PSEB 6th Class Computer Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 6th Class Computer Guide | Computer Science Guide for Class 6 PSEB

Computer Guide for Class 6 PSEB | PSEB 6th Class Computer Science Book Solutions

PSEB 6th Class Computer Book Solutions in English Medium

PSEB 6th Class Computer Book Solutions in Punjabi Medium

PSEB 6th Class Computer Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 6th Class Computer Science Syllabus in English

Time: 3 hrs.

Theory: 50 Marks
C.C.E.: 10 Marks
Practical: 40 Marks
Total: 100 Marks

Chapter 1 Introduction to Computer
Introduction to Computers, Applications of Computer, Characteristics of Computers, Portable Computing Devices, Limitations of Computers.

Chapter 2 Computer Components
Introduction to Basic/Standard Components of a Computer System, Block Diagram of Computer, Types of Computer Memories, Categories of Computers.

Chapter 3 Basics of Working with Computers
Operating System, Starting Computer System, Desktop and its Components, Working with Windows Applications, Shutting Down Computer.

Chapter 4 MS Paint
What is Paint ?, How to start MS Paint ?, Parts of a Paint Window, Saving the Drawing.

Chapter 5 MS Paint Part-2
Home Tab Ribbon, View Tab Ribbon.

Chapter 6 Hardware and Software
What is Hardware ?, What is Software ?, Types of Software, System Software and Application Software, Relationship between Hardware and Software.

Chapter 7 Input Devices
Input devices, Uses of Input Devices, Keyboard, Mouse, Microphone, Scanner, Web Camera, Touch Pad, Bar Code Reader, Light Pen, Joy Stick, Touch Screen, Biometric, Electronic Signature Pad.

Chapter 8 Output Devices
Output Devices, Types of output devices, Monitor, Printer, Speaker, Headphone, Plotter, Projector, Difference between Input and Output Devices.

PSEB 6th Class Computer Science Syllabus in Hindi

विषय – कम्प्यूटर साइंस
समय : 3.00 घण्टे

लिखित : 50 अंक
सी०सी०ई० : 10 अंक
प्रैक्टीकल : 40 अंक
कुल : 100 अंक

पाठ 1 कम्प्यूटर से जान-पहचान
कम्प्यूटर से जान-पहचान, कम्प्यूटर के प्रयोग क्षेत्र, कम्प्यूटर की विशेषताएं, पोर्टेबल (Portable) कम्प्यूटिंग उपकरण, कम्प्यूटर की सीमाएं।

पाठ 2 कम्प्यूटर के भाग
कम्प्यूटर सिस्टम के मुख्य भागों से जान-पहचान, कम्प्यूटर का ब्लॉक चित्र, कम्प्यूटर मैमोरी की किस्में, कम्प्यूटर की किस्में।

पाठ 3 कम्प्यूटर के आधारभूत कार्य
ओपरेटिंग सिस्टम, कम्प्यूटर को स्टार्ट करना, डैस्कटॉप और इसके भाग, विंडो एप्लीकेशनों का प्रयोग, कम्प्यूटर को बंद करना।

पाठ 4 एम०एस०पेंट
पेंट क्या है ? एम०एस० पेंट को कैसे स्टार्ट किया जाता है ? पेंट विण्डो के भाग, अपनी ड्राइंग सेव करना।

पाठ 5 एम०एस० पेंट भाग-2
होम टैब रिबन, वियू टैब रिबन

पाठ 6 हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर
हार्डवेयर क्या है ? सॉफ्टवेयर क्या है ? सॉफ्टवेयर की किस्में, सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में सम्बन्ध।

पाठ 7 इनपुट उपकरण
इनपुट उपकरण, इनपुट उपकरणों का प्रयोग, की-बोर्ड, माऊस, माइक्रोफोन, स्कैनर, वैब कैमरा, टच पैड, बारकोड रीडर, लाइट पैन, जॉयस्टिक, टच स्क्रीन, बायोमैट्रिक, इलैक्ट्रॉनिक सिगनेचर पैड।

पाठ 8 आऊटपुट यन्त्र
आऊटपुट यन्त्र, आऊटपुट यन्त्रों की किस्में, मॉनीटर, प्रिंटर, प्लॉटर, हैडफोन, स्पीकर, प्रोजैक्टर, इनपुट और आऊटपुट यन्त्रों में अन्तर।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 6 मैं और मेरी सवारी (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB मैं और मेरी सवारी Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

मैं और मेरी सवारी अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

  • ਘੇਰਾ = घेरा
  • ਰੋਮ = रोम
  • ਜ਼ੰਜੀਰ = जंजीर
  • ਦੁਰਘਟਨਾ = दुर्घटना
  • ਹੈਂਡਲ = हैंडल
  • ਪੈਟਰੋਲ = पैट्रोल
  • ਸ਼ਹਿਰ = शहर
  • ਧੂਆਂ = धुआँ
  • ਸਾਇਕਲ = साइकिल
  • ਤਮਗਾ, ਮੈਡਲ = तमगा
  • ਖਣਿਜ ਤੇਲ = खनिज तेल
  • ਪੀੜੀਆਂ = पीढ़ियाँ

उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी शब्दों को अपनी कापियों पर लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखें :

  • ਬੁਝਾਰਤ = पहेली
  • ਖੋਜ = आविष्कार
  • ਨਾਲ ਚੱਲਣ ਵਾਲੇ = हम सफर
  • ਰੁਕਾਵਟ = बाधा
  • ਵੱਡੇ-ਬੁੱਢੇ = बुजुर्ग
  • ਚਲਾਉਣ ਵਾਲਾ = चालक
  • ਅਸਲ ਵਿੱਚ = दरअसल
  • ਬਿਨਾ ਸੋਚੇ-ਸਮਝੇ = अंधाधुंध
  • ਦੋਸਤੀ = मित्रता
  • ਆਵਾਜਾਈ = यातायात
  • ਕਸਰਤ = व्यायाम
  • ਪਿੱਛੇ-ਪਿੱਛੇ ਚਲਣਾ = अनुसरण
  • ਧੁਨੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ = ध्वनि प्रदूषण
  • ਹਵਾ ਦਾ ਦੂਸ਼ਿਤ ਹੋਣਾ = वायु प्रदूषण
  • ਵਾਤਾਵਰਣ ਦਾ ਖਿਆਲ ਰੱਖਣ ਵਾਲਾ = पर्यावरण हितैषी
  • ਜਿੱਤਣ ਵਾਲਾ = विजेता

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें :

(क) दो पहिये वाली सवारी को क्या कहते हैं?
उत्तर :
दो पहिये वाली सवारी को अंग्रेजी में ‘बाइसिकल’ कहते हैं।

(ख) बुजुर्गों के स्वास्थ्य का राज़ क्या है?
उत्तर :
बुजुर्गों के स्वास्थ्य का राज है – उनका नियमित रूप से साइकिल चलाना।

(ग) साइकिल का आविष्कार किसने और कब किया?
उत्तर :
साइकिल का आविष्कार स्कॉटलैंड के मैकमिलन ने सन् 1839 में किया।

(घ) यदि थोड़ी दूर जाना हो तो कौन-सी सवारी उत्तम है?
उत्तर :
यदि थोड़ी दूर जाना हो तो साइकिल सबसे उत्तम सवारी है।

(ङ) वायु प्रदूषण कैसे होता है?
उत्तर :
मोटर – गाड़ियों से निकलने वाले धुएँ से वायु प्रदूषण होता है।

(च) खेल दिवस पर साइकिल दौड़ के मुकाबले कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर :
खेल दिवस पर साइकिल दौड़ के मुकाबलों में धीमी गति और तेज़ गति की साइकिल दौड़ होती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) उत्तम स्वास्थ्य के लिए साइकिल की सवारी अच्छी है, कैसे?
उत्तर :
उत्तम स्वास्थ्य के लिए साइकिल की सवारी अच्छी है क्योंकि साइकिल चलाना एक सम्पूर्ण व्यायाम है। साइकिल चलाने से स्फूर्ति आती है, रोग कोसों दूर भाग जाते हैं।

(ख) साइकिल पर्यावरण हितैषी है, कैसे?
उत्तर :
साइकिल न तो प्रदूषण फैलाती है और न ही इसके चलाने से कोई शोरगुल होता है। अतः इसके चलने से पर्यावरण को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता। इसलिए साइकिल पर्यावरण हितैषी है।

(ग) साइकिल चलाने के क्या लाभ हैं? लिखो।
उत्तर :
साइकिल चलाने के अनेक लाभ हैं :

  • साइकिल चलाने से शरीर तंदरुस्त रहता है।
  • साइकिल चलाने से मांसपेशियाँ मज़बूत बनती हैं।
  • यह यातायात का एक सरल तथा सुगम साधन है।
  • यह खर्चीला साधन भी नहीं है।
  • इससे पर्यावरण को कोई हानि नहीं होती।

5. उपयुक्त शब्द चुनकर वाक्य पूरे करें :

खेल मुकाबलों, स्काटलैण्ड, बाइसिकिल, हालैंड, महँगाई, सुरक्षित, मैकमिलन, हितैषी
(क) आज _________________ का युग है।
(ख) दो पहिये वाली सवारी को _________________ कहते हैं।
(ग) दुर्घटना की दृष्टि से सबसे _________________ मेरी सवारी है।
(घ) मैं पर्यावरण _________________ हूँ।
(ङ) मुझे _________________ की राष्ट्रीय सवारी होने का मान है।
(च) मेरा आविष्कार _________________ ने किया।
(छ) मैं _________________ में विशेष स्थान पाती हूँ।
उत्तर :
(क) महँगाई
(ख) बाइसिकल
(ग) सुरक्षित
(घ) हितैषी
(ङ) हालैण्ड
(च) स्कॉटलैंड, मैकमिलन
(छ) खेल मुकाबलों।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

6. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझते हुए वाक्य प्रयोग करें :

  1. मुँह के बल गिरना = ज़ोर से अचानक गिरना = _________________
  2. अंधाधुंध चलाना = बिना सोचे-समझे चलाना = _________________
  3. नानी याद आना = बहुत परिश्रम करना = _________________
  4. हवा से बातें करना = बहुत तेज़ चलना = _________________

उत्तर :
मुहावरों के अर्थ एवं वाक्य प्रयोग

  1. मुँह के बल गिरना – ज़ोर से अचानक गिरना = अचानक साइकिल को ब्रेक लगाने से मोहन मुँह के बल गिर पड़ा।
  2. अंधाधुंध चलाना – बिना सोचे – समझे चलाना = अंधाधुंध चलाने से राकेश के साइकिल की चेन टूट गई।
  3. नानी याद आना – बहुत परिश्रम करना = खराब कार को धक्का मारते – मारते महेश को नानी याद आ गई।
  4. हवा से बातें करना – बहुत तेज़ चलना = गियर वाली साइकिल इतनी तेज़ चलती है मानो हवा से बातें कर रही हो।

7. वाक्य बनायें :

पहिया, यातायात, उपलब्ध, शुद्ध, आकर्षक, पर्यावरण, उत्पादन, हितैषी
उत्तर :

  • पहिया – साइकिल का पहिया पंक्चर हो गया।
  • यातायात – साइकिल यातायात का एक सस्ता साधन है।
  • उपलब्ध – साइकिल हर घर में उपलब्ध है।
  • शुद्ध – साइकिल वातावरण को भी शुद्ध करता है।
  • आकर्षक – बाजार में आजकल कई आकर्षक साइकिलें मिलती हैं।
  • पर्यावरण – इससे पर्यावरण के दूषित होने का भी कोई खतरा नहीं।
  • उत्पादन – किसान फसलों के उत्पादन में लगे हैं।
  • हितैषी – हमारे माता – पिता हमारे सच्चे हितैषी हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

8. चित्र में एक दूसरे के विपरीत शब्द दिये हैं। एक पहिये में दिये शब्दों के विपरीत दूसरे पहिये में हैं। उन्हें ढूँढ़ें और उपयुक्त स्थान पर लिखें:

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी 1

अगला – पिछला
उत्तर :
विपरीतार्थक शब्द

  • अगला = पिछला।
  • पढ़े – लिखे = अनपढ़।
  • रुकना = चलना।
  • अमीर = गरीब।
  • सभ्य = असभ्य।
  • बूढ़ा = नौजवान।
  • बच्चे = बूढ़े।
  • आगे = पीछे।

9. करिये और जानिये :

अपने विद्यालय में खेल दिवस पर साइकिल दौड़ में भाग लें।
उत्तर :
विद्यार्थी इसके लिए स्वयं प्रयास करें।

10. मान लो आप अपने सहपाठियों के साथ स्कूल जाने के लिए तैयार हैं। तभी आपने देखा कि आपकी साइकिल पंक्चर है। आप अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखें जिसमें कारण बताते हुए एक दिन के अवकाश की प्रार्थना की गई हो।

सेवा में
मुख्याध्यापक
_________________
_________________
विषय : अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र
श्रीमान जी,

निवेदन यह है _______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________।

आपका आज्ञाकारी शिष्य
_________________
_________________
उत्तर :
कारण बताते हुए एक दिन के अवकाश के लिए मुख्याध्यापक को प्रार्थना – पत्र दीजिए।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

सेवा में
मुख्याध्यापक,
राजकीय हाई स्कूल,
खन्ना। विषय : अवकाश के लिए प्रार्थना – पत्र।

महोदय,
निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में छठी कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं जब विद्यालय के लिए चलने लगा तो मैंने देखा कि मेरी साइकिल पंक्चर हो गई है। यहाँ पास में कोई साइकिल ठीक करने वाला भी नहीं है जिससे मैं पंक्चर लगवा सकूँ। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मुझे एक दिन का अवकाश देने की कृपा करें। मैं आपका अभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
कमल प्रकाश
कक्षा छठी (ब), अनुक्रमांक : 14
दिनांक …………………….

साइकिल चलाते समय याद रखने योग्य कुछ काम की बातें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी 3

  • हमेशा अपनी बायीं ओर चलाओ।
  • धीमी गति से चलाओ।
  • हाथ छोड़कर न चलाओ।
  • सड़क के मध्य में न चलाओ।
  • मुड़ते समय हाथ का इशारा करो।
  • जरूरत पड़ने पर घंटी का प्रयोग करो।
  • समय पर टायरों में हवा भरवाओ।
  • खराब होने पर कारीगर से ठीक करवाओ।
  • सदैव सड़क के नियमों का पालन करो।
  • सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

प्रयोगात्मक व्याकरण

नीचे कुछ शब्द घुलमिल गये हैं, उन्हें अलग करके उचित स्थान पर लिखिए :

साइकिल, हरियाली, बचपन, पहिया, महँगाई, पैट्रोल, मोटरगाड़ी, स्वास्थ्य, लड़का, मित्रता, खेल, आविष्कार, लुहार, नौजवान, डॉक्टर, हवा

  • जातिवाचक संज्ञा – भाववाचक संज्ञा
  • साइकिल – हरियाली
  • पहिया – बचपन
  • पेट्रोल – महँगाई
  • मोटरगाड़ी – स्वास्थ्य
  • लड़का – मित्रता
  • लुहार – खेल
  • डॉक्टर – आविष्कार
  • नौजवान – हवा।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
साइकिल के कितने पहिए होते हैं?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर :
(ख) दो

प्रश्न 2.
साइकिल किसकी हम सफर रही है?
(क) अमीर की
(ख) गरीब की
(ग) अमीर-गरीब की
(घ) मजदूर की।
उत्तर :
(ग) अमीर-गरीब की

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

प्रश्न 3.
साइकिल सवारी अपने आप में क्या है ?
(क) पूर्ण व्यायाम
(ख) पूर्ण आराम
(ग) पूर्ण परेशानी
(घ) पूर्ण हैरानी।
उत्तर :
(क) पूर्ण व्यायाम

प्रश्न 4.
साइकिल का आविष्कार किसने किया ?
(क) मैक मिलन ने
(ख) सचिन ने
(ग) अमीर सेठ ने
(घ) विक्रम ने।
उत्तर :
(क) मैक मिलन ने

प्रश्न 5.
साइकिल से किसकी बचत होती है ?
(क) पैट्रोल
(ख) कोयला
(ग) बिजली
(घ) सभी की।
उत्तर :
(घ) सभी की।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

मैं और मेरी सवारी (सुधा जैन सुदीप) Summary in Hindi

मैं और मेरी सवारी पाठ का सार

साइकिल अपनी कहानी सुनाते हुए कहती है कि उसका अर्थ है – ‘दो पहिये वाली सवारी।’ वह छोटों – बड़ों, लड़कों – लड़कियों और अमीर – गरीब सब की हमसफ़र रही है। उसकी सवारी अपने आप में एक पूर्ण व्यायाम है जो रोगों को दूर भगाता है। इसका आविष्कार पहिए के आविष्कार के बाद स्कॉटलैंड के लुहार मैकमिलन ने किया था।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी 2

पहले इसका अगला पहिया छोटा और पिछला पहिया बड़ा होता था पर बाद में इसके दोनों पहिए बराबर बना दिए गए थे। अब तो अनेक प्रकार के साइकिल बनाए जाते हैं। गियर वाली साइकिल तो काफ़ी तेज़ गति से चलती है। इससे पेट्रोल, बिजली, कोयला आदि की बचत होती है। इसे चलाना – संभालना दोनों ही काफ़ी आसान है। यह प्रदूषण भी नहीं फैलाती। यह हालैंड की राष्ट्रीय सवारी है और दुनिया भर में सबसे अधिक साइकिल चीन में हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 6 मैं और मेरी सवारी

मैं और मेरी सवारी कठिन शब्दों के अर्थ

  • हमसफ़र = साथ चलने वाला।
  • पूर्वज = पहले।
  • बुजुर्ग = बूढ़े।
  • दरअसल = वास्तव में।
  • मित्रता = दोस्ती।
  • स्फूर्ति = चुस्ती, तेज़ी।
  • सम्पूर्ण = पूरा।
  • व्यायाम = कसरत।
  • आविष्कार = खोज।
  • रेसर = तेज़ चलने वाली, खेलों में भाग लेने वाली।
  • एक्सरसाइज़र = व्यायाम करने वाली।
  • खुराक = खाना।
  • अनुसरण करना = पीछे – पीछे चलना।
  • प्रदूषण = दूषित, गन्दा।
  • दृष्टि = नज़र।
  • कदापि = जरा भी।
  • सहयोगी = भागीदार, हिस्सेदार।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ

Physical Education Guide for Class 6 PSEB ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ:
ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ (Safety Education)-ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਉਹ ਗਿਆਨ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਚੱਲਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਸਾਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਨਾ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪਾਲਨ ਨਾ ਕਰੀਏ ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਉਹ ਸਿੱਖਿਆ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸਾਨੂੰ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਅਤੇ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ | ਅੱਜ ਦੇ ਮਸ਼ੀਨੀ ਯੁਗ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਅਕਸਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਖ਼ਬਾਰਾਂ ਵਿਚ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਹੀ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੀ ਖ਼ਬਰ ਛਪਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਬਹੁਤ ਹੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਲੋੜ ਹੈ : ਇਸ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਗਿਆਨ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਕਾਫ਼ੀ ਹੱਦ ਤਕ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੰਬੰਧੀ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰੀਏ ਤਾਂ ਕੋਈ ਕਾਰਨ ਨਹੀਂ ਕਿ ਅਸੀਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਬਣੀਏ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਸਾਨੂੰ ਸੁਖੀ ਤੇ ਲੰਮਾ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰਨ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਸਹਾਇਕ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਕੀ ਲੋੜ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਲੋੜ (Need for Safety Education)-
ਅੱਜ ਦਾ ਯੁੱਗ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਦਾ ਯੁੱਗ ਹੈ । ਅੱਜ ਆਵਾਜਾਈ ਦੇ ਸਾਧਨ ਬਹੁਤ ਹੀ ਵਿਕਸਿਤ ਤੇ ਤੇਜ਼ ਹਨ । ਸੜਕਾਂ ਉੱਤੇ ਟੈਫਿਕ ਦੀ ਭਰਮਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਅਨੇਕਾਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕੋਈ ਅਜਿਹਾ ਦਿਨ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦਾ ਜਦੋਂ ਕਿ ਅਖ਼ਬਾਰਾਂ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦਾ ਸਮਾਚਾਰ ਨਾ ਛਪੇ । ਕਿਤੇ ਦੋ ਕਾਰਾਂ ਦੀ ਟੱਕਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕਿਤੇ ਕਾਰ ਟਰੱਕ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ, ਕਿਤੇ ਬੱਸ ਕਿਸੇ ਖੱਡ ਵਿਚ ਡਿੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਤੇ ਸਕੂਲ ਜਾਂਦਾ ਬੱਚਾ ਕਾਰ ਜਾਂ ਟਰੱਕ ਹੇਠਾਂ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਸਾਰਾ ਜਾਨੀ ਤੇ ਮਾਲੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਦਾ ਇਕੋ-ਇਕ ਇਲਾਜ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਹੈ । ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੁਆਰਾ ਸਾਨੂੰ ਅਜਿਹੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰ ਕੇ ਅਸੀਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੇ ।

ਇਸ ਲਈ ਅੱਜ ਦੇ ਯੁੱਗ ਵਿਚ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਬਹੁਤ ਹੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਲੋੜ ਹੈ ।

  • ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਨਾਲ ਸਾਨੂੰ ਹੋਰ ਰੋਜ਼ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੇ ਕਾਬੂ ਪਾਉਣ ਦਾ ਮੌਕਾ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  • ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਸਾਨੂੰ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਸੜਕ ਪਾਰ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀ
    ਹੈ ।
  • ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਗਿਆਨ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਸੜਕ ਦੇ ਚੌਰਾਹੇ ਤੇ ਖੜੇ ਸਿਪਾਹੀ ਦੇ ਇਸ਼ਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਸਮਝ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਅਤੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।
  • ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਗਿਆਨ ਕਰਕੇ ਅਸੀਂ ਸੜਕ ਦੇ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਖੱਬੇ ਹੱਥ ਚਲਾਂਗੇ ।
  • ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹੋਣ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਵਾਲੇ ਸਾਈਕਲ, ਕਾਰ, ਸਕੂਟਰ, ਰਿਕਸ਼ਾ ਆਦਿ ਦੇ ਅੱਗੇ ਹੋਣ ਤੇ ਅਸੀਂ ਉਸ ਦੇ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਨਿਕਲਾਂਗੇ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਘਰ ਜਾਂ ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਸੱਟਾਂ ਲੱਗਣ ਦੇ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਆਮ ਵੇਖਣ ਵਿਚ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੇ ਘਰਾਂ ਅਤੇ ਸਕੂਲਾਂ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ | ਘਰ ਜਾਂ ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਸੱਟਾਂ ਲੱਗਣ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਾਰਨਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ: ਘਰ ਵਿਚ ਸੱਟ ਲੱਗਣ ਦੇ ਕਾਰਨ (Causes of Injuries at Home-ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਅਕਸਰ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਰਸੋਈ ਘਰ, ਗੁਸਲਖ਼ਾਨੇ, ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਕਮਰਿਆਂ, ਪੌੜੀਆਂ ਜਾਂ ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਇਹਨਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਨ :

(ੳ) ਰਸੋਈ ਘਰ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੇ ਕਾਰਨ (Causes of Injuries at Kitchen)-

  • ਧੂੰਏਂ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਰੌਸ਼ਨੀ ਦਾ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਰਸੋਈ ਘਰ ਦੇ ਫ਼ਰਸ਼ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਤਿਲਕਵਾਂ ਹੋਣਾ ।
  • ਰਸੋਈ ਘਰ ਵਿਚ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਨੰਗੀਆਂ ਹੋਣਾ ।
  • ਅੱਗ ਭੜਕਾਉ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨ ਕੇ ਰਸੋਈ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ।
  • ਰਸੋਈ ਘਰ ਦੀ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਚਾਕੂ, ਛੁਰੀਆਂ ਆਦਿ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦਾ ਟਿਕਾਣੇ ਤੇ ਨਾ ਪਏ ਹੋਣਾ ।
  • ਬਲਦੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਲੱਕੜੀਆਂ ਅਤੇ ਕੋਲਿਆਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਲਾਪਰਵਾਹੀ ਵਰਤਣਾ ।
  • ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਤੇਲ ਆਦਿ ਦਾ ਠੀਕ ਥਾਂ ਤੇ ਪਿਆ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਰਸੋਈ ਵਿਚ ਸਾਬਣ, ਜੂਠੇ ਭਾਂਡਿਆਂ ਆਦਿ ਦਾ ਖਿਲਰੇ ਹੋਣਾ ।

(ਅ) ਗੁਸਲਖਾਨੇ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੇ ਕਾਰਨ (Causes of Injuries at Bathroom)

  • ਗੁਸਲਖਾਨੇ ਦੇ ਫ਼ਰਸ਼ ‘ਤੇ ਸਾਬਣ, ਤੇਲ ਆਦਿ ਖਿਲਾਰਨਾ |
  • ਗੁਸਲਖਾਨੇ ਦੀ ਜਗ੍ਹਾ ਤੰਗ ਹੋਣੀ ।
  • ਗੁਸਲਖਾਨੇ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਦੀ ਟੂਟੀ ਜਾਂ ਫੱਵਾਰੇ ਦਾ ਠੀਕ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਗੁਸਲਖਾਨੇ ਵਿਚ ਬਲੇਡ, ਸੂਈ, ਪਿੰਨ, ਦਵਾਈ ਦੀ ਸ਼ੀਸ਼ੀ ਆਦਿ ਪਏ ਹੋਣਾ ।
  • ਗੁਸਲਖਾਨੇ ਵਿਚ ਕਿੱਲੀਆਂ ਦਾ ਠੀਕ ਥਾਂ ਤੇ ਲੱਗਾ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਗੁਸਲਖਾਨੇ ਵਿਚ ਫ਼ਰਸ਼ ਉੱਤੇ ਕਾਈ ਆਦਿ ਦਾ ਜੰਮਣਾ ।

(ਇ) ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੇ ਕਾਰਨ (Causes of Injuries at Living Room)

  • ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਖਿਡੌਣੇ ਖਿੱਲਰੇ ਹੋਣਾ ।
  • ਫ਼ਰਸ਼ ਤਿਲਕਵੇਂ ਹੋਣਾ ।
  • ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਵਿਛੇ ਦਰੀ ਅਤੇ ਗਲੀਚੇ ਦਾ ਮੜਿਆ ਹੋਣਾ ।
  • ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਸਹੀ ਟਿਕਾਣੇ ਨਾ ਪਿਆ ਹੋਣਾ ।
  • ਸਿਗਰਟ, ਬੀੜੀ ਆਦਿ ਦੇ ਬਲਦੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਨੂੰ ਇਧਰ-ਉਧਰ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਸੁੱਟਣਾ ।
  • ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਰੌਸ਼ਨੀ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਬਲਦੀ ਹੋਈ ਅੰਗੀਠੀ ਰੱਖ ਕੇ ਸੌਂ ਜਾਣਾ ।
  • ਤੁਰਨ ਫਿਰਨ ਵਿਚ ਰੁਕਾਵਟਾਂ ਦਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਬੰਦੂਕ, ਪਿਸਤੌਲ ਅਤੇ ਕਿਰਪਾਨ ਦਾ ਸਹੀ ਟਿਕਾਣੇ ਤੇ ਨਾ ਪਿਆ ਹੋਣਾ ।
  • ਬਿਸਤਰਿਆਂ ਉੱਤੇ ਕੈਂਚੀ, ਚਾਕੂ ਆਦਿ ਪਏ ਹੋਣਾ ।

(ਸ) ਪੌੜੀਆਂ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੇ ਕਾਰਨ (Causes of Injuries on Stairs)-

  1. ਪੌੜੀਆਂ ਵਿਚ ਰੌਸ਼ਨੀ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  2. ਪੌੜੀਆਂ ਦਾ ਤੰਗ ਹੋਣਾ ।
  3. ਪੌੜੀਆਂ ਵਿਚ ਚੜ੍ਹਦੇ ਜਾਂ ਉਤਰਦੇ ਸਮੇਂ ਮਜ਼ਬੂਤ ਸਹਾਰੇ ਦਾ ਨਾ ਹੋਣਾ |
  4. ਆਖ਼ਰੀ ਜਾਂ ਪਹਿਲੀ ਪੌੜੀ ਦੀ ਖ਼ਾਸ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  5. ਪੌੜੀਆਂ ਵਿਚ ਮੰਜੇ, ਸਾਈਕਲ ਜਾਂ ਹੋਰ ਸਾਮਾਨ ਰੱਖਣਾ ।

(ਹ) ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੇ ਕਾਰਨ (Causes of Injuries at Lawn)

  • ਵਿਹੜੇ ਦਾ ਸਮਤਲ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਖਿਲਰਿਆ ਹੋਣਾ ।
  • ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਕਿੱਲਾ ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਗੱਡਿਆ ਹੋਣਾ ।
  • ਬੱਚਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਖੇਡਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਟੋਏ ਪੁੱਟਣਾ ।
  • ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਚਾਰਾ ਆਦਿ ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਖਿਲਰਿਆ ਹੋਣਾ ।

ਸਕੂਲਾਂ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ (Causes of Injuries at School)ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਸਿਰਫ਼ ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਹੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਬਲਕਿ ਸਕੂਲਾਂ ਵਿਚ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਕੂਲਾਂ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨ ਹਨ: –

  • ਖੇਡਾਂ ਦੇ ਮੈਦਾਨ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ਅਤੇ ਪੱਧਰੇ ਨਾ ਹੋਣੇ ।
  • ਖੇਡ ਦੇ ਟੁੱਟੇ-ਫੁੱਟੇ ਸਾਮਾਨ ਦਾ ਇਧਰ-ਉਧਰ ਖਿਲਰੇ ਪਏ ਹੋਣਾ ।
  • ਸਕੂਲਾਂ ਦੇ ਫ਼ਰਸ਼ ਗੰਦੇ ਜਾਂ ਤਿਲਕਵੇਂ ਹੋਣਾ ।
  • ਬੱਚਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਕੇਲੇ, ਸੰਤਰੇ ਆਦਿ ਦੇ ਛਿਲਕੇ ਇਧਰ-ਉਧਰ ਸੁੱਟਣਾ ।
  • ਸਕੂਲਾਂ ਦੇ ਪਿਸ਼ਾਬਖਾਨੇ ਜਾਂ ਟੱਟੀ ਵਿਚ ਤਿਲ੍ਹਕਣ ਹੋਣਾ ।
  • ਖੇਡਾਂ ਵਿਚ ਅਨਾੜੀ ਖਿਡਾਰੀਆਂ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣਾ ।
  • ਖੇਡਾਂ ਦੀ ਟ੍ਰੇਨਿੰਗ ਟਰੇਂਡ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਦੁਆਰਾ ਨਾ ਦੇਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਘਰ ਵਿਚ ਸੱਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਦੇ ਕੀ-ਕੀ ਤਰੀਕੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਵਿਚ ਬਚਾਅ ਦੇ ਤਰੀਕੇ (Methods of Safety at Home) -ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਦੇ ਮੁੱਖ ਤਰੀਕੇ ਹੇਠਾਂ ਲਿਖੇ ਹਨ

  • ਘਰ ਵਿਚ ਰੌਸ਼ਨੀ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਰਸੋਈ ਵਿਚ ਧੂੰਏਂ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਵੀ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਘਰ ਵਿਚ ਬਿਜਲੀ ਦੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਨੰਗੀਆਂ ਨਹੀਂ ਰੱਖਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ।
  • ਕਮਰਿਆਂ ਦੇ ਫ਼ਰਸ਼ ਦੀ ਖੂਬ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਗੁਸਲਖ਼ਾਨੇ ਦੇ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਕਾਈ ਨਹੀਂ ਜੰਮਣ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  • ਘਰ ਵਿਚ ਸਾਰਾ ਸਾਮਾਨ ਠੀਕ ਟਿਕਾਣੇ ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਫ਼ਰਸ਼ ਉੱਤੇ ਚਾਕੂ, ਕੈਂਚੀ ਆਦਿ ਨਹੀਂ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵਰਤਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਿਸੇ ਉੱਚੀ ਥਾਂ ਤੇ ਰੱਖ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਰਸੋਈ ਵਿਚ ਅੱਗ ਭੜਕਾਉ ਕੱਪੜੇ ਪਾ ਕੇ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  • ਸਿਗਰਟ ਅਤੇ ਬੀੜੀਆਂ ਦੇ ਬਲਦੇ ਹੋਏ ਟੋਟੇ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਇਧਰ-ਉਧਰ ਨਹੀਂ ਸੁੱਟਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ।
  • ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਬਲਦੀ ਹੋਈ ਅੰਗੀਠੀ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਰੱਖ ਕੇ ਨਹੀਂ ਸੌਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  • ਪੌੜੀਆਂ ਵਿਚ ਮੰਜੇ, ਸਾਈਕਲ ਆਦਿ ਸਾਮਾਨ ਨਹੀਂ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  • ਪੌੜੀਆਂ ਵਿਚ ਚੜ੍ਹਨ ਜਾਂ ਉਤਰਨ ਲਈ ਮਜ਼ਬੂਤ ਸਹਾਰੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  • ਘਰ ਦਾ ਵਿਹੜਾ ਸਾਫ਼ ਸੁਥਰਾ ਅਤੇ ਪੱਧਰਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਪਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਚਾਰਾ ਤੇ ਹੋਰ ਸਾਮਾਨ ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਖਿਲਰਿਆ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  • ਘਰ ਦਾ ਸਾਰਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਟਿਕਾਣੇ ਸਿਰ ਪਿਆ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਜ਼ਿੰਮੇਦਾਰੀ ਕਿਸ-ਕਿਸ ਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਜ਼ਿੰਮੇਦਾਰੀ (Responsibility for Safety Education)-ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਜ਼ਿੰਮੇਦਾਰੀ ਕਿਸੇ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਜਾਂ ਸੰਸਥਾ ਦੀ ਨਹੀਂ ਹੈ, ਇਹ ਤਾਂ ਮਾਪਿਆਂ, ਅਧਿਆਪਕਾਂ, ਨਗਰਪਾਲਿਕਾ, ਸਰਕਾਰ ਅਤੇ ਸਮਾਜ ਦੀ ਸਾਂਝੀ ਜ਼ਿੰਮੇਦਾਰੀ ਹੈ । ‘ ਘਰ ਨੂੰ ਮੁੱਢਲੀ ਪਾਠਸ਼ਾਲਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬੱਚਾ ਆਪਣਾ ਵਧੇਰੇ ਸਮਾਂ ਘਰ ਵਿਚ ਬਤੀਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੀ ਜ਼ਿੰਮੇਦਾਰੀ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੰਬੰਧੀ ਗਿਆਨ ਦੇਣ । ਇਸ ਨਾਲ ਬੱਚੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਨਹੀਂ ਹੋਣਗੇ । ਘਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਕੂਲ ਅਜਿਹੀ ਜਗ੍ਹਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਬੱਚਾ ਪੰਜ ਛੇ ਘੰਟੇ ਬਤੀਤ ਕਰਦਾ ਹੈ | ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਦਾ ਫ਼ਰਜ਼ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇਣ ਤਾਂ ਜੋ ਉਹ ਸਕੂਲ ਆਉਂਦੇ ਜਾਂਦੇ ਹੋਏ ਜਾਂ ਮੈਦਾਨ ਵਿਚ ਖੇਡਦੇ ਹੋਏ ਕਿਸੇ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਨਾ ਹੋਣ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਗਰਪਾਲਿਕਾ ਅਤੇ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਵੀ ਜ਼ਿੰਮੇਦਾਰੀ ਬਣਦੀ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੰਬੰਧੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਵੇ । ਇਸ ਨਾਲ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਵਿਚ ਕਮੀ ਆਵੇਗੀ । ਲੋਕ ਲੰਬੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਗੁਜ਼ਾਰ ਸਕਣਗੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਅਦਾਰੇ ਸਹਾਇਕ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ਤੇ ਕਿਵੇਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਸਹਾਇਕ ਅਦਾਰੇ-ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਦਾਰੇ ਸਹਾਇਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ :

  1. ਸਕੂਲ ਅਤੇ ਕਾਲਜ (School and Colleges)-ਸਕੂਲਾਂ ਅਤੇ ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚ ਵੀ ਅਧਿਆਪਕ ਨੂੰ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਨਗਰਪਾਲਿਕਾ (Municipal Committee-ਨਗਰਪਾਲਿਕਾ ਨੂੰ ਵੀ ਸਿਨਮੇ, ਸਲਾਈਡਾਂ ਅਤੇ ਨੁਮਾਇਸ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੰਬੰਧੀ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਚਾਰ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਸਮਾਜ (Society)-ਸਮਾਜ ਵੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਸਹਾਇਕ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸਮਾਜ ਨੂੰ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੰਬੰਧੀ ਕਰਤੱਵਾਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਪਤਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਸੜਕਾਂ, ਗਲੀਆਂ ਆਦਿ ਵਿਚ ਛਿਲਕੇ ਨਾ ਸੁੱਟਣ ! ਜੇਕਰ ਸੜਕ ਤੇ ਕੋਈ ਰੁਕਾਵਟ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਨ ।
  4. ਸਰਕਾਰ (Government)-ਸਰਕਾਰ ਵੀ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਪੈਦਲ ਚੱਲਣ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਸੜਕ ਤੇ ਫੁਟਪਾਥ ਬਣਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਸੜਕਾਂ ਅਤੇ ਗਲੀਆਂ ਵਿਚ ਰੌਸ਼ਨੀ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।ਟੈਫਿਕ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਰੱਖਣ ਲਈ ਹਰ ਚੌਕ ਵਿਚ ਸਿਪਾਹੀ ਜਾਂ ਟੈਫਿਕ ਲਾਈਟ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜ਼ਹਿਰੀਲੀ ਗੈਸ ਤੋਂ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਨੁਕਸਾਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ਹਿਰੀਲੀ ਗੈਸ ਦੇ ਲੀਕ ਹੋਣ ਤੇ ਸਾਡੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਖ਼ਤਰੇ ਵਿਚ ਪੈ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਕਈ ਵਾਰ ਅਸੀਂ ਪੱਥਰ ਦੀ ਅੰਗੀਠੀ ਆਦਿ ਬਾਲ ਕੇ ਆਪਣੇ ਸੌਣ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਰੱਖ ਕੇ ਸੌਂ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ ਅਤੇ ਇਹ ਅੰਗੀਠੀ ਪੱਥਰ ਦੇ ਕੋਲਿਆਂ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸਰਦੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਅਤੇ ਖਿੜਕੀਆਂ ਵੀ ਬੰਦ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਾਹ ਲੈਣਾ ਔਖਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਾਡਾ ਜੀਵਨ ਵੀ ਖ਼ਤਰੇ ਵਿਚ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਬਚਾਓ (Safety-ਸੌਣ ਵਾਲਾ ਕਮਰਾ ਹਵਾਦਾਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ | ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਤਾਜ਼ੀ ਹਵਾ ਦਾ ਖਾਸ ਇੰਤਜ਼ਾਮ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਤਾਜ਼ੀ ਹਵਾ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਆਉਂਦੀ ਰਹੇ ਅਤੇ ਗੰਦੀ ਹਵਾ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਰਹੇ ਤੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਪੂਰੀ ਰਹੇ ।

PSEB 6th Class Physical Education Guide ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ Important Questions and Answers

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੁਰੱਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਕੀ ਲੋੜ ਹੈ ?
(ਉ) ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਨਾਲ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।
(ਅ) ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਗਿਆਨ ਕਰਕੇ ਅਸੀਂ ਸਕੂਲ ਦੇ ਖੱਬੇ ਪਾਸੇ ਚਲਦੇ ਹਾਂ ।
(ਈ) ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਰਾਹੀਂ ਅਸੀਂ ਸੜਕ ਦੇ ਚੌਰਾਹੇ ਵਿਚ ਖੜ੍ਹੇ ਸਿਪਾਹੀ ਦੇ ਇਸ਼ਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਸਮਝ ਸਕਦੇ ਹਾਂ।
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਕਿਸ ਦੀ ਹੈ ?
(ਉ) ਮਾਪਿਆਂ ਦੀ
(ਅ) ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਦੀ
(ਇ) ਨਗਰਪਾਲਿਕਾ ਅਤੇ ਸਰਕਾਰ ਦੀ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਅਦਾਰੇ ਸਹਾਇਕ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ?
(ੳ) ਸਕੂਲ ਅਤੇ ਕਾਲਜ
(ਅ) ਨਗਰਪਾਲਿਕਾ
(ਈ) ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਸਰਕਾਰ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਹੜੀ ਸਿੱਖਿਆ ਸਾਨੂੰ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਣਾ ਸਿਖਾਉਂਦੀ ਹੈ ਇਸ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
(ਉ) ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ
(ਅ) ਖੇਡ ਸਿੱਖਿਆ
(ਇ) ਮਨੋਰੰਜਨ ਸਿੱਖਿਆ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਟੈਫਿਕ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ
(ਅ) ਘਰ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ
(ਇ) ਸਕੂਲ ਅਤੇ ਕਾਲਜ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਟੈਫਿਕ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸੜਕਾਂ ਉੱਤੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
(ਉ) ਸ਼ਰਾਬ ਪੀ ਕੇ ਗੱਡੀ ਚਲਾਉਣਾ
(ਆ) ਚੌਂਕ ਵਿਚ ਖੜੇ ਸਿਪਾਹੀ ਦੇ ਸ਼ਾਰੇ ਦੀ ਪਰਵਾਹ ਨਾ ਕਰਨਾ
(ਈ) ਮੋੜ ਕੱਟਦੇ ਸਮੇਂ ਠੀਕ ਇਸ਼ਾਰਾ ਨਾ ਕਰਨਾ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਜਿਹੜੀ ਸਿੱਖਿਆ ਸਾਨੂੰ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਣਾ ਸਿਖਾਉਂਦੀ ਹੈ, ਉਸ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਿੱਖਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਿਸ ਸਿੱਖਿਆ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਚਾਉ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਰਾਤ ਨੂੰ ਗੱਡੀ ਚਲਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਸ ਚੀਜ਼ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡਿਪਰ ਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਸ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਗੱਡੀ ਚਲਾਉਣਾ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਰਾਬ ਪੀ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੜਕਾਂ ਉੱਤੇ ਪੈਦਲ ਚੱਲਣ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫੁਟ-ਪਾਥਾਂ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਚੌਕਾਂ ਵਿਚ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਪਾਹੀ ਜਾਂ ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਦੀਆਂ ਬੱਤੀਆਂ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟ੍ਰੈਫਿਕ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਸਕੂਲ ਦਾ ਮੈਦਾਨ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੱਧਰਾ ਤੇ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੜਕਾਂ ਉੱਤੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਕੋਈ ਪੰਜ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਸ਼ਰਾਬ ਪੀ ਕੇ ਗੱਡੀ ਚਲਾਉਣਾ ।
  • ਚੌਕ ਵਿਚ ਖੜੇ ਸਿਪਾਹੀ ਦੇ ਇਸ਼ਾਰਿਆਂ ਦੀ ਪਰਵਾਹ ਨਾ ਕਰਨਾ ।
  • ਸੜਕ ਤੇ ਅੰਨ੍ਹੇਵਾਹ ਸਾਈਕਲ, ਸਕੂਟਰ ਅਤੇ ਕਾਰ ਚਲਾਉਣਾ ।
  • ਦੁਸਰੀ ਗੱਡੀ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਲੰਘਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਨਾ ।
  • ਮੋੜ ਆਦਿ ਕੱਟਦੇ ਹੋਏ ਠੀਕ ਇਸ਼ਾਰਾ ਨਾ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਰਸੋਈ ਘਰ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਕੋਈ ਪੰਜ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਰਸੋਈ ਦੇ ਫ਼ਰਸ਼ ਦਾ ਤਿਲਕਵਾਂ ਹੋਣਾ ।
  • ਰਸੋਈ ਵਿਚ ਧੂੰਏਂ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਅੱਗ ਭੜਕਾਉ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨ ਕੇ ਰਸੋਈ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ।
  • ਸਾਬਣ, ਜੂਠੇ ਭਾਂਡਿਆਂ ਆਦਿ ਦਾ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਖਿਲਰੇ ਪਏ ਹੋਣਾ ।
  • ਰਸੋਈ ਵਿਚ ਰੌਸ਼ਨੀ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਗੁਸਲਖ਼ਾਨੇ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਕੋਈ ਪੰਜ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਾਬਣ ਜਾਂ ਤੇਲ ਆਦਿ ਫ਼ਰਸ਼ ਉੱਤੇ ਪਏ ਹੋਣਾ |
  2. ਪਾਣੀ ਦੀ ਟੂਟੀ ਜਾਂ ਫੱਵਾਰੇ ਦਾ ਠੀਕ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  3. ਗੁਸਲਖ਼ਾਨੇ ਵਿਚ ਕਾਈ ਆਦਿ ਜੰਮੀ ਹੋਣਾ |
  4. ਗੁਸਲਖ਼ਾਨਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਤੰਗ ਹੋਣਾ ।
  5. ਟੂਟੀਆਂ ਆਦਿ ਦਾ ਠੀਕ ਜਗਾ ਨਾ ਲੱਗੇ ਹੋਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਕੋਈ ਪੰਜ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਕਮਰੇ ਦਾ ਫ਼ਰਸ਼ ਤਿਲਕਵਾਂ ਹੋਣਾ ।
  • ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦਾ ਠੀਕ ਥਾਂ ਤੇ ਨਾ ਪਿਆ ਹੋਣਾ ।
  • ਰੌਸ਼ਨੀ ਦਾ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਬਲਦੀ ਅੰਗੀਠੀ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਰੱਖ ਕੇ ਸੌਣਾ ।
  • ਕੈਂਚੀ, ਚਾਕੂ ਆਦਿ ਦਾ ਬਿਸਤਰਿਆਂ ਤੇ ਪਿਆ ਹੋਣਾ ।

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸੜਕ ਉੱਤੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਕਿਹੜੇ ਮੁੱਖ ਕਾਰਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੜਕ ਤੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ

  • ਸੁਰੱਖਿਆ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਪਰਵਾਹ ਨਾ ਕਰਨੀ ।
  • ਤੇਜ਼ ਰਫ਼ਤਾਰ ਨਾਲ ਗੱਡੀ ਚਲਾਉਣਾ
  • ਸ਼ਰਾਬ ਜਾਂ ਹੋਰ ਨਸ਼ੀਲੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਡਰਾਈਵਿੰਗ ਕਰਨਾ ।
  • ਗੱਡੀਆਂ ਦੀਆਂ ਬੱਤੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾ ਕਰਨੀ ।
  • ਮੋੜ ਕੱਟਣ ਲੱਗਿਆਂ ਠੀਕ ਇਸ਼ਾਰੇ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾ ਕਰਨੀ ।
  • ਗੱਡੀਆਂ, ਸਕੂਟਰਾਂ, ਮੋਟਰਾਂ ਆਦਿ ਵਿਚ ਅਚਾਨਕ ਕਿਸੇ ਖ਼ਰਾਬੀ ਦਾ ਆ ਜਾਣਾ !
  • ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਕੇਲੇ, ਸੰਤਰੇ ਆਦਿ ਦੇ ਛਿਲਕੇ ਸੁੱਟਣਾ ।
  • ਘੱਟ ਸਮਾਂ ਹੋਣ ਤੇ ਛੇਤੀ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਦੂਜੀ ਮੋਟਰ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਲੰਘਣ ਦਾ ਯਤਨ ਕਰਨਾ ।
  • ਚੌਕ ਵਿਚ ਖੜੇ ਸਿਪਾਹੀ ਦੇ ਇਸ਼ਾਰੇ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਕਰਨੀ ।
  • ਟੈਫਿਕ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  • ਸੜਕ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਮਿੱਟੀ ਪੋਲੀ ਹੋਣੀ ਜਾਂ ਸੜਕ ਵਿਚ ਟੋਏ ਆਦਿ ਹੋਣਾ ।
  • ਡਰਾਈਵਰ ਦੀ ਨਜ਼ਰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋਣਾ ।
  • ਲੰਬੇ ਸਫ਼ਰ ਕਰਕੇ ਡਰਾਈਵਰਾਂ ਦਾ ਥੱਕੇ ਹੋਣਾ ।
  • ਕਿਸੇ ਡੰਗਰ ਜਾਂ ਬੱਚੇ ਆਦਿ ਦਾ ਅਚਾਨਕ ਸੜਕ ਤੇ ਆ ਜਾਣਾ ।
  • ਬੱਚਿਆਂ ਦਾ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਖੇਡਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਬਚਾਓ ਦੇ ਕੀ-ਕੀ ਤਰੀਕੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਬਚਾਓ ਦੇ ਤਰੀਕੇ (Methods of Safety at School)-ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰੀਕੇ ਹਨ:

  1. ਸਕੂਲ ਦੇ ਖੇਡ ਦਾ ਮੈਦਾਨ ਸਾਫ਼ ਸੁਥਰਾ ਤੇ ਪੱਧਰਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਖੇਡਾਂ ਦਾ ਟੁੱਟ-ਭੱਜਾ ਸਾਮਾਨ ਇਕ ਬੰਦ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਕਬੱਡੀ, ਕੁਸ਼ਤੀ ਆਦਿ ਖੇਡਦੇ ਸਮੇਂ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਅੰਗੂਠੀਆਂ ਜਾਂ ਕੋਈ ਤਿੱਖੀ ਚੀਜ਼ ਨਹੀਂ ਪਹਿਨਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  4. ਸਕੂਲ ਦੇ ਪਿਸ਼ਾਬ ਖਾਨੇ ਅਤੇ ਪਖਾਨੇ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀ ਤਿਲ੍ਹਕਣ ਨਹੀਂ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  5. ਸਕੂਲ ਦੇ ਫ਼ਰਸ਼ ਸਾਫ਼ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  6. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਕੇਲੇ, ਸੰਤਰੇ ਆਦਿ ਦੇ ਛਿਲਕੇ ਇਧਰ-ਉਧਰ ਨਹੀਂ ਸੁੱਟਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ।
  7. ਖੇਡਾਂ ਵਿਚ ਅਨਾੜੀ ਖਿਡਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਹਿੱਸਾ ਨਹੀਂ ਲੈਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ |
  8. ਖੇਡਾਂ ਦੀ ਟ੍ਰੇਨਿੰਗ ਟਰੇਂਡ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਦੁਆਰਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਵਧ ਰਹੀ ਜਨਸੰਖਿਆ ਕਾਰਨ ਵਧੇਰੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਨਸੰਖਿਆ ਦੇ ਵਧਣ ਕਾਰਨ ਵਧੇਰੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਭੱਜ-ਦੌੜ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਆਪਣੇ ਕੰਮਾਂ-ਧੰਦਿਆਂ ਲਈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਇਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਜਾਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਸੜਕਾਂ ਆਦਿ ਤੇ ਗਿਣਤੀ ਵਧ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਆਪਸ ਵਿਚ ਭਿੜ ਜਾਣਾ ਸੁਭਾਵਿਕ ਹੀ ਹੈ । ਦੁਸਰੇ ਇਸ ਦੇ ਫਲਸਰੂਪ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਮੋਟਰਾਂ, ਕਾਰਾਂ, ਸਕੂਟਰਾਂ, ਸਾਈਕਲਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਵਿਚ ਵੀ ਕਾਫ਼ੀ ਵਾਧਾ ਹੋਇਆ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਅਨੇਕਾਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਤਰਾਂ ਵਧ ਰਹੀ ਜਨਸੰਖਿਆ ਕਾਰਨ ਵਧੇਰੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਜਨਸੰਖਿਆ ਦੇ ਵਾਧੇ ‘ਤੇ ਰੋਕ ਲਾਉਣੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 5 ਸੁਰਖਿਆ-ਸਿੱਖਿਆ 1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ (Causes of Road accidents)

  • ਸੁਰੱਖਿਆ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਲਾਪਰਵਾਹੀ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਤੇਜ਼ ਰਫ਼ਤਾਰ ਨਾਲ ਕਾਰ, ਮੋਟਰ ਸਾਈਕਲ, ਸਕੂਟਰ ਆਦਿ ਚਲਾਣਾ ।
  • ਸ਼ਰਾਬ ਜਾਂ ਕੋਈ ਹੋਰ ਨਸ਼ੀਲੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਖਾ ਕੇ ਡਰਾਈਵਿੰਗ ਕਰਨਾ ।
  • ਗੱਡੀਆਂ ਦੀਆਂ ਲਾਈਟਾਂ ਆਦਿ ਦਾ ਠੀਕ ਇਸਤੇਮਾਲ ਨਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ।
  • ਗੱਡੀਆਂ ਦੇ ਡਰਾਇਵਰਾਂ ਦਾ ਮੋੜ ਕਟਦੇ ਸਮੇਂ ਇਸ਼ਾਰੇ ਨਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ।
  • ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਕੇਲੇ, ਸੰਤਰੇ ਆਦਿ ਦੇ ਛਿਲੜ ਸੁੱਟਣ ਨਾਲ ।
  • ਸੜਕ ਤੇ ਡਿਉਟੀ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਸਿਪਾਹੀ ਦੇ ਇਸ਼ਾਰਿਆਂ ਵਲ ਕੋਈ ਧਿਆਨ ਨਾ ਦੇਣਾ ।
  • ਟਰੈਫਿਕ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਨਾ ਕਰਨਾ ਜਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਗਿਆਨ ਨਾ ਹੋਣ ਨਾਲ ।
  • ਸੜਕਾਂ ਵਿਚ ਟੋਏ ਆਦਿ ਹੋਣ ਨਾਲ ਜਾਂ ਸੜਕਾਂ ਟੁੱਟੀਆਂ ਫੁਟੀਆਂ ਹੋਣ ਨਾਲ ।
  • ਡਰਾਈਵਰ ਦੀ ਕਮਜ਼ੋਰ ਨਜ਼ਰ ਜਾਂ ਬਹੁਤ ਥੱਕੇ ਹੋਣ ਨਾਲ ।
  • ਅਚਾਨਕ ਕਿਸੇ ਕਾਰ, ਸਾਈਕਲ, ਮੋਟਰ ਜਾਂ ਪਸ਼ੂ ਦੇ ਸੜਕ ਵਿਚ ਆਉਣ ਨਾਲ ਉਸ ਨੂੰ ਬਚਾਉਂਦੇ ਹੋਏ ਗੱਡੀ ਦਾ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਟੱਕਰ ਮਾਰਨਾ ।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 सबसे बड़ा धन (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB प्रार्थना Textbook Questions and Answers

सबसे बड़ा धन अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

  • ਉਪਾਅ = उपाय
  • ਲੱਖ = लाख
  • ਹੱਥ = हाथ
  • ਪ੍ਰਾਪਤ = प्राप्त
  • ਦੁੱਖੀ = दु:खी
  • ਘਬਰਾਇਆ = घबराया
  • पैमा = पैसा
  • ਮੂਰਖ = मूर्ख

उत्तर :
हिन्दी और पंजाबी शब्दों का अन्तर स्पष्ट है। विद्यार्थी इन्हें अपनी कॉपी पर लिखें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखें

  • ਜਿਉਂਦਾ = जीवित
  • ਮੁੰਹ = मुख
  • ਨਿਰੋਗ = स्वस्थ
  • ਅਮੀਰ = धनवान
  • ਸਮਾਂ = समय
  • ਨੇੜੇ, ਕੋਲ = पास

उत्तर :
विद्यार्थी पंजाबी और हिन्दी भाषा के शब्दों के अन्तर को समझें और इन्हें अपनी उत्तर – पुस्तिका में लिखने का अभ्यास करें।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :

(क) कपिल मुनि के आश्रम का क्या नाम था?
उत्तर :
कपिल मुनि के आश्रम का नाम मुक्तसर आश्रम था।

(ख) राहुल कैसा आदमी था?
उत्तर :
राहुल एक गरीब आदमी था।

(ग) मुनि ने राहुल से सबसे पहले क्या माँगा?
उत्तर :
मुनि ने सब से पहले राहुल से उसकी दोनों आँखें मांगी थीं।

(घ) कपिल मुनि ने राहुल से दस लाख रुपये के बदले में क्या माँगा?
उत्तर :
कपिल मुनि ने राहल से दस लाख रुपए के बदले में उसका मुख माँगा था।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में लिखें :

(क) कपिल मुनि द्वारा राहुल से दोनों आँखें माँगने पर राहुल ने क्या जवाब दिया?
उत्तर :
कपिल मुनि द्वारा राहुल से दोनों आँखें माँगने पर राहुल ने जवाब दिया कि आँखें दे दूंगा तो फिर मैं देखूगा कैसे ? नहीं, आँखें तो मैं नहीं दे सकता।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन

(ख) मुनि द्वारा दोनों हाथ माँगने पर राहुल सोच में क्यों पड़ गया?
उत्तर :
मुनि द्वारा राहुल से उसके दोनों हाथ माँगने पर वह इसलिए सोच में पड़ गया कि हाथ देकर तो वह कुछ भी नहीं कर सकेगा। अगर हाथ दे दूंगा तो फिर काम कैसे करूँगा।

(ग) जब मुनि ने राहुल से उसके दोनों पैर माँगे तो राहुल क्यों घबरा गया?
उत्तर :
जब मुनि ने राहुल से उसको दो लाख देने की बात करते हुए उससे उसके दोनों पैर मांग लिए तो वह यह सोचकर घबरा गया कि पैरों को दे देने से तो वह चल – फिर भी नहीं सकेगा। बिना पैरों के वह न तो कहीं आ सकेगा न जा सकेगा, इसलिए उसने सोचा कि वह पैर भी नहीं देगा।

(घ) मुनि द्वारा दस लाख रुपये का लालच देने पर भी राहुल ने अपना मुख उन्हें क्यों नहीं दिया?
उत्तर :
मुनि द्वारा मुख का मूल्य दस लाख दिए जाने पर भी राहुल ने मना करते हुए कहा कि “हे मुनिराज! यदि मैं आपको अपना मुख ही दे दूंगा तो मैं खाऊँगा कैसे ?, पीऊँगा कैसे ? खाये – पीये बिना मैं जीवित कैसे रहूँगा ? किसी से बात कैसे कर सकूँगा ?”

(च) मुनि ने सबसे बड़ा धन किसे कहा?
उत्तर :
मुनि ने राहुल को समझाते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर ही सब से बड़ा धन है। इस शरीर से मेहनत कर और कमाकर खा। इससे ही तुम्हें जीवन भर सुख मिलेगा।

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(ङ) कपिल मुनि द्वारा दी गई सीख से राहुल के जीवन में क्या असर पड़ा?
उत्तर :
कपिल मुनि द्वारा दी गई सीख से राहुल शरीर का महत्त्व समझ गया और उसने मेहनत करनी शुरू कर दी जिससे वह देखते ही देखते अमीर बन गया।

5.
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन 2
ऊपर दिए गए चित्रों के नीचे कुछ शब्द लिखे हुए हैं
बूढ़ा-जवान, मोटा-पतला, पूरा-आधा। ये शब्द एक दुसरे से उल्ट अर्थ दे रहे हैं अर्थात् एक दूसरे के विपरीत हैं। ऐसे शब्दों को ही विलोम शब्द कहते हैं।
उत्तर :
बूढ़ा – जवान, पूरा – आधा, मोटा – पतला। ये शब्द एक – दूसरे से उल्टा अर्थ दे रहे हैं। एक – दूसरे के विपरीत हैं। ऐसे शब्दों को ही विलोम शब्द कहते हैं।

6. विलोम शब्दों का मिलान करो :
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन 1
उत्तर :
विलोम शब्द –

  • गरीब = अमीर।
  • जीवन मृत्यु।
  • पास
  • स्वस्थ रोगी।
  • बुद्धिमान = मूर्ख।
  • सुखी = दुखी।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन

सोचिए और लिखिए
यदि आप राहुल की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर :
यदि हम राहुल की जगह होते तो मुनि के पास जाने की अपेक्षा शुरू से ही मेहनत करके सफलता प्राप्त करने की कोशिश करते। अमीर बनने का सबसे बड़ा मूल मन्त्र है परिश्रम। इस मूल मन्त्र को ध्यान में रखकर हम परिश्रम करते और सफल होते।

प्रयोगात्मक व्याकरण

(क) कपिल मुनि मुक्तसर आश्रम में रहते थे।
(ख) क्या तुम्हारे पास कोई मकान है?
(ग) उनको राहुल पर गुस्सा आया।
(घ) राहुल ने मेहनत करने की ठान ली।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘कपिल मुनि’, ‘राहुल’, व्यक्तियों के नाम हैं। ‘मुक्तसर स्थान का नाम है। ‘मकान’ वस्तु का नाम है। ‘गुस्सा’ भाव विशेष का तथा ‘मेहनत’ गुण विशेष का नाम है। अतएव कपिल मुनि, राहुल, मुक्तसर, मकान, गुस्सा तथा मेहनत किसी न किसी के नाम को प्रकट कर रहे हैं। ऐसे पद, जो किसी के नाम का बोध कराएँ, संज्ञा कहलाते हैं।

अतएव, किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

7. निम्नलिखित वाक्यों में से संज्ञा शब्द छाँटिए और बॉक्स में लिखिए :

(क) राहुल एक गरीब आदमी था। – [राहुल] [ ] [ ]
(ख) कपिल मुनि ने फिर पूछा, “कोई मकान, कोई खेत, कुछ तो होगा?” [ ] [ ] [ ]
(ग) कपिल मुनि ने उससे आँखें, हाथ, पैर, मुख तथा जीभ माँगी। [ ] [ ] [ ] [ ] [ ] [ ]
(घ) उसे बहुत दुःख हुआ। [ ]
(ङ) राहुल ने परिश्रम करना शुरू कर दिया। [ ] [ ]
उत्तर :
(क) [राहुल] [गरीब] [आदमी]
(ख) [कपिल] [मुनि] [मकान] [खेत]
(ग) [कपिल मुनि] [आँखें] [हाथ] [पैर] [मुख] [जीभ]
(घ) [दुःख]
(ङ) [राहुल] [परिश्रम]

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8. निम्नलिखित शब्दों में अक्षरों को उचित क्रम में रखकर सही शब्द बनाओ :

  • तेड़ागिगिड़ : गिड़गिड़ाते
  • जरामहा : _________________
  • राबघया : _________________
  • एइलिस : _________________
  • तेहचा : _________________
  • वानभग : _________________
  • लकपि : _________________
  • मारकक : _________________
  • कानम : _________________
  • हमेतन : _________________

उत्तर :

  • गिड़गिड़ाते।
  • महाराज।
  • घबराया।
  • इसलिए।
  • चाहते
  • भगवान।
  • कपिल।
  • कमाकर।
  • मकान।
  • मेहनत।

9. बूझो तो जानें

सफेद रंग की कटोरी में
अंडा देखो काला-काला
खोलो तो देखो सबको
बंद करो तो अंधियारा
उत्तर :
आँख।

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तिलक, तमाचा, ताली मुझसे
चित्रकला, लेखन सब मुझसे
ऐसे-ऐसे करतब मैं करता
सारा जग है अचरज करता।
उत्तर :
हाथ।

‘प’ अक्षर से मेरा नाम
चलते रहना मेरा काम
सोच समझ के बच्चो!
तुम बतलाओ मेरा नाम
उत्तर :
पैर।

बत्तीस हैं सिपाही जिसके
है ऐसा एक राजा
आगे लगा हुआ है उसके
महल-सा दरवाजा
उत्तर :
मुँह।

स्वाद तुम्हें मैं हूँ बतलाती
छिपकर मैं हूँ मुँह में रहती
मीठा बोलूँ तो नाम कमाऊँ
कड़वा बोलूँ तो मुँह की खाऊँ।
उत्तर :
जीभ।

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आदि कटे तो राम बन जाता
बीच कटे तो आम बन जाता
थक टूट कर जब घर आते
तब मैं सबको याद आता।
उत्तर :
आराम।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कपिल मुनि किस आश्रम में रहते थे ?
(क) मुक्तसर
(ख) अमृतसर
(ग) विरक्तपुर
(घ) आनंदपुर।
उत्तर :
(क) मुक्तसर

प्रश्न 2.
एक दिन गुरु जी के पास कौन आया ?
(क) मित्र
(ख) शिष्य
(ग) राहुल
(घ) गुरु।
उत्तर :
(ग) राहुल

प्रश्न 3.
गुरु के अनुसार कौन-सा धन सबसे बड़ा है ?
(क) स्वस्थ शरीर
(ख) सोना
(ग) चाँदी
(घ) तांबा।
उत्तर :
(क) स्वस्थ शरीर

प्रश्न 4.
राहुल नामक गरीब आदमी मेहनत से क्या बन गया?
(क) गरीब
(ख) अमीर
(ग) लालची
(घ) नकलची।
उत्तर :
(ख) अमीर

प्रश्न 5.
‘सबसे बड़ा धन’ पाठ के आधार पर बताएं कि कपिल मुनि ने राहुल से दस लाख रुपये के बदले क्या माँगा ?
(क) हाथ
(ख) आँख
(ग) पैर
(घ) मुख।
उत्तर :
(घ) मुख।

सबसे बड़ा धन पाठ का सार Summary in Hindi

बहुत समय पहले की बात है कि मुक्तसर आश्रम में कपिल मुनि रहते थे। एक दिन मनि के पास राहल नामक एक गरीब आदमी आया। उसने कहा, “बाबा जी! मझे ऐसा उपाय बताएँ, जिससे मैं इतना धन कमा लूँ कि मुझे जीवनभर धन की कोई कमी न रहे।” मुनि ने पूछा – “क्या तुम्हारे पास बिल्कुल ही धन नहीं है ?” उसने कहा मेरे पास एक पैसा भी नहीं है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन 3

कपिल मुनि बोले – “यदि तू अपनी दोनों आँखें मुझे दे दो तो मैं तुम्हें एक लाख रुपए दूंगा।” राहुल बोला कि फिर मैं देखूगा कैसे ? इसलिए मैं आँखें नहीं दे सकता। मुनि ने कहा “अच्छा तो अपने दोनों हाथ दे दो।” वह बोला, “हाथ देकर मैं कुछ भी नहीं कर सकूँगा।”

मुनि ने पैर माँगे, तो उसने कहा, “मैं चल – फिर नहीं सकूँगा।” मुनि ने क्रोध में कहा कि यदि तुम कुछ दे नहीं सकते तो मैं धन कैसे दे सकता हूँ। फिर उन्होंने कहा यदि तुम अपना मुख मुझे दे दो तो मैं तुम्हें दस लाख रुपए दे सकता हूँ। राहुल बोला कि यदि मैं अपना मुख दे दूं तो मैं खाऊँगा, पीऊँगा कैसे ?

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 2 सबसे बड़ा धन

मुनि बोले – “तुम ही बताओ कि तुम क्या दे सकते हो ?” वह हैरान हो गया और कुछ भी न बोला। मुनि ने कहा अच्छा तुम अपनी जीभ दे दो। राहुल ने कहा – नहीं, कभी नहीं।

कपिल मुनि मुस्करा कर बोले – “अरे मूर्ख ! तू तो कहता था तेरे पास कुछ भी नहीं है। भगवान् ने तुझे एक – एक अंग लाखों रुपयों का दे रखा है। स्वस्थ शरीर ही सब से बड़ा धन है। इससे मेहनत कर और कमा कर खा।” राहुल ने मेहनत करनी शुरू कर दी और वह अमीर बन गया।

कठिन शब्दों के अर्थ – आश्रम = साधु संतों की कुटी, तपोवन। उपाय = तरीका। जीवित = जिन्दा। बिल्कुल = जरा भी, थोड़ा – सा भी। धनवान् = धनी, अमीर। प्राप्त = हासिल। अंग = हिस्सा। मुनि राज = मुनियों में श्रेष्ठ। स्वस्थ = तन्दुरुस्त।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 3 ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 3 ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 3 ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ

Physical Education Guide for Class 6 PSEB ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਜਨਮ ਕਦੋਂ ਹੋਇਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਜਨਮ 29 ਅਗਸਤ, 1905 ਈ: ਨੂੰ ਅਲਾਹਾਬਾਦ ਵਿਖੇ ਪਿਤਾ ਸਮੇਸਵਰ ਦੱਤ ਦੇ ਘਰ ਹੋਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਭਾਰਤੀ ਹਾਕੀ ਟੀਮ ਨੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਕਦੋਂ ਭਾਗ ਲਿਆ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਨੇ ਕਿਹੜਾ ਤਮਗਾ ਹਾਸਲ ਕੀਤਾ ?
ਉੱਤਰ-
1928 ਈ: ਵਿੱਚ ਐਮਸਟਰਡਮ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰੀ ਭਾਰਤੀ ਟੀਮ ਨੇ ਭਾਗ ਲਿਆ । ਇਹਨਾਂ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਨੇ ਸੋਨੇ ਦਾ ਤਗਮਾ ਜਿੱਤਿਆ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਜੁੜੀਆਂ ਕਹਾਣੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਸ ਮਹਾਨ ਖਿਡਾਰੀ ਨਾਲ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਦੰਦ-ਕਥਾਵਾਂ ਜੁੜੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹਨ । ਇਕ ਵਾਰ ਹਾਲੈਂਡ ਵਿੱਚ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੀ ਹਾਕੀ ਤੋੜ ਕੇ ਵੇਖੀ ਗਈ ਕਿ ਕਿਤੇ ਇਸ ਖਿਡਾਰੀ ਨੇ ਆਪਣੀ ਸਟਿੱਕ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਚੁੰਬਕ ਜਿਹੀ ਚੀਜ਼ ਨਾ ਫਿੱਟ ਕੀਤੀ ਹੋਵੇ । ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਗੇਂਦ ਤੇ ਬਹੁਤ ਕਾਬੁ ਸੀ । ਉਸ ਦੀ ਗੇਂਦ ਉਸ ਦੀ ਹਾਕੀ ਤੋਂ ਅਲੱਗ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਸੀ । ਕਈ ਲੋਕ ਮੰਨਦੇ ਸੀ ਕਿ ਉਸ ਦੀ ਹਾਕੀ ਇੱਕ ਜਾਦੂਈ ਹਾਕੀ ਹੈ ।

ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਆਪਣੀ ਕਮਾਲ ਦੀ ਖੇਡ ਨਾਲ ਜਰਮਨੀ ਦੇ ਤਾਨਾਸ਼ਾਹ ਹਿਟਲਰ ਦਾ ਵੀ ਦਿਲ ਜਿੱਤ ਲਿਆ ਸੀ । ਹਿਟਲਰ ਨੇ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੂੰ ਜਰਮਨੀ ਵੱਲੋਂ ਖੇਡਣ ਦੀ ਪੇਸ਼ਕਸ਼ ਕੀਤੀ ਸੀ ਅਤੇ ਫ਼ੌਜ ਵਿੱਚ ਵੱਡਾ ਅਹੁਦਾ ਦੇਣ ਦਾ ਲਾਲਚ ਵੀ ਦਿੱਤਾ । ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਭਾਰਤ ਵੱਲੋਂ ਖੇਡਣਾ ਹੀ ਆਪਣਾ ਗੌਰਵ ਸਮਝਿਆ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਪਹਿਲਾ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਮੈਚ ਕਦੋਂ ਅਤੇ ਕਿੱਥੇ ਖੇਡਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਸਨੇ 13 ਮਈ, 1926 ਵਿੱਚ ਨਿਊਜ਼ੀਲੈਂਡ ਵਿਚ ਪਹਿਲੇ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਮੈਚ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ । ਜਿਸ ਵਿੱਚ 18 ਮੈਚ ਭਾਰਤੀ ਟੀਮ ਨੇ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੀ ਬੇਹਤਰੀਨ ਖੇਡ ਸਦਕਾ ਜਿੱਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਬੁੱਤ ਕਿਹੜੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਲੱਗਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਬੁੱਤ ਅਸਟਰੀਆ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰ ਬਿਆਨਾ ਵਿੱਚ ਲੱਗਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਇਸ ਬੁੱਤ ਦੇ ਚਾਰ ਹੱਥ ਬਣਾਏ ਗਏ ਹਨ ਤੇ ਚਾਰੇ ਹੱਥਾਂ ਵਿੱਚ ਚਾਰ ਹਾਕੀਆਂ ਫੜਾਈਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਬੁੱਤ ਉਸਦੀ ਅਨੋਖੀ ਖੇਡ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੀ ਜੀਵਨੀ ਬਾਰੇ ਇਕ ਸੰਖੇਪ ਨੋਟ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਭਾਰਤ ਦਾ ਹਾਕੀ ਦਾ ਇੱਕ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਖਿਡਾਰੀ ਸੀ । ਜਿਸਨੇ ਆਪਣੀ ਖੇਡ ਸ਼ੈਲੀ ਕਰਕੇ ਭਾਰਤ ਦਾ ਨਾਂ ਦੁਨੀਆਂ ਵਿੱਚ ਚਮਕਾਇਆ । ਹਾਕੀ ਵਿੱਚ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਪੱਧਰ ਤੇ ਸੋਨੇ ਤੇ ਚਾਂਦੀ ਦੇ ਤਮਗੇ ਜਿੱਤੇ । ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਜਨਮ 29 ਅਗਸਤ, 1905 ਈ: ਨੂੰ ਅਲਾਹਾਬਾਦ ਵਿਖੇ ਪਿਤਾ ਸਮੇਸਵਰ ਦੱਤ ਦੇ ਘਰ ਹੋਇਆ । ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੇ ਪਿਤਾ ਅਤੇ ਵੱਡਾ ਭਰਾ ਰੂਪ ਸਿੰਘ ਵੀ ਹਾਕੀ ਦੇ ਉੱਘੇ ਖਿਡਾਰੀ ਸਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੂੰ ਹਾਕੀ ਦੀ ਖੇਡ ਵਿਰਾਸਤ ਵਿੱਚੋਂ ਮਿਲੀ । ਇਸ ਦੇ ਪਿਤਾ ਜੀ ਬਿਟਿਸ਼ ਇੰਡੀਅਨ ਆਰਮੀ ਵਿੱਚ ਨੌਕਰੀ ਕਰਦੇ ਸਨ । ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ 16 ਸਾਲਾਂ ਦੀ ਉਮਰ ਵਿੱਚ ਫ਼ੌਜ ਵਿੱਚ ਭਰਤੀ ਹੋਏ ਅਤੇ ਉੱਥੇ ਸੂਬੇਦਾਰ ਮੇਜਰ ਤਿਵਾੜੀ ਨੇ ਹਾਕੀ ਖੇਡਣ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕੀਤਾ । ਉੱਥੇ ਫ਼ੌਜ ਦੀ ਡਿਉਟੀ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੇਰ ਰਾਤ ਤੱਕ ਚੰਨ ਦੀ ਰੋਸ਼ਨੀ ਵਿੱਚ ਪੈਕਟਿਸ ਕਰਦੇ ਸਨ । 1922 ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 1926 ਤੱਕ ਸੈਨਾ ਦੇ ਖੇਡ ਮੁਕਾਬਲਿਆਂ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਖੇਡ ਮੁਕਾਬਲਿਆਂ ਵਿੱਚ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੀ ਖੇਡ ਦੀ ਬਹੁਤ ਪ੍ਰਸ਼ੰਸਾ ਹੋਈ । 13 ਮਈ, 1926 ਵਿੱਚ ਨਿਊਜ਼ੀਲੈਂਡ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲਾਂ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ ’ਤੇ ਜਿੱਤ ਹਾਸਲ ਕੀਤੀ ।

1928 ਈ: ਵਿੱਚ ਐਮਸਟਰਡਮ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ ਤੇ ਸੋਨੇ ਦਾ ਤਗਮਾ ਜਿੱਤਿਆ । 1932 ਵਿੱਚ ਲਾਸ ਏਂਜਲਸ ਉਲੰਪਿਕ ਵਿੱਚ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਭਾਗ ਲਿਆ ’ਤੇ ਸੈਂਟਰ ਫਾਰਵਰਡ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅਹਿਮਭੂਮਿਕਾ ਨਿਭਾਈ । ਫਾਈਨਲ ਮੈਚ ਜੋ ਅਮਰੀਕਾ ਨਾਲ ਹੋਇਆ । ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਨਿੱਜੀ 8 ਗੋਲ ਕੀਤੇ ਤੇ ਮੈਚ 24-1 ਗੋਲ ਨਾਲ ਜਿੱਤ ਲਿਆ । ਇਸ ਉਲੰਪਿਕ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤੀ ਟੀਮ ਨੇ 262 ਗੋਲ ਕੀਤੇ । ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ 101 ਗੋਲ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਕੀਤੇ ਸਨ। ਜਿਸ ਦੇ ਸਦਕਾ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਨਾਂ ਹਾਕੀ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਚੋਟੀ ਦੇ ਖਿਡਾਰੀਆਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੋਇਆ । ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੂੰ ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੇ 1956 ਈ: ਵਿੱਚ ਪਦਮ ਭੂਸ਼ਣ ਦੇ ਨਾਲ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ । ਇੰਡੀਅਨ ਉਲੰਪਿਕ ਐਸੋਸੀਏਸ਼ਨ ਵਲੋਂ ਸ਼ਤਾਬਦੀ ਦਾ ਸਰਵੋਤਮ ਖਿਡਾਰੀ ਘੋਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ । ਹੁਣ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ ਬਤੌਰ ਨੈਸ਼ਨਲ ਸਪੋਰਟ ਡੇ ਦੇ ਤੌਰ ਤੇ ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਮਹਾਨ ਖਿਡਾਰੀ ਦੀਆਂ ਉਪਲੱਬਧੀਆਂ ਨੂੰ ਦੇਖਦੇ ਹੋਏ ਇੰਝ ਜਾਪਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਜਨਮ ਹਾਕੀ ਖੇਡਾਂ ਲਈ ਹੋਇਆ ਸੀ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਕਈ ਮੀਲ ਪੱਥਰ ਗੱਡੇ ਹਨ ਅਤੇ ਖੇਡ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ 1000 ਤੋਂ ਵੱਧ ਗੋਲ ਕੀਤੇ । ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ 400 ਗੋਲ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਪੱਧਰ ਤੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਦੇਸ਼ਾਂ ਦੀਆਂ ਟੀਮਾਂ ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਕੀਤੇ ਗਏ । ਜਿਸ ਦੇ ਸਦਕਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ੌਜ ਵਿੱਚ ਵੀ ਤਰੱਕੀ ਮਿਲਦੀ ਗਈ ।

ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੂੰ ਨੈਸ਼ਨਲ ਇਨਸਟੀਚਿਊਟ ਆਫ਼ ਪਟਿਆਲਾ ਦੇ ਚੀਫ਼ ਕੋਚ ਹੋਣ ਦਾ ਮਾਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ । 3 ਦਸੰਬਰ, 1979 ਵਿੱਚ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਦੇਹਾਂਤ ਹੋ ਗਿਆ । ਭਾਰਤੀ ਡਾਕ ਵਿਭਾਗ ਨੇ ਉਸਦੀ ਯਾਦ ਵਿੱਚ ਇਕ ਡਾਕ ਟਿਕਟ ਵੀ ਜਾਰੀ ਕੀਤਾ ਸੀ ਅਤੇ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਸਟੇਡੀਅਮ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਤੇ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ । ਸਾਰੇ ਖਿਡਾਰੀਆਂ ਦੀ ਦਿਲੋਂ ਖਾਹਿਸ਼ ਹੈ ਕਿ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਮਰਨ ਉਪਰੰਤ ‘ਭਾਰਤ ਰਤਨ’ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੀ ਯਾਦ ਨੂੰ ਸਮਰਪਿਤ ਕੀ ਉਪਰਾਲੇ ਕੀਤੇ ਗਏ ?
ਉੱਤਰ-

  • ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਦੁਆਰਾ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੀ ਅਨੋਖੀ ਖੇਡ ਪ੍ਰਤਿਭਾ ਨੂੰ ਵੇਖਦਿਆਂ, ਉਸਨੂੰ 1956 ਈ: ਵਿਚ ਪਦਮ ਭੂਸ਼ਣ ਦੇ ਕੇ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ।
  • ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ ਬਤੌਰ ਨੈਸ਼ਨਲ ਸਪੋਰਟਸ ਡੇ ਦੇ ਤੌਰ ਤੇ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਭਾਰਤੀ ਡਾਕ ਵਿਭਾਗ ਨੇ ਉਸਦੀ ਯਾਦ ਵਿੱਚ ਇਕ ਡਾਕ ਟਿਕਟ ਵੀ ਜਾਰੀ ਕੀਤਾ ਸੀ ।
  • ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਸਟੇਡੀਅਮ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਤੇ ਬਣਾਇਆ ਹੈ ।

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PSEB 6th Class Physical Education Guide ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ Important Questions and Answers

ਬਹੁ-ਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ ਕਦੋਂ ਹੋਇਆ ?
(ਉ) 1905 ਵਿਚ
(ਅ) 1910 ਵਿਚ
(ੲ) 1912 ਵਿਚ
(ਸ) 1915 ਵਿਚ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) 1905 ਵਿਚ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਭਾਰਤੀ ਹਾਕੀ ਟੀਮ ਨੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਕਦੋਂ ਭਾਗ ਲਿਆ ?
(ਉ) 1928 ਵਿਚ
(ਅ) 1932 ਵਿਚ
(ੲ) 1936 ਵਿਚ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) 1928 ਵਿਚ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ ਪਹਿਲਾ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਮੈਚ ਕਦੋਂ ਖੇਡਿਆ ?
(ਉ) 1926
(ਅ) 1928
(ੲ) 1932
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) 1926

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਬੁੱਤ ਕਿਹੜੇ ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਲੱਗਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ?
(ੳ) ਆਸਟਰੀਆ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿਆਨਾ ਵਿਚ
(ਅ) ਅਮਰੀਕਾ ਵਿਚ
(ੲ) ਨਿਊਜ਼ੀਲੈਂਡ ਵਿਚ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਆਸਟਰੀਆ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿਆਨਾ ਵਿਚ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੂੰ ਕੀ ਸਨਮਾਨ ਮਿਲਿਆ ?
(ਉ) 1956 ਵਿਚ ਪਦਮ ਭੂਸ਼ਣ
(ਅ) ਭਾਰਤੀ ਡਾਕ ਵਿਭਾਗ ਨੇ ਉਸਦੀ ਯਾਦ ਵਿਚ ਡਾਕ ਟਿਕਟ ਜਾਰੀ ਕੀਤਾ
(ੲ) ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਦਿੱਲੀ ਵਿਚ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਸਟੇਡੀਅਮ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਬਣਾਇਆ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਕਿਸ ਖੇਡ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਸਨ ?
(ਉ) ਫੁਟਬਾਲ
(ਅ) ਹਾਕੀ
(ਸ) ਕ੍ਰਿਕਟ
(ਸ) ਬੈਡਮਿੰਟਨ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਹਾਕੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ ਹਾਕੀ ਕਿੱਥੇ ਖੇਲ੍ਹਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ ?
(ਉ) ਘਰ ਵਿਚ
(ਅ) ਫ਼ੌਜ ਵਿਚ
(ੲ) ਸਕੂਲ ਵਿਚ
(ਸ) ਕਾਲਜ ਵਿਚ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਫ਼ੌਜ ਵਿਚ

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਕਿਸ ਖੇਡ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ‘ਹਾਕੀ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਸਨ ?

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਹਾਕੀ ਕਿੱਥੇ ਖੇਡਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਹਾਕੀ ‘ਫ਼ੌਜ’ ਵਿੱਚ ਖੇਡਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ ਕਿਸਨੂੰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 3 ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਜਨਮ ਕਦੋਂ ਹੋਇਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਜਨਮ 29 ਅਗਸਤ, 1905 ਵਿੱਚ ਅਲਾਹਾਬਾਦ ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੇ ਪਿਤਾ ਦਾ ਕੀ ਨਾਂ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੇ ਪਿਤਾ ਦਾ ਨਾਂ ‘ਸਮੇਸਵਰ ਦੱਤ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਭਰਾ ‘ਰੂਪ ਸਿੰਘ’ ਹਾਕੀ ਦੇ ਖਿਡਾਰੀ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੂਪ ਸਿੰਘ ਵੀ ਆਪਣੇ ਪਿਤਾ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਾਕੀ ਦੇ ਖਿਡਾਰੀ ਸਨ ।

ਪਸ਼ਨ 7.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦੇ ਪਿਤਾ ਕਿੱਥੇ ਨੌਕਰੀ ਕਰਦੇ ਸਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿਤਾ ਜੀ ‘ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਇੰਡੀਅਨ ਆਰਮੀ ਵਿੱਚ ਨੌਕਰੀ ਕਰਦੇ ਸਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਕਿਸ ਉਮਰ ਵਿੱਚ ਫ਼ੌਜ ਦੀ ਨੌਕਰੀ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੇ 16 ਸਾਲ ਦੀ ਉਮਰ ਵਿੱਚ ਫ਼ੌਜ ਦੀ ਨੌਕਰੀ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ ਕਿਸੇ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਮੈਚ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
13 ਮਈ, 1926 ਵਿੱਚ ਨਿਊਜ਼ੀਲੈਂਡ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ ਕਿਸ ਉਲੰਪਿਕ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਭਾਗ ਲਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
1928 ਵਿੱਚ ਐਮਸਟਰਡਮ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ |

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ ਕਦੋਂ ਅਤੇ ਕਿੱਥੇ ਹੋਇਆ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਦੇਹਾਂਤ ਕਦੋਂ ਹੋਇਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ 29 ਅਗਸਤ, 1905 ਵਿੱਚ ਅਲਾਹਾਬਾਦ ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ । 3 ਦਸੰਬਰ, 1979 ਈ: ਵਿੱਚ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਦੇਹਾਂਤ ਹੋ ਗਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹਾਕੀ ਖੇਡ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ ਆਪਣੇ ਵਿਰੋਧੀਆਂ ਵਿਰੁੱਧ ਕਿੰਨੇ ਗੋਲ ਕੀਤੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ ਆਪਣੇ ਵਿਰੋਧੀਆਂ ਵਿਰੁੱਧ 1000 ਗੋਲ ਕੀਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਮੈਚਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਗੋਲ ਕੀਤੇ ?
ਉੱਤਰ-ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਮੈਚਾਂ ਵਿੱਚ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ 400 ਗੋਲ ਕੀਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ ਹਾਕੀ ਖੇਡਣਾ ਕਿੱਥੇ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੇ ਹਾਕੀ ਖੇਡਣਾ ਫ਼ੌਜ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੂੰ ਹਿਟਲਰ ਨੇ ਕੀ ਕਿਹਾ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਸਨੂੰ ਜਰਮਨੀ ਵਲੋਂ ਖੇਡਣ ਲਈ ਕਿਹਾ ਸੀ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 3 ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜਰਮਨੀ ਦੇ ਹਿਟਲਰ ਨੇ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੂੰ ਜਰਮਨੀ ਦੀ ਫ਼ੌਜ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਤੇ ਕਿਹੜਾ ਅਹੁਦਾ ਦੇਣ ਲਈ ਕਿਹਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੱਡਾ ਅਹੁਦਾ ਦੇਣ ਲਈ ਕਿਹਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਰੈਡਮੈਨ ਨੇ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੂੰ ਕੀ ਪੁੱਛਿਆ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਕੀ ਨਾਲ ਉਹ ਇੰਨੇ ਗੋਲ ਕਿਵੇਂ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪਦਮ ਭੂਸ਼ਣ ਦੇ ਨਾਲ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕਰਨ ਮਗਰੋਂ ਇੰਡੀਅਨ ਉਲੰਪਿਕ ਐਸੋਸੀਏਸ਼ਨ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਅਹੁਦੇ ਨਾਲ ਨਵਾਜਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਤਾਬਦੀ ਦਾ ਸਰਵੋਤਮ ਖਿਡਾਰੀ ਐਲਾਨ ਕੀਤਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਬੁੱਤ ਕਿਹੜੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਸਟਰੀਆ ਦੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿਆਨਾ ਵਿੱਚ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 3 ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੀ ਹਾਕੀ ਕਿਉਂ ਤੋੜੀ ਗਈ ਸੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਦੇਖਣ ਲਈ ਕਿ ਉਸਦੀ ਹਾਕੀ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਚੁੰਬਕ ਤੇ ਨਹੀਂ ਲੱਗਿਆਂ ।

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੇ ਜੀਵਨ ਨਾਲ ਜੁੜੀ ਕਹਾਣੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਮਹਾਨ ਕ੍ਰਿਕੇਟਰ ਡਾਨ ਬਰੈਡਮੈਨ ਨੂੰ ਵੀ ਆਪਣਾ ਪ੍ਰਸ਼ੰਸਕ ਬਣਾ ਲਿਆ | ਬਰੈਡਮੈਨ ਨੇ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੂੰ ਸਵਾਲ ਕੀਤਾ ਕੀ ਉਹ ਇੰਨੇ ਗੋਲ ਕਿਵੇਂ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ? ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਜਿਵੇਂ ਬੱਲੇ ਨਾਲ ਦੌੜਾਂ ਬਣ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਟਿੱਕ ਨਾਲ ਗੋਲ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਆਪਣੇ ਖੇਡ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਕੀ-ਕੀ ਉਪਲੱਬਧੀਆਂ ਹਾਸਲ ਕੀਤੀਆਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੂੰ 1956 ਈ: ਵਿਚ ਪਦਮ ਭੂਸ਼ਣ ਦੇ ਕੇ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ । ਇੰਡੀਅਨ ਉਲੰਪਿਕ ਐਸੋਸੀਏਸ਼ਨ ਵਲੋਂ ਸ਼ਤਾਬਦੀ ਦਾ ਸਰਵੋਤਮ ਖਿਡਾਰੀ ਐਲਾਨਿਆਂ ਗਿਆ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਜਨਮ ਬਤੌਰ ਨੈਸ਼ਨਲ ਸਪੋਰਟ ਡੇ ਦੇ ਤੌਰ ਤੇ ਸਾਰੇ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦੇ ਸਪੁੱਤਰ ਅਸ਼ੋਕ ਕੁਮਾਰ ਨੇ ਭਾਰਤੀ ਹਾਕੀ ਟੀਮ ਨੂੰ ਵਰਲਡ ਕੱਪ ਉਲੰਪਿਕ ਅਤੇ ਏਸ਼ੀਅਨ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਤਗਮੇ ਦਵਾਏ ਸਨ । ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਸਤਿਕਾਰ ਸਾਰੀ ਦੁਨੀਆਂ ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਪਹਿਲਾਂ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਮੈਚ ਕਦੋਂ ਖੇਡਿਆ ? 1928 ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
13 ਮਈ, 1926 ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਮੈਚ ਖੇਡਿਆ । 1928 ਈ: ਵਿੱਚ ਐਮਸਟਰਡਮ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰੀ ਭਾਰਤੀ ਟੀਮ ਨੇ ਭਾਗ ਲਿਆ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿਚ ਸ਼ੁਰੂਆਤੀ ਮੈਚ ਜਿੱਤਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਭਾਰਤ ਨੇ ਆਸਟਰੇਲੀਆ ਨੂੰ 60, ਬੈਲਜ਼ੀਅਮ ਨੂੰ 90, ਡੈਨਮਾਰਕ ਨੂੰ 5-0, ਸਵਿਟਰਲੈਂਡ ਨੂੰ 6-0 ਅਤੇ ਫਾਈਨਲ ਮੈਚ ਵਿੱਚ ਹਾਲੈਂਡ ਨੂੰ 3-0 ਗੋਲਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਹਾਕੀ ਦਾ ਚੈਪੀਅਨ ਬਣਿਆ । ਇਸ ਫਾਈਨਲ ਮੈਚ ਵਿੱਚ 3 ਗੋਲਾਂ ਚੋਂ 2 ਗੋਲ ਇਕੱਲੇ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਕੀਤੇ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 3 ਹਾਕੀ ਦਾ ਜਾਦੂਗਰ-ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
1932 ਈ: ਵਿੱਚ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦੀਆਂ ਉਪਲੱਬਧੀਆਂ ਦਾ ਵੇਰਵਾ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
1932 ਈ: ਵਿੱਚ ਲਾਸ ਏਂਜਲਸ ਉਲੰਪਿਕ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤੀ ਟੀਮ ਨੇ ਭਾਗ ਲਿਆ । ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਸੈਂਟਰ ਫਾਰਵਰਡ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅਹਿਮ ਭੂਮਿਕਾ ਨਿਭਾਈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਫਾਈਨਲ ਮੈਚ ਅਮਰੀਕਾ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਵਿਚਕਾਰ ਹੋਇਆ । ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤ ਨੇ ਅਮਰੀਕਾ ਦੀ ਟੀਮ ਨੂੰ 24-1 ਗੋਲਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ । ਇਹਨਾਂ 24 ਗੋਲਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 8 ਗੋਲ ਇਕੱਲੇ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਕੀਤੇ । ਅਮਰੀਕਾ ਦੀ ਇਸ ਸ਼ਰਮਨਾਕ ਹਾਰ ਤੇ ਅਮਰੀਕਾ ਦੇ ਹੀ ਇੱਕ ਅਖ਼ਬਾਰ ਨੇ ਛਾਪਿਆ ਕਿ ਭਾਰਤੀ ਹਾਕੀ ਟੀਮ ਤਾਂ ਪੂਰਬ ਤੋਂ ਆਇਆ ਤੂਫ਼ਾਨ ਸੀ । ਇਹਨਾਂ ਉਲੰਪਿਕ ਖੇਡਾਂ ਦੌਰਾਨ ਭਾਰਤੀ ਟੀਮ ਨੇ ਕੁੱਲ 262 ਗੋਲ ਕੀਤੇ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 101 ਗੋਲ ਇਕੱਲੇ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਨੇ ਦਾਗੇ । ਇਹਨਾਂ ਖੇਡਾਂ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਦਾ ਨਾਂ ਦੁਨੀਆ ਦੇ ਚੋਟੀ ਦੇ ਖਿਡਾਰੀਆਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋ ਗਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਬਾਰੇ ਦੋ ਲਾਈਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜਰ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ 29 ਅਗਸਤ, 1905 ਈ: ਵਿੱਚ ਅਲਾਹਾਬਾਦ ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿਤਾ ਦਾ ਨਾਂ ਸਮੇਸਵਰ ਦੱਤ ਸੀ ਅਤੇ ਵੱਡਾ ਭਰਾ ਰੂਪ ਸਿੰਘ ਸੀ, ਜੋ ਹਾਕੀ ਦੇ ਉੱਘੇ ਖਿਡਾਰੀ ਸਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਨੂੰ ਹਾਕੀ ਦੀ ਖੇਡ ਵਿਰਾਸਤ ਵਿੱਚ ਮਿਲੀ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿਤਾ ਜੀ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਇੰਡੀਅਨ ਆਰਮੀ ਵਿੱਚ ਨੌਕਰੀ ਕਰਦੇ ਸਨ । ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦੇ ਸੁਪੱਤਰ ਅਸ਼ੋਕ ਕੁਮਾਰ ਜੀ ਨੇ ਵੀ ਭਾਰਤੀ ਹਾਕੀ ਵਿੱਚ ਟੀਮ ਵਰਲਡ ਕੱਪ ਤੇ ਉਲੰਪਿਕ ਤੇ ਏਸ਼ੀਅਨ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਤਗਮੇ ਜਿੱਤ ਕੇ ਦਿੱਤੇ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਿਆਨ ਚੰਦ ਜੀ ਦਾ ਸਾਰਾ ਪਰਿਵਾਰ ਹਾਕੀ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਹੋਇਆ ਸੀ ।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 1 प्रार्थना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 1 प्रार्थना (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB प्रार्थना Textbook Questions and Answers

प्रार्थना अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें –

  • ਬੱਚੇ = बच्चे
  • ਅੱਗੇ = आगे
  • ਦੁੱਖ = दु:ख
  • ਪਿੱਛੇ = पीछे
  • ਆਗਿਆ = आज्ञा
  • ਖੁਸ਼ਹਾਲੀ = खुशहाली
  • ਗੁਰੂ = गुरु
  • ਕੀਰਤੀ = कीर्ति

उत्तर :
विद्यार्थी देवनागरी लिपि में लिखे गए हिन्दी शब्दों को अपनी उत्तर पुस्तिका (कापी) में लिख कर अभ्यास करें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें –

  • ਨਾਸਮਝ = नादान
  • ਮਿੱਤਰ = बलि-बलि जाएँ
  • ਸਦਾ = सखा
  • ਬੜਾਈ = शान
  • ਬਲਿਹਾਰੀ ਜਾਣਾ = हमेशा
  • ਸ਼ੋਭਾ = चहुँ ओर
  • ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ = कीर्ति

उत्तर :
निर्देश विद्यार्थी हिन्दी भाषा में दिए शब्दों को ध्यान से पढ़ें और इन्हें अपनी उत्तर पुस्तिका (कॉपी) में लिखने का अभ्यास करें।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें :

(क) बच्चों ने भगवान से कौन-कौन से सम्बन्ध जोड़े हैं?
उत्तर :
बच्चों ने भगवान् से अपने माता – पिता तथा भाई – बन्धु और सखा के संबंध जोड़े हैं।

(ख) बच्चे किनकी आहे मिटाना चाहते हैं?
उत्तर :
बच्चे दुखियों की आहे मिटाना चाहते हैं।

(ग) बच्चे कौन से अच्छे गुण अपने भीतर विकसित करना चाहते हैं?
उत्तर :
सबका भला करना, सबके दु:ख दूर करना, माता – पिता तथा गुरु का आदर करना जैसे अच्छे गुण बच्चे अपने भीतर विकसित करना चाहते हैं।

(घ) बच्चे पढ़-लिखकर किसकी शान बढ़ाना चाहते हैं?
उत्तर :
बच्चे पढ़ – लिखकर अपने देश की शान बढ़ाना चाहते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

(ङ) बच्चे देश के कैसे भविष्य की कामना करते हैं?
उत्तर :
बच्चे देश के लिए सुन्दर भविष्य की कामना करते हुए कहते हैं कि हमारे देश में चारों ओर हरियाली हो, हर घर में खुशहाली हो और हमारा देश आगे ही आगे बढ़ता जाए।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में लिखें :

(क) बच्चे दीन-दु:खियों की सहायता कैसे कर सकते हैं?
उत्तर :
दीन – दुखियों से प्रेम करते हुए उनके दुखों, कष्टों को दूर करते हुए और उनका भला करते हुए और उनकी रक्षा करते हुए बच्चे उनकी सहायता कर सकते हैं।

(ख) देश-प्रेम पर बलि-बलि जायें, से कवि का क्या आशय है?
उत्तर :
देश – प्रेम पर बलि – बलि जायें, से कवि का अभिप्राय है कि हमें अपने देश के प्रति प्रेम की भावना रखते हए यदि उसकी रक्षा की खातिर हमें अपने प्राणों की भी बलि देनी पड़े तो हम बलिदान देंगे।

(ग) ‘होकर बड़े हम कीर्ति पायें’ से बच्चों का क्या आशय है?
उत्तर :
‘होकर बड़े हम कीर्ति पाएँ’ से बच्चों का अभिप्राय है कि हम बड़े होकर अपने अच्छे कार्यों से लोगों में यश प्राप्त करें, लोगों में हमारा मान – सम्मान हो, हमारी इज्जत बढ़े।

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5. निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को कविता से देखकर पूरा करें :

(क) तुम्हीं हो ____________________ हमारे,
____________________ सखा हमारे।
(ख) ____________________ पर बलि-बलि जायें,
____________________ को सदा बचायें।
(ग) ____________________ हम खेलें खायें,
उत्तर :
भारत देश की शान बढ़ायें।
(क) तुम्ही हो माता – पिता हमारे,
भाई – बन्धु सखा हमारे।
(ख) देश – प्रेम पर बलि – बलि जायें,
दीन – दुखी को सदा बचायें।
(ग) पढ़े – लिखे हम खेलें खायें,
भारत देश की शान बढ़ायें।

ऊपर लिखित काव्य-पंक्तियों में माता-पिता, भाई-बन्धु, देश-प्रेम, दीन-दुःखी, पढ़े-लिखें शब्द युग्म (जोड़े) के रूप में प्रयोग हुये हैं। इन शब्द-युग्मों को उदाहरण के अनुसार लिखें: –

माता-पिता = माता और पिता
माइ-बन्धु = ____________________
देश-प्रेम = ____________________
दीन-दुःखी = ____________________
पढ़े-लिखें = ____________________
उत्तर :
(i) माता – पिता = माता और पिता।
(ii) भाई – बन्धु = भाई और बन्धु।
(iii) देश – प्रेम = देश और प्रेम।
(iv) दीन – दुखी = दीन और दुखी।
(v) पढ़े – लिखें = पढ़ें और लिखें।

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6. बहुवचन बनायें :

कदम = कदमों
दु:खी = दुखियों
घर = ____________________
भाई = ____________________
प्राण = ____________________
उत्तर :
(i) कदम = कदमों।
(ii) दुःखी = दुखियों।
(iii) घर = घरों।
(iv) प्राण = प्राणों।
(v) भाई = भाइयों।

7. समान तुक वाले शब्द ढूँढ़कर उपयुक्त स्थान पर लिखें :

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भगवान = नादान
मानें = ____________________
चाहें = ____________________
हरियाली = ____________________
खुशहाली = ____________________
बुराई = ____________________
लड़ाई = ____________________
उत्तर :
(i) भगवान = नादान।
(ii) माने = जानें।
(iii) चाहें = आहे।
(iv) हरियाली = खुशहाली।
(v) लड़ाई = बुराई।
(vi) जायें = पायें।

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8. ‘भलाई’ में मूल शब्द ‘भला’ है। इसी प्रकार मूल शब्द अलग करें :

दुःखी = ____________________
हरियाली = ____________________
लड़ाई = ____________________
खुशहाली = ____________________
बुराई = ____________________
आहे = ____________________
उत्तर :
शब्द मूल – शब्द
(i) दुःखी = दु:ख।
(ii) हरियाली = हरा।
(ii) लड़ाई = लड़।
(iv) खुशहाली = खुशहाल।
(v) बुराई = बुरा।
(vi) आहे = आह।

9. वाक्य बनाओ

प्रेम आहे बुराई शान खुशहाली
उत्तर :
(i) प्रेम – हमें सबसे प्रेम करना चाहिए।
(ii) आहे – हम दीन – दुखियों की आहे मिटायेंगे।
(iii) बुराई – हमें बुराई से दूर रहना चाहिए।
(iv) शान – – – – हम बच्चे देश की शान हैं।
(v) खुशहाली – – सब घरों में खुशहाली हो।

10. ‘ईश्वर’ को भगवान भी कहते हैं। परमेश्वर, प्रभु, परमपिता सब इसी के नाम हैं। नीचे लिखे शब्दों के लिए अन्य क्या-क्या नाम हो सकते हैं? सोचकर लिखें : –

माता = ____________________
पिता = ____________________
भाई = ____________________
सखा = ____________________
गुरु = ____________________
उत्तर :
(i) माता = जननी, माँ, मातृ
(ii) पिता = जनक, पितृ, बाप।
(iii) भाई = सहोदर, भ्रातृ, बन्धु।
(iv) सखा = मित्र, दोस्त, यार।
(v) दुःख = कष्ट, विपदा, पीड़ा।
(vi) गुरु = शिक्षक, ज्ञानदाता, अध्यापक।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

11. सोचिये और लिखिये

(क) बच्चे अपने देश की खुशहाली के लिए क्या-क्या कर सकते हैं?
उत्तर :
बच्चे देश के भावी कर्णधार हैं। वे देश का भविष्य हैं। अतः देश की उन्नति, प्रगति और विकास में उनका योगदान भी अपेक्षित है। बच्चे देश की खुशहाली के लिए अनेक प्रयास कर सकते हैं और कुछ नहीं तो वे अपने आस – पास के वातावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दे सकते हैं। गरीब बच्चों को अपने खिलौने दे सकते हैं, जिससे वे अब नहीं खेला करते। इससे गरीब बच्चों के चेहरों पर न केवल खुशी की लहर आ जाएगी बल्कि वे भी अपना बचपन अच्छी प्रकार से बच्चों के साथ ही बिता सकेंगे।

(ख) यह एक प्रार्थना गीत है। इसी प्रकार का एक अन्य प्रार्थना गीत लिखिये और प्रार्थना सभा में सुनायें।
उत्तर :
प्रार्थना –
हम बच्चे नादान हैं,
करते तेरा ध्यान हैं।
तू सर्वदा महान् है,
देता सबको ज्ञान है।
तेरा महान् तेज़ है
छाया हुआ सभी स्थान
सृष्टि की वस्तु – वस्तु में
तू हो रहा है दीप्यमान।

12. नये शब्द बनायें

संयुक्त व्यंजन – शब्द – नया शब्द
श्+ व = श्व = ईश्वर = ____________________
च् + च = च्च = बच्चे = ____________________
म् + ह = म्ह = तुम्हीं = ____________________
न् + ध = न्ध = बन्धु = ____________________
उत्तर :
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना 1

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

ऊपर दिये शब्दों में खड़ी पाई (1) हटाकर संयुक्त शब्द बनाये गये हैं। आपकी पाठ्य-पुस्तक में वर्णमाला की पुनरावृत्ति करवायी गयी है। उसे दोबारा याद करो और नीचे खड़ी पाई वाले व्यंजन लिखो :
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना 4
उत्तर :
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना 2

अध्यापन निर्देश :

अध्यापक बच्चों को बताये कि आप पिछली कक्षाओं में पढ़ चुके हैं कि प्रत्येक व्यंजन में ‘अ’ स्वर मिला होता है। जब किसी व्यंजन को ‘अ’ रहित दिखाना हो तो उसके नीचे हलन्त चिहन () लगता है। जब किसी व्यंजन को किसी दूसरे व्यंजन से जोड़ दिया जाता है, तो संयुक्त व्यंजन बनता है। जैसे ऊपर दिये शब्दों ईश्वर, बच्चे, तुम्हीं, बन्धु में क्रमशः श्, च्, म्, न्, आधे व्यंजन हैं। इन सभी व्यंजनों के अन्त में खड़ी पाई (I) लगी है। खड़ी पाई हटाकर जब हम व्यंजन को अगले व्यंजन के साथ जोड़ते हैं, तब संयुक्त रूप बनता है।

जब एक ही व्यंजन दो बार प्रयोग में आता है तो उसे द्वित्व व्यंजन कहते हैं। जैसे ‘बच्चे’ शब्द में ‘च’ व्यंजन दो बार एक बार आधा और एक बार पूरा आया है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सब बच्चे कैसे हैं ?
(क) नादान
(ख) अरमान
(ग) परवान
(घ) होशियार।
उत्तर :
(क) नादान

प्रश्न 2.
बच्चों के भाई, बंधु, माता-पिता कौन हैं ?
(क) परिवार वाले
(ख) ईश्वर
(ग) सरस्वती माँ
(घ) ब्रह्मा।
उत्तर :
(ख) ईश्वर

प्रश्न 3.
बच्चों को किनका आदर करना चाहिए ?
(क) गुरु का
(ख) मित्र का
(ग) सखी का
(घ) पड़ोसी का।
उत्तर :
(क) गुरु का

प्रश्न 4.
बच्चे बड़े होकर क्या पाने की कामना करते हैं ?
(क) कीर्ति
(ख) फुर्ती
(ग) नीति
(घ) प्रीति।
उत्तर :
(क) कीर्ति

प्रश्न 5.
‘प्रार्थना’ कविता के आधार पर बताएं कि बच्चे पढ़-लिखकर किसकी शान
बढ़ाना चाहते हैं ?
(क) माता-पिता की
(ख) देश की
(ग) गुरु जनों की
(घ) दीन दुःखियों की।
उत्तर :
(ख) देश की

प्रार्थन Summary in Hindi

बच्चे ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहते हैं कि वे सब बच्चे तो नादान हैं। ईश्वर ही उनके माता – पिता, भाई – बन्धु और सखा हैं। हम सब दूसरों से प्रेम करते रहें। उन का भला करते रहें जिससे दुनिया के दुःख – दर्द मिट सकें। हम माता – पिता का कहना माने और गुरुओं का आदर करें। देश के प्रति अर्पित हो जाने की भावना हम में हो। हम सदा दीन – दुखियों की रक्षा करें। हम सदा आगे बढ़ते रहें पर कभी किसी से लड़ाई – झगड़ा न करें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना 5

पद्यांशों के सरलार्थ-

1. हे ईश्वर, हे भगवान्।
हम सब बच्चे हैं, नादान।
तुम्ही हो माता – पिता हमारे,
भाई – बन्धु सखा हमारे।

शब्दार्थ :
नादान = नासमझ, अज्ञानी।
बन्धु = मित्र – सम्बन्धी।
सखा = मित्र।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ में संकलित ‘प्रार्थना’ नामक कविता में से लिया गया है। बच्चे भगवान् से प्रार्थना करते कह रहे हैं कि –

सरलार्थ – हे ईश्वर! हे भगवान्! हम सब छोटे – छोटे बच्चे नादान और नासमझ हैं। आप ही हमारे माता – पिता हो। हमारे भाई, सगे सम्बन्धी और मित्र भी आप ही हो।

भावार्थ – बच्चों ने ईश्वर को ही अपना सब कुछ माना है।

2. करें सभी से प्रेम सदा हम,
करें सभी के दुःख दूर हम।
सब का भला हमेशा चाहें।
मिटा सकें दुःखियों की आहे।

शब्दार्थ :
प्रेम = प्यार।
सदा = हमेशा।
दुःख = कष्ट, तकलीफ।
दुःखियों = दुखी लोगों।
आहे = दर्द, पीड़ाएँ।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक की कविता ‘प्रार्थना’ से लिया गया है। इसमें बच्चे भगवान् से प्रार्थना करते हुए कहते हैं –

सरलार्थ – हम भारत के बच्चे हमेशा सभी से प्यार करें। हम सभी के दुःख – दर्द दूर करें (अपना सहयोग देकर)। हम हमेशा सब का भला चाहें, किसी का बुरा न करें। हम दुखी लोगों के दर्द को मिटा सकें, यही हमारी इच्छा है।

भावार्थ – बच्चों ने सबके सुख की कामना करते हुए दीन – दुखियों के कष्टों को दूर करने की इच्छा प्रकट की है।

बंदर छ: कंगन कंघा आँख मंजन प्रात: सूंड बैंगन कंचन दुःख प्रातः बिंदु होंठ अतः खंभा सौंफ चिंगारी खंबी, दाँत साँप काँच मेंहदी बाँध टाँग

मानक हिन्दी वर्णमाला
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना 6

अनुस्वार : (अं)
अनुनासिक चिह्न :
विसर्ग : : (अ)
व्यंजन :
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना 7
हल चिह्न : ( , )
बनावट के आधार पर वर्गों की पहचान
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना 8

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

3. माता – पिता की आज्ञा मानें,
गुरु का आदर करना जानें।
देश – प्रेम पर बलि – बलि जाएँ,
दीन – दुखी को सदा बचाएँ।

शब्दार्थ :
आज्ञा = आदेश।
गुरु = शिक्षक, अध्यापक।
आदर = इज्जत।
देश – प्रेम = देश से प्यार।
बलि – बलि = बलिहारी।
दीन – दुखी = पीड़ित और दुखी।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक की कविता ‘प्रार्थना’ से लिया गया है। इसमें बच्चे भगवान से प्रार्थना करते हुए कहते हैं –

सरलार्थ – हम भारत के बालक अपने माँ – बाप के आदेशों का पालन करें। हम गुरुजनों की इज्जत करना सीखें। हम देश प्यार पर बलिहारी जाएँ। देश से प्यार करें या देश पर बलिदान होने वालों पर बलिहारी जाएँ। हम हमेशा दीन – दुखियों को दुःखों से बचाएँ।

भावार्थ – बच्चों ने सद्विचारों को पाने और दीनों पर दया करने की हिम्मत पाने की प्रार्थना की है।

4. आगे कदम बढ़ाते जाएँ,
कभी न पीछे हटने पाएँ।
करें किसी से नहीं लड़ाई,
करें किसी की नहीं बुराई।

शब्दार्थ :
कदम = पग, पाँव।
लड़ाई = झगड़ा।
बुराई = निन्दा।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता ‘प्रार्थना’ से लिया गया है। इसमें बच्चे भगवान् से प्रार्थना करते हुए कहते हैं –

सरलार्थ – हम भारत के बालक अपने कदम आगे बढ़ाते (उन्नति करते) जाएँ। हम कभी भी पीछे न हटने पाएँ। अपनी मंजिल से पीछे न हों। हम आपस में प्यार से रहें, किसी से लड़ाई – झगड़ा न करें। हम न ही किसी की निन्दा चुगली और बुराई करें।

भावार्थ – बच्चों ने लड़ाई – झगड़ों से बचकर सदा आगे बढ़ने की इच्छा व्यक्त की है।

5. पढ़े – लिखें – हम खेलें खाएँ,
भारत देश की शान बढ़ाएँ।
इसका मान न घटने पाए।
चाहे प्राण भले ही जाएँ।

शब्दार्थ :
पढ़े – लिखें = पढ़ाई – लिखाई करें।
शान = बड़प्पन, इज्जत।
मान = सम्मान। प्राण = जान।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता ‘प्रार्थना’ से लिया गया है। इसमें बच्चे भगवान् से प्रार्थना करते हुए कहते हैं –

सरलार्थ – हम भारत के बालक खूब पढ़ाई – लिखाई करें। हम खूब खेलें – कूदें और खाएँ – पीएँ। हम अपने देश भारत की शान को बढ़ाएँ। हम ऐसे काम करें जिससे इसकी इज्जत घटने न पाए। इसके लिए भले ही हमारी जान क्यों न चली जाए।

भावार्थ – अपने देश की मान – मर्यादा को बढ़ाने की प्रार्थना की है।

6. फैले चहुँ ओर हरियाली,
सब के घर में हो खुशहाली
देश हमारा बढ़ता जाए,
होकर बड़े कीर्ति हम पाएँ।

शब्दार्थ :
चहुँ = चारों।
हरियाली = हरा – भरा होना।
खुशहाली = समृद्धि।
बढ़ता जाए = तरक्की करता जाए।
कीर्ति = यश।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 1 प्रार्थना

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता ‘प्रार्थना’ से लिया गया है। इसमें बच्चे भगवान् से प्रार्थना करते हुए कहते हैं –

सरलार्थ – भारत के बालक भगवान् से प्रार्थना करते हैं कि देश में चारों ओर हरियाली फैल जाए। सब भारतवासियों के घरों में खुशहाली छा जाए। सभी धनवान् और सुखी हों। हमारा देश उन्नति करता जाए। हम भारत के बालक बड़े होकर यश प्राप्त करें।

भावार्थ – बच्चों ने देश की मान – मर्यादा और यश में वृद्धि की कामना की है।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 6 ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 6 ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ

Physical Education Guide for Class 6 PSEB ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੇ ਤਿੰਨ ਰੰਗ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਰੰਗਾਂ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ ਬਾਰੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ:
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੇ ਰੰਗ (Colours of National Flag)-ਸਾਡੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੇ ਤਿੰਨ ਰੰਗ ਹਨ

  1. ਕੇਸਰੀ
  2. ਸਫੈਦ ਤੇ
  3. ਹਰਾ |

ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਦਰਮਿਆਨ ਵਿਚ ਸਫੈਦ ਅਤੇ ਸਭ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਹਰਾ ਰੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਤਿੰਨ ਰੰਗਾਂ ਦਾ ਮਹੱਤਵ-

  1. ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ (Safron)-ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ ਅੱਗ ਤੋਂ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਜੀਵਨ ਦੇਣਾ ਤੇ ਨਾਸ਼ ਕਰਨਾ ਅੱਗ ਦੇ ਦੋ ਗੁਣ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ ਵੀਰਤਾ ਅਤੇ ਜੋਸ਼ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਇਹ ਦੁਖੀਆਂ, ਕਮਜ਼ੋਰਾਂ ਅਤੇ ਜ਼ਰੂਰਤਮੰਦਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਬਹਾਦਰੀ ਤੇ ਜੋਸ਼ ਨਾਲ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰੇਰਣਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਫੈਦ ਰੰਗ (White-ਸਫੈਦ ਰੰਗ ਚੰਗਿਆਈ, ਸੱਚਾਈ ਤੇ ਸ਼ਾਂਤੀ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੈ । ਸਾਰੇ ਰਾਸ਼ਟਰ ਵਿਚ ਇਹ ਗੁਣ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਰੰਗ ਤੇ ਅਸ਼ੋਕ ਚੱਕਰ ਅੰਕਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਹਰਾ ਰੰਗ (Green)-ਹਰਾ ਰੰਗ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਭੂਮੀ ਅਤੇ ਲਹਿਲਹਾਉਂਦੇ ਖੇਤਾਂ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੈ । ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਖੇਤੀ-ਪ੍ਰਧਾਨ ਹੈ । ਉੱਨਤ ਖੇਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਅਮੀਰ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੇ ਆਕਾਰ ਬਾਰੇ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ:
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਅਤੇ ਚੌੜਾਈ ਦਾ ਆਪਸੀ ਅਨੁਪਾਤ 3 : 2 ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪੰਜ ਆਕਾਰਾਂ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ

  • 6.40 ਮੀਟਰ × 4.27 ਮੀਟਰ (21 ਫੁੱਟ × 14 ਫੁੱਟ)
  • 3.66 ਮੀਟਰ × 2.44 ਮੀਟਰ (12 ਫੁੱਟ × 8 ਫੁੱਟ)
  • 1.83 ਮੀਟਰ × 1.22 ਮੀਟਰ 6 ਫੁੱਟ × 4 ਫੁੱਟ
  • 90 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ × 60 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ (3 ਫੁੱਟ × 2 ਫੁੱਟ)
  • 23 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ × 15 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ (9 × 6) ਮੋਟਰਕਾਰਾਂ ਲਈ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਕਦੋਂ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਣ ਦੇ ਮੌਕੇ-ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਮੌਕਿਆਂ ਤੇ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ –

  • ਗਣਤੰਤਰ ਦਿਵਸ (26 ਜਨਵਰੀ)-ਹਰ ਸਾਲ 26 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਗਣਤੰਤਰ ਦਿਵਸ ਬਹੁਤ ਹੀ ਧੂਮ-ਧਾਮ ਨਾਲ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਿਨ ਭਾਰਤ ਦੇ ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ ਦਿੱਲੀ ਵਿਚ ਰਾਜਪਥ ਤੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿਚ ਵੀ ਇਸ ਦਿਨ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਕੌਮੀ ਹਫ਼ਤਾ (6 ਅਪ੍ਰੈਲ ਤੋਂ 13 ਅਪ੍ਰੈਲ-ਕੌਮੀ ਹਫ਼ਤਾ ਜਲਿਆਂ ਵਾਲੇ ਬਾਗ਼ ਦੇ ਦਿਨ ਸ਼ਹੀਦਾਂ ਦੀ ਯਾਦ ਵਿਚ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । | ਇਸ ਹਫ਼ਤੇ ਵਿਚ ਵੀ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਸੁਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ ( 15 ਅਗਸਤ-15 ਅਗਸਤ ਸੰਨ 1947 ਨੂੰ ਭਾਰਤ ਸਦੀਆਂ ਦੀ ਗੁਲਾਮੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਆਜ਼ਾਦ ਹੋਇਆ ਸੀ । ਇਸ ਲਈ ਹਰ ਸਾਲ 15 ਅਗਸਤ ਦਾ ਦਿਨ ਬਹੁਤ ਧੂਮ-ਧਾਮ ਨਾਲ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਿਨ ਭਾਰਤ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਦਿੱਲੀ ਵਿਚ ਲਾਲ ਕਿਲ੍ਹੇ ਉੱਤੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਗਾਂਧੀ ਜੈਯੰਤੀ-ਮਹਾਤਮਾ ਗਾਂਧੀ ਦੇ ਜਨਮ ਦਿਨ ਤੇ 2 ਅਕਤੂਬਰ ਨੂੰ ਵੀ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਕੌਮੀ ਸਮਾਗਮ-ਕੌਮੀ ਸਮਾਗਮ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵੀ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਮੁਕਾਬਲੇ-ਅੰਤਰ-ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਖੇਡ ਮੁਕਾਬਲਿਆਂ ਸਮੇਂ ਵੀ ਹੋਰ ਦੇਸ਼ਾਂ ਦੇ ਝੰਡਿਆਂ ਨਾਲ ਸਾਡਾ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਵੀ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਪ੍ਰਾਂਤਾਂ ਦੇ ਦਿਨ-ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਪ੍ਰਾਂਤ ਆਪਣਾ ਦਿਨ ਮਨਾਵੇ ਤਾਂ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਲੋਕ ਸਭਾ, ਰਾਜ ਸਭਾ ਤੇ ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਗਵਰਨਰਾਂ, ਸੁਪਰੀਮ ਕੋਰਟ, ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ, ਉਪ-ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ, ਗਵਰਨਰਾਂ ਦੇ ਸਰਕਾਰੀ ਨਿਵਾਸ ਸਥਾਨਾਂ ਤੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਰੋਜ਼ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  • ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ !
  • ਸਭਾਵਾਂ ਵਿਚ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਬੁਲਾਰੇ ਦੇ ਸਿਰ ਤੋਂ ਕਾਫ਼ੀ ਉੱਚਾ ਲਹਿਰਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਬਾਕੀ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਸਜਾਵਟਾਂ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਲੂਸ ਵਿਚ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਚੁੱਕਣ ਵਾਲੇ ਦੇ ਸੱਜੇ ਮੋਢੇ ਤੇ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਬਿਲਕੁਲ ਸਿੱਧਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਣ ਵੇਲੇ ਕੀ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਵਰਤਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ:
ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਣ ਵੇਲੇ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ

  • ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਸਭਾਵਾਂ ਵਿਚ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਬੁਲਾਰੇ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਉਸ ਦੇ ਸਿਰ ਤੇ ਬਾਕੀ ਸਜਾਵਟ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਲੁਸ ਵਿਚ ਝੰਡਾ ਸੱਜੇ ਮੋਢੇ ਤੇ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਲਸਿਆਂ ਅਤੇ ਉਤਸਵਾਂ ਦੇ ਸਮੇਂ ਝੰਡਾ ਸਟੇਜ ਤੇ ਅੱਗੇ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਲਹਿਰਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਝੰਡੇ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਚੜਾਉਣਾ ਤੇ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਉਤਾਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਝੰਡਾ ਸੂਰਜ ਨਿਕਲਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਚੜ੍ਹਾਉਣਾ ਤੇ ਸੂਰਜ ਛਿਪਣ ਤੇ ਉਤਾਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਸਿਰਫ਼ ਯੂ. ਐਨ. ਓ. ਦਾ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ
    ਹੈ ।
  • ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਸਲਾਮੀ ਦਿੰਦੇ ਸਮੇਂ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਹੇਠਾਂ ਨਹੀਂ ਝੁਕਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ।
  • ਇਕ ਪੋਲ ਤੇ ਸਿਰਫ਼ ਇਕ ਝੰਡਾ ਹੀ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ !
  • ਝੰਡੇ ਨੂੰ ਨਾ ਹੀ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਡਿੱਗਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤੇ ਨ ਹੀ ਜ਼ਮੀਨ ਨਾਲ ਛੂਹਣਾ ।
  • ਕਿਸੇ ਚਾਦਰ, ਥੈਲੇ, ਰੁਮਾਲ ਆਦਿ ਤੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਨਹੀ ਕੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  • ਇਸ਼ਤਿਹਾਰ ਵਿਚ ਸਰਕਾਰ ਹੀ ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੇ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  • ਫਿੱਕੇ ਰੰਗ ਵਾਲੇ ਜਾਂ ਫਟੇ ਹੋਏ ਝੰਡੇ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਲਹਿਰਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  • ਕਿਸੇ ਵੱਡੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਮੌਤ ਤੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਅੱਧੀ ਉੱਚਾਈ ਤ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਢੁੱਕਵੇਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨਾਲ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ –
(ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ, ਗਵਰਨਰ, ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਗਵਰਨਰ, ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ)
(ਉ) 15 ਅਗਸਤ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਿਲੇ ਤੇ ….. ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) 26 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਰਾਜ ਪੱਥ ਤੇ ….. ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) 15 ਅਗਸਤ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਿਲ੍ਹੇ ਤੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(ਆ) 26 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਰਾਜ ਪੱਥ ਤੇ ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Guide ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ Important Questions and Answers

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਵਿਚ ਕਿੰਨੇ ਰੰਗ ਹਨ ?
(ਉ) ਤਿੰਨ
(ਅ) ਚਾਰ
(ਇ) ਪੰਜ
(ਸ) ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(ਉ) ਤਿੰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਕਦੋਂ ਲਹਿਰਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਗਣਤੰਤਰ ਦਿਵਸ
(ਅ) ਸਵਤੰਤਰਤਾ ਦਿਵਸ
(ਇ) ਗਾਂਧੀ ਜੈਯੰਤੀ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ:
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਣ ਵੇਲੇ ਕੀ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਵਰਤਨੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ?
(ਉ) ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਆ) ਜਲੂਸ ਵਿਚ ਝੰਡਾ ਸੱਜੇ ਮੋਢੇ ‘ਤੇ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
(ਇ) ਜਲਸਿਆਂ ਅਤੇ ਉਤਸਵਾਂ ਦੇ ਸਮੇਂ ਝੰਡਾ ਸਟੇਜ ਦੇ ਅੱਗੇ ਸੱਜੇ ਪਾਸੇ ਲਹਿਰਾਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ:
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਿਸੇ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਕਿਸ ਗੱਲ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ ਹੈ ?
(ਉ) ਸੱਭਿਆਚਾਰਕ ਅਤੇ ਸੱਭਿਅਤਾ ਦਾ
(ਅ) ਮਾਣ ਦਾ
(ਇ) ਸ਼ਾਨ ਦਾ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(ਉ) ਸੱਭਿਆਚਾਰਕ ਅਤੇ ਸੱਭਿਅਤਾ ਦਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸਾਡੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਵਿਚ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਤਿੰਨ ਰੰਗ ਹਨ ?
(ਉ) ਕੇਸਰੀ
(ਆ) ਸਫੈਦ
(ਈ) ਹਰਾ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ।
ਉੱਤਰ:
(ਉ) ਕੇਸਰੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਝੰਡੇ ਵਿਚ ਚੱਕਰ ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਕਿੱਥੋਂ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ?
(ਉ) ਅਸ਼ੋਕ ਦੇ ਸਾਰਨਾਥ ਸਤੰਭ ਤੋਂ
(ਅ) ਤੀਰ ਕਮਾਨ ਤੋਂ
(ਇ) ਅਸਮਾਨ ਤੋਂ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ।
ਉੱਤਰ:
(ਉ) ਅਸ਼ੋਕ ਦੇ ਸਾਰਨਾਥ ਸਤੰਭ ਤੋਂ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਕਿਸ ਗੱਲ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਸਭਿਆਚਾਰ ਅਤੇ ਸਭਿਅਤਾ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਬਾਰੇ ਗਿਆਨ ਦੇਣ ਦਾ ਸਾਡੀ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਕਿੱਥੇ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਸਕੂਲਾਂ ਅਤੇ ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸਾਡੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਵਿਚ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਤਿੰਨ ਰੰਗ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ:
ਕੇਸਰੀ, ਸਫ਼ੈਦ ਤੇ ਹਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸਾਡੇ ਸੰਵਿਧਾਨ ਨੇ ਤਿਰੰਗਾ ਝੰਡਾ ਕਦੋਂ ਸਵੀਕਾਰ ਕੀਤਾ ?
ਉੱਤਰ:
22 ਜੁਲਾਈ, 1947 ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਲਾਲ ਕਿਲ੍ਹੇ ਤੇ ਕਦੋਂ ਲਹਿਰਾਇਆ ਗਿਆ ?
ਉੱਤਰ:
15 ਅਗਸਤ, 1947 ਦੀ ਰਾਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਾਡੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦਾ ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ ਕਿਸ ਚੀਜ਼ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਵੀਰਤਾ ਤੇ ਜੋਸ਼ ਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਝੰਡੇ ਵਿਚ ਚੱਕਰ ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਕਿੱਥੇ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਅਸ਼ੋਕ ਦੇ ਸਾਰਨਾਥ ਸਤੰਭ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਕਿਹੋ ਜਿਹੇ ਕੱਪੜੇ ਦਾ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਖੱਦਰ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਸਭ ਤੋਂ ਛੋਟੇ ਆਕਾਰ ਦਾ ਝੰਡਾ ਕਿੱਥੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਕਾਰਾਂ ਉੱਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਭਾਰਤ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਹਰ ਸਾਲ ਲਾਲ ਕਿਲ੍ਹੇ ਤੇ ਕਿਸ ਦਿਨ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਲਹਿਰਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ:
15 ਅਗਸਤ ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਜਲੂਸ ਵੇਲੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਕਿਸ ਮੋਢੇ ਤੇ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਸੱਜੇ ਮੋਢੇ ਤੇ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਬਾਰੇ ਕੀ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ:
1947 ਈ: ਵਿਚ ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਸਦੀਆਂ ਦੀ ਗੁਲਾਮੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਆਜ਼ਾਦ ਹੋਇਆ । ਦੇਸ਼ ਦੀ ਆਜ਼ਾਦੀ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਇਸ ਲਈ ਇਕ ਨਵਾਂ ਝੰਡਾ ਵੀ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ । 22 ਜੁਲਾਈ, 1947 ਨੂੰ ਸਾਡੇ ਤਿਰੰਗੇ ਝੰਡੇ ਨੂੰ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੁਆਰਾ ਮਾਨਤਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਈ । 14-15 ਅਗਸਤ, 1947 ਦੀ ਰਾਤ ਨੂੰ ਇਸ ਨੂੰ ਲਾਲ ਕਿਲ੍ਹੇ ਉੱਤੇ ਦਿੱਲੀ ਵਿਚ ਲਹਿਰਾਇਆ ਗਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੀ ਬਣਤਰ ਬਾਰੇ ਤਿੰਨ-ਚਾਰ ਸਤਰਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ:
ਸਾਡਾ ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ ਆਇਤਾਕਾਰ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਚ ਤਿੰਨ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰੰਗਾਂ ਦੀਆਂ ਬਰਾਬਰ ਪੱਟੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਤਿਰੰਗਾ ਝੰਡਾ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਦਰਮਿਆਨ ਵਾਲੀ ਪੱਟੀ ਵਿਚ ‘ਗੋਲ ਚੱਕਰ’ ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਵਿਚ ਤਿੰਨ ਰੰਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-ਕੇਸਰੀ, ਸਫ਼ੈਦ ਤੇ ਹਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਕੀ ਪੇਰਣਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ:
ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਪ੍ਰੇਰਣਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ –

  • ਵੀਰ ਬਹਾਦਰ ਬਣਨਾ ।
  • ਤਪ ਤੇ ਤਿਆਗ ਕਰਨਾ | ਸੱਚਾਈ ਤੇ ਸ਼ਾਂਤੀ ਕਾਇਮ ਰੱਖਣਾ ।
  • ਅਕਸਰ ਮਿਹਨਤ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣਾ ।
  • ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਉਪਜਾਊ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਬਣਾਉਣਾ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 6 ਕੌਮੀ ਝੰਡਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸਾਡੇ ਕੌਮੀ ਝੰਡੇ ਦੇ ਤਿੰਨ ਰੰਗ ਕਿਸ ਗੱਲ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀਕ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ:
ਕੇਸਰੀ ਰੰਗ ਤਿਆਗ ਅਤੇ ਵੀਰਤਾ ਦਾ ਪ੍ਰਤੀਕ ਹੈ | ਸਫੈਦ ਰੰਗ ਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਸੱਚਾਈ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੈ । ਹਰਾ ਰੰਗ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹਰੇ ਭਰੇ ਖੇਤਾਂ ਦੀ ਅਤੇ ਖ਼ੁਸ਼ਹਾਲੀ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 2 ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 2 ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 2 ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ

Physical Education Guide for Class 6 PSEB ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਫ਼ਾਈ ਸਾਡੇ ਘਰ ਲਈ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness) – ਸਾਡਾ ਸਰੀਰ ਇਕ ਅਨੋਖੀ ਮਸ਼ੀਨ ਵਾਂਗ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਦੂਜੀਆਂ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉਹ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਰੀਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਮੋਟਰਕਾਰ ਰੂਪੀ ਮਸ਼ੀਨ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਪੈਟਰੋਲ ਆਦਿ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ, ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਚੰਗੀ ਖ਼ੁਰਾਕ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ । ਸਰੀਰਕ ਸਫ਼ਾਈ, ਸੱਟਾਂ, ਬਿਮਾਰੀ ਆਦਿ ਤੋਂ ਰੱਖਿਆ ਕਰਨਾ ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਸਰੀਰ ਤੇ ਉੱਚਿਤ ਧਿਆਨ ਨਾ ਦੇਈਏ, ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਲਈ ਮਾਨਸਿਕ, ਸਰੀਰਕ ਅਤੇ ਆਤਮਿਕ ਉੱਨਤੀ ਕਰਨਾ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ਗੰਦਗੀ ਹੀ ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਦਾ ਮੂਲ ਕਾਰਨ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਅੰਗਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ।

ਲਾਭ ਹਨ । ਇਹ ਵਾਲ ਧੂੜ ਆਦਿ ਲਈ ਜਾਲੀ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਵਿਚ ਧੂੜ ਕਣ ਤੇ ਰੋਗਾਣੂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਇਹ ਧੂੜ ਕਣ ਤੇ ਰੋਗਾਣੂ ਨੱਕ ਵਿਚਲੇ ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਅਟਕ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਡੇ ਅੰਦਰ ਸਾਫ਼ ਹਵਾ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਹ ਵਾਲ ਨਾ ਹੋਣ ਤਾਂ ਹਵਾ ਵਿਚਲੇ ਧੂੜ ਕਣ ਤੇ ਰੋਗਾਣੂ ਸਾਡੇ ਅੰਦਰ ਚਲੇ ਜਾਣਗੇ ਤੇ ਸਾਡਾ ਸਰੀਰ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ । ਇਸ ਲਈ ਨੱਕ ਦੇ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣਾ ਜਾਂ ਪੁੱਟਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ ।

ਮਨੁੱਖ ਇਕ ਸਮਾਜਿਕ ਪ੍ਰਾਣੀ ਹੈ । ਉਸ ਨੂੰ ਨਿੱਜੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਘਰ ਅਤੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੀ ਵੀ ਬਹੁਤ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸਫ਼ਾਈ ਸਿਹਤ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹੈ | ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਬਿਨਾਂ ਸਵਸਥ ਜੀਵਨ ਦੀ ਕਲਪਨਾ ਵੀ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ । ਨਿੱਜੀ ਸਫ਼ਾਈ ਤਾਂ ਸਿਹਤ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਪਰ ਘਰ, ਸਕੂਲ ਅਤੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੀ ਸਿਹਤ ਠੀਕ ਰੱਖਣ ਲਈ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਘਰ ਅਤੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਹੀਂ ਰੱਖਦੇ ਤਾਂ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਫੈਲ ਜਾਣਗੀਆਂ | ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਲੋਕ ਇਨ੍ਹਾਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਦੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਣਗੇ | ਇਸ ਨਾਲ ਸਾਡਾ ਦੇਸ਼ ਤੇ ਸਮਾਜ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ । ਇਸ ਲਈ ਦੇਸ਼ ਅਤੇ ਸਮਾਜ ਦੀ ਬੇਹਤਰੀ ਲਈ ਸਫ਼ਾਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਘਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰੱਖੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਢੰਗ (Methods of Cleanliness of a House) – ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਘਰ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣ ਲਈ ਹੇਠ ਦਿੱਤੇ ਢੰਗ ਅਪਣਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ

  • ਫ਼ਲਾਂ, ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦੇ ਛਿਲਕੇ ਅਤੇ ਹੋਰ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਢੱਕਣਦਾਰ ਢੋਲ ਵਿਚ ਸੁੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਢੋਲ ਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਖਾਲੀ ਕਰਨ ਦੀ ਉੱਚਿਤ ਵਿਵਸਥਾ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਢੋਲ ਦਾ ਸਾਰਾ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਕਿਸੇ ਟੋਏ ਵਿਚ ਦੱਬ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰਨ ਨਾਲ ਇਹ ਖਾਦ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 2 ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ 1

  • ਘਰ ਦੀ ਰਸੋਈ, ਇਸ਼ਨਾਨ ਘਰ ਅਤੇ ਪਖਾਨੇ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੇ ਗੋਹੇ ਅਤੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਦੂਰ ਕਿਸੇ ਟੋਏ ਵਿਚ ਇਕੱਠੇ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੁਝ ਚਿਰ ਪਿੱਛੋਂ ਇਹ ਚੰਗੀ ਖਾਦ ਬਣ ਜਾਵੇਗੀ ।
  • ਘਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਜੀਆਂ ਨੂੰ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਬਾਰੇ ਪੂਰੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 2 ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਘਰ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Surrounding of a House) – ਘਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਇਸ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫਾਈ ਦੀ ਵੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਘਰ ਤਾਂ ਸਾਫ਼ ਹੈ ਪਰ ਇਸ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਗੰਦਗੀ ਦੇ ਢੇਰ ਲੱਗੇ ਹੋਏ ਹਨ ਤਾਂ ਇਸ ਦਾ ਘਰ ਵਾਲਿਆਂ ਦੀ ਸਿਹਤ ਤੇ ਬੁਰਾ ਅਸਰ ਪਵੇਗਾ । ਇਸ ਲਈ ਘਰ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੱਲ ਵੀ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਘਰ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਵੱਲ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ-

  1. ਘਰ ਦੇ ਬਾਹਰਲੀਆਂ ਗਲੀਆਂ ਤੇ ਸੜਕਾਂ ਖੁੱਲ੍ਹੀਆਂ ਤੇ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੀਆਂ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਘਰ ਦੇ ਬਾਹਰਲੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਗੰਦੀਆਂ ਨਹੀਂ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ।
  3. ਘਰਾਂ ਦੇ ਬਾਹਰ ਗਲੀਆਂ ਤੇ ਸੜਕਾਂ ਉੱਤੇ ਪਸ਼ੂ ਨਹੀਂ ਬੰਨ੍ਹਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ।
  4. ਘਰਾਂ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਗਲੀਆਂ ਅਤੇ ਸੜਕਾਂ ਉੱਤੇ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਨਹੀਂ ਸੁੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਇਸ ਨੂੰ ਜਾਂ ਤਾਂ ਦਬਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਸਾੜ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਘਰਾਂ ਦੇ ਅੱਗੇ ਪਾਣੀ ਖੜ੍ਹਾ ਹੋਣ ਨਹੀਂ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਤਾਂ ਜੋ ਮੱਛਰ ਤੇ ਮੱਖੀਆਂ ਆਦਿ ਪੈਦਾ ਨਾ ਹੋ ਸਕਣ | ਘਰਾਂ ਦੇ ਲਾਗੇ ਟੋਇਆਂ ਵਿਚ ਖਲੋਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਡੀ. ਡੀ. ਟੀ. ਜਾਂ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ ਪਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਗਲੀਆਂ ਵਿਚ ਅਤੇ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਤੁਰਦੇ ਸਮੇਂ ਥਾਂ-ਥਾਂ ਨਹੀਂ ਥੱਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  7. ਇੱਧਰ-ਉੱਧਰ ਖੜ੍ਹੇ ਹੋ ਕੇ ਪਿਸ਼ਾਬ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਪਿਸ਼ਾਬ ਸਿਰਫ਼ ਪਿਸ਼ਾਬ ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਹੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸਕੂਲ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣ ਵਿੱਚ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦੀ ਕੀ ਭੂਮਿਕਾ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਕੂਲ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of a School) – ਸਕੂਲ ਵਿੱਦਿਆ ਦਾ ਮੰਦਰ ਹੈ । ਨਿੱਜੀ ਸਫ਼ਾਈ ਤੇ ਘਰ ਦੀ ਸਫਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਸਕੂਲ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਸਕੂਲ ਇਕ ਅਜਿਹੀ ਥਾਂ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਬੱਚੇ ਦਿਨ ਦਾ ਕਾਫ਼ੀ ਸਮਾਂ ਬਤੀਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਸਕੂਲ ਦਾ ਵਾਤਾਵਰਨ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਸ਼ੁੱਧ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ਤਾਂ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਸਿਹਤ ਤੇ ਬੁਰਾ ਅਸਰ ਪਵੇਗਾ। ਉਹ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਣਗੇ । ਇਸ ਲਈ ਸਕੂਲ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਸਕੂਲ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਸੁਥਰਾ ਰੱਖਣ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਵੱਲ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਸਕੂਲ ਦੇ ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਕਾਗਜ਼ ਆਦਿ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਨਹੀਂ ਸੁੱਟਣੇ ਚਾਹੀਦੇ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੂੜੇਦਾਨਾਂ ਵਿਚ ਸੁੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਸਾਰੇ ਕਮਰਿਆਂ, ਡੈਸਕਾਂ ਤੇ ਬੈਂਚਾਂ ਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਇਧਰ-ਉਧਰ ਬੁੱਕਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ ।
  4. ਸਕੂਲ ਦੇ ਪਖਾਨਿਆਂ ਤੇ ਪਿਸ਼ਾਬ ਘਰਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੱਲ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਫ਼ਿਨਾਇਲ ਨਾਲ ਧੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  5. ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਪੀਣ ਵਾਲੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੀਆਂ ਰੱਖਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।
  6. ਦੁਪਹਿਰ ਦਾ ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਬਚਿਆ-ਖੁਚਿਆ ਖਾਣਾ, ਕਾਗ਼ਜ਼ ਆਦਿ ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਪਏ ਕੂੜੇਦਾਨਾਂ ਵਿਚ ਸੁੱਟਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  7. ਸਕੂਲ ਦੇ ਖੇਡ ਦੇ ਮੈਦਾਨਾਂ, ਘਾਹ ਦੇ ਮੈਦਾਨਾਂ ਅਤੇ ਬਗੀਚੇ ਨੂੰ ਕੂੜਾ ਅਤੇ ਪੱਥਰ ਸੁੱਟ ਕੇ ਗੰਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਘਰ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਸੰਭਾਲ-ਸਾਨੂੰ ਘਰ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਅਤੇ ਸਕੂਲ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਇਨ੍ਹਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਇਸਦੇ ਨਾਲ ਰੱਖੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਸਮਾਨ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । | ਘਰ ਦਾ ਸਾਰਾ ਸਾਮਾਨ ਆਪਣੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਥਾਨ ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਲੱਭਣ ਸਮੇਂ ਕੋਈ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਨਾ ਆਵੇ | ਆਪਣੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਥਾਨ ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਹੋਇਆ ਸਾਮਾਨ ਲੱਭਣ ਵਿਚ ਆਸਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਟੁੱਟਣ ਤੋਂ ਬਚਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਘਰ ਵਿਚ ਮੌਸਮ ਅਨੁਸਾਰ ਸਰਦੀ ਵਿੱਚ ਗਰਮੀਆਂ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਅਤੇ ਗਰਮੀ ਵਿਚ ਸਰਦੀਆਂ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਸੰਭਾਲ ਕੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
ਘਰ ਵਿਚ ਬਣੇ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫਰਨੀਚਰ, ਖਿੜਕੀਆਂ, ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਆਦਿ ਨੂੰ ਦੀਮਕ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਦੀਮਕ ਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈ ਦਾ ਛਿੜਕਾਓ ਕਰਨਾ ਚੰਗਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਲੋਹੇ ਦੇ ਜੰਗ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਟ ਕਰਵਾ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਘਰ ਵਿਚ ਇਸਤੇਮਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਕੱਚ ਦੇ ਸਾਮਾਨ, ਚਾਕੂ, ਕੈਂਚੀ, ਪੇਚਕਸ, ਸੁਈ, ਨੇਲਕਟਰ, ਬਲੇਡ ਅਤੇ ਕਣਕ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਅਤੇ ਦੂਸਰੀਆਂ ਦਵਾਈਆਂ, ਫਿਨਾਇਲ ਅਤੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦੀ ਬੋਤਲ ਆਦਿ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਾਲੀ ਜਗਾ ਤੇ ਰੱਖਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਇਹ ਚੀਜ਼ਾਂ ਛੋਟਿਆਂ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਪਹੁੰਚ ਤੋਂ ਦੂਰ ਰਹਿਣ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 2 ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਕੂਲ ਦੇ ਸਮਾਨ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਦੇ ਲਈ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਕੂਲ ਅਤੇ ਸਕੂਲ ਦੇ ਸਾਮਾਨ ਦੀ ਸੰਭਾਲ-ਹਰੇਕ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਨੂੰ ਸਕੂਲ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਸਾਮਾਨ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸਕੂਲ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਤੇ ਪੈਂਨ ਜਾਂ ਪੈਂਸਿਲ ਨਾਲ ਲਕੀਰਾਂ ਨਹੀਂ ਮਾਰਨੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ | ਕਲਾਸ ਵਿਚ ਰੱਖੇ ਸਾਮਾਨ ਜਿਵੇਂ ਫਰਨੀਚਰ ਆਦਿ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਨਹੀਂ ਪਹੁੰਚਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ | ਕਲਾਸ ਵਿਚ ਲੱਗੇ ਪੱਖੇ,
ਟਿਯੂਬ ਲਾਈਟਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਤੋੜਨਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਕਲਾਸ ਵਿਚ ਬਾਹਰ ਜਾਣ ਸਮੇਂ ਬਿਜਲੀ ਦੇ ਬਟਨ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਪਾਣੀ ਪੀਣ ਤੋਂ ਮਗਰੋਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਨਾਲ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਲੱਗੇ ਬਗੀਚੇ ਵਿਚੋਂ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਫੁੱਲ ਨਹੀਂ ਤੋੜਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਬਲਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਚਾਅ ਕੇ ਰੱਖਣ ਤੇ ਸਕੂਲ ਦੀ ਸੁੰਦਰਤਾ ਵਿਚ ਵਾਧਾ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਕੂਲ ਲਾਇਬਰੇਰੀ ਦੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਅਲੱਗ-ਅਲੱਗ ਖ਼ਾਨਿਆਂ ਵਿਚ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਰੱਖਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ਉੱਥੇ ਬੈਠ ਕੇ ਪੜ੍ਹਦੇ ਸਮੇਂ ਸ਼ਾਂਤੀ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਇਲਾਵਾ ਖੇਡ ਦਾ ਸਾਮਾਨ, ਐੱਨ.ਸੀ.ਸੀ. ਬੈਂਡ, ਸਕੂਲ ਪ੍ਰਯੋਗਸ਼ਾਲਾ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਮਾਨ ਆਦਿ ਨੂੰ ਵੀ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਥਾਨ ਤੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Guide ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ Important Questions and Answers

ਬਹੁ-ਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ 

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਘਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣ ਯੋਗ ਗੱਲਾਂ :
(ਉ) ਘਰ ਦੇ ਕੂੜੇ-ਕਰਕਟ ਅਤੇ ਗੰਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ
(ਅ) ਘਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਕਮਰਿਆਂ ਵਿਚ ਝਾੜੂ ਲਾਉਣਾ
(ੲ) ਘਰ ਦੇ ਕੂੜੇ ਨੂੰ ਢੱਕਣਦਾਰ ਢੋਲ ਵਿਚ ਪਾਉਣਾ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਕੂਲ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਚੰਗੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦੱਸੋ ।
(ਉ) ਸਕੂਲ ਦੇ ਬੈ ਅਤੇ ਡੈਸਕਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਅ) ਸਕੂਲ ਦੇ ਕਮਰਿਆਂ ਵਿਚ ਕੁੜਾ ਨਹੀਂ ਫੈਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ
(ੲ) ਲਿਖਦੇ ਸਮੇਂ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਸਿਆਹੀ ਨਹੀਂ ਛਿੜਕਣੀ ਚਾਹੀਦੀ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਘਰ ਵਿਚ ਗੰਦਗੀ ਦੇ ਕਾਰਨ
(ੳ) ਫ਼ਲਾਂ, ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਅਤੇ ਘਰ ਦਾ ਕੂੜਾ ਕਰਕਟ ਆਦਿ ਲਈ ਯੋਗ ਥਾਂ ਨਾ ਹੋਣਾ
(ਅ ਰਸੋਈ, ਇਸ਼ਨਾਨ ਘਰ ਤੇ ਪਖਾਨੇ ਦੇ ਗੰਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ
(ੲ) ਮਲ-ਮੂਤਰ ਅਤੇ ਗੋਹਾ ਆਦਿ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇਕ ਚੰਗਾ ਘਰ ਬਣਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਘਰ ਖੁਸ਼ਕ, ਸਖ਼ਤ ਅਤੇ ਉੱਚੀ ਜ਼ਮੀਨ ‘ਤੇ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
(ਅ) ਘਰ ਮੰਡੀ, ਕਾਰਖਾਨੇ, ਰੇਲਵੇ ਸਟੇਸ਼ਨ ਅਤੇ ਸਮਸ਼ਾਨ ਘਾਟ ਤੋਂ ਦੂਰ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
(ੲ) ਘਰ ਵਿੱਚ ਰੌਸ਼ਨੀ ਅਤੇ ਹਵਾ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਆਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸਰੀਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ :
(ਉ) ਸਾਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਤਾਜ਼ੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਅ) ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਤੌਲੀਏ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੂੰਝਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ੲ) ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਸੁਕਾ ਕੇ ਕੰਘੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਿੱਜੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਹੋਰ ਕਿਸ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਤੇ ਇਸ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਘਰ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਜਗ੍ਹਾ ਤੇ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਖ਼ਤ ਤੇ ਉੱਚੀ ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਗੰਦੇ ਘਰ ਵਿਚ ਰਹਿਣ ਨਾਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਘਰ ਬਣਾਉਣ ਲੱਗਿਆਂ ਉਸ ਦੀ ਨੀਂਹ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੂੰਘੀ, ਚੌੜੀ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਮਰਿਆਂ ਵਿਚ ਕਿਸ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੌਸ਼ਨੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਗੰਦੇ, ਘੱਟ ਰੌਸ਼ਨੀ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਤੰਗ ਮਕਾਨਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿਣ ਨਾਲ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਸਿਹਤ ਠੀਕ ਨਹੀਂ ਰਹਿੰਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਘਰ ਕਿਹੜੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ‘ ਤੋਂ ਦੂਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਡੀ ਤੇ ਰੇਲਵੇ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਘਰ ਦੇ ਕੂੜੇ-ਕਰਕਟ ਨੂੰ ਕਿਸ ਵਿਚ ਸੁੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਢੱਕਣਦਾਰ ਢਲ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਘਰ ਵਿਚੋਂ ਗੰਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਦੀ ਵਿਵਸਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੱਕੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਘਰਾਂ ਦੇ ਕੂੜੇ-ਕਰਕਟ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਟਿਕਾਣੇ ਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੋਏ ਵਿਚ ਦੱਬ ਕੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਕਿੱਥੇ ਨਹੀਂ ਬੰਨ੍ਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਲੀਆਂ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣ ਲਈ ਇਸ ਵਿਚ ਕੀ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਪਰਮੈਂਗਨੇਟ (ਲਾਲ ਦਵਾਈ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਟੱਟੀ ਤੇ ਪੇਸ਼ਾਬਖ਼ਾਨੇ ਨੂੰ ਕਿਸ ਚੀਜ਼ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫਾਇਲ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਘਰਾਂ ਦੇ ਨੇੜੇ ਟੋਇਆਂ ਵਿਚ ਖੜ੍ਹੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਕੀ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੀ. ਟੀ. ਟੀ.।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਘਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣ ਯੋਗ ਪੰਜ ਗੱਲਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਪੰਜ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਗੱਲਾਂ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਨ-

  1. ਘਰ ਦੇ ਕੂੜੇ-ਕਰਕਟ ਤੇ ਗੰਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਘਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਕਮਰਿਆਂ ਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਝਾੜੂ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਘਰ ਦੇ ਕੂੜੇ-ਕਰਕਟ ਨੂੰ ਢੱਕਦਾਰ ਢੋਲ ਵਿਚ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਮੱਖੀਆਂ, ਮੱਛਰਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਘਰ ਵਿਚ ਫਲਿਟ ਜਾਂ ਫੀਨਾਇਲ ਆਦਿ ਛਿੜਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਘਰ ਦੀ ਹਰੇਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਟਿਕਾਣੇ ਸਿਰ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਕੂਲ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕੋਈ ਪੰਜ ਗੱਲਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਕੂਲ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਪੰਜ ਗੱਲਾਂ-

  1. ਸਕੂਲ ਦੇ ਬੈਂਚਾਂ ਅਤੇ ਡੈਸਕਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਸੁੱਟ ਕੇ ਸਕੂਲ ਦੇ ਵਿਹੜੇ ਜਾਂ ਕਮਰਿਆਂ ਨੂੰ ਗੰਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  3. ਲਿਖਦੇ ਸਮੇਂ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਸਿਆਹੀ ਨਹੀਂ ਛਿੜਕਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  4. ਸਕੂਲ ਦੇ ਕਮਰਿਆਂ ਦੀ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਪਖਾਨੇ ਦੀ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਫੀਨਾਇਲ ਨਾਲ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਵਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਘਰ ਵਿਚ ਗੰਦਗੀ ਹੋਣ ਦੇ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਵਿਚ ਗੰਦਗੀ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ-

  1. ਫਲਾਂ, ਸਬਜ਼ੀਆਂ, ਪੱਤੇ ਤੇ ਹੋਰ ਘਰ ਦਾ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਆਦਿ ਲਈ ਯੋਗ ਥਾਂ ਦਾ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  2. ਰਸੋਈ, ਇਸ਼ਨਾਨ-ਘਰ ਤੇ ਪਖਾਨੇ ਦੇ ਗੰਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  3. ਗੋਹਾ ਅਤੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਆਦਿ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  4. ਘਰ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਬਾਰੇ ਗਿਆਨ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  5. ਛੋਟੇ ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਬਹੁਤੇ ਜੀਆਂ ਦਾ ਰਹਿਣਾ ।
  6. ਘਰ ਵਿਚ ਵਧੇਰੇ ਜੀਆਂ ਦੇ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਘਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਤੇ ਭੈੜਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਣਾ ।

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇਕ ਚੰਗਾ ਘਰ ਬਣਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗਾ ਘਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੱਲਾਂ-ਇਕ ਚੰਗਾ ਘਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਵੱਲ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਉ) ਘਰ ਦੀ ਸਥਿਤੀ (Situation of a House)-

  1. ਘਰ ਖੁਸ਼ਕ, ਸਖ਼ਤ ਅਤੇ ਉੱਚੀ ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਘਰ ਮੰਡੀ, ਕਾਰਖ਼ਾਨੇ, ਰੇਲਵੇ ਸਟੇਸ਼ਨ ਅਤੇ ਸ਼ਮਸ਼ਾਨ ਘਾਟ ਤੋਂ ਦੂਰ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਘਰ ਤਕ ਪੁੱਜਣ ਦਾ ਰਸਤਾ ਸਾਫ਼, ਪੱਕਾ ਤੇ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਘਰ ਵਿਚ ਰੌਸ਼ਨੀ ਅਤੇ ਹਵਾ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਆਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਖਿੜਕੀਆਂ ਅਤੇ ਰੌਸ਼ਨਦਾਨ ਆਦਿ ਦੀ ਉੱਚਿਤ ਵਿਵਸਥਾ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਗੁਆਂਢੀ ਚੰਗੇ ਤੇ ਮੇਲ-ਮਿਲਾਪ ਵਾਲੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਚੰਗੇ ਗੁਆਂਢੀ ਹੀ ਸੁੱਖਦੁੱਖ ਦੇ ਭਾਈਵਾਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

(ਅ) ਘਰ ਦੀ ਬਣਤਰ (Construction of a House)-

  1. ਮਕਾਨ ਦੀਆਂ ਨੀਹਾਂ ਡੂੰਘੀਆਂ, ਚੌੜੀਆਂ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਘਰ ਜ਼ਮੀਨ ਜਾਂ ਸੜਕ ਤੋਂ ਕਾਫ਼ੀ ਉੱਚਾਈ ਤੇ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਮੀਂਹ ਆਦਿ ਦਾ ਪਾਣੀ ਅੰਦਰ ਨਾ ਆ ਸਕੇ ।
  3. ਘਰ ਦਾ ਫ਼ਰਸ਼ ਪੱਕਾ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਨਾ ਤਾਂ ਬਹੁਤ ਖ਼ੁਰਦਰਾ । ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਬਹੁਤ ਤਿਲਕਵਾਂ । ਫ਼ਰਸ਼ ਦੀ ਢਲਾਨ ਵੀ ਉੱਚਿਤ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਘਰ ਦੇ ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਅਤੇ ਖਿੜਕੀਆਂ ‘ਤੇ ਜਾਲੀਆਂ ਲਗਵਾਉਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਮੱਖੀ, ਮੱਛਰ ਆਦਿ ਅੰਦਰ ਨਾ ਆ ਸਕਣ ।
  5. ਮਕਾਨ ਪੱਕੇ ਬਣਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਕੱਚੇ ਮਕਾਨਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ।
  6. ਪਖਾਨਾ ਅਤੇ ਗੁਸਲਖ਼ਾਨਾ, ਰਸੋਈ ਘਰ ਅਤੇ ਹੋਰ ਕਮਰਿਆਂ ਤੋਂ ਦੂਰ ਬਣਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ !
  7. ਰਸੋਈ, ਗੁਸਲਖ਼ਾਨਾ ਅਤੇ ਪਖਾਨਾ ਬਣਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕੁਝ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ | ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਰੌਸ਼ਨੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਗੰਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਿਕਾਸ ਦਾ ਠੀਕ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਰਸੋਈ ਵਿਚੋਂ ਧੂੰਆਂ ਬਾਹਰ ਕੱਢਣ ਲਈ ਚਿਮਨੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 2 ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸਾਂਭ-ਸੰਭਾਲ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਰੀਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਮੋਟੇ-ਮੋਟੇ ਨਿਯਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਮੋਟੇ-ਮੋਟੇ ਨਿਯਮ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਸਾਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਤਾਜ਼ੇ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਤੌਲੀਏ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੂੰਝਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਸੁਕਾ ਕੇ ਕੰਘੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਮੌਸਮ ਅਨੁਸਾਰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ਕੱਪੜੇ ਪਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  5. ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੱਲ ਵੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਗਰਮੀਆਂ ਵਿਚ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਹਫ਼ਤੇ ਵਿਚ ਘੱਟੋ-ਘੱਟ ਦੋ ਵਾਰੀ ਤੇ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਇਕ ਵਾਰੀ ਕਿਸੇ ਵਧੀਆ ਸਾਬਣ, ਸੈਂਪੁ, ਰੀਠੇ, ਔਲੇ, ਦਹੀਂ ਜਾਂ ਨਿੰਬੂ ਨਾਲ ਧੋ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਅੱਖਾਂ ਤੇ ਠੰਢੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਛਿੱਟੇ ਮਾਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  7. ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਵੇਰੇ ਉੱਠ ਕੇ ਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੌਣ ਵੇਲੇ ਬੁਰਸ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹਰ ਵਾਰ ਖਾਣਾ-ਖਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੁਰਲੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  8. ਸਰੀਰ ਦੇ ਹੋਰ ਬਾਹਰਲੇ ਅੰਗਾਂ ਹੱਥ, ਨੱਕ, ਕੰਨ, ਪੈਰ ਆਦਿ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੱਲ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ

Punjab State Board PSEB 6th Class Physical Education Book Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Physical Education Chapter 1 ਸਿਹਤ

Physical Education Guide for Class 6 PSEB ਸਿਹਤ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਿਹਤ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਹਤ (Health) – ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਵਾਲੇ ਆਦਮੀ ਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਪਰ ਇਹ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਠੀਕ ਨਹੀਂ । ਵਰਲਡ ਹੈਲਥ ਔਰਗੇਨਾਈਸ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਸਿਹਤ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਸਰੀਰ ਨਾਲ ਹੀ ਸੀਮਿਤ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਸਿਹਤ ਦਾ ਸੰਬੰਧ ਆਦਮੀ ਦੇ ਮਨ, ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਭਾਵਨਾ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਿਹਤ ਸਿੱਖਿਆ ਦਾ ਉਹ ਭਾਗ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਮਨੁੱਖ ਸਾਰੇ ਪੱਖਾਂ ਤੋਂ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਾਲ ਸੁਮੇਲ ਕਾਇਮ ਕਰਕੇ ਸਰੀਰਕ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਵਿਕਾਸ ਕਾਇਮ ਕਰ ਸਕੇ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਕਰ ਸਕੇ । ਸਿਹਤ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਲਈ ਓਨੀ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਜਿੰਨੀ ਕਿ ਫੁੱਲ ਲਈ ਖੁਸ਼ਬੋ । ਵਰਲਡ ਸਿਹਤ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ, “ਸਿਹਤ ਤੋਂ ਭਾਵ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਪੱਖੋਂ ਸਿਹਤਮੰਦ ਹੋਣਾ ਹੈ, ਰੋਗ ਜਾਂ ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਰਹਿਤ ਹੋਣਾ ਹੀ ਸਿਹਤ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

According to (W.H.O.), “Health is a state of complete Physical, Mental and Social well being and not merely the absence of disease or infirmity.”
ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਉਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ, ਭਾਵਾਤਮਕ ਆਦਿ ਸਾਰਿਆਂ ਪਹਿਲੁਆਂ ਵਿੱਚ ਸੰਤੁਲਨ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।

ਸਿਹਤ ਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ

ਇਹ ਚਾਰ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ-

  1. ਸਰੀਰਕ ਸਿਹਤ – (Physical Health)
  2. ਮਾਨਸਿਕ ਸਿਹਤ (Mental Health)
  3. ਸਮਾਜਿਕ ਸਿਹਤ (Social Health)
  4. ਭਾਵਨਾਤਮਿਕ (Ennotional Health) ।

1. ਸਰੀਰਕ ਸਿਹਤ – ਸਰੀਰਕ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਸਾਰੇ ਅੰਗ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਸਰੀਰ ਫੁਰਤੀਲਾ ਤੇ ਤੰਦਰੁਸਤ ਅਤੇ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਕਿਆਵਾਂ ਕਰਨ ਲਈ ਤਿਆਰ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਿਹਤਮੰਦ ਮਨੁੱਖ ਦਾ ਸਰੀਰਕ ਢਾਂਚਾ ਸੁਡੌਲ, ਮਜ਼ਬੂਤ ਅਤੇ ਸੋਹਣਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਕਾਰਜ ਪ੍ਰਣਾਲੀਆਂ ਜਿਵੇਂ ਸਾਹ ਪ੍ਰਣਾਲੀ, ਪਾਚਣ ਪ੍ਰਣਾਲੀ, ਲਹੂ ਪ੍ਰਣਾਲੀ, ਆਪਣਾ-ਆਪਣਾ ਕੰਮ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।

2. ਮਾਨਸਿਕ ਸਿਹਤ-ਇਸ ਦਾ ਮਤਲਬ ਮਨੁੱਖ ਦਿਮਾਗੀ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਸਹੀ ਤੇ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਫੈਸਲਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਆਪਣੇ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨੂੰ ਕਾਇਮ ਰੱਖਦਾ ਹੈ । ਮਾਨਸਿਕ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਹਾਲਾਤ ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਢਾਲ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।

3. ਸਮਾਜਿਕ ਸਿਹਤ-ਇਸ ਤੋਂ ਭਾਵ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਆਪਣੇ ਸਮਾਜ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਹੈ । ਮਨੁੱਖ ਇਕ ਸਮਾਜਿਕ ਪ੍ਰਾਣੀ ਹੈ । ਜਿਸਨੂੰ ਆਪਣੇ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਦੇ ਕੰਮਾਂ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਲਈ ਪਰਿਵਾਰ ਅਤੇ ਸਮਾਜ ਨਾਲ ਚੱਲਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਮਿਲਣਸਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਇੱਜ਼ਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

4. ਭਾਵਾਤਮਕ ਸਿਹਤ-ਸਾਡੇ ਮਨ ਵਿਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਜਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਡਰ, ਖ਼ੁਸ਼ੀ, ਗੁੱਸਾ, ਈਰਖਾ ਆਦਿ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਭਾਵਨਾਵਾਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਜਿਸ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਆਪਣਾ ਜੀਵਨ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੁਜ਼ਾਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ (Personal Hygiene) – ਸਰੀਰ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਨੂੰ ਨਿੱਜੀ ਸਰੀਰ ਸੁਰੱਖਿਆ (Personal Hygiene) ਆਖਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਦੋ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਮੇਲ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਹੈ । Personal ਅਤੇ Hygiene ‘Personal’ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਦਾ ਸ਼ਬਦ ਹੈ । ਜਿਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਨਿੱਜੀ ਜਾਂ ਵਿਅਕਤੀਗਤ, “Hygiene’ ਯੂਨਾਨੀ ਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਸ਼ਬਦ Hygeinous’ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਦਾ ਭਾਵ ਹੈ ਅਰੋਗਤਾ ਦੀ ਦੇਵੀ । ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ Hygiene ਦਾ ਅਰਥ ਜੀਵਨ ਜਾਂਚ ਤੋਂ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਅਰੋਗਤਾ ਕਾਇਮ ਰੱਖਣ ਲਈ ਸਰੀਰ ਵਿਗਿਆਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਟਸ, ਚਿਕਨਾਈ, ਖਣਿਜ-ਲੂਣ, ਵਿਟਾਮਿਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਰਗੇ ਸਾਰੇ ਤੱਤ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਖਾਣਾ-ਖਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੱਥ ਤੇ ਮੂੰਹ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਜ਼ਰੂਰਤ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਗਰਮ ਜਾਂ ਠੰਡਾ ਭੋਜਨ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  4. ਕੰਪਿਊਟਰ ਜਾਂ ਟੀ.ਵੀ. ਦੇਖਦੇ ਹੋਏ ਖਾਣਾ ਨਹੀਂ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  5. ਖਾਣਾ ਸਿੱਧੇ ਬੈਠ ਕੇ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਲੇਟ ਕੇ ਨਹੀਂ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  6. ਫਾਸਟ ਫੂਡ : ਜਿਵੇਂ-ਪੀਜ਼ਾ, ਬਰਗਰ, ਨਿਊਡਲ ਸਿਹਤ ਲਈ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਹਨ । ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਘਰ ਦਾ ਬਣਿਆ ਖਾਣਾ ਹੀ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  7. ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ, ਘੱਟੇ ਅਤੇ ਮੱਖੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਢੱਕ ਕੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਫਲ ਹਮੇਸ਼ਾ ਧੋ ਕੇ ਖਾਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸਾਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
1. ਡਾਕਟਰੀ ਜਾਂਚ –

  1. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਜਾਂਚ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਕਰਵਾਉਂਦੇ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਟੀਕੇ ਵੀ ਲਗਵਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਕਿਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੱਟ ਲੱਗਣ ਦੇ ਨਾਲ ਇਸ ਦਾ ਇਲਾਜ ਜ਼ਰੂਰ ਕਰਵਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

2. ਸੁਭਾਅ-

  1. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਹਰ ਸਮੇਂ ਖੁਸ਼ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਚਿੜਚਿੜਾ ਸੁਭਾਅ ਸਿਹਤ ਤੇ ਮਾੜਾ ਅਸਰ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਚੰਗਾ ਸੁਭਾਅ ਸਿਹਤ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

3. ਆਦਤਾਂ-

  1. ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਉੱਠਣਾ, ਖਾਣਾ, ਪੜ੍ਹਨਾ ਅਤੇ ਖੇਡਣਾ ਤੇ ਆਰਾਮ ਕਰਨਾ ।
  2. ਆਪਣੇ ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਸਫਾਈ ਰੱਖਣਾ ॥
  3. ਪੜ੍ਹਨ ਲੱਗੇ ਰੋਸ਼ਨੀ ਦਾ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ | ਘੱਟ ਰੋਸ਼ਨੀ ਵਿੱਚ ਪੜ੍ਹਨ ਨਾਲ ਅੱਖਾਂ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  4. ਬੈਠਣ ਅਤੇ ਸੌਣ ਲਈ ਠੀਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਫਰਨੀਚਰ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

4. ਕਸਰਤ ਖੇਡਾਂ ਅਤੇ ਯੋਗ-

  1. ਆਪਣੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸਵਸਥ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕਸਰਤ ਜਾਂ ਯੋਗ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
  2. ਕਸਰਤ ਜਾਂ ਯੋਗ ਹਮੇਸ਼ਾ ਖ਼ਾਲੀ ਪੇਟ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਕਸਰਤ ਅਤੇ ਯੋਗ ਲਈ ਖੁੱਲਾ ਵਾਤਾਵਰਨ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
  4. ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਗ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਹਿਲਾਂ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਗਰਮਾਉਣਾ ਉੱਚਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਭੋਜਨ ਖਾਣ ਵੇਲੇ ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਭੋਜਨ ਖਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੱਥ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਧੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਭੋਜਨ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਤੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਫਾਸਟ ਫੂਡ ਤੋਂ ਹਮੇਸ਼ਾ ਬਚਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਘਰ ਦਾ ਬਣਿਆ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਗਰਮ ਜਾਂ ਬਹੁਤ ਠੰਡਾ ਭੋਜਨ ਨਹੀਂ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਭੋਜਨ ਜ਼ਰੂਰਤ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੀ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਬਾ ਕੇ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਕੰਪਿਊਟਰ ਜਾਂ ਟੀ. ਵੀ. ਦੇਖਦੇ ਹੋਏ ਭੋਜਨ ਨਹੀਂ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  7. ਖਾਣਾ ਕਦੇ ਵੀ ਲੇਟ ਕੇ ਨਹੀਂ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  8. ਫਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਕੇ ਖਾਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ’ਤੇ ਨੋਟ ਲਿਖੋ-
(ਉ) ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ
(ਅ) ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ
(ਏ) ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ
(ਸ) ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸਫਾਈ
(ਹ) ਨੱਕ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ
(ਕ) ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ
(ਖ) ਨਹੁੰਆਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Skin)-ਚਮੜੀ ਦੀਆਂ ਦੋ ਤਹਿਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ | ਬਾਹਰਲੀ ਤਹਿ (Epidermis) ਅਤੇ ਅੰਦਰਲੀ ਤਹਿ (Dermis) | ਬਾਹਰਲੀ ਤਹਿ ਵਿਚ ਨਾ ਤਾਂ ਖੂਨ ਦੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਪੱਠੇ ਤੇ ਗਿਲਟੀਆਂ ਤੰਤੂ (Glands) ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਅੰਦਰਲੀ ਤਹਿ ਜੁੜਵੇਂ ਤੰਤੂਆਂ ਦੀ ਬਣੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਚ ਲਹੂ ਦੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਚਮੜੀ ਨੂੰ ਖੁਰਾਕ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ | ਚਮੜੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅੰਗਾਂ ਨੂੰ ਢੱਕ ਕੇ ਰੱਖਦੀ ਹੈ । ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਮਾਦੇ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਕੱਢਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਠੀਕ ਰੱਖਦੀ ਹੈ । ਚਮੜੀ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸੁੰਦਰਤਾ ਬਖ਼ਸ਼ਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੀ ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਖੂਬ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ! ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਚੰਗਾ ਢੰਗ ਨਹਾਉਣਾ ਹੈ । ਨਹਾਉਣ ਲੱਗੇ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਵੇਰੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਪੇਟ ਸਾਫ਼ ਤੇ ਖ਼ਾਲੀ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਖਾਣੇ ਦੇ ਫੌਰਨ ਬਾਅਦ ਨਹੀਂ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  4. ਕਸਰਤ ਕਰਨ ਜਾਂ ਕੰਮ ਦੀ ਥਕਾਵਟ ਤੋਂ ਫੌਰਨ ਬਾਅਦ ਵੀ ਨਹਾਉਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ ।
  5. ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸਰੀਰ ਦੀ ਧੁੱਪ ਵਿਚ ਬੈਠ ਕੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮਾਲਸ਼ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਨਹਾਉਣ ਦੀ ਬਜਾਇ ਬੇਸਣ ਤੇ ਸੰਤਰੇ ਦੇ ਛਿਲਕੇ ਦੇ ਬਣੇ ਵਟਣੇ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਤੇ ਖੁਰਦਰੇ ਤੌਲੀਏ ਨਾਲ ਪੂੰਝਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਨਹਾਉਣ ਮਗਰੋਂ ਮੌਸਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਲਾਭ (Advantages of Cleanliness of Skin) – ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਲਾਭ ਹੁੰਦੇ ਹਨ

  1. ਚਮੜੀ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸੁੰਦਰਤਾ ਬਖ਼ਸ਼ਦੀ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅੰਗਾਂ ਨੂੰ ਢੱਕ ਕੇ ਰੱਖਦੀ ਹੈ ਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਚਮੜੀ ਰਾਹੀਂ ਸਰੀਰ ਵਿਚੋਂ ਪਸੀਨੇ ਤੇ ਹੋਰ ਬਦਬੂਦਾਰ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦਾ ਨਿਕਾਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਠੀਕ ਰੱਖਦੀ ਹੈ ।
  5. ਇਸ ਨੂੰ ਛੂਹਣ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਬਾਹਰਲੀ ਚੀਜ਼ ਦੇ ਗੁਣ ਤੇ ਲੱਛਣਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਚਲਦਾ ਹੈ ।

(ਅ) ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Hair) – ਵਾਲ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਸ਼ਖ਼ਸੀਅਤ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸੁੰਦਰਤਾ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਸੰਘਣੇ, ਮਜ਼ਬੂਤ ਅਤੇ ਚਮਕਦਾਰ ਹੋਣ ਵਿਚ ਲੁਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਵਲ ਖਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ-

  1. ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਸਾਬਣ, ਔਲੇ, ਨਿੰਬੂ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਵਧੀਆ ਸ਼ੈਪੂ ਨਾਲ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੌਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕੰਘੀ ਜਾਂ ਬੁਰਸ਼ ਨਾਲ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਾਹੁਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਖਾਲੀ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਸਿਰ ਵਿਚ ਸੁੱਕੇ ਹੱਥਾਂ ਨਾਲ ਮਾਲਿਸ਼ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਰੋਜ਼ ਸਵੇਰੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੰਘੀ ਕਰਕੇ ਸੰਵਾਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤਾ ਖੁਸ਼ਕ ਜਾਂ ਚਿਕਨਾ ਨਹੀਂ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  6. ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਤਿੱਖੇ ਤਿੰਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਘੱਟ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਚੰਗੀ ਖੁਰਾਕ ਖਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਮੱਖਣ, ਪਨੀਰ, ਸਲਾਦ, ਫਲ ਤੇ ਹਰੀਆਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਆਦਿ ਖੁਰਾਕ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।
  8. ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਖੁਸ਼ਬੂਦਾਰ ਤੇਲ ਨਹੀਂ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।

(ਇ) ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Eyes) – ਅੱਖਾਂ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਕੋਮਲ ਤੇ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਅੰਗ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਦੇਖਦੇ ਹਾਂ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ , ਬਿਨਾਂ ਦੁਨੀਆ ਹਨੇਰੀ ਤੇ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਬੋਝ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਨੇ ਠੀਕ ਹੀ ਕਿਹਾ ਹੈ, ‘ਅੱਖਾਂ ਗਈਆਂ, ਜਹਾਨ ਗਿਆ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਦੇਖ ਭਾਲ ਵਲ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਰੱਖੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਅੱਖਾਂ ਦੇ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਅੱਖਾਂ ਦਾ ਫ਼ਲ, ਕੁਕਰੇ, ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ
ਸੁੰਦਰ ਅੱਖ ਜਲਣ ਆਦਿ ।
PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ 1
ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਸੰਭਾਲ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਵੱਲ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਜਾਂ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਰੋਸ਼ਨੀ ਵਿਚ ਅੱਖਾਂ ਤੋਂ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਨੰਗੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਨਾਲ ਸੂਰਜ ਗ੍ਰਹਿਣ ਨਹੀਂ ਦੇਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  2. ਲੇਟ ਕੇ ਜਾਂ ਬਹੁਤ ਹੇਠਾਂ ਨੂੰ ਝਕ ਕੇ ਪੁਸਤਕ ਨਹੀਂ ਪੜ੍ਹਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  3. ਪੜ੍ਹਨ ਵੇਲੇ ਪੁਸਤਕ ਨੂੰ ਅੱਖਾਂ ਤੋਂ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ 3) ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ਦੂਰ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਗੰਦੇ ਰੁਮਾਲ ਜਾਂ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  5. ਕਿਸੇ ਇਕ ਜਗ੍ਹਾ ਤੇ ਨਜ਼ਰ ਟਿਕਾ ਕੇ ਨਹੀਂ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  6. ਅੱਖ ਵਿਚ ਮੱਛਰ ਆਦਿ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਪੈਣ ਤੇ ਅੱਖ ਨੂੰ ਮਲਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ। ਇਸ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਰੁਮਾਲ ਨਾਲ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਤਾਜ਼ੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਦੇ ਛਿੱਟੇ ਮਾਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  7. ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ ਪਸੀਨਾ ਨਹੀਂ ਡਿੱਗਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  8. ਪੜ੍ਹਦੇ ਸਮੇਂ ਆਪਣੇ ਕੱਦ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਕੁਰਸੀ ਤੇ ਮੇਜ਼ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  9. ਖੱਟੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ, ਤੇਲ, ਸ਼ਰਾਬ, ਤਮਾਕੂ, ਚਾਹ, ਲਾਲ ਮਿਰਚ ਅਤੇ ਅਫ਼ੀਮ ਆਦਿ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਹੀਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  10. ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਬਿਮਾਰੀ ਹੋਣ ਤੇ ਕਿਸੇ ਯੋਗ ਡਾਕਟਰ ਨੂੰ ਦਿਖਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  11. ਇਕੋ ਉਂਗਲੀ ਜਾਂ ਸਲਾਈ ਨਾਲ ਅੱਖਾਂ ਵਿਚ ਦਵਾਈ ਜਾਂ ਕੱਜਲ ਨਹੀਂ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  12. ਚਲਦੀ ਹੋਈ ਗੱਡੀ ਜਾਂ ਬੱਸ ਵਿਚ ਜਾਂ ਪੈਦਲ ਤੁਰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਤਾਬ ਆਦਿ ਨਹੀਂ ਪੜ੍ਹਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  13. ਸਿਨੇਮਾ ਤੇ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਦੂਰ ਤੋਂ ਦੇਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  14. ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਵੇਰੇ ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਸ਼ੀਤਲ ਪਾਣੀ ਦੇ ਛਿੱਟੇ ਮਾਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ 2
(ਸ) ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Ears) – ਕੰਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਅਸੀਂ ਸੁਣਦੇ ਹਾਂ । ਕੰਨ ਦਾ ਪਰਦਾ ਬਹੁਤ ਨਾਜ਼ੁਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਇਸ ਵਿਚ ਕੋਈ ਨੰਕੀਲੀ ਚੀਜ਼ ਲੱਗ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਹ ਫਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਸੁਣਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦਾ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਜੇਕਰ ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਨੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕਿਸੇ ਮੋਟੀ ਤੀਲੀ ਤੇ ਸਖ਼ਤ ਨੂੰ ਲਪੇਟੋ । ਇਸ ਨੂੰ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪਰਆਕਸਾਈਡ ਵਿਚ ਭਿਉਂ ਕੇ ਕੰਨ ਵਿਚ ਫੇਰੋ । ਇਸ ਨਾਲ ਕੰਨ ਸਾਫ਼ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ | ਅਜਿਹਾ ਹਫ਼ਤੇ ਵਿਚ ਇਕ ਜਾਂ ਦੋ ਵਾਰੀ ਕਰੋ ।

ਜੇਕਰ ਕੰਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਪੀਕ ਵਗ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਇਕ ਗ੍ਰਾਮ ਬਰਿਕ ਐਸਿਡ ਨੂੰ ਦੋ ਗਾਮ ਗਲਿਸਰੀਨ ਵਿਚ ਘੋਲੋ । ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੌਣ ਲੱਗੇ ਇਸ ਘੋਲ ਦੀਆਂ ਦੋ ਬੂੰਦਾਂ ਕੰਨਾਂ ਵਿਚ ਪਾਓ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਨਹਾਉਣ ਮਗਰੋਂ ਕੰਨ ਦੇ ਬਾਹਰਲੇ ਹਿੱਸੇ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਕੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੂੰਝੇ ।

  1. ਕੰਨਾਂ ਵਿਚ ਕੋਈ ਤਿੱਖੀ ਜਾਂ ਨੋਕਦਾਰ ਚੀਜ਼ ਨਹੀਂ ਫੇਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰਨ ਨਾਲ ਕੰਨ ਦਾ ਪਰਦਾ ਫਟ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਮਨੁੱਖ ਬੋਲਾ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  2. ਕੰਨ ਵਿਚ ਫਿਸੀ ਹੋਣ ਜਾਂ ਪੀਕ ਵਗਣ ਤੇ ਕੰਨਾਂ ਦੇ ਡਾਕਟਰ ਦੀ ਮਦਦ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  3. ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕੰਨਾਂ ਦੇ ਡਾਕਟਰ ਕੋਲੋਂ ਹੀ ਕਰਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ !
  4. ਜੇਕਰ ਕੰਨ ਵਗਣ ਲੱਗ ਜਾਣ ਤਾਂ ਛੱਪੜਾਂ, ਨਹਿਰਾਂ, ਤਲਾਬਾਂ ਵਿਚ ਨਹਾਉਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ ।
  5. ਬਹੁਤ ਸ਼ੋਰ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਤੇ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  6. ਕੰਨ ਤੇ ਜ਼ੋਰਦਾਰ ਸੱਟ: ਜਿਵੇਂ ਮੁੱਕਾ ਆਦਿ ਨਹੀਂ ਮਾਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  7. ਕਿਸੇ ਬਿਮਾਰੀ ਕਰਕੇ ਜੇਕਰ ਕੰਨ ਭਾਰੀ ਲੱਗਣ ਤਾਂ ਡਾਕਟਰ ਦੀ ਸਲਾਹ ਅਨੁਸਾਰ ਹੀ ਦਵਾਈ ਆਦਿ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

(ਹ) ਨੱਕ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Nose) – ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਵੇਰੇ ਤੇ ਸ਼ਾਮ ਨਹਾਉਂਦੇ ਹੋਏ ਨੱਕ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਨੱਕ ਬਹੁਤ ਜ਼ੋਰ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਇਕ ਨਾਸ ਵਿਚੋਂ ਪਾਣੀ ਅੰਦਰ ਲੈ ਜਾ ਕੇ ਦੂਜੀ ਨਾਸ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

(ਕ) ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Teeth) – ਦੰਦ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਚਬਾਉਣ ਵਿਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਯੋਗਦਾਨ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਚਬਾ ਕੇ ਖਾਧਾ ਭੋਜਨ ਛੇਤੀ ਹਜ਼ਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬੱਚਾ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕੁਝ ਮਹੀਨਿਆਂ ਮਗਰੋਂ ਉਸ ਦੇ ਦੰਦ ਨਿਕਲਣੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਦੰਦ ਸਥਾਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਕੁਝ ਸਾਲਾਂ ਮਗਰੋਂ ਇਹ ਦੰਦ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਦੁੱਧ ਦੇ ਦੰਦ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । 6 ਤੋਂ 12 ਸਾਲ ਦੀ ਉਮਰ ਤੱਕ ਪੱਕੇ ਜਾਂ ਸਥਾਈ ਦੰਦ ਨਿਕਲ ਆਉਂਦੇ ਹਨ । ਦੰਦ ਵੀ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਅੰਗ ਹਨ । ਕਿਸੇ ਨੇ ਠੀਕ ਹੀ ਕਿਹਾ ਹੈ, ”ਦੰਦ ਗਏ ਤਾਂ ਸਵਾਦ ਗਿਆ ।’’ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਨਾਲ ਦਿਲ ਦਾ ਰੋਗ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਤੇ ਮੌਤ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਮੂੰਹ ਵਿਚੋਂ ਬਦਬੂ ਆਉਂਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਤੇ ਸੁਭਾ ਵੀ ਚਿੜਚਿੜਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਦੰਦਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਨਾ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਪਾਓਰੀਆ ਨਾਮਕ ਦੰਦਾਂ ਦਾ ਰੋਗ ਲੱਗ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੱਲ ਖ਼ਾਸ ਦੰਦਾਂ ਤੇ ਬੁਰਸ਼ ਕਰਨ ਦਾ ਢੰਗ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ 3
ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਤੇ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ-

  1. ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਵੇਰੇ ਉੱਠ ਕੇ ਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੌਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੰਦਾਂ ਨੂੰ ਬੁਰਸ਼ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਭੋਜਨ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੁਰਲੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਗਰਮ ਦੁੱਧ ਜਾਂ ਚਾਹ ਨਹੀਂ ਪੀਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਬਰਫ਼ ਤੇ ਠੰਢੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੀ
  3. ਦੰਦਾਂ ਵਿਚ ਪਿੰਨ ਆਦਿ ਕੋਈ ਤਿੱਖੀ ਚੀਜ਼ ਨਹੀਂ ਮਾਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  4. ਦੰਦਾਂ ਨਾਲ ਨਾ ਹੀ ਕਿਸੇ ਸ਼ੀਸ਼ੀ ਦਾ ਢੱਕਣ ਖੋਲ੍ਹਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਬਦਾਮ ਜਾਂ ਅਖਰੋਟ ਜਿਹੀ ਸਖ਼ਤ ਚੀਜ਼ ਤੋੜਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਬੁਰਸ਼ ਮਸੂੜਿਆਂ ਦੇ ਇਕ ਪਾਸੇ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । 6. ਬਿਲਕੁਲ ਖ਼ਰਾਬ ਦੰਦਾਂ ਨੂੰ ਕੱਢਵਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਭੁੰਨੇ ਹੋਏ ਦਾਣੇ, ਗਾਜਰ, ਮੂਲੀ ਆਦਿ ਚੀਜ਼ਾਂ ਖਾਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ । ਗੰਨਾ ਚੁਪਣਾ ਵੀ ਦੰਦਾਂ ਲਈ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹੈ ।
  7. ਦੁੱਧ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  8. ਦੰਦ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਤੇ ਕਿਸੇ ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਮਾਹਿਰ ਡਾਕਟਰ ਤੋਂ ਇਲਾਜ ਕਰਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  9. ਮਿਠਾਈਆਂ, ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਤੇ ਖੰਡ ਨਹੀਂ ਖਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ।

(ਖ) ਨਹੁੰਆਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Nails)-ਸਰੀਰ ਦੇ ਬਾਕੀ ਅੰਗਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵਾਂਗ ਨਹੁੰਆਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦੀ ਵੀ ਬਹੁਤ ਲੋੜ ਹੈ । ਨਹੁੰਆਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦਾ ਧਿਆਨ ਨਾ ਰੱਖਣ ਦਾ ਮਤਲਬ ਕਈ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਸੱਦਾ ਦੇਣਾ ਹੈ । ਨਹੁੰਆਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਵੱਲ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਨਹੁੰ ਨਹੀਂ ਵਧਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ।
  2. ਭੋਜਨ ਖਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਦੰਦਾਂ ਨਾਲ ਨਹੁੰਆਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਕੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਨਹੁੰਆਂ ਨੂੰ ਨੇਲ-ਕਟਰ ਨਾਲ ਕੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਨਹੁੰਆਂ ਨੂੰ ਸੋਡੀਅਮ ਕਾਰਬੋਨੇਟ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿਚ ਡੋਬਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਹੱਥਾਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪੈਰਾਂ ਦੇ ਨਹੁੰ ਵੀ ਕੱਟਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਿਹਤ ਨੂੰ ਨਿਰੋਗ ਰੱਖਣ ਲਈ ਕੋਈ ਪੰਜ ਚੰਗੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਬਾਰੇ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਹਮੇਸ਼ਾ ਸਾਫ-ਸੁਥਰਾ ਤੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅੰਗਾਂ (ਜਿਵੇਂ-ਦਿਲ, ਫੇਫੜੇ ਆਦਿ) ਅਤੇ ਬਾਹਰੀ ਅੰਗ ਹੱਥ ਪੈਰ, ਅੱਖਾਂ ਆਦਿ) ਦੇ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹਾਸਲ ਕਰਨੀ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  3. ਆਪਣੀ ਉਮਰ ਅਨੁਸਾਰ ਪੂਰੀ ਨੀਂਦ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਡਾਕਟਰੀ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਕਰਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਰੀਰ ਦੀ ਲੋੜ ਅਤੇ ਉਮਰ ਅਨੁਸਾਰ ਸੈਰ ਜਾਂ ਕਸਰਤ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਹਮੇਸ਼ਾ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  7. ਖੁੱਲ੍ਹੀ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਰੁੱਤ ਅਤੇ ਮੌਸਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  9. ਹਮੇਸ਼ਾ ਖੁਸ਼ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  10. ਹਮੇਸ਼ਾ ਠੀਕ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਖੜ੍ਹੇ ਹੋਣਾ, ਬੈਠਣਾ ਤੇ ਚੱਲਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  11. ਘਰ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Guide ਸਿਹਤ Important Questions and Answers

ਬਹੁ-ਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਿਹਤ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਹੈ ?
(ਉ) ਸਰੀਰਕ ਸਿਹਤ
(ਅ) ਮਾਨਸਿਕ ਸਿਹਤ
(ਬ) ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਭਾਵਨਾਤਮਿਕ ਸਿਹਤ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਅ) ਖਾਣੇ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੱਥ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ
(ਬ) ਜ਼ਰੂਰਤ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਗਰਮ ਜਾਂ ਠੰਢਾ ਭੋਜਨ ਨਹੀਂ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸਾਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਡਾਕਟਰੀ ਜਾਂਚ .
(ਅ) ਸੁਭਾਅ ਅਤੇ ਆਦਤਾਂ
(ਬ) ਕਸਰਤ, ਖੇਡਾਂ ਅਤੇ ਯੋਗ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਿਵੇਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
(ਉ) ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਵੇਰੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
(ਅ) ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਪੇਟ ਸਾਫ਼ ਤੇ ਖਾਲੀ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
(ਬ) ਖਾਣੇ ਤੋਂ ਫੌਰਨ ਬਾਅਦ ਨਹਾਉਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫਾਈ ਕਿਵੇਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
(ਉ) ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਵੇਰੇ ਉੱਠ ਕੇ ਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੌਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੰਦਾਂ ਨੂੰ ਬੁਰਸ਼ ਨਾਲ | ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਗਰਮ ਦੁੱਧ ਜਾਂ ਚਾਹ ਨਹੀਂ ਪੀਣੀ ਚਾਹੀਦੀ
(ਬ) ਦੰਦਾਂ ਵਿੱਚ ਪਿੰਨ ਆਦਿ ਨਹੀਂ ਮਾਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ।
(ਉ) ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਅਤੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਅ) ਸਾਹ ਹਮੇਸ਼ਾ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਬ) ਹਮੇਸ਼ਾ ਖੁਸ਼ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਸਿਕਰੀ ਪੈਣ ‘ਤੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਇਲਾਜ ਕਰੋਗੇ ?
(ਉ) ਸਿਕਰੀ ਪੈਣ ਤੇ 250 ਗ੍ਰਾਮ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਚਮਚਾ ਬੋਰਿਕ ਪਾ ਕੇ ਧੋਣਾ | ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਅ) ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਨਾਰੀਅਲ ਦਾ ਤੇਲ ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਲਗਾਓ
(ਬ) ਗਲਿਸਰੀਨ ਅਤੇ ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ ਲਗਾ ਕੇ ਸਿਰ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਵਿਗਿਆਨ ਦੀ ਉਸ ਸ਼ਾਖਾ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਹੜੀ ਸਾਨੂੰ ਅਰੋਗ ਰਹਿਣ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਰੋਗ ਮਨ ਦਾ ਕਿਹੜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਨਿਵਾਸ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਰੋਗ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੇਕਰ ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਰੱਖੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕਿਹੋ ਜਿਹੇ ਰੋਗ ਲੱਗਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੰਦਰੂਨੀ ਅਤੇ ਬਾਹਰੀ ਰੋਗ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਦਾ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਅੰਗ ਮੰਨਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਮਲ ਤੇ ਕੀਮਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਦਿਨ ਵਿਚ ਕਈ ਵਾਰ ਕੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਠੰਢੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਛਿੱਟੇ ਮਾਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਕੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦਾਤਨ ਜਾਂ ਮੰਜਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪੜ੍ਹਦੇ ਸਮੇਂ ਸਾਨੂੰ ਪੁਸਤਕ ਨੂੰ ਅੱਖਾਂ ਤੋਂ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
30 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ਜਾਂ । ਫੁੱਟ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਓਰੀਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਰੱਖਣ ਤੇ ਸਿਰ ਵਿਚ ਕੀ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੂਆਂ ਤੇ ਸਿਕਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਕੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਹਾਉਣਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਾਨੂੰ ਕਿਹੋ ਜਿਹੇ ਕੱਪੜੇ ਪਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਕੀ ਸਾਨੂੰ ਚਲਦੀ ਗੱਡੀ ਜਾਂ ਬੱਸ ਵਿਚ ਬੈਠ ਕੇ ਪੁਸਤਕ ਆਦਿ ਪੜ੍ਹਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਹੀਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸਾਨੂੰ ਆਪਣੇ ਕੰਨਾਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਿੰਨ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਨੋਕੀਲੇ ਤੀਲ੍ਹੇ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਜੇਕਰ ਅੱਖ ਵਿਚ ਕੋਈ ਚੀਜ਼ ਪੈ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਸਾਨੂੰ ਕੀ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਮਲਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕਿਸ ਪੋਸਚਰ (ਆਸਨ) ਵਿਚ ਪੜ੍ਹਨਾ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੇਟ ਕੇ ਜਾਂ ਨੀਵੇਂ ਝੁਕ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਕਿਹੜੇ ਰੋਗ ਹੋਣ ਦੀ ਦਸ਼ਾ ਵਿਚ ਬੱਚਿਆਂ ਦਾ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਸਰਾ ਤੇ ਛੋਟੀ ਮਾਤਾ (ਚੇਚਕ) ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸਾਨੂੰ ਸਾਹ ਮੂੰਹ ਦੁਆਰਾ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਨੱਕ ਦੁਆਰਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੱਕ ਦੁਆਰਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਜਾਣ ਨਾਲ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਵਾਦ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਕਿਹੜੀ ਉਮਰ ਵਿਚ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਦੁੱਧ ਦੇ ਦੰਦ ਡਿੱਗ ਕੇ ਨਵੇਂ ਦੰਦ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
6 ਤੋਂ 12 ਸਾਲ ਤਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਜੇਕਰ ਕੰਨਾਂ ਵਿਚ ਮੈਲ ਜੰਮ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰ ਕੇ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਪਰਆਕਸਾਈਡ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਨਹੁੰਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਕੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੂੰਹ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਜੇਕਰ ਕੰਨ ਵਿਚ ਪੀਕ ਪੈ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੰਨ ਵਿਚ ਕਿਸ ਚੀਜ਼ ਦੇ ਘੋਲ ਦੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਪਾਉਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੋਰਿਕ ਐਸਿਡ ਤੇ ਗਲਿਸਰੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਵਧੇ ਹੋਏ ਨਹੁੰਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਨਾਲ ਕੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੇਲ ਕਟਰ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਨੱਕ ਵਿਚਲੇ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਵਾਲ ਧੂੜ ਆਦਿ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਾਲੀ ਦਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਸੁੰਦਰ ਵਾਲ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸ਼ਖ਼ਸੀਅਤ ਨੂੰ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੀ ਤੇ ਪ੍ਰਭਾਵਸ਼ਾਲੀ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕੋਈ ਪੰਜ ਨਿਯਮ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ ਦੇ ਕੋਈ ਪੰਜ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਤੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਾਹ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਉਮਰ ਅਨੁਸਾਰ ਨੀਂਦ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਖੁਸ਼ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਡਾਕਟਰੀ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਕਰਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਾਨੂੰ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਕਿਉਂ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਨੂੰ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਹੀ ਸਾਹ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਇਹ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਨੱਕ ਵਿਚ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਵਾਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਵਿਚਲੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਕੀਟਾਣੂ ਅਤੇ ਧੂੜ ਕਣ ਇਹਨਾਂ ਵਿਚ ਅਟਕ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤੇ ਸਾਫ਼ ਹਵਾ ਸਾਡੇ ਅੰਦਰ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਨੱਕ ਦੀ ਬਜਾਇ ਮੂੰਹ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਲਈਏ ਤਾਂ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਕੀਟਾਣੂ ਸਾਡੇ ਅੰਦਰ ਜਾ ਕੇ ਸਾਨੂੰ ਰੋਗੀ ਬਣਾ ਦੇਣਗੇ। ਇਸ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਹੀ ਸਾਹ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਕੀ ਹਾਨੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਮੜੀ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰਲੇ ਭਾਗਾਂ ਨੂੰ ਢੱਕ ਕੇ ਰੱਖਦੀ ਹੈ ਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਪਸੀਨਾ ਅਤੇ ਹੋਰ ਬਦਬੂਦਾਰ ਵਸਤੂਆਂ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਜਮਾਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕਰਕੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਤੇ ਬਾਹਰੀ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਚਮੜੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜੇ ਤੁਹਾਡੇ ਸਿਰ ਵਿਚ ਸਿਕਰੀ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਉਸ ਦਾ ਕੀ ਇਲਾਜ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਕਰੀ ਦਾ ਇਲਾਜ- ਜੇਕਰ ਸਿਰ ਵਿਚ ਸਿਕਰੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ 250 ਗ੍ਰਾਮ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਇਕ ਚਮਚਾ ਬੋਰਿਕ ਪਾਊਡਰ ਪਾ ਕੇ ਸਿਰ ਨੂੰ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ | ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਨਾਰੀਅਲ ਦਾ ਤੇਲ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਗਲਿਸਰੀਨ ਅਤੇ ਨਿੰਬੂ ਲਗਾ ਕੇ ਵੀ ਸਿਕਰੀ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸ਼ਿੱਕਾਕਾਈ ਅਤੇ ਔਲਿਆਂ ਦੇ ਘੋਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਵੀ ਸਿਕਰੀ ਖਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸਾਡੇ ਲਈ ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ? ਉੱਤਰ-ਦੰਦ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਅੰਗ ਹਨ । ਦੰਦਾਂ ਦੇ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਨਾਲ ਦਿਲ ਦਾ ਰੋਗ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਮੌਤ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਮੂੰਹ ਵਿਚੋਂ ਬਦਬੂ ਆਉਂਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਤੇ ਆਦਮੀ ਦਾ ਸਭਾ ਚਿੜ-ਚਿੜਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਕਰਨ ਤੇ ਪਾਓਰੀਆ ਨਾਂ ਦੀ ਬਿਮਾਰੀ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਦੰਦਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ? ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਤੇ ਸੰਭਾਲ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ – ਵਾਲ ਸਾਡੀ ਸਰੀਰਕ ਤੰਦਰੁਸਤੀ ਦੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਸਾਨੂੰ ਸੁੰਦਰ ਬਣਾਉਣ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਹੱਥ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ਤੇ ਖੂਬਸੂਰਤ ਵਾਲ ਸਾਡੀ ਸ਼ਖ਼ਸੀਅਤ ਨੂੰ ਚਾਰ ਚੰਨ ਲਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਨਾ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਹ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਕੇ ਡਿੱਗਣ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਸਿਕਰੀ ਪੈ ਸਕਦੀ ਹੈ ਤੇ ਇਹ ਸਫ਼ੈਦ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਚੰਮ ਰੋਗ ਵੀ ਲੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਤੇ ਸੰਭਾਲ – ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਤੇ ਸੰਭਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ-

  1. ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੌਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਕੰਘੀ ਜਾਂ ਬੁਰਸ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਾਰਾ ਦਿਨ ਜਿਸ ਪਾਸੇ ਵਾਲ ਰਹੇ ਹੋਣ ਉਸ ਤੋਂ ਉਲਟ ਪਾਸੇ ਵਾਲਾਂ ਦੀਆਂ ਜੜ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਆਖਿਰ ਤੱਕ ਕੰਘੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  3. ਸਵੇਰੇ ਉੱਠ ਕੇ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਕੰਘੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਤਿੱਖੀਆਂ ਪਿੰਨਾਂ ਨਹੀਂ ਲਗਾਉਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ।
  5. ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਨਾ ਹੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਖੁਸ਼ਕ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਚਿਕਨਾ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਤੌਲੀਏ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  7. ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਸਾਬਣ, ਰੀਠਿਆਂ, ਔਲਿਆਂ, ਨਿੰਬੂ, ਆਂਡੇ ਦੀ ਜਰਦੀ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਵਧੀਆ ਸੈਂਪੂ ਨਾਲ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਗਰਮੀਆਂ ਵਿਚ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਹਫ਼ਤੇ ਵਿਚ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਦੋ ਵਾਰ ਤੇ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਇਕ ਵਾਰ ਜ਼ਰੂਰ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
    PSEB 6th Class Physical Education Solutions Chapter 1 ਸਿਹਤ 4
  8. ਸਿਰ ਦੀ ਕਦੇ-ਕਦੇ ਮਾਲਸ਼ ਵੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  9. ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਮੱਖਣ, ਪਨੀਰ, ਸਲਾਦ, ਹਰੀਆਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਤੇ ਫਲਾਂ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ (Personal Hygiene) – ਸਰੀਰ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਨੂੰ ਨਿੱਜੀ ਸਰੀਰ ਸੁਰੱਖਿਆ (Personal Hygiene) ਆਖਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਦੋ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਮੇਲ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਹੈ Personal ਅਤੇ Hygiene. ‘Personal ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਦਾ ਸ਼ਬਦ ਹੈ ਜਿਸ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਨਿੱਜੀ ਜਾਂ ਵਿਅਕਤੀਗਤ, “Hygiene’ ਯੂਨਾਨੀ ਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਸ਼ਬਦ Hygeinous ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਦਾ ਭਾਵ ਹੈ ਅਰੋਗਤਾ ਦੀ ਦੇਵੀ । ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ Hygiene ਦਾ ਅਰਥ ਜੀਵਨ ਜਾਂਚ ਤੋਂ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅਰੋਗਤਾ ਕਾਇਮ ਰੱਖਣ ਲਈ ਸਰੀਰ ਵਿਗਿਆਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ, ਸਿਹਤ ਸਿੱਖਿਆ ਦਾ ਉਹ ਭਾਗ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਮਨੁੱਖ ਸਾਰੇ ਪੱਖਾਂ ਤੋਂ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨਾਲ ਸੁਮੇਲ ਕਾਇਮ ਕਰਕੇ ਸਰੀਰਕ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਵਿਕਾਸ ਕਾਇਮ ਕਰ ਸਕੇ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਕਰ ਸਕੇ । ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਲਈ ਸਿਹਤ ਓਨੀ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਜਿੰਨੀ ਕਿ ਫੱਲ ਲਈ ਖੁਸ਼ਬੋ । ਇਸ ਲਈ ਹਰੇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਸਿਹਤ ਦਾ ਖ਼ਾਸ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿਣ ਵਿਚ ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ ਬਹੁਤ ਸਹਾਇਤਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ, ਵਿਗਿਆਨ ਦੀ ਉਹ ਸ਼ਾਖਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸਾਨੂੰ ਅਰੋਗਤਾ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਸੱਚ ਤਾਂ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਵਿਚ ਨਿੱਜੀ ਅਰੋਗਤਾ ਦੀ ਉਹ ਧਾਰਾ ਹੈ ਜਿਸ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰ ਕੇ ਮਨੁੱਖ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਵਿਗਿਆਨ ਲਈ ਕਿਹੜੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿੱਜੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਹਮੇਸ਼ਾ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਤੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰੂਨੀ ਅੰਗਾਂ (ਜਿਵੇਂ ਦਿਲ, ਫੇਫੜੇ ਆਦਿ) ਅਤੇ ਬਾਹਰੀ ਅੰਗ ਹੱਥ, ਪੈਰ, ਅੱਖਾਂ ਆਦਿ ਦੇ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਹਾਸਲ ਕਰਨੀ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ।
  3. ਆਪਣੀ ਉਮਰ ਅਨੁਸਾਰ ਪੂਰੀ ਨੀਂਦ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਡਾਕਟਰੀ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਕਰਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਰੀਰ ਦੀ ਲੋੜ ਅਤੇ ਉਮਰ ਅਨੁਸਾਰ ਸੈਰ ਜਾਂ ਕਸਰਤ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਹਮੇਸ਼ਾ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  7. ਖੁੱਲ੍ਹੀ ਹਵਾ ਵਿਚ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  8. ਰੁੱਤ ਅਤੇ ਮੌਸਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  9. ਹਮੇਸ਼ਾ ਖੁਸ਼ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  10. ਹਮੇਸ਼ਾ ਠੀਕ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਖੜ੍ਹੇ ਹੋਣਾ, ਬੈਠਣਾ ਤੇ ਚਲਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  11. ਘਰ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਨਾ ਰੱਖਣ ਦੇ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਨਾ ਰੱਖਣ ਦੇ ਨੁਕਸਾਨ-ਜੇਕਰ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਨਾ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਾਲਾਂ ਤੇ ਚਮੜੀ ਦੇ ਰੋਗ ਲੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਰੋਗ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

1. ਸਿਕਰੀ (Dendruf) – ਸਿਕਰੀ ਖੁਸ਼ਕ ਚਮੜੀ ਦੇ ਮਰੇ ਹੋਏ ਅੰਸ਼ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਅੰਸ਼ਾਂ ਵਿਚ ਸਾਬਣ ਤੇ ਮਿੱਟੀ ਵੀ ਇਕੱਠੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਸਿਕਰੀ ਨਾਲ ਸਿਰ ਦੀ ਚਮੜੀ ਵਿਚ ਰੋਗਾਣੂ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਇਲਾਜ (Treatment) – ਸਿਰ ਵਿਚ ਸਿਕਰੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਣ ਦੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ 250 ਗ੍ਰਾਮ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਇਕ ਚਮਚਾ ਬੋਰਿਕ ਪਾਊਡਰ ਪਾ ਕੇ ਸਿਰ ਨੂੰ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਨਹਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਨਾਰੀਅਲ ਦਾ ਤੇਲ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਨਿੰਬੂ ਅਤੇ ਗਲਿਸਰੀਨ ਲਗਾ ਕੇ ਵੀ ਸਿਕਰੀ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸ਼ਿਕਾਕਾਈ ਤੇ ਔਲਿਆਂ ਨੂੰ ਭਿਉਂ ਕੇ ਬਣੇ ਘੋਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਵੀ ਸਿਕਰੀ ਖ਼ਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

2. ਚੁੰਆਂ ਪੈਦਾ ਹੋਣਾ (Lice) – ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਰੱਖਣ ਤੇ ਸਿਰ ਵਿਚ ਜੂਆਂ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਕ ਨੂੰ ਇਕ ਵੇਲੇ ਕੋਈ 300 ਆਂਡੇ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਦੋ ਹਫ਼ਤਿਆਂ ਮਗਰੋਂ ਇਹਨਾਂ ਆਂਡਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਬੱਚੇ ਨਿਕਲ ਆਉਂਦੇ ਹਨ । ਦੋ ਹਫ਼ਤਿਆਂ ਮਗਰੋਂ ਇਹ ਜੰਆਂ ਹੋਰ ਆਂਡੇ ਦੇਣ ਦੇ ਯੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਸਫ਼ਾਈ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਸਿਰ ਵਿਚ ਜੰਆਂ ਨਹੀਂ ਪੈਦਾ ਹੋਣਗੀਆਂ-

  1. ਕਿਸੇ ਦੂਜੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਕੰਘੀ, ਬੁਰਸ਼, ਸਿਰ ਦੀ ਜਾਲੀ, ਰੁਮਾਲ, ਪਗੜੀ, ਟੋਪੀ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਹੀਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  2. ਬੱਸ ਦੀ ਸੀਟ ਜਾਂ ਸਿਨੇਮਾ ਹਾਲ ਦੀ ਕੁਰਸੀ ਦੀ ਪਿੱਠ ਨਾਲ ਆਪਣਾ ਸਿਰ ਲਾ ਕੇ ਨਹੀਂ ਬੈਠਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  3. ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਕੰਘੀ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੰਘੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਅਜਿਹੀ ਜਗ੍ਹਾ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਮਿੱਟੀ ਨਾ ਪਵੇ ।

3. ਵਾਲਾਂ ਦਾ ਡਿੱਗਣਾ (Falling of Hair-ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਰੱਖਣ ਤੇ ਵਾਲ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਕੇ ਡਿੱਗਣ ਲੱਗਦੇ ਹਨ | ਵਾਲਾਂ ਦੇ ਡਿੱਗਣ ਦੀ ਰੋਕ-ਥਾਮ ਲਈ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਵਾਲਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤੇ ਨਾਲ ਹੀ ਚੰਗਾ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਛੁੱਟ ਸਖ਼ਤ ਸਾਬਣ ਤੇ ਖੁਸ਼ਬੂਦਾਰ ਤੇਲ ਦੀ ਵੀ ਘੱਟ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

4. ਵਾਲਾਂ ਦਾ ਚਿੱਟਾ ਹੋਣਾ (Change in Colour-ਕਾਮ ਜਾਂ ਚੰਗੀ ਖੁਰਾਕ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਵਾਲ ਛੇਤੀ ਹੀ ਚਿੱਟੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਚਿੱਟੇ ਹੋਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਸੰਤੁਲਿਤ ਤੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਰੋਜ਼ ਸਰੀਰਕ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਨੱਕ ਦੇ ਵਾਲਾਂ ਦਾ ਕੀ ਲਾਭ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੱਕ ਵਿਚਲੇ ਵਾਲਾਂ ਦਾ ਲਾਭ (Advantages of Hair in Nostril) – ਅਸੀਂ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ । ਨੱਕ ਵਿਚ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਵਾਲ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਾਲਾਂ ਦੇ ਬਹੁਤ ਲਾਭ ਹਨ । ਇਹ ਵਾਲ ਧੂੜ ਆਦਿ ਲਈ ਜਾਲੀ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਵਿਚ ਧੂੜ ਕਣ ਤੇ ਰੋਗਾਣੂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ਤਾਂ ਇਹ ਧੂੜ ਕਣ ਤੇ ਰੋਗਾਣੂ ਨੱਕ ਵਿਚਲੇ ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਅਟਕ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਡੇ ਅੰਦਰ ਸਾਫ਼ ਹਵਾ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਹ ਵਾਲ ਨਾ ਹੋਣ ਤਾਂ ਹਵਾ ਵਿਚਲੇ ਧੂੜ ਕਣ ਤੇ ਰੋਗਾਣੂ ਸਾਡੇ ਅੰਦਰ ਚਲੇ ਜਾਣਗੇ ਤੇ ਸਾਡਾ ਸਰੀਰ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ । ਇਸ ਲਈ ਨੱਕ ਦੇ ਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣਾ ਜਾਂ ਪੁੱਟਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪੈਰਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਿਵੇਂ ਰੱਖੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੈਰਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Feet)-

  • ਪੈਰਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੱਲ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਵੀ ਓਨਾ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਜਿੰਨਾ ਕਿ ਸਰੀਰ ਦੇ ਹੋਰ ਅੰਗਾਂ ਵੱਲ । ਸਵੇਰੇ ਨਹਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਪੈਰਾਂ ਨੂੰ ਅਤੇ ਉਂਗਲਾਂ ਵਿਚਕਾਰਲੀ ਥਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੌਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵੀ ਪੈਰਾਂ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਕਰ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਪੈਰਾਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਦਿਨ ਵਿਚ ਇਕ ਵਾਰ ਜੁਰਾਬਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵੀ ਕਰ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਪੈਰਾਂ ਲਈ ਬੂਟ ਜਾਂ ਜੁੱਤੀਆਂ ਲੈਂਦੇ ਸਮੇਂ ਪੈਰਾਂ ਦੀ ਬਣਤਰ ਅਤੇ ਮਾਪ ਦਾ ਖਾਸ ਖਿਆਲ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਬੂਟ ਜਾਂ ਜੁੱਤੀ ਆਰਾਮਦੇਹ ਅਤੇ ਖੁੱਲ੍ਹੀ ਹੀ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ।
  • ਜੇਕਰ ਪੈਰਾਂ ਵਿਚ ਖਾਰਸ਼, ਦਾਦ, ਚੰਬਲ ਆਦਿ ਦੇ ਰੋਗ ਲੱਗੇ ਹੋਣ ਤਾਂ ਨਾਈਲੋਨ ਦੀਆਂ ਜ਼ਰਾਬਾਂ ਨਹੀਂ ਪਾਉਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ।
  • ਨੰਗੇ ਪੈਰ ਨਹੀਂ ਘੁੰਮਣਾ ਚਾਹੀਦਾ 6. ਪੈਰਾਂ ਦੇ ਨਹੁੰ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਕੱਟ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  • ਪੈਰਾਂ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਅਤੇ ਉੱਪਰ ਗਲਿਸਰੀਨ ਜਾਂ ਸਰੋਂ ਦੇ ਤੇਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪੈਰਾਂ ਦੀ ਮਾਲਿਸ਼ ਵਲ ਵੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹੱਥਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਿਵੇਂ ਰੱਖੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹੱਥਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ (Cleanliness of Hands)-

  • ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਸਾਬਣ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਦੋ ਵਾਰ ਧੋ ਕੇ ਰੋਟੀ ਖਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਸਦਾ ਨਰਮ ਤੇ ਮੁਲਾਇਮ ਰੱਖਣ ਦਾ ਯਤਨ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਹੱਥਾਂ ਜਾਂ ਉਂਗਲਾਂ ਵਿਚ ਤਰੇੜਾਂ ਜਾਂ ਖੁਰਦਰੇ ਪਣ ਨੂੰ ਗਲਿਸਰੀਨ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਚੰਗੀ ਕਿਸਮ ਦੀ ਕੀਮ ਨਾਲ ਦੂਰ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਸਾਬਣ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਛੂਤ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਆਦਿ ਹੱਥਾਂ ਨਾਲ ਨਾ ਫੈਲ ਸਕਣ । ਜੇਕਰ ਹੱਥ ਸਾਫ਼ ਨਾ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਤਾਂ ਹੱਥਾਂ ਦੀ ਮੈਲ ਜਿਸ ਵਿਚ ਕਈ ਕੀਟਾਣੂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਪੇਟ ਵਿਚ ਚਲੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 इंद्रधनुष (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB इंद्रधनुष Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

इंद्रधनुष अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

  • ਰੰਗ = रंग
  • ਕਿਰਨਾਂ = किरणें
  • ਖੁਸ਼ੀ = खुशी

उत्तर :
विद्यार्थी इन हिन्दी शब्दों को अपनी अभ्यास पुस्तिका (कॉपी) में लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

  • ਬੱਦਲ = मेघ
  • ਸਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ = इन्द्रधनुष
  • ਅਕਾਸ਼ = नभ
  • ਧਰਤੀ = धरा
  • ਛੇਕ = छेद
  • ਵਿਹੜਾ = आँगन
  • ਵਰਖਾ, ਮੀਂਹਿ = वर्षा
  • ਕੁਦਰਤ = प्रकृति
  • ਅਚਾਨਕ = सहसा
  • ਝੂਲਾ = झूला

उत्तर :
विद्यार्थी दिए गए हिन्दी भाषा के शब्दों को अपनी अभ्यास – पुस्तिका (कापी) में लिखने का अभ्यास करें।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) कविता में बादलों का रंग कैसा बताया गया है?
उत्तर :
कविता में बादलों का रंग काला बताया गया है।

(ख) वर्षा के बाद प्रकृति कैसी दिखाई देती है?
उत्तर :
वर्षा के बाद प्रकृति हरी – भरी दिखाई देती है।

(ग) वर्षा के बाद सूर्य दिखाई देने पर नभ पर क्या दिखाई देता है?
उत्तर :
वर्षा के बाद सूर्य दिखाई देने पर नभ पर इन्द्रधनुष दिखाई देता है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

(घ) इन्द्रधनुष का आकार कैसा होता है?
उत्तर :
इन्द्रधनुष का आकार झूले जैसा होता है।

(ङ) कवि ने इन्द्रधनुष के लिए अन्य कौन-सा शब्द प्रयोग किया है?
उत्तर :
कवि ने इन्द्रधनुष के लिए ‘सतरंगा’ शब्द प्रयोग किया है।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) सावन के महीने में प्रकृति हरी-भरी क्यों दिखाई देती है?
उत्तर :
सावन के महीने में आकाश में बादल उमड़ – घुमड़ कर आते हैं और खूब वर्षा करते हैं जिससे सारी प्रकृति हरी – भरी दिखने लगती है।

(ख) इस माह की अन्य क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर :
सावन के महीने में आकाश घने काले बादलों से ढक जाता है। काले बादलों को देखकर बच्चे, बूढ़े तथा युवा सभी खुशियों से भर कर नाचने लगते हैं। उनके चेहरे खुशियों से खिल उठते हैं। गर्मी से राहत मिलती है। मोर नाचने लगता है, मेंढक टर्राने लगते हैं। सारी धरती हरी भरी हो उठती है और आकाश पर इन्द्रधनुष दिखने लगता है।

(ग) वर्षा ऋतु से हमें मुस्कराते रहने का क्या संदेश मिलता है?
उत्तर :
वर्षा ऋतु में उमड़ घुमड़ कर आए काले बादल हमें संदेश देते हैं कि हमेशा मुसकराते रहो और अपने चारों ओर खुशियाँ बाँटते चलो।

5. इन्द्रधनुष के चित्र को देखो और नीचे दिए गये शब्दों के पर्याय ढूँढ़कर लिखें :

  1. प्रभु = ____________, ____________
  2. मेघ = ____________, ____________
  3. नभ = ____________, ____________
  4. किरण = ____________, ____________

उत्तर :

  1. प्रभु, परमात्मा, ईश्वर।
  2. मेघ, जलद, बादल।
  3. नभ, आकाश, गगन।
  4. किरण, कर, मयूख।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

6. कविता की पंक्तियाँ पूरी करो

(क) वर्षा थमी धरा महकी,
________________________।
(ख) नभ पर रंगों का मेला,
________________________।
(ग) हृदय हार नभ रानी का,
________________________।
उत्तर :
(क) वर्षा थमी धरा महकी,
प्रकृति दिखती हरी भरी।
(ख) नभ पर रंगों का मेला,
अर्ध वृत्त जैसा फैला।
(ग) हृदय हार नभ रानी का,
मोहित मन हर प्राणी का।

7. पढ़ो, समझो और दो-दो नये शब्द लिखो :

  • र् + य = र्य = सूर्य,
  • र् + म = में = ______________
  • इ + च = र्च = ______________
  • र् + षा = र्षा = ______________
  • प + र = प्र = प्रकृति,
  • क् + र = क्र = ______________
  • द् + र = द्र = ______________
  • ब् + र = ब्र = ______________

उत्तर :

  • र् + य = र्य = सूर्य, धैर्य।
  • र + म = र्म = चर्म, गर्म।
  • र + च = र्च = चर्च, खर्च।
  • र् + षा = र्षा = वर्षा, हर्षा।
  • प् + र = प्र = प्रकृति, प्रकाश।
  • क + र = क्र = क्रय, विक्रय।
  • द् + र = द्र = दरिद्र, द्रविड़।
  • ब् + र = ब्र = ब्राज़ील, सब्र।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

अध्यापन निर्देश :
1. अध्यापक विद्यार्थियों को बताये कि हलन्त ‘र’ अर्थात् स्वर रहित ‘र’ अपने से अगले व्यंजन के ऊपर (‘) लगाया जाता है। इसे रेफ (‘) कहते हैं। जैसे – र् + य – र्य (सूर्य, कार्य आदि)। इसी तरह अध्यापक यह भी बताये कि ‘र’ से पहले हलन्त व्यंजन (अ रहित व्यंजन) हो तो ‘र’ उसके नीचे लिखा जाता है और उसका हलन्त हट जाता है जैसे – प् + र – प्र (प्रकृति, प्रभु आदि) ‘र’ के इस रूप को पदेन कहते हैं।

2. यदि ‘र’ के बाद मात्रा सहित व्यंजन आता है तो ‘र’ मात्रा के बाद लगता है जैसे – वर्षा में ‘र’ आ की मात्रा पर लगा है। इसी तरह ‘ई’ की मात्रा तथा ‘ओ’ की मात्रा के बाद ‘र’ का प्रयोग होता है। जैसे – ‘पूर्वी’ में तथा ‘धर्मों’ में क्रमशः ‘ई’ और ‘ओ’ की मात्रा के बाद ‘र’ का प्रयोग हुआ है।

8. सोचिए और लिखिए :

(i) इन्द्रधनुष का चित्र बनायें और उसमें अध्यापक की मदद से या स्वयं रंग भरें।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं प्रयास करें।

(ii) इन्द्रधनुष में कौन-कौन से रंग होते हैं?
उत्तर :
लाल, नीला, हरा, पीला, नारंगी, बैंगनी, जामुनी।

(iii) सावन के महीने का आनन्द लें। सावन के महीने की रोचक बातें अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखें।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं प्रयास करें।

(iv) यदि वर्षा न हो तो क्या होगा?
उत्तर :
यदि वर्षा न हो तो सारी धरती प्यासी हो जाएगी। पेड़ – पौधे सब सड़ और मर जाएंगे। नदियों में पानी भी नहीं होगा। मनुष्य और प्रकृति सब त्राहि – त्राहि कर उठेंगे।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

(v) यदि वर्षा अधिक होगी तो क्या होगा?
उत्तर :
यदि वर्षा अधिक होगी तो नदी – नाले जल से लबालब भर जाएंगे। चारों ओर पानी ही पानी दिखाई देगा। बाढ़ आ जाएगी और लोग अपने सामान उठा कर भागते – छिपते दिखाई देंगे।

9. चित्र देखकर अपनी कल्पना से पाँच वाक्य लिखें :
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष 1

  1. ____________________
  2. ____________________
  3. ____________________
  4. ____________________
  5. ____________________
  6. ____________________
  7. ____________________

उत्तर :

  1. वर्षा हो रही है।
  2. बच्चे वर्षा में भीग रहे हैं।
  3. लड़कियाँ सावन के झूले झूल रही हैं।
  4. पक्षी वर्षा से भीगने से बचने के लिए छिप रहे हैं।
  5. बच्चा वर्षा में नाच रहा है।
  6. चारों ओर पानी ही पानी है।
  7. आकाश से वर्षा की बूंदें धरती पर गिर रही हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

अध्यापन निर्देश :
इन्द्रधनुष को अंग्रेजी में Rainbow कहते हैं।
इन्द्रधनुष के रंग (हिंदी में)
बैंगनी, जामुनी (गहरा नीला), नीला, हरा,
पीला, नारंगी (संतरी), लाल
इन्द्रधनुष के रंग (हिंदी में ) याद रखने
का संक्षिप्त रूप :
बैंजानीहपीनाला
इन्द्रधनुष के रंग (अंग्रेज़ी में)
Violet, Indigo, Blue, Green Yellow, Orange, Red
संक्षिप्त रूप : VIBGYOR

योग्यता विस्तार
वर्षा के दिनों में इन्द्रधनुष ऐसे समय बनता है जब सूरज पश्चिम में डूब रहा होता है। तब यह पूर्व की ओर बनता है। वैसे इसके बनने के लिए वर्षा के साथ-साथ साफ आकाश और सूरज की रोशनी का होना भी जरूरी है। हवा में मौजूद पानी की नन्ही-नन्ही बूंदों पर पड़ती सूर्य किरणों से हमें सात रंगों की छटा का बहुत ही सुंदर कुदरती घेरा दिखायी देता है।

सहायक क्रिया
1. रोशनी के आगे पारदर्शी पेन को सामने रखकर इन्द्रधनुष के सभी रंगों का अवलोकन करें।
2. विज्ञान की प्रयोगशाला से प्रिज्म लेकर (रोशनी में) इन्द्रधनुषी रंगों का अवलोकन करें।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इन्द्रधनुष का आकार कैसा होता है ?
(क) झूले जैसा
(ख) फूले जैसा
(ग) फूल जैसा
(घ) धूल जैसा।
उत्तर :
(क) झूले जैसा

प्रश्न 2.
कवि ने इन्द्रधनुष के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है ?
(क) इन्द्रा
(ख) इन्द्री
(ग) सतरंगा
(घ) सतरंगी।
उत्तर :
(ग) सतरंगा

प्रश्न 3.
इन्द्रधनुष में कितने रंग होते हैं ?
(क) पाँच
(ख) छह
(ग) सात
(घ) आठ।
उत्तर :
(ग) सात

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

प्रश्न 4.
इन्द्रधनुष में कौन-कौन से रंग होते हैं ?
(क) लाल-नीला
(ख) हरा-पीला
(ग) नारंगी, बैंगनी, जामुनी
(घ) ये सभी।
उत्तर :
(घ) ये सभी।

इंद्रधनुष Summary in Hindi

इंद्रधनुष कविता का सार

आकाश में घने काले बादल उमड़ आए। वे बरसे और ऐसा लगा जैसे आकाश में लाखों छेद हो गए हों। वर्षा रुकते ही हरी – भरी प्रकृति शोभा देने लगी। सूर्य के प्रकट होते ही सुनहरी किरणें फैली। सात रंगों का प्यारा इन्द्रधनुष प्रकट हो गया जिसने अपनी सुन्दरता से सभी का दिल जीत लिया। यह तो परमात्मा का झूला है। जब वर्षा ऋतु मुस्काती है तो वह सतरंगी हो जाती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष 2

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

पद्यांशों के सरलार्थ

1. उमड़े बरसे काले मेघ,
नभ में जैसे लाखों छेद।
वर्षा थमी धरा महकी,
प्रकृति दिखती हरी भरी।

कठिन शब्दों के अर्थ – उमड़े – घिर कर आना, फैल जाना। बरसे – बरसना। मेघ बादल। थमी – रुकी। महकी – सुगन्ध से भर गई। प्रकृति – कुदरत।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्यपुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता ‘इन्द्रधनुष’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने इन्द्रधनुष की सुन्दरता का वर्णन किया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि उमड – घुमड कर काले बादल आकाश पर छा गए हैं। उनसे वर्षा ऐसे होने लगी जैसे आकाश में लाखों छेद एक साथ हो गए हों। वर्षा के रुक जाने पर सारी धरती से सौंधी – सी महक आने लगी और सारी कुदरत हरी – भरी दिखाई देने लगी।

भावार्थ – कवि ने वर्षा के बाद धरती की शोभा का वर्णन किया है।

2. सहसा सूर्यदेव आये,
सोने – सी किरणें लाये।
नभ पर रंगों का मेला,
अर्ध – वृत्त जैसा फैला।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

कठिन शब्दों के अर्थ – सहसा – अचानक। सूर्यदेव – सूरज देवता। नभ – आकाश। अर्ध – आधा। वृत्त – गोला।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता ‘इन्द्रधनुष’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने इन्द्रधनुष की सुन्दरता का वर्णन किया है। इन पंक्तियों में कवि वर्षा के बाद का दृश्य बताते हुए कहता है

सरलार्थ – कवि कहता है कि वर्षा रुकते ही अचानक आकाश पर सूरज देवता आ गए और वह अपने साथ सोने जैसी सुनहरे रंग की किरणें लाए। चारों तरफ आकाश में सुन्दर किरणें, फैल गई। किरणों के फैलते ही आकाश में आधे गोलाकार में इन्द्रधनुष दिखने लगा और ऐसा लगने लगा जैसे आकाश में रंगों का मेला लग गया हो।

भावार्थ – बरसात के बाद सूर्य निकलते ही इन्द्र धनुष की सुन्दरता आकाश में बिखर गई।

3. यह है इन्द्रधनुष प्यारा,
सतरंगा न्यारा – न्यारा।
हृदय – हार नभ रानी का,
मोहित मन हर प्राणी का।

कठिन शब्दों के अर्थ – सतरंगा – सात रंगों का। न्यारा – निराला, अद्भुत। हृदय हार – गले का हार। नभ – रानी – आकाश की रानी। मोहित – आकर्षित। हर – सभी। प्राणी – जीव, लोग।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता ‘इन्द्रधनुष’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने इन्द्रधनुष की सुन्दरता का वर्णन किया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि आकाश में सात रंगों से रंगा हुआ अद्भुत – सा दिखाई देने वाला रंग – बिरंगा यह इन्द्रधनुष है। यह इन्द्रधनुष इतना सुन्दर है कि लगता है जैसे आकाश की रानी के गले का सुन्दर हार हो। कवि कहता है कि यह इतना सुन्दर दृश्य है कि सभी लोगों के मन को मोह लेता है।

भावार्थ – इन्द्रधनुष की सुन्दरता मनभावन है।

4. सुन्दर यह प्रभु का झूला,
देख – देख कर मन फूला।
झूला प्रभु के आंगन में,
किरणें झूलें सावन में।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 4 इंद्रधनुष

कठिन शब्दों के अर्थ – फूला – प्रसन्न हुआ। प्रभु – ईश्वर।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्यपुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ की कविता ‘इन्द्रधनुष’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने वर्षा के पश्चात् आकाश में दिखने वाले इन्द्रधनुष की सुन्दरता का वर्णन किया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि इन्द्रधनुष की सुन्दरता को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। ऐसा लगता है जैसे ईश्वर ने इस सुन्दर झूले को अपने आंगन में डाल रखा है और सावन के मौसम में सूर्य की सुन्दर किरणें इस पर झूला झूलती हैं।

भावार्थ – इन्द्रधनुष तो परमात्मा का झूला प्रतीत होता है।

5. वर्षा ऋतु मुस्काती है,
सतरंगी हो जाती है।
आओ हम भी मुस्काएँ,
रंग खुशी से बिखराएँ।

प्रसंग – यह पद्यांश हिन्दी की पाठ्यपुस्तक आओ हिन्दी सीखें’ में संकलित ‘इन्द्रधनुष’। कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने वर्षा के पश्चात् आकाश में दिखने वाले इन्द्रधनुष : की सुन्दरता का वर्णन किया है। कवि कहता है

सरलार्थ – कवि कहता है कि इन्द्रधनुष को देखकर वर्षा ऋतु भी मानो मुसकाने लगती है और उसके रंगों से यह भी सतरंगी हो जाती है। कवि कहता है कि आओ हम भी इन्द्रधनुष के समान जीवन में मुसकाएँ और खुशियों के रंग बिखराएँ।

भावार्थ – कवि ने जीवन में मुसकान बिखेरने का आह्वान किया हैं।