈਕਟਸ।

ਉੱਤਰ

ਕਾਲਮ ‘ਉ’ ਕਾਲਮ ‘ਅ’
(i) ਸਜੀਵ (ਇ) ਪ੍ਰਜਣਨ
(ii) ਨਿਰਜੀਵ (ਸ) ਭੋਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ
(iii) ਜਲੀ ਆਵਾਸ (ਉ) ਹਾਈਡਿਲਾ
(iv) ਮਾਰੂਥਲੀ ਆਵਾਸ (ਹ) ਕੈਕਟਸ
(v) ਮਿੱਟੀ, ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਆਦਿ (ਅ) ਅਜੈਵਿਕ ਤੱਤ

4. ਸਹੀ ਉੱਤਰ ਚੁਣੋ-

(i) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਾ ਹੈ ?
(ੳ) ਮੱਕਾ ।
(ਅ) ਕਣਕ
(ੲ) ਕੈਕਟਸ
(ਸ) ਧਾਨ ॥
ਉੱਤਰ-
(ੲ) ਕੈਕਟਸ ।

(ii) ਗਾਂ ਦਾ ਸਾਹ ਅੰਗ ਹੈ –
(ਉ) ਗਲਫੜਾ
(ਅ ਚਮੜੀ
(ਬ) ਵੈਕਿਆ ।
(ਸ) ਫੇਫੜਾ ॥
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਫੇਫੜਾ ।

(iii) ਹਾਈਡਿਲਾ ਪੌਦਾ ਹੈ
(ਉ) ਮਾਰੂਥਲੀ
(ਅ) ਥਲੀ
(ਈ) ਜਲੀ
(ਸ) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ੲ) ਜਲੀ ।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

(iv) ਕਿਹੜਾ ਜੀਵ ਰਾਤ ਵੇਲੇ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਗਾਂ
(ਅ) ਚਮਗਾਦੜ
(ਈ) ਡੱਡੂ
(ਸ) ਘੋੜਾ ॥
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਚਮਗਾਦੜ ।

(v) ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਹੋਇਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਸਜੀਵ ਹੈ
(ਉ) ਹਲ
(ਅ) ਖੁੰਭ
(ਈ) ਪਾਣੀ
(ਸ) ਉੱਨ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਖੁੰਭ ॥

(vi) ਉਹ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਜਿਸ ਵਿਚ ਅਪਸ਼ਿਸ਼ਟ ਪਦਾਰਥ ਸਰੀਰ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਕੱਢਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
(ਉ) ਪਾਚਨ
(ਅ) ਉਤਸਰਜਨ
(ਈ) ਜਣਨ
(ਸ) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਉਤਸਰਜਨ ।

(vii) ਗਲਫੜੇ ਕਿਸ ਜੀਵ ਦੇ ਸਾਹ ਅੰਗ ਹਨ ?
(ੳ) ਮੱਛੀ
(ਅ) ਡੱਡੂ
(ੲ) ਮੱਛਰ
(ਸ) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਮੱਛੀ ।

(viii) ਕੁੱਤੇ ਦੇ ਬੱਚੇ (ਕਤੂਰੇ ਵੱਡੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਸਜੀਵਾਂ ਦੇ ਇਹ ਲੱਛਣ ਹਨ
(ਉ) ਪ੍ਰਜਣਨ
(ਅ) ਵਾਧਾ
(ੲ) ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ
(ਸ) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਵਾਧਾ ।

(ix) ਪਹਾੜੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਪੱਤੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ
(ਉ) ਚੌੜੇ ਫਲਨ ਵਾਲੇ
(ਅ) ਸੂਈ ਦੇ ਆਕਾਰ ਵਾਲੇ
(ੲ) ਕੰਡਿਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਾਲੇ ।
(ਸ) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਸੂਈ ਦੇ ਆਕਾਰ ਵਾਲੇ ।

(x) ਬੀਜਾਂ ਦੇ ਪੁੰਗਰਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਕਾਰਕ ਹੈ
(ਉ) ਹਵਾ
(ਅ) ਪਾਣੀ
(ਇ) ਪ੍ਰਕਾਸ਼
(ਸ) ਇਹ ਸਾਰੇ ਵਿਕਲਪ ॥
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਇਹ ਸਾਰੇ ਵਿਕਲਪ ।

5. ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਚੌਗਿਰਦਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੌਗਿਰਦਾ-ਕਿਸੇ ਜੀਵ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦਾ ਸਥਾਨ ਜਿੱਥੇ ਉਹ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਚੌਗਿਰਦਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਦੋ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਚੌਗਿਰਦੇ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਾਰੂਥਲੀ ਚੌਗਿਰਦਾ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਚੌਗਿਰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਇੱਕ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੰਤੁ ਅਤੇ ਪੌਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਊਠ ਮਾਰੂਥਲੀ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਇੱਕ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਊਠ ਮੂਤਰ ਤਿਆਗ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਕਰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਇਸ ਦਾ ਮਲ ਵੀ ਖੁਸ਼ਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੱਛੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ ਹੈ ਇਸ ਦਾ ਇੱਕ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀ ਦਾ ਸਰੀਰ ਧਾਰਾ ਰੇਖੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਹ ਸੌਖਿਆਂ ਹੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤੈਰ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਅਨੁਕੂਲਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨੁਕੂਲਨ-ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਲੱਛਣ ਅਤੇ ਸੁਭਾਅ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ, ਅਨੁਕੂਲਨ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਆਵਾਸ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਵਾਸ- ਕਿਸੇ ਸਜੀਵ ਦਾ ਆਲਾ-ਦੁਆਲਾ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਉਹ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਉਸਦਾ ਆਵਾਸ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਥਲੀ-ਆਵਾਸ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਥਲੀ-ਆਵਾਸ-ਸਥਲ ਜਾਂ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਨੂੰ ਸਥਲੀ-ਆਵਾਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਸਥਲੀ-ਆਵਾਸਾਂ ਦੀ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜੰਗਲ, ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨ, ਮਾਰੂਥਲ, ਤੱਟੀ ਅਤੇ ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰ ਸਥਲੀ ਆਵਾਸਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਜਲੀ-ਆਵਾਸ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਲੀ-ਆਵਾਸ-ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਨੂੰ ਜਲੀਆਵਾਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਜਲੀ ਆਵਾਸ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਲਗਾਹਾਂ, ਦਲਦਲ, ਝੀਲਾਂ, ਤਲਾਬ, ਨਦੀਆਂ, ਸਮੁੰਦਰ ਆਦਿ ਜਲੀ ਆਵਾਸ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੈਵ-ਘਟਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ-ਘਟਕ-ਕਿਸੇ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਸਾਰੇ ਸਜੀਵ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੂ ਉਸਦੇ ਜੈਵ-ਘਟਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਅਜੈਵ-ਘਟਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਜੈਵ-ਘਟਕ-ਚੱਟਾਨਾਂ, ਮਿੱਟੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ, ਤਾਪਮਾਨ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼, ਕਿਸੇ ਚੌਗਿਰਦੇ ਦੇ ਅਜੈਵ-ਘਟਕ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕੁੱਝ ਮਾਰੂਥਲੀ ਜੰਤੂ ਬਿੱਲਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਉਂ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੁਹੇ ਅਤੇ ਸੱਪ ਵਰਗੇ ਜੰਤੂ ਤੇਜ਼ ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਡੂੰਘੀਆਂ ਖੱਡਾਂ ਬਣਾ ਕੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਰਾਤ ਸਮੇਂ ਜਦੋਂ ਤਾਪਮਾਨ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਜੰਤੁ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੱਤੇ ਜਾਂ ਤਾਂ ਹੁੰਦੇ ਨਹੀਂ ਜਾਂ ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਕੰਡਿਆਂ ਵਰਗੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਨਾਗਫ਼ਨੀ ਦੇ ਪੌਦੇ ਦੀ ਹਰੀ ਰਚਨਾ ਤਣਾ ਹੈ ਜਾਂ ਪੱਤਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਾਗਫ਼ਨੀ ਵਿੱਚ ਪੱਤੇ ਵਰਗੀ ਜਿਸ ਰਚਨਾ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਦੇਖਦੇ ਹਾਂ ਉਹ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਤਣਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਨਾਗਫ਼ਨੀ ਦੇ ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਕਿਸ ਹਿੱਸੇ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਾਗਫ਼ਨੀ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਹਰੀ ਰਚਨਾ ਜਿਸ ਨੂੰ ਤਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਉਸ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਨਾਗਫ਼ਨੀ ਦਾ ਤਣਾ ਇੱਕ ਮੋਟੀ ਮੋਮੀ ਪਰਤ ਨਾਲ ਕਿਉਂ ਢੱਕਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੋਟੀ ਮੋਮੀ ਪਰਤ ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਜਮ੍ਹਾਂ ਬਹੁਤ ਡੂੰਘੀਆਂ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜਾਂ ਪਾਣੀ ਸੋਖਣ ਲਈ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਡੂੰਘੀਆਂ ਚਲੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਰੁੱਖ ਜਾਂ ਪੌਦੇ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕਿਹੋ ਜਿਹੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਰੁੱਖ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸ਼ੰਕੁ ਆਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਟਹਿਣੀਆਂ ਤਿਰਛੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਈ ਰੁੱਖਾਂ ਦੇ ਪੱਤੇ ਸੂਈ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਵੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅਨੁਕੂਲਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਚਮੜੀ ਮੋਟੀ ਜਾਂ ਫਰ ਠੰਢ ਤੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਬਚਾਅ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਯਾਕ ਠੰਡ ਵਾਲੇ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕਿਵੇਂ ਅਨੁਕੂਲ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਯਾਕ ਦੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ਲੰਬੇ ਵਾਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਉਸ ਨੂੰ ਗਰਮ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ਤੇ ਠੰਢ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਪਹਾੜੀ ਬੱਕਰੀ ਢਲਾਣਦਾਰ ਚੱਟਾਨਾਂ ‘ਤੇ ਦੌੜਨ ਲਈ ਕਿਵੇਂ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਹਾੜੀ ਬੱਕਰੀ ਦੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਖੁਰ ਉਸ ਨੂੰ ਢਾਲਦਾਰ ਚੱਟਾਨਾਂ ‘ਤੇ ਦੌੜਨ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਪਹਾੜੀ ਤੇਂਦੂਏ, ਠੰਢੇ ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕਿਵੇਂ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਹਾੜੀ ਕੇਂਦੂਏ ਦੇ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਫਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਬਰਫ਼ ‘ਤੇ ਚਲਦੇ ਸਮੇਂ ਉਸਦੇ ਪੈਰਾਂ ਨੂੰ ਠੰਢ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਹਿਰਨ ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕਿਵੇਂ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਕਠੋਰ ਤਣਿਆਂ ਨੂੰ ਚਬਾਉਣ ਲਈ ਉਸਦੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਦੰਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਹਿਰਨ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਅਨੁਕੂਲਤਾ, ਇਸ ਨੂੰ ਸ਼ਿਕਾਰੀ ਦੇ ਖ਼ਤਰੇ ਨੂੰ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਰਨ ਦੇ ਲੰਬੇ ਕੰਨ ਉਸ ਨੂੰ ਸ਼ਿਕਾਰੀ ਦੀਆਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦੇ ਸਿਰ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਸਥਿਤ ਅੱਖਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਦੇਖ ਕੇ ਖ਼ਤਰਾ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਮੱਛੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸੌਖਿਆਂ ਹੀ ਕਿਵੇਂ ਤੈਰ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀ ਦਾ ਸਰੀਰ ਧਾਰਾ ਰੇਖੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸੌਖਿਆਂ ਤੈਰ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਮੱਛੀ ਸਾਹ ਕਿਵੇਂ ਲੈਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀ ਗ਼ਲਫੜੇ (Gills) ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਸਾਹ ਲੈਂਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉਸ ਵਿੱਚ ਫੇਫੜੇ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਡਾਲਫਿਨ ਅਤੇ ਵੇਲ਼ ਕਿਵੇਂ ਸਾਹ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਡਾਲਫਿਨ ਅਤੇ ਵੇਲ੍ਹ ਵਿੱਚ ਗਿਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ਇਹ ਆਪਣੇ ਸਿਰ ‘ਤੇ ਮੌਜੂਦ ਨਾਸਾਂ ਦੁਆਰਾ ਜਾਂ ਵਾਤ ਛੇਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਸਾਹ ਲੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਡੱਡੂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਤੈਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੱਡੂ ਦੇ ਪਿਛਲੇ ਪੈਰਾਂ ਦੇ ਪੰਜੇ ਜਾਲੀਦਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਤੈਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਗੰਡੋਆ ਕਿਵੇਂ ਸਾਹ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੰਡੋਆ ਚਮੜੀ ਦੁਆਰਾ ਸਾਹ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਮੱਛੀ ਸਾਹ ਲੈਣ ਲਈ ਆਕਸੀਜਨ ਕਿੱਥੋਂ ਲੈਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀ ਸਾਹ ਲੈਣ ਲਈ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਹਵਾ ਤੋਂ ਆਕਸੀਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਉਦੀਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਦੀਪ-ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਉਦੀਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਉਤਸਰਜਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਤਸਰਜਨ-ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚੋਂ ਬਾਹਰ ਕੱਢਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਉਤਸਰਜਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਤੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣੇ ਵਰਗੀ ਸੰਤਾਨ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਕਾਇਆ ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਬੀਜਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਦੂਸਰੇ ਭਾਗਾਂ (ਤਣਾ, ਜੜ੍ਹ, ਪੱਤੇ) ਤੋਂ ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਰਨ ਨੂੰ ਕਾਇਆ ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

6. ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੀਆਂ ਦੋ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੁ ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਹਵਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਮਾਰੂਥਲੀ ਪਰਿਵੇਸ਼ ਦੀ ਕੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  2. ਮਾਰੂਥਲ ਦਿਨ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਗਰਮ ਅਤੇ ਰਾਤ ਵਿੱਚ ਠੰਢਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਜੰਤੂ ਖੁੱਡਾਂ ਬਣਾ ਕੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਉਂਕਿ ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਦਿਨ ਦੇ ਸਮੇਂ ਤਾਪਮਾਨ ਬਹੁਤ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਜੰਤੂ ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਖੁੱਡਾਂ ਬਣਾ ਕੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੱਛੀ ਦੀਆਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਉਸ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਰਹਿਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  • ਮੱਛੀ ਦਾ ਸਰੀਰ ਧਾਰਾ ਰੇਖੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਮੱਛੀ ਦਾ ਸਰੀਰ ਚਿਕਨੀ ਸਕੇਲਾਂ ਨਾਲ ਢੱਕਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਇਹ ਸਕੇਲਾਂ ਮੱਛੀ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸੌਖਿਆਂ ਗਤੀ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੱਛੀ ਦੇ ਪੰਖ ਤੇ ਪੂਛ ਕੀ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀ ਦੇ ਪੰਖ ਅਤੇ ਪੂਛ ਚਪਟੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਉਸ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦਿਸ਼ਾ ਪਰਿਵਰਤਨ ਅਤੇ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਅਨੁਕੂਲਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨੁਕੂਲਨ-ਸਾਰੇ ਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਰਚਨਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਉਸਦੇ ਚੌਗਿਰਦੇ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੇ ਯੋਗ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਉਸ ਨੂੰ ਅਨੁਕੂਲਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਜੰਤੂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚੌਗਿਰਦੇ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਆਵਾਸ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਵਾਸ-ਕਿਸੇ ਸਜੀਵ ਦਾ ਉਹ ਪਰਿਵੇਸ਼ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਉਹ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਉਸਦਾ ਆਵਾਸ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਆਪਣੇ ਭੋਜਨ, ਹਵਾ, ਸ਼ਰਨ ਸਥਲ ਅਤੇ ਹੋਰ ਲੋੜਾਂ ਦੇ ਲਈ ਸਜੀਵ ਆਪਣੇ ਆਵਾਸ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਥਲੀ ਆਵਾਸ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਸਥਲੀ ਆਵਾਸ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਥਲੀ ਆਵਾਸ-ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਨੂੰ ਸਥਲੀ ਆਵਾਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੰਗਲ, ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨ, ਮਾਰੂਥਲ, ਤਟੀ ਅਤੇ ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰ ਸਥਲੀ ਆਵਾਸ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਜਲੀ ਆਵਾਸ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਜਲੀ ਆਵਾਸ ਦੀਆਂ ਉਦਾਹਰਣਾਂ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਲੀ ਆਵਾਸ-ਜਿੱਥੇ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੁ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜਲੀ ਆਵਾਸ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਤਲਾਬ, ਦਲਦਲ, ਝੀਲਾਂ, ਨਦੀਆਂ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਜਲੀ ਆਵਾਸ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਆਵਾਸ ਦੇ ਜੈਵ-ਘਟਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵ-ਘਟਕ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੈਵ-ਘਟਕ-ਕਿਸੇ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਸਾਰੇ ਜੀਵ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੂ ਉਸਦੇ ਜੈਵ-ਘਟਕ ਹਨ ।
ਅਜੈਵ-ਘਟਕ-ਚੱਟਾਨ, ਮਿੱਟੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ, ਵਰਗੀਆਂ ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੁਆਂ ਆਵਾਸ ਦੇ ਅਜੈਵ-ਘਟਕ ਹਨ । ਸੂਰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਗਰਮੀ ਵੀ ਪਰਿਵੇਸ਼ ਦੇ ਅਜੈਵ-ਘਟਕ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸਜੀਵ ਬਹੁਤ ਠੰਢੇ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਗਰਮ ਚੌਗਿਰਦੇ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਸਜੀਵ ਬਹੁਤ ਠੰਢੇ ਅਤੇ ਬਹੁਤ ਗਰਮ ਚੌਗਿਰਦੇ ਵਰਗੇ ਸਖ਼ਤ ਹਾਲਤਾਂ ਵਿੱਚ ਜਿਉਂਦੇ ਰਹਿਣ ਲਈ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਵਿਵਸਥਾ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨੂੰ ਅਨੁਕੂਲਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਅਨੁਕੂਲਨ ਅਲਪਕਾਲ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਸਾਲਾਂ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਖੇਤਰ ਦੇ ਅਜੈਵ-ਘਟਕਾਂ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਆਉਂਦੇ ਹਨ | ਉਹ ਜੰਤੁ ਜੋ ਇਨ੍ਹਾਂ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਸਹਾਰ ਨਹੀਂ ਪਾਉਂਦੇ ਤੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਇਸ ਚੌਗਿਰਦੇ ਵਿਚ ਢਾਲ ਨਹੀਂ ਪਾਉਂਦੇ ਉਹ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਸਿਰਫ਼ ਉਹੀ ਜੀਵ ਜਿਉਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਬਦਲਦੇ ਚੌਗਿਰਦੇ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਆਵਾਸਾਂ ਵਿੱਚ ਵੱਖਰੇਵਾਂ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਤੂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਅਜੈਵ-ਘਟਕਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਆਵਾਸਾਂ ਵਿੱਚ ਵੱਖਰੇਵਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਮਾਰੂਥਲੀ ਜਲਵਾਯੂ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਕਿਵੇਂ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦੇ ਵਾਸ਼ਪੀਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਕਾਇਤ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੱਤੇ ਜਾਂ ਤਾਂ ਹੁੰਦੇ ਹੀ ਨਹੀਂ ਜਾਂ ਫਿਰ ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕੁੱਝ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੱਤੇ ਕੰਡਿਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਪੱਤਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਹਾਨੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਨਾਗਫ਼ਨੀ ਵਿੱਚ ਪੱਤੇ ਵਰਗੀ ਜਿਸ ਰਚਨਾ ਨੂੰ ਤੁਸੀਂ ਦੇਖਦੇ ਹੋ, ਉਹ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇਸਦਾ ਤਣਾ ਹੈ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਣੇ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਤਣਾ ਇੱਕ ਚਿੱਤਰ-ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਉੱਗਣ ਵਾਲੇ ਕੁੱਝ ਪੌਦੇ ਮੋਟੀ ਮੋਮੀ ਪਰਤ ਨਾਲ ਢੱਕਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਬਹੁਤੇ ਮਾਰੂਥਲੀ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਪਾਣੀ ਸੋਖਣ ਲਈ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਡੂੰਘਾਈ ਤੱਕ ਚਲੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ 1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੰਤੂ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਬਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਰੂਥਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਚੂਹੇ ਅਤੇ ਸੱਪਾਂ ਦੀਆਂ ਊਠ ਵਾਂਗ ਲੰਬੀਆਂ ਲੱਤਾਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । ਦਿਨ ਵੇਲੇ ਤੇਜ਼ ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਇਹ ਜੰਤੁ ਧਰਤੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਖੁੱਡਾਂ ਬਣਾ ਕੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਰਾਤ ਦੇ ਸਮੇਂ ਜਦੋਂ ਤਾਪਮਾਨ ਵਿੱਚ ਕਮੀ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਜੰਤੁ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਰੁੱਖ ਆਮਤੌਰ ‘ਤੇ ਸ਼ੰਕੁ ਆਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਟਹਿਣੀਆਂ ਤਿਰਛੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕੁੱਝ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ ਸੂਈ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਵਰਖਾ ਅਤੇ ਬਰਫ਼ ਸੌਖਿਆਂ ਹੇਠਾਂ ਵਲ ਖਿਸਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪਰਬਤਾਂ ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਰੁੱਖਾਂ ਤੋਂ ਵੱਖ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਤੇ ਆਕਾਰ ਵਾਲੇ ਰੁੱਖ ਵੀ ਮਿਲ ਸਕਦੇ ਹਨ | ਪਰਬਤਾਂ ਤੇ ਜਿਉਂਦੇ ਰਹਿਣ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਹੋਰ ਕਿਸਮ ਦਾ ਅਨੁਕੂਲਨ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
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PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਜੰਤੂ ਉੱਥੋਂ ਦੇ ਹਾਲਤਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਕਿਵੇਂ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਬਤੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਜੰਤੂ ਉਸ ਸਥਾਨ ਦੇ ਹਾਲਤਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਮੋਟੀ ਚਮੜੀ ਜਾਂ ਫਰ, ਠੰਢ ਤੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਬਚਾਅ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਗਰਮ ਰੱਖਣ ਲਈ ਯਾਕ ਦਾ ਸਰੀਰ ਲੰਬੇ ਵਾਲਾਂ ਨਾਲ ਢੱਕਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪਹਾੜੀ ਤੇਂਦੁਏ ਦੇ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਫਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਬਰਫ਼ ‘ਤੇ ਚਲਦੇ ਸਮੇਂ ਉਸਦੇ ਪੈਰਾਂ ਨੂੰ ਠੰਢ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਪਹਾੜੀ ਬੱਕਰੀ ਦੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਖੁਰ ਉਸ ਨੂੰ ਢਲਾਣਦਾਰ ਚੱਟਾਨਾਂ ‘ਤੇ ਦੌੜਨ ਦੇ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ 4
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ 5

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸ਼ੇਰ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਜਾਂ ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ ਕਿਵੇਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ੇਰ ਜੰਗਲ ਜਾਂ ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਹਿਰਨ ਵਰਗੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਮਿੱਟੀ ਰੰਗ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸ਼ੇਰ ਦੇ ਅਗਲੇ ਪੈਰਾਂ ਦੀਆਂ ਨਹੁੰਦਰਾਂ ਲੰਬੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਹ ਪੈਰ ਦੀਆਂ ਗਲੀਆਂ ਵਿੱਚ ਖਿੱਚ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਸ਼ੇਰ ਦੀ ਅਜਿਹੀ ਰਚਨਾ ਉਸਦੇ ਜੀਉਣ ਲਈ ਸਹਾਇਕ ਹੈ । ਉਸਦਾ ਹਲਕਾ ਭੂਰਾ ਰੰਗ ਸ਼ਿਕਾਰ ਦੌਰਾਨ ਉਸ ਨੂੰ ਸੁੱਕੇ ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨਾਂ ਵਿਚ ਛੁਪਾ ਕੇ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੈ ਅਤੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਨੂੰ ਪਤਾ ਵੀ ਨਹੀਂ ਚਲਦਾ । ਚਿਹਰੇ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਸ਼ੇਰ ਨੂੰ ਦੂਰ ਤੱਕ ਸ਼ਿਕਾਰ ਲੱਭਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਹਿਰਨ ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ ਕਿਵੇਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਿਰਨ ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨਾਂ ਵਿੱਚ ਜਾਂ ਜੰਗਲਾਂ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਸਖ਼ਤ ਤਣੇ ਨੂੰ ਦਬਾਉਣ ਲਈ ਉਸਦੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਦੰਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਹਿਰਨ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਸ਼ਿਕਾਰੀ (ਸ਼ੇਰ ਵਰਗੇ ਜੰਤ) ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹੋਣੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਉਹ ਉਸ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਨਾ ਬਣ ਸਕੇ ਅਤੇ ਉੱਥੋਂ ਭੱਜ ਜਾਏ । ਇਸਦੇ ਲੰਬੇ ਕੰਨ ਉਸ ਨੂੰ ਸ਼ਿਕਾਰੀ ਦੀਆਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਕਰਵਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦੇ ਸਿਰ ਦੇ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ ਸਥਿਤ ਅੱਖਾਂ, ਹਰ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਦੇਖ ਕੇ ਖ਼ਤਰਾ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਹਿਰਨ ਦੀ ਤੇਜ਼ ਗਤੀ ਉਸ ਨੂੰ ਸ਼ਿਕਾਰੀ ਤੋਂ ਦੂਰ ਭੱਜਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ 7

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸਮੁੰਦਰੀ ਜੀਵ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ ਕਿਵੇਂ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਲਈ ਅਨੁਕੂਲਿਤ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ । ਜਿਵੇਂ ਮੱਛੀ ਦਾ ਸਰੀਰ ਧਾਰਾ ਰੇਖੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਹ ਸੌਖਿਆਂ ਹੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਚੱਲ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਸਕੂਇਡ ਅਤੇ ਆਕਟੋਪਸ ਵਰਗੇ ਕੁੱਝ ਜੰਤੂਆਂ ਦਾ ਸਰੀਰ ਆਮ ਕਰਕੇ ਧਾਰਾ ਰੇਖੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਉਹ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਡੂੰਘਾਈ ਵਿੱਚ, ਸਤਾ ‘ਤੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਹ ਆਪਣੇ ਵਲ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਨੂੰ ਫੜਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਉਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਚਲਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਆਪਣੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਧਾਰਾ-ਰੇਖੀ ਬਣਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ | ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸਾਹ ਲੈਣ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਗਿਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਅਤੇ ਤਣਾ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? :
ਉੱਤਰ-
ਅੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਜੜਾਂ ਤਲਾਬ ਦੀ ਸਤਾ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਲੀ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਜੜਾਂ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਛੋਟੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਪੌਦੇ ਨੂੰ ਸੜ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਸਥਿਰ ਰੱਖਣਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਪੌਦਿਆਂ ਦਾ ਤਣਾ ਲੰਬਾ, ਖੋਖਲਾ ਅਤੇ ਹਲਕਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਤਣਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸੜਾ ਤੱਕ ਵੱਧਦਾ ਹੈ, ਪਰ ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਫੁੱਲ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇ ਪੌਦੇ ਦੇ ਸਾਰੇ ਭਾਗ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੁੱਝ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ ਬਹੁਤ ਬਰੀਕ ਅਤੇ ਪਤਲੇ ਰਿਬਨ ਵਰਗੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਵਗਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸੌਖਿਆਂ ਮੁੜ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਕੁੱਝ ਹੋਰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ | ਪਾਣੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਪੱਤੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਵੱਗਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪੱਤੀਆਂ ਨੂੰ ਕੋਈ ਨੁਕਸਾਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਡੱਡੂ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਸਥਲ ‘ਤੇ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੱਡੂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਾਲਾਬ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲਾ ਇੱਕ ਜੰਤੂ ਹੈ । ਇਹ ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੋਵਾਂ ‘ਤੇ ਰਹਿ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਪਿਛਲੇ ਪੈਰ ਲੰਬੇ ਅਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਇਹ ਛਲਾਂਗਾਂ ਮਾਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ਤੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਫੜਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਪਿਛਲੇ ਪੈਰ ਜਾਲੀਦਾਰ ਉਂਗਲੀਆਂ ਵਾਲੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਤੈਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਦੀ ਸੂਚੀ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਰੁੱਖ, ਆਰੋਹੀ ਵੇਲਾਂ, ਰੀਂਗਣ ਵਾਲੀ ਵੇਲ਼, ਛੋਟੇ-ਵੱਡੇ ਜੰਤੂ, ਪੰਛੀ, ਸੱਪ, ਕੀਟ, ਚੱਟਾਨ, ਪੱਥਰ, ਮਿੱਟੀ, ਜਲਵਾਯੂ, ਸੁੱਕੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ, ਮਰੇ ਜੰਤੂ, ਭਾਈ ਆਦਿ ਜੰਗਲ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਕੀ ਸਾਰੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਂ, ਸਾਰੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੌਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਖੁਦ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਜੰਤੁ ਭੋਜਨ ਲਈ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੰਤੂਆਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਭੋਜਨ ਸਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੀ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਸਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਦਰ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਜੈਵਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਲਈ ਊਰਜਾ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਵਾਧੇ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਧਾ-ਕਿਸੇ ਵੀ ਸਜੀਵ ਦੇ ਆਕਾਰ ਵਿੱਚ ਨਾ ਮੁੜਨ ਯੋਗ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨੂੰ ਵਾਧਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ! ਇਹ ਵਾਧਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ-ਸਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹਵਾ ਅੰਦਰ ਲੈਣ ਅਤੇ ਬਾਹਰ ਕੱਢਣ ਨੂੰ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਜੋ ਹਵਾ ਅੰਦਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਉਸ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਜੋ ਹਵਾ ਬਾਹਰ ਕੱਢੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਕਸੀਜਨ ਅੰਦਰ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਬਾਹਰ ਕੱਢੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਆਕਸੀਜਨ ਸਾਡੇ ਭੋਜਨ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਸਾਨੂੰ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ-ਪੌਦੇ ਵੀ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੇ ਹਨ 1 ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਆਦਾਨ-ਪ੍ਰਦਾਨ ਆਮ ਕਰਕੇ ਪੱਤਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪੱਤਿਆਂ ਵਿੱਚ ਛੋਟੇ ਛੇਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹਵਾ ਅੰਦਰ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਆਕਸੀਜਨ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਛੱਡਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸਲੇਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਪੌਦੇ ਹਵਾ ਦੀ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਭੋਜਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਛੱਡਦੇ ਹਨ । ਪੌਦੇ ਸਿਰਫ਼ ਦਿਨ ਸਮੇਂ ਹੀ ਭੋਜਨ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਕਿ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਦਿਨ ਅਤੇ ਰਾਤ ਲਗਾਤਾਰ ਚਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਪੌਦੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸੀਡ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਛੱਡਦੇ ਹਨ ।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਉਦੀਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਦੀਨ-ਬਾਹਰੀ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਉਦੀਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ, ਜਦੋਂ ਰਾਤ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਰਸੋਈ ਘਰ ਵਿਚ ਬਲਬ ਜਗਾਉਂਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਕਾਕਰੋਚ ਅਚਾਨਕ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਛੁਪਾਉਣ ਲਈ ਆਪਣੇ ਸਥਾਨ ਵਲ ਭੱਜਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਕੀ ਪੌਦੇ ਵੀ ਉਟੀਪਨ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦੇ ਵੀ ਉਟੀਪਨ ਦੇ ਪਤੀ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਕੁੱਝ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਫੁੱਲ ਸਿਰਫ਼ ਰਾਤ ਸਮੇਂ ਹੀ ਖਿੜਦੇ ਹਨ । ਕੁੱਝ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਫੁੱਲ ਸੂਰਜ ਦੇ ਡੁੱਬ ਜਾਣ ‘ਤੇ ਬੰਦ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਛੂਈ-ਮੂਈ (ਗੁਲਮੇਂਹਦੀ) ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਪੱਤੇ ਨੂੰ ਹੱਥ ਲਗਾਉਣ ‘ਤੇ ਇਹ ਅਚਾਨਕ ਮੁਰਝਾ (ਸੁੰਗੜ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਾਰੀਆਂ ਉਦਾਹਰਣਾਂ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਉਦੀਨ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਇੱਕ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਓ ਕਿ ਪੌਦੇ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਕ ਕਮਰੇ ਦੀ ਖਿੜਕੀ ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ ਦਿਨ ਦੇ ਸਮੇਂ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਆਉਂਦਾ ਹੋਵੇ, ਦੇ ਨੇੜੇ ਇੱਕ ਪੌਦਾ ਲੱਗਾ ਗਮਲਾ ਰੱਖੋ । ਕੁੱਝ ਦਿਨਾਂ ਤੱਕ ਪੌਦੇ ਨੂੰ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਪਾਣੀ ਦਿਓ । ਕੁੱਝ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ ਤੁਸੀਂ ਦੇਖੋਗੇ ਕਿ ਪੌਦੇ ਦਾ ਵਾਧਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਹੋਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ਨਾ ਕਿ ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ । ਇਸ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪੌਦੇ ਸੂਰਜੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਕਿਰਿਆ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 9 ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਚੌਗਿਰਦਾ 9

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਉਤਸਰਜਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਤਸਰਜਨ-ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੈਵਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਕਾਰਨ ਜੀਵ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਉਸ ਲਈ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਕੱਢਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਉਤਸਰਜਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਕੀ ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਵੀ ਉਤਸਰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਂ, ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਵੀ ਉਤਸਰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪੌਦੇ ਵੀ ਉਤਸਰਜਨ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਪਰ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਵੱਖ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਜਾਂ ਜ਼ਹਿਰੀਲਾ ਪਦਾਰਥ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਪੌਦੇ ਇਸ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਪਦਾਰਥ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਖ਼ਾਸ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਇਕੱਠਾ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪੌਦੇ ਨੂੰ ਕੋਈ ਹਾਨੀ ਨਹੀਂ ਪਹੁੰਚਦੀ । ਕੁੱਝ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਨਿਸ਼ਕਾਸਨ ਰਿਸਾਵ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਜਣਨ-ਜੀਵ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣੇ ਵਰਗੀ ਸੰਤਾਨ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪੂਜਣਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਜਣਨ ਦੇ ਢੰਗ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹਨ। ਕੁੱਝ ਜੰਤੂ ਅੰਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ ਬੱਚੇ ਨਿਕਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਜੰਤੂ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਜਨਮ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਪੌਦੇ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਜਣਨ-ਪੌਦੇ ਵੀ ਪ੍ਰਣਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਵੀ ਪ੍ਰਜਣਨ ਦੇ ਤਰੀਕੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਪੌਦੇ ਬੀਜਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਪੌਦੇ ਬੀਜ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪੁੰਗਰਾ ਕੇ ਨਵੇਂ ਪੌਦੇ ਪੈਦਾ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । | ਕੁੱਝ ਪੌਦੇ ਬੀਜਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਆਪਣੇ ਬਨਸਪਤ ਭਾਗਾਂ ਦੁਆਰਾ ਵੀ ਨਵੇਂ ਪੌਦੇ ਪੈਦਾ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਉਦਾਹਰਨ ਦੇ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਆਲੂ ਦੇ ਬਨਸਪਤ ਭਾਗ ਤੋਂ ਨਵਾਂ ਪੌਦਾ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਗਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਕਿਵੇਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਗਤੀ-ਪੌਦੇ ਆਮ ਕਰਕੇ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਜਕੜੇ ਹੋਏ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਉਹ ਇੱਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਨਹੀਂ ਜਾ ਸਕਦੇ | ਪਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪਦਾਰਥ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਪਾਣੀ, ਖਣਿਜ ਅਤੇ ਸੰਸਲੇਸ਼ਿਤ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥ ਪੌਦੇ ਦੇ ਇੱਕ ਭਾਗ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਤੱਕ ਸੰਵਹਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਹੋਰ ਕਿਸਮ ਦੀ ਗਤੀ ਵੀ ਦੇਖੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਫੁੱਲਾਂ ਦਾ ਖਿੜਣਾ ਤੇ ਬੰਦ ਹੋਣਾ । ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਉਦੀਨਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਸਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਆਮ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਜੀਵਾਂ ਦੇ ਲੱਛਣ-

  • ਸਜੀਵ ਭੋਜਨ ਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਾਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਖੁਦ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ-ਪੌਦੇ ।
  • ਸਜੀਵ ਵਾਧਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਸਜੀਵ ਸਾਹ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਸਜੀਵ ਪ੍ਰਜਣਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਸਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਸਰਜਨ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਸੰਜੀਵ ਉਦੀਨਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਉਤੇਜਨਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

7. ਵੱਡੇ ਉੱਤਰ ਵਾਲਾ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਜੀਵ ਅਤੇ ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ –

ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ (Living organisms) ਨਿਰਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ (Non-living organisms)
(1) ਸਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (1) ਨਿਰਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।
(2) ਸਜੀਵ ਵਾਧਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । (2) ਨਿਰਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
(3) ਸਜੀਵ ਇੱਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਖੁਦ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । (3) ਨਿਰਜੀਵ ਖੁਦ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।
(4) ਸਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਜਣਨ ਦਾ ਗੁਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (4) ਨਿਰਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਜਣਨ ਦਾ ਗੁਣ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
(5) ਸਜੀਵ ਸਾਹ ਲੈਂਦੇ ਹਨ । (5) ਨਿਰਜੀਵ ਸਾਹ ਨਹੀਂ ਲੈਂਦੇ ।
(6) ਸਜੀਵ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚੋਂ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਉਤਸਰਜਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । (6) ਨਿਰਜੀਵ ਉਤਸਰਜਨ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।
(7) ਸਜੀਵ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਣਦੇ ਹਨ । (7) ਨਿਰਜੀਵ ਅਣੂਆਂ ਦੇ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਮੁੱਖ ਲੱਛਣਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨਿਰਜੀਵਾਂ ਤੋਂ ਵੱਖ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਲੱਛਣ-

  1. ਸਜੀਵ ਵਸਤੂਆਂ ਵਾਧਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਇਹ ਗਤੀ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  3. ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀਆਂ ਜੈਵਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਬਾਹਰੀ ਉਦੀਨ ਪ੍ਰਤੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  5. ਇਹ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  6. ਇਹ ਆਪਣੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚੋਂ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਉਤਸਰਜਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  7. ਇਹ ਆਪਣੇ ਵਰਗੇ ਜੀਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ |
  8. ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਨਿਸਚਿਤ ਜੀਵਨ ਕਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  9. ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਵਾਲੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਨਤਾਵਾਂ-

  • ਦੋਵਾਂ ਨੂੰ ਜਿਉਂਦੇ ਰਹਿਣ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ ।
  • ਦੋਵੇਂ ਵਾਧਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਦੋਵੇਂ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਭੋਜਨ ਦਾ ਅਪਘਟਨ ਕਰਕੇ ਉਰਜਾ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਦੋਵੇਂ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਉਤਸਰਜਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਦੋਨਾਂ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਸੈੱਲਾਂ ਵਾਲੀ (Cellular) ਹੈ ।
  • ਦੋਵੇਂ ਬਾਹਰੀ ਉਮੀਪਨ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਦੋਵੇਂ ਆਪਣੇ ਵਰਗੇ ਹੋਰ ਜੀਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

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ਅਸਮਾਨਤਾਵਾਂ –

ਪੇਕੇ (Plants) ਜੰਤੂਆਂ (Animals)
(1) ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕਲੋਰੋਫਿਲ ਨਾਂ ਦਾ ਪਦਾਰਥ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਉਹ ਹਰੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (1) ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਕਲੋਰੋਫਿਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
(2) ਪੌਦੇ ਸਵੈਪੋਸ਼ੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਇਹ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਖੁਦ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਆਪਣੇ ਭੋਜਨ ਲਈ ਪੌਦੇ ਖੁਦ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਹਨ । (2) ਇਹ ਪਰਪੋਸ਼ੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਇਹ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਖੁਦ ਤਿਆਰ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਭੋਜਨ ਲਈ ਦੂਜੇ ਜੀਵਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।
(3) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਲਗਭਗ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । (3) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਗਤੀਸ਼ੀਲਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(4) ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਕੁੱਝ ਨਿਸਚਿਤ ਖੇਤਰਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਵਾਧਾ ਖੇਤਰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਸਥਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (4) ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਇੱਕੋ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਬਲਕਿ ਇਹ ਸਾਰੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਅਤੇ ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਵੇਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ – ਇਹ ਅਜਿਹੇ ਰੋਗ ਹਨ ਜੋ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵਾਂ, ਵਿਸ਼ਾਣੂਆਂ, ਜੀਵਾਣੁਆਂ, ਉੱਲੀਆਂ ਅਤੇ ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ। ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਰੋਗਾਣੂ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਭੋਜਨ, ਸੰਪਰਕ ਅਤੇ ਕੀੜਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਰੋਗ ਬਿਮਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਚ ਸੰਚਾਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਸੰਚਰਨੀ ਰੋਗ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ – ਇਹ ਰੋਗ ਬਿਮਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡਾਇਬੀਟੀਜ਼, ਕੈਂਸਰ, ਅਮੀਨੀਆ, ਕਵਾਸ਼ਿਓਰਕਰ ਆਦਿ ।
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਫੈਲਣ ਦੀ ਵਿਧੀ-ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਨਾਲ ਫੈਲਦੇ ਹਨ-
(i) ਪ੍ਰਤੱਖ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ
(ii) ਅਪ੍ਰਤੱਖ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ।

(i) ਪ੍ਰਤੱਖ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ – ਇਹ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-

  1. ਇਹ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਖਾਂਸੀ ਕਰਨ, ਛਿੱਕ ਮਾਰਨ ਅਤੇ ਗੱਲਾਂ ਕਰਨ ਆਦਿ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਡਰੋਪਲੇਟ (Droplet) ਸੰਕਰਮਣ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੁਆਰਾ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਨਾਲ ਛੂਹਣ ਤੇ ਵੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਭੁਮੀ ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਵੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਇਹ ਲਹੁ ਦੁਆਰਾ ਸੰਚਾਰਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਅਪ੍ਰਤੱਖ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ – ਇਹ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗਾਂ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-

  1. ਇਹ ਕੀਟਾਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੰਤੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਦੂਸ਼ਿਤ ਪਾਣੀ, ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਧੂੰਆਂ ਅਤੇ ਧੂੜ ਆਦਿ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਕੁੱਝ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਦੇ ਉਪਾਅ-

  1. ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਣਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਭੋਜਨ ਸੰਤੁਲਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਸਰੀਰ ਦੀ ਪਾਕਿਰਤਕ ਤੀਰੱਖਿਆ ਠੀਕ ਬਣੀ ਰਹੇ ।
  3. ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਮੱਖੀਆਂ, ਮੱਛਰਾਂ, ਧੂੜ-ਕਣਾਂ ਆਦਿ ਤੋਂ ਬਚਾ ਕੇ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਘਰ ਅਤੇ ਆਂਢ-ਗੁਆਂਢ ਵਿੱਚ ਸਫ਼ਾਈ ਦਾ ਖਾਸ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਮੱਛਰ ਉੱਥੇ ਆਪਣਾ ਵਾਧਾ ਨਾ ਕਰ ਸਕਣ ।
  5. ਸੀਵਰ ਵਿਵਸਥਾ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਦਾ ਵਿਸਰਜਨ ਠੀਕ ਹੋਵੇ ।
  6. ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਅਤੇ ਘਰੇਲੂ ਫਾਲਤੂ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਆਦਿ ਦਾ ਨਿਪਟਾਰਾ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  7. ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਮਲ-ਤਿਆਗ ਨਾਲ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੂਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਨਦੀਆਂ ਨਾਲਿਆਂ ਦਾ ਜਲ ਵੀ ਦੁਸ਼ਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਘੱਟ ਲਾਗਤ ਵਾਲੇ ਢੱਕੇ ਪਖਾਣਿਆਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਸਿਗਰੇਟ, ਸ਼ਰਾਬ ਜਾਂ ਹੋਰ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਸੇਵਨ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  9. ਸਰੀਰਕ ਸੰਬੰਧ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਸਿਫਲਿਸ, ਗੋਨੋਰੀਆ, ਏਡਜ਼ ਵਰਗੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ, ਸੰਜਮ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ਸੁਥਰੀ ਜੀਵਨ ਪੱਧਤੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  10. ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਅਤੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਬਚਾ ਕੇ ਰੱਖਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਮੂਲ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਿਹਤ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਜੀਵਨ ਸਮਰੱਥਾ ਦੀ ਆਮ ਸਥਿਤੀ ਹੈ । ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਹੋਣ ਤੇ ਹੀ ਅਸੀਂ ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ, ਇਕ ਸਮਾਜ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ, ਇਕ ਰਾਸ਼ਟਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ, ਆਪਣੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ | ਖ਼ਰਾਬ ਸਿਹਤ ਤੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲੱਛਣ ਹਨ । ਚਿੰਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਮਨੋਵਿਗਿਆਨਿਕ ਤਣਾਅ ਤੋਂ ਆਜ਼ਾਦੀ ਇੱਕ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲੱਛਣ ਹਨ | ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਮੂਲ ਪਰਿਸ਼ਥਿਤੀਆਂ ਹਨ-

1. ਵਧੀਆ ਭੋਜਨ – ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਲਈ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਨਾਲ ਹੀ ਸਾਨੂੰ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ਜੋ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸੰਕਰਮਣ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰੋਗ ਸੁਰੱਖਿਆ ਨੂੰ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਪ੍ਰਵਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

2. ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਅਤੇ ਘਰੇਲੂ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ – ਸਿਹਤ ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਅਤੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਠੀਕ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਸਰੀਰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ, ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣਾ, ਸੰਤੁਲਿਤ ਆਹਾਰ ਲੈਣਾ ਅਤੇ ਮਾਦਕ ਅਤੇ ਸੰਵੇਦਨਾਮੰਦਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਰ ਰਹਿਣਾ ਆਦਿ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ | ਘਰੇਲੁ ਸਿਹਤ ਦੇ ਅੰਤਰਗਤ, ਘਰੇਲੂ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਨਿਪਟਾਰਾ, ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤਿਆਗਣ ਅਤੇ ਵਿਸਰਜਨ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣਾ ਆਦਿ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ! ਸੁਖਮਜੀਵ ਹੀ ਸਾਡੇ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਸੰਮਿਤ ਕਰਕੇ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਜਾਲੀਦਾਰ ਅਲਮਾਰੀ ਵਿਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਮੱਖੀਆਂ ਅਤੇ ਕੀਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤਿਆਗਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਹਿਣ ਕਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਬਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣ ਨਾਲ ਸੁਖਮਜੀਵਾਂ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਹੱਦ ਤਕ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

3. ਸਾਫ਼ ਭੋਜਨ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹਵਾ – ਬਾਜ਼ਾਰ ਵਿੱਚੋਂ ਫਲ, ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਆਦਿ ਲਿਆਉਣ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਹਨਾਂ ਉੱਪਰ ਕੀਟਨਾਸ਼ਕ ਅਤੇ ਧੂੜ ਦੇ ਕਣ ਚਿਪਕੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣ ਨਾਲ ਇਹ ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਫਲ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਸੂਖਮ ਜੀਵ, ਕਿਰਮਾਂ ਆਦਿ ਦੇ ਅਸਰ ਤੋਂ ਬਚ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦਾ ਸਾਫ਼, ਠੰਡੇ ਅਤੇ ਮੱਖੀ ਰਹਿਤ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਭੰਡਾਰਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਉਬਾਲ ਕੇ, ਛਾਣ ਕੇ ਪੀਣ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਕੀਟਾਣੂ ਰਹਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਿਮਾਰੀ ਵਾਲੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿੱਚ ਇਹ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਉਬਾਲ ਕੇ ਹੀ ਵਰਤਿਆ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਤੋਂ ਮੁਕਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਰਤਨ ਧੋਣ, ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਅਤੇ ਪੀਣ ਆਦਿ ਲਈ ਕਦੇ ਵੀ ਤਾਲਾਬਾਂ ਜਾਂ ਨਦੀ ਦਾ ਪਾਣੀ ਨਹੀਂ ਵਰਤਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸ਼ੁੱਧ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ, ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ, ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸ਼ੁੱਧ, ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੀ ਹਵਾ ਵੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ । ਇਹੀ ਸ਼ੁੱਧ ਹਵਾ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਦਾ ਦਹਿਣ ਕਰਕੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਹਵਾ ਵਿਚ ਸਾਹ ਲੈਣ ਤੇ ਸ਼ਵਸਨ ਰੋਗ (ਸਾਹ ਰੋਗ) ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਤੰਬਾਕੂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਵਾਲਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕੈਂਸਰ ਅਤੇ ਦਿਲ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵਧੇਰੇ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਧੂੰਆਂ ਰਹਿਤ ਚੁੱਲ੍ਹੇ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਧੂੰਏਂ ਦੇ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਪ੍ਰਭਾਵਾਂ ਤੋਂ ਔਰਤਾਂ ਨੂੰ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

4. ਕਸਰਤ, ਵਿਸ਼ਰਾਮ ਅਤੇ ਨਸ਼ੇ – ਨਿਯਮਿਤ ਕਸਰਤ, ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਦਿਮਾਗ ਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰੱਖਦੀ ਹੈ । ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਕਸਰਤ, ਵਿਸ਼ਰਾਮ ਅਤੇ ਸੌਣਾ, ਸਰੀਰਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੈ । ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਹੋਣ ਤੇ ਵੀ ਜੇ ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਆਦਤ ਪੈ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਮਾਨਸਿਕ ਤੇ ਸਰੀਰਕ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਤੰਬਾਕੂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਾਰਨ ਮੂੰਹ ਅਤੇ ਫੇਫੜਿਆਂ ਦਾ ਕੈਂਸਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸ਼ਰਾਬ ਦਿਮਾਗ਼ ਦੀ ਜਾਗਰੂਕਤਾ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਵਧੇਰੇ ਸੇਵਨ ਜਿਗਰ ਵਿੱਚ ਵਿਗਾੜ ਪੈਦਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਮਾਦਕ ਅਤੇ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਆਦਤ ਤੋਂ ਬਚਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਿਹਤ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ
-ਸਿਹਤ-ਸਿਹਤ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਅੰਗਾਂ ਅਤੇ ਤੰਤਰਾਂ ਦੇ ਠੀਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਵੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਿਹਤ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਜੀਵਨ ਸਮਰੱਥਾ ਦੀ ਆਮ ਸਥਿਤੀ ਹੈ ।ਉਦੇਸ਼ਪੂਰਨ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰਨ ਲਈ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲੱਛਣ ਹਨ ਪਰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਹੋਣ ਲਈ ਚਿੰਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਮਨੋਵਿਗਿਆਨਿਕ ਤਣਾਵਾਂ ਤੋਂ ਆਜ਼ਾਦੀ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਸਿਹਤ ਵਧੀਆ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਵਿਅਕਤੀ, ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਇਕ ਰਾਸ਼ਟਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਆਪਣੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦਾ ਵਧੀਆ ਉਪਯੋਗ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਪੱਧਰ ‘ ਤੇ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲਈ ਸਾਡੇ ਕੀ ਕਰਤੱਵ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਉਸ ‘ਤੇ ਚਿਪਕੀ ਧੂੜ ਚੰਆਦਿ ਸਾਫ਼ ਹੋ ਜਾਵੇ ਚਮੜੀ ਸਾਫ਼ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਦੁਰਗੰਧ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ ਅਤੇ ਚਮੜੀ ਰੋਗ ਆਦਿ ਲੱਗਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਡੇ ਕੱਪੜੇ ਸਾਫ਼ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਬਰਤਨ ਅਤੇ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਮੱਖੀਆਂ ਅਤੇ ਕੀਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾ ਕੇ ਜਾਲੀਦਾਰ ਅਲਮਾਰੀ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤਿਆਗਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੱਥ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਇਹ ਰੋਗਾਣੂ ਮੁਕਤ ਹੋ ਜਾਣ । ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਉਬਾਲ ਕੇ ਪੀਣਾ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਅਤੇ ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਛੂਤ ਅਤੇ ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ (Communicable Diseases) ਅਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ (Non-Communicable Diseases)
(1) ਇਹ ਰੋਗ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਦੇ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰ ਜਾਣ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਰੋਗ ਹੋਰ ਕਾਰਨਾਂ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-ਜਿਵੇਂ ਢਾਹ-ਉਸਾਰ ਕਿਰਿਆ, ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਨਾ ਮਿਲਣਾ, ਸਰੀਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਭਾਗ ਵਿਚ ਬੇਕਾਬੂ ਸੈੱਲ ਵਿਭਾਜਨ ਆਦਿ।
(2) ਰੋਗ ਦਾ ਫੈਲਾਅ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਦੁੱਧ, ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਮਾਤਾ ਦੇ ਪਲੇਸੈਂਟਾਂ ਤੋਂ ਭਰੂਣ ਵਿੱਚ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । (2) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਫੈਲਣ ਲਈ ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੈ ।
(3) ਇਹ ਰੋਗ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਚ ਸੰਪਰਕ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । (3) ਇਹ ਰੋਗ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸੰਪਰਕ ਦੁਆਰਾ ਨਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸੂਖਮਜੀਵ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਸਾਧਨਾਂ ਰਾਹੀਂ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਨ ? ਹਰੇਕ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੂਖਮਜੀਵ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਦੁਆਰਾ, ਛੂਹਣ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਆਮ ਸਰਦੀ ਜਾਂ ਜ਼ੁਕਾਮ ਵਿੱਚ ਵਾਇਰਸ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਹੈਜ਼ੇ, ਆਂਤ ਸ਼ੋਥ ਅਤੇ ਮਿਆਦੀ ਬੁਖ਼ਾਰ ਦੇ ਜੀਵਾਣੁ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਰਾਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ਜਾਂ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਰਿੰਗਵਰਮ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਉੱਲੀ ਦਾ ਸੰਕਰਮਣ ਹੈ । ਇਹ ਚਮੜੀ ਦੇ ਸਪਰਸ਼ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਸਿਫਲਿਸ, ਗੋਨੋਰੀਆ ਵਰਗੇ ਯੌਨ ਰੋਗ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਰਾਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਏਡਜ਼ ਵਾਇਰਸ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਡਾਇਰੀਆ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਦੀ ਵਿਧੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਡਾਇਰੀਆ (Diarrohea) – ਡਾਇਰੀਆ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬੱਚੇ ਉਲਟੀ ਤੇ ਦਸਤ ਕਰਨ ਲੱਗਦੇ ਹਨ ਜਿਸਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਨਿਰਜਲੀਕਰਨ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਨਿਰਜਲੀਕਰਨ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਘੋਲ ਇੱਕ ਦਿਨ ਵਿੱਚ 5-6 ਵਾਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਇਕ ਗਿਲਾਸ ਵਿੱਚ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤਿੰਨ ਚਮਚ ਚੀਨੀ, ਇੱਕ ਚੌਥਾਈ ਚਮਚ ਨਮਕ, ਇਕ ਚੁਟਕੀ ਖਾਣ ਵਾਲਾ ਸੋਡਾ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਬੂੰਦਾਂ ਨਿੰਬੂ ਦੇ ਰਸ ਦੀਆਂ ਮਿਲਾ ਕੇ ਘੋਲ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸੁਪ, ਦਾਲ, ਚਾਵਲ ਦਾ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਛਾਛ (ਲੱਸੀ) ਵੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਕਮੀ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇਕ ਸਾਲ ਦੇ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਟੀਕੇ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. B.C.G. – ਇਹ ਟੀਕਾ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਟੀ.ਬੀ. ਤੋਂ ਬਚਾਉ ਲਈ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਖਸਰੇ ਦਾ ਟੀਕਾ-ਇਹ ਛੋਟੀ ਮਾਤਾ ਜਾਂ ਖਸਰੇ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪੋਲੀਓ-ਇਸਦੀ ਦਵਾਈ ਮੂੰਹ ਦੁਆਰਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਮਹੀਨੇ ਦੇ ਅੰਤਰ ਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਵਾਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. D.P.T. – ਦੇ ਤਿੰਨ ਟੀਕੇ ਇੱਕ-ਇੱਕ ਮਹੀਨੇ ਦੇ ਅੰਤਰ ਤੇ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਬੱਚਾ ਡਿਪਥੀਰੀਆ, ਕਾਲੀ ਖੰਘ ਅਤੇ ਟੈਟਨਸ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਟੀ. ਬੀ. ਰੋਗ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਅੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀ.ਬੀ. ਰੋਗ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਫੇਫੜਿਆਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਪਰ ਬਾਅਦ ਵਿਚ ਲਿੰਫ਼ਨੋਡ, ਦਿਮਾਗ, ਹੱਡੀਆਂ ਅਤੇ ਆਂਦਰਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਇਹ ਰੋਗ ਬੁੱਕ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ।
ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਬੀ. ਸੀ. ਜੀ. (B.C.G.) ਦੇ ਟੀਕੇ ਲਗਵਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਜੇ ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਕੁੱਤਾ ਕੱਟ ਲਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਉਪਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁੱਤੇ ਦੇ ਕੱਟਣ ਤੋਂ ਬਣੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਸਾਬਣ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋ ਕੇ ਰੋਗਾਣੂ ਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈ ਲਗਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਕੱਟਣ ਵਾਲਾ ਕੁੱਤਾ ਪਾਗਲ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕੱਟੇ ਗਏ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਡਾਕਟਰ ਦੀ ਸਲਾਹ ਨਾਲ ਐਂਟੀਰੇਬੀਜ਼ ਟੀਕੇ ਜ਼ਰੂਰ ਲਗਵਾ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਟੀਕੇ ‘ਤੇ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਸੀਮਾ ਦਾ ਕੀ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀਕੇ ‘ਤੇ ਤਾਪਮਾਨ ਦਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਨੂੰ ਘੱਟ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ‘ਤੇ ਇਹ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸੰਭਾਲ ਸਮਾਂ ਸੀਮਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਵਧੇਰੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਇਹਨਾਂ ਦੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਵਾਹਕ (Vector) ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਹਕ (Vector) – ਬਿਮਾਰੀ ਫੈਲਾਉਣ ਵਾਲੇ ਸੂਖਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਇਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਵਾਹਕ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਘਰੇਲੂ ਮੱਖੀ ਹੈਜ਼ੇ, ਪੇਚਿਸ, ਆਦਿ ਦੇ ਕੀਟਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਇਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਲੈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਮਾਦਾ ਐਨਾਫਲੀਜ਼ ਮੱਛਰ ਮਲੇਰੀਆ ਨੂੰ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਏਡੀਜ਼ ਮੱਛਰ ਡੇਂਗੂ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਪਣਾ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ – ਇਹ ਉਹ ਪਦਾਰਥ ਹਨ ਜੋ ਸੂਖਮਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਸੂਖਮਜੀਵਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਨੂੰ ਰੋਕਦੇ ਹਨ । ਪੈਨਸੀਲੀਨ ਅਜਿਹਾ ਪਹਿਲਾ ਪ੍ਰਤੀ ਜੈਵਿਕ ਪਦਾਰਥ ਹੈ ਜੋ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਵਰਤੋਂ ਲਈ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਆਮ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣਿਕ ਮਾਰਗ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਅਨੇਕਾਂ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਆਪਣੀ ਰੱਖਿਆ ਲਈ ਇੱਕ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਭਿੱਤੀ ਬਣਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਪਰ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਵਿੱਤੀ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਵਾਪਸ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਇਹ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਕੁੱਝ ਆਮ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਵਰਗੀਕਰਨ ਕਰੋ ਜੋ ਕਾਰਨਾਤਮਕ ਜੀਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ – ਜਿਹੜੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਜੀਵਾਣੁਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੀਆਂ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬੈਕਟੀਰੀਅਲ ਰੋਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਟੀ.ਬੀ. ਹੈਜ਼ਾ, ਟਾਈਫਾਈਡ, ਦਸਤ, ਟੈਟਨਸ, ਡਿਪਥੀਰੀਆ ਆਦਿ ।

(ਅ) ਵਿਸ਼ਾਣੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ – ਜੋ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਵਾਇਰਸ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੀਆਂ ਹਨ, ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵਾਇਰਸ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਪੋਲੀਓ, ਚਿਕਨ ਪਾਕਸ, ਰੇਬੀਜ਼, ਜੁਕਾਮ, ਖਸਰਾ, ਏਡਜ਼ ਆਦਿ ।

(ੲ) ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ – ਜੋ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੀਆਂ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰੋਟੋਅਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਡਾਇਰੀਆ, ਗੈਸਟਰੋਇੰਟਾਇਟਿਸ, ਮਲੇਰੀਆ ਆਦਿ ।

(ਸ) ਉੱਲੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ – ਇਹ ਰੋਗ ਉੱਲੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਉੱਲੀ ਰੋਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜਿਵੇਂ ਦਾਦ, ਚਮੜੀ ਰੋਗ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਜ਼ੁਕਾਮ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੈ, ਇਸ ‘ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ੁਕਾਮ ਅਜਿਹੀ ਬਿਮਾਰੀ ਹੈ ਜੋ ਸ਼ਾਇਦ ਵਿਸ਼ਵ ਦੇ ਸਾਰੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕਦੇ ਨਾ ਕਦੇ ਸੰਕਰਮਿਤ ਕਰ ਚੁੱਕੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਲਈ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਾਇਰਸ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਚਾਉਣਾ ਬਹੁਤ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਾਰਨ ਸਾਹ ਨਲੀ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਸਲੇਸ਼ਮਾ ਤਿੱਲੀ, ਨੱਕ ਅਤੇ ਗਲਾ ਸੰਕਰਮਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਨੱਕ ਅਤੇ ਅੱਖਾਂ ਵਿਚੋਂ ਤਰਲ ਪਦਾਰਥ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ । ਸਰੀਰ ਦੇ ਸੰਕਰਮਿਤ ਭਾਗ ‘ਤੇ ਜਲਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਦਵਾਈਆਂ ਨਾਲ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਹੱਦ ਤਕ ਘੱਟ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਵਿਟਾਮਿਨ ‘ਸੀਂ ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਟੀਕਾਕਰਣ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀਕਾਕਰਣ (Vaccination) – ਅੱਜਕਲ੍ਹ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਉਪਚਾਰ ਲਈ ਟੀਕਾਕਰਣ ਦੀ ਬਹੁਤ ਸਹਾਇਤਾ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਸੰਰੋਪਣ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਉਸ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਉਸ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਤੀਰੱਖਿਅਕ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਵੇ ।ਟੀਕਾਕਰਣ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਦੀ ਜੀਵਤ ਜਾਂ ਮਰੇ ਹੋਇਆਂ ਦੀ ਕੁੱਝ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਉਲਟ ਪਤੀਰੱਖਿਆ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਬਾਹਰੀ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਟੀਕੇ ਵਿਚ ਰੋਗ ਵਾਹਕ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਘੱਟ ਸੰਘਣੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਿਹਤ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤੱਤ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਿਹਤ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤੱਤ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਜਨਤਾ ਦੇ ਲਈ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਸਾਫ਼ ਪੀਣ ਦਾ ਪਾਣੀ ।
  2. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਅਲਪਪੋਸ਼ਣ ਅਤੇ ਕੁਪੋਸ਼ਣ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ।
  3. ਸਿਹਤ ਸਿੱਖਿਆ ।
  4. ਡਾਕਟਰੀ ਸਹਾਇਤਾ ਅਤੇ ਇਲਾਜ ।
  5. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਪੋਲੀਓ, ਟੀ.ਬੀ., ਟੈਟਨਸ, ਡਿਪਥੀਰੀਆ, ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ਆਦਿ ਦਾ ਟੀਕਾ ਲਗਾਉਣਾ ।
  6. ਪਰਿਵਾਰ ਨਿਯੋਜਨ ਅਤੇ ਸਲਾਹ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਚੰਗੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਖ਼ੁਸ਼ ਰਹਿਣ ਦੀ ਕਿਉਂ ਲੋੜ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਖੁਸ਼ ਰਹਿਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਜੇ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਸਾਡਾ ਵਿਵਹਾਰ ਠੀਕ ਨਹੀਂ ਹੈ ਅਤੇ ਅਸੀਂ ਇੱਕ-ਦੂਸਰੇ ਤੋਂ ਡਰਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਖ਼ੁਸ਼ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਨਹੀਂ ਰਹਿ ਸਕਦੇ । ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਸਿਹਤ ਦੇ ਲਈ ਸਮਾਜਿਕ ਸਮਾਨਤਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਕਈ ਸਮੁਦਾਇਕ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਸਾਡੀ ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਹਰ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਖ਼ੁਸ਼ ਰਹਿਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੀਏ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਅਤੇ ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗਾਂ ਵਿਚ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਅਤੇ ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗ
(1) ਇਹ ਥੋੜੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਠੀਕ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਰੋਗ ਬਹੁਤ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਠੀਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।
(2) ਇਹ ਰੋਗ ਜੀਵਨ ਭਰ ਨਹੀਂ ਰਹਿੰਦੇ । (2) ਇਹ ਰੋਗ ਜੀਵਨ ਭਰ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਬਹੁਤ ਗੰਭੀਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਉਦਾਹਰਨ-ਖਾਂਸੀ, ਜ਼ੁਕਾਮ । (3) ਇਹਨਾਂ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਗੰਭੀਰ ਹਾਨੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਮੌਤ ਦਾ ਕਾਰਨ ਵੀ ਬਣ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
ਉਦਾਹਰਨ-ਟੀ.ਬੀ. ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਵਾਇਰਸ ਤੇ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਦਾ ਅਸਰ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਇਰਸ ਦੀਆਂ ਜੈਵ-ਪ੍ਰਕਿਰਿਆਵਾਂ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਤੋਂ ਵੱਖ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਮੇਜ਼ਬਾਨ ਦੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹਾ ਕੋਈ ਰਸਤਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਵਿਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸੇ ਕਾਰਨ ਕੋਈ ਵੀ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਕਿਸੇ ਵੀ ਵਾਇਰਸ ਸੰਕਰਮਨ ‘ਤੇ ਅਸਰ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ | ਜੇ ਖਾਂਸੀ ਜੁਕਾਮ ਨਾਲ ਪੀੜਿਤ ਹੈ। ਤਾਂ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਲੈਣ ਨਾਲ ਰੋਗ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਜਾਂ ਉਸ ਦੀ ਸਮੇਂ ਸੀਮਾ ਵਿੱਚ ਕਮੀ ਨਹੀਂ ਆਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19. ਏਡਜ਼ ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਦੀ ਲਾਗ ਦੇ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹਨ ? ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਏਡਜ਼ (AIDS) – ਏਡਜ਼ ਇਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਭਿਆਨਕ ਛੂਤ ਦਾ ਰੋਗ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਉਪਚਾਰ ਅੱਜ ਤਕ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਨਹੀਂ ਖੋਜਿਆ ਜਾ ਸਕਿਆ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ Acquired Immuno Deficiency Syndrome ਹੈ, ਜੋ HIV (Human Immuno Virus) ਨਾਂ ਦੇ ਵਿਸ਼ਾਣੂ ਨਾਲ ਫੈਲਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਵਿਸ਼ਾਣੂ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਸੁਰੱਖਿਆ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਸਰੀਰ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕ ਸਮਰੱਥਾ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਕਿਸੇ ਵੀ ਰੋਗ ਨਾਲ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ਕੇ ਮਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਲਾਗ ਦੇ ਕਾਰਨ – ਏਡਜ਼ ਦਾ ਰੋਗ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-

  1. ਏਡਜ਼ ਰੋਗ ਨਾਲ ਲਾਗ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨਾਲ ਲਿੰਗੀ ਸੰਬੰਧ ।
  2. ਏਡਜ਼ ਰੋਗ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਰੋਗੀ ਤੋਂ ਖੂਨ ਲੈਣ ਕਾਰਨ ।
  3. ਸਮਲਿੰਗੀ ਸੰਭੋਗ ।
  4. ਏਡਜ਼ ਪੀੜਤ ਮਾਤਾ ਤੋਂ ਨਵੇਂ ਜਨਮੇ ਸ਼ਿਸ਼ੂ ਨੂੰ ।
  5. ਲਾਗ ਵਾਲੀ ਸੂਈ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਤੋਂ ।
  6. ਏਡਜ਼ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਮਾਤਾ ਦੁਆਰਾ ਸ਼ਿਸ਼ੂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਦੁੱਧ ਪਿਲਾਉਣ ਨਾਲ ।

ਰੋਗ ਦੀ ਜਾਂਚ – ਏਡਜ਼ ਦੀ ਜਾਂਚ ELISA ਵਿਧੀ ਨਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਬਚਾਅ –

  1. ਲਹੂ ਚੜ੍ਹਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਹ ਜਾਂਚ ਕਰ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਲਹੂ HIV ਤੋਂ ਮੁਕਤ ਹੈ ।
  2. ਲਿੰਗੀ ਸੰਬੰਧ ਬਹੁਤ ਹੀ ਸਾਵਧਾਨੀ ਪੂਰਵਕ ਬਣਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਟੀਕੇ ਦੀ ਸੁਈ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਹੀ ਵਾਰ ਕੀਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਏਡਜ਼ ਰੋਗ ਕਿਸ ਤੋਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ-ਹੱਥ ਮਿਲਾਉਣ ਨਾਲ, ਗਲੇ ਮਿਲਣ ਨਾਲ, ਖੇਡਕੁਦ ਜਾਂ ਕੁਸ਼ਤੀ ਅਤੇ ਕੋਈ ਹੋਰ ਵਿਧੀ ਜਿਸ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਸਮਾਜਿਕ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
HIV-AIDs ਰੋਗੀ ਦੀ ਮੌਤ ਦਾ ਕਾਰਨ ਕਿਸ ਲਈ ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗ ਹੋਣ ਤੇ ਕੁੱਝ ਕੇਸਾਂ ਵਿੱਚ ਟਿਸ਼ੂ ਆਧਾਰਤ ਲਾਗ ਕੁੱਝ ਬਹੁਤ ਆਮ ਜਿਹੇ ਪ੍ਰਭਾਵਾਂ ਦੇ ਲੱਛਣ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ । HIV ਲਾਗ ਦੇ ਵਾਇਰਸ ਰੱਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਕਾਰਜ ਵਿੱਚ ਰੁਕਾਵਟ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । HIV-AIDS ਦੇ ਅਨੇਕ ਪ੍ਰਭਾਵ ਇਸ ਲਈ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਸਾਡਾ ਸਰੀਰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂਮੋਟੀਆਂ ਲਾਸ਼ਾਂ ਦਾ ਵੀ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦਾ । ਹਲਕਾ ਖਾਂਸੀ ਜੁਕਾਮ ਨਾਲ ਨਿਮੋਨੀਆ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਹਾਰ ਨਲੀ ਵਿਚ ਹੋਈ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਲਾਗ ਵੀ ਟੱਟੀਆਂ-ਉਲਟੀਆਂ ਤੇ ਲਹੂ ਦੇ ਰਿਸਾਵ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਅਜਿਹੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਲਾਸ਼ਾਂ ਹੀ HIV-AIDS ਦੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਮੌਤ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦੀਆਂ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਜੇ ਇੱਕ ਵਾਰ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਚੇਚਕ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਦੁਬਾਰਾ ਉਸ ਨੂੰ ਕਦੇ ਚੇਚਕ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ ਇਕ ਵਾਰ ਚੇਚਕ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਦੁਬਾਰਾ ਕਦੇ ਚੇਚਕ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ਕਿਉਂਕਿ ਜਦੋਂ ਰੋਗਾਣੂ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ‘ਤੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਹਮਲਾ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਤਾਂ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਇਹਨਾਂ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫਿਰ ਇਸ ਨੂੰ ਖ਼ਾਸ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਯਾਦ ਕਰ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਦੋਂ ਇਹ ਰੋਗਾਣੂ ਜਾਂ ਉਸ ਨਾਲ ਮਿਲਦਾ-ਜੁਲਦਾ ਰੋਗਾਣੂ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਪੂਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸੰਕਰਮਣ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਦੂਸਰਾ ਸੰਕਰਮਣ ਜਲਦੀ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆਕਰਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ‘ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਟੀਕਾਕਰਣ ਨਾਲ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ‘ਮੂਰਖ ਬਣਾਉਣਾ ਕਿਉਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀਕਾਕਰਣ ਦਾ ਆਮ ਨਿਯਮ ਹੈ ਕਿ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਲਾਗ ਦੇ ਸੁਖਮਜੀਵ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਵਾ ਕੇ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ‘ਮੂਰਖ’ ਬਣਾਉਣਾ । ਇਹ ਉਹਨਾਂ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਦੀ ਨਕਲ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਟੀਕੇ ਦੁਆਰਾ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਪਰ ਇਹ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਉਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਤੋਂ ਰੋਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਛੋਟੇ ਬੱਚੇ ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ‘A’ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਅਕ ਹੋ ਚੁੱਕੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ਦੇ ਕੁੱਝ ਵਾਇਰਸ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪੀਲੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪਾਣੀ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ‘A’ ਦੇ ਲਈ ਟੀਕਾ ਉਪਲੱਬਧ ਹੈ । ਪਰ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਬੱਚੇ ਦੀ ਉਮਰ ਪੰਜ ਸਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਦ ਤਕ ਉਹ ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ‘A’ ਦੇ ਲਈ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਅਕ ਹੋ ਚੁੱਕੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸਦਾ ਕਾਰਨ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਪਾਣੀ ਦੁਆਰਾਂ ਇਸ ਵਾਇਰਸ ਦੇ ਅਸਰ ਹੇਠ ਆ ਚੁੱਕੇ ਹਨ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਿਹਤ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਹਤ ਉਹ ਅਵਸਥਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਅੰਤਰਗਤ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਕਾਰਜ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੂਰੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਾਲ ਤੇ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਚੰਗੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਕੀ-ਕੀ ਲੋੜੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਫ਼ਾਈ, ਭੋਜਨ, ਚੰਗੀ ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੋਈ ਚਾਰ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ਜਿਸ ਨਾਲ ਰੋਗ ਦਾ ਪਤਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਰਦਰਦ, ਖਾਂਸੀ, ਦਸਤ, ਕਿਸੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਵਿੱਚ ਮਵਾਦ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਿਹੜੇ ਰੋਗ ਘੱਟ ਸਮੇਂ ਲਈ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਜਾਂ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਭਰ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਅਲਪਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਦੀ ਇਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਂਸੀ, ਜ਼ੁਕਾਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਦਾ ਇਕ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੈਰ ਫੁੱਲਣ ਦਾ ਰੋਗ (ਐਲੀਫੇਨਟਾਈਸਸ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਹਾਨੀ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਰੋਗ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੀਰਘਕਾਲੀਨ ਰੋਗ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਤਲੇ ਦਸਤ ਲੱਗਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੂਸ਼ਿਤ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਗੰਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਸੰਕਰਾਮਕ ਰੋਗ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਜਿਹੇ ਰੋਗ ਜਿਹਨਾਂ ਦਾ ਤਤਕਾਲੀਨ ਕਾਰਕ ਸੂਖਮਜੀਵ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਕਰਾਮਕ ਰੋਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸੁਖਮ-ਜੀਵ ਸਮੁਦਾਇ ਵਿੱਚ ਰੋਗ ਫੈਲਾਅ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕੈਂਸਰ ਰੋਗ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨੁਵੰਸ਼ਿਕ ਅਸਮਾਨਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਅਮਲਤਾ ਅਤੇ ਪੇਪਟੀਕ ਅਲਸਰ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰੇਸ਼ਾਨੀ ਭਰੀ ਸੋਚ ਅਤੇ ਚਿੰਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਪੇਪਟੀਕ ਅਲਸਰ ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹੇਲੀਕੋ ਬੈਕਟਰ ਪਾਇਲੋਰੀ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਿਹੜੇ ਦੋ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਨੇ ਪੇਪਟੀਕ ਅਲਸਰ ਦੇ ਕਾਰਕ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਇਆ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਸਟਰੇਲੀਆ ਦੇ ਰੋਗ ਵਿਗਿਆਨੀ ਰਾਬਿਨ ਬਾਰੈਨ ਅਤੇ ਬੈਰੀ ਮਾਰਸ਼ਲ ਨੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪੇਪਟੀਕ ਅਲਸਰ ਦਾ ਇਲਾਜ ਹੁਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਤੀਜੈਵਿਕਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਵਾਇਰਸ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਚਾਰ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਾਂਸੀ, ਜ਼ੁਕਾਮ, ਇਨਫਲੂਏਂਜਾ, ਡੇਂਗੂ, ਬੁਖ਼ਾਰ, ਏਡਜ਼ (AIDS) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਨਾਲ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਚਾਰ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਟਾਇਫਾਈਡ, ਹੈਜ਼ਾ, ਟੀ.ਬੀ., ਐੱਥਰੇਕਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਦੋ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਲੇਰੀਆ ਅਤੇ ਕਾਲਾਜਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਆਮ ਕਰਕੇ ਚਮੜੀ ਰੋਗ ਕਿਸ ਨਾਲ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉੱਲੀ ਕਾਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਰੋਗ ਫੈਲਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕਿਸ ਕਾਰਕ ਦਾ ਗੁਨਣ ਤੁਲਨਾਤਮਕ ਪੱਖ ਨਾਲ ਘੱਟ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਰਮਾਂ ਦਾ ਗੁਣਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਰੋਗ ਦੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਕੀ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਦੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣਿਕ ਮਾਰਗ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਪੈਨਸੀਲੀਨ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਮੂਲ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੀ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਭਿੱਤੀ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਰੋਕ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਵਿੱਤੀ ਨਹੀਂ ਬਣਾ ਸਕਦੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਪੈਨਸੀਲੀਨ ਦਾ ਅਸਰ ਮਨੁੱਖ ਤੇ ਨਾ ਹੋ ਕੇ ਸਿਰਫ਼ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਕਿਸ ਕਾਰਨ ਇੱਕ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੀਆਂ ਕਈ ਸਪੀਸ਼ੀਜ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਹੜੇ ਐਂਟੀਬਾਇਓਟਿਕ ਕਿਸੇ ਵੀ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦੇ ਜੈਵ-ਰਸਾਇਣਿਕ ਮਾਰਗ ਨੂੰ ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਵਿੱਤੀ ਬਣਾਉਣ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਰੋਕ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਉਹਨਾਂ ਸਭ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਲਾਗ ਕਿਵੇਂ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਰੋਗੀ ਦਾ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਸਿਹਤਮੰਦ · ਵਿਅਕਤੀ ਦੁਆਰਾ ਜਾਣੇ-ਅਨਜਾਣੇ ਪੀ ਲਿਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਰੋਗ ਦੀ ਲਾਗ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਲਿੰਗੀ ਸੰਪਰਕ ਨਾਲ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਦੋ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੋਨੇਰੀਆ, ਏਡਜ਼ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਲਿੰਗੀ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਹੱਥ ਮਿਲਾਉਣ, ਗਲੇ ਮਿਲਣ, ਖੇਡ-ਕੂਦ, ਕੁਸ਼ਤੀ ਆਦਿ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਦੁਨੀਆ ਵਿਚੋਂ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੇਚਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਅਜਿਹਾ ਹੈ ਜੋ ਇਕ ਵਾਰ ਹੋ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੁਬਾਰਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੇਚਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆਕਰਣ ਦਾ ਆਧਾਰ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਰੋਗਾਣੂ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ‘ਤੇ ਦੁਬਾਰਾ ਹਮਲਾ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਯਾਦ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਰੱਖਿਅਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਆਪਣੀ ਪੂਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ Important Questions and Answers.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Long Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ? ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਬਣਦੀ ਹੈ ? ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ ਗਤੀ (Wave Motion)- ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਦੀ ਬਣਤਰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਉਦਾਹਰਨ ਤੋਂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਝੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ-
ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦਾ ਬਣਨਾ – ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਉਦਾਹਰਨ ਤੋਂ ਇਸਦਾ ਬਣਨਾ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਸਮਝਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-ਖੜੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਇੱਕ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟੋ । ਪਾਣੀ ਦੀ ਸੜਾ ਦੇ ਜਿਸ ਬਿੰਦੁ ਉੱਪਰ ਪੱਥਰ ਡਿਗਿਆ ਹੈ ਉੱਥੇ ਚੱਕਰੀ ਤਰੰਗਾਂ ਬਣ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਚੱਕਰੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਲਘੂ ਤਰੰਗਾਂ (ਗਿੱਪਲ) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵਧਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਵਾਲੀਆਂ ਇਹ ਲਘੂ ਤਰੰਗਾਂ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਤੁਰ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਲਗਭਗ ਤਲਾਬ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਾਰੀ ਸੜਾ ’ਤੇ ਫੈਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਤਰੰਗਾਂ ਤਲਾਬ ਦੇ ਕੰਢਿਆਂ ‘ਤੇ ਜਾ ਕੇ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 1
ਇੰਝ ਜਾਪਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਲਾਬ ਦਾ ਉਹ ਪਾਣੀ ਜਿਸ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟਿਆ ਸੀ, ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਤੁਰਨ ਲਗ ਪਿਆ ਹੈ, ਪਰ ਅਜਿਹਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਆਪਣੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਹੀ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਵਿਆਖਿਆ – ਜਿਸ ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟਿਆ ਗਿਆ ਸੀ, ਪਾਣੀ ਦੇ ਕੁੱਝ ਅਣੁ ਆਪਣੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਦੱਬ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ । ਕਿਉਂਕਿ ਪਾਣੀ ਇੱਕ ਲਚਕੀਲਾ ਪਦਾਰਥ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅਣੂ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਨਾਲ ਆਪਣੀ ਮੁਲ ਸੰਤੁਲਨ ਵਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ਵੱਲ ਨੂੰ ਮੁੜ ਪੈਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਹ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਅਗਾਂਹ ਲੰਘ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਲਗਾਤਾਰ ਚਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਅਣੂ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਪੂਰਾ ਕਰਨ ਉਪਰੰਤ ਆਪਣੀ ਉਰਜਾ ਨਾਲ ਲਗਵੇਂ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਦੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਕਿਰਿਆ ਉਦੋਂ ਤਕ ਚਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਤਕ ਤਲਾਬ ਦਾ ਕੰਢਾ ਨਹੀਂ ਆ ਜਾਂਦਾ । ਇਸ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਹਲਚਲ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਹ ਸਿੱਧ ਕਰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵੀ ਅਗਾਂਹਮੁਖੀ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਉਹ ਸਿਰਫ਼ ਆਪਣੀ ਸੰਤੁਲਨ ਅਵਸਥਾ ਦੁਆਲੇ ਉੱਪਰ ਥੱਲੇ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਤੁਸੀਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਲਘੂ ਤਰੰਗਾਂ (ਰਿਪਲਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਤੇ ਕਾਰਕ ਰੱਖੋ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਕਾਰਕ ਅਗਾਂਹ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਤੁਰਦਾ ਸਗੋਂ ਉੱਥੇ ਹੀ ਉੱਪਰ ਹੇਠਾਂ ਹੁੰਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – “ਇਹ ਇੱਕ ਕਿਸਮ ਦੀ ਹਲਚਲ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਇੱਕ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਦੀ ਪਦਾਰਥਕ ਕਣਾਂ ਤੇ ਦੁਹਰਾਈ ਜਾ ਰਹੀ ਕੰਪਨ ਗਤੀ ਕਾਰਨ, ਅਗਾਂਹ ਤੁਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਗਤੀ ਇੱਕ ਕਣ ਰਾਹੀਂ ਦੂਜੇ ਕਣ ਨੂੰ ਸਥਾਨ ਅੰਤਰਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।”

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
(ਉ) ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
(ਅ) ਟਰਾਂਸਵਰ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਸਮਝਾਉਣ ਲਈ ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸੁਝਾਓ ।
(ੲ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
(ਸ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੀਆਂ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
(ਹ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦਿਓ ।
(ਕ) ਉੱਚਾਣ (ਸਿਖਰ) ਅਤੇ ਨਿਵਾਣ (ਗਰਤ) ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਤਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ- ਕਣਾਂ ਦੇ ਡੋਲਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਨੁਸਾਰ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਵਰਗੀਕਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਡੋਲਨ ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੇ ਸਮਾਨ-ਅੰਤਰ ਜਾਂ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ-
(i) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ
(ii) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ।

(ਅ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ (ਆਡੇ-ਦਾਅ) ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ – ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਲਈ ਕੰਧ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਇੱਕ ਹਿੱਕ ਨਾਲ ਧਾਗੇ ਦਾ ਇੱਕ ਸਿਰਾ ਬੰਨੋ ਅਤੇ ਦੂਜਾ ਸਿਰਾ ਆਪਣੇ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਫੜ ਲਓ । ਚਿੱਤਰ ਅਨੁਸਾਰ ਧਾਗੇ ਉੱਪਰ ਬਰਾਬਰ ਦੂਰੀ ਤੇ 10-10 ਸੈਂ.ਮੀ. ਲੰਬੇ ਰੰਗਦਾਰ ਧਾਗੇ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਬੰਨੋ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 2
ਹੁਣ ਹੱਥ ਵਿੱਚ ਫੜੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਧਾਗੇ ਨੂੰ ਝਟਕਾ ਦਿਉ । ਇੱਕ ‘ਪਲਸ’ (ਸਪੰਦਨ) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਧਾਗੇ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਨਾਲਨਾਲ ‘ਹਲਚਲ’ ਤੁਰ ਪਵੇਗੀ ਅਰਥਾਤ ਧਾਗੇ ਦੇ ਕਣ ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਅਰਥਾਤ ਹਲਚਲ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਥੋੜੀ-ਥੋੜੀ ਦੇਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਝਟਕੇ ਦੇਣਾ ਜਾਰੀ ਰੱਖਦੇ ਹੋ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਰੰਗਦਾਰ ਧਾਗੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦੁਆਲੇ ਜਿੱਥੇ ਉਹ ਮੁੱਖ ਧਾਗੇ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹੇ ਹਨ ਉੱਪਰ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਅਜਿਹੀ ਹਲਚਲ ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਟਰਾਂਸਵਰਸ (ਆਡੇ-ਦਾਅ) ਤਰੰਗ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਲਈ ਇੱਕ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਉੱਪਰ ਅਤੇ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਹਲਚਲ ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਚਲਦੀ ਹੈ ।

ਇੱਕ ਆਡੇ-ਦਾਅ ਤਰੰਗ, ਉਚਾਣਾਂ (ਕੈਸਟ) ਅਤੇ ਨਿਵਾਣਾਂ (ਫ਼) ਦੀ ਬਣੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੇ ਕਣ ਦੀ ਸੰਤੁਲਨ। ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਉੱਪਰਲੇ ਧਨਾਤਮਕ ਪਾਸੇ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਚਾ ਬਿੰਦੁ ਉਚਾਣ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਪਾਸੇ ਸਭ ਤੋਂ ਨੀਵਾਂ ਬਿੰਦੂ
ਉਰਜਾ ਦੇ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਨਿਵਾਣ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਦੋ ਨਾਲ ਲਾਗਵੇਂ ਉਚਾਣਾਂ ਜਾਂ ਦੋ ਨਾਲ ਲਾਗਵੇਂ ਨਿਵਾਣਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਨੂੰ λ (ਲੈਂਬਡਾ) ਨਾਲ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 3
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 4
(ੲ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ – ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਸੰਚਾਰ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਾਤਮਕ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਪਰ ਕਣਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ ਹਲਚਲ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

(ਸ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੀਆਂ ਸਥਿਤੀਆਂ

  1. ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਜੜ੍ਹਤਾ ਦਾ ਗੁਣ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਤਣਾਓ ਦਾ ਗੁਣ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਣ ਆਪਣੀ ਅਸਲ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਆ ਸਕਣ ।
  3. ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਰਗੜ ਬਲ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਕਣ ਕਾਫ਼ੀ ਦੇਰ ਤਕ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣ ।

(ਹ) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ-

  1. ਧਾਗੇ ਵਿੱਚ ਜਾਂ ਢਿੱਲੇ ਸਪਰਿੰਗ ਵਿੱਚ – ਜੇਕਰ ਹੱਥ ਨੂੰ ਲਗਾਤਾਰ ਸਪਰਿੰਗ ਦੀ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਹੇਠਾਂ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ · ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ’ਤੇ ਰੰਗ – ਜੇ ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਕਿਸੇ ਜੌਹੜ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ‘ਤੇ ਤਰੰਗਾਂ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਹਿ ’ਤੇ ਤੈਰ ਰਿਹਾ ਕਾਰਕ ਉੱਥੇ ਹੀ ਦੋਲਤ ਹੁੰਦਾ ਰਹੇਗਾ ਅੱਗੇ ਨਹੀਂ ਜਾਵੇਗਾ । ਇਹ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗਾਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
(ੳ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ (ਲੰਮੇ-ਦਾਅ) ਤਰੰਗ ਦੀ ਬਣਤਰ ਸਮਝਾਉਣ ਲਈ ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦਾ ਸੰਯੋਜਨ ਕਰੋ ।
(ਅ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਦਿਓ ।
(ੲ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੇ ਸੰਦਰਭ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਵਿਰਲ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੀ ਰਚਨਾ-
ਕਿਰਿਆ-ਟਿਉਨਿੰਗ ਫੋਰਕ ਦੀ ਇੱਕ ਭੁਜਾ A1 ਨੂੰ ਹੌਲੀ ਜਿਹੀ ਠੋਕਰ ਲਗਾਉ । ਇਹ ਆਪਣੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਦੁਆਲੇ ਖੱਬੇ ਅਤੇ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਫੋਰਕ ਦੀ ਭੁਜਾ A1 ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਅਖੀਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਆਪਣੇ ਸੰਪਰਕ . A E A E1 ਵਿੱਚ ਆਏ ਹਵਾ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਦਬਾਅ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਨਪੀੜੇ ਹੋਏ ਇਹ ਅਣੁ ਅਗਲੇ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਦਬਾਅ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਇਸ ਨਪੀੜਨ ਦੀ ਇੱਕ ਲੜੀ ਤੁਰ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਹੁਣ ਜਦੋਂ ਉਹੀ ਭਜਾ A1 ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਦੀ ਅਤਿੰਮ ਸਥਿਤੀ E2 ਵੱਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਤਾਂ ਨਪੀੜੀ ਹੋਈ ਹਵਾ ਵਿਰਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇੱਕ ਵਿਰਲ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਫੈਲੇ ਹੋਏ ਇਹ ਅਣੁ ਗੁਆਂਢੀ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਹੋਰ ਵਿਰਲਾ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਿਰਲਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਲੜੀ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 5
ਇਹ ਵਾਰੀ-ਵਾਰੀ ਬਣੀਆਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਤੁਰ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਬਣਦੀ ਹੈ ।

(ਅ) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ – ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਵਿੱਚ ਵਿਚਲਿਤ ਹੋਏ ਅਣੂ (ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ) ਆਪਣੀ ਸੰਤੁਲਨ ਅਵਸਥਾ ਦੇ ਇਧਰ-ਉੱਧਰ ਉਸੇ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਤਰੰਗ (ਹਲਚਲ) ਅਗਾਂਹ ਚਲਦੀ ਹੈ ।
ਇੱਕ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਇੱਕ ਵਿਰਲ ਨਾਲ ਇੱਕ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਬਣਦੀ ਹੈ ।

(ੲ) ਨਪੀੜਨ (Compression) – ਨਪੀੜਨ ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਅਣੁ ਸਾਧਾਰਨ (ਨਾਰਮਲ ਨਾਲੋਂ ਬਹੁਤ ਹੀ ਨੇੜੇ-ਨੇੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਨਪੀੜਨ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਇਤਨ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਵਿਰਲ (Rarefaction) – ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਅਣੂ ਸਾਧਾਰਨ (ਨਾਰਮਲ ਨਾਲੋਂ ਦੂਰ-ਦੂਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਇਤਨ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਆਵਰਤੀ ਤਰੰਗ ਲਈ ਤਰੰਗ-ਵੇਗ, ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਅਤੇ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਵਰਤੀ ਤਰੰਗ ਲਈ ਤਰੰਗ ਵੇਗ, ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਅਤੇ ਤਰੰਗ-ਲੰਬਾਈ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ (Relation between Wave-velocity, Frequency and Wave length for a periodic wave)-
ਮੰਨ ਲਓ λ = ਇੱਕ ਅਗਾਂਹ ਮੁਖੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ-ਲੰਬਾਈ
T = ਤਰੰਗ ਦਾ ਆਵਰਤ ਕਾਲ
ਅਤੇ v = ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਵਿਤੀ
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਆਕ੍ਰਿਤੀ, ਆਵਰਤ ਕਾਲ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੈ ।
ਅਰਥਾਤ [v = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)] ………….(1)
ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਅਨੁਸਾਰ ਤਰੰਗ ਵੇਗ (V) = ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ/ਆਵਰਤ-ਕਾਲ
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 6
V = \(\frac{\lambda}{T}\)
= λ × \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\) ……………(2)
ਸਮੀਕਰਨ (1) ਅਤੇ (2) ਤੋਂ,
V = vλ …………(3)
ਇਸ ਲਈ ਤਰੰਗ ਵੇਗ = ਆਤੀ × ਤਰੰਗ-ਲੰਬਾਈ
ਅਰਥਾਤ ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਦਾ ਤਰੰਗ ਵੇਗ ਉਸ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਅਤੇ ਤਰੰਗ-ਲੰਬਾਈ ਦੇ ਗੁਣਨਫਲ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸੰਬੰਧ ਦੋਨੋਂ ਕਿਸਮਾਂ ਲਈ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧੁਨੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ
(1) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਯੰਤਿਕ ਹਨ । (1) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਬਿਜਲ-ਚੁੰਬਕੀ ਹਨ ।
(2) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀ ਤਰੰਗਾਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਡੋਲਨ ਤਰੰਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (2) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਡੋਲਨ ਤਰੰਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਾਤਮਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਖਲਾਅ (ਨਿਰਵਾਯੂ) ਵਿੱਚੋਂ ਨਹੀਂ ਲੰਘ ਸਕਦੀਆਂ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਕਿਸੇ ਠੋਸ, ਦ੍ਰਵ ਜਾਂ ਗੈਸਾਂ ਜਿਹੇ ਭੌਤਿਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਖਲਾਅ (ਨਿਰਵਾਯੂ) ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
(4) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਚਾਲ 350 m s-1 ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਲਗਪਗ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (4) ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗ ਦੀ ਗਤੀ ਕਾਫ਼ੀ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ 3 × 108 m s-1 ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(5) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣਾਂ ਦੇ ਡੋਲਨ ਕਾਰਨ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । (5) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਬਿਜਲਈ ਜਾਂ ਚੁੰਬਕੀ ਖੇਤਰਾਂ ਦੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(6) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਆਤੀ ਘੱਟ ਅਤੇ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (6) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(7) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਧਰੂਵਤ (Polarise) ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ । (7) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਧਰੂਵਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
(8) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਸਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । (8) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਸਾਡੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(9) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਖੇਪਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । (9) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਖੇਪਕ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
(10) ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਵੇਗ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (10) ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਵੇਗ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਗਤੀ ਨੂੰ ਘਣਤਾ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਦੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹੋਏ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ ਨੂੰ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਦਬਾਅ (pressure) ਅਤੇ ਘਣਤਾ (density) ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਮੇਂ ਤੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਘਣਤਾ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਆਪਣੇ ਔਸਤ ਮਾਨ ਤੋਂ ਵੱਧ-ਘੱਟ ਦੂਰੀ ਦੇ ਨਾਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਚਿੱਤਰ (a) ਅਤੇ ਚਿੱਤਰ (b), ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ ਕਿ ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਅਗਾਂਹ ਚਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਘਣਤਾ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਬਦਲਾਓ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 7
ਨਪੀੜਨ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਨੇੜੇ-ਨੇੜੇ ਆ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵਕਰ (curve) ਦੇ ਉਪਰਲੇ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ (c) ਵਿੱਚ ਸਿਖਰ (peak) ਅਧਿਕਤਮ ਨਪੀੜਨ ਦੇ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਨਪੀੜਨ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿਥੇ-ਜਿਥੇ ਘਣਤਾ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਨਿਖੇੜਨ ਘੱਟ ਦਬਾਅ ਦਾ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿਥੇ ਕਣ ਦੁਰ-ਦੁਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਘਾਟੀ ਨਿਵਾਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਵਰ ਦੇ ਹੇਠਲੇ ਭਾਗ ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਚਿੱਤਰ (c) ਸਿਖਰ ਨੂੰ ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਚਾਣ (crest) ਅਤੇ ਘਾਟੀ ਨੂੰ ਨਿਵਾਣ (trough) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਆਵਿਤੀ ਰੇਂਜ (ਸੀਮਾ) ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ਕਰਕੇ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਸਵਣ ਤਰੰਗਾਂ – ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਸੁਣਦਾ ਹੈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਮਨੁੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਵਣ ਸੀਮਾ 20 Hz ਤੋਂ 20,000 Hz ਤੱਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ-ਜਿਵੇਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੀ ਉਮਰ ਵੱਧਦੀ ਹੈ। ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਕੰਨ ਉੱਚ ਆਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਲਈ ਘੱਟ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਤਰੰਗਾਂ ਕੰਪਨ ਕਰਦੇ ਹਵਾ ਸਤੰਭ, ਟਿਊਨਿੰਗ ਫੋਰਕ ਅਤੇ ਵਾਇਲਨ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  • ਪਰਾਧੁਨੀ – 20 kHz (ਜਾਂ 20000 Hz) ਤੋਂ ਅਧਿਕ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਵਾਲੀਆਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਕੁੱਝ ਪ੍ਰਜਾਤੀਆਂ ਦੇ ਪਤੰਗੇ ਪਰਾਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਚਮਗਾਦੜ, ਡਾਲਫਿਨ ਅਤੇ ਪਰਪਾਈਜ਼ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਨੀਮ ਧੁਨੀ – 20 Hz ਤੋਂ ਘੱਟ ਆਵਿਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਨੀਮ ਧੁਨੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਵੇਲ਼ ਅਤੇ ਹਾਥੀ ਨੀਮ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਭੂਚਾਲ ਦੀ ਮੁੱਖ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਦੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਘੱਟ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਦੀ ਨੀਮ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੁਣ ਕੇ ਕੁੱਝ ਜੀਵ ਭੁਚਾਲ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਪਰੇਸ਼ਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਸੰਭਵ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਸੁਚੇਤ ਕਰ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਚਿਕਿਤਸਾ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਉਪਯੋਗ ਹਨ ? .
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੇ ਆਧੁਨਿਕ ਚਿਕਿਤਸਾ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖੀ ਸਿਹਤ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਯੋਗਦਾਨ ਦਿੱਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅੰਗਾਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ਜੋ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਹੈ-
(i) ECG – ਪਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਦਿਲ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਭਾਗਾਂ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਰਾ ਕੇ ਦਿਲ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਕਨੀਕ ਨੂੰ “ਈਕੋਝਾਡੀਓਗਰਾਫੀ” (ECG) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਸੋਨੋਗ੍ਰਾਫੀ – ਅਲਟ੍ਰਾਸਾਊਂਡ ਸਕੈਨਰ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜੋ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰਕੇ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅੰਗਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਲਈ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਜਾਂਚ ਯੰਤਰ ਨਾਲ ਰੋਗੀ ਦੇ ਅੰਗਾਂ, ਜਿਵੇਂ-ਮਿਹਦਾ, ਪਿੱਤਾ, ਬੱਚੇਦਾਨੀ, ਗੁਰਦੇ ਆਦਿ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਜਾਂਚ ਯੰਤਰ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਦੀਆਂ ਅਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਜਿਵੇਂ ਪਿੱਤੇ ਜਾਂ ਗੁਰਦੇ ਵਿੱਚ ਪੱਥਰੀ ਅਤੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਰਸੌਲੀਆਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਕਨੀਕ ਵਿੱਚ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤੰਤੂਆਂ (Tissues) ਵਿੱਚ ਦੀ ਗੁਜ਼ਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਸ ਥਾਂ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਥਾਂ ਤੇ ਟਿਸ਼ੂ ਘਣਤਾ (Tissue Density) ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਉਪਰੰਤ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ (Electrical Signals) ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲ (Convert) ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸਦੇ ਨਾਲ ਉਸ ਦੋਸ਼ ਯੁਕਤ ਸਥਾਨ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬ ਬਣਾ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਪ੍ਰਤੀਬਿੰਬਾਂ ਨੂੰ ਮਾਨੀਟਰ ਉੱਪਰ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਕਨੀਕ ਨੂੰ “ਅਲਟਰਾ ਸੋਨੋਗ੍ਰਾਫੀ” ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਅਲਟਾ ਸੋਨੋਗ੍ਰਾਫੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਗਰਭ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਭਰੂਣ ਦੀ ਜਾਂਚ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਜਨਮਜਾਤ ਨੁਕਸ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਵਿਕਾਸ ਵਿੱਚ ਬੇਤਰਤੀਬੀ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਲੀਥੋਟ੍ਰਿਪਸੀ – ਪਰਾਧੁਨੀ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਗੁਰਦੇ ਦੀ ਛੋਟੀ ਪੱਥਰੀ ਨੂੰ ਬਰੀਕ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਤੋੜਨ ਲਈ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹਨ ? ਇੱਕ ਯੋਗ ਰਾਹੀਂ ਤੁਸੀਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਸਿੱਧ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ – ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੁਨੀ ਵੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਉਹਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

1. ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਸੜਾ ਉੱਪਰ ਅਪਾਤੀ ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਖਿੱਚੇ ਗਏ ਲੰਬ ਨਾਲ ਧੁਨੀ ਦੀ ਅਪਾਤੀ ਹੋਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਹੋਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਬਣੇ ਕੋਣ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

2. ਤਿੰਨੋਂ-ਅਪਾਤੀ ਧੁਨੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ, ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਲੰਬ ਇੱਕ ਹੀ ਤਲ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਯੋਗ – ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੋ ਇੱਕੋ ਜਿਹੇ ਪੇਪਰ ਦੇ ਬਣੇ ਹੋਏ ਦੋ ਪਾਈਪ ਲਓ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਦੀਵਾਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਕਿਸੇ ਮੇਜ਼ ਉੱਪਰ ਰੱਖੋ । ਹੁਣ ਇੱਕ ਪਾਈਪ ਦੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਿਰੇ ਦੇ ਕੋਲ ਇੱਕ ਘੜੀ ਰੱਖੋ । ਤੁਸੀਂ ਦੂਜੇ ਪਾਈਪ ਦੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਿਰੇ ਵਿੱਚੋਂ ਘੜੀ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਸੁਣਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ । ਦੋਨਾਂ ਪਾਈਪਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਕੁੱਝ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰੋ ਕਿ ਤੁਹਾਨੂੰ ਘੜੀ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਸਪੱਸ਼ਟ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇ ॥ ਇਹਨਾਂ ਪਾਈਪਾਂ ਦੀਆਂ ਦਿਸ਼ਾਵਾਂ ਅਤੇ ਲੰਬ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੇ ਕੋਣਾਂ ਨੂੰ ਮਾਪੋ । ਤੁਸੀਂ ਵੇਖੋਗੇ ਕਿ ਸਪੱਸ਼ਟ ਆਵਾਜ਼ ਸੁਣਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਕੋਣ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਬਰਾਬਰ ਹੋਣਗੇ । ਇਹੋ ਪਹਿਲਾ ਨਿਯਮ ਕਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
ਕਿਉਂਕਿ ਦੋਵੇਂ ਪਾਈਪ ਅਤੇ ਲੰਬ ਇੱਕੋ ਮੇਜ਼ (ਤਲ) ਤੇ ਹਨ ਜੋ ਦੂਜੇ ਨਿਯਮ ਦੀ ਸੱਚਾਈ ਨੂੰ ਸਿੱਧ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 8

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦੁਹਰਾਓ ਗਤੀ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸ ਗਤੀ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਦੁਹਰਾਓ ਗਤੀ-ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਅਜਿਹੀ ਗਤੀ ਜਿਹੜੀ ਕਿਸੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ਮਗਰੋਂ ਮੁੜ-ਮੁੜ ਵਾਪਰਦੀ ਹੈ, ਨੂੰ ਉਸ ਦੀ ਦੁਹਰਾਓ ਗਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਅਜਿਹੀ ਗਤੀ ਨੂੰ ਕੰਪਨ ਗਤੀ ਜਾਂ ਡੋਲਨ ਗਤੀ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਉਦਾਹਰਨ-

  1. ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੂਰਜ ਦੁਆਲੇ ਗਤੀ ।
  2. ਇੱਕ ਝੂਲੇ ਦੀ ਗਤੀ ਜੋ ਇਧਰ-ਉੱਧਰ (ਅਰਥਾਤ ਸੱਜੇ-ਖੱਬੇ) ਆਪਣੀ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਇੱਕ ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ ਦੀ ਗਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ ਦੇ ਇੱਕ ਡੋਲਨ ਅਤੇ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ (Simple Pendulum) – ਇਕ ਪਾਸੇ ਤੇ ਉਹ ਪ੍ਰਬੰਧ ਜਿਸ ਵਿਚ ਇਕ ਡੋਰੀ (ਧਾਗਾ) ਜਿਹੜੀ ਮਜ਼ਬੂਤ ਟੇਕ ਤੇ ਬਣੀ ਹੋਵੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਤਾਰ ਲਟਕਾਇਆ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਆਜ਼ਾਦੀ ਨਾਲ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਸਕੇ, ਪੈਂਡੂਲਮ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਪਿੱਤਲ ਜਾਂ ਤਾਂਬੇ ਦੇ ਬਹੁਤ ਹੀ ਛੋਟੇ ਜਿਹੇ ਗੋਲਕ (ਬਾਬ) ਦਾ ਬਣਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ 80-120 ਮੈਂ ਮੀ. ਲੰਬੇ ਧਾਗੇ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਵਿਖਾਏ ਅਨੁਸਾਰ ਇੱਕ ਮਜ਼ਬੂਤ ਟੇਕ ਤੋਂ ਲਟਕਾਇਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 9

ਮੰਨ ਲਓ ਸਰਲ ਪੈਂਡੂਲਮ ਦੀ ਲੰਬਾਈ L ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹ ਟੇਕ ਤੋਂ m ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਬਾਂਬ ਹੁੱਕ ਰਾਹੀਂ ਲਟਕਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬਾਬ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਇਹ ਮੱਧ (ਔਸਤਨ) ਸਥਿਤੀ O ਤੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਵੀ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 10

ਗੋਲਕ ਦੀ ਡੋਲਨ ਕੰਪਨ ਗਤੀ-
ਗੋਲਕ (ਬਾਬ) ਨੂੰ ਹੱਥ ਨਾਲ ਫੜ ਕੇ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ਤਕ ਲਿਜਾ ਕੇ ਛੱਡ ਦਿਉ । ਗੋਲਕ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਸੰਤੁਲਿਤ ਸਥਿਤੀ) ਸਥਿਤੀ E2 ਤੋਂ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ਤੇ ਫਿਰ ਮੁੜ ਕੇ ਸੰਤੁਲਨ (ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ 0 ਤੋਂ ਹੁੰਦਾ ਹੋਇਆ E1 ਤੇ ਚਲਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੋਲਾ ਡੋਲਨ ਜਾਰੀ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।

ਡੋਲਨ ਜਾਂ ਕੰਪਨ – ਗੋਲਕ ਦੀ ਇੱਕ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E2 ਅਤੇ ਮੁੜ E1 ਤਕ ਤੈਅ ਕੀਤੇ ਗਏ ਪੱਥ ਨੂੰ ਇੱਕ ਡੋਲਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਡੋਲਨ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਲਈ ਕੇਂਦਰੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ O ‘ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ।

ਕੰਪਨ – ਗੋਲਕ ਦੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ O ਤੋਂ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E1 ਅਤੇ ਫਿਰ ਸੰਤੁਲਨ ਬਿੰਦੁ O ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘ ਕੇ ਦੂਜੀ ਸਿਖਰਲੀ ਸਥਿਤੀ E2 ਤਕ ਅਤੇ ਵਾਪਸ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ O ਤਕ ਤੈਅ ਕੀਤੇ ਪੱਥ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ਅਤੇ ਦੱਸੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਤਰੰਗ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ ? ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਵਰਗੀਕਰਨ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ ਗਤੀ (Wave motion) – ਇਹ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਹਲਚਲ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਇੱਕ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਦੀ ਪਦਾਰਥਕ ਕਣਾਂ ਦੇ ਦੁਹਰਾਈ ਜਾ ਰਹੀ ਕੰਪਨ ਗਤੀ ਕਾਰਨ ਅਗਾਂਹ ਤੁਰਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗਤੀ ਇੱਕ ਕਣ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਕਣ ਨੂੰ ‘ਸਥਾਨ ਅੰਤਰਿਤ’ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਤਰੰਗ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਸ਼ਰਤਾਂ-

  • ਮਾਧਿਅਮ ਲਚਕੀਲਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਇਹ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹ ਨਾ ਹੋਵੇ । ਜੇਕਰ ਮਾਧਿਅਮ ਲਚਕੀਲਾ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ਤਾਂ ਵਿਚਲਿਤ ਹੋਏ ਅਣੂਆਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ਗੁਆਂਢੀ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾ ਸਕੇਗੀ ।
  • ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਜੜ੍ਹਤਾ ਲਾਜ਼ਮੀ ਹੈ । ‘ ਉਹ ਤਰੰਗਾਂ ਜਿਹੜੀਆਂ ਕੇਵਲ ਇੱਕ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਲਚਕੀਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਜਾਂ ਮਕੈਨਿਕੀ ਯਾਤ੍ਰਿਕ ਤਰੰਗਾਂ ਅਖਵਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਉਹ ਤਰੰਗਾਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਕਿਸੇ ਵੀ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਗੈਰ-ਮਕੈਨਿਕੀ ਤਰੰਗਾਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ ਅਤੇ ਬਿਜਲ ਚੁੰਬਕੀ ਤਰੰਗਾਂ ਇਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀਆਂ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਅਤੇ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ
(1) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਤਰੰਗ ਦੀ ਲੰਬਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਡੋਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । (1) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਤਰੰਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਚ ਡੋਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਸਿਖਰ ਅਤੇ ਨਿਵਾਣ ਬਣਦੇ ਹਨ । (2) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ ਤੋਂ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
(3) ਆਕਾਰ ਅਤੇ ਤਣਾਓ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (3) ਆਇਤਨ ਅਤੇ ਤਣਾਓ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
(4) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ਠੋਸ ਵਿਚੋਂ ਜਾਂ ਤਰਲ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਉਪਰੋਂ ਲੰਘ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਗੈਸਾਂ ਵਿਚੋਂ ਬਿਲਕੁਲ ਨਹੀਂ ਲੰਘ ਸਕਦੀਆਂ । (4) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਠੋਸਾਂ, ਤਰਲਾਂ ਅਤੇ ਗੈਸਾਂ ਵਿਚੋਂ ਲੰਘ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ।
(5) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਦਾ ਧਰੁਵੀਕਰਣ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । (5) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦਾ ਧਰੁਵੀਕਰਣ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧੁਨੀ ਦਾ ਸੰਚਾਰ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਕੀ ਇਸ ਦਾ ਸੰਚਾਰ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ? ਠੋਸ, ਤਰਲ ਅਤੇ ਗੈਸਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ ਅਧਿਕਤਮ ਅਤੇ ਕਿਸ ਵਿੱਚ ਨਿਊਨਤਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦਾ ਸੰਚਾਰ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਣਾਂ ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਧੁਨੀ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਕੰਪਨ-ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੇ ਇੱਕ ਸੋਮੇ ਤੇ ਉਤਪੰਨ ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਰਾਹੀਂ ਹੀ ਅਗਾਂਹ ਸੰਚਾਰਿਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਕਦੇ ਵੀ ਨਹੀਂ ਚਲ ਸਕਦੀਆਂ । ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਹਰ ਕਿਸਮ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ, ਠੋਸ, ਤਰਲ ਅਤੇ ਗੈਸ ਵਿੱਚੋਂ ਸੰਚਾਰਿਤ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਮਾਧਿਅਮ ਤੇ ਲਚਕੀਲੇਪਨ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਠੋਸ, ਤਰਲਾਂ ਨਾਲੋਂ ਅਤੇ ਤਰਲ ਗੈਸਾਂ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਲਚਕੀਲੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਯੋਗਾਂ ਤੋਂ ਇਹ ਸਿੱਧ ਹੋ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ਕਿ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਚਾਲ ਠੋਸਾਂ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕਤਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ (Ultrasonic Waves) – ਉਹ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਆਤੀ 20,000 ਹਰਟਜ਼ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਜਾਂ ਪਰਾਣ ਧੁਨੀ ਅਖਵਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਨਹੀਂ ਸੁਣ ਸਕਦੇ । ਕੁੱਝ ਜੀਵਾਂ ; ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਮਗਾਦੜ, ਕੁੱਤੇ, ਬਿੱਲੀਆਂ ਅਤੇ ਕੀੜਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੁਣਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਕਈ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਕਿ-

  1. SONAR ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਪਣਡੁੱਬੀਆਂ ਦੀ ਰੇਂਜ ਦੀ ਮਿਣਤੀ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਦਾ ਅੰਤ ਕਰਨ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਨੂੰ ਜੀਵਾਣੂ ਰਹਿਤ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਠੋਸ ਵਸਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਰਾਖ ਅਤੇ ਤਰੇੜਾਂ ਲੱਭਣ ਲਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  4. ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕੈਂਸਰ ਆਦਿ ਦੀ ਜਾਂਚ ਲਈ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਪਰਾਵਣ ਤਰੰਗਾਂ ਨਾਲ ਗੁਰਦਿਆਂ ਦੀ ਪੱਥਰੀ ਦੀ ਜਾਂਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  6. ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨਾਲ ਭਰੂਣ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  7. ਮਾਸਪੇਸ਼ੀਆਂ ਦੇ ਦਰਦ ਅਤੇ ਜੋੜਾਂ ਦੇ ਦਰਦ ਦੇ ਇਲਾਜ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  8. ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼, ਰੇਲਵੇ ਲਾਈਨ ਅਤੇ ਪਾਈਪਾਂ ਦੇ ਦੋਸ਼ਾਂ ਨੂੰ ਲੱਭਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  9. ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ ਨਾਪੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  10. ਫੋਟੋਗ੍ਰਾਫ਼ੀ ਫ਼ਿਲਮਾਂ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮੱਦਦ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੇ ਕੀ ਗੁਣ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ-ਗਤੀ ਦੇ ਗੁਣ-

  1. ਇਹ ਇੱਕ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਹੈ, ਜਿਹੜੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਦੀ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੇ ਨਾਲ ਕੋਈ ਪਦਾਰਥ ਸਥਾਨਅੰਤਰਿਤ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ।
  2. ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣ ਆਪਸੀ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਡੋਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਕਿਸੇ ਕਣ ਦਾ ਡੋਲਨ ਉਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵਾਲੇ ਕਣ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਦੇਰ ਬਾਅਦ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਲਗਾਤਾਰ ਫੇਜ਼ ਅੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਡੋਲਨ ਦੌਰਾਨ ਕਣਾਂ ਦਾ ਵੇਗ, ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਤੇ ਵੱਧ ਅਤੇ ਉੱਚਤਮ ਸਥਿਤੀਆਂ ‘ਤੇ ਜ਼ੀਰੋ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ ਸਥਿਰ ਹੈ ।
  6. ਮਾਧਿਅਮ ਬਿਨਾਂ ਕਿਸੇ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਦੇ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਨਾਲ ਊਰਜਾ ਵੀ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  7. ਯਾਤ੍ਰਿਕ ਤਰੰਗ ਗਤੀ ਦੇ ਸਥਾਨਾਂਤਰਨ ਲਈ ਭੌਤਿਕ ਮਾਧਿਅਮ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਤਣਾਓ ਅਤੇ ਜੜ੍ਹਤਾ ਦਾ ਗੁਣ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਰਗੜ ਬਲ ਲਘੂਤਮ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਧੁਨੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ – ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ਹੈ ਜੋ ਸਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਣਨ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਾ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਹਲਚਲ ਹੈ ਜੋ ਬਾਹਰੀ ਕਾਰਨਾਂ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਅਸੀਂ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਧੁਨੀਆਂ ਸੁਣਦੇ ਹਾਂ, ਜਿਵੇਂ-ਬੱਚੇ ਦਾ ਰੋਣਾ, ਹਵਾ ਦਾ ਤੇਜ਼ ਚਲਣਾ, ਕੁੱਤੇ ਦਾ ਝੁੱਕਣਾ, ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਕੜਕਨਾ, ਰੇਲ ਦੇ ਇੰਜਨ ਦੀ ਸੀਟੀ, ਜਹਾਜ਼ ਦੀ ਗੜਗੜਾਹਟ ਆਦਿ । ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਇੱਕ ਤੰਗ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਗੂੰਜ ਨਹੀਂ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ । ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ, ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੰਗ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਗੂੰਜ-ਸਾਡੇ ਕੰਨ ਤੇ ਸੁਣਨ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਾ ਦਾ ਅਸਰ 0.1 ਸੈਕਿੰਡ ਤਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ, ਭਾਵੇਂ ਧੁਨੀ ਦਾ ਸੋਮਾ ਕੰਪਨ ਕਰਨਾ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਵੇ । ਇਸ ਲਈ ਗੂੰਜ ਸੁਣਨ ਲਈ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਸਾਡੇ ਕੰਨ ਵਿੱਚ ਮੂਲ ਧੁਨੀ ਦੇ ਪਹੁੰਚਣ ਤੋਂ 0.1 ਸੈਕਿੰਡ ਬਾਅਦ ਆਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ 344 × 0.1 = 34.4 ਮੀਟਰ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਗੂੰਜ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਸੋਮੇ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਕ ਧੁਨੀ ਨੂੰ 34.4 ਦਾ ਅੱਧ = 17.2 ਮੀਟਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧੁਨੀ ਸੋਮੇ ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਕ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ 17.2 ਮੀਟਰ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗੀ ਤਾਂ ਗੂੰਜ ਨਹੀਂ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ, ਕਿਉਂਕਿ ਤੰਗ ਕਮਰੇ ਦੇ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ 17.2 ਮੀਟਰ ਤੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕੰਪਨ ਗਤੀ ਨਾਲ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫਿਰ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਿਹਾ ਪੈਂਡੂਲਮ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਿਹਾ ਪੈਂਡੂਲਮ ਧੁਨੀ ਇਸ ਲਈ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੋਈਆਂ ਕੰਪਨ ਤਰੰਗਾਂ ਹਵਾ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਖਿੰਡ-ਪੁੰਡਰ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਪੈਂਡੂਲਮ ਨੂੰ ਕੰਪਨ ਕਰਾਈਏ ਤਾਂ ਧੁਨੀ ਸੁਣਾਈ ਦੇਏਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਦੁਰ ਵਜ ਰਹੇ ਸਾਇਰਨ ਦੀ ਧੁਨੀ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਘੜੀ ਸੈੱਟ ਕਰਦੇ ਹਾਂ, ਕੀ ਇਹ ਤੇਜ਼ ਚੱਲੇਗੀ ਜਾਂ ਹੌਲੀ ? ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਇਰਨ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸਾਡੇ ਤਕ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਕੁੱਝ ਸਮਾਂ ਲੱਗੇਗਾ ਅਰਥਾਤ ਜਦੋਂ ਸਾਇਰਨ ਵੱਜਿਆ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਸਾਡੇ ਕੋਲ ਪੁੱਜੀ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ਦਾ ਅੰਤਰ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਇਰਨ ਨਾਲ ਸੈੱਟ ਕੀਤੀ ਘੜੀ ਵਾਸਤਵਿਕ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਪਿਛਾਂਹ ਰਹਿ ਜਾਵੇਗੀ ਅਰਥਾਤ ਹੌਲੀ ਚਲੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਇੱਕ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਇੱਕ ਵਿਰਲ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਪੀੜਨ (Compression) – ਨਪੀੜਨ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਨਪੀੜਨ ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਅਣੁ ਸਾਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਬਹੁਤ ਨੇੜੇ-ਨੇੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਨਪੀੜਨ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਇਤਨ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਵਿਰਲ (Rarefaction) – ਵਿਰਲ ਤਰੰਗ ਦਾ ਉਹ ਖੇਤਰ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਅਣੂ ਸਧਾਰਨ ਨਾਲੋਂ ਦੂਰ-ਦੂਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਤਾਪਮਾਨ ਅਤੇ ਦਬਾਅ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਕਿ ਆਇਤਨ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਜੋ ਸੁਭਾਅ ਵਿੱਚ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਹਨ, ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਵਿਰਲ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ (ਹਵਾ) ਦੇ ਅਣੂ ਅਗਾਂਹ ਨਹੀਂ ਵੱਧਦੇ, ਪਰੰਤੂ ਹਲਚਲ ਅਗਾਂਹ ਤੁਰ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 11
ਜਦੋਂ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਘਣਤਾ ਚਿੱਤਰ ਅਨੁਸਾਰ ਬਦਲਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਉਚਾਣ (ਕਰੈਸਟ) ਅਤੇ ਨਿਵਾਣ (ਫੱਫ) ਵਿਚਕਾਰ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਚਾਣ (ਕਰੈਸਟ)-ਆਡੇ-ਦਾਅ ਟਰਾਂਸਵਰਸ) ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੇ ਕਣ ਦੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਧਨਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਅਧਿਕਤਮ ਵਿਸਥਾਪਨ ਵਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ‘ਤੇ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਚਾ ਬਿੰਦੁ ਉਚਾਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਨਿਵਾਣ (ਫੱਫ)-ਆਡੇ-ਦਾਅ ਟਰਾਂਸਵਰਸ) ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੇ ਕਣ ਦੀ ਸੰਤੁਲਨ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਅਧਿਕਤਮ ਵਿਸਥਾਪਨ ਵਾਲਾ ਸਭ | ਤੋਂ ਨੀਵਾਂ ਬਿੰਦੂ ਨਿਵਾਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਰੰਗ ਦੇ ਉਚਾਣ ਤੇ ਨਿਵਾਣ – ਟਰਾਂਸਰਸ ਤਰੰਗ ਹਿਲਜੁਲ ਰੇਖਾ ਦੇ ਜ਼ੀਰੋ (0) ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਉੱਠਣਾ ਅਤੇ ਨੀਵੇਂ ਬੈਠਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਬਣਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 12

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਧੁਨੀ ਬੂਮ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 13
ਧੁਨੀ ਬੂਮ – ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਉਤਪਾਦਕ ਸ੍ਰੋਤ ਧੁਨੀ ਦੀ ਗਤੀ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਘਾਤਕ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਘਾਤਕ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਘਾਤਕ ਤਰੰਗਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਵਾਯੂ-ਦਬਾਅ ਪਰਿਵਰਤਨ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਅਤੇ ਪ੍ਰਬਲ ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਧੁਨੀ ਬੁਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਪਰਾਧੁਨੀਕ ਹਵਾਈ ਜਹਾਜ਼ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਇਸ ਧੁਨੀਬੂਮ ਵਿੱਚ ਇੰਨੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਖਿੜਕੀਆਂ ਦੇ ਸ਼ੀਸ਼ਿਆਂ ਨੂੰ ਤੋੜ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਮਾਰਤਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ – ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੁਨੀ ਵੀ ਆਪਣੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਦਾ ਦੀਵਾਰਾਂ ਨਾਲ, ਪਹਾੜਾਂ ਜਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸੜਾ ਨਾਲ ਟਕਰਾ ਕੇ ਵਾਪਸ ਆਉਣਾ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਧਾਤ ਦੀ ਚਾਦਰ ਅਤੇ ਲੱਕੜ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਧੁਨੀ ‘ਤੇ ਵੀ ਲਾਗੂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਪਰ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਲਈ ਕਿਸੇ ਚੀਕਣੀ ਜਾਂ ਚਮਕਦਾਰ ਸਤਾ ਦੀ ਲੋੜ ਨਹੀਂ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਲਈ ਵੱਡੇ ਆਕਾਰ ਦੀ ਰੁਕਾਵਟ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਕੀ ਕਾਰਣ ਹੈ ਕਿ ਦੂਰ ਤੋਂ ਆ ਰਹੀ ਰੇਲਗੱਡੀ ਦੀ ਧੁਨੀ ਸੁਣਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਪਰੰਤੁ ਪਟੜੀ ਤੇ ਕੰਨ ਰੱਖ ਕੇ ਅਸੀਂ ਉਸ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਸੁਣ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਹਵਾ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਧਾਤਾਂ (ਠੋਸ) ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਤੇਜ਼ ਚਾਲ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਰੇਲਗੱਡੀ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਪਟੜੀ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਸਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕੀ ਕਾਰਣ ਹੈ ਕਿ ਔਰਤਾਂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਤਿੱਖੀ ਅਤੇ ਪਤਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਦਕਿ ਆਦਮੀਆਂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਮੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦਾ ਪਤਲਾ ਅਤੇ ਮੋਟਾ ਹੋਣਾ ਧੁਨੀ ਦੇ ਤਿੱਖੇਪਣ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂਕਿ ਔਰਤਾਂ ਦੀ ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਪਤਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਉਲਟ ਆਦਮੀਆਂ (ਮਰਦਾਂ) ਦੀ ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਮੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ, 18.
ਕੀ ਕਾਰਣ ਹੈ ਕਿ ਅਸੀਂ ਭੂਚਾਲ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਸੁਣ ਪਾਉਂਦੇ ਜਦਕਿ ਚਮਗਾਦੜ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ਉਸ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣ ਸਕਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ ਰੇਂਜ – ਸਾਡਾ ਕੰਨ 20 Hz ਤੋਂ 20,000 Hz ਤੱਕ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਸੁਣ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਆਵਤੀ ਦੀ ਇਹ ਰੇਂਜ ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ ਅਖਵਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਭੂਚਾਲ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਇਸ ਰੇਂਜ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਸੁਣ ਸਕਦੇ, ਪਰੰਤੁ ਚਮਗਾਦੜ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ਦੇ ਕੰਨ ਭੂਚਾਲ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈਆਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਕਾਰਣ ਚਮਗਾਦੜ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ਅਸਾਨੀ ਨਾਲ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਸੁਣ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਮੱਛਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਅਤੇ ਸ਼ੇਰ ਦੀ ਦਹਾੜ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ (ਧੁਨੀ) ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਆਤੀ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਸ਼ੇਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਆਤੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਮੱਛਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਸ਼ੇਰ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਨਾਲੋਂ ਤਿੱਖੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸੁਣਨ ਸਹਾਇਕ ਯੰਤਰ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਕਿਵੇਂ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਣਨ ਸਹਾਇਕ ਯੰਤਰ-ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਘੱਟ ਸੁਣਦਾ ਹੈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਯੰਤਰ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਬੈਟਰੀ ਨਾਲ ਚਲਣ ਵਾਲਾ ਇਕ ਇਲੈੱਕਟਾਨਿਕ ਉਪਕਰਨ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਇਕ ਛੋਟਾ ਜਿਹਾ ਮਾਈਕੋਫੋਨ, ਇੱਕ ਐਮਪਲੀਫਾਈਅਰ ਅਤੇ ਸਪੀਕਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਧੁਨੀ ਮਾਈਕ੍ਰੋਫੋਨ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਐਮਪਲੀਫਾਈਅਰ ਇਹਨਾਂ ਬਿਜਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ ਨੂੰ ਵੱਡਾ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸੰਕੇਤ ਸਪੀਕਰ ਦੁਆਰਾ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਕੰਨ ਦੇ ਡਾਇਆਫ੍ਰਾਮ ‘ਤੇ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਧੁਨੀ ਸਾਫ਼ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੂਤਰ (Important Formulae)

1. ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ (V) = v × λ
2. ਆਤੀ (v) = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
3. ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = υ × T
4. ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ = ਵੇਗ × ਸਮਾਂ

ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Numerical Problems)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੋਹਨ ਦੇ ਦਿਲ ਦੀ ਆਵਿਤੀ ਕਿੰਨੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਉਹ 1 ਮਿੰਟ ਵਿੱਚ 75 ਵਾਰੀ ਧੜਕ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
75 ਵਾਰੀ ਦਿਲ ਦੇ ਧੜਕਣ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = 1 ਮਿੰਟ
= 1 × 60 ਸੈਕਿੰਡ
= 60 ਸੈਕਿੰਡ
1 ਵਾਰੀ ਦਿਲ ਨੂੰ ਧੜਕਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = \(\frac{60}{75}\)
= \(\frac{4}{5}\)
= 0.80 ਸੈਕਿੰਡ
∴ ਆਵਰਤ-ਕਾਲ (T) = 0.80 ਸੈਕਿੰਡ
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਆਵਤੀ (V) = PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 14
= \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
= \(\frac{1}{0.80}\)
∴ ਆਤੀ (V) = \(\frac{5}{4}\)
= 1.25 ਹਰਟਜ਼ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤਰੰਗ ਦਾ ਇੱਕ ਸੋਮਾ 0.4 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ 40 ਉਚਾਣਾਂ ਅਤੇ 40 ਨਿਵਾਣਾਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਤੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਤਰੰਗ ਦੀ ਇੱਕ ਉਚਾਣ ਅਤੇ ਇੱਕ ਨਿਵਾਣ ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਦੂਰੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
∴ 40 ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = 0.4 ਸੈਕਿੰਡ
ਜਾਂ 0.4 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੀਆਂ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈਆਂ ਤੈਅ ਕੀਤੀਆਂ = 40
1 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੀਆਂ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈਆਂ ਤੈਅ ਕੀਤੀਆਂ = \(\frac{40}{0.4}\)
= 100
∴ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ = 100 ਹਰਟਜ਼ ਉੱਤਰ

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਤਾਰ ਉੱਪਰ ਇੱਕ ਤਰੰਗ ਪਲੱਸ 8 ਮੀਟਰ ਦੀ ਦੂਰੀ 0.05 ਸਕਿੰਟ ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੈ ? ਜੇਕਰ ਤਾਰ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 200 ਹਰਟਜ਼ ਹੈ ਤਾਂ ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 15
= \(\frac{8}{0.05}\)
V = 160 m/s
ਕਿਉਂ ਜੋ V = v × λ
∴ λ = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{v}}\)
= \(\frac{160}{200}\) = 0.8 m.
λ = 0.8 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਉਸ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ਜਿਸਦਾ ਆਵਰਤ-ਕਾਲ 0.05 s ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਆਵਰਤ-ਕਾਲ (T) = 0.05 s,
ਆਤੰਵਤੀ (V) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ T = \(\frac{1}{v}\)
ਜਾਂ ਆਤੰਵਤੀ (V) = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
∴ V = \(\frac{1}{0.05}\)
= \(\frac{100}{5}\) = 20 Hz

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਸਮੇਂ ਦਾ ਇੱਕ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਤਰੰਗ ਦਾ ਦੂਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਗ੍ਰਾਫ਼ ਦਿਖਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਜੇ. ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ 320 m/s ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪਤਾ ਕਰੋ-(a) ਟਰਾਂਸਵਰਸ (b) ਆਵਿਤੀ ।
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 16
(a) ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ = ਦੋ ਲਾਗਲੀਆਂ ਕਰੈਸਟਾਂ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ
= 50 – 10 = 40 cm
= \(\frac{40}{100}\)m = 0.4 m

(b) ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ V = 320 m/s,
v = ?, λ = 0.4 m
V = v λ
v = \(\frac{\mathrm{V}}{\lambda}=\frac{320}{0.4}\) = 800 Hz
ਆਤੰਵਤੀ (v) = 800 Hz.

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ ਆਦਮੀ ਚੱਟਾਨ ਤੋਂ 200 m ਦੂਰ ਖੜ੍ਹਾ ਹੈ । ਉਹ ਸੀਟੀ ਵਜਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਧੁਨੀ ਦੀ ਹਵਾ ਵਿਚਲੀ ਚਾਲ 332 m/s ਹੈ ਤਾਂ ਗੂੰਜ ਕਿੰਨੀ ਦੇਰ ਬਾਅਦ ਸੁਣੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ = 332 ਮੀ. / ਸੈਕਿੰਡ
ਧੁਨੀ ਵਾਪਸ ਆਉਣ ਲਈ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ = 200 ਮੀ. + 200 ਮੀ.
= 400 ਮੀ.
332 ਮੀ. ਧੁਨੀ ਚੱਲਣ ਤੇ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = 1 ਸੈਕਿੰਡ
1 ਮੀ. ਧੁਨੀ ਚੱਲਣ ਦੇ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = \(\frac{1}{332}\) ਸੈਕਿੰਡ
400 ਮੀ. ਧੁਨੀ ਚੱਲਣ ਦੇ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = \(\frac{1}{332}\) × 400
= \(\frac{100}{83}\) ਸੈਕਿੰਡ
= 1.2 s

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧੁਨੀ ਹਵਾ ਵਿੱਚ 330 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ ਦੀ ਚਾਲ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਇੱਕ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 550 ਹਰਟਜ਼ ਹੈ । ਇਸ ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ. ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ (V) = 330 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ
ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v) = 550 ਹਰਟਜ਼
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = ?
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = \(\frac{\mathrm{V}}{v}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 17
= \(\frac{3}{5}\)
= 0.6 ਮੀਟਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇੱਕ ਰੇਡੀਓ ਪ੍ਰਸਾਰਣ ਕੇਂਦਰ ਤੋਂ 40 ਮੈਗਾ ਹਰਟਜ਼ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਦੀ ਬਿਜਲਈ-ਚੁੰਬਕੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਸਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਬਿਜਲਈ ਚੁੰਬਕੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਚਾਲ 3.0 × 108 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਕੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v) = 40 ਮੈਗਾ ਹਰਟਜ਼
= 40 × 106 ਹਰਟਜ਼
ਤਰੰਗ ਵੇਗ (V) = 3 × 108 ਮੀਟਰ/ ਸੈਕਿੰਡ
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = ?
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = \(\frac{\mathrm{V}}{v}\)
PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ 18
= 7.5 ਮੀਟਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਸੋਨਾਰ ਦੁਆਰਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸੜਾ ਤੇ ਧੁਨੀ ਸਪੰਦ ਪੈਦਾ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਪੰਦ ਪਾਣੀ ਦੀ ਤਲੀ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।ਜੇ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਅਤੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ 2 ਸੈਕਿੰਡ ਹੈ ਤਾਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਗਹਿਰਾਈ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ? (ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ = 1498 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਉਤਸਰਜਨ ਅਤੇ ਹਿਣ ਕਰਨ ਵਿਚਾਲੇ ਦਾ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ (t) = 2 ਸੈਕਿੰਡ
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (V) = 1498 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ
ਮੰਨ ਲਓ ਪਾਣੀ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ (S) = ?
ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਅਨੁਸਾਰ, ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ 2 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ 2 s ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ
∴ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (V) = \(\frac{2 S}{t}\)
ਜਾਂ S = \(\frac{\mathrm{V} \times t}{2}\)
= \(\frac{1498 \times 2}{2}\)
∴ ਪਾਣੀ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ (S) = 1498 ਮੀਟਰ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪ੍ਰਤੀ ਧੁਨੀ (ਗੂੰਜ) ਸੁਣਨ ਲਈ ਕਮਰੇ ਦੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਲੰਬਾਈ ਕਿੰਨੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ 320 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ ਹੋਵੇ ?
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਨੂੰ ਹਟਾ ਲੈਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ‘ਤੇ ਧੁਨੀ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ t = 0.1 ਸੈਕਿੰਡ ਤੱਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣਨ ਵਾਲੇ ਮਨੁੱਖ ਤੋਂ ਚੱਲ ਕੇ ਦੀਵਾਰ ਰੁਕਾਵਟ) ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵਾਪਸ ਸੁਣਨ ਵਾਲੇ ਕੋਲ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ 0.1 ਸੈਕਿੰਡ ਦਾ ਸਮਾਂ ਲੱਗਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
ਮੰਨ ਲਓ ਕਮਰੇ ਦੀ ਲੰਬਾਈ S ਹੈ
ਤਾਂ ਧੁਨੀ 0.1 ਸੈਕੰਡ ਵਿੱਚ 2 s ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰੇਗੀ ।
∴ ਦੂਰੀ (2S) = ਚਾਲ × ਸਮਾਂ
2 S = 320 ਮੀਟਰ/ਸੈਕਿੰਡ × 0.1 ਸੈਕਿੰਡ
2 S = 32.
∴ S = \(\frac{32}{2}\)
= 16 ਮੀਟਰ
ਇਸ ਲਈ ਕਮਰੇ ਦੀ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਲੰਬਾਈ 16 ਮੀਟਰ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਉੱਤਰ

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਮਨੁੱਖ ਕਿਸੇ ਖੜੀ ਚੱਟਾਨ ਦੇ ਪਾਸ ਤਾੜੀ ਵਜਾਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦੀ ਗੂੰਜ 5 s ਬਾਅਦ ਸੁਣਾਈ ਦੇਂਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ 346 ms- ਲਈ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਚੱਟਾਨ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (V) = 346ms-1
ਗੂੰਜ ਸੁਣਨ ਦੇ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ (t) = 5 s
ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ (S) =V × t
= 346 ms-1 × 5 s
= 1730 m
5 s ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਨੇ ਚੱਟਾਨ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੋ ਗੁਣਾਂ ਦੁਰੀ ਤੈਅ ਕੀਤੀ । ਇਸ ਕਰਕੇ ਚੱਟਾਨ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦੀ ਦੂਰੀ = \(\frac{1730}{2}\)m = 865 m

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ Very Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧੁਨੀ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ-ਇਹ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ ਹੈ ਜੋ ਕੰਪਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਕਿਸ ਆਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
20 ਹਰਟਜ਼ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 20,000 ਹਰਟਜ਼ ਤਕ ਆਤੀ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੀ ਧੁਨੀ ਖਲਾਅ (ਨਿਰਵਾਯੂ) ਵਿੱਚ ਚਲ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਹੀਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤਰੰਗਾਂ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਕੀ ਗੁਣ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਜੜ੍ਹਤਾ ਅਤੇ ਆਇਤਨ ਦਾ ਲਚੀਲਾਪਨ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਅਤੇ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੱਸੋ
(i) ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਤਰੰਗਾਂ
(ii) ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਲਹਿਰਾਂ
(iii) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਟਰਾਂਸਰਸ ਤਰੰਗਾਂ
(ii) ਟਰਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ
(iii) ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀ ਤਰੰਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਆਤੀ, ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਤਰੰਗ ਵੇਗ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ ਵੇਗ = ਆਤੀ × ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਦੀ ਇਕਾਈ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਰਟਜ਼ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਆਕ੍ਰਿਤੀ (V) ਅਤੇ ਆਵਰਤ ਕਾਲ (T) ਵਿੱਚ ਕੀ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
v = \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਰਾਣ ਧੁਨੀ ਕੌਣ ਸੁਣ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਮਗਾਦੜ ਅਤੇ ਕੁੱਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਗੂੰਜ ਲਈ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਧੁਨੀ ਦੇ ਸਰੋਤ ਤੋਂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
17.2 ਮੀਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕੰਨ ਤੇ ਗੂੰਜ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਿੰਨੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੰਨ ਤੇ ਧੁਨੀ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ 1/10 ਸੈਕਿੰਡ ਤਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਦਾ S.I. ਮਾਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੀਟਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ, ਆਵਰਤੀ ਅਤੇ ਤਰੰਗ ਵੇਗ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਸੰਬੰਧ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਰੰਗ ਵੇਗ (V) = ਆਤੀ (V) × ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14,
ਸੁਣਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਆਵਰਤੀ ਰੇਂਜ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-ਸ
ੁਣਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਰੇਂਜ-20 Hz ਤੋਂ 20 kHz

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਅਸੀਂ ਚੰਨ ਤੇ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਵਿਸਫੋਟ ਦੀ ਆਵਾਜ਼ ਧਰਤੀ ਤੇ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਸੁਣ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਚੀਨ ਵਿਚਾਲੇ ਕੋਈ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਨਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟਣ ਨਾਲ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਂਸਵਰਸ ਤਰੰਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਲੋਹੇ ਦੀ ਛੜ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਉਹਨਾਂ ਦੋ ਜਾਨਵਰਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ਜੋ 20,000 ਹਰਟਜ਼ ਤੋਂ ਉੱਚੀ ਆਵਰਤੀ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁੱਤਾ ਅਤੇ ਚਮਗਾਦੜ ।

PSEB 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
SONAR ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
SONAR ਦਾ ਪੂਰਾ ਨਾਂ Sound Navigation and Ranging ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਸੀਸਮੋਗ੍ਰਾਫ਼ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੀਸਮੋਗ੍ਰਾਫ਼ ਭੂਚਾਲ ਦੀ ਤੀਬ੍ਰਤਾ ਮਾਪਣ ਵਾਲਾ ਉਪਕਰਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਰਿਕਟਰ ਪੈਮਾਨੇ ‘ਤੇ ਕਿੰਨੀ ਤੀਬਰਤਾ ਤੱਕ ਭੂਚਾਲ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰਿਕਟਰ ਪੈਮਾਨੇ ਤੇ 5 ਤੀਬਰਤਾ ਦਾ ਭੁਚਾਲ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਬੱਦਲਾਂ ਦੀ ਚਮਕ ਅਤੇ ਗੜਗੜਾਹਟ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਉਰਜਾ ਸਾਡੇ ਤੱਕ ਪਹਿਲਾਂ ਪਹੁੰਚੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਮਕ ਪਹਿਲਾਂ ਪਹੁੰਚੇਗੀ ਕਿਉਂਕਿ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਵੇਗ, ਧੁਨੀ ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

Punjab State Board PSEB 12th Class History Book Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 12 History Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

Long Answer Type Questions

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਰੋਤਾਂ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਦਰਪੇਸ਼ ਮੁਸ਼ਕਿਲਾਂ ਬਾਰੇ ਦੱਸੋ । (Explain the problems being faced for constructing the history of Punjab.)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਵਿੱਚ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀਆਂ ਛੇ ਮੁਸ਼ਕਿਲਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ? (Which six problems are faced by the historians in understanding the history of Punjab ?)
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਕਿਹੜੀਆਂ ਮੁੱਖ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ? (What are the main problems regarding the historical sources of Punjab ?)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਸਾਨੂੰ ਕਿਹੜੀਆਂ ਛੇ ਮੁਸ਼ਕਿਲਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ? (What six difficulties do we face regarding the historical sources of Punjab ?)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਰਨ ਲਈ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ? (What problems are faced by the students in composing the history of the Punjab ?)
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਅਨੇਕਾਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵੇਰਵਾ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ-

  • ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਨਾ ਮਿਲਿਆ – ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਦੀ ਮੌਤ ਦੇ ਬਾਅਦ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਦੌਰ ਆਇਆ ਜੋ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਅਰਾਜਕਤਾ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੋਇਆ ਸੀ । ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਜਾਨ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਪਹਾੜਾਂ ਅਤੇ ਜੰਗਲਾਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਰਨ ਲੈਣੀ ਪੈਂਦੀ ਸੀ । ਅਜਿਹੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਿਵੇਂ ਸੰਭਵ ਸੀ ।
  • ਮੁਸਲਿਮ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਦੇ ਪੱਖਪਾਤ ਪੂਰਨ ਵਿਚਾਰ – ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਲਿਖਣ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਸੋਮਿਆਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲਈ ਗਈ ਹੈ ਉਹ ਫ਼ਾਰਸੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੇ ਗਏ ਗ੍ਰੰਥ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਨੂੰ ਮੁਸਲਮਾਨ ਲੇਖਕਾਂ ਨੇ ਲਿਖਿਆ ਹੈ ਜੋ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਕੱਟੜ ਦੁਸ਼ਮਣ ਸਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਨੂੰ ਬੜੀ ਜਾਂਚ-ਪੜਤਾਲ ਨਾਲ ਪੜ੍ਹਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੇ ਵਧੇਰੇ ਤੱਥਾਂ ਨੂੰ ਤੋੜ-ਮਰੋੜ ਕੇ ਪੇਸ਼ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਨਹੀਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ।
  • ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਨਸ਼ਟ ਹੋਣਾ – 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਲਗਭਗ 7ਵੇਂ ਦਹਾਕੇ ਤਕ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਅਰਾਜਕਤਾ ਦਾ ਮਾਹੌਲ ਰਿਹਾ । 1739 ਈ. ਵਿੱਚ ਨਾਦਰ ਸ਼ਾਹ ਅਤੇ 1747 ਈ. ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1767 ਈ. ਤਕ ਅਹਿਮਦ ਸ਼ਾਹ ਅਬਦਾਲੀ ਦੇ 8 ਹਮਲਿਆਂ ਕਾਰਨ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਧੇਰੇ ਬਦਤਰ ਹੋ ਗਈ ਸੀ । ਅਜਿਹੇ ਸਮੇਂ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਬਹੁਤੇ ਧਾਰਮਿਕ ਗੰਥ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਗਏ ।
  • ਪੰਜਾਬ-ਮੁਗ਼ਲ ਸਾਮਰਾਜ ਦਾ ਇੱਕ ਹਿੱਸਾ – ਪੰਜਾਬ 1752 ਈ. ਤਕ ਮੁਗਲ ਸਾਮਰਾਜ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਰਿਹਾ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਇਸ ਦਾ ਕੋਈ ਅਲੱਗ ਇਤਿਹਾਸ ਨਾ ਲਿਖਿਆ ਗਿਆ । ਆਧੁਨਿਕ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਮੁਗ਼ਲ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਲਿਖੇ ਗਏ ਸਾਹਿਤ ਤੋਂ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੇ ਵੇਰਵੇ ਦੀ ਕਮੀ ਕਾਰਨ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਅਸਲ ਤਸਵੀਰ ਪੇਸ਼ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ।
  • ਅਣਘੋਖੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ – ਅਨੇਕ ਸਿੱਖ ਪਰਿਵਾਰਾਂ ਅਤੇ ਜਾਗੀਰਦਾਰਾਂ ਕੋਲ ਸਿੱਖ ਮਿਸਲਾਂ ਅਤੇ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਪੱਟੇ, ਸੰਦਾਂ, ਨਿਜੀ ਚਿੱਠੀਆਂ, ਵਹੀਆਂ ਅਤੇ ਸ਼ਸਤਰ ਆਦਿ ਸੰਦੂਕਾਂ ਵਿੱਚ ਬੇਅਰਥ ਪਏ ਹਨ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਇਹ ਸੋਮੇ ਹਾਲੇ ਤਕ ਅਣਘੋਖੇ ਹੀ ਪਏ ਹਨ ।
  • ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਵੰਡ – 1947 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਦੀ ਵੰਡ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਵੀ ਦੋ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ । ਇਸ ਵੰਡ ਕਾਰਨ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਯਾਦਗਾਰੀ ਇਮਾਰਤਾਂ ਅਤੇ ਬਹੁਮੁੱਲੇ ਗ੍ਰੰਥ ਪਾਕਿਸਤਾਨ ਵਿੱਚ ਹੀ ਰਹਿ ਗਏ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਵੰਡ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਹੋਈ ਲੁੱਟਮਾਰ ਕਾਰਨ ਵੀ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਗਏ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਉੱਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ ।
(Write a brief note on Hukamnamas.)
ਉੱਤਰ-
ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਉਹ ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ ਸਨ ਜੋ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਘਰਾਣੇ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਸਮੇਂਸਮੇਂ ‘ਤੇ ਸਿੱਖ ਸੰਗਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਤੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਹੁਤਿਆਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਦੇ ਲੰਗਰ ਲਈ ਰਸਦ, ਧਾਰਮਿਕ ਥਾਂਵਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਮਾਇਆ, ਲੜਾਈਆਂ ਲਈ ਘੋੜੇ ਅਤੇ ਸ਼ਸਤਰ ਆਦਿ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਹੁਣ ਤਕ 89 ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਏ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 34 ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਅਤੇ 23 ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੇ ਹਨ । ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕਿੱਤਿਆਂ ਦੇ ਵੇਰਵੇ ਵੀ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਹਨ ਜੋ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ । ਇੱਕ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਸਿੱਖ ਸੰਗਤਾਂ ਨੂੰ ਇਹ ਹਦਾਇਤ ਕੀਤੀ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਗੁਰੂ ਘਰ ਲਈ ਭੇਜੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਰਸਦ ਜਾਂ ਮਾਇਆ ਨੂੰ ਮਸੰਦਾਂ ਰਾਹੀਂ ਨਾ ਭੇਜਣ, ਸਗੋਂ ਆਪ ਆ ਕੇ ਸਿੱਧੀ ਜਮਾਂ ਕਰਵਾਉਣ ।ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੇ ਆਖ਼ਰੀ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਇਹ ਹੁਕਮ ਦਿੱਤਾ ਸੀ ਕਿ ਉਹ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਸੈਨਿਕ ਨੇਤਾ ਪ੍ਰਵਾਨ ਕਰਨ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਲੋੜੀਂਦਾ ਸਹਿਯੋਗ ਦੇਣ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਬਾਕੀ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਗੁਰੁ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ, ਗੁਰੂ ਹਰਿਗੋਬਿੰਦ ਸਾਹਿਬ ਜੀ, ਗੁਰੂ ਹਰਿ ਰਾਏ ਜੀ, ਗੁਰੂ ਹਰਿ ਕ੍ਰਿਸ਼ਨ ਜੀ, ਮਾਤਾ ਗੁਜਰੀ ਜੀ, ਮਾਤਾ ਸੁੰਦਰੀ ਜੀ, ਮਾਤਾ ਸਾਹਿਬ ਦੇਵਾਂ ਜੀ, ਬਾਬਾ ਗੁਰਦਿੱਤਾ ਜੀ ਅਤੇ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ । ਇਹ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਂ ਦੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਰਾਜਨੀਤਿਕ, ਧਾਰਮਿਕ, ਸਾਹਿਤਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਹਾਲਤ ਉੱਤੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਸਿੱਖ ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਨੂੰ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦਾ ਹੁਕਮ ਮੰਨ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਲਈ ਉਹ ਆਪਣਾ ਜੀਵਨ ਕੁਰਬਾਨ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਮਾਣ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦੇ ਸਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਨੂੰ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਬੰਧਕ ਕਮੇਟੀ, ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਵੱਲੋਂ ਛਾਪਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
(Give a brief account of the main important historical sources related to religious literature of the Sikhs.)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਲਈ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਉੱਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
(Give a brief account of important sources based on religious literature of Punjab History.)
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਯੋਗਦਾਨ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ-

1. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦਾ ਸਰਵਉੱਚ, ਪ੍ਰਮਾਣਿਕ ਅਤੇ ਪਵਿੱਤਰ ਗ੍ਰੰਥ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1604 ਈ. ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ ਪੰਜ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਂ, ਹਿੰਦੂ ਭਗਤਾਂ, ਮੁਸਲਿਮ ਸੰਤਾਂ ਅਤੇ ਭੱਟਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਬਾਣੀ ਸ਼ਾਮਲ ਹੈ । ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਸਮੇਂ ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੀ ਬਾਣੀ ਵੀ ਸ਼ਾਮਲ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਡੂੰਘੇ ਅਧਿਐਨ ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੇ ਰਾਜਸੀ, ਧਾਰਮਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਜੀਵਨ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

2. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ – ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਹੋਰ ਪਵਿੱਤਰ ਧਾਰਮਿਕ ਗ੍ਰੰਥ ਹੈ । ਇਹ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀਆਂ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਅਤੇ ਜ਼ਫਰਨਾਮਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ ।

3. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਦੀਆਂ ਵਾਰਾਂ – ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਇੱਕ ਉੱਚ-ਕੋਟੀ ਦੇ ਕਵੀ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ 39 ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਕੁੰਜੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਪਹਿਲੀ ਅਤੇ ਗਿਆਰਵੀਂ ਵਾਰ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ । ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਜੀਵਨ ਸੰਬੰਧੀ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।ਗਿਆਰਵੀਂ ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ 6 ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕੁਝ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਅਤੇ ਥਾਂਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

4. ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ – ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ‘ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।17ਵੀਂ ਅਤੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਹੋਈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ, ਮਿਹਰਬਾਨ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ, ਭਾਈ ਬਾਲੇ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਅਤੇ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਦੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ ।

5. ਹੁਕਮਨਾਮੇ – ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਉਹ ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ ਸਨ ਜੋ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਘਰਾਣੇ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ‘ਤੇ ਸਿੱਖ ਸੰਗਤਾਂ ਜਾਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ‘ਤੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਹੁਤਿਆਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਦੇ ਲੰਗਰ ਲਈ ਰਸਦ, ਧਾਰਮਿਕ ਥਾਂਵਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਮਾਇਆ, ਲੜਾਈਆਂ ਲਈ ਘੋੜੇ ਅਤੇ ਸ਼ਸਤਰ ਆਦਿ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਚਾਰ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (What is meant by Janam Sakhis ? Explain briefly the four Janam Sakhis.)
ਜਾਂ
ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਮਹੱਤਵ ਬਾਰੇ ਇੱਕ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a note on the historical importance of Janam Sakhis.)
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

  • ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦਾ ਸੰਪਾਦਨ 1926 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਵੀਰ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਸਭ ਤੋਂ ਪੁਰਾਣੀ ਅਤੇ ਕਾਫ਼ੀ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਹੈ ।
  • ਮਿਹਰਬਾਨ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਪ੍ਰਿਥੀ ਚੰਦ ਦੇ ਸਪੁੱਤਰ ਮਿਹਰਬਾਨ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਗੁਰੂ ਘਰ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਮਿਹਰਬਾਨ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਜੀਵਨ ਤੋਂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਾਣੂ ਸੀ । ਉਸ ਨੇ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੀਆਂ ਉਦਾਸੀਆਂ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਵੀ ਕਾਫ਼ੀ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਭਾਈ ਬਾਲਾ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਸਾਥੀ ਭਾਈ ਬਾਲੇ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਮਨਘੜਤ ਗੱਲਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਮਲ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਤੱਥਾਂ ਵੱਲ ਕੋਈ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਧਿਆਨ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਕੋਈ ਵਧੇਰੇ ਲਾਹੇਵੰਦ ਨਹੀਂ ਹੈ ।
  • ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ ਨਾਂ ਦੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਬਹੁਤ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਤੱਥਾਂ ਨੂੰ ਠੀਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੇਸ਼ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਦੀਆਂ ਵਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ? (What do you know about Vars of Bhai Gurdas Ji ?)
ਜਾਂ
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਭੱਲਾ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a note on Bhai Gurdas Bhalla Ji.)
ਉੱਤਰ-
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਭੱਲਾ ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਦੇ ਭਰਾ ਦਾਤਾਰ ਚੰਦ ਭੱਲਾ ਜੀ ਦੇ ਪੁੱਤਰ ਸਨ । ਉਹ ਤੀਸਰੇ, ਚੌਥੇ, ਪੰਜਵੇਂ ਅਤੇ ਛੇਵੇਂ ਗੁਰੂ ਦੇ ਸਮਕਾਲੀਨ ਸਨ । ਉਹ ਇੱਕ ਉੱਚ-ਕੋਟੀ ਦੇ ਕਵੀ ਅਤੇ ਲੇਖਕ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ 39 ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ । ਇਹ ਵਾਰਾਂ ਪੰਜਾਬੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹਨ । ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭਾਵਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਝਣ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਕਾਰਨ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ‘ਗੁਰੂ’ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦੀ ਕੁੰਜੀ’ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਛੇ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਸੰਬੰਧੀ, ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦੀਆਂ ਸਿੱਖਿਆਵਾਂ, ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸਿੱਖਾਂ ਅਤੇ ਨਗਰਾਂ ਦੇ ਨਾਂਵਾਂ, ਭਗਤਾਂ ਅਤੇ ਸੰਤਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਸੰਬੰਧੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਪਹਿਲੀ ਅਤੇ ਗਿਆਰਵੀਂ ਵਾਰ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ । ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਵਿਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸੰਸਾਰ ਦੀ ਦਸ਼ਾ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਆਗਮਨ ਦੀ ਲੋੜ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦੀ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਗੁਰੂ ਅੰਗਦ ਦੇਵ ਜੀ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਗੁਰੂ ਹਰਿਗੋਬਿੰਦ ਜੀ ਤਕ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵੇਰਵਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਗਿਆਰ੍ਹਵੀਂ ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਸਿੱਖਾਂ ਬਾਰੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਂਵਾਂ, ਕਿੱਤਿਆਂ, ਜਾਤਾਂ ਅਤੇ ਥਾਂਵਾਂ ਆਦਿ ਵਿਸ਼ਿਆਂ ‘ਤੇ ਚਾਨਣਾ ਪਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a note on Adi Granth Sahib.)
ਜਾਂ
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਅਤੇ ਇਸ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਮਹੱਤਵ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (Give a brief description of Adi Granth Sahib and its historical importance.)
ਉੱਤਰ-
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹਾਨ ਕਾਰਜ ਸੀ ।

1. ਸੰਕਲਨ ਦੀ ਲੋੜ – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਸੰਕਲਨ ਲਈ ਕਈ ਕਾਰਨ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਸਨ | ਪਹਿਲਾ, ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਰਹਿਨੁਮਾਈ ਦੇ ਲਈ ਇੱਕ ਪਵਿੱਤਰ ਧਾਰਮਿਕ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਲੋੜ ਸੀ । ਦੂਸਰਾ, ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਭਰਾ ਪ੍ਰਿਥੀਆ ਨੇ ਆਪਣੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਗੁਰੁ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੀ ਬਾਣੀ ਕਹਿ ਕੇ ਪ੍ਰਚਲਿਤ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਸੀ । ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੀ ਬਾਣੀ ਸ਼ੁੱਧ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅੰਕਿਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ । ਤੀਸਰਾ, ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ ਵੀ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੀ ਸੱਚੀ ਬਾਣੀ ਪੜ੍ਹਨ ਲਈ ਆਦੇਸ਼ ਦਿੱਤਾ ਸੀ ।

2. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਸੰਕਲਨ ਦਾ ਕੰਮ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਦੇ ਰਾਮਸਰ ਨਾਂ ਦੇ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਕੀਤਾ ਗਿਆ | ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਬਾਣੀ ਲਿਖਵਾਉਂਦੇ ਗਏ ਅਤੇ ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਇਸ ਨੂੰ ਲਿਖਦੇ ਗਏ ।ਇਹ ਮਹਾਨ ਕਾਰਜ ਅਗਸਤ 1604 ਈ. ਵਿੱਚ ਸੰਪੂਰਨ ਹੋਇਆ । ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਪਹਿਲਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਹਰਿਮੰਦਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿੱਚ 16 ਅਗਸਤ, 1604 ਈ. ਨੂੰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ | ਬਾਬਾ ਬੁੱਢਾ ਜੀ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾ ਮੁੱਖ ਗ੍ਰੰਥੀ ਥਾਪਿਆ ਗਿਆ ।

3. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ ਯੋਗਦਾਨ ਦੇਣ ਵਾਲੇ – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ਾਲ ਗੰਥ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਯੋਗਦਾਨ ਦੇਣ ਵਾਲਿਆਂ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆ ਹੈ-

(ੳ) ਸਿੱਖ ਗੁਰੂ – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ 976, ਗੁਰੂ ਅੰਗਦ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ 62, ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਦੇ 907, ਗੁਰੂ ਰਾਮਦਾਸ ਜੀ ਦੇ 679 ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ 2216 ਸ਼ਬਦ ਅੰਕਿਤ ਹਨ । ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਸਮੇਂ ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੇ 116 ਸ਼ਬਦ ਅਤੇ ਸ਼ਲੋਕ (59 ਸ਼ਬਦ ਅਤੇ 57 ਸ਼ਲੋਕ ਸ਼ਾਮਲ ਕੀਤੇ ਗਏ |

(ਅ) ਭਗਤ ਤੇ ਸੰਤ – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ 15 ਹਿੰਦੂ ਭਗਤਾਂ ਤੇ ਸੂਫ਼ੀ ਸੰਤਾਂ ਦੀ ਬਾਣੀ ਅੰਕਿਤ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਪਮੁੱਖ ਭਗਤਾਂ ਤੇ ਸੰਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਇਹ ਹਨ-ਕਬੀਰ ਜੀ, ਫ਼ਰੀਦ ਜੀ, ਨਾਮਦੇਵ ਜੀ, ਗੁਰੂ ਰਵਿਦਾਸ ਜੀ, ਧੰਨਾ ਜੀ, ਰਾਮਾਨੰਦ ਜੀ ਅਤੇ ਜੈਦੇਵ ਜੀ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਭਗਤ ਕਬੀਰ ਜੀ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ 541 ਸ਼ਬਦ ਹਨ ।

(ੲ) ਭੱਟ – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ 11 ਭੱਟਾਂ ਦੇ 123 ਸਵੱਯੇ ਵੀ ਅੰਕਿਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ | ਕੁਝ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਭੱਟਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਇਹ ਹਨ-ਕਲ੍ਹਸਹਾਰ ਜੀ, ਨਲ ਜੀ, ਬਲ ਜੀ, ਭਿਖਾ ਜੀ ਤੇ ਹਰਬੰਸ ਜੀ ।

4. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਮਹੱਤਵ – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਮਨੁੱਖੀ ਜੀਵਨ ਦੇ ਹਰੇਕ ਪੱਖ ਵਿੱਚ ਅਗਵਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਸੁਨਹਿਰੀ ਸਿਧਾਂਤ ਦਿੱਤੇ ਹਨ । ਇਸ ਦੀ ਬਾਣੀ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੀ ਏਕਤਾ ਅਤੇ ਆਪਸੀ ਭਾਈਚਾਰੇ ਦਾ ਸੰਦੇਸ਼ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਬਾਰੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ? (What do you know about Dasam Granth Sahib ?)
ਜਾਂ
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a short note on Dasam Granth Sahib.)
ਉੱਤਰ-
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਹੋਰ ਪਵਿੱਤਰ ਗ੍ਰੰਥ ਹੈ । ਇਹ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀਆਂ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਅਤੇ ਧਾਰਮਿਕ ਅੱਤਿਆਚਾਰੀਆਂ ਵਿਰੁੱਧ ਲੜਨ ਲਈ ਸਿੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਜੋਸ਼ ਪੈਦਾ ਕਰਨਾ ਸੀ । ਇਹ ਕੁੱਲ 18 ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ‘ਜਾਪੁ ਸਾਹਿਬ’ , ‘ਅਕਾਲ ਉਸਤਤਿ’ , ‘ਚੰਡੀ ਦੀ ਵਾਰ’ , ‘ਚੌਬੀਸ ਅਵਤਾਰ’ , ‘ਸ਼ਬਦ ਹਜ਼ਾਰੇ’ , ‘ਸ਼ਸਤਰ ਨਾਮਾ’ , ‘ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਅਤੇ ‘ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ’ ਆਦਿ ਦੇ ਨਾਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਰਣਨ ਯੋਗ ਹਨ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਅਤੇ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ ।

ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਲਿਖੀ ਹੋਈ ਆਤਮ-ਕਥਾ ਹੈ ।ਇਹ ਬੇਦੀ ਅਤੇ ਸੋਢੀ ਜਾਤੀਆਂ ਦੇ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਇਤਿਹਾਸ, ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੀ ਸ਼ਹੀਦੀ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀਆਂ ਪਹਾੜੀ ਰਾਜਿਆਂ ਨਾਲ ਲੜਾਈਆਂ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਸੰਬੰਧੀ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਹੈ । ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਦੀਨਾ ਕਾਂਗੜ ਨਾਮੀ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਹ ਇੱਕ ਚਿੱਠੀ ਹੈ ਜੋ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਫ਼ਾਰਸੀ ਵਿੱਚ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਨੂੰ ਲਿਖੀ ਸੀ । ਇਸ ਚਿੱਠੀ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਜੀ ਨੇ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਦੇ ਜ਼ੁਲਮਾਂ, ਮੁਗ਼ਲ ਸੈਨਾਪਤੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਕੁਰਾਨ ਦੀਆਂ ਝੂਠੀਆਂ ਸਹੁੰਆਂ ਚੁੱਕ ਕੇ ਗੁਰੂ ਜੀ ਨਾਲ ਧੋਖਾ ਕਰਨ ਦਾ ਜ਼ਿਕਰ ਬੜੀ ਦਲੇਰੀ ਅਤੇ ਨਿਡਰਤਾ ਨਾਲ ਕੀਤਾ ਹੈ ।ਦਸਮ ਗੰਥ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਅਤੇ ਕੰਮਾਂ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ ਸਾਡਾ ਇੱਕ ਅਤਿ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀਆਂ ਗਈਆਂ ਛੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵੇਰਵਾ ਦਿਓ । (Give a brief account of six historical sources written in 18th century in Punjabi.)
ਉੱਤਰ-
18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀਆਂ ਗਈਆਂ ਪੰਜ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ-

1. ਸ੍ਰੀ ਗੁਰਸੋਭਾ – ਸ੍ਰੀ ਗੁਰਸੋਭਾ ਦੀ ਰਚਨਾ 1741 ਈ. ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਇੱਕ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀ ਸੈਨਾਪਤ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ 1699 ਈ. ਜਦੋਂ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਖ਼ਾਲਸਾ ਪੰਥ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1708 ਈ. ਤਕ ਜਦੋਂ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਜੋਤੀ-ਜੋਤ ਸਮਾਏ ਦੀਆਂ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ ।

2. ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤ ਮਾਲਾ – ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਨੂੰ ਭਗਤ ਰਤਨਾਵਲੀ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ, ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਨਾਂ, ਜਾਤੀਆਂ ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਿਵਾਸ ਸਥਾਨ ਅਤੇ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀ ਸਮਾਜਿਕ ਹਾਲਤ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਕੀਮਤੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

3. ਬੰਸਾਵਲੀਨਾਮਾ – ਬੰਸਾਵਲੀਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ 1780 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬੜ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਅੱਧ ਤਕ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਇਹ ਗ੍ਰੰਥ ਬਾਅਦ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ ਵਧੇਰੇ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਹੈ ।

4. ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ – ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਾਂ ਦੀਆਂ ਦੋ ਰਚਨਾਵਾਂ ਹਨ । ਪਹਿਲੀ ਦਾ ਨਾਂ ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਾਰਤਕ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਦਾ ਨਾਂ ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਵਿਤਾ ਹੈ ।
(ੳ) ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਾਰਤਕ-ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1741 ਈ. ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਿਪਾਲ ਚੰਦ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।
(ਅ) ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਵਿਤਾ-ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1776 ਈ. ਵਿੱਚ ਸਰੂਪ ਦਾਸ ਭੱਲਾ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

5. ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ – ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1841 ਈ. ਵਿੱਚ ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਲਈ ਇਹ ਪੁਸਤਕ ਬੜੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਪਹਿਲੀ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੁਸਤਕ ਸੀ, ਜੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਸਿੱਖ ਨੇ ਲਿਖੀ ।

6. ਤਵਾਰੀਖ ਗੁਰੂ ਖ਼ਾਲਸਾ – ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ ਗਿਆਨੀ ਗਿਆਨ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1849 ਈ. ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਰਾਜ ਦੇ ਅੰਤ ਤਕ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੇ ਕਿਸੇ ਛੇ ਸੋਮਿਆਂ ਦੀ ਸੰਖੇਪ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿਓ । (Give a brief account of six important Persian sources of the history of Punjab.)
ਜਾਂ
ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੇ ਮੁੱਖ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜੋ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਸੰਕਲਨ ਲਈ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ ।
(Give a brief mention of the important Persian sources which are essential for composing the history of the Punjab.)
ਉੱਤਰ-

  • ਆਇਨ-ਏ-ਅਕਬਰੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਕਬਰ ਦੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਦਰਬਾਰੀ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰ ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਹ ਅਕਬਰ ਦੇ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਾਂ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ ਸਾਡਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਸ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੇ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਰਾਜਨੀਤਿਕ, ਧਾਰਮਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਦਸ਼ਾ ਬਾਰੇ ਵੀ ਕੁਝ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਜਹਾਂਗੀਰੀ ਮੁਗ਼ਲ ਬਾਦਸ਼ਾਹ ਜਹਾਂਗੀਰ ਦੁਆਰਾ ਲਿਖੀ ਗਈ ਆਤਮ-ਕਥਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਦੀ ਸ਼ਹੀਦੀ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹ ਕੇ ਇਹ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ ਨੂੰ ਧਾਰਮਿਕ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਸ਼ਹੀਦ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ ।
  • ਜੰਗਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਉਹ 1764 ਈ. ਵਿੱਚ ਅਹਿਮਦ ਸ਼ਾਹ ਅਬਦਾਲੀ ਦੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਹਮਲੇ ਸਮੇਂ ਉਸ ਨਾਲ ਆਇਆ ਸੀ । ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ ਅਬਦਾਲੀ ਦੇ ਇਸ ਹਮਲੇ ਦਾ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠਾ ਹਾਲ ਅਤੇ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਯੁੱਧ ਕਰਨ ਦੇ ਢੰਗ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚਰਿੱਤਰ ਸੰਬੰਧੀ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ ।
  • ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ ਦਾ ਲੇਖਕ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਦਰਬਾਰੀ ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ 1469 ਈ. ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1849 ਈ. ਤਕ ਦੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਕਾਲ ਲਈ ਇਹ ਸਾਡਾ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਸੋਮਾ ਹੈ ।
  • ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ-ਏ-ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ-ਇਹ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਰਾਜ ਕਾਲ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਦੀਵਾਨ ਅਮਰ ਨਾਥ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸ਼ਾਸਨ ਕਾਲ ਦੀਆਂ 1837 ਈ. ਤਕ ਦੀਆਂ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਹੈ ।
  • ਚਾਰ ਬਾਗ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ-ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1855 ਈ. ਵਿੱਚ ਗਣੇਸ਼ ਦਾਸ ਵਡੈਹਰਾ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਕਾਲ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1849 ਈ. ਤਕ ਦੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਵਰਣਨ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਛੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਸੋਮਿਆਂ ‘ਤੇ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਓ । (Mention six important English sources which throw light on the history of Punjab.)
ਜਾਂ
ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਿਆਂ ਉੱਤੇ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਓ ।
(Throw light on the important sources of information on Punjab History written in English.)
ਉੱਤਰ-

  • ਦੀ ਕੋਰਟ ਐਂਡ ਕੈਂਪ ਆਫ਼ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ – ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1840 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੈਪਟਨ ਵਿਲੀਅਮ ਓਸਬੋਰਨ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਉਸ ਨੇ ਆਪਣੀ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਦਰਬਾਰ ਦੀ ਸ਼ਾਨੋਸ਼ੌਕਤ ਸੰਬੰਧੀ ਅਤੇ ਫ਼ੌਜ ਸੰਬੰਧੀ ਬੜਾ ਭਰਪੂਰ ਚਾਨਣਾ ਪਾਇਆ ਹੈ । ਇਹ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਲਾਹੇਵੰਦ ਸੋਮਾ ਹੈ ।
  • ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਪੰਜਾਬ – ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1842 ਈ. ਵਿੱਚ ਮੱਰੇ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਦੇ ਦੋ ਭਾਗ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਬੜਾ ਵਿਸਥਾਰਮਈ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਹ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਉੱਤਰਾਧਿਕਾਰੀਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਸੋਮਾ ਹੈ ।
  • ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼ – ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਡਾਕਟਰ ਮੈਕਗਰੇਗਰ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਹ 1846 ਈ. ਵਿੱਚ ਲਿਖੀ ਗਈ ਸੀ ਅਤੇ ਇਹ ਦੋ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਸਿੱਖਾਂ ਦੀਆਂ ਅੰਗਰੇਜ਼ਾਂ ਨਾਲ ਲੜਾਈਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਕਾਫ਼ੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ ।
  • ਦੀ ਪੰਜਾਬ – ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1846 ਈ. ਵਿੱਚ ਸਟਾਈਨਬਖ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।ਉਹ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਫ਼ੌਜ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਅਹੁਦੇ ‘ਤੇ ਨਿਯੁਕਤ ਸੀ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਨੇ ਆਪਣੀ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਫ਼ੌਜ ਸੰਬੰਧੀ ਬੜੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਵੇਰਵੇ ਦਿੱਤੇ ਹਨ ।
  • ਸਕੈਚ ਆਫ਼ ਸਿੱਖਸ – ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1812 ਈ. ਵਿੱਚ ਮੈਲਕੋਮ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਉਹ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਫ਼ੌਜ ਵਿੱਚ ਕਰਨਲ ਸੀ । ਉਹ 1805 ਈ. ਵਿੱਚ ਹੋਲਕਰ ਦਾ ਪਿੱਛਾ ਕਰਦਾ ਹੋਇਆ ਪੰਜਾਬ ਆਇਆ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਇਤਿਹਾਸ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਸੰਬੰਧੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਹੈ ।
  • ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਸ – ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1849 ਈ. ਵਿੱਚ ਜੇ. ਡੀ. ਕਨਿੰਘਮ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਬੜੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਭਾਰਤ ਦੇ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡਾਂ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਮਹੱਤਵ ਉੱਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ ।
(Write a short note on the historical importance of records of British Indian Government.)
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤ ਦੇ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸ਼ਾਸਨ ਕਾਲ ਦੇ ਆਰੰਭ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਸਿੱਖ ਰਾਜ ਦੇ ਪਤਨ ਤਕ (1799-1849 ਈ.) ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ ਸਾਡਾ ਇੱਕ ਅਤੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਹਨ । ਈਸਟ ਇੰਡੀਆ ਕੰਪਨੀ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀ ਕਲਕੱਤੇ ਵਿੱਚ ਆਪਣਾ ਰਾਜ ਸਥਾਪਿਤ ਹੋਣ ਮਗਰੋਂ ਆਪਣੇ ਨਾਲ ਲਗਦਿਆਂ ਇਲਾਕਿਆਂ ਦੀਆਂ ਰਾਜਸੀ ਘਟਨਾਵਾਂ ਉੱਤੇ ਪੂਰੀ ਨਜ਼ਰ ਰੱਖਦੇ ਸਨ । ਲੁਧਿਆਣਾ ਏਜੰਸੀ ਅਤੇ ਦਿੱਲੀ ਰੈਜ਼ੀਡੈਂਸੀ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡ ਪੰਜਾਬ ਸੰਬੰਧੀ ਬਹੁਤ ਹੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਹੁਤਾ ਰਿਕਾਰਡ ਮੱਰੇ, ਆਕਟਰਲੋਨੀ, ਰਿਚਮੋਂਡ, ਮੈਕਗਰੇਗਰ, ਨਿਕਲਸਨ, ਕਨਿੰਘਮ, ਪਿੰਸੇਪ ਅਤੇ ਬਰਾਡਫੁਟ ਆਦਿ ਅੰਗਰੇਜ਼ ਅਫ਼ਸਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਿਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਹੁਤਾ ਰਿਕਾਰਡ ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਪੁਰਾਲੇਖ ਵਿਭਾਗ ਦਿੱਲੀ ਵਿਖੇ ਪਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਰਿਕਾਰਡਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਅੰਗਰੇਜ਼-ਸਿੱਖ ਸੰਬੰਧਾਂ, ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਰਾਜ ਸੰਬੰਧੀ, ਅੰਗਰੇਜ਼ਾਂ ਦੇ ਸਿੰਧ ਅਤੇ ਅਫ਼ਗਾਨਿਸਤਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਾਂ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਭਾਰਤ ਦੇ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਗਵਰਨਰ-ਜਨਰਲਾਂ ਵੱਲੋਂ ਇੰਗਲੈਂਡ ਦੀ ਸਰਕਾਰ, ਕੰਪਨੀ ਦੇ ਉੱਚ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਲਿਖੇ ਨਿਜੀ ਪੱਤਰਾਂ ਤੋਂ ਵੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਸੰਬੰਧੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਸ਼ੱਕ ਨਹੀਂ ਕਿ ਭਾਰਤ ਦੇ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡ ਅੰਗਰੇਜ਼ਾਂ ਦੇ ਪੱਖ ਤੋਂ ਲਿਖੇ ਗਏ ਸਨ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਸਾਡੇ ਲਈ ਇਹ ਲਾਹੇਵੰਦ ਸੋਮਾ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਸਿੱਕਿਆਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵ ਦੀ ਚਰਚਾ ਕਰੋ । (Examine the importance of coins in the construction of the History of the Punjab.)
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਸਿੱਕਿਆਂ ਦਾ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਮਹੱਤਵ ਹੈ । ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਸਾਨੂੰ ਮੁਗ਼ਲਾਂ, ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ, ਜੱਸਾ ਸਿੰਘ ਆਹਲੂਵਾਲੀਆ, ਅਹਿਮਦ ਸ਼ਾਹ ਅਬਦਾਲੀ ਅਤੇ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਮਿਲਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਿੱਕੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਬਣੇ ਹੋਏ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਵਧੇਰੇ ਸਿੱਕੇ ਲਾਹੌਰ, ਪਟਿਆਲਾ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ ਅਜਾਇਬਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਏ ਹਨ। ਇਹ ਸਿੱਕੇ ਤਾਰੀਖਾਂ ਅਤੇ ਸ਼ਾਸਕਾਂ ਸੰਬੰਧੀ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਚਾਨਣਾ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਬੰਦਾ ਬਹਾਦਰ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਇਹ ਸਿੱਧ ਕਰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਹ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦਾ ਬਹੁਤ ਆਦਰ ਕਰਦਾ ਸੀ । ਜੱਸਾ ਸਿੰਘ ਆਹਲੂਵਾਲੀਆ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਇਹ ਦੱਸਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਸ ਨੇ ਅਹਿਮਦ ਸ਼ਾਹ ਅਬਦਾਲੀ ਦੇ ਇਲਾਕੇ ਉੱਤੇ ਆਪਣਾ ਰਾਜ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰ ਲਿਆ ਸੀ । ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਇਸ ਤੱਥ ‘ਤੇ ਚਾਨਣਾ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਸ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਨਿਮਰਤਾ ਸੀ ਅਤੇ ਉਹ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਖ਼ਾਲਸਾ ਪੰਥ ਦਾ ਸੇਵਕ ਸਮਝਦਾ ਸੀ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਿੱਕਿਆਂ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਸਾਹਿਤਕ ਸੋਮਿਆਂ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੀ ਤਾਈਦ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਸਿੱਕੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀਆਂ ਕਈ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਸੁਲਝਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਾਡੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸਤਾਵ ਰੂਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Essay Type Questions)
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਸੰਬੰਧੀ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ (Difficulties Regarding the History of the Punjab)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀਆਂ ਮੁੱਖ ਕਠਿਨਾਈਆਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ? ਦੱਸੋ । (Explain the difficulties faced by the historians while constructing the History of the Punjab.)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਰਨ ਸਮੇਂ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਔਕੜਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
(Which difficulties are being faced by historians while composing the History of Punjab ?)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਸਮੇਂ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਔਕੜਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
(Explain the difficulties faced by the historians while writing the History of Punjab.)
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਰਨਾ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਲਈ ਸਦਾ ਇੱਕ ਗੰਭੀਰ ਸਮੱਸਿਆ ਰਹੀ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਨੇਕਾਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵੇਰਵਾ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ-

1. ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਨਾ ਮਿਲਿਆ (Sikhs did not find time to write their own History) – ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਦੀ ਮੌਤ ਦੇ ਬਾਅਦ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਅਜਿਹਾ ਦੌਰ ਆਇਆ ਜੋ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਅਰਾਜਕਤਾ ਨਾਲ ਭਰਿਆ ਹੋਇਆ ਸੀ । ਸਿੱਖਾਂ ਅਤੇ ਮੁਗ਼ਲਾਂ ਵਿਚਾਲੇ ਦੁਸ਼ਮਣੀ ਕਾਫ਼ੀ ਹੱਦ ਤਕ ਵੱਧ ਗਈ ਸੀ । ਨਾਦਰ ਸ਼ਾਹ ਅਤੇ ਅਹਿਮਦ ਸ਼ਾਹ ਅਬਦਾਲੀ ਦੇ ਹਮਲਿਆਂ ਨੇ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਹਾਲਤ ਹੋਰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅਜਿਹੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਵਿੱਚ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਿਵੇਂ ਸੰਭਵ ਸੀ । ਇਸ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਜੋ ਥੋੜੇਬਹੁਤ ਯਤਨ ਹੋਏ ਵੀ ਉਹ ਹਮਲਾਵਰਾਂ ਦੀ ਭੇਟ ਚੜ੍ਹ ਗਏ । ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਅੱਜ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰ ਕਈ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਗੰਥਾਂ ਤੋਂ ਵਾਂਝੇ ਹੋ ਗਏ ।

2. ਮੁਸਲਿਮ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਦੇ ਪੱਖਪਾਤ ਪੂਰਨ ਵਿਚਾਰ (Biased views of Muslim Historians) – ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਲਿਖਣ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਸੋਮਿਆਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲਈ ਗਈ ਹੈ ਉਹ ਫ਼ਾਰਸੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੇ ਗਏ ਗੰਥ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਨੂੰ ਮੁਸਲਮਾਨ ਲੇਖਕਾਂ ਨੇ ਲਿਖਿਆ ਹੈ ਜੋ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਕੱਟੜ ਦੁਸ਼ਮਣ ਸਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਨੂੰ ਬੜੀ ਜਾਂਚ-ਪੜਤਾਲੇ ਨਾਲ ਪੜ੍ਹਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੇ ਵਧੇਰੇ ਤੱਥਾਂ ਨੂੰ ਤੋੜ-ਮਰੋੜ ਕੇ ਪੇਸ਼ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਨਹੀਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਨੇ ਸਰਕਾਰੀ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਘਟਨਾ ਨੂੰ ਲਿਖਣ ਦੀ ਮਨਾਹੀ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਸੀ । ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀਆਂ ਪੰਜਾਬ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸਹੀ ਵਿਵਰਨ ਉਪਲੱਬਧ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

3. ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਨਸ਼ਟ ਹੋਣਾ (Destruction of Historical Sources) – 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਲਗਭਗ 7ਵੇਂ ਦਹਾਕੇ ਤਕ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਅਰਾਜਕਤਾ ਦਾ ਮਾਹੌਲ ਰਿਹਾ | ਪਹਿਲਾਂ ਅਤੇ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਅਫ਼ਗਾਨਾਂ ਨੇ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚੋਂ ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਕੁਚਲਣ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਕਸਰ ਬਾਕੀ ਨਹੀਂ ਛੱਡੀ । 1739 ਈ. ਵਿੱਚ ਨਾਦਰ ਸ਼ਾਹ ਅਤੇ 1747 ਈ. ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1767 ਈ. ਤਕ ਅਹਿਮਦ ਸ਼ਾਹ ਅਬਦਾਲੀ ਦੇ 8 ਹਮਲਿਆਂ ਕਾਰਨ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਧੇਰੇ ਬਦਤਰ ਹੋ ਗਈ ਸੀ । ਅਜਿਹੇ ਸਮੇਂ ਜਦੋਂ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬੀਵੀ-ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਸੰਭਾਵ ਕਰਨੀ ਵੀ ਬੜੀ ਔਖੀ ਸੀ ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣੇ ਧਾਰਮਿਕ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਵ ਕਿਵੇਂ ਕਰਦੇ । ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬਹੁਤੇ ਧਾਰਮਿਕ ਗ੍ਰੰਥ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਗਏ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਬਹੁਮੁੱਲੇ ਵਿਰਸੇ ਤੋਂ ਵਾਂਝਿਆਂ ਹੋਣਾ ਪਿਆ ।

4. ਪੰਜਾਬ-ਮੁਗ਼ਲ ਸਾਮਰਾਜ ਦਾ ਇੱਕ ਹਿੱਸਾ (Punjaba part of Mughal Empire) – ਪੰਜਾਬ 1752 ਈ. ਤਕ ਮੁਗਲ ਸਾਮਰਾਜ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਰਿਹਾ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਇਸ ਦਾ ਕੋਈ ਅਲੱਗ ਇਤਿਹਾਸ ਨਾ ਲਿਖਿਆ ਗਿਆ | ਆਧੁਨਿਕ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਮੁਗ਼ਲ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਲਿਖੇ ਗਏ ਸਾਹਿਤ ਤੋਂ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੇ ਵੇਰਵੇ ਦੀ ਕਮੀ ਕਾਰਨ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਵਾਸਤਵਿਕ ਤਸਵੀਰ ਪੇਸ਼ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ।

5. ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਵੰਡ (Partition of Punjab)-1947 ਈ. ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਵੰਡ ਕਾਰਨ ਹੋਈ ਲੁੱਟਮਾਰ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਅਨੇਕਾਂ ਬਹੁਮੁੱਲੇ ਸੋਮੇ ਬਰਬਾਦ ਹੋ ਗਏ। ਨਿਰਸੰਦੇਹ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਲਿਖਾਰੀਆਂ ਲਈ ਇਹ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਧੱਕਾ ਸੀ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਸੋਮੇ (Maln Sources of the History of the Punjab)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (Describe briefly the important sources of the History of the Punjab.)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ। (Discuss the main sources of the Punjab History.)
ਜਾਂ
1469 ਈ. ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1849 ਈ. ਤਕ ਦੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਸੋਮਿਆਂ ਦੀ ਚਰਚਾ ਕਰੋ । (Discuss the sources of History of the Punjab from 1469 to 1849 A.D.)
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜਾਬ ਦੇ 1469 ਈ. ਤੋਂ 1849 ਈ. ਤਕ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਲਈ ਅਨੇਕਾਂ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸੋਮੇ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਸੋਮਿਆਂ ਨੂੰ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਦੋ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-
(i) ਸਾਹਿਤਿਕ ਸੋਮੇ (Literary Sources)
(ii) ਪੁਰਾਤੱਤਵਿਕ ਸੋਮੇ (Archaeological Sources)

(ਉ) ਸਾਹਿਤਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ-

  1. ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ।
  2. ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਿੱਖ ਸਾਹਿਤ ।
  3. ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੀਆਂ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੁਸਤਕਾਂ ।
  4. ਭੱਟ ਵਹੀਆਂ ।
  5. ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਰਬਾਰ ਰਿਕਾਰਡ ।
  6. ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਯਾਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਅੰਗਰੇਜ਼ਾਂ ਦੀਆਂ ਲਿਖਤਾਂ ।

(ਅ) ਪੁਰਾਤੱਤਵਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ-

  1. ਭਵਨ ਅਤੇ ਸਮਾਰਕ ।
  2. ਸਿੱਕੇ ਅਤੇ ਚਿੱਤਰ ।

(ਉ) ਸਾਹਿਤਿਕ ਸੋਮੇ (Literary Sources)

1. ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ (Religious Literature of the Sikhs) – ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਦੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਸਥਾਨ ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1604 ਈ. ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀ ਰਾਜਨੀਤਿਕ, ਧਾਰਮਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਜੀਵਨ ਦੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਸੰਕਲਿਤ ‘ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਸਥਾਨ ਹੈ । ਇਹ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀਆਂ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਕੁਲ 18 ਗੰਥ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਤੇ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਦਾ ਨਾਂ ਮੁੱਖ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਅਤੇ ਮੁਗਲਾਂ ਅਤੇ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਸੰਬੰਧਾਂ ‘ਤੇ ਕਾਫ਼ੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਈ ਗਈ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਬਾਅਦ ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਲਿਖੀਆਂ ਗਈਆਂ 39 ਵਾਰਾਂ ਦਾ ਸਥਾਨ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਵੇਰਵਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਅਤੇ ਗੁਰੁ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੇ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਵੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਯੋਗਦਾਨ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

2. ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਿੱਖ ਸਾਹਿਤ (Historical and Semi-Historical Sikh Literature) – ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਭੂਮਿਕਾ ਸੈਨਾਪਤ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਗੁਰਸੋਭਾ ਨਿਭਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ 1699 ਈ. ਤੋਂ 1708 ਈ. ਤਕ ਅੱਖੀਂ ਦੇਖੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤ ਮਾਲਾ, ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬਰ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਬੰਸਾਵਲੀਨਾਮਾ, ਕ੍ਰਿਪਾਲ ਚੰਦ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਾਰਤਕ ਅਤੇ ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਭੂਮਿਕਾ ਨਿਭਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

3. ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੀਆਂ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੁਸਤਕਾਂ (Historical works in Persian) – ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੀਆਂ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਰਚਨਾਵਾਂ ਮੁਸਲਮਾਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਜਾਂ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਤਾਂ ਨਹੀਂ ਹੈ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਸਾਨੂੰ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਕਾਫ਼ੀ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਬਾਬਰ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਬਾਬਰਨਾਮਾ, ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਆਈਨ-ਏ-ਅਕਬਰੀ ਅਤੇ ਅਕਬਰਨਾਮਾ, ਜਹਾਂਗੀਰ ਦੁਆਰਾ ਲਿਖੀ ਗਈ ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਜਹਾਂਗੀਰੀ, ਸੋਹਨ ਲਾਲ ਸੂਰੀ ਦੀ ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ, ਬੂਟੇ ਸ਼ਾਹ ਦੀ ਤਵਾਰੀਖਏ-ਪੰਜਾਬ, ਦੀਵਾਨ ਅਮਰਨਾਥ ਦੀ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ-ਏ-ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਅਲਾਉੱਦੀਨ ਮੁਫ਼ਤੀ ਦੀ ਇਬਰਤਨਾਮਾ ਮੁੱਖ ਹਨ ।

4. ਭੱਟ ਵਹੀਆਂ (Bhat Vahis) – ਭੱਟ ਲੋਕ ਆਪਣੀਆਂ ਵਹੀਆਂ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਘਟਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਮਿਤੀਆਂ ਸਹਿਤ ਦਰਜ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਸਨ । ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਹੀਆਂ ਦਾ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਸਥਾਨ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਹਰਿਗੋਬਿੰਦ ਜੀ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਗੁਰੂ ਕਾਲ ਦੀਆਂ ਅਨੇਕਾਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਦਰਜ ਹੈ ।

5. ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਰਬਾਰ ਰਿਕਾਰਡ (Khalsa Darbar Records) – ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਸਰਕਾਰੀ ਰਿਕਾਰਡ ਤੱਤਕਾਲੀ ਪੰਜਾਬ ‘ਤੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਫ਼ਾਰਸੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਇੱਕ ਲੱਖ ਤੋਂ ਵੀ ਉੱਪਰ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੂਚੀ ਸੀਤਾ ਰਾਮ ਕੋਹਲੀ ਨੇ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਸੀ ।

6. ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਯਾਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਅੰਗਰੇਜ਼ਾਂ ਦੀਆਂ ਲਿਖਤਾਂ (Writings of Foreign Travellers and the Europeans) – ਪੰਜਾਬ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਯਾਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਲੇਖਕਾਂ ਨੇ ਵੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ‘ਤੇ ਆਪਣੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਕਾਫ਼ੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਈ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਜਾਰਜ ਫੋਰਸਟਰ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਏ ਜਰਨੀ ਫ਼ਰਾਮ ਬੰਗਾਲ ਟੂ ਇੰਗਲੈਂਡ, ਮੈਲਕੋਮ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ‘ਸਕੈਚ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼’, ਐੱਚ. ਟੀ. ਪਰਿਸੇਪ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ‘ਓਰਿਜਿਨ ਆਫ਼ ਸਿੱਖ ਪਾਵਰ ਇਨ ਦੀ ਪੰਜਾਬ’, ਕੈਪਟਨ ਵਿਲੀਅਮ ਉਸਬੋਰਨ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ‘ਦੀ ਕੋਰਟ ਐਂਡ ਕੈਂਪ ਆਫ਼ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ’, ਮੱਰੇ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ‘ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਪੰਜਾਬ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ । ਜੇ. ਡੀ. ਕਨਿੰਘਮ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ‘ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼’ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵਿਸ਼ਵਾਸਯੋਗ ਅਤੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ 1699 ਈ. ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1846 ਈ. ਤਕ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਦਰਜ ਹੈ ।

(ਅ) ਪੁਰਾਤੱਤਵਿਕ ਸੋਮੇ (Archaeological Sources)

ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਭਵਨ, ਸਮਾਰਕ, ਸਿੱਕੇ ਅਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸਹਿਯੋਗ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਵਸਾਏ ਗਏ ਖਡੂਰ ਸਾਹਿਬ, ਗੋਇੰਦਵਾਲ ਸਾਹਿਬ, ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ, ਤਰਨ ਤਾਰਨ, ਕਰਤਾਰਪੁਰ, ਸ੍ਰੀ ਆਨੰਦਪੁਰ ਸਾਹਿਬ ਆਦਿ ਧਾਰਮਿਕ ਸ਼ਹਿਰ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਮੂੰਹ ਬੋਲਦੀ ਤਸਵੀਰ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਅਨੇਕਾਂ ਸਿੱਖ ਸਰਦਾਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾਏ ਗਏ ਮਹੱਲ ਅਤੇ ਕਿਲ੍ਹੇ ਵੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ‘ਤੇ ਕਾਫ਼ੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਸਾਨੂੰ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵੰਸ਼ਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਅਨੇਕਾਂ ਚਿੱਤਰ ਵੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਏ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਚਿੱਤਰਾਂ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੇ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਧਾਰਮਿਕ ਹਾਲਤ ਦਾ ਪਤਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸ਼ਾਸਕਾਂ, ਬੰਦਾ ਬਹਾਦਰ, ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ, ਮੁਗ਼ਲ ਅਤੇ ਸਿੱਖ ਸਰਦਾਰਾਂ ਦੁਆਰਾ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਗਏ ਸਿੱਕਿਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀਆਂ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਮਿਤੀਆਂ, ਧਾਰਮਿਕ ਵਿਸ਼ਵਾਸਾਂ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਹਾਲਤ ਦਾ ਗਿਆਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਹ ਸਿੱਕੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨਿਰਮਾਣ ਦੀ ਪ੍ਰਕ੍ਰਿਆ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਭੂਮਿਕਾ ਨਿਭਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ (Religious Literature of the Sikhs)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਸੋਮੇ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਮੁੱਲਾਂਕਣ ਕਰੋ । (Evaluate the Sikh religious literature as a source of the Punjab History.)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਇਤਿਹਾਸ ਜਾਣਨ ਵਿੱਚ ਗੁਰਮੁਖੀ ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਕੀ ਯੋਗਦਾਨ ਹੈ ? (What is the contribution of Sikh Gurmukhi Literature in the History of the Punjab ?)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਅਤੇ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਦੱਸੋ ।
(Describe the significance of Adi Granth and Janam Sakhis as sources of the Punjab History.)
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਯੋਗਦਾਨ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਹੈ ! ਇਸ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਜਾਣਕਾਰੀ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀਆਂ ਰਾਜਨੀਤਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ, ਧਾਰਮਿਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ’ਤੇ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਲੜੀਵਾਰ ਵਰਣਨ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ-

1. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ (Adi Granth Sahib Ji) – ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦਾ ਸਰਵਉੱਚ, ਪ੍ਰਮਾਣਿਕ ਅਤੇ ਪਵਿੱਤਰ ਗ੍ਰੰਥ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1604 ਈ. ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ ਪੰਜ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਂ ਅਤੇ ਹਿੰਦੂ ਭਗਤਾਂ, ਮੁਸਲਿਮ ਸੰਤਾਂ ਅਤੇ ਭੱਟਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਬਾਣੀ ਸ਼ਾਮਲ ਸੀ । ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਸਮੇਂ ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੀ ਬਾਣੀ ਵੀ ਸ਼ਾਮਲ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਦਰਜਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ ਹੁਣ 6 ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੀ ਬਾਣੀ ਦਰਜ਼ ਹੈ । ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਡੂੰਘੇ ਅਧਿਐਨ ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੇ ਰਾਜਸੀ, ਧਾਰਮਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਜੀਵਨ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ! ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਜਾਣਕਾਰੀ ਬਹੁਤ ਹੀ ਪ੍ਰਮਾਣਿਕ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਲਈ ਸਾਡਾ ਇੱਕ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਸੋਮਾ ਹੈ । ਡਾਕਟਰ ਇੰਦੂ ਭੂਸ਼ਣ ਬੈਨਰਜੀ ਦੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿੱਚ,

“ਇਸ (ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ) ਜੀ ਨੂੰ ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਬਾਈਬਲ ਕਿਹਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਯਕੀਨ ਦੇ ਨਾਲ ਕਿਹਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦਾ ਇਹ ਸਭ ਤੋਂ ਵਿਸ਼ਵਾਸਯੋਗ ਸੋਮਾ ਹੈ ।”

2. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ (Dasam Granth Sahib Ji) – ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਹੋਰ ਪਵਿੱਤਰ ਧਾਰਮਿਕ ਗ੍ਰੰਥ ਹੈ । ਇਹ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀਆਂ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ। ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਦੇ ਸੰਕਲਨ ਦਾ ਮੁੱਖ ਉਦੇਸ਼ ਸਿੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਅਤੇ ਧਾਰਮਿਕ ਅੱਤਿਆਚਾਰੀਆਂ ਵਿਰੁੱਧ ਲੜਨ ਲਈ ਜੋਸ਼ ਪੈਦਾ ਕਰਨਾ ਸੀ ।

ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਅਤੇ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ | ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਲਿਖੀ ਹੋਈ ਆਤਮ-ਕਥਾ ਹੈ । ਇਹ ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੀ ਸ਼ਹੀਦੀ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀਆਂ ਪਹਾੜੀ ਰਾਜਿਆਂ ਨਾਲ ਲੜਾਈਆਂ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਸੰਬੰਧੀ ਸਾਡਾ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਹੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਹੈ ! ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਇੱਕ ਚਿੱਠੀ ਹੈ ਜੋ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਫ਼ਾਰਸੀ ਵਿੱਚ ਦੀਨਾ ਕਾਂਗੜ ਤੋਂ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਨੂੰ ਲਿਖੀ ਸੀ । ਇਸ ਚਿੱਠੀ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਜੀ ਨੇ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਦੇ ਜ਼ੁਲਮਾਂ ਅਤੇ ਮੁਗ਼ਲ ਸੈਨਾਪਤੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਕੁਰਾਨ ਦੀਆਂ ਝੂਠੀਆਂ ਸਹੁੰਆਂ ਚੁੱਕ ਕੇ ਗੁਰੂ ਜੀ ਨਾਲ ਧੋਖਾ ਕਰਨ ਦਾ ਜ਼ਿਕਰ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਅਤੇ ਕੰਮਾਂ ਨੂੰ ਜਾਨਣ ਲਈ ਸਾਡਾ ਇੱਕ ਅਣਮੋਲ ਸੋਮਾ ਹੈ ।

3. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਦੀਆਂ ਵਾਰਾਂ (Vars of Bhai Gurdas Ji) – ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਇੱਕ ਉੱਚ-ਕੋਟੀ ਦੇ ਕਵੀ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ 39 ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਕੁੰਜੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਪਹਿਲੀ ਅਤੇ ਗਿਆਰਵੀਂ ਵਾਰ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ | ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਜੀਵਨ ਸੰਬੰਧੀ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਗਿਆਰੁਵੀਂ ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ 6 ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕੁਝ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਅਤੇ ਥਾਂਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

4. ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ (Janam Sakhis) – ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ‘ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ” ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । 17ਵੀਂ ਅਤੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਹੋਈ | ਪਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਵਿੱਚ ਅਨੇਕਾਂ ਦੋਸ਼ ਹਨ | ਪਹਿਲਾਂ, ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਵਧਾ-ਚੜਾ ਕੇ ਪੇਸ਼ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਵਿੱਚ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦੇ ਅਤੇ ਤਿੱਥੀਆਂ ਦੇ ਵੇਰਵੇ ਵਿੱਚ ਵੀ ਅੰਤਰ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਸ਼ਾਂ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਜੀਵਨ ਸੰਬੰਧੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਚਾਨਣਾ ਪਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਅੱਗੇ ਲਿਖੀਆਂ ਹਨ :-

(ਉ) ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ ਸਾਖੀ (Puratan Janam Sakhi) – ਇਸ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦਾ ਸੰਪਾਦਨ 1926 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਵੀਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਸਭ ਤੋਂ ਪੁਰਾਣੀ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਹੋਰਨਾਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵਧੇਰੇ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ਅ) ਮਿਹਰਬਾਨ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ (Janam Sakhi of Meharban) – ਮਿਹਰਬਾਨ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਵੱਡੇ ਭਰਾ ਪ੍ਰਿਥੀ ਚੰਦ ਦੇ ਸਪੁੱਤਰ ਸਨ । ਉਹ ਬੜੇ ਵਿਦਵਾਨ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੀਆਂ ਉਦਾਸੀਆਂ ਅਤੇ ਕਰਤਾਰਪੁਰ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਜੀ ਦੇ ਨਿਵਾਸ ਬਾਰੇ ਬੜਾ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਕਾਫ਼ੀ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਮੰਨੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

(ੲ) ਭਾਈ ਬਾਲੇ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ (Janam Sakhi of Bhai Bala) – ਭਾਈ ਬਾਲਾ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਬਚਪਨ ਦਾ ਸਾਥੀ ਸੀ । ਉਹ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੀਆਂ ਉਦਾਸੀਆਂ ਸਮੇਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਸੀ । ਇਸ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਮਨਘੜਤ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਨੂੰ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਵਿਸ਼ਵਾਸਯੋਗ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ਸ) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਦੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ Janam Sakhi of Bhai Mani Singh) – ਇਸ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਨੂੰ “ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਇੱਕ ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਲਿਖਿਆ ਸੀ । ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1675 ਈ. ਤੋਂ 1708 ਈ. ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਬਹੁਤ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਹੈ ।

5. ਹੁਕਮਨਾਮੇ (Hukamnamas) – ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਉਹ ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ ਸਨ ਜੋ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਘਰਾਣੇ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ‘ਤੇ ਸਿੱਖ ਸੰਗਤਾਂ ਜਾਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ‘ਤੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ । ਇਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਹੁਤਿਆਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਦੇ ਲੰਗਰ ਲਈ ਰਸਦ, ਧਾਰਮਿਕ ਥਾਂਵਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਮਾਇਆ, ਲੜਾਈਆਂ ਲਈ ਘੋੜੇ ਅਤੇ ਸ਼ਸਤਰ ਆਦਿ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ | ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰ ਡਾਕਟਰ ਗੰਡਾ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣੇ ਅਣਥੱਕ ਯਤਨਾਂ ਸਦਕਾ 89 ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕੀਤਾ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 34 ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਅਤੇ 23 ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਅਤੇ ਸਮਕਾਲੀਨ ਸਮਾਜ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਿੱਖ ਸਾਹਿਤ (Historical and Semi-Historical Sikh Literature)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਵਿਸ਼ੇ ਵਿੱਚ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਿੱਖ ਸਾਹਿਤ ਕਿੱਥੋਂ ਤਕ ਸਹਾਇਕ ਹੈ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (How far is Sikh Historical and Semi-Historical Literature helpful in giving information about the Punjab History ?)
ਉੱਤਰ-
18ਵੀਂ ਅਤੇ 19ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸਿੱਖ ਸਾਹਿਤ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਇਹ ਸਾਹਿਤ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ‘ਤੇ ਬੜੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਸਾਹਿਤਿਕ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ-

1. ਸ੍ਰੀ ਗੁਰਸੋਭਾ (Sri Gursobha) – ਸੀ ਗੁਰਸੋਭਾ ਦੀ ਰਚਨਾ 1741 ਈ. ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਇੱਕ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀ ਸੈਨਾਪਤ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਵਿੱਚ 1699 ਈ. ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1708 ਈ. ਤਕ ਦੀਆਂ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇਹ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਅਤੇ ਕੰਮਾਂ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਹੈ ।

2. ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤ ਮਾਲਾ (Sikhan Di Bhagat Mala) – ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਨੂੰ ਭਗਤ ਰਤਨਾਵਲੀ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ, ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਅਤੇ ਜਾਤੀਆਂ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

3. ਬੰਸਾਵਲੀਨਾਮਾ (Bansavalinama) – ਬੰਸਾਵਲੀਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ 1780 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬੜ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਅੱਧ ਤਕ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਹ ਗ੍ਰੰਥ ਗੁਰੂ ਕਾਲ ਦੇ ਬਾਅਦ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ ਵਧੇਰੇ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਅਜਿਹੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਲੇਖਕ ਨੇ ਆਪਣੀ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠੀਆਂ ਸਨ ।

4. ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ (Mehma Parkash) – ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨਾਂ ਦੀਆਂ ਦੋ ਰਚਨਾਵਾਂ ਹਨ । ਪਹਿਲੀ ਦਾ ਨਾਂ ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਾਰਤਕ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਦਾ ਨਾਂ ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਵਿਤਾ ਹੈ । (ੳ) ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਾਰਤਕ-ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1741 ਈ. ਵਿੱਚ ਬਾਵਾ ਕ੍ਰਿਪਾਲ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । (ਅ ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਵਿਤਾ-ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1776 ਈ. ਵਿੱਚ ਸਰੂਪ ਦਾਸ ਭੱਲਾ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

5. ਗੁਰਪ੍ਰਤਾਪ ਸੂਰਜ ਗ੍ਰੰਥ (GurPartap Suraj Granth) – ਇਹ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ਾਲ ਗੰਥ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਭਾਈ ਸੰਤੋਖ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੇ ਦੋ ਹਿੱਸੇ ਹਨ-(ਉ) ਨਾਨਕ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1823 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਕੇਵਲ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਵਰਣਨ ਹੈ ।
(ਅ) ਸੂਰਜ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1843 ਈ. ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਅੰਗਦ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਤਕ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਭਾਵੇਂ ਇਸ ਵਿੱਚ ਅਨੇਕਾਂ ਦੋਸ਼ ਹਨ, ਪਰ ਇਸ ਨੂੰ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਗਿਆਨ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

6. ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ (Prachin Panth Parkash) – ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1841 ਈ. ਵਿੱਚ ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਲਈ ਇਹ ਪੁਸਤਕ ਬੜੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਪਹਿਲੀ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੁਸਤਕ ਸੀ ਜੋ ਕਿ ਕਿਸੇ ਸਿੱਖ ਨੇ ਲਿਖੀ । ਡਾਕਟਰ ਹਰੀ ਰਾਮ ਗੁਪਤਾ ਦਾ ਇਹ ਕਹਿਣਾ ਬਿਲਕੁਲ ਠੀਕ ਹੈ,
“ਇਹ ਕੰਮ ਕਿਸੇ ਸਿੱਖ ਦੁਆਰਾ ਸਿੱਖ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਦਾ ਪਹਿਲਾ ਯਤਨ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵ ਰੱਖਦਾ ਹੈ । 19″1

7, ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਤਵਾਰੀਖ ਗੁਰੂ ਖਾਲਸਾ (Panth Parkash and Tawarikh Guru Khalsa) – ਇਹ ਦੋਵੇਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਗਿਆਨੀ ਗਿਆਨ ਸਿੰਘ ਦੀਆਂ ਲਿਖੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹਨ | ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਵਿਤਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀ ਹੋਈ ਹੈ ਜਦ ਕਿ ਤਵਾਰੀਖ ਗੁਰੂ ਖ਼ਾਲਸਾ ਵਾਰਤਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਹਾਂ ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਵਿੱਚ 1469 ਈ. ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1849 ਈ. ਤਕ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸੰਪਰਦਾਵਾਂ ਅਤੇ ਗੁਰਦੁਆਰਿਆਂ ਦਾ ਵੀ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਤਵਾਰੀਖ ਗੁਰੂ ਖ਼ਾਲਸਾ ਵਧੇਰੇ ਲਾਹੇਵੰਦ ਹੈ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਸੰਖੇਪ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Short Answer Type Questions)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਸਾਨੂੰ ਕਿਹੜੀਆਂ ਮੁੱਖ ਔਕੜਾਂ ਪੇਸ਼ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ? (What difficulties do we face regarding the historical sources of Punjab ?)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਰਨ ਲਈ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
(What problems are faced by the students in composing the History of the Punjab ?)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਰਨ ਲਈ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਪੇਸ਼ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਿੰਨ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਔਕੜਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
(Describe any three important problems being faced by the students in composing the History of the Punjab.)
ਉੱਤਰ-

  1. ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੇ ਕਾਲ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਸੋਮਿਆਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਤੱਥਾਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਮਿਥਿਹਾਸ ਦੀ ਮਿਲਾਵਟ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ।
  2. ਮੁਸਲਮਾਨ ਲਿਖਾਰੀਆਂ ਨੇ ਜਾਣ-ਬੁਝ ਕੇ ਸਿੱਖ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਠੀਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪੇਸ਼ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ।
  3. ਉਸ ਸਮੇਂ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਯੁੱਧਾਂ ਕਾਰਨ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਅਰਾਜਕਤਾ ਫੈਲੀ ਹੋਈ ਸੀ । ਇਸ ਮਾਹੌਲ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਨਹੀਂ ਮਿਲਿਆ ।
  4. ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਸੋਮੇ ਅਣਘੋਖੇ ਪਏ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਉੱਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a brief note on Hukamnamas.) .
ਉੱਤਰ-
ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਪਰਿਵਾਰ ਵੱਲੋਂ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ‘ਤੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹੁਕਮਾਂ ਨੂੰ ‘ਹੁਕਮਨਾਮਾ’ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਹੁਤਿਆਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਦੇ ਲੰਗਰ ਲਈ ਰਸਦ, ਧਾਰਮਿਕ ਥਾਂਵਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਮਾਇਆ, ਲੜਾਈਆਂ ਲਈ ਘੋੜੇ ਅਤੇ ਸ਼ਸਤਰ ਆਦਿ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । ਹੁਣ ਤਕ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਏ ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ 89 ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 34 ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਅਤੇ 23 ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੇ ਹਨ । ਸਿੱਖ ਇਨ੍ਹਾਂ ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਦੀ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦਾ ਹੁਕਮ ਸਮਝ ਕੇ ਪਾਲਣਾ ਕਰਦੇ ਸਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (Give a brief account of the important historical sources related to religious literature of the Sikhs.)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਲਈ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਉੱਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਤਿੰਨ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (Give a brief account of three important sources based on religious literature of the Punjab History.)
ਉੱਤਰ-

  1. 1604 ਈ. ਵਿੱਚ ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀ ਰਾਜਨੀਤਿਕ, ਧਾਰਮਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਦਸ਼ਾ ਬਾਰੇ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਹ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ ਇੱਕ ਅਣਮੋਲ ਸੋਮਾ ਹੈ ।
  3. ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਲਿਖੀ ਗਈ ‘ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ’ ਨਾਂ ਦੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਵੀ ਬਹੁਤ ਹੀ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਹੈ ।
  4. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ 39 ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਤੋਂ ਪਹਿਲੇ 6 ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।
  5. ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਅਤੇ ਸਮਕਾਲੀਨ ਸਮਾਜ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਬਾਰੇ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਜਨਮ ਸਾਥੀਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (What is meant by Janam Sakhis ? Explain briefly famous Janam Sakhis.)
ਜਾਂ
ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਕ ਮਹੱਤਵ ਬਾਰੇ ਇੱਕ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a note on the historical importance of Janam Sakhis.)
ਜਾਂ
ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਕੀ ਹਨ ? ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਦੱਸੋ । (What do you understand by Janam Sakhis ? What is the importance of different Janam Sakhis ?)
ਜਾਂ
ਕਿਸੇ ਤਿੰਨ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਬਾਰੇ ਚਾਨਣਾ ਪਾਉ । (Throw light on any three Janam Sakhis.)
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

  • ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦਾ ਸੰਪਾਦਨ 1926 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਵੀਰ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ਜੋ ਸਭ ਤੋਂ ਪੁਰਾਣੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਾਫ਼ੀ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਹੈ ।
  • ਮਿਹਰਬਾਨ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਪ੍ਰਿਥੀ ਚੰਦ ਦੇ ਸਪੁੱਤਰ ਮਿਹਰਬਾਨ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੀਆਂ ਉਦਾਸੀਆਂ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ ।
  • ਭਾਈ ਬਾਲਾ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਦੋਂ ਅਤੇ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ਇਸ ਸੰਬੰਧੀ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮਤਭੇਦ ਹਨ । ਇਸ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਮਨਘੜਤ ਗੱਲਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਮਲ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।
  • ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਦੀ ਜਨਮਸਾਖੀ-ਇਸ ਜਨਮਸਾਖੀ ਨੂੰ ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਲਿਖਿਆ ਸੀ । ਇਹ ਬਹੁਤ ਵਿਸ਼ਵਾਸਯੋਗ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮਿਹਰਬਾਨ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a short note on Janam Sakhi of Meharban.)
ਉੱਤਰ-
ਮਿਹਰਬਾਨ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਵੱਡੇ ਭਰਾ ਪ੍ਰਿਥੀ ਚੰਦ ਦੇ ਸਪੁੱਤਰ ਸਨ । ਉਹ ਬੜੇ ਵਿਦਵਾਨ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੀਆਂ ਉਦਾਸੀਆਂ ਅਤੇ ਕਰਤਾਰਪੁਰ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਜੀ ਦੇ ਨਿਵਾਸ ਬਾਰੇ ਬੜਾ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਕਾਫ਼ੀ ਭਰੋਸੇਯੋਗ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਬੜਾ ਤਰਤੀਬਵਾਰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਵਰਣਨ ਕੀਤੇ ਗਏ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਅਤੇ ਸਥਾਨਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਠੀਕ ਹਨ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਦੀਆਂ ਵਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ? (What do you know about Vars of Bhai Gurdas ?)
ਜਾਂ
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਭੱਲਾ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a note on Bhai Gurdas Bhalla.)
ਉੱਤਰ-
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਭੱਲਾ, ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਦੇ ਭਰਾ ਦਾਤਾਰ ਚੰਦ ਭੱਲਾ ਜੀ ਦੇ ਪੁੱਤਰ ਸਨ । ਉਹ ਤੀਸਰੇ, ਚੌਥੇ, ਪੰਜਵੇਂ ਅਤੇ ਛੇਵੇਂ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਸਮਕਾਲੀਨ ਸਨ । ਉਹ ਇੱਕ ਉੱਚ-ਕੋਟੀ ਦੇ ਕਵੀ ਅਤੇ ਲੇਖਕ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਰਚੀਆਂ ਗਈਆਂ ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ 39 ਹੈ । ਇਹ ਵਾਰਾਂ ਪੰਜਾਬੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹਨ । ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਭਾਵਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਝਣ ਲਈ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸੇ ਕਾਰਨ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਨੂੰ “ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਕੁੰਜੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਪਹਿਲੀ ਅਤੇ ਗਿਆਰਵੀਂ ਵਾਰ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਸੋਮੇ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ‘ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ’ ਦੇ ਮਹੱਤਵ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
(Describe the importance of Adi Granth Sahib Ji as a source of the History of the Punjab.)
ਜਾਂ
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀਆਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a note on the special features of Adi Granth Sahib Ji.)
ਜਾਂ
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਅਤੇ ਇਸ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਮਹੱਤਵ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (Give a brief description of Adi Granth Sahib Ji and its historical importance.)
ਜਾਂ
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੇ ਮਹੱਤਵ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (Briefly explain the significance of Adi Granth Sahib Ji.)
ਉੱਤਰ-ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦਾ ਸਰਵਉੱਚ, ਪ੍ਰਮਾਣਿਕ ਅਤੇ ਪਵਿੱਤਰ ਗ੍ਰੰਥ ਦਾ ਸਨਮਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1604 ਈ. ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ ਪੰਜ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਂ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੀ ਬਾਣੀ ਦਰਜ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਸ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਹਿੰਦੂ ਭਗਤਾਂ, ਸੂਫ਼ੀ ਸੰਤਾਂ ਅਤੇ ਭੱਟਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਬਾਣੀ ਵੀ ਸ਼ਾਮਲ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਡੂੰਘੇ ਅਧਿਐਨ ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀ ਰਾਜਸੀ, ਧਾਰਮਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਜੀਵਨ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਬਾਰੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਜਾਣਦੇ ਹੋ? (What do you know about Dasam Granth Sahib Ji ?)
ਜਾਂ
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ ।
(Write a short note on Dasam Granth Sahib Ji.)
ਉੱਤਰ-
ਦਸਮ ਗੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀਆਂ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ । ਇਸ ਦਾ ਉਦੇਸ਼ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਅੱਤਿਆਚਾਰੀਆਂ ਵਿਰੁੱਧ ਲੜਨ ਲਈ ਸਿੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਜੋਸ਼ ਪੈਦਾ ਕਰਨਾ ਸੀ । ਇਹ ਕੁੱਲ 18 ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ‘ਜਾਪੁ ਸਾਹਿਬ’, ‘ਅਕਾਲ ਉਸਤਤਿ’, ‘ਚੰਡੀ ਦੀ ਵਾਰ’, ‘ਚੌਬੀਸ ਅਵਤਾਰ’, ‘ਸ਼ਬਦ ਹਜ਼ਾਰੇ’, ‘ਸ਼ਸਤਰ ਨਾਮਾ’, ‘ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ’ ਅਤੇ ‘ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ’ ਆਦਿ ਦੇ ਨਾਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਰਣਨਯੋਗ ਹਨ | ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਅਤੇ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਇਤਿਹਾਸ ਵਿੱਚ ‘ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਦੀ ਕੀ ਮਹੱਤਤਾ ਹੈ ? (What is the importance of Bachittar Natak in the life of Guru Gobind Singh Ji ?)
ਜਾਂ
‘ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ’ ’ਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a short note on Bachittar Natak.)
ਜਾਂ
ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਦੱਸੋ । (Discuss about Bachittar Natak.)
ਜਾਂ
ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਬਾਰੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ? (What do you know about Bachittar Natak.)
ਉੱਤਰ-
ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਇੱਕ ਲਾਸਾਨੀ ਰਚਨਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਸੰਬੰਧ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਬਿਰਤਾਂਤ ਨਾਲ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੀ ਉਸਤਤਿ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਸੰਸਾਰ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਵੇਂ ਹੋਈ, ਬੇਦੀ ਵੰਸ਼ ਅਤੇ ਸੋਢੀ ਵੰਸ਼ ਬਾਰੇ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੀ ਸ਼ਹੀਦੀ ਬਾਰੇ ਵੀ ਚਾਨਣਾ ਪਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਦੇ ਉਦੇਸ਼ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀਆਂ ਗਈਆਂ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵੇਰਵਾ ਦਿਓ । (Give a brief account of historical sources written in 18th century in Punjabi.)
ਉੱਤਰ-

  • ਗੁਰਸੋਭਾ-ਗੁਰਸੋਭਾ ਦੀ ਰਚਨਾ 1741 ਈ. ਵਿੱਚ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਇੱਕ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀ ਸੈਨਾਪਤ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ 1699 ਈ. ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1708 ਈ. ਤਕ ਦੀਆਂ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ ।
  • ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤਮਾਲਾ-ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ, ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਨਾਂ, ਜਾਤੀਆਂ ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਿਵਾਸ ਸਥਾਨ ਅਤੇ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀ ਸਮਾਜਿਕ ਹਾਲਤ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1841 ਈ. ਵਿੱਚ ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗੰਥ ਵਿੱਚ, ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।
  • ਬੰਸਾਵਲੀਨਾਮਾ-ਬੰਸਾਵਲੀਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ 1780 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬੜ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿਚ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਮੱਧ ਤਕ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।
  • ਮਹਿਮਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਵਿਤਾ-ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1776 ਈ. ਵਿੱਚ ਸਰੂਪ ਦਾਸ ਭੱਲਾ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸ੍ਰੀ ਗੁਰਸੋਭਾ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a short note on Sri Gursobha.)
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰਸੋਭਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀ ਸੈਨਾਪਤ ਨੇ 1741 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੇ ਲੇਖਕ ਨੇ 1699 ਈ. ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਖ਼ਾਲਸਾ ਪੰਥ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਕੀਤੀ ਸੀ, ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1708 ਈ. ਤਕ ਜਦੋਂ ਉਹ ਜੋਤੀ-ਜੋਤ ਸਮਾਏ ਸਨ, ਦੀਆਂ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਅਤੇ ਪ੍ਰਮਾਣਿਕ ਵੇਰਵਾ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤਮਾਲਾ ਬਾਰੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ? (What do you know about Sikhan Di Bhagatmala ?)
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਇੱਕ ਮਹਾਨ ਸਿੱਖ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ 6 ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸਿੱਖਾਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਜਾਤਾਂ ਅਤੇ ਨਿਵਾਸ ਸਥਾਨਾਂ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿਸਤਾਰ ਵਿੱਚ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਈ ਗਈ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਸ ਵਿੱਚ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੀ ਸਮਾਜਿਕ ਹਾਲਤ ਬਾਰੇ ਵੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬੰਸਾਵਲੀਨਾਮਾ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a brief note on Bansavalinama.)
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬੜ ਨੇ 1780 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ 14 ਅਧਿਆਇ ਹਨ । ਪਹਿਲੇ 10 ਅਧਿਆਇ 10 ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ । ਬਾਕੀ 4 ਅਧਿਆਇ ਬਾਬਾ ਅਜੀਤ ਸਿੰਘ, ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ, ਮਾਤਾ ਸੁੰਦਰੀ ਅਤੇ ਖ਼ਾਲਸਾ ਪੰਥ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ । ਲੇਖਕ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦਾ ਸਮਕਾਲੀ ਸੀ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਨੇ ਅਨੇਕਾਂ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਹ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਦੇ ਸਿੱਖ ਇਤਿਹਾਸ ਲਈ ਸਾਡਾ ਇੱਕ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਸੋਮਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ । (Give a brief account of Prachin Panth Prakash.)
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਰਚਨਾ ਹੈ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ 1841 ਈ. ਵਿੱਚ ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਲੇਖਕ ਨੇ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਤਕ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮੁਗਲ-ਸਿੱਖ ਸੰਬੰਧਾਂ, ਮਰਾਠਾ-ਸਿੱਖ ਸੰਬੰਧਾਂ ਅਤੇ ਅਫ਼ਗਾਨ-ਸਿੱਖ ਸੰਬੰਧਾਂ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਅਤੇ ਪ੍ਰਮਾਣਿਕ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਦੀ ਸੰਖੇਪ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿਓ । (Give a brief account of important Persian sources of the History of the Punjab.)
ਜਾਂ
ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੇ ਮੁੱਖ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਖੇਪ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜੋ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਸੰਕਲਨ ਲਈ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ ।
(Give a brief mention of important Persian sources which are essential for composing the History of the Punjab.)
ਜਾਂ
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੇ ਸੋਮਿਆਂ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਦਿਓ । (Give an account of important Persian sources of the History of the Punjab.)
ਉੱਤਰ-

  • ਆਇਨ-ਏ-ਅਕਬਰੀ ਅਕਬਰ ਦੇ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਾਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸਾਡਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
  • ਜੰਗਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਾਜੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ ਅਬਦਾਲੀ ਦੇ ਹਮਲੇ ਦਾ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠਾ ਹਾਲ ਅਤੇ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਯੁੱਧ ਕਰਨ ਦੇ ਢੰਗ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚਰਿੱਤਰ ਸੰਬੰਧੀ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ ।
  • ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ ਦਾ ਲੇਖਕ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਦਰਬਾਰੀ ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੁਰੀ ਸੀ । ਇਹ ਗੰਥ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਕਾਲ ਦੀ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਹੈ ।
  • ਤਵਾਰੀਖ-ਏ-ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਲੇਖਕ ਖੁਸ਼ਵਕਤ ਰਾਏ ਸੀ । ਇਹ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1811 ਈ. ਤਕ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਦਾ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਹੈ ।
  • ਚਾਰ ਬਾਗ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਲੇਖਕ ਗਣੇਸ਼ ਦਾਸ ਵਡੇਹਰਾ ਸੀ । ਇਹ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸ਼ਾਸਨ ਕਾਲ ਦਾ ਇੱਕ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਸੋਮਾ ਹੈ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਚਾਰ ਬਾਗ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a short note on Char Bag-i-Punjab.)
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1855 ਈ. ਵਿੱਚ ਗਣੇਸ਼ ਦਾਸ ਵਡੇਹਰਾ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।ਉਹ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਅਧੀਨ ਕਾਨੂੰਨ ਦੇ ਅਹੁਦੇ ‘ਤੇ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਸੀ । ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ ਲੇਖਕ ਨੇ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਕਾਲ ਦੇ ਪੰਜਾਬ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1849 ਈ. ਤਕ ਦੇ ਪੰਜਾਬ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ ਲੇਖਕ ਨੇ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਕਾਲ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਅੱਖੀਂ ਡਿੱਠੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਬੜੇ ਤਰਤੀਬ ਅਨੁਸਾਰ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਸੋਮਿਆਂ ‘ਤੇ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਓ । (Mention important English sources which throw light on the History of the Punjab.)
ਜਾਂ
ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਿਆਂ ਉੱਤੇ ਰੌਸ਼ਨੀ ਪਾਓ ।
(Throw light on important sources of information on the Punjab History written in English.)
ਉੱਤਰ-

  • ਦੀ ਕੋਰਟ ਐਂਡ ਕੈਂਪ ਆਫ਼ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ – ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1840 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੈਪਟਨ ਵਿਲੀਅਮ ਓਸਬੋਰਨ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਉਸ ਨੇ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਦਰਬਾਰ ਦੀ ਸ਼ਾਨੋ-ਸ਼ੌਕਤ ਸੰਬੰਧੀ ਅਤੇ ਫ਼ੌਜ ਸੰਬੰਧੀ ਬੜਾ ਭਰਪੂਰ ਚਾਨਣਾ ਪਾਇਆ ਹੈ ।
  • ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਪੰਜਾਬ – ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ 1842 ਈ. ਵਿੱਚ ਡਾਕਟਰ ਮੱਰੇ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਹ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਉੱਤਰਾਧਿਕਾਰੀਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਸੋਮਾ ਹੈ ।
  • ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼ – ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਡਾਕਟਰ ਮੈਕਗਰੇਗਰ ਨੇ 1846 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਸਿੱਖਾਂ ਦੀਆਂ ਅੰਗਰੇਜ਼ਾਂ ਨਾਲ ਲੜਾਈਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਕਾਫ਼ੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ ।
  • ਸਕੈਚ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼ – ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1812 ਈ. ਵਿੱਚ ਮੈਲਕੋਮ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਉਸ ਨੇ ਸਿੱਖ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਸੰਖੇਪ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਹੈ ।
  • ਦੀ ਪੰਜਾਬ – ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ 1846 ਈ. ਵਿੱਚ ਸਟਾਈਨਬਖ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਲੇਖਕ ਨੇ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਅਫ਼ਗਾਨਿਸਤਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਾਂ ਬਾਰੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਭਾਰਤ ਦੇ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡਾਂ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਮਹੱਤਵ ਉੱਤੇ ਇੱਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ । (Write a short note on the historical importance of records of British Indian Government.)
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤ ਦੇ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸ਼ਾਸਨ ਕਾਲ ਦੇ ਆਰੰਭ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਸਿੱਖ ਰਾਜ ਦੇ ਪਤਨ ਤਕ (1799-1849 ਈ. ) ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ ਸਾਡਾ ਇੱਕ ਅਤੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਹਨ । ਲੁਧਿਆਣਾ ਏਜੰਸੀ ਅਤੇ ਦਿੱਲੀ ਰੈਜ਼ੀਡੈਂਸੀ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡ ਪੰਜਾਬ ਸੰਬੰਧੀ ਬਹੁਤ ਹੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਰਿਕਾਰਡਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਅੰਗਰੇਜ਼-ਸਿੱਖ ਸੰਬੰਧਾਂ, ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਰਾਜ ਸੰਬੰਧੀ, ਅੰਗਰੇਜ਼ਾਂ ਦੇ ਸਿੰਧ ਅਤੇ ਅਫ਼ਗਾਨਿਸਤਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਾਂ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿਚ ਸਿੱਕਿਆਂ ਦੇ ਮਹੱਤਵ ਦੀ ਚਰਚਾ ਕਰੋ । (Examine the importance of coins in the construction of the History of the Punjab.)
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿਚ ਸਿੱਕਿਆਂ ਦਾ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਮਹੱਤਵ ਹੈ । ਪੰਜਾਬ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਮੁਗ਼ਲਾਂ, ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ, ਜੱਸਾ ਸਿੰਘ ਆਹਲੂਵਾਲੀਆ, ਅਹਿਮਦ ਸ਼ਾਹ ਅਬਦਾਲੀ ਅਤੇ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਮਿਲੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਿੱਕੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਬਣੇ ਹੋਏ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਵਧੇਰੇ ਸਿੱਕੇ ਲਾਹੌਰ, ਪਟਿਆਲਾ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ ਅਜਾਇਬਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਪਏ ਹਨ । ਇਹ ਸਿੱਕੇ ਤਾਰੀਖਾਂ ਅਤੇ ਸ਼ਾਸਕਾਂ ਸੰਬੰਧੀ ਬਹੁਮੁੱਲਾ ਚਾਨਣਾ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਿੱਕੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀਆਂ ਕਈ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਸੁਲਝਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਾਡੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Objective Type Questions)
ਇੱਕ ਸ਼ਬਦ ਤੋਂ ਇੱਕ ਵਾਕ ਵਿੱਚ ਉੱਤਰ (Answer in one word to one Sentence)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਸੰਬੰਧੀ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਪੇਸ਼ ਆਉਣ ਵਾਲੀ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਔਕੜ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਨੂੰ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਦਿਲਚਸਪੀ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਸੰਬੰਧੀ ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਕੋਈ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸੋਮਾ ਦੱਸੋ । ਉੱਤਰ-ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਦੋਂ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
1604 ਈ. ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਧਾਰਮਿਕ ਗ੍ਰੰਥ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
मां
ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਕੇਂਦਰੀ ਧਾਰਮਿਕ ਪੁਸਤਕ (ਗੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਕੀ ਨਾਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਦੋਂ ਅਤੇ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਬੰਧ ਕਿਸ ਗੁਰੂ ਨਾਲ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਲ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਰਚਨਾ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਨੂੰ ਲਿਖਿਆ ਗਿਆ ਇੱਕ ਪੱਤਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਕਿਸ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਲਿਖਿਆ ਗਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੀਨਾ ਕਾਂਗੜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਨੂੰ ਕਿਸ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਿਖਿਆ ਗਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਾਰਸੀ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਕੌਣ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਦਾਤਾਰ ਚੰਦ ਭੱਲਾ ਦੇ ਪੁੱਤਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ ਕੁੱਲ ਕਿੰਨੀਆਂ ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
39.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਤੋਂ ਭਾਵ ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਥਾਵਾਂ ਤੋਂ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਯੋਗ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਕਿਹੜੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਭਾਈ ਬਾਲਾ ਜੀ ਕੌਣ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੁ ਨਾਨਕ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਬਚਪਨ ਦੇ ਸਾਥੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
‘ਹੁਕਮਨਾਮੇ’ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਹੁਣ ਤਕ ਕੁੱਲ ਕਿੰਨੇ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਏ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
89.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਏ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
23.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਕਿਸ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੇ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਏ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
34.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਸੈਨਾਪਤ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਦਰਬਾਰ ਦਾ ਇੱਕ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਕਵੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਸ੍ਰੀ ਗੁਰਸੋਭਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੈਨਾਪਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤਮਾਲਾ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਨੇ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਦੋਂ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
1841 ਈ. ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਗੁਰੂ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸੂਰਜ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਈ ਸੰਤੋਖ ਸਿੰਘ ਜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
“ਬੰਸਾਵਲੀ ਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬੜ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਬਾਬਰੀ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਾਬਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਅਕਬਰ ਦੇ ਦਰਬਾਰ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਵਿਦਵਾਨ ਕਿਹੜਾ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਅਕਬਰਨਾਮਾ ਅਤੇ ਆਇਨ-ਏ-ਅਕਬਰੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਜਹਾਂਗੀਰ ਦੀ ਆਤਮ ਕਥਾ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਜਹਾਂਗੀਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
“ਖਾਫ਼ੀ ਖ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਰਚਿਤ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਕਿਤਾਬ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੁੰਖਿਬ-ਉਲ-ਲੁਬਾਬ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਜੰਗਨਾਮਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਜਾਂ
‘ਜੰਗਨਾਮਾ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਸ਼ਾਸਨ ਕਾਲ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਫ਼ਾਰਸੀ ਦੇ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸੋਮੇ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ
ਉੱਤਰ-
ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਦਰਬਾਰੀ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਜਾਂ
ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੁਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ ਦੁਆਰਾ ਲਿਖੀ ਗਈ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਰਚਨਾ ਦਾ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 43.
ਜਫ਼ਰਨਾਮਾ-ਏ-ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੀਵਾਨ ਅਮਰਨਾਥ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 44.
ਤਵਾਰੀਖ-ਏ-ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੁਸ਼ਵਕਤ ਰਾਏ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 45.
ਤਵਾਰੀਖ-ਏ-ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੂਟੇ ਸ਼ਾਹ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 46.
ਚਾਰ-ਬਾਗ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਣੇਸ਼ ਦਾਸ ਵਡੇਹਰਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 47.
ਭੱਟ ਵਹੀਆਂ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੱਟਾਂ ਦੁਆਰਾ ਸੰਕਲਿਤ ਬਿਉਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 48.
ਭੱਟ ਵਹੀਆਂ ਦੀ ਖੋਜ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਿਆਨੀ ਗਰਜਾ ਸਿੰਘ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 49.
ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਰਬਾਰ ਰਿਕਾਰਡ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੀਤਾ ਰਾਮ ਕੋਹਲੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 50.
ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਰਬਾਰ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡ ਕਿਸ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 51.
ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਰਬਾਰ ਰਿਕਾਰਡ ਕਿਸ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਾਰਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 52.
ਜੇ. ਡੀ. ਕਨਿੰਘਮ ਦੀ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਰਚਨਾ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 53.
ਸਕੈਚ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਸ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੈਲਕੋਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 54.
ਦੀ ਕੋਰਟ ਐਂਡ ਕੈਂਪ ਆਫ਼ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਲੀਅਮ ਓਸਬੋਰਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 55.
ਡਾਕਟਰ ਮੱਰੇ ਨੇ ਕਿਸ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਪੰਜਾਬ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 56.
ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੁਆਰਾ ਵਸਾਏ ਗਏ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਨਗਰ ਦਾ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 57.
ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲੇ ਸਿੱਕੇ ਕਿਸ ਨੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 58.
ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਨੇ ਕਿਹੜੇ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ‘ਤੇ ਸਿੱਕੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ (Fill in the Blanks)

ਨੋਟ :-ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ

1. ਸਿੱਖ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਸੰਬੰਧੀ ਸਾਡਾ ਮੁੱਖ ਸੋਮਾ ………………………….. ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
(ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ)

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2. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ………………………. ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ ।
ਉੱਤਰ-
(1604 ਈ.)

3. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ………………………. ਨੇ ਕੀਤਾ ।
ਉੱਤਰ-
(ਗੁਰੁ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ)

4. ………………………. ਨੇ ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕੀਤਾ ।
ਉੱਤਰ-
(ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ)

5. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਦਾ ਸੰਬੰਧ ……………………………. ਨਾਲ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ)

6. ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ ਦਾ ਨਾਂ ………………………….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ)

7. ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਨੂੰ ਲਿਖੇ ਗਏ ਪੱਤਰ ਦਾ ਨਾਂ …………………………. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ)

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8. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ ਕੁੱਲ …………………………….. ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(39)

9. ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਥਾਵਾਂ ਨੂੰ …………………………. ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ)

10. ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਨੂੰ ……………………….. ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ)

11. ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਤੋਂ ਭਾਵ …………………………………… ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ)

12. ………………………….. ਨੇ ਗੁਰਸੋਭਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸੈਨਾਪਤ)

13. ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ………………………….. ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤ ਮਾਲਾ)

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14. ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਲੇਖਕ ……………………… ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ)

15. ਤਵਾਰੀਖ ਗੁਰੂ ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ………………………. ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਗਿਆਨੀ ਗਿਆਨ ਸਿੰਘ)

16. ਗੁਰੂ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸੂਰਜ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ ………………………. ਨੇ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਭਾਈ ਸੰਤੋਖ ਸਿੰਘ)

17. ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ ਦਾ ਲੇਖਕ ………………………… ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ)

18. ਬਾਬਰ ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ ਨੂੰ …………………………… ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਬਾਬਰੀ)

19. ……………………….. ਨੇ ਆਇਨ-ਏ-ਅਕਬਰੀ ਅਤੇ ਅਕਬਰ ਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ)

20. ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਜਹਾਂਗੀਰੀ ……………………………. ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਜਹਾਂਗੀਰ)

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21. …………………………. ਨੇ ਮੁੰਖਿਬ-ਉਲ-ਲੁਬਾਬ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਖਾਫ਼ੀ ਖ਼ਾ)

22. …………………………. ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਜੰਗਨਾਮਾ)

23. ………………………… ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਦਰਬਾਰੀ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ)

24. ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ ਨੇ ………………………. ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ)

25. ਬੂਟੇ ਸ਼ਾਹ ਨੇ ……………………….. ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਤਵਾਰੀਖ-ਏ-ਪੰਜਾਬ)

26. ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ-ਏ-ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਰਚਨਾ …………………….. ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਦੀਵਾਨ ਅਮਰਨਾਥ)

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27. ਗਣੇਸ਼ ਦਾਸ ਵਡੇਹਰਾ ਨੇ …………………………. ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਚਾਰ ਬਾਗ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ)

28. ਦੀ ਕੋਰਟ ਐਂਡ ਕੈਂਪ ਆਫ਼ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਲੇਖਕ ………………………. ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਵਿਲੀਅਮ ਓਸਬੋਰਨ)

29. ਜੇ. ਡੀ. ਕਨਿੰਘਮ ਨੇ …………………………. ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਸ)

30. ……………………….. ਨੇ ਸਿੱਖ ਰਾਜ ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਸਿੱਕੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ।
ਉੱਤਰ-
( ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ)

ਠੀਕ ਜਾਂ ਗ਼ਲਤ (True or False)

ਨੋਟ :-ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਠੀਕ ਜਾਂ ਗ਼ਲਤ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰੋ-

1. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਸਰਵਉੱਚ ਅਤੇ ਪਵਿੱਤਰ ਗ੍ਰੰਥ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

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2. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1604 ਈ: ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

3. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

4. ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਲਿਖੀ ਆਤਮਕਥਾ ਦਾ ਨਾਂ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਹੈ । ਉੱਤਰ-ਗ਼ਲਤ 5. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ 39 ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

6. ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

7. ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦਾ ਸੰਪਾਦਨ 1926 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਵੀਰ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

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8. ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਨੂੰ ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ ਵੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

9. ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਉਹ ਆਗਿਆ ਪੱਤਰ ਸਨ ਜੋ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਘਰਾਣੇ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਸਿੱਖ ਸੰਗਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਤੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

10. ਗੁਰਸੋਭਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਸੈਨਾਪਤ ਨੇ 1741 ਈ. ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

11. ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤਮਾਲਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

12. ਗੁਰ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸੂਰਜ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ ਭਾਈ ਸੰਤੋਖ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

13. ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦਾ ਲੇਖਕ ਗਿਆਨੀ ਗਿਆਨ ਸਿੰਘ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਗ਼ਲਤ

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14. ਬਾਬਰ ਦੀ ਆਤਮਕਥਾ ਨੂੰ ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਬਾਬਰੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

15. ਆਇਨ-ਏ-ਅਕਬਰੀ ਅਤੇ ਅਕਬਰਨਾਮਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ਅਬਲ ਫ਼ਜ਼ਲ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

16. ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਜਹਾਂਗੀਰੀ ਦੀ ਰਚਨਾ ਸ਼ਾਹਜਹਾਂ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਗ਼ਲਤ

17. ਖੁਲਾਸਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ਼ ਦੀ ਰਚਨਾ ਸੁਜਾਨ ਰਾਏ ਭੰਡਾਰੀ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

18. ਜੰਗਨਾਮਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

19. ਉਮਦਤ-ਉਤ ਤਵਾਰੀਖ਼ ਦਾ ਲੇਖਕ ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

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20. ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ-ਏ-ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਰਚਨਾ ਦੀਵਾਨ ਅਮਰਨਾਥ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

21. ਚਾਰ ਬਾਗ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਰਚਨਾ ਗਣੇਸ਼ ਦਾਸ ਵਡੇਹਰਾ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

22. ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਰਬਾਰ ਰਿਕਾਰਡ ਗੁਰਮੁੱਖੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਲਤ

23. ਸਕੈਚ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼ ਦੀ ਰਚਨਾ ਮੈਲਕੋਮ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

24. ਦੀ ਕੋਰਟ ਐਂਡ ਦੀ ਕੈਂਪ ਆਫ਼ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਰਚਨਾ ਵਿਲੀਅਮ ਉਸਬੋਰਨ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

25. ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼’ ਦਾ ਲੇਖਕ ਜੇ. ਡੀ. ਕਨਿੰਘਮ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ

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ਬਹੁਪੱਖੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (Multiple Choice Questions)

ਨੋਟ :-ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਠੀਕ ਉੱਤਰ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰੋ-

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ?
(i) ਗੁਰੁ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ।
(ii) ਗੁਰੂ ਅੰਗਦ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ
(iii) ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ
(iv) ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(iii) ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਦੋਂ ਹੋਇਆ ?
(i) 1601 ਈ. ਵਿੱਚ
(ii) 1602 ਈ. ਵਿੱਚ
(iii) 1604 ਈ. ਵਿੱਚ
(iv) 1605 ਈ. ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(iii) 1604 ਈ. ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ?
(i) ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ
(ii) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ
(iii) ਬਾਬਾ ਦੀਪ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ
(iv) ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਬੰਧ ਕਿਸ ਗੁਰੂ ਨਾਲ ਹੈ ?
(i) ਪਹਿਲੇ ਗੁਰੂ ਨਾਲ
(ii) ਤੀਸਰੇ ਗੁਰੂ ਨਾਲ
(iii) ਪੰਜਵੇਂ ਗੁਰੂ ਨਾਲ
(iv) ਦਸਵੇਂ ਗੁਰੂ ਨਾਲ ।
ਉੱਤਰ-
(iv) ਦਸਵੇਂ ਗੁਰੂ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਕਿਸ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਨੇ ਲਿਖਿਆ ਸੀ ?
(i) ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ
(ii) ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ
(iii) ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ
(iv) ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(iv) ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਕੀ ਹੈ ?
(i) ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ
(ii) ਗੁਰੂ ਹਰਿਗੋਬਿੰਦ ਜੀ ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ
(iii) ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ
(iv) ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ ।
ਉੱਤਰ-
(iii) ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਆਤਮ-ਕਥਾ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ ਕੁੱਲ ਕਿੰਨੀਆਂ ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ?
(i) 15
(ii) 20
(iii) 29
(iv) 39.
ਉੱਤਰ-
(iv) 39.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਵਲਾਇਤ ਵਾਲੀ ਅਤੇ ਹਾਫ਼ਜ਼ਾਬਾਦ ਵਾਲੀ ਜਨਮ-ਸਾਖੀਆਂ ਦੇ ਸੁਮੇਲ ਤੋਂ ਇੱਕ ਕਿਹੜੀ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ?
(i) ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ
(ii) ਭਾਈ ਬਾਲੇ ਵਾਲੀ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ
(iii) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਵਾਲੀ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ
(iv) ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ ਦਾ ਸੰਪਾਦਨ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ?
(i) ਭਾਈ ਕਾਨ੍ਹ ਸਿੰਘ ਨਾਭਾ ਨੇ
(ii) ਭਾਈ ਵੀਰ ਸਿੰਘ ਨੇ
(iii) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ
(iv) ਮਿਹਰਬਾਨ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਭਾਈ ਵੀਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਗਿਆਨ ਰਤਨਾਵਲੀ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬੜ
(ii) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ
(iii) ਭਾਈ ਬਾਲਾ ਜੀ
(iv) ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਮਿਹਰਬਾਨ ਵਾਲੀ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਮਨੋਹਰ ਦਾਸ
(ii) ਅਕਿਲ ਦਾਸ
(iii) ਭਾਈ ਬਾਲਾ
(iv) ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਮਨੋਹਰ ਦਾਸ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਕੀ ਹਨ ?
(i) ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ
(ii) ਸਭ ਤੋਂ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ
(iii) ਮੁਗ਼ਲ ਬਾਦਸ਼ਾਹਾਂ ਦੇ ਆਦੇਸ਼
(iv) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਦੇ ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸ੍ਰੀ ਗੁਰਸੋਭਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ
(ii) ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ
(iii) ਸੈਨਾਪਤ
(iv) ਗਿਆਨੀ ਗਿਆਨ ਸਿੰਘ ।
ਉੱਤਰ-
(iii) ਸੈਨਾਪਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਬੰਸਾਵਲੀ ਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
(i) ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬੜ ਨੇ
(ii) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ
(iii) ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ
(iv) ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਕੇਸਰ ਸਿੰਘ ਛਿੱਬੜ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
‘ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਭਗਤਮਾਲਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸਨੇ ਕੀਤੀ ?
(i) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ
(ii) ਭਾਈ ਦਇਆ ਸਿੰਘ ਨੇ
(iii) ਭਾਈ ਸੰਤੋਖ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ
(iv) ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਗੁਰੂ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸੂਰਜ ਗ੍ਰੰਥ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਸਰੂਪ ਦਾਸ ਭੱਲਾ
(ii) ਭਾਈ ਸੰਤੋਖ ਸਿੰਘ
(iii) ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ
(iv) ਗਿਆਨੀ ਗਿਆਨ ਸਿੰਘ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਭਾਈ ਸੰਤੋਖ ਸਿੰਘ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ ਨੇ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਪੰਥ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਦੋਂ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
(i) 1641 ਈ. ਵਿੱਚ
(ii) 1741 ਈ. ਵਿੱਚ
(iii) 1841 ਈ. ਵਿੱਚ
(iv) 1849 ਈ. ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(iii) 1841 ਈ. ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਤਵਾਰੀਖ਼ ਗੁਰੂ ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਗਿਆਨੀ ਗਿਆਨ ਸਿੰਘ
(ii) ਭਾਈ ਸੰਤੋਖ ਸਿੰਘ
(iii) ਰਤਨ ਸਿੰਘ ਭੰਗੂ
(iv) ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਗਿਆਨੀ ਗਿਆਨ ਸਿੰਘ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਬਾਬਰੀ ਦਾ ਸੰਬੰਧ ਕਿਸ ਬਾਦਸ਼ਾਹ ਨਾਲ ਹੈ ?
(i) ਹੁਮਾਯੂੰ ਨਾਲ
(ii) ਬਾਬਰ ਨਾਲ
(iii) ਜਹਾਂਗੀਰ ਨਾਲ
(iv) ਅਕਬਰ ਨਾਲ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਹੁਮਾਯੂੰ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਬਾਬਰ ਨੇ ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਬਾਬਰੀ ਕਿਸ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀ ਸੀ ?
(i) ਪੰਜਾਬੀ
(ii) ਅਰਬੀ,
(iii) ਤੁਰਕੀ
(iv) ਫ਼ਾਰਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
(iii) ਤੁਰਕੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਆਈਨ-ਏ-ਅਕਬਰੀ ਅਤੇ ਅਕਬਰਨਾਮਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ
(ii) ਸੁਜਾਨ ਰਾਏ ਭੰਡਾਰੀ
(iii) ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ
(iv) ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ
ਉੱਤਰ-
(i) ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਤੁਜ਼ਕ-ਏ-ਜਹਾਂਗੀਰੀ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਬਾਬਰ
(ii) ਜਹਾਂਗੀਰ
(iii) ਸ਼ਾਹਜਹਾਂ
(iv) ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਜਹਾਂਗੀਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਖੁਲਾਸਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਸੁਜਾਨ ਰਾਏ ਭੰਡਾਰੀ
(ii) ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ
(iii) ਖਾਫ਼ੀ ਖ਼ਾ
(iv) ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਸੁਜਾਨ ਰਾਏ ਭੰਡਾਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਖਾਫ਼ੀ ਮਾਂ ਨੇ ਕਿਸ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਪੁਸਤਕ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
(i) ਦਬਿਸਤਾਨ-ਏ-ਮਜ਼ਾਹਿਬ
(ii) ਜੰਗਨਾਮਾ
(iii) ਖੁਲਾਸਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ
(iv) ਮੁੰਖਿਬ-ਉਲ-ਲੁਬਾਬ ।
ਉੱਤਰ-
(iv) ਮੁੰਖਿਬ-ਉਲ-ਲੁਬਾਬ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਜੰਗਨਾਮਾ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ
(ii) ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ
(iii) ਖਾਫ਼ੀ ਖ਼ਾ
(iv) ਅਬੁਲ ਫ਼ਜ਼ਲ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਦਰਬਾਰੀ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰ ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ ਨੇ ਕਿਸ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਗ੍ਰੰਥ ਦੀ ਰਚਨਾ
ਕੀਤੀ ਸੀ ?
(i) ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ਼
(ii) ਤਵਾਰੀਖ-ਏ-ਸਿੱਖਾਂ
(iii) ਤਵਾਰੀਖ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ
(iv) ਇਬਰਤਨਾਮਾ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਉਮਦਤ-ਉਤ-ਤਵਾਰੀਖ਼ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਖੁਸ਼ਵਕਤ ਰਾਏ ਨੇ ਤਵਾਰੀਖ਼-ਏ-ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਦੋਂ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
(i) 1764 ਈ. ਵਿੱਚ
(ii) 1784 ਈ. ਵਿੱਚ
(iii) 1811 ਈ. ਵਿੱਚ
(iv) 1821 ਈ. ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(iii) 1811 ਈ. ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਤਵਾਰੀਖ-ਏ-ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤੀ ?
(i) ਦੀਵਾਨ ਅਮਰਨਾਥ
(ii) ਖੁਸ਼ਵਕਤ ਰਾਏ
(iii) ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੂਰੀ
(iv) ਬੂਟੇ ਸ਼ਾਹ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਖੁਸ਼ਵਕਤ ਰਾਏ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ-ਏ-ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਸੋਹਣ ਲਾਲ ਸੁਰੀ
(ii) ਦੀਵਾਨ ਅਮਰਨਾਥ
(iii) ਅਲਾਉੱਦੀਨ ਮੁਫ਼ਤੀ
(iv) ਕਾਜ਼ੀ ਨੂਰ ਮੁਹੰਮਦ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਦੀਵਾਨ ਅਮਰਨਾਥ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਗਣੇਸ਼ ਦਾਸ ਵਡੇਹਰਾ ਦੀ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਪੁਸਤਕ ਦਾ ਨਾਂ ਕੀ ਸੀ ?
(i) ਤਵਾਰੀਖ-ਏ-ਪੰਜਾਬ
(ii) ਤਵਾਰੀਖ-ਏ-ਸਿੱਖਾਂ
(iii) ਚਾਰ ਬਾਗ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ
(iv) ਇਬਰਤਨਾਮਾ ।
ਉੱਤਰ-
(iii) ਚਾਰ ਬਾਗ਼-ਏ-ਪੰਜਾਬ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਖ਼ਾਲਸਾ ਦਰਬਾਰ ਰਿਕਾਰਡ ਕਿਸ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹਨ ?
(i) ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ
(ii) ਫ਼ਾਰਸੀ
(iii) ਉਰਦੂ
(iv) ਪੰਜਾਬੀ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਫ਼ਾਰਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਮੈਲਕੋਮ ਨੇ ਸਕੈਚ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਦੋਂ ਕੀਤੀ ਸੀ ?
(i) 1802 ਈ. ਵਿੱਚ
(ii) 1812 ਈ. ਵਿੱਚ
(iii) 1822 ਈ. ਵਿੱਚ
(iv) 1832 ਈ. ਵਿੱਚ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) 1812 ਈ. ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਦੀ ਕੋਰਟ ਐਂਡ ਕੈਂਪ ਆਫ਼ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਪੁਸਤਕ ਦਾ ਲੇਖਕ ਕੌਣ ਸੀ ?
(i) ਐੱਚ. ਟੀ. ਪਰਿੰਸੇਪ
(ii) ਵਿਲੀਅਮ ਓਸਬੋਰਨ
(iii) ਡਾਕਟਰ ਮੈਕਗਰੇਗਰ
(iv) ਜੇ. ਡੀ. ਕਨਿੰਘਮ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਵਿਲੀਅਮ ਓਸਬੋਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੌਣ ਹਿਸਟਰੀ ਆਫ਼ ਦੀ ਸਿੱਖਜ਼ ਦਾ ਲੇਖਕ ਸੀ ?
(i) ਜੇ. ਡੀ. ਕਨਿੰਘਮ
(ii) ਅਲੈਗਜ਼ੈਂਡਰ ਬਰਨਜ਼
(iii) ਡਾਕਟਰ ਸ਼੍ਰੀ
(iv) ਡਾਕਟਰ ਮੈਲਕੋਮ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਜੇ. ਡੀ. ਕਨਿੰਘਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲੇ ਸਿੱਕੇ ਕਿਸ ਨੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਸਨ ?
(i) ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ
(ii) ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਨੇ
(iii) ਜੱਸਾ ਸਿੰਘ ਆਹਲੂਵਾਲੀਆ ਨੇ
(iv) ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ii) ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਨੇ ।

Source Based Questions
ਨੋਟ-ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪੈਰਿਆਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਨਾਲ ਪੜੋ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ ਦਿਓ-

1. ਕਿਸੇ ਵੀ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਝਣ ਲਈ ਉਸ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹੋਣਾ ਅਤਿ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਸੋਮੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਲਈ ਅਤਿ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਸਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਔਕੜਾਂ ਪੇਸ਼ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਯੁੱਧਾਂ ਦਾ ਅਖਾੜਾ ਬਣਿਆ ਰਿਹਾ । ਅਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਅਰਾਜਕਤਾ ਦੇ ਇਸ ਮਾਹੌਲ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਸਿੱਖ ਕੌਮ ਨੇ ਆਪਣੀ ਹੋਂਦ ਲਈ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਅਤੇ ਮੌਤ ਦੀ ਬਾਜ਼ੀ ਲਾਈ ਸੀ ਆਪਣਾ ਇਤਿਹਾਸ ਲਿਖਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਨਾ ਕੱਢ ਸਕੀ । ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਸੋਮੇ 19ਵੀਂ ਸਦੀ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ਜਦੋਂ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਸੁਤੰਤਰ ਸਿੱਖ ਰਾਜ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਕੀਤੀ ।

1. ਸੋਮੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਕਿਉਂ ਹਨ ?
2. ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮਿਆਂ ਸੰਬੰਧੀ ਸਾਨੂੰ ਕਿਹੜੀਆਂ ਔਕੜਾਂ ਪੇਸ਼ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ? ਕੋਈ ਇੱਕ ਦੱਸੋ ।
3. ਕਿਹੜੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਯੁੱਧਾਂ ਦਾ ਅਖਾੜਾ ਬਣਿਆ ਰਿਹਾ ?
4. ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕਿਹੜੀ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਸੁਤੰਤਰ ਸਿੱਖ ਸਾਮਰਾਜ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਕੀਤੀ ?
5. ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ …………………………. ਸਦੀ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
1. ਕਿਸੇ ਵੀ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਮਝਣ ਲਈ ਸੋਮੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ ।
2. ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਤੱਥਾਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਮਿਥਿਹਾਸ ਦੀ ਮਿਲਾਵਟ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ।
3. 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਯੁੱਧਾਂ ਦਾ ਅਖਾੜਾ ਬਣਿਆ ਰਿਹਾ ।
4. ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨੇ 19ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਸੁਤੰਤਰ ਸਿੱਖ ਸਾਮਰਾਜ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਕੀਤੀ ।
5. 19ਵੀਂ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

2. ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਯੋਗਦਾਨ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਧਾਰਮਿਕ ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਹੈ । ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦਾ ਸਰਵਉੱਚ, ਪ੍ਰਮਾਣਿਕ ਅਤੇ ਪਵਿੱਤਰ ਗ੍ਰੰਥ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1604 ਈ. ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ ਪੰਜ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਜੀ ਦੀ ਬਾਣੀ ਦਰਜ ਸੀ । ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਸਮੇਂ ਇਸ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੀ ਬਾਣੀ ਵੀ ਦਰਜ ਕੀਤੀ ਗਈ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਦਰਜਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਸ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਹਿੰਦੂ ਭਗਤਾਂ, ਮੁਸਲਿਮ ਸੰਤਾਂ ਅਤੇ ਭੱਟਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਬਾਣੀ ਵੀ ਸ਼ਾਮਲ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਭਾਵੇਂ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਉਦੇਸ਼ਾਂ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਲਿਖਿਆ ਗਿਆ ਪਰ ਇਸ ਦੇ ਡੂੰਘੇ ਅਧਿਐਨ ਤੋਂ ਅਸੀਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੇ ਰਾਜਸੀ, ਧਾਰਮਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਆਰਥਿਕ ਜੀਵਨ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।

1. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਦੋਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ?
2. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਦਰਜਾ ਕਿਸ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ ਨੇ ਦਿੱਤਾ ?
3. ਗੁਰੂ ਗੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਗੁਰੁ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੀ ਬਾਣੀ ਦਰਜ ਹੈ ?
4. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਕੋਈ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵ ਦੱਸੋ ।
5. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ……………………… ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ।
ਉੱਤਰ-
1. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1604 ਈ: ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ ।
2. ਆਦਿ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਦਰਜਾ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਦਿੱਤਾ ।
3. ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਵਿੱਚ 6 ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਦੀ ਬਾਣੀ ਦਰਜ ਹੈ ।
4. ਇਹ ਸਰਬ ਸਾਂਝੀਵਾਲਤਾ ਦਾ ਸੰਦੇਸ਼ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
5. ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ।

3. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਇੱਕ ਹੋਰ ਪਵਿੱਤਰ ਧਾਰਮਿਕ ਗ੍ਰੰਥ ਹੈ ।ਇਹ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਰਬਾਰੀ ਕਵੀਆਂ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ । ਇਸ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦਾ ਸੰਕਲਨ 1721 ਈ. ਵਿੱਚ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ । ਇਸ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸਿੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਰਾਜਨੀਤਿਕ ਅਤੇ ਧਾਰਮਿਕ ਅੱਤਿਆਚਾਰੀਆਂ ਵਿਰੁੱਧ ਲੜਨ ਲਈ ਜੋਸ਼ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ । ਇਹ ਕੁੱਲ 18 ਗ੍ਰੰਥਾਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ‘ਜਾਪੁ ਸਾਹਿਬ’, ‘ਅਕਾਲ ਉਸਤਤਿ’, ‘ਚੰਡੀ ਦੀ ਵਾਰ’, ‘ਚੌਬੀਸ ਅਵਤਾਰ’, ‘ਸ਼ਬਦ ਹਜ਼ਾਰੇ’, ‘ਸ਼ਸਤਰ ਨਾਮਾ`, ‘ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ’ ਅਤੇ ‘ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ` ਆਦਿ ਦੇ ਨਾਂ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਰਣਨਯੋਗ ਹਨ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਅਤੇ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ । ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਲਿਖੀ ਹੋਈ ਆਤਮ-ਕਥਾ ਹੈ | ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਦੀ ਰਚਨਾ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਦੀਨਾ ਨਾਮੀ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਕੀਤੀ ਸੀ । ਇਹ ਇੱਕ ਚਿੱਠੀ ਹੈ ਜੋ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਫ਼ਾਰਸੀ ਵਿੱਚ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਨੂੰ ਲਿਖੀ ਸੀ ।

1. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਿਸ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ?
2. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕਦੋਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ ?
(i) 1604 ਈ.
(ii) 1701 ਈ.
(iii) 1711 ਈ.
(iv) 1721 ਈ. ।
3. ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਕੀ ਹੈ?
4. ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਨੂੰ ਲਿਖੀ ਗਈ ਚਿੱਠੀ ਦਾ ਨਾਂ ਕੀ ਹੈ ?
5. ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਵਿੱਚ ਕੀ ਲਿਖਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
1. ਦਸਮ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਸੀ ।
2. 1721 ਈ. 1
3. ਬਚਿੱਤਰ ਨਾਟਕ ਗੁਰੁ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਆਤਮ ਕਥਾ ਦਾ ਨਾਂ ਹੈ ।
4. ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਨੂੰ ਲਿਖੀ ਗਈ ਚਿੱਠੀ ਦਾ ਨਾਂ ਜ਼ਫ਼ਰਨਾਮਾ ਹੈ ।
5. ਇਸ ਵਿੱਚ ਔਰੰਗਜ਼ੇਬ ਦੇ ਜੁਲਮਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

4. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਦੇ ਭਰਾ ਦਾਤਾਰ ਚੰਦ ਭੱਲਾ ਦੇ ਪੁੱਤਰ ਸਨ । ਉਹ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਹਰਿਗੋਬਿੰਦ ਜੀ ਦੇ ਸਮਕਾਲੀ ਸਨ ।ਉਹ ਇੱਕ ਉੱਚ-ਕੋਟੀ ਦੇ ਕਵੀ ਸਨ ।ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ 39 ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਦੀ ਕੁੰਜੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਪੱਖ ਤੋਂ ਪਹਿਲੀ ਅਤੇ ਗਿਆਰਵੀਂ ਵਾਰ ਸਭ ਤੋਂ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਨ । ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਸੰਬੰਧੀ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਸ ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਅੰਗਦ ਦੇਵ ਜੀ, ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ, ਗੁਰੂ ਰਾਮਦਾਸ ਜੀ, ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਅਤੇ ਗੁਰੂ ਹਰਿਗੋਬਿੰਦ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਵੀ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਗਿਆਰਵੀਂ ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ 6 ਗੁਰੁ ਸਾਹਿਬਾਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕੁਝ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਨਾਂਵਾਂ ਅਤੇ ਥਾਂਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

1. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਕੌਣ ਸਨ?
2. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ ਕਿੰਨੀਆਂ ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ?
3. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਦੀ …………………… ਵਾਰ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ | ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।
4. ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਕੁੰਜੀ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
5. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਦੀਆਂ ਵਾਰਾਂ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
1. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਗੁਰੂ ਅਮਰਦਾਸ ਜੀ ਦੇ ਭਰਾ ਦਾਤਾਰ ਚੰਦ ਭੱਲਾ ਦੇ ਪੁੱਤਰ ਸਨ ।
2. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਨੇ 39 ਵਾਰਾਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕੀਤੀ ।
3. ਪਹਿਲੀ ।
4. ਭਾਈ ਗੁਰਦਾਸ ਜੀ ਦੀਆਂ ਵਾਰਾਂ ਨੂੰ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਦੀ ਕੁੰਜੀ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
5. ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੇ 6 ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕੁਝ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਨਾਂਵਾਂ ਅਤੇ ਥਾਂਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

PSEB 12th Class History Solutions Chapter 2 ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਿਕ ਸੋਮੇ

5. ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਥਾਵਾਂ ਨੂੰ ‘ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ” ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।17ਵੀਂ ਅਤੇ 18ਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਹੋਈ । ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਇਤਿਹਾਸ ਦੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਲਈ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਵਿੱਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਰੱਖਣ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਲਿਖੀਆਂ ਗਈਆਂ ਸਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਵਿੱਚ ਅਨੇਕਾਂ ਦੋਸ਼ ਹਨ । ਪਹਿਲਾ, ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਵਧਾ-ਚੜਾ ਕੇ ਪੇਸ਼ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਦੂਸਰਾ, ਇਨ੍ਹਾਂ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਵਿੱਚ ਘਟਨਾਵਾਂ ਅਤੇ ਤਿਥੀਆਂ ਦੇ ਵੇਰਵੇ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਹੈ । ਤੀਸਰਾ, ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਗੁਰੁ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜੋਤੀ-ਜੋਤ ਸਮਾਉਣ ਤੋਂ ਕਾਫ਼ੀ ਸਮਾਂ ਮਗਰੋਂ ਲਿਖੀਆਂ ਗਈਆਂ । ਚੌਥਾ, ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਤੱਥਾਂ ਅਤੇ ਮਿਥਿਹਾਸ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਨ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਸ਼ਾਂ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਇਹ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜੀਵਨ ਸੰਬੰਧੀ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਚਾਨਣਾ ਪਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

1. ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
2. ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਕਿਸ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ?
3. ਕਿਸੇ ਦੋ ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
4. ਜਨਮ ਸਾਖੀਆਂ ਦਾ ਕੋਈ ਇੱਕ ਦੋਸ਼ ਲਿਖੋ ।
5. ……………………ਅਤੇ ………………….. ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀ ਜਨਮ-ਸਾਖੀਆਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਹੋਈ ।
ਉੱਤਰ-
1. ਜਨਮ-ਸਾਖੀਆਂ ਤੋਂ ਭਾਵ ਹੈ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜਨਮ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਕਥਾਵਾਂ ।
2. ਜਨਮ-ਸਾਖੀਆਂ ਦੀ ਰਚਨਾ ਪੰਜਾਬੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿਚ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ।
3. ਪੁਰਾਤਨ ਜਨਮ ਸਾਖੀ ਅਤੇ ਭਾਈ ਮਨੀ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੀ ਜਨਮ-ਸਾਖੀ ।
4. ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਤਰਤੀਬਵਾਰ ਵਰਣਨ ਨਹੀਂ ਹੈ ।
5. 17ਵੀਂ, 18ਵੀਂ ।

6. ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਉਹ ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ ਸਨ ਜੋ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਘਰਾਣੇ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ, ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ‘ਤੇ ਸਿੱਖ ਸੰਗਤਾਂ ਜਾਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ‘ਤੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਬਹੁਤਿਆਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂ ਦੇ ਲੰਗਰ ਲਈ ਰਸਦ, ਧਾਰਮਿਕ ਥਾਂਵਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਮਾਇਆ, ਲੜਾਈਆਂ ਲਈ ਘੋੜੇ ਅਤੇ ਸ਼ਸਤਰ ਆਦਿ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਗਈ ਸੀ । 18ਵੀਂ ਸ਼ਤਾਬਦੀ ਵਿੱਚ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਵਿਆਪਕ ਅਰਾਜਕਤਾ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਅਨੇਕਾਂ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਗਏ । ਹੁਣ ਤਕ 89 ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ 23 ਗੁਰੂ ਤੇਗ਼ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਦੇ ਅਤੇ 34 ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਬਾਕੀ ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਸਾਹਿਬ, ਗੁਰੂ ਹਰਿਗੋਬਿੰਦ ਸਾਹਿਬ, ਗੁਰੁ ਹਰਿ ਰਾਇ ਜੀ, ਗੁਰੂ ਹਰਿ ਕ੍ਰਿਸ਼ਨ ਜੀ, ਮਾਤਾ ਗੁਜਰੀ ਜੀ, ਮਾਤਾ ਸੁੰਦਰੀ ਜੀ, ਮਾਤਾ ਸਾਹਿਬ ਦੇਵਾਂ ਜੀ, ਬਾਬਾ ਗੁਰਦਿੱਤਾ ਜੀ ਅਤੇ ਬੰਦਾ ਸਿੰਘ ਬਹਾਦਰ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਅਤੇ ਸਮਕਾਲੀਨ ਸਮਾਜ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਬਾਰੇ ਬੜੀ ਬਹੁਮੁੱਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

1. ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
2. ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਕਿਉਂ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
3. ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਕਿਸ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਇਤਿਹਾਸਕਾਰ ਨੇ ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਦਾ ਸੰਕਲਨ ਕੀਤਾ ?
4. ਹੁਕਮਨਾਮਿਆਂ ਦਾ ਕੋਈ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵ ਦੱਸੋ । 5. ਹੁਣ ਤਕ ਕਿੰਨੇ ……………………… ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ ?
(i) 23
(ii) 24
(iii) 79
(iv) 89.
ਉੱਤਰ-
1. ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਉਹ ਆਗਿਆ-ਪੱਤਰ ਸਨ ਜੋ ਸਿੱਖ ਗੁਰੂਆਂ ਜਾਂ ਗੁਰੂ ਘਰਾਣੇ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਸਮੇਂ ਸਮੇਂ ਤੇ ਸਿੱਖ-ਸੰਗਤਾਂ ਜਾਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ‘ਤੇ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ।
2. ਹੁਕਮਨਾਮੇ ਗੁਰੂ ਦੇ ਲੰਗਰ ਲਈ ਰਸਦ, ਧਾਰਮਿਕ ਥਾਂਵਾਂ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਲਈ ਮਾਇਆ, ਲੜਾਈਆਂ ਲਈ । ਘੋੜੇ ਅਤੇ ਸ਼ਸਤਰ ਆਦਿ ਮੰਗਵਾਉਣ ਲਈ ਜਾਰੀ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਸਨ ।
3. ਗੰਡਾ ਸਿੰਘ ਨੇ ।
4. ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬਾਨ ਬਾਰੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
5. 89.

PSEB 8th Class Science Notes Chapter 15 ਕੁਝ ਕੁਦਰਤੀ ਘਟਨਾਵਾਂ

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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 15 ਕੁਝ ਕੁਦਰਤੀ ਘਟਨਾਵਾਂ

→ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਅਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋਈਆਂ ਚੰਗਿਆੜੀਆਂ ਨੂੰ ਭਗਵਾਨ ਦਾ ਗੁੱਸਾ ਸਮਝਿਆ ਜਾਂਦਾ ਸੀ । 0 ਸਾਲ 1752 ਵਿੱਚ ਬੈਂਜਾਮਿਨ ਫਰੈਂਕਲਿਨ ਨੇ ਦਰਸਾਇਆ, ਕਿ ਬਿਜਲੀ ਚਮਕਣਾ ਅਤੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਚੰਗਿਆੜੀ ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਹੀ ਘਟਨਾ ਹੈ ।

→ ਅਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਚਮਕਣ ਜਾਂ ਚੰਗਿਆੜੀਆਂ ਲਈ ਬਿਜਲੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੈ ।

→ ਕੁੱਝ ਪਦਾਰਥ ਰਗੜਨ ਦੁਆਰਾ ਚਾਰਜਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

→ ਕਿਸੇ ਪਦਾਰਥ ਨਾਲ, ਸਮਾਨ ਪਦਾਰਥ ਨੂੰ ਰਗੜਨ ਨਾਲ ਉਹਨਾਂ ਤੇ ਪੈਦਾ ਹੋਇਆ ਚਾਰਜ ਵੀ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

→ ਇੱਕੋ ਹੀ ਕਿਸਮ ਦੇ ਚਾਰਜ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਅਪਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

→ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪਦਾਰਥਾਂ ’ਤੇ ਚਾਰਜ ਵੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਦੋਂ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਇੱਕੋ ਜਿਹੇ ਜਾਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਰਗੜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

→ ਭਿੰਨ ਜਾਤੀ ਦੇ ਚਾਰਜ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

→ ਚਾਰਜ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹਨ-

  • ਧਨ ਚਾਰਜ ਅਤੇ
  • ਰਿਣ ਚਾਰਜ ।

→ ਰਗੜ ਤੋਂ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਬਿਜਲੀ ਚਾਰਜ ਸਥਿਤਿਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

→ ਸਥਿਤਿਕ ਚਾਰਜ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ।

→ ਗਤੀ ਕਰ ਰਹੇ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

→ ਭੋ-ਸੰਪਰਕਨ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਚਾਰਜਿਤ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਭੇਜਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

→ ਬਿਜਲੀ ਵਿਸਰਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ

  1. ਦੋ ਬੱਦਲ ਇੱਕ ਦੂਸਰੇ ਦੇ ਨੇੜੇ ਆਉਂਦੇ ਹਨ
  2. ਬੱਦਲ, ਧਰਤੀ ਦੇ ਨੇੜੇ ਆਉਂਦੇ ਹਨ
  3. ਬੱਦਲ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਨੇੜੇ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।

→ ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਰਿਣ ਚਾਰਜਿਤ ਬੱਦਲ ਰਿਣ ਚਾਰਜਿਤ ਧਨ ਚਾਰਜਿਤ ਬੱਦਲ ਦੇ ਨੇੜੇ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਚਮਕਦਾਰ ਧਾਰੀਆਂ ਅਤੇ ਗੁਰਜਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਵੱਡੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਵਿਸਰਜਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

→ ਗਰਜ ਵਾਲੇ ਝੱਖੜ (Thunder Storm) ਦੇ ਸਮੇਂ ਮਕਾਨ, ਇਮਾਰਤ ਅਤੇ ਬੰਦ ਵਾਹਨ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਸਥਾਨ ਹਨ ।

→ ਇਮਾਰਤਾਂ ਨੂੰ ਅਕਾਸ਼ੀ ਬਿਜਲੀ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣ ਵਾਲਾ ਯੰਤਰ ਤੜਿਤ ਚਾਲਕ (Lightening conductor) ਹੈ । ਤੂਫ਼ਾਨ, ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਚਮਕਣਾ, ਚੱਕਰਵਾਤ, ਕੁੱਝ ਕੁਦਰਤੀ ਘਟਨਾਵਾਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਜਨ-ਜੀਵਨ ਅਤੇ ਸੰਪੱਤੀ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਪੁੱਜਦੀ ਹੈ ।

→ ਭੂਚਾਲ ਇੱਕ ਕੁਦਰਤੀ ਘਟਨਾ ਹੈ ।

→ ਅਕਾਸ਼ੀ ਬਿਜਲੀ, ਚੱਕਰਵਾਤ ਆਦਿ ਦੀ ਭਵਿੱਖਵਾਣੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਭੂਚਾਲ ਬਾਰੇ ਭਵਿੱਖਵਾਣੀ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ।

→ ਭੂਚਾਲ, ਧਰਤੀ ਦਾ ਝਟਕਾ ਹੈ ਜੋ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਸਮੇਂ ਤਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਭੂਚਾਲ ਨਾਲ ਹੜ੍ਹ, ਧਰਤੀ ਦਾ ਖਿਸਕਣਾ ਅਤੇ ਸੁਨਾਮੀ ਆਦਿ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

→ ਭੁਚਾਲ ਲੇਖੀ ਯੰਤਰ ਨਾਲ ਭੁਚਾਲ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਰਿਕਾਰਡ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

→ ਭੂਚਾਲ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਰਿਕਟਰ ਪੈਮਾਨੇ ‘ਤੇ ਦੱਸੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

→ ਭੂਚਾਲ ਵਾਲੇ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਘਰ ਬਣਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸ਼ਬਦ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਰਥ-

  1. ਸਥਿਤਿਕ ਜਾਂ ਸਥਿਰ ਬਿਜਲੀ (Static Electricity)-ਰਗੜ ਨਾਲ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਚਾਰਜ ਨੂੰ ਸਥਿਤਿਕ ਬਿਜਲੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  2. ਭੋ-ਸੰਪਕਰਨ (Earthing)- ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਦੁਆਰਾ ਚਾਰਜਾਂ ਦਾ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਪਹੁੰਚਣਾ ਭੋ-ਸੰਪਕਰਨ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਬਿਜਲੀ ਵਿਸਰਜਨ (Electric Discharge)-ਬੱਦਲਾਂ ਦੁਆਰਾ ਚਾਰਜਾਂ ਦੇ ਵਹਿਣ ਕਾਰਨ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਬਿਜਲੀ ਵਿਸਰਜਨ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
  4. ਅਕਾਸ਼ੀ ਬਿਜਲੀ ਗਰਜ ਵਾਲਾ ਝੱਖੜ (Thunder Storm)- ਵਰਖਾ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਆਸਮਾਨ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਉੱਚੀ ਆਵਾਜ਼ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਇਸਨੂੰ ਗਰਜ ਵਾਲਾ ਝੱਖੜ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  5. ਬਿਜਲੀ ਚਮਕਣਾ (Lightening) -ਦੋ ਬੱਦਲਾਂ ਜਾਂ ਬੱਦਲਾਂ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਰਗੜ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ, ਚਮਕੀਲੀਆਂ ਚੀਆੜੀਆਂ ਧਾਰੀਆਂ) ਜੋ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਫੈਲਦੀਆਂ ਹਨ, ਅਕਾਸ਼ੀ ਬਿਜਲੀ ਚਮਕਣਾ ਬਿਜਲੀ ਵਿਸਰਜਨ ਕਹਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  6. ਭੂਚਾਲ (Earthquake) -ਧਰਤੀ ਦੀ ਉਪਰੀ ਸਤਹਿ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀਆਂ ਪਲੇਟਾਂ ਦੇ ਖਿਸਕਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਆਏ ਭੂਮੀ ਦੇ ਝਟਕਿਆਂ (ਕੰਪਨ) ਨੂੰ ਭੂਚਾਲ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  7. ਆਕਾਸ਼ੀ ਚਾਲਕ (Electric Conductor) -ਇਕ ਅਜੀਹਾ ਯੰਤਰ ਜਿਸ ਨਾਲ ਇਮਾਰਤਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਆ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।

PSEB 8th Class Science Notes Chapter 14 ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਭਾਵ

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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 14 ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਭਾਵ

→ ਅਜਿਹੇ ਪਦਾਰਥ ਜਿਹੜੇ ਆਪਣੇ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਲੰਘਣ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਸਚਾਲਕ ਅਤੇ ਜਿਹੜੇ ਪਦਾਰਥ ਆਪਣੇ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਲੰਘਣ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੇ, ਉਹ ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਜਾਂ ਬਿਜਲੀ ਰੋਧਕ ਜਾਂ ਕੁਚਾਲਕ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

→ ਕੁੱਝ ਵ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵਿੱਚੋਂ ਲੰਘਣ ਦਿੰਦੇ ਹਨ, ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਇਲੈਂਕਟਰੋਲਾਈਟ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

→ ਇਲੈੱਕਟਰੋਲਾਈਟ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਹੋਣ ਨਾਲ ਬਲਬ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਮਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

→ ਜਦੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਐੱਲ.ਈ.ਡੀ. (LED) (ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਉਤਸਰਜਨ ਡਾਯੋਡ) ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

→ ਸ਼ੁੱਧ ਹਵਾ, ਬਿਜਲੀ ਕੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Science Notes Chapter 14 ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਭਾਵ

→ ਨਲ ਦਾ ਪਾਣੀ, ਨਮਕੀਨ ਪਾਣੀ, ਸਮੁੰਦਰ ਜਾਂ ਤਾਲਾਬ ਦਾ ਪਾਣੀ, ਸਾਰੇ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ ਹਨ, ਕਿਉਂਕਿ | ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅਸ਼ੁੱਧੀਆਂ ਅਤੇ ਲੂਣ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

→ ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ ਅਤੇ ਲੂਣਾਂ ਦੇ ਘੋਲ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਸੂਚਾਲਕ ਹਨ ।

→ ਸ਼ੁੱਧ ਕਸ਼ੀਦਤ ਪਾਣੀ ਬਿਜਲੀ ਦਾ ਕਚਾਲਕ ਹੈ ।

→ ਇਲੈੱਕਟਰੋਲਾਈਟ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਲੰਘਣ ਨਾਲ ਰਸਾਇਣਿਕ ਅਭਿਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

→ ਗੈਸਾਂ ਦਾ ਉੱਤਸਰਜਨ, ਘੋਲ ਦੇ ਰੰਗ ਵਿੱਚ ਬਦਲਾਓ, ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਡਾਂ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਧਾਤ ਦੀ ਪਰਤ ਦਾ ਜਮਾਂ ਹੋਣਾ ਆਦਿ ਕੁੱਝ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹਨ ।

→ ਫ਼ਲ ਅਤੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਵੀ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਚਾਲਕ ਹਨ ।

→ ਤੇਜ਼ਾਬ ਯੁਕਤ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਲੰਘਣ ਨਾਲ ਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਦੇ ਬਲਬਲੇ ਕੁਮਵਾਰ ਧਨ (+ve) ਅਤੇ ਰਿਣ (-ve) ਟਰਮੀਨਲਾਂ (Terminals) ਤੇ ਇਕੱਠੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

→ ਬਿਜਲੀ ਮੁਲੰਮਾਕਰਣ, ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦਾ ਇੱਕ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਇੱਕ ਸਾਧਾਰਨ ਉਪਯੋਗ ।

→ ਬਿਜਲੀ ਮੁਲੰਮਾਕਰਣ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਧਾਤ ਦੀ ਵਸਤੂ ਤੇ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਦੂਜੀ ਮਨਚਾਹੀ ਵਧੀਆ ਧਾਤ ਦੀ ਪਤਲੀ ਪਰਤ ਚੜ੍ਹਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਬਿਜਲੀ ਮੁਲੰਮਾਕਰਣ ਬਹੁਤ ਉਪਯੋਗੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਦੁਆਰਾ ਵਸਤੂਆਂ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ, ਚਮਕਦਾਰ, ਖੋਰ-ਰਹਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਸਸਤੇ ਧਾਤ ਉੱਪਰ ਕਿਸੇ ਮਹਿੰਗੇ ਧਾਤ ਦੀ ਪਰਤ ਨੂੰ ਜਮਾਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Science Notes Chapter 14 ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪ੍ਰਭਾਵ

ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਸ਼ਬਦ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਰਥ

  1. ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ (Conductor-ਜਿਹੜੇ ਪਦਾਰਥ ਆਪਣੇ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਸੌਖਿਆਂ ਲੰਘਣ ਦਿੰਦੇ | ਹਨ, ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  2. ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਕੁਚਾਲਕ (Insulators)-ਜਿਹੜੇ ਪਦਾਰਥ ਆਪਣੇ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਨੂੰ ਸੌਖਿਆਂ ਲੰਘਣ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੇ ਹੋਣ, ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਕੁਚਾਲਕ ਅਖਵਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  3. ਬਿਜਲੀ ਅਪਘਟਨ (Electrolysis)-ਉਹ ਪ੍ਰਕਰਮ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਦਵ ਵਿੱਚੋਂ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਪ੍ਰਵਾਹਿਤ ਕਰਨ ਤੇ ਦ੍ਰਵ ਸੰਘਟਕਾਂ ਵਿੱਚ ਅਪਘਟਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਐਨੋਡ (Anode)-ਇਲੈੱਕਟ੍ਰੋਡ, ਜੋ ਬੈਟਰੀ ਦੇ +ve ਸਿਰੇ (ਧਨ ਟਰਮੀਨਲ) ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਹੋਵੇ, ਐਨੋਡ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਕੈਥੋਡ (Cathode)-ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਡ, ਜੋ ਬੈਟਰੀ ਦੇ –ve ਸਿਰੇ (ਰਿਣ ਟਰਮੀਨਲ) ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਹੋਵੇ, ਕੈਥੋਡ | ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਦਵ (Electrolyte)ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਬੰਦਾਂ ਸਲਫ਼ਿਊਰਿਕ ਐਸਿਡ ਦੀਆਂ ਪਾਉਣ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਵ ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਐਸਿਡ ਯੁਕਤ ਪਾਣੀ ਬਿਜਲੀ ਚਾਲਕ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise

Punjab State Board PSEB 11th Class Maths Book Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise

Question 1.
Find the derivative of the following functions from first principle:
(i) – x
(ii) (- x)– 1
(iii) sin (x + 1)
(iv) cos (x – \(\frac{\pi}{8}\))
Answer.
(i) Let f(x) = – x. Accordingly, f(x + h) = – (x + h)
By first prinicple,
f’(x) = \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{f(x+h)-f(x)}{h}\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{-(x+h)-(-x)}{h}\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{-x-h+x}{h}=\lim -{h \rightarrow 0} \frac{-h}{h}\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0}\) (- 1) = – 1.

(ii) Let f(x) = (- x)– 1 = \(=\frac{1}{-x}=\frac{-1}{x}\)
Accordingly, f(x + h) = =\frac{1}{-x}=\frac{-1}{x}
By first prinicple,

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 1

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

(iii) Let f(x) = sin (x +1).
Accordingly, f(x + h) = sin (x + h + 1)
By first prinicple,
f’(x) = \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{f(x+h)-f(x)}{h}\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{1}{h}\) [sin (x + h + 1) – sin (x + 1)]

= \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{1}{h}\left[2 \cos \left(\frac{x+h+1+x+1}{2}\right) \sin \left(\frac{x+h+1-x-1}{2}\right)\right]\)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 2

(iv) Let f(x) = cos (x – \(\frac{\pi}{8}\))
By using first principle of derivative,
We have,
f'(x) = \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{f(x+h)-f(x)}{h}\)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 3

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 2.
Find the derivative of the following functions (it is to be understood that a, b, e, d, p, q, r and s are fixed non-zero constants and m and n are integers): (x + a)
Answer.
Let f(x) = x + a.
Accordingly, f(x + h) = x + h + a
By first prinicple,
f’(x) = \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{f(x+h)-f(x)}{h}\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{x+h+a-x-a}{h}=\lim -{h \rightarrow 0}\left(\frac{h}{h}\right)\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0}\) (1) = 1.

Question 3.
(Px + q) (\(\frac{r}{x}\) + s).
Answer.
Let f(x) = (Px + q) (\(\frac{r}{x}\) + s)
By Leibnitz product rule,
f’(x) = (px + q) (\(\frac{r}{x}\) + s) + (\(\frac{r}{x}\) + s) (px + q)’
= (px + q)(rx– 1 + s)’ + (\(\frac{r}{x}\) + s) (p)
= (px + q) (- rx– 2) + (\(\frac{r}{x}\) + s) p
= (px + q) \(\left(\frac{-r}{x^{2}}\right)\) + (\(\frac{r}{x}\) + s) p
= \(\frac{-p r}{x}-\frac{q r}{x^{2}}+\frac{p r}{x}\) + ps
= ps – \(\frac{q r}{x^{2}}\).

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 4.
(ax + b) (cx + d)2.
Answer.
Let f(x) = (ax + b) (cx + d)2
By Leibnitz product rule,
f(x) = (ax + b) \(\frac{d}{d x}\) (cx + d)2 + (cx + d)2 \(\frac{d}{d x}\) (ax + b)
= (ax + b) \(\frac{d}{d x}\) (c2x2 + 2cdx + d2) + (cx + d)2 \(\frac{d}{d x}\) (ax + b)
= (ax + b) [\(\frac{d}{d x}\) (c2x2) + \(\frac{d}{d x}\) (2cdx) + \(\frac{d}{d x}\) d2] + (cx + d)2 [\(\frac{d}{d x}\) ax + \(\frac{d}{d x}\) b]
= (ax + b) (2c2x + 2cd) + (cx + d2) a
= 2c (ax + b) (cx+ d) + a (cx + d)2.

Question 5.
\(\frac{a x+b}{c x+d}\)
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 4

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 6.
\(\frac{1+\frac{1}{x}}{1-\frac{1}{x}}\)
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 5

Question 7.
\(\frac{1}{a x^{2}+b x+c}\)
Answer.
Let f(x) = \(\frac{1}{a x^{2}+b x+c}\)
By quotient rule,
f'(x) = \(\frac{\left(a x^{2}+b x+c\right) \frac{d}{d x}(1)-\frac{d}{d x}\left(a x^{2}+b x+c\right)}{\left(a x^{2}+b x+c\right)^{2}}\)

= \(\frac{\left(a x^{2}+b x+c\right)(0)-(2 a x+b)}{\left(a x^{2}+b x+c\right)^{2}}\)

= \(\frac{-(2 a x+b)}{\left(a x^{2}+b x+c\right)^{2}}\)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 8.
\(\frac{a x+b}{p x^{2}+q x+r}\)
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 6

Question 9.
\(\frac{p x^{2}+q x+r}{a x+b}\)
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 7

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 10.
\(\frac{a}{x^{4}}-\frac{b}{x^{2}}\) + cos x
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 8

Question 11.
4√x – 2
Answer.
Let f(x) = 4√x – 2
f'(x) = \(\frac{d}{d x}\) (4√x – 2)
= \(\frac{d}{d x}\) (4√x) – \(\frac{d}{d x}\) (2)
= 4 \(\frac{d}{d x}\) (x\(\frac{1}{2}\)) – 0
= 4 \(\left(\frac{1}{2} x^{\frac{1}{2}-1}\right)\)
= \(\left(2 x^{-\frac{1}{2}}\right)=\frac{2}{\sqrt{x}}\)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 12.
(ax + b)n
Answer.
Let f(x) = (ax + b)n
Accordingly, f(x + h) = {a(x + h) + b}n
= (ax + ah + b)n
By first principle,
f'(x) = \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{f(x+h)-f(x)}{h}\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{(a x+a h+b)^{n}-(a x+b)^{n}}{h}\)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 9

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 13.
(ax + b)n (cx + d)m.
Answer.
Let f(x) = (ax + b)n (cx + d)m
By Leibnitz product rule,

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 10

= \(\frac{m c(c x+d)^{m}}{(c x+d)}\)

= mc (cx + d)m – 1
\(\frac{d}{d x}\) (cx + d)m = mc (cx + d)m – 1 …………….(ii)
Similarly, (ax + b)n = na(ax + b)n – 1 ………….(iii)
Therefore, from eqs. (i), (ii) and (iii), we obtain
f'(x) = (ax + b)n {mc (cx + d)m – 1} + (cx + d)m {na(ax + b)n – 1}
= (ax + b)n – 1 (a + d)m – 1 [mc (ax + b) + na (cx + d)].

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 14.
sin (x + a).
Answer.
Let f(x) = sin (x + a), f(x + h) = sin (x + h + a)
By first principle,

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 11

Question 15.
cosec x cot x
Answer.
Let f(x) = cosec x cot x
By Leibnitz product rule,
f’(x) = cosec x(cot x’ + cot x (cosec x)’ ……………(i)
Let f1(x) = cot x,
Accordingly, f1(x + h) = cot(x + h)
By first prinicple,
f1‘(x) = \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{f-{1}(x+h)-f-{1}(x)}{h}\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{\cot (x+h)-\cot x}{h}\)

= \(\lim -{h \rightarrow 0} \frac{1}{h}\left(\frac{\cos (x+h)}{\sin (x+h)}-\frac{\cos x}{\sin x}\right)\)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 12

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 13

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 16.
\(\frac{\cos x}{1+\sin x}\)
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 14

Question 17.
\(\frac{\sin x+\cos x}{\sin x-\cos x}\)
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 15

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 18.
\(\frac{\sec x-1}{\sec x+1}\)
Answer.
Let f(x) = \(\frac{\sec x-1}{\sec x+1}\)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 16

Question 19.
sinn x.
Ans.
Let y = sinn x
Accordingly, for n = 1, y = sin x.
∴ \(\frac{d y}{d x}\) = cos x, i.e., \(\frac{d}{d x}\) sin x = cos x
For n = 2, y = sin2 x
∴ \(\frac{d y}{d x}\) = \(\frac{d}{d x}\) (sin x sin x)
= (sin x)’ sin x + sin x (sin x)’ [by Leibnitz product rule]
= cos x sin x + sin x cos x
= 2 sin x cos x ………………..(i)
For n = 3, y = sin3 x
∴ \(\frac{d y}{d x}\) = \(\frac{d}{d x}\) (sin x sin2 x)
= (sin x)’ sin2 x + sin x (sin2 x)’ [by Leibnitz product rule]
= cos x sin2 x + sin x(2 sin x cos x) [using eq. (i)]
= cos x sin2 x + 2 sin2 x cos x
= 3 sin2 x cos x
We assert that \(\frac{d}{d x}\) (sinn x) = n sin(n – 1) x cos x
Let our assertion be true for n = k.
ie., \(\frac{d}{d x}\) (sink x) = k sin(k – 1) x cos x …………….(ii)
Consider, (sink + 1 x) = \(\frac{d}{d x}\) (sin x sink x)
= (sin x)’ sink x + sin x (sink x)’ [by Leibnitz product rule]
= cos x sink x + sin x (k sin(k – 1) x cos x) [using eq. (ii)]
= cos x sink x + k sink x cos x
= (k + 1) sink x cos x
Thus, our assertion is true for n = k + 1.
Hence, by mathematical induction, \(\frac{d}{d x}\) (sinn x) = n sin(n – 1) x cos x.

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Question 20.
\(\frac{a+b \sin x}{c+d \cos x}\)
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 17

Question 21.
\(\frac{\sin (x+a)}{\cos x}\)
Answer.

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PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 19

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 22.
x4 (5 sin x – 3 cos x)
Answer.
Let f(x) = x4 (5 sin x – 3 cos x)
By product rule,
f’(x) = x4 \(\frac{d}{d x}\) (5 sin x – 3 cos x) + (5 sin x – 3 cos x) \(\frac{d}{d x}\) (x4)
= x4 [5 \(\frac{d}{d x}\) (sin x) – 3 (cos x)] + (5 sin x – 3 cos x) (4x3)
= x4[5 cos x – 3(- sin x)] + (5 sin x – 3 cos x) (4x3)
= x3 [ 5x cos x + 3x sin x +20 sin x – 12 cos x].

Question 23.
(x2 + 1) cos x.
Answer.
Let f(x) = (x2 + 1) cos x
By product rule,
f’(x) = (x2 + 1) \(\frac{d}{d x}\) (cos x) + cos x \(\frac{d}{d x}\) (x2 + 1)
= (x2 + 1) (- sin x) + cos x (2x)
= – x2 sin x – sin x + 2x cos x.

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Question 24.
(ax2 + sin x) (p + q cos x).
Answer.
Let f(x) = (ax2 + sin x) (p + q cos x)
By product rule,
f’(x) = (ax2 + sin x) (p + q cos x) + (p + q cos x) (ax2 + sin x)
= (ax2 + sin x)(- q sin x) + (p + q cos x)(2ax + cos x)
= – q sin x (ax2 + sin x) + (p + q cos x) (2ax + cos x).

Question 25.
(x + cos x) (x – tan x).
Answer.
Let y = (x + cos x) (x – tan x)
On differentiating both sides w.r.t. x, we get
ciy d d
= (x + cos x) . \(\frac{d}{d x}\) (x – tan x) + (x – tan x) (x + cos x)
[∵ \(\frac{d}{d x}\) (u . v) = u \(\frac{d v}{d x}\) + v \(\frac{d u}{d x}\)]
= (x + cos x) (1 – sec2 x) + (x – tan x) (1 – sin x)
= (x + cos x) (- tan 2x) + (x – tan x) (1 – sin x)

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Question 26.
\(\frac{4 x+5 \sin x}{3 x+7 \cos x}\)
Answer

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Question 27.
\(\frac{x^{2} \cos \left(\frac{\pi}{4}\right)}{\sin x}\)
Answer.
Let f(x) = \(\frac{x^{2} \cos \left(\frac{\pi}{4}\right)}{\sin x}\)

By quotient rule, f'(x) = \(\cos \frac{\pi}{4} \cdot\left[\frac{\sin x \frac{d}{d x}\left(x^{2}\right)-x^{2} \frac{d}{d x}(\sin x)}{\sin ^{2} x}\right]\)

= \(\cos \frac{\pi}{4} \cdot\left[\frac{\sin x \cdot 2 x-x^{2} \cos x}{\sin ^{2} x}\right]\)

= \(\frac{x \cos \frac{\pi}{4}[2 \sin x-x \cos x]}{\sin ^{2} x}\)

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Question 28.
\(\frac{x}{1+\tan x}\)
Answer.

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Question 29.
(x + secx)(x-tanx).
Answer.
Let f(x) = (x + sec x) (x – tan x)
By product rule,
f’(x) = (x + sec x) \(\frac{d}{d x}\) (x – tan x) + (x – tan x) \(\frac{d}{d x}\) (x + sec x)
= (x + sec x) [\(\frac{d}{d x}\) (x) – \(\frac{d}{d x}\) tan x] + (x – tan x) [\(\frac{d}{d x}\) (x) + \(\frac{d}{d x}\) sec x]
= (x + sec x) [1 – \(\frac{d}{d x}\) tan x] + (x – tan x) [1 + \(\frac{d}{d x}\) sec x] ……………..(i)
Let f1(x) = tan x, f2(x) = sec x
Accordingly, f1 (x + h) = tan (x + h) and f2 (x + h) = sec (x + h)

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 22

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 23

From eqs. (i), (ii) and (iii), we obtain
f'(x) = (x + sec x) (1 – sec2 x) + (x – tan x)(1 + sec x tan x).

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous exercise

Question 30.
\(\frac{x}{\sin ^{n} x}\)
Answer.

PSEB 11th Class Maths Solutions Chapter 13 Limits and Derivatives Miscellaneous Exercise 24