PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 तीन प्रश्न

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 तीन प्रश्न Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 18 तीन प्रश्न

Hindi Guide for Class 6 तीन प्रश्न Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध (प्रश्न)

1. शब्दों के अर्थ ऊपर दिये जा चुके हैं।

विख्यात = मशहूर
आशंका = शंका होना
ढिंढोरा पीटना = सभी को जानकारी देना
सम्मति = सहमति
रुधिर = रक्त, खून
अस्फुट शब्द = टूटे- फूटे शब्द
अपहृत = छीन ली, ले ली
कंदरा = गुफा
कुदाली = फावड़ा
स्त्राव = प्रवाह
रक्षक = रक्षा करने वाला

2. कोष्ठक में दिए गए शब्दों में सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

(क) साधु ने राजा को देखकर उसका …………… किया। (स्वागत, अपमान)
(ख) राजा ने घायल आदमी को ………….. पानी पिलाया। (ताज़ा, गंदा)
(ग) जब राजा साधु की कुटी के सामने पहुंचा तब वह ………………… रहा था। (नहा, धरती गोड़)
उत्तर:
(क) स्वागत
(ख) ताज़ा
(ग) धरती गोड़

3. लिंग बदलें

1. साधु = ………………..
2. पंडित = ………………..
3. आदमी = ………………….
4. राजा = …………………….
उत्तर:
1. साधु – साध्वी
2. पंडित – पंडिताइन
3. आदमी – औरत
4. राजा – रानी

4. समानार्थक लिखिए

1. कर्तव्य = ……………….
2. शुश्रूषा = ……………..
3. स्राव = ………………..
4. पंडित = …………………
5. व्यतीत = ………………….
6. निश्चित = ………………….
7. भविष्य = …………………
8. निर्णय = ……………………
उत्तर:
समानार्थक शब्द
1. कर्तव्य = फर्ज
2. शुश्रुषा = सेवा
3. स्राव = प्रवाह/बहाव
4. पंडित = विद्वान्
5. व्यतीत = बिताना
6. निश्चित = सही समय
7. भविष्य = आने वाला समय
8. निर्णय = फैसला

5. शुद्ध रूप लिखें

1. अपहिरत = ……………….
2. कारयक्रम = ………………
3. नीरधारित = …………………
4. वयतीत = ………………..
5. सूर्यासत = ………………..
6. मूरछित = ………………..
उत्तर:
अशुद्ध रूप शुद्ध रूप
1. अपहिरत = अपहृत
2. कारयक्रम = कार्यक्रम
3. नीरधारित = निर्धारित
4. वयतित = व्यतीत
5. सूर्यासत = सूर्यास्त
6. मूरछित = मूछित

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 तीन प्रश्न

6. साधु ने कहा-“देखो, कोई दौड़ा हुआ यहाँ आ रहा है। आओ, उसे देखें।”
-इस वाक्य में निर्देशक चिहन हैं जो वक्ता की उक्ति के आरम्भ में कहा, बोला, पूछा आदि शब्दों के आगे लगता है।
-“” उद्धरण चिह्न हैं जो बोलने वाले की उक्ति को ज्यों का त्यों लिखने पर लगाए जाते हैं।
‘,’ चिह्न अल्प विराम का है। अल्प’ का अर्थ है थोड़ा। वाक्य में जहाँ थोड़े समय के लिए रुकना पड़े वहाँ अल्प विराम चिह्न लगता है। इसके अतिरिक्त एक ही प्रकार के शब्दों, क्रियाओं, वाक्यांशों के मध्य, किसी के परिचय से पहले, दो वाक्यों को जोड़ने वाले शब्दों से पहले, वाक्यों में संबोधन से पहले, तारीख और सन् के मध्य इस चिह्न का प्रयोग होता है।
-(!) चिह्न का परिचय पहले दिया जा चुका है। इसका नाम आप स्वयं बताएं। अब नीचे लिखे वाक्यों में उचित विराम चिहन लगाएँ

1. राजा ने कहा आप थक गए हैं लाइए मुझे कुदाली दीजिए
2. राजा ने कहा मैं तुम्हें जानता भी नहीं फिर तुमने कोई अपराध भी नहीं किया जिसके लिए मैं तुम्हें क्षमा करूँ
3. साधु ने कहा देखो कोई दौड़ा हुआ यहाँ आ रहा है आओ उसे देखें
4. तुम मुझे नहीं जानते लेकिन मैं तुम्हें जानता हूँ
उत्तर:
1. राजा ने कहा, “आप थक गए हैं, लाइए मुझे कुदाली दीजिए।”
2. राजा ने कहा, “मैं तुम्हें जानता भी नहीं; फिर तुमने कोई अपराध भी नहीं किया, जिसके लिए मैं तुम्हें क्षमा करूँ।”
3. साधु ने कहा, “देखो, कोई दौड़ा हुआ यहाँ आ रहा है। आओ, उसे देखें।”
4. तुम मुझे नहीं जानते, लेकिन मैं तुम्हें जानता हूँ।

7.
(1) साधु क्यारियों में बीज बो रहा था।
(2) राजा ने शहर में ढिंढोरा पिटवाया।
(3) सूर्य वृक्षों के पीछे डूबने लगा।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘बो रहा था’ से काम का करना, ‘पिटवाया‘ से करवाना तथा ‘डूबने लगा‘ से होना प्रकट हो रहा है। अतः ये क्रिया पद हैं। अतएव वाक्य में जिस पद से किसी काम का ‘करना‘, ‘करवाना’ अथवा ‘होना‘ प्रकट हो, उसे क्रिया कहते हैं।

8. निम्नलिखित में से क्रिया-पद छाँटिए

1. उसके पेट में एक बड़ा घाव था।
2. साधु ने राजा की बातें सुनीं।।
3. वहाँ उसे बिस्तर पर लिटा दिया।
4. उस मनुष्य ने अपनी आँखें बन्द कर लीं।
उत्तर:
(1) था
(2) सुनी
(3) लिटा दिया
(4) बन्द कर ली।

9.
1. उसने पीने के लिए कुछ पानी माँगा।
2. साधु अपनी कुटी के सामने धरती गोड़ रहा था।
3. राजा सो गया। 4. वह बैठ गया।
पहले वाक्य में ‘माँगने’ का फल ‘पानी‘ पर दूसरे वाक्य में ‘गोड़ने‘ का फल ‘धरती‘ पर पड़ रहा है। अतः ‘पानी‘ और ‘धरती‘ कर्म हैं। इन पर क्रिया का फल पड़ने से माँगना और गोड़ना-ये सकर्मक क्रियाएँ हैं। तीसरे वाक्य में ‘सोने‘ और चौथे वाक्य मैं ‘बैठने’ का फल सीधा क्रमशः ‘राजा‘ और ‘वह‘ पर पड़ रहा है। इन क्रियाओं में कर्म नहीं है, अतएव ये अकर्मक क्रियाएँ हैं।

विशेष:
वाक्य में ‘क्या’, ‘किसको’ अथवा ‘किसे’ प्रश्न लगाकर यदि उत्तर हाँ में मिलता है तो क्रिया सकमर्क होगी अन्यथा अकर्मक होगी। उदाहरण : साधु अपनी कुटी के सामने धरती गोड़ रहा था। इस वाक्य में यदि प्रश्न स्वरूप क्या लगा दें तो प्रश्न होगा-साधु अपनी कुटी के सामने क्या गोड़ रहा था? उत्तर होगा-धरती। अतः धरती कर्म के रूप में प्रयुक्त हुआ जिसको गोड़ रहा था क्रिया की अपेक्षा है।

इसके विपरीत तीसरे वाक्य में प्रश्नस्वरूप’ क्या, किसको किसे ‘प्रश्न करें’ जैसे-राजा क्या/किसको सो गया? तो उत्तर नहीं मिलता है। अतः वाक्य में कर्म न होने के कारण यह अकर्मक क्रिया है।

10. निम्नलिखित में से सकर्मक तथा अकर्मक क्रियाएँ छाँटिए

1. राजा और साधु ने मिलकर उसके कपड़े खोले। ( )
2. उसे बिस्तर पर लिटा दिया। ( )
3. वह अपने घोड़े से उतर गया। ( )
4. राजा ने घाव पर पट्टी बाँधी। ( )
5. उसने अपने हाथ से पसीना पोंछा। ( )
उत्तर:
(1) सकर्मक
(2) अकर्मक
(3) अकर्मक
(4) सकर्मक
(5) सकर्मक

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विचार-बोध म

(क)
1. राजा के मन में क्या विचार उठा ?
2. राजा ने अपने राज्य में क्या ढिंढोरा पिटवाया ?
3. राजा अपने प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए किस के पास गया ?
4. प्रत्येक कार्य को करने के लिए उचित समय कौन-सा है ?
(ख) 5. पहले प्रश्न के उत्तर में लोगों ने राजा को क्या-क्या बताया ?
6. साधु ने राजा के प्रश्नों का क्या उत्तर दिया ?
7. क्या राजा साधु के उत्तर से सन्तुष्ट हुआ ?
8. किसने राजा को अपना शत्रु बताया और क्यों ?
9. राजा ने शत्रु को क्यों क्षमा किया ?
10. संसार में मनुष्य क्यों जन्म लेता है ? साधु ने क्या बताया है ?
उत्तर:
(क)
1. राजा के मन में विचार उठा कि यदि मैं यह जान जाऊँ कि प्रत्येक कार्य को करने के लिए उचित समय कौन-सा है, तो फिर किसी कार्य में असफल होने की आशंका न रह जाए।
2. राजा ने अपने राज्य में यह ढिंढोरा पिटवाया कि जो मुझे तीन बालों की शिक्षा देगा उसे मैं बहुत बड़ा पुरस्कार दूंगा।
3. राजा अपने प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए एक साधु के पास गया।
4. प्रत्येक कार्य को करने के लिए उचित समय वर्तमान होता है।

(ख) 5. पहले प्रश्न के उत्तर में लोगों ने राजा को निम्नांकित बातें कहीं

  • दिन, मास और वर्षों का कार्यक्रम निर्धारित कर लेना चाहिए।
  • उचित समय के निर्धारण के लिए पण्डितों की एक समिति बनानी चाहिए।
  • निर्णय तुरन्त कर लेना चाहिए, परन्तु भविष्य का ज्ञान भी हो।

6. साधु ने राजा के प्रश्नों के निम्नलिखित उत्तर दिए

  • किसी कार्य को आरम्भ करने का ठीक समय वह समय है जिसमें आप जी रहे हैं अर्थात् वर्तमान काल सबसे ज़रूरी है।
  • सबसे महत्त्वपूर्ण लोग वे हैं जो उस बड़ी हमारे साथ हैं।
  • मानवता की सेवा करना सबसे उत्तम कार्य है।

7. राजा साधु के उत्तर से सन्तुष्ट हो गया।
8. एक दाढ़ी वाला व्यक्ति राजा का पुराना शत्रु था। उसके भाई को राजा ने फाँसी लगवा दी थी।
9. राजा ने शत्रु को इसलिए क्षमा कर दिया क्योंकि उसकी देखभाल करने से राजा के प्राण बच गए थे। राजा को घायल की देखभाल में बहुत समय बीत गया था। इसलिए वह अपनी नगरी को न लौटा।
10. संसार में मनुष्य दूसरों का उपकार करने के लिए ही जन्म लेता है। इसलिए उपकार करना ही परमावश्यक कर्त्तव्य है।

आत्म- बोध

1. अपने कर्त्तव्य को पहचानो और करो।
2. अपना कर्त्तव्य पूरा करके महान् बनने वालों की जीवनियां पढ़िए और उनसे प्रेरणा लें।
3. जैसे राजा ने शत्रु की पट्टी की ऐसे ही गुरु गोबिन्द सिंह जी के युद्ध की घटना का पता करें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रत्येक कार्य को करने के लिए सबसे उचित समय कौन-सा होता है ?
(क) वर्तमान
(ख) भविष्य
(ग) भूतकाल
(घ) निर्वतमान
उत्तर:
(क) वर्तमान

प्रश्न 2.
किसकी सेवा सबसे उत्तम कार्य है ?
(क) मानवता
(ख) दानवता
(ग) धर्म
(घ) भ्रम
उत्तर:
(क) मानवता

प्रश्न 3.
राजा अपने प्रश्नों के उत्तर के लिए किसके पास गया ?
(क) मंत्री के
(ख) दूसरे राजा
(ग) वजीर
(घ) साधु
उत्तर:
(घ) साधु

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से क्रिया शब्द चुनें :
(क) माँगना
(ख) फल
(ग) समाज
(घ) रवि
उत्तर:
(क) माँगना

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 तीन प्रश्न

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द क्रिया का उदाहरण नहीं है ?
(क) गोड़ना
(ख) बैठना
(ग) सोना
(घ) कहाँ
उत्तर:
(घ) कहाँ

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द क्रिया का उदाहरण है ?
(क) राजा
(ख) साधु
(ग) वर्तमान
(घ) उठा
उत्तर:
(घ) उठा

तीन प्रश्न Summary

तीन प्रश्न पाठ का सार

‘तीन प्रश्न’ पाठ में एक राजा के मन में आये तीन प्रश्नों के बारे में कहा गया है। उसके तीन प्रश्न थे

(1) किसी कार्य को आरम्भ करने का सबसे ठीक समय कौन-सा है ?
(2) सबसे महत्त्वपूर्ण लोग कौन हैं ?
(3) सबसे ज़रूरी काम कौन-सा है ?

राजा ने घोषणा करवाई कि जो व्यक्ति इन प्रश्नों का उत्तर देगा उसे बहुत बड़ा पुरस्कार दिया जाएगा। बड़े-बड़े विद्वान् दूर-दूर से राजा के पास आए। सब ने अपनी-अपनी बुद्धि के अनुसार उत्तर दिए। पहले प्रश्न के उत्तर में बहुत-से लोगों का उत्तर अलग-अलग रहा। ऐसे ही दूसरे प्रश्न के उत्तर भी अलग-अलग थे। तीसरे प्रश्न के भी जितने विद्वानों ने उत्तर दिए उन सब के अपने-अपने विचार थे। राजा को किसी भी उत्तर पर सन्तुष्टि नहीं हुई। अतः वह किसी भी विद्वान् को इनाम देने के पक्ष में नहीं था। राजा उदास रहने लगा। एक दिन राजा को पता चला कि समीप के जंगल में एक महात्मा रहते हैं, जो उच्चकोटि के ज्ञानी हैं। परन्तु वह महात्मा सीधे-सादे लोगों से ही मिलते हैं। अगली सुबह राजा सादी वेश-भूषा में महात्मा से मिलने निकल पड़ा। वहाँ पहुँच कर राजा ने महात्मा को कुटिया के बाहर क्यारियों की खुदाई फावड़े से करते देखा। राजा ने उन्हें नमस्कार किया। महात्मा का शरीर दुर्बल था। धरती में फावड़ा मारते ही उनकी साँस ज़ोर-ज़ोर से चलने लगती थी। राजा ने महात्मा से अपने तीन प्रश्नों के उत्तर देने का विनम्र निवेदन किया। महात्मा चुप रहे और फावड़ा मारते रहे। राजा ने तीनों प्रश्न कह दिए।

महात्मा ने राजा के प्रश्न सुने किन्तु उनका उत्तर नहीं दिया और स्वयं पेड़ के नीचे बैठकर सुस्ताने लगे। राजा ने फावड़ा महात्मा से पकड़ कर क्यारियाँ खोदनी शुरू कर दी। दो क्यारियाँ खोदने के बाद राजा महात्मा के पास आया और उनसे प्रश्न पूछे। महात्मा ने उत्तर न देते हुए राजा से फावड़ा पकड़ाने और राजा को आराम करने को कहा। राजा ने फावड़ा नहीं दिया और फिर खोदने लगा। एक घण्टा बीता फिर दूसरा बीता और सूर्य पेड़ों के नीचे छिपने लगा। राजा को घर लौटने की चिन्ता हुई। उसने फिर महात्मा से प्रश्नों के उत्तर देने को कहा और घर जाने की आज्ञा मांगी। तभी सामने की ओर से एक आदमी भागते हुए आया। राजा ने मुड़ कर देखा तो एक दाढ़ी वाला आदमी था। राजा के समीप पहुँचते ही वह चीख कर गिर पड़ा। गिरते ही वह बेहोश हो गया। राजा और महात्मा ने उनका पेट खोल कर घाव भर दिया और उसे कुटिया के अन्दर चारपाई पर डाल दिया।

रात बहुत हो चुकी थी। राजा भी थक कर चूर-चूर हो गया था। वह चौखट का सहारा लेकर लेट गया और देखते-ही-देखते उसे गहरी नींद आ गई। अगले दिन जब राजा की आँखें खुली तो राजा ने उस व्यक्ति की ओर टकटकी लगा कर देखा तभी वह व्यक्ति धीरे से बोला मुझे क्षमा कर दो। राजा ने कहा मैं तो तुम्हें जानता भी नहीं तो माफ़ी किस बात की दूँ। घायल व्यक्ति ने कहा कि मैं आपको जानता हूँ पर आप मुझे नहीं जानते। मैं आपका वही पुराना शत्रु हूँ जिसके भाई को आपने फाँसी दे दी थी। मैं आपकी हत्या करने आया था। मुझे मालूम था कि आप महात्मा से मिलने आ रहे हैं। मैंने लौटते समय आपकी हत्या की योजना बनाई थी, परन्तु दिन पूरा हो गया तो आप नहीं लौटे। मैं अपने छिपने के स्थान से बाहर निकला तो आपके सैनिकों ने मुझे पहचान लिया और मुझे घायल कर दिया। मैं अवश्य मर जाता अगर आप मेरी देखभाल न करते। मैं आपका जीवन-भर दास बना रहूँगा। मेरे बच्चे भी आपके दास होंगे। मुझे क्षमा कर दें।

घायल व्यक्ति से विदा लेकर राजा घर जाने से पूर्व महात्मा से अन्तिम बार विदा लेने लगा। उसने तीनों प्रश्नों के उत्तर पूछे तब महात्मा ने कहा तुम्हें उत्तर तो मिल गए हैं। राजा ने कहा मैं समझा नहीं। महात्मा बोले कल जब तुम मेरी दुर्बलता पर दया करके मेरी मदद न करते तो तुम मारे जाते। तुमने मेरी मदद करने के लिए क्यारियाँ खोदी वही तुम्हारा सब से ठीक समय था। उसके बाद वह आदमी भागा-भागा तुम्हारे पास आ कर गिर पड़ा। तुमने उसका इलाज किया। वही आदमी सबसे महत्त्वपूर्ण था जिसकी तुमने जान बचाई। उसकी जान बचाना सबसे आवश्यक कार्य था। अतः तुम्हें अपने तीनों प्रश्नों के उत्तर मिल गए।

कठिन शब्दों के अर्थ:

अनुकूल = पक्ष में रहने वाला। स्थिति = हालत। विख्यात = मशहूर। कुटिया = झोंपड़ी। पुरोहितों = कुल गुरुओं। ज्योतिषियों = ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता। महत्त्वपूर्ण = महत्ता से युक्त, विशेष। चिकित्सा = इलाज। अंगरक्षक = रक्षा करने वाला। सेवादार = सेवा करने वाला। पश्चात्ताप = पछतावा। सन्तुष्टि = तसल्ली। महात्मा = महान् आत्मा वाला। दुर्बल = कमज़ोर।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 25 बाल लीला

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 बाल लीला Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 25 बाल लीला

Hindi Guide for Class 6 बाल लीला Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध (प्रश्न) पावसातार

1. शब्दों के अर्थ ऊपर दिए जा चुके हैं।

गुसैयाँ = स्वामी, मालिक
रिसैयाँ = क्रोध करना, रूठना
छैयाँ = अधीन
रूहठि = रूठना
पठायो = भेजना
तासौं = उससे
छींका = रस्सी, तार आदि से बनी झोली, जिसे छत से लटकाकर उसमें खाने-पीने की चीजें रखते हैं।
दुहैयाँ = दुहाई देकर
दाउँ = दाँव देना
भोर = सुबह, प्रातः
बरबस = ज़बरदस्ती
मोतै = मुझसे
बिहँसि = हँसकर लाठी
बहियन = बाँहें कंबल
ग्वैया = साथी ग्वाले

2. निम्न शब्दों के हिन्दी रूप लिखो

करत ………………
हमते ………………
गैया ……………….
मैया …………….
पाछे ………….
कछु …………..
मोतै ………….
माखन ……………
उत्तर:
1. करत = करते हो
2. हमते = हमसे
3. मोतै = मुझसे
4. गैया = गाय
5. मैया = माँ
6. माखन = मक्खन
7. पाछे = पीछे
8. केहि = किसे
9. कछु = कुछ
10. बैर = वैर

विचार-बोध

(क)
प्रश्न 1.
श्रीकृष्ण क्यों गुस्से हो जाते हैं ?
उत्तर:
खेल में श्रीदामा से हार जाने पर श्रीकृष्ण गुस्सा हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
कृष्ण के क्रोध करने पर ग्वाल सखा क्या जवाब देते हैं ?
उत्तर:
कृष्ण के क्रोध करने पर ग्वाल सखा उसे फटकारते हैं कि हम उससे नहीं खेलेंगे जो रूठते फिरते हैं, जाओ तुम भी वहां जाकर बैठो, जहां सब अन्य ग्वाले बैठे हुए हैं।

3. खेल में कौन जीतता है ?
उत्तर:
खेल में श्रीकृष्ण के सखा श्रीदामा जीतते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 25 बाल लीला

प्रश्न 4.
कृष्ण ने मक्खन न खाने की कौन-कौन सी दलीलें दी ?
उत्तर:
माखन न खाने की दलीलें देते हुए श्रीकृष्ण कहते हैं कि मैं तो सुबह से शाम तक गौओं को चराने गया हुआ था। तुमने माखन का छींका इतनी ऊँचाई पर लटका रखा है मैं अपने छोटे-छोटे हाथों से इसे कैसे पा सकता हूँ।

प्रश्न 5.
कृष्ण की कौन-सी बात सुनकर माता ने हंसकर उसे गले लगा लिया ?
उत्तर:
सूरदास की बाल सुलभ चंचलता भरी बातें सुनकर यशोदा हंस कर उसे गले से लगा लेती है जब कृष्ण कहते हैं कि ये ले अपनी लाठी और कम्बल तुमने मुझे बहुत ही अपने इशारों पर नचा लिया है।

(ख)
प्रश्न 1.
कृष्ण के क्रोधित होने पर ग्वाल सखा क्या कहते हैं ?
उत्तर:
कृष्ण के क्रोधित होने पर ग्वाल सखा उसे कहते हैं कि खेल में कोई बड़ाछोटा नहीं होता। श्रीदामा के जीत जाने पर तुम गुस्सा क्यों करते हो। जो खेल-खेल में रूठ जाता हो उससे क्या खेलना जाओ तुम भी वहां बैठे रहो जहां सब ग्वाले बैठे हुए हैं।

प्रश्न 2.
सूरदास के इन पदों में बाल-मन की किन-किन भावनाओं को अंकित किया गया है ?
उत्तर:
सूरदास के इन पदों में बाल-मन की चंचल मुद्राओं को चित्रित किया गया। बालक का खेल में हार कर रूठना, रूठ कर बैठ जाना, फिर अपने-आप मान जाना, चालाकी करके न मानना, गुस्सा दिखाना आदि भावनाओं को चित्रित किया गया है।

आत्म-बोध

1. अपने अध्यापक से कृष्ण के जीवन और लीलाओं का परिचय प्राप्त करो।
2. अपने अभिभावक/माता-पिता के साथ जन्माष्टमी पर्व की जानकारी प्राप्त करो वमेला देखो।
3. सूरदास द्वारा लिखित बाल-लीला के अन्य पद पढ़ो।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
हार जाने पर श्रीदामा से कौन गुस्सा हो जाते हैं ?
(क) श्रीकृष्ण
(ख) बलराम
(ग) घनश्याम
(घ) श्रीदामा
उत्तर:
(क) श्रीकृष्ण

प्रश्न 2.
ग्वालों के अनुसार खेल में क्या नहीं होता ?
(क) छोटा
(ख) बड़ा
(ग) बड़ा-छोटा
(घ) शून्य
उत्तर:
(ग) बड़ा-छोटा

प्रश्न 3.
श्रीकृष्ण ग्वालों की शिकायत किन-से करते हैं ?
(क) पिता जी से
(ख) माता यशोदा से
(ग) श्रीदामा से
(घ) गोपाला से
उत्तर:
(ख) माता यशोदा से

प्रश्न 4.
श्री कृष्ण क्या न खाने की जिद करते हैं ?
(क) मक्खन
(ख) गुड़
(ग) मिश्री
(घ) मेवा
उत्तर:
(क) मक्खन

प्रश्न 5.
खेल में सब कैसे होते हैं ?
(क) बराबर
(ख) असमान
(ग) ज्यादा-कम बराबर
(घ) कुछ नहीं।
उत्तर:
(क) बराबर

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 25 बाल लीला

प्रद्यांशों के सरलार्थ

1. खेलन में को काको गुसैंयाँ।।
हरि हारे जीते श्रीदामा, बरबस की कत करत रिसैयां।
जाति पाँति हमते बड़ नाही, नाहीं बसत तुम्हारी छैयां।
अति अधिकार जनावत मोते, जाते अधिक तुम्हारे गैयाँ।
रूठहिं करै तासौं के खेलै, रहे बैठि जहँ-जहँ सब गवैयां।
सूरदास प्रभु खेलन चाहत, दाउँ दियौ करि नन्द दुहैयाँ।

शब्दार्थ-को = कौन। काको = किसका। गुसैंयां = स्वामी, मालिक। बरबस = जबरन। रिसैयां = क्रोध, गुस्सा। बसत = बसते हैं, रहते हैं। छैयां = अधीन। मोतै = मुझसे। तासौं = उससे। गवैयां = ग्वाले। दाउं = दांव। दुहैयां = दुहाई।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी पुस्तक से सूरदास रचित रचना ‘बाल-लीला’ से लिया गया है। इसमें कवि ने श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन किया है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि जब श्रीकृष्ण अपने साथियों के साथ गौएं चराने गए और वहां पर श्रीदामा और अन्य साथियों के साथ खेलते, गुस्सा करते और रुठते हैं। श्रीकृष्ण खेलते हुए हार जाते हैं और श्रीदामा जीत जाते हैं तो श्रीकृष्ण रूठ कर बैठ जाते हैं तो उनके साथी कहते हैं कि खेल में कौन किसका स्वामी है तुम हार गए और श्रीदामा जीत गए तो जबरदस्ती में क्यों क्रोध करते हो। जाति-पाति में भी तुम हमसे बड़े नहीं हो अर्थात् हम सभी एक ही हैं और न ही हम तुम्हारे अधीन रहते हैं जो तुम हमें अपना गुस्सा दिखाते हो। हाँ तुम हम पर अपना अधिकार इसलिए जताते हो कि तुम्हारी गौएं हमसे अधिक हैं। सभी ने गुस्से में भर कर कहा कि उससे क्या खेलना जो बात-बात पर रूठ जाता हो। तुम तो दूसरे सब ग्वालों के पास जाकर बैठ जाओ हम तुमसे नहीं खेलते। सूरदास जी कहते हैं कि दोस्तों की फटकार सुनकर श्रीकृष्ण फिर से नन्द की दुहाई देकर फिर से खेलने को सहमत हो गए क्योंकि वे खेलना चाहते थे।

भावार्थ:
बाल-मन और बाल क्रीड़ा की अति सुंदर कल्पना की गई है।

2. मैया मोरी ! मैं नहिं माखन खायो।
भोर भये गैयन के पीछे, मधुबन मोहि पठायो॥
चार पहर बंसीबट भटक्यो, सांझ परे घर आयो।
मैं बालक बहियन को छोटो, छींको केहि विधि पायो॥
ग्वाल बाल सब बैर पड़े हैं, बरबस मुख लपटायो॥
तेरे जिय कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो॥
यह ले अपनी लकुटि कमरिया, बहुतै नाच नचायो।
सूरदास, जब बिहंसि जसोदा, लै कर कंठ लगायो।

शब्दार्थ:
भोर = सवेरा। मोहि = मुझे। पठायो = भेजा। बहियन = बाहें। विधि = तरीका, तरह। बैर = शत्रुता। बरबस = ज़बरदस्ती। जननी = माता। मति = बुद्धि । भोरी = भोली। पतियायो = विश्वास किया। जिय = हृदय। उपजत है = पैदा हो गया है। परायो जायो = दूसरे के द्वारा जन्म दिया हुआ। लकुटी = लाठी। कमरिया = कम्बल। बिहंसि = हंसकर। उर = हृदय, छाती। कंठ = गला।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘बाल-लीला’ शीर्षक पदों में से लिया गया है। इस पद के रचयिता कवि सूरदास जी हैं।

सरलार्थ:
श्रीकृष्ण द्वारा मक्खन चुराने और खाने की जब कोई गोपी शिकायत यशोदा जी से करती है, तो यशोदा माँ के पूछने पर श्रीकृष्ण उत्तर देते हैं-हे माँ! मैंने मक्खन नहीं खाया। सुबह होते ही तूने मुझे गायों के पीछे मधुवन में भेज दिया था। वहां पर चार पहर तक मैं वंशीवट में भटकता रहा हूं और सायंकाल के समय घर आया हूँ। मैं बालक हूँ, मेरे बाजू छोटे हैं, मैं छींके पर किस तरह पहुंच सकता था। ग्वालों के सभी बालक मेरे शत्रु बने हुए हैं, उन्होंने ज़बरदस्ती मक्खन मेरे मुंह में लगा दिया है। तू ऐसी माँ है जो बुद्धि से बहुत भोली है जो इनके कहने पर विश्वास कर रही है। ऐसा लगता है कि मुझे पराया पुत्र समझ कर तेरे मन में मेरे लिए भेद उत्पन्न हो गया है। यह अपने द्वारा दी गई लाठी और कम्बल ले लो। तुमने मुझे बहुत नाच नचवाया है। सूरदास जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण के मुंह से ये बातें सुनकर यशोदा ने उन्हें अपने गले से लगा लिया।

भावार्थ:
कवि ने श्रीकृष्ण के बहानों और यशोदा माता के वात्सल्य को सुन्दर ढंग से प्रकट किया है।

बाल लीला Summary

बाल लीला पदों का सार

पहले पद में श्रीकृष्ण खेल में श्रीदामा से हार जाते हैं पर श्री कृष्ण अपनी हार नहीं मानते। श्रीदामा ने उनसे कहा कि वे जात-पात में उनसे बड़े नहीं और नहीं वे उनके घर से मांग कर खाते हैं। उनके पिता के पास कुछ गउएं अवश्य अधिक हैं। जो खेल में झगड़ा करता है उसके साथ कौन खेलना पसंद करेगा। श्रीकृष्ण अभी खेलना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपनी हार मान कर बारी दे दी। दूसरे पद में श्रीकृष्ण अपनी माँ से शिकायत करते हैं कि उन्होंने माखन की चोरी नहीं की। वे तो सवेरे-सवेरे गाय ले कर चराने के लिए चले गए थे। वे तो छोटे-से बालक थे और किसी भी प्रकार छींके तक नहीं पहुंच सकते थे। ग्वालों के कुछ बालक उनसे दुश्मनी करते हैं। उन्होंने उनके मुंह पर मक्खन लगा दिया था। माँ पर दोष लगाते हुए कहते हैं कि वह भी पराया समझ कर उन पर आरोप लगाती है। यशोदा माता ने श्रीकृष्ण की बातें सुनकर उन्हें अपने गले से लगा लिया।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 24 ईमानदार बालक

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 24 ईमानदार बालक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 ईमानदार बालक

Hindi Guide for Class 6 ईमानदार बालक Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दार्थउत्तर-पाठ के आरम्भ में दिए गए हैं।

छननी = द्रव पदार्श आदि छानने का महीन कपड़ा, छलनी
रुआँसा = रोने को होने वाला
छुट्टा = रेजगारी
भुनाना = रुपए को सिक्कों में बदलवाना
ऐंबुलेंस = घायलों एवं बीमारों को लिटाकर अस्पताल ले जाने वाली गाड़ी
दुर्लभ = कठिनाई से मिलने वाला

2. शुद्ध करके लिखें

रूपया, मजदूर, परिचीत, बजार, उत्सूक, असी, इमानदार, सूई, जलरी, पल्क।
उत्तर:
1. रूपया = रुपया
2. मजदूर = मज़दूर
3. परिचीत = परिचित
4. बजार = बाज़ार
5. उत्सूक = उत्सुक
6. असी = असि
7. इमानदार = ईमानदार
8. सूई = सुई
9. जलदी = जल्दी
10. पल्क = पलक

3. मुहावरों को वाक्यों में प्रयुक्त करो

पालक मारते ही आना = ……………… ………………………………..
गिड़गिड़ाकर ठगना = ……………….. ……………………………….
घर में ही होना = ……………………. ……………………………….
पाठ पढ़ना = …………………… …………………………………
उत्तर:
1. पलक मारते ही आना = झटपट आना-बाबू जी आप रुकिए ! मैं पलक मारते ही आया।
2. गिड़गिड़ाकर ठगना = दीनतापूर्वक प्रार्थना करके लूट लेना-महेश! तुम इनको नहीं जानते। इन्हें तो गिड़गिड़ाकर ठगने की आदत है।
3. घर में ही होना = घर की बात – तुम चिन्ता मत करो। तुम्हारे रुपए कहीं नहीं जाते। समझो कि वे घर में ही है।
4. पाठ पढ़ना = सबक लेना-सेठ ने कहा, “चलो कोई बात नहीं। समझेंगे एक रुपया देकर एक पाठ ही पढ़ा।”

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 24 ईमानदार बालक

4. अंतर समझो और वाक्यों में प्रयोग करो

शब्द अर्थ वाक्य
1. लौटा वापस आना, ‘लौटना’ क्रिया का भूतकाल रूप ………………………………
लोटा जल रखने का धातु का बना एक बर्तन …………………………………
2. भुनाना भूनने का काम करना ………………………………
भुनाना रुपए को सिक्कों में बदलवाना ………………………………
3. भेजा भेजना ………………………………
भेजा खोपड़ी के अंदर का गूदा, मगज …………………………..
4. दिया ‘देना’ का भूतकाल ………………………..
दिया दीपक ……………………….
उत्तर:
1. लौटा = वापस आना-मोहन कल ही दिल्ली से लौटा था।
लोटा = एक बर्तन-उसने एक लोटा पानी पिया और चल दिया।
2. भुनाना = भूनने का काम करना-वह मज़दूरनी दाना भूनने का काम करके पेट पालती थी।
भुनाना = रुपये को सिक्कों में बदलवाना-मैं ये रुपये भुना कर एक-एक रुपए के सिक्के चाहता हूँ।
3. भेजा = भेजना-मैंने उसे बाज़ार भेजा।
भेजा = दिमाग-तुम मेरा भेजा खराब मत करो।
4. दिया = ‘देना’ का भूतकाल-उसने मुझे रुपया दिया।
दिया = दीपक – घर के बाहर दिया जला कर रखना।

5. समानार्थक शब्द लिखो

माँ-बाप, सेवक, जल्दी, घर, दर्द, डॉक्टर।
उत्तर:
समानार्थक शब्द

1. माँ-बाप = जन्मदाता, मातृ-पितृ
2. सेवक = दास, नौकर
3. ग़रीब = निर्धन, दरिद्र
4. जल्दी = शीघ्र, द्रुत
5. घर = गृह, निकेत
6. दर्द = कष्ट, तकलीफ
7. डॉक्टर = चिकित्सक, वैद्य

6. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखो

जिसकी जानकारी हो चुकी हो, जहां रोगियों की चिकित्सा होती है, दवा-इलाज करने वाला, ईमान पर चलने वाला।
उत्तर:
जिसकी जानकारी हो चुकी हो : ज्ञात।
जहां रोगियों की चिकित्सा होती है : चिकित्सालय।
दवा-इलाज करने वाला : डॉक्टर।
ईमान पर चलने वाला : ईमानदार।

7. पाठ में आए अंग्रेजी शब्दों को छांटकर लिखो
उत्तर:
बटन, नोट, डॉक्टर, हैलो, एंबुलेंस।

8. निर्देशानुसार उत्तर लिखो

(क) राजकिशोर कहाँ रहते हैं ? (वाक्य को भूतकाल में बदलो)
(ख) मैं तुम्हारे साथ चलता हूँ। (वाक्य को भविष्यकाल में बदलो)
(ग) प्रताप भाई का सिर पकड़ता है। (वाक्य को भविष्यकाल में बदलो)
(घ) वे मजदूरों के नेता हैं। (वाक्य को भूतकाल में बदलो)
(ङ) वह नोट भुनाने गया है। (वाक्य को वर्तमान काल में बदलो)
उत्तर:
(क) राजकिशोर कहाँ रहते थे ?
(ख) मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।
(ग) प्रताप भाई का सिर पकड़ेगा।
(घ) वे मजदूरों के नेता थे।
(ङ) वह नोट भुनाने जा रहा है।

विचार-बोधन

(क)
प्रश्न 1.
बसंत बाज़ार में क्या-क्या बेच रहा था ?
उत्तर:
बसंत बाज़ार में छन्नी, बटन तथा दियासलाई आदि बेच रहा था।

प्रश्न 2.
राजकिशोर ने बसंत से कोई भी सामान न खरीद पाने का क्या कारण बताया ?
उत्तर:
राजकिशोर ने बसंत से कोई भी सामान न खरीद पाने का कारण पूरे पैसे न होना बताया।

प्रश्न 3.
बसंत बार-बार राजकिशोर से कोई भी चीज़ लेने को क्यों कह रहा था ?
उत्तर:
बसंत बार-बार राजकिशोर से चीज़ खरीद लेने के लिए इसलिए कह रहा था क्योंकि सवेरे से उसका कुछ भी सामान नहीं बिका था।

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प्रश्न 4.
कृष्णकुमार के अनुसार बाज़ार के हर कोने में किस तरह के लड़के मिलते हैं ?
उत्तर:
कृष्णकुमार के अनुसार बाज़ार के हर कोने में ऐसे लड़के मिलते हैं, जिनका काम गिड़गिड़ाकर लोगों को ठग लेना है।

प्रश्न 5.
बसंत का काफ़ी देर प्रतीक्षा करने पर राजकिशोर क्या सोचकर घर चल दिए ?
उत्तर:
काफी देर प्रतीक्षा करने के पश्चात् राजकिशोर यह सोच कर घर चल दिए कि चलो एक रुपया देकर यह भी एक पाठ पढ़ा।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
प्रताप राजकिशोर जी के घर क्यों गया था ?
उत्तर:
प्रताप, राजकिशोर जी के घर बसंत के रहने पर गया था। बसंत ने राजकिशोर जी को उनके पैसे लौटाने के लिए प्रताप को भेजा था।

प्रश्न 2.
राजकिशोर प्रताप के साथ उसके घर क्यों गए ?
उत्तर:
जब राजकिशोर को पता चला कि बसंत दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और उसके दोनों पैर कुचले गए हैं तो वह उसे देखने के लिए प्रताप के साथ उसके घर गए।

प्रश्न 3.
डॉक्टर ने बसंत को देखकर क्या कहा?
उत्तर:
डॉक्टर ने बसंत को देखकर कहा कि ऐसा लगता है कि इसके एक पैर की हड्डी टूट गई है। इसे अभी अस्पताल ले जाना होगा।

प्रश्न 4.
राजकिशोर ने ऐसा क्यों कहा कि इसे बचाना ही होगा ?
उत्तर:
राजकिशोर, बसंत की ईमानदारी को देखकर बहुत खुश हुए। इसीलिए उन्होंने डॉ० से उसे हर हाल में बचाने की बात कही।

आत्म-बोध

(क)
1. ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है-इसे जीवन में धारण करें।
2. ‘बाजार के हर कोने पर आजकल ऐसे लड़के मिलते हैं, जिनका काम गिड़गिड़ाकर लोगों को ठगना है।’ कृष्णकुमार ने बिना जाने-समझे बसंत के बारे में राजकिशोर को अपनी राय दी जो कि सर्वथा ग़लत साबित हुई। अतः किसी को जाने-समझे बिना किसी के बारे में ग़लत धारणा मत बनाएं।
कुछ करने को-स्कूल में किसी अवसर पर इस एकांकी का मंचन करें।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से इस एकांकी का मंचन कर सकते हैं।

(ख) दिए गए शब्द संकेतों की सहायता से कहानी लिखिए और उचित शीर्षक दीजिए।

मेधावी एक सच्ची लड़की ……………. दुकान पर राशन लेने जाना, भिन्न-भिन्न सामान लेना, नौ सौ पचास रुपए का सामान लेना, मेधावी का दुकानदार को हज़ार रुपए देना ……………….. दुकानदार का मेधावी को सौ रुपए बकाया वापस करना ……. मेधावी का दुकानदार को पचास रुपए ज्यादा देने के कारण पैसे वापस करना – दुकानदार का खुश होना -धन्यवाद करना।
उत्तर:
मेधावी एक सच्ची लड़की थी। एक दिन वह राशन की दुकान पर राशन लेने के लिए गई और उसने भिन्न-भिन्न प्रकार का सामान खरीदा और उसका बिल नौ सौ पचास रुपए का बना। मेधावी ने दुकानदार को हज़ार रुपए का नोट दिया। दुकानदार ने उसे पचास रुपए लौटाने थे मगर उसने गलती से उसे सौ रुपए वापस कर दिए। मेधावी ने रुपए गिने और उसने देखा कि दुकानदार ने उसे पचास रुपए अधिक दे दिए हैं। उसने वे पचास रुपए दुकानदार को वापस लौटा दिए। दुकानदार उसकी ईमानदारी से बहुत खुश हुआ। उसने मेधावी का धन्यवाद किया और ईनाम भी दिया। शिक्षा-ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
बसंत कैसा लड़का था ?
(क) गरीब
(ख) अमीर
(ग) धनी
(घ) निर्धनता
उत्तर:
(क) गरीब

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 24 ईमानदार बालक

प्रश्न 2.
बसंत बाजार में क्या बेच रहा था ?
(क) छन्नी
(ख) बटन
(ग) दियासलाई
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी

प्रश्न 3.
कृष्णकुमार के अनुसार बाजार में किस तरह के लड़के मिलते हैं ?
(क) धनी
(ख) गरीब
(ग) ठग
(घ) लुटेरे
उत्तर:
(ग) ठग

प्रश्न 4.
इस एकांकी से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
(क) ईमानदारी की
(ख) धोखेबाजी की
(ग) चोरी की
(घ) ठगी की
उत्तर:
(क) ईमानदारी की

ईमानदार बालक Summary

ईमानदार बालक पाठ का सार

बसंत नाम का एक गरीब लड़का थैले में रख कर सामान बेच रहा था। थैले में बटन, छन्नी, दियासलाई जैसे छोटे-छोटे सामान थे। उसने मज़दूर नेता राज किशोर से कुछ सामान खरीदने का आग्रह किया। वे उससे एक छन्नी लेकर नोट देते हैं। छुट्टे पैसे लेने के लिए वह गया पर काफ़ी समय तक लौट कर नहीं आया। अपने परिचित कृष्ण कुमार के कहने पर वे घर वापस चले गए कि कोई उन्हें ठग कर ले गया। काफ़ी देर बाद प्रताप नाम का एक युवक उनके घर आया। उसने उनके बचे हुए पैसे उन्हें लौटाए और बताया कि बसंत उसका भाई था जो पैसे भुना कर लाते समय एक बस के नीचे आ गया था। उसके दोनों पाँव कुचले गए। उसके माता-पिता पहले ही दंगों में मारे जा चुके थे। राजकिशोर एक डॉक्टर को ले कर उस के घर गए और उसकी ईमानदारी के विषय में डॉक्टर को बताया।

कठिन शब्दों में अर्थ:

प्रयत्न = कोशिश। दियासलाई = माचिस। छुट्टा = खुले पैसे। परिचित = जान-पहचान का। गिड़गिड़ाकर = मिन्नतें करना। भला = अच्छा। भुनाने = खुल्ले करवाने। कराहता = कष्ट न सहन करते रोना। दुर्लभ = मुश्किल से मिलने वाला।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 23 बाबू जी बारात में

Hindi Guide for Class 6 बाबू जी बारात में Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध (प्रश्न)

1. शब्दों के अर्थ ऊपर आ चुके हैं।

परहेज = किसी चीज़ से दूर रहना
बुजुर्ग = बूढ़ा
चिर-परिचित = पुरानी जाना- पहचान
जनवासा = बारातियों के ठहरने की जगह
उपवास = व्रत
सकुशल = ठीक-ठाक
मंडप = शामियाना
जीमते समय = भोजन करते समय
कोरस = एक साथ मिलकर, वृन्दगान
अट्टहास = जोर की हंसी

2. निम्नलिखित मुहावरों को वाक्यों में प्रयुक्त करें

1. ठहाका लगाना = ……………….. ………………………………
2. सिर मुंडाते ही ओले पड़ना = …………………. ……………………………
3. सन्नाटा छा जाना = …………………….. ……………………………………
4. ढाई मन की लाश होना = …………………. ……………………………………
5. दिन पर दिन सूखता जाना = …………………… ………………………………….
6. कान पकड़ना = ……………………. …………………………………
7. हाथी का बच्चा = …………………….. ………………………………..
8. अक्ल छू भी न जाना = ………………………. …………………………………
9. लानत भेजना = ………………… ……………………………………..
10. धूप खिल उठना = ……………………. ……………………………..
उत्तर:
1. ठहाका लगाना – ज़ोर से हंसना-बाबू जी की तोंद देखकर सभी ठहाका लगाने लगे।
2. सिर मुंडाते ओले पड़ना – कार्य के शुरू में ही बाधा पड़ना-बस अभी चली ही थी कि बस के पहिये में पंक्चर हो गया। इसे कहते हैं-सिर मुंडाते ही ओले पड़े।
3. सन्नाटा छा जाना-चुप्पी रह जाना – कयूं लगने से शहर में सन्नाटा छा गया।
4. ढाई मन की लाश होना-बहुत मोटा होना – राम राम, मूलचन्द तो ढाई मन की लाश है, साइकिल पर कैसे बैठाऊं?
5. दिन पर दिन सूखता जाना – कमज़ोर पड़ते जाना-क्या बात है रामू तुम दिन पर दिन सूखते क्यों जा रहे हो ?
6. कान पकड़ना-किसी बात से तौबा करना – मैं तो अब कान पकड़ता हूँ कि तुम्हारी सलाह पर नहीं चलूँगा।
7. हाथी का बच्चा-बहुत मोटा – बाबू जी को देखकर सभी कहते, “लो हाथी का बच्चा आ गया।”
8. अक्ल छू भी न जाना-निरा मूर्ख होना – मोहन लगता है कि तुम्हें तो अक्ल छू भी नहीं गई है कैसी मूर्खता की बातें कर रहे हो।
9. लानत भेजना-धिक्कारना, कोसना – तुम्हारी इस घटिया बात पर तुम्हें लानत भेजता
10. धूप खिल उठना – चेहरे पर रौनक आ जाना-देखो पिता जी को देखते ही सुधा के चेहरे पर धूप कैसे खिल उठी है।

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3. शुद्ध करके लिखें

अनन, सनाटा, फोटोगराफर, अटहास, चिलाना, कंडकटर, मुस्कराए, डराइबर, पनचर, बुजर्ग, शुकरिया।
उत्तर:
अशुद्ध रूप शुद्ध रूप
1. अनन = अन्न
2. सनाटा = सन्नाटा
3. फ़ोटोगराफर = फ़ोटोग्राफर
4. अटहास = अट्टहास
5. चिलाना = चिल्लाना
6. कंडकटर = कंडक्टर
7. मुस्कराए = मुस्कुराएँ
8. डराइबर = ड्राइवर
9. पनचर = पंक्चर
10. बुज़र्ग = बुजुर्ग
11. शुकरिया = शुक्रिया

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4. वचन बदलें

बेटा, मित्र, हाथी, युवक, देहाती, कार्य, गलती, बहू।
उत्तर:
वचन परिवर्तन
1. बेटा – बेटे
2. हाथी – हाथियों
3. देहाती – देहातियों
4. कार्य – कार्यों
5. गलती – गलतियां
6. बहू – बहुएं

5. निम्नलिखित वाक्यों को भूतकाल तथा भविष्यत्काल में लिखिए।

हम उधार पर जी रहे हैं।
आजकल अन्न की कमी है।
मेरी भूख मिटने वाली नहीं है।
उत्तर:
भूतकाल-हम उधार पर जी रहे थे।
उन दिनों अन्न की कमी थी।
मेरी भूख मिटने वाली नहीं थी।

भविष्यत् काल
हम उधार पर जीते रहेंगे।
आने वाले समय में अन्न की कमी होगी।
मेरी भूख मिटने वाली नहीं होगी।

6. (क)

1. बाबू गजानन्दन लाल का वजन दो मन बीस सेर था।
2. उनका वज़न कुछ बहुत भारी नहीं था।
3. दरवाज़े कुछ तंग थे।

उपर्युक्त पहले वाक्य में रेखांकित शब्द, ‘दो मन बीस सेर’ बाबूगजानंद लाल (संज्ञा) की निश्चित माप-तोल का, दूसरे वाक्य में ‘बहुत’ उनका (सर्वनाम) की अनिश्चित मापतोल की विशेषता तथा ‘कुछ’ शब्द से दरवाज़े (संज्ञा) की अनिश्चित माप-तोल विशेषता का पता चलता है, अतः रेखांकित शब्द विशेषण है। अत: जो विशेषण, संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित माप-तोल विशेषता के बारे में बताते हैं, उन्हें निश्चित परिमाण वाचक तथा जो विशेषण, संज्ञा या सर्वनाम की अनिश्चित माप-तोल विशेषता के बारे में बताते हैं, उन्हें अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।

(ख)
1. यह मिठाई खाने लायक है।
2. वे बाराती आ रहे हैं।

उपर्युक्त वाक्यों में यह और वे शब्द क्रमशः मिठाई और बाराती (संज्ञा शब्दों) की ओर संकेत करते हैं। अतः ऐसे शब्द संकेतवाचक विशेषण कहलाते हैं। अतएव जो सर्वनाम संकेत द्वारा संज्ञा आदि की विशेषता बताते हैं, वे संकेत वाचक विशेषण कहलाते हैं। क्योंकि संकेतवाचक विशेषण सर्वनाम शब्दों से बनते हैं अतएव ये सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।

निम्नलिखित में से विशेषण शब्दों को रेखांकित करें

1. इतना नहीं थोड़ा परोसो।
2. मैं एक सप्ताह से आधे दिन का उपवास कर रहा हूँ।
3. ये गजनन्दन लाल जी हैं।
4. यह हाथी का बच्चा इसमें जो सवार था।
5. ये लोग बहू से प्रार्थना कर रहे हैं।
उत्तर:
1. इतना, थोड़ा
2. आधा
3. ये
4. यह
5. ये

विचार-बोध (प्रश्न)

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक ही शब्द में दें

प्रश्न 1.
बाबू गजनन्दन लाल कहां रहते थे ?
उत्तर:
बाबू गजनन्दन लाल पुरानी दिल्ली में एक पुराने मुहल्ले में रहते थे।

प्रश्न 2.
बाबू गजनन्दन लाल का वजन कितना था ?
उत्तर:
बाबू गजनन्दन लाल का वज़न 2 मन, 20 सेर था।

प्रश्न 3.
बाबू गजनन्दन लाल के कमरे में लगी फोटो पर मोटे अक्षरों में क्या लिखा हुआ है ?
उत्तर:
फोटो पर लिखा था-“बाबू गजनन्दन बारात में।”

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में

प्रश्न 4.
बहू को किसने हंसाया ?
उत्तर:
बहू को गजनन्दन लाल ने हंसाया।

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दें

प्रश्न 1.
बारात में जाते समय बस झटके के साथ क्यों रुक गई ?
उत्तर:
बारात में जाते समय बस झटके के साथ इसलिए रुक गई क्योंकि उसके पहिये में पंक्चर हो गया था।

प्रश्न 2.
बाबू गजनन्दन लाल का स्वभाव कैसा था ?
उत्तर:
बाबू गजनन्दन लाल का स्वभाव विनोदप्रिय था। उनकी हर बात पर हंसी आ जाती थी।

आत्म-बोध (प्रश्न)

1. हंसी और मनोरंजन का महत्त्व समझो।
2. रोज़ थोड़ी देर अवश्य हंसो। (विद्यार्थी स्वयं करें)

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
बाबू गजनन्दन लाल कहाँ रहते थे ?
(क) नई दिल्ली में
(ख) पुरानी दिल्ली में
(ग) मुंबई में
(घ) पुरानी मुंबई में
उत्तर:
(ख) पुरानी दिल्ली में

प्रश्न 2.
बाबू गजनन्दन लाल का वजन कितना था ?
(क) दो मन
(ख) दो मन बीस सेर
(ग) दो मन तीस सेर
(घ) दो मन दस सेर
उत्तर:
(ख) दो मन बीस सेर

प्रश्न 3.
बहू को किसने हंसाया ?
(क) गजनन्दन लाल ने
(ख) बेटे ने
(ग) दुकानदार ने
(घ) नौकर ने
उत्तर:
(क) गजनन्दन लाल ने

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से परिमाण वाचक विशेषण का उदाहरण है :
(क) दो मन
(ख) पांडव
(ग) कौरव
(घ) अच्छा
उत्तर:
(क) दो मन

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में कौन-सा उदाहरण परिमाणवाचक विशेषण का नहीं है ?
(क) दो मन
(ख) बीस सेर
(ग) एक किलो
(घ) सुंदर
उत्तर:
(घ) सुंदर

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 23 बाबू जी बारात में

बाबूजी बारात में Summary

बाबू जी बारात में पाठ का सार

बाबू गजनन्दन लाल पुरानी दिल्ली में रहते थे। उनका वज़न दो मन बीस सेर था। एक बार बस के दरवाज़े में फंस गए। खूब हंसाई हुई। एक बार इन्हें अपने मित्र के लड़के की बारात में जाना पड़ा। बड़े दरवाज़े वाली बस थी। गजनन्दन लाल उस में सवार हुए तो खूब . ठहाके लगे। एक मित्र ने पूछा-बाबू जी आप उदास क्यों हैं ? गजनन्दन लाल बोले-मेरी मां का कहना है कि तू दिन पर दिन सूखता जा रहा है। खुराक घट रही है। बारात में संकोच मत करना। खूब खाना-पीना। उन्होंने आगे कहा कि बारात में जाने के लिए एक सप्ताह में आधे दिन का उपवास कर रहा हूं। बाराती यह सुनकर खूब हंसे।। अचानक झटके के साथ बस रुकी। ड्राइवर ने आकर कहा-आप सब लोग नीचे उतर जाएं। पहिए में पंक्चर हो गया है। जब बाबू गजनन्दन लाल को धमक चाल से नीचे उतरते देखा तो वहां इकट्ठे हुए देहाती हंसते हुए कहने लगे-“हम भी कहें कि नई बस क्यों बिगड़ी। यह हाथी का बच्चा इस में सवार जो था।” एक ने बाबूजी से उनका वज़न पूछ लिया तो कहने लगे-बहुत कमजोर हो गया हूं। स्टेशन पर तोला गया तो दो मन पांच सेर निकला। बाबू जी ने कहा-तुम लोग खेत में अनाज उगाते नहीं तो खाऊंगा क्या ? इससे सभी हंस पड़े।

बारात अपने निश्चित स्थान पर पहुंच गई। सभी की निगाहें वर की बजाय बाबू गजनन्दन लाल पर लगी थीं। जब नाश्ते का बुलावा आया तो बाराती परोसने को न-न कर रहे थे, परन्तु बाबू जी खूब लूंस-ठूस कर पेट भर रहे थे। कह रहे थे-सब मेरी तरफ आने दो। बारात धूम-धाम से चढ़ी। सभी बाबू जी को देखकर लोट-पोट हो रहे थे। सभी बहू को मुस्कराने के लिए कह रहे थे, ताकि फ़ोटो खींची जा सके। उसके चेहरे पर मुस्कराहट नहीं आ रही थी। जब गजनन्दन लाल ने कहा-बेटी जरा मेरी ओर देखो। बहू ने जब बाबू जी को देखा तो वह खिलखिला उठी। फिर फ़ोटोग्राफर से कहकर उन्होंने अपनी भी एक फ़ोटो उतरवाई, जिस पर लिखा हुआ है-बाबू गजननन्दन लाल बारात में।

कठिन शब्दों के अर्थ:

संकोच = शर्म। सप्ताह = सात दिन की अवधि । परहेज़ = किसी चीज़ से दूर रहना। अट्टहास = खिलखिला कर हंसना। सकुशल = ठीक-ठाक। जीमते = खाते । बुजुर्ग = बड़े-बूढ़े । चिर परिचित = बहुत दिनों से जाने-पहचाने । मण्डप = शामियाना।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 22 आत्म बलिदान

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 22 आत्म बलिदान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 22 आत्म बलिदान

Hindi Guide for Class 6 आत्म बलिदान Textbook Questions and Answers

भाषा- बोधन

1. शब्दार्थ:
उत्तर:
शब्दों के अर्थ पाठ के आरम्भ में दिए गए हैं।

चर- अचर = जड़ और चेतन
धूर्त = छली, कपटी
मूसलाधार = तेज बारिशा
पर्णकुटी = पत्तों से बनी कुटिया
बिसात = सामर्थ्य
उल्कापात = जलते तारों का टूटकर गिरना
धराशायी = गिर जाना, पूरी तरह से गिरकर नष्ट हो जाना
मेंड = खेत के इर्द-गिर्द मिट्टी का बनाया घेरा, मेड
विपत्ति = मुसीबत
आलाप = बातचीत, चहचहाहट ( पक्षियों के संदर्भ में)
मंद = धीरे
विस्मय = हैरान

2. मुहावरों के वाक्य बनाइए

1. मन में गुदगुदी होना = ……………. …………………………..
2. अंधेरे में डूब जाना = ……………… ……………………………
3. हाथ धो बैठना = …………………. ………………………………
4. सुधबुध खो बैठना = ………………. ……………………………..
5. हाथ को हाथ न सूझना = ……………… ………………………….
उत्तर:
1. मन में गुदगुदी होना = मन ही मन में खुश होना – पिता जी विदेश से आते हुए मेरे लिए उपहार लेकर आएंगे, यह सोच कर मेरे मन में गुदगुदी होने लगी।
2. अंधेरे में डूब जाना = अंधेरा होना – बिजली चले जाने से सारा शहर अंधेरे में डूब गया।
3. हाथ धो बैठना = गंवा देना-बाबू राम ! अपने बेटे को कुसंगति से बचाकर रखो, ऐसा न हो कि कहीं बेटे से हाथ न धो बैठो।
4. सुधबुध खो बैठना = होश खो जाना – बेटे को घायलावस्था में देखकर मां अपनी सुधबुध खो बैठी।
5. हाथ को हाथ न सूझना = घना अंधकार होना – बाहर इतना अंधेरा था कि हाथ को हाथ नहीं सूझता था।

3. शुद्ध रूप लिखो

1. अतिअंत = …………
2. मुसलाधार = …………
3. गुरूदेव = …………
4. आशीरवाद = ………………
5. पुश्प = ……………….
6. मलीनता = ………………
7. ग्रहण = ………….
8. सुरभी = ……………..
9. गुरूभकती = …………
10. महार्षि = …………………
उत्तर:
1. अतिअंत = अत्यन्त
2. मुसलाधार = मूसलाधार
3. गुरूदेव = गुरुदेव
4. आशीरवाद = आशीर्वाद
5. पुश्प = पुष्प
6. मलीनता = मलिनता
7. गरण = ग्रहण
8. सुरभी = सुरभि
9. गियान = ज्ञान
10. गुरूभकती = गुरुभक्ति
11. महार्षि = महर्षि

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 22 आत्म बलिदान

4. प्रत्येक शब्द को उसके सही स्थान पर लिखें

तुम्हें, कुटिया, मज़बूत, फूल, विकसित, लेटना, वह, मिट्टी, आप, आना, चलना, काली, खेत, तेज़, डूबना, मुझे।
उत्तर:

संज्ञा सर्वनाम विशेषण क्रिया
कुटिया तुम्हें मज़बूत लेटना
फूल वह विकसित आना
मिट्टी आप काली चलना
खेत मुझे तेज डूबना।

5. विपरीत शब्द लिखो

कुशल, मधुर, अंधेरा, मज़बूत, सुगंध, ग्रहण, आशीर्वाद, बांधना, प्रिय, शिष्य, नुकसान, संध्यां।
उत्तर:
1. कुशल = अकुशल
2. मधुर = कटु
3. अंधेरा = उजाला
4. मज़बूत = कमज़ोर
5. सुगंध = दुर्गन्ध
6. ग्रहण = त्याग
7. आशीर्वाद = अभिशाप
8. बांधना = खोलना
9. प्रिय = अप्रिय
10. शिष्य = गुरु
11. नुकसान = लाभ
12. संध्या = प्रभात

6. समानार्थी शब्द लिखो

नृत्य, पक्षी, वर्षा, चिंता, बादल, पौधा, अनुमति, ज़रूर, विपत्ति।
उत्तर:
समानार्थी शब्द
नृत्य नाच
पक्षी पंछी
वर्षा मेह
चिंता सोच
बादल मेघ
पौधा पादप
अनुमति आज्ञा
विपत्ति मुसीबत
ज़रूर अवश्य

विचार-बोध

(क)
पश्न 1.
आरुणि ने गुरु धौम्य से किस प्रकार सहावने मौसम का वर्णन किया ?
उत्तर:
आरुणि ने सुहावने मौसम का वर्णन करते हुए कहा कि काली घटाएं सभी चर-अचर के मन में गुदगुदी कर रही हैं। मोर काली घटाओं को देखकर आनन्दित होकर नृत्य कर रहे हैं। पक्षी भी मधुर अलाप कर रहे हैं।

पश्न 2.
आरुणि तेज आंधी और वर्षा में भी में बांधने जाने से क्यों नहीं डरता ?
उत्तर:
आरुणि को विश्वास है कि गुरु जी का आशीर्वाद साथ है तो फिर यह तेज आंधी-पानी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती।

पश्न 3.
गुरु धौम्य ने उपमन्यु को अधखिला पुष्प क्यों कहा ?
उत्तर:
उपमन्यु अभी बाल्यावस्था में था, इसी कारण गुरु धौम्य ने उसे एक अधखिला पुष्प कहा।

पश्न 4.
गुरु धौम्य और उपमन्यु किसे ढूंढ़ने निकले और क्यों ?
उत्तर:
गुरु धौम्य और उपमन्यु, आरुणि को ढूंढ़ने निकले क्योंकि आरुणि वर्षा से बह रहे मेंड़ को ठीक करने के लिए खेतों में चला गया था लेकिन काफ़ी समय बीत जाने पर भी वह लौटकर नहीं आया था।

पश्न 5.
गुरु धौम्य ने उपमन्यु को आरुणि को ढूंढ़ने के लिए क्या करने को कहा ?
उत्तर:
आरुणि को ढूंढ़ने के लिए गुरु धौम्य, उपमन्यु को कहते हैं कि ज़रा ज़ोर से आवाज़ दो जिससे पता चले कि आरुणि किस दिशा में है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

पश्न 1.
आरुणि ने खेत की मेंड टूटने की गुरु की चिंता को किस प्रकार दूर किया?
उत्तर:
अपने गुरु के मुख से खेत की मेंड़ टूटने की चिंता को सुनकर गुरुभक्त आरुणि ने झट से कहा कि आप इस मामूली से काम के लिए चिंता क्यों करते हैं। मैं अभी जाकर मेंड़ ठीक कर आता हूं।

पश्न 2.
गुरु धौम्य के द्वारा वरदान देने पर आरुणि ने गुरु से क्या कहा ?
उत्तर:
गुरु धौम्य के मुख से वरदान देने की बाद सुनकर आरुणि ने कहा कि गुरुवर, आज जैसे गुरु को पाकर मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस आपकी कृपा-दृष्टि सदा मुझ पर रहे, यही मेरी इच्छा है।

पश्न 3.
गुरु धौम्य अपने शिष्यों पर क्यों गर्व महसूस करते थे ?
उत्तर:
गुरु धौम्य अपने शिष्यों की गुरुभक्ति पर मुग्ध थे। उनके शिष्य उनके बहुत आज्ञाकारी थे। इसी कारण वह अपने शिष्यों पर गर्व महसूस करते थे।

आत्म-बोध

1. अपने मां-बाप, गुरु और ईश्वर पर श्रद्धा रखें और उनके बताये रास्ते पर चलें।
2. त्याग और समर्पण की भावना आपसी रिश्ते को और भी सुदृढ़ करती है।
3. आप जिस काम को करने के लिए किसी से वादा करते हैं तो उसे हर हाल में करना ही श्रेयस्कर माना जाएगा। (विद्यार्थी स्वयं करें)

हुवैकल्पिक प्रश्न

पश्न 1.
धौम्य ऋषि का शिष्य कौन था ?
(क) आरुणि
(ख) वरुणी
(ग) तरुण
(घ) देवीशरण
उत्तर:
(क) आरुणि

पश्न 2.
आरुणि कैसा शिष्य था ?
(क) मेहनती
(ख) आज्ञाकारी
(ग) अवज्ञाकारी
(घ) डरपोक
उत्तर:
(ख) आज्ञाकारी

पश्न 3.
गुरु धौम्य ने उपमन्यु को क्या कहा ?
(क) फूल
(ख) धूल
(ग) अधखिला फूल
(घ) पुण्य
उत्तर:
(ग) अधखिला फूल

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 22 आत्म बलिदान

पश्न 4.
आरुणि किसकी मिट्टी की रक्षा के लिए स्वयं लेट गया ?
(क) खेत की
(ख) रेत की
(ग) घर की
(घ) आश्रम की
उत्तर:
(क) खेत की

आत्म बलिदान Summary

आत्म बलिदान लघु नाटिका का सार

आकाश में घने काले बदल छाए हुए थे। कुछ समय बाद तेज वर्षा होने लगी धौम्य ऋषि ने अपने शिष्य आरुणी को अपनी चिंता से परिचित कराया कि ऐसे ही मूसलाधार वर्षा होती रही तो खेत की मेंड़ टूट जाएगी। आरुणी मेंड़ को टूटने से बचाने के लिए चला गया पर वह संध्या होने तक वापस नहीं लौटा। ऋषि का दूसरा शिष्य उपमन्यु वर्षा रुकने के बाद कुटिया में वापिस आया। उसने फूल लाने के लिए बाहर जाना चाहा तो ऋषि ने बताया कि आरुणी वहीं था और फूल अवश्य ले आया होगा। बाद में ऋषि को याद आया कि उन्होंने उसे मेंड़ देखने के लिए भेजा था। धौम्य ऋषि और उपमन्यु दोनों तेजी से खेत की ओर गए। आवाज़ देने पर पीछे वाले खेत से आरुणी की आवाज़ आई। वहां मेंड की जगह आरुणी ठंड से कांपता हुआ लेटा था। उसने बताया कि पानी के तेज बहाव के कारण मेंड़ बह गई थी और मिट्टी से उसे रोकना कठिन था। खेत का मिट्टी की रक्षा के लिए वह उसे स्वंय लेट गया था। ऋषि धौम्य उसकी कर्तव्यनिष्ठा और गुरु भक्ति से अपार प्रसन्न हुए और उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया।

कठिन शब्दों के अर्थ:

कृपा = दया। सुहावना = अच्छा। मंद = धीमी। समीर = हवा। अत्यन्त आनन्दित = बहुत अधिक प्रसन्न। मनोरम = सुन्दर। नृत्य = नाच । तपोवन = आश्रम। पर्णकुटी = पत्तों की कुटिया, झोंपड़ी। उल्कापात = तारों का टूटना। धराशायी = धरती पर गिरे होना। निखार = सुन्दरता। पुष्प = फूल। मलिनता = मैला, गन्दा, दूषित। सुधबुध = होश अधखिला = आधा खिला हुआ। अविकसित = जिसका विकास न हुआ हो। ज्ञान-सुरभि = ज्ञान की सुगन्ध। अनुमति = आज्ञा। विपत्ति = मुसीबत। प्रयत्न = कोशिश। बेकार = व्यर्थ। परम = सर्वश्रेष्ठ, सबसे बढ़कर।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

Hindi Guide for Class 6 साथी हाथ बढ़ाना Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दार्थ
उत्तर:
पद्यांशों के सरलार्थ के साथ-साथ कठिन शब्दों के अर्थ दिए गए हैं।

पौलादी = बहुत मजबूत
लेख = भाग्य
गैरों = दूसरे, अन्य
दरिया = नदी
मंजिल = लक्ष्य
नेक = अच्छा
खातिर = के लिए
जरी = कण

2. नीचे लिखे मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य बनाओ

1. हाथों-हाथ लगाना = ……….. …………………….
2. हाथ साफ करना = ……………… ……………………
3. राई का पहाड़ बनाना = …………….. ……………………..
4. एक और एक ग्यारह होना = ………………. ………………………
5. सीस झुकाना = ………………. ……………………………
उत्तर:
1. हाथों-हाथ लगाना = साथ देना-हाथों – हाथ लगाने का ही यह फल है कि इतना बड़ा कार्य आसानी से हो गया।
2. हाथ साफ करना = चोरी करना – हमारे पड़ोसी दिल्ली शादी में गए थे कि पीछे से चोर घर पर हाथ साफ कर गए।
3. राई का पहाड़ बनाना = छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना – तुम भी क्या छोटी-सी बात को राई का पहाड़ बना देती हो।
4. एक और एक ग्यारह होना = मज़बूत होना-मोहन तुम भी मेरे साथ चलो क्योंकि तुम्हें तो पता है कि एक और एक ग्यारह होते हैं।
5. सीस झुकाना = नमन करना-मेहनती व्यक्ति के आगे तो पर्वत भी सीस झुकाते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

3. पर्यायवाची शब्द लिखो

1. साथी = ……………….
2. सागर  = …………….
3.सीस = ………………
4. बाँट = ………………
5. चट्टान  = …………….
6. कतरा = …………….
7. दरिया = …………….
उत्तर:
1. साथी = मित्र
2. सागर = समुद्र
3. सीस = सिर
4. बांट = भाग
5. चट्टान = शिला
6. कतरा = बूंद
7. दरिया = नदी

4. क्रिया शब्द चुनो

1. एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
2. सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया।
3. एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत।
4. एक से एक मिले तो इंसां बस में कर ले किस्मत।
उत्तर:
(1) जाएगा, बोझ उठाना
(2) छोड़ना, सीस झुकाया
(3) मिलना, बनना
(4) मिलाना, बस में करना

5. वचन बदलकर वाक्य बनाओ

1. बाँह ……………….
2. सीना ………………
3. राह …………………..
4. मंज़िल ……………..
5. चट्टान ………………..
उत्तर:
(1) बाँह = बांहें-भारतीय सैनिकों की बाहें फौलादी हैं।
(2) सीना = सीने-वीर सैनिक सीने पर गोलियां खाते हैं।
(3) राह = राहें-जीवन की राहें आसान नहीं होती।
(4) मंज़िल = मंज़िलें-राम के मकान की चार मंज़िलें हैं।
(5) चट्टान = चट्टानें- भूकंप से अनेक चट्टानें गिर गईं।

6. उपयुक्त शब्द भरकर वाक्य पूरा करो

(1) ……….मिलकर रहना चाहिए। (सर्वनाम)
(2) विविध सुमनों से मिलकर ………………… बनती है। (संज्ञा)
(3) नदी सागर में ……………….. हैं। (क्रिया)
(4) …………………है सीना अपना। (विशेषण)
(5) ……………….मंज़िल सब की मंजिल ………………. रास्ता नेक। (सर्वनाम)
उत्तर:
(1) हमें
(2) माला
(3) गिरती
(4) फौलादी
(5) अपनी, अपना

7. विपरीत शब्द लिखो

1. एक …………
2. मेहनती …………
3. गैर ………….
4. नेक …………
5. फौलादी …………
उत्तर:
(1) एक = अनेक
(2) मेहनती = आलसी
(3) गैर = अपना
(4) नेक = बद
(5) फौलादी = कागजी

विचार-बोध

(क)
प्रश्न 1.
सागर ने रास्ता क्यों छोड़ा ?
उत्तर:
मनुष्य के पक्के इरादे को देखकर सागर ने रास्ता छोड़ा।

प्रश्न 2.
मेहनत से हम क्या-क्या कर सकते हैं ?
उत्तर:
मेहनत से हम असम्भव को भी सम्भव कर सकते हैं। पहाड़ों से भी मार्ग बना सकते हैं।

प्रश्न 3.
दरिया कैसे बनता है ?
उत्तर:
बूंद-बूंद से दरिया बनता है।

प्रश्न 4.
भाग्य की रेखा कैसे बनती है ?
उत्तर:
भाग्य की रेखा मेहनत से बनती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

प्रश्न 5.
‘कल गैरों की खातिर’ में गैरों का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
गैरों से अर्थ अंग्रेजों से है।

(ख)
प्रश्न 1.
मेहनत के महत्त्व पर पांच वाक्य लिखें।
उत्तर:

  • मेहनत के बल पर हम पर्वतों में भी रास्ता बना सकते हैं।
  • मेहनत से हम असम्भव को भी सम्भव बना सकते हैं।
  • मेहनत ही सफलती की कुंजी है।
  • मेहनती व्यक्ति आत्मविश्वासी होता है।
  • मेहनती व्यक्ति का सर्वत्र सम्मान होता है।

प्रश्न 2.
‘एक से मिले एक तो इंसां बस में कर ले किस्मत’ पंक्ति का भावार्थ लिखो।
उत्तर:
इस पंक्ति का अर्थ है कि यदि प्रत्येक व्यक्ति मिल जाएं तो वे अपनी किस्मत ही बदल सकते हैं।

प्रश्न 3.
दरिया की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
दरिया की विशेषता है कि वह अपने रास्ते में आने वाली हर बाधाओं को तोड़कर आगे बढ़ता जाता है।

प्रश्न 4.
इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
इस कविता से हमें शिक्षा मिलती है कि मिलकर काम करने से हम सारी बाधाओं पर विजय पा सकते हैं। इसलिए हमें मिलजुल कर काम करने चाहिए।

आत्म-बोध

1. अपने स्कूल, घर, मुहल्ले में अपने साथियों से मिलकर क्या-क्या काम करोगे जिससे आपको खुशी मिले?
2. किसी असहाय व्यक्ति की सहायता करने का प्रण लो।
3. यह कविता समूहगान में गाएं।
4. किसी ऐसी घटना या कहानी को पढ़ो जिसमें मिलकर काम करने का अच्छा परिणाम मिला हो। (विद्यार्थी स्वयं करें)

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
भाग्य की रेखा किससे बनती है ?
(क) मेहनत से
(ख) धन से
(ग) तन से
(घ) बल से
उत्तर:
(क) मेहनत से

प्रश्न 2.
‘कल गैरों की खातिर’ में गैरों का क्या अर्थ है ?
(क) दूसरे
(ख) अन्य
(ग) अंग्रेज़
(घ) यूनानी
उत्तर:
(ग) अंग्रेज़

प्रश्न 3.
इस कविता से क्या शिक्षा मिलती है ?
(क) मिलजुल कर काम करना
(ख) दूर-दूर रहना
(ग) पास-पास रहना
(घ) आगे बढ़ना
उत्तर:
(क) मिलजुल कर काम करना

प्रश्न 4.
मेहनत वालों के आगे किसने रास्ता छोड़ा ?
(क) सागर ने
(ख) लोगों ने
(ग) राजाओं ने
(घ) दुनिया ने
उत्तर:
(क) सागर ने

प्रश्न 5.
मेहनती लोगों के आगे किसको अपना सिर झुकाना पड़ा?
(क) लोगों को
(ख) दानवों को
(ग) पर्वत को
(घ) नदियों को
उत्तर:
(ग) पर्वत को

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 21 साथी हाथ बढ़ाना

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से ‘साथी’ का पर्याय है :
(क) मिंत्र
(ख) चित्र
(ग) पित्र
(घ) पिता
उत्तर:
(क) मिंत्र

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में ‘कतरा’ का पर्याय है:
(क) बूंद
(ख) मूंद
(ग) गूंद
(घ) इंद
उत्तर:
(क) बूंद

पद्यांशों के सरलार्थ

1. साथी हाथ बढ़ाना.
एक अकेला थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
साथी हाथ बढ़ाना।
हम मेहनतवालों ने जब भी, मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रस्ता छोड़ा, परबत ने सीस झुकाया
फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाँहें
हम चाहें तो चट्टानों से पैदा कर दें राहें
साथी हाथ बढ़ाना।

कठिन शब्दों के अर्थ:
बोझ = भार। परबत = पहाड़। सीस झुकाया = सम्मान करना। फौलादी = लोहे से।

प्रसंग:
यह पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक से गीतकार साहिर लुधियानवी द्वारा लिखे गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने देश की प्रगति और विकास के लिए मिल कर काम करने की प्रेरणा दी है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि साथी, साथ देने के लिए हाथ बढ़ाना। एक अकेला थक जाएगा इसलिए मिल कर यह भार उठाना। कवि आगे प्रेरित करते हुए कहता है कि हम मेहनत करने वालों ने जब भी मिलकर अपने कदम आगे बढ़ाएं हैं तो सागर ने भी हमारे लिए रास्ता छोड़ा है और पर्वत ने भी सिर झुकाया है। हमारे सीने भी फौलाद, लोहे के समान मज़बूत हैं और हमारी बाहें भी फौलाद के समान मज़बूत हैं। हम यदि कोशिश करें तो चट्टानों में भी रास्ता बना सकते हैं।

भावार्थ:
परिश्रम करने वालों की राह में कोई बाधा नहीं आ सकती।

2. मेहनत अपने लेख की रेखा, मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की, आज अपनी खातिर करना
अपना दुःख भी एक है साथी, अपना सुख भी एक
अपनी मंजिल सच की मंज़िल, अपना रास्ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना।

कठिन शब्दों के अर्थ:
लेख = भाग्य। गैर = बेगानों। खातिर = के लिए। मंजिल = लक्ष्य। नेक = अच्छा, भला।

प्रसंग-यह पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक से गीतकार साहिर लुधियानवी जी के प्रसिद्ध गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने देश के विकास और प्रगति के लिए सभी को मिलकर काम करने की प्रेरणा दी है।

सरलार्थ:
कवि सभी को एक साथ मिल कर काम करने की बात करते हुए कहता है कि मेहनत ही अपने भाग्य की रेखा है। मेहनत करना ही हमारा भाग्य है तो मेहनत करने से क्या डरना। कल तक हमने बेगानों (अंग्रेज़ों) के लिए मेहनत की आज अपने लिए, अपने देश के लिए मेहनत करें। हमारा सुख-दुःख सब एक है हमारी मंज़िल (लक्ष्य) भी सच की मंजिल है और हमारा रास्ता सच्चाई का रास्ता है। साथी आओ अपना हाथ बढ़ाना।

भावार्थ:
परिश्रम करना ही जीवन में आगे बढ़ने का एक मात्र मार्ग है।

3. एक से एक मिले तो कतरा बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसां, बस में कर ले किस्मत
साथी हाथ बढ़ाना।

कठिन शब्दों के अर्थ:
कतरा = बूंद। दरिया = नदी। ज़र्रा = कण। इंसां = इन्सान। किस्मत = भाग्य।

प्रसंग:
यह पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक से गीतकर साहिर लुधियानवी जी के प्रसिद्ध गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने देश की प्रगति और विकास के लिए युवाओं को मिलकर काम करने का आह्वान किया है।

सरलार्थ:
वह कहते हैं कि जिस प्रकार एक-एक बूंद मिल कर दरिया बन जाता है, जिस प्रकार रेत के एक-एक कण मिल कर बड़ा रेगिस्तान बन जाते हैं, जिस प्रकार एकएक राई अगर मिल जाए तो वह पर्वत बन सकती है इसी प्रकार अगर एक-एक व्यक्ति मिलकर काम करें तो वह अपनी किस्मत को भी अपने वश में कर लें अर्थात् भाग्य भी उसकी मेहनत के आगे झुक जाएगी। साथी अपना हाथ बढ़ाना।

भावार्थ:
मिलजुल कर किए जाने वाले परिश्रम से सफलता की प्राप्ति शीघ्र ही हो जाती है।

साथी हाथ बढ़ाना Summary

साथी हाथ बढ़ाना कविता का सार

कवि कहता है कि साथियो, सहायता के लिए अपने हाथ बढ़ाओ। अकेला व्यक्ति काम करते-करते थक जाता है पर मिल कर करने से काम जल्दी हो जाता है। जब भी परिश्रम करने वालों ने मिल कर काम किया तब ही असंभव काम भी संभव हो गए। परिश्रम ही हमारे भाग्य की रेखा है इसलिए उससे कभी नहीं डरना चाहिए। जीवन की राह में परिश्रम करते हुए सुख-दुख दोनों मिलते हैं इसलिए दुःखों से कभी नहीं डरना चाहिए। परिश्रम का रास्ता ही सबसे अच्छा रास्ता है। एक-एक बूंद मिलने से नदियाँ बनती हैं और रेत के कणकण से रेगिस्तान बन जाता है। राई जैसे छोटे-छोटे कण पर्वत का निर्माण कर सकते हैं। हम इन्सान मिलकर काम करें तो हम भाग्य को भी अपने वश में कर सकते हैं।

PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry

Punjab State Board PSEB 6th Class Maths Book Solutions Chapter 13 Symmetry MCQ Questions with Answers.

PSEB 6th Class Maths Chapter 13 Symmetry MCQ Questions

Multiple Choice Questions.

Question 1.
An equilateral triangle has …………. lines of symmetry.
(a) 1
(b) 3
(c) 2
(d) 4.
Answer:
(b) 3

PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry

Question 2.
A rectangle has ………….. lines of symmetry.
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 1.
Answer:
(a) 2

Question 3.
A square has lines of symmetry.
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4.
Answer:
(d) 4.

Question 4.
An isosceles triangle has …………. line (s) of symmetry.
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4.
Answer:
(a) 1

Question 5.
A circle has ……………… lines of symmetry.
(a) 1
(b) 2
(c) 4
(d) Infinite.
Answer:
(d) Infinite.

PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry

Question 6.
A rhombus has ………….. lines of symmetry.
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4.
Answer:
(b) 2

Question 7.
A regular hexagon has ……………… lines of symmetry.
(a) 3
(b) 2
(c) 6
(d) 5.
Answer:
(c) 6

Question 8.
The mirror reflection of name ARUN is:
(a) NUSA
PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry 1
(c) NURA
(d) ARUN.
Answer:
PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry 2

Question 9.
The number of lines of symmetry of the given triangle are:
PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry 3
(a) 1
(b) 0
(c) 2
(d) 3.
Answer:
(d) 3.

PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry

Question 10.
The number of lines of symmetry of the triangle given in the figure are:
PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry 4
(a) 1
(b) 0
(c) 2
(d) 4.
Answer:
(a) 1

Question 11.
The number of lines of symmetry of the given square are:
PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry 5
(a) 0
(b) 2
(c) 3
(d) 4.
Answer:
(d) 4

Question 12.
The number of lines of symmetry of the given rectangle are:
PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry 6
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4.
Answer:
(b) 2

PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry

Question 13.
The number of lines of symmetry of a rhombus are:
(a) 2
(b) 4
(c) 3
(d) 1.
Answer:
(a) 2

Question 14.
Which of the following has no line of symmetry?
(a) Equilateral triangle
(b) Isosceles triangle
(c) Scalene triangle
(d) Rectangle.
Answer:
(c) Scalene triangle

Question 15.
Which of the following has one line of symmetry?
(a) Equilateral triangle
(b) Square
(c) Isosceles Triangle
(d) Rectangle.
Answer:
(c) Isosceles Triangle

PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry

Question 16.
Which of the following has two lines of symmetry?
(a) Equilateral triangle
(b) Square
(c) Rectangle
(d) Circle.
Answer:
(c) Rectangle

Fill in the blanks:

Question (i)
A square has ……………. lines of symmetry.
Answer:
4

Question (ii)
A scalene triangle has …………… line of symmetry.
Answer:
no

Question (iii)
A rectangle has ………….. lines of symmetry.
Answer:
2

Question (iv)
X has ………………. lines of symmetry.
Answer:
2

PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry

Question (v)
A has …………… line of symmetry.
Answer:
one

Write True/False:

Question (i)
A circle has no line of symmetry. (True/False)
Answer:
False

Question (ii)
A pentagon has 5 lines of symmetry. (True/False)
Answer:
True

Question (iii)
An isosceles triangle has 2 lines of symmetry. (True/False)
Answer:
False

PSEB 6th Class Maths MCQ Chapter 13 Symmetry

Question (iv)
Fan is not symmetrical. (True/False)
Answer:
False

Question (v)
An equilateral triangle has 3 lines of symmetry. (True/False)
Answer:
True

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 नर हो, न निराश करो मन को

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 नर हो, न निराश करो मन को Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 नर हो, न निराश करो मन को

Hindi Guide for Class 6 नर हो, न निराश करो मन को Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दों के अर्थ व्याख्या के साथ दिए जा चुके हैं।

मास = महीना
खगोल शास्त्र = सौर-मण्डल सम्बन्धी अध्ययन
सून = खाली, रिक्त
गणितज्ञ = गणित को जानने वाला
आविष्कार = खोज
गणना = गिनना, गिनती
कौड़ी = घोंघे, शंख आदि
परिक्रमा = फेरी, प्रदक्षिणा
शिलालेख = किसी सम्राट द्वारा पत्थर पर खुदवाया आदेश
अक्ष = धरनी की धूरी
शताब्दी = सौ वर्ष का समय
अनमोल = अमूल्य
वैदिक काल = वेदों की रचना का युग
दरमिक प्रणाली = दस गुना तथा अपने से ठीक ऊंचे मान का दसवाँ भाग ।

2. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करो-

सुयोग = ………………………
अवलम्बन = ………………………
दान = …………………….
धन = ……………………
सुख = ……………………..
उत्तर:
सुयोग (अच्छा अवसर) – मनुष्य को जीवन में सुयोग कभी-कभी ही मिलता है।
अवलम्बन (सहारा) – ईश्वर के अवलम्बन से ही कल्याण सम्भव है।
दान (उपकार के लिए कोई वस्तु देना) – दान देने से मनुष्य का कल्याण होता है।
धन (दौलत, पैसा) – अधिक धन का लालच नहीं करना चाहिए।
सुख (आराम) – दुःख उठाकर ही सुख प्राप्त होता है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 नर हो, न निराश करो मन को

3. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थक शब्द लिखो

नर = ………………….
जग = ……………….
तन = …………………
पथ = ………………….
प्रभु = ………………..
कर = ………………..
धन = ………………..
उत्तर:
नर = मनुष्य
जग = जगत्, संसार
तन = शरीर
पथ = मार्ग
प्रभु = परमात्मा
कर = हाथ
धन = वित्त, दौलत।

4. ‘सुयोग’ शब्द सु + योग से बना है। इसी प्रकार ‘अलभ्य’ शब्द अ + लभ्य से बना है। ‘सु’ और ‘अ’ का प्रयोग करते हुए पाँच-पाँच नए शब्द बनाओ।
उत्तर:
सु-सुविचार, सुनिश्चित, सुकृत, सुशोभित, सुकोमल।
अ-अप्राप्य, अलख, असाधारण, असंख्य, असाध्य।

5. काव्य-पंक्तियाँ पूरी करो

निज गौरव का………… ।
हम भी कुछ हैं यह ……….।
प्रभु ने तुमको………. ।
सब वांछित ………..।
उत्तर:
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी हैं कुछ है यह ध्यान रहे
प्रभु ने तुमको कर दान किए
सब वांछित बस्तु विधान दिये

विचार-बोध(प्रश्न)

(क)
प्रश्न 1.
कवि ने क्या करने की प्रेरणा दी है ?
उत्तर:
कवि ने समय व्यर्थ न गँवाने और काम करते रहने की प्रेरणा दी है। मनुष्य को कभी निराश नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 2.
मनुष्य को किस प्रकार कर्म करने को कहा है ?
उत्तर:
कविने मनुष्य को हमेशा आलस्य छोड़ कर निरन्तर कार्य करने को कहा है। समय बीत जाने पर व्यक्ति को पछताना पड़ता है। काम न करने से जीवन व्यर्थ चला जाएगा।

प्रश्न 3.
प्रभु ने मनुष्य को क्या दिया है ?
उत्तर:
प्रभु ने मनुष्य को हाथ दिये हैं। इसके अतिरिक्त काम करने के अन्य साधन भी उपलब्ध किए गए हैं।

प्रश्न 4.
कवि ने मनुष्य को किस प्रकार प्रोत्साहित किया है?
उत्तर:
कवि ने मनुष्य को कर्म करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

(ख) सप्रसंग व्याख्या लिखो

निज गौरव……………मन को।
नोट-सरलार्थ के लिए विद्यार्थी व्याख्या भाग देखें।

आत्म-बोध (प्रश्न)

1. इस कविता को कंठस्थ करो। नित्य प्रति इसका गुणगान करते हुए इससे प्रेरणा लो।
2. मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के राष्ट्रकवि थे। अपने अध्यापक से पता करो कि अन्य कौन-कौन से राष्ट्रकवि हुए हैं। गुप्त जी की रचनाओं के बारे में पढ़ो।
3. कविता में निरन्तर कर्म करने की प्रेरणा दी है। ‘श्रीमद्भगवत गीता’ से उन पंक्तियों को ढूँढ़ो जिनमें कर्मरत रहने को कहा गया है।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 नर हो, न निराश करो मन को

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
इस कविता में कवि ने क्या बनने की प्रेरणा दी है ?
(क) आशावादी
(ख) निराशावादी
(ग) भाववादी
(घ) सिपाही
उत्तर:
(क) आशावादी

प्रश्न 2.
इस कविता में कवि ने मनुष्य को क्या करने की प्रेरणा दी है ?
(क) खेलने की
(ख) जागने की
(ग) कर्म करने की
(घ) चलने की
उत्तर:
(ग) कर्म करने की

प्रश्न 3.
प्रभु ने मनुष्य को क्या दिया ?
(क) धन
(ख) हाथ
(ग) तन
(घ) मन
उत्तर:
(ख) हाथ

प्रश्न 4.
कवि ने मन को क्या न होने की प्रेरणा दी है ?
(क) निराश
(ख) उदास
(ग) हताश
(घ) विश्वास
उत्तर:
(क) निराश

प्रश्न 5.
कवि के अनुसार मनुष्य का क्या रहना चाहिए ?
(क) धन
(ख) तन
(ग) मन
(घ) मान
उत्तर:
(घ) मान

पद्यांशों के सरलार्थ

1. नर हो, न निराश करो मन को,
कुछ काम करो, कुछ काम करो।
जग में रहकर कुछ नाम करो,
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो।
समझो, जिसमें यह व्यर्थ न हो।
कुछ तो उपयुक्त करो तन को,
नर हो, न निराश करो मन को।।

शब्दार्थ:
नर = मनुष्य। जग = संसार। व्यर्थ = फ़िजूल।

प्रसंग:
यह पद्यांश श्री मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ‘नर हो, न निराश करो मन को’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने मनुष्य को निराशा को छोड़कर परिश्रमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।

सरलार्थ:
कवि कहता है-तुम मनुष्य हो, अपने मन को निराश मत करो। कुछ-नकुछ काम अवश्य करो। संसार में रहकर अपना कुछ नाम पैदा करो। प्रसिद्धि प्राप्त करो। यह तुम्हारा जन्म किस लिए हुआ है। तुम समझो या सम्भल जाओ, जिससे तुम्हारा यह मनुष्य जन्म बेकार न चला जाए। तुम अपने शरीर को कुछ तो काम करने के योग्य बनाओ। तुम मनुष्य हो, अतः अपने मन को निराश न होने दो।

भावार्थ:
कवि ने मनुष्य को जीवन में काम करने की प्रेरणा दी है।

2. समझो, कि सुयोग न जाए चला,
कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला।
समझो, जग को न निरा सपना,
पथ आप करो प्रशस्त अपना।
अखिलेश्वर है अवलम्बन को,
नर हो, न निराश करो मन को।

शब्दार्थ:
सुयोग = अच्छा अवसर। सदुपाय = अच्छा उपाय। प्रशस्त = पक्का करना, बनाना। अखिलेश्वर = ईश्वर। अवलम्बन = सहारा ।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘नर हो, न निराश करो मन को’ कविता में से लिया गया है। इसके रचयिता श्री मैथिलीशरण गुप्त हैं। इसमें कवि ने मनुष्य को निराशा को छोड़कर परिश्रमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।

सरलार्थ:
कवि मनुष्य को प्रोत्साहित करते हुए कहता है-तुम संभल जाओ ताकि तुम्हारे हाथ से अच्छा अवसर न निकल जाए। तुम यह बताओ कि अच्छी तरह से किया हुआ उपाय भला कब व्यर्थ जाता है ? संसार को तुम निरा स्वप्न ही मत समझो बल्कि अपने जीवन के मार्ग को स्वयं बनाओ! क्योंकि तुम्हारा सहारा ईश्वर है। तुम मनुष्य हो, इसलिए मन को निराश मत होने दो।

भावार्थ:
कवि ने ईश्वर पर विश्वास रखते हुए किसी भी प्रकार की निराशा से बचने का पाठ पढ़ाया है।

3. निज गौरव का नित ज्ञान रहे,
हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे।
सब जाये अभी, पर मान रहे,
मरने पर गुंजित गान रहे।
कुछ हो, न तजो निज साधन को,
नर हो, न निराश करो मन को।

शब्दार्थ:
निज = अपना। गौरव = बड़प्पन, स्वाभिमान। तजो = छोड़ो। प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘नर हो, न निराश करो मन को’ कविता में से लिया गया है। इसके रचयिता श्री मैथिलीशरण गुप्त हैं। इसमें कवि ने मनुष्य को निराशा को छोड़कर परिश्रमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।

सरलार्थ:
कवि काम करते समय मनुषण को सावधान रहने की शिक्षा देते हुए कहता है-तुम्हें अपने स्वाभिमान का हमेशा ज्ञान होना चाहिए। संसार में हम भी कुछ हैं, इस बात का अवश्य ध्यान होना चाहिए। संसार की सब योग्य वस्तुएँ अथवा सुख साधन सभी नष्ट हो जाएँ किन्तु सम्मान बना रहे, जिससे यश के गीत, मरने के बाद भी संसार में गूंजते रहें। कुछ भी हो, तुम अपने साधन को मत छोड़ो। तुम मनुष्य हो, इसलिए अपने मन को निराश मत होने दो।

भावार्थ:
कवि ने निराशा के भावों को मन में कभी न आने की प्रेरणा दी है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 नर हो, न निराश करो मन को

4. प्रभु ने तुम को कर दान किए,
सब वांछित वस्तु-विधान किए।
तुम प्राप्त करो उनको न अहो,
फिर है किसका यह दोष कहो।
समझो न अलभ्य किसी धन को,
नर हो, न निराश करो मन को।।

शब्दार्थ:
कर = हाथ। वांछित = मनचाही। अलभ्य = अप्रयाप्य, न मिलने योग्य।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘नर हो, न निराश करो मन को’ कविता में से लिया गया है। इसके रचयिता श्री मैथिलीशरण गुप्त हैं। इसमें कवि ने मनुष्य को निराशा को छोड़कर परिश्रमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।

सरलार्थ:
कवि मनुष्य को प्रेरणा देते हुए कहता है-परमात्मा ने तुम्हें दो हाथ प्रदान किए हैं और सब मन चाही वस्तुएँ भी प्रदान की हैं। फिर यदि तुम उनको प्राप्त न करो तो बताओ फिर यह उसका दोष है? किसी भी पदार्थ को तुम यह मत समझो कि यह प्राप्त नहीं हो सकता, सब कुछ सम्भव है बस अपने मन को निराश मत होने दो। तुम मनुष्य हो इसलिए अपने मन को निराश मत करो।

भावार्थ:
मनुष्य अपने तन-मन से किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति कर सकने के योग्य है।

5. किस गौरव के तुम योग्य नहीं,
कब कौन तुम्हें सुख भोग्य नहीं।
जन हो तुम भी जगदीश्वर के,
सब हैं जिसके अपने घर के॥
फिर दुर्लभ क्या उसके जन को?
नर हो, न निराश करो मन को।

शब्दार्थ:
भोग्य = भोगने योग्य। जगदीश्वर = परमात्मा। दुर्लभ = जो कठिनाई से प्राप्त हो।

प्रसंग:
यह पद्यांश श्री मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ‘नर हो, न निराश करो मन को’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने मनुष्य को निराशा को छोड़कर परिश्रमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।

सरलार्थ:
कवि कहता है-कौन-सा ऐसा मान है जिसके लिए तुम योग्य नहीं हो अर्थात् तुम सब प्रकार का सम्मान प्राप्त करने की योग्यता रखते हो। ऐसा कौन-सा सुख है जिसको भोगने के तुम योग्य नहीं हो। तुम उस ईश्वर की सन्तान हो जिन्हें वो अपने घर का सदस्य मानते हैं। सभी प्राणी ईश्वर को समान रूप से प्यारे हैं। भला फिर उस ईश्वर के व्यक्ति के लिए कौन-सी वस्तु ऐसी है कि जिसे प्राप्त नहीं किया जा सकता। तुम मनुष्य हो, इसलिए अपने मन को निराश न करो।

भावार्थ:
मनुष्य को ईश्वर ने हर कार्य करने और उसमें सफलता प्राप्त करने के गुण प्रदान किए हैं।

नर हो, न निराश करो मन को Summary

नर हो, न निराश करो मन को कविता का सार

कवि मनुष्य को शिक्षा देते हुए कहता है कि तुम अपने में निराशा के भाव कभी मत लाओ। तुम नर हो और तुम्हारा कार्य परिश्रम करना है। व्यर्थ में अपना जीवन मत गंवाओ। यह संसार सपना नहीं। तुम ईश्वर का नाम लेकर इसमें अपना रास्ता स्वयं चुनो। अपने लक्ष्य को निश्चित कर तुम अपनी मंजिल की ओर बढ़ो। ईश्वर ने तुम्हें दो हाथ दिए हैं। उनसे परिश्रम करो और किसी भी धन को अप्राप्य न समझो। तुम ईश्वर के गुणों को प्राप्त कर धरती पर उत्पन्न हुए हो। इसलिए तुम्हारे लिए कोई भी कार्य करना कठिन नहीं है। तुम तन-मन से परिश्रम करो।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 एक बूँद

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 17 एक बूँद Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 17 एक बूँद

Hindi Guide for Class 6 एक बूँद Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दार्थ
उत्तर:
शब्दों के अर्थ पद्यांशों के साथ-साथ दिए गए हैं।

धूल = मिट्टी
कढ़ी = निकलना
अनमनी = बिना मन के
अंगारे = आग के शोले

इन मुहावरों का अर्थ लिखते हुए वाक्यों में प्रयोग करो

1. भाग्य में बदा =…………… ……………………………….
2. धूल में मिलना = …………… ………………………………..
3. हवा बहना = ……………… ………………………………………
उत्तर:
1. भाग्य में बदा = भाग्य में लिखा – जो मेरे भाग्य में बदा है वह तो मुझे मिल कर ही रहेगा।
2. धूल में मिलना = नष्ट होना – तुमने मेरी सारी इज्जत धूल में मिला दी।
3. हवा बहना = परिस्थितियाँ परिश्रमी व्यक्ति अपनी क्षमता अनुकूल होना से हवा को भी अपनी ओर बहा लेते हैं।

इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखो

1. बादल = ……………….., …………………..
2. घर = ………………… , ……………………
3. कमल = ……………… , …………………
4. फूल = ……………… , ………………..
5. हवा = ………………….. , ……………………
6. समुद्र = ……………………. , ………………………
उत्तर:
1. बादल = मेघ , जलधर
2. घर = गेह , सदन
3. कमल = जलज , पंकज
4. फूल = सुमन , कुसुम
5. हवा = समीर , वायु
6. समुद्र = उदधि , रत्नाकर

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 एक बूँद

अन्तर समझो

1. कढ़ी = बेसन और लस्सी से बनी खाने की वस्तु = ……………..
कड़ी = पैर में पहनी जाने वाली लोहे से बनी गोल वस्तु = ……………..
2. बढ़ी = बढ़ना = ………………………
बड़ी = लम्बी = …………………..
3. काल = समय = ………………………
काल = मृत्यु = ……………………..
4. कर = करना = …………………
कर = हाथ = …………………………..
उत्तर:
1. कढ़ी = बेसन और लस्सी से बनी खाने की वस्तु – मेरी माता जी कढ़ी बहुत स्वादिष्ट बनाती है।
कड़ी = पैर में पहनी जाने वाली लोहे से बनी गोल वस्तु – कैदी को कड़ियों से जकड़ा गया था।
2. बढ़ी = बढ़ना – हमारी फौज सीमा पर आगे बढ़ी।
बड़ी = लम्बी – मेरी पैंसिल तुम्हारी पैंसिल से बड़ी है।
3. काल =समय = – वर्तमान काल मशीनी युग है।
काल = मृत्यु – कई लोग काल का ग्रास बन गए।
4. कर = करना – मैंने अपना काम कर लिया है।
कर = हाथ – मेरे कर से कलम गिर गई।

इन शब्दों के मूल क्रिया-शब्द लिखो

बढ़ी, निकल, सोच, लगी, बदा, बह, आई, खुला, , मिलूँगी, जलूँगी, गिरूँगी, पड़ेंगी, बनी, छोड़, देता।
उत्तर:
बढ़ी = बढ़ना बनूंगी
निकल = निकलना
सोच = सोचना
लगी = लगना
बह = बहना
आई = आना
खुला = खुलना
बचूँगी = बचना
मिलूँगी = मिलना
जलँगी = जलना
गिरूँगी गिरना बदना
पड़ेंगी = पड़ना
बनी = बनना
छोड़ = छोड़ना
देता = देना

कविता की उन पंक्तियों को लिखो जिनमें विस्मयादि बोधक चिह्न लगा है।
उत्तर:
(i) आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी।
(ii) देव! मेरे भाग्य में है क्या बदा।

विचार-बोधाय

प्रश्न 1.
बादलों से निकलने पर बूंद क्या सोचने लगी ?
उत्तर:
बादलों से निकल कर बूंद अपने भविष्य के बारे में सोचने लगी।

प्रश्न 2.
बूंद मोती कैसे बनी ?
उत्तर:
बूँद बादलों से निकल कर एक सीप के मुँह में जा पड़ी और मोती बन गई।

प्रश्न 3.
मनुष्य घर छोड़ते समय क्या सोचता है ?
उत्तर:
मनुष्य घर छोड़ते समय प्रायः शंका में रहता है। उसके मन में यह भाव होता है कि पता नहीं दूसरे स्थान पर परिस्थितियाँ उसके अनुकूल होंगी या नहीं।

प्रश्न 4.
‘एक बूंद’ कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर:
इस कविता से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि घर छोड़ते समय घबराना नहीं चाहिए। निर्भयता एवं साहस के साथ नये स्थान पर कार्यरत हो जाना चाहिए।

5. घर से बाहर निकलने पर व्यक्ति को लाभ और हानि दोनों होते हैं। लाभ नीचे दिए गए हैं आप हानियाँ लिखें।

लाभ हानियाँ
1. व्यक्ति आत्म-निर्भर बनता है। ……………………………..
2. कठिनाइयों से लड़ना सीखता है। …………………………..
3. घर से प्रेम-भाव बढ़ता है। ……………………………
4. व्यक्तित्व में निखार आता है। ………………………..
5. आगे बढ़ने के नए-नए रास्ते ढूँढ़ता है। ……………………………

उत्तर:

लाभ हानियाँ
1. व्यक्ति आत्म-निर्भर बनता है। व्यक्ति बुरे रास्तों की ओर जा सकता है।
2. कठिनाइयों से लड़ना सीखता है। कठिनाइयों से डर कर घबरा जाता है।
3. घर से प्रेम-भाव बढ़ता है। बाहर रह कर घर के प्रति प्रेम-भाव कम हो जाता है।
4. व्यक्तित्व में निखार आता है। व्यक्ति अक्खड़ बन जाता है।
5. आगे बढ़ने के नए-नए रास्ते ढूँढ़ता है। व्यक्ति स्वार्थी बन जाता है।

इन काव्य पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें

6. देव! मेरे भाग्य में है क्या बदा,
मैं बनूंगी या मिलूँगी धूल में।
या जलँगी गिर अंगारे पर किसी
चू पडूंगी या कमल के फूल में
उत्तर:
इसके लिए कविता का व्याख्या भाग देखें।

आत्म-बोधल्या

(1) घर छोड़ने पर ‘लाभ था हानि’ विषय पर कक्षा में चर्चा करें।
(2) घर त्यागकर जिन्होंने संसार में उन्नति की है, ऐसे व्यक्तियों का जीवन पढ़ें और इनके गुणों को जीवन में उतारने का प्रयास करें।
(3) स्वामी विवेकानन्द, स्वामी दयानन्द, शंकराचार्य, महात्मा गाँधी, भगत सिंह, लक्ष्मीबाई की जीवनी पढ़ें। (विद्यार्थी स्वयं करें)

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
बादलों से निकलने वाली बूंद किसके विषय में सोच रही थी ?
(क) भविष्य के
(ख) धर्म के
(ग) कर्म के
(घ) मरण के
उत्तर:
(क) भविष्य के

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 एक बूँद

प्रश्न 2.
बूंद किसके मुंह में गिरकर मोती बनी ?
(क) समुद्र के
(ख) सीप के
(ग) नदी के
(घ) कछुए के
उत्तर:
(ख) सीप के

प्रश्न 3.
इस कविता से क्या शिक्षा मिलती है ?
(क) साहस एवं निडरता से आगे बढ़ने की
(ख) पीछे हटने की
(ग) रोने की
(घ) सोने की
उत्तर:
(क) साहस एवं निडरता से आगे बढ़ने की

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से ‘बादल’ का पर्याय है :
(क) मेघ
(ख) मीन
(ग) जलचर
(घ) जलधि
उत्तर:
(क) मेघ

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से ‘कमल’ का पर्याय है :
(क) सदन
(ख) पंकज
(ग) धीरज
(घ) धैर्य
उत्तर:
(ख) पंकज

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से क्रिया चुनें :
(क) देना
(ख) धान
(ग) दाद
(घ) सुन्दर
उत्तर:
(क) देना

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द क्रिया का उदाहरण नहीं है ?
(क) बहना
(ख) गिरना
(ग) बहन
(घ) आना
उत्तर:
(ग) बहन

पद्यांशों के सरलार्थ

1. ज्यों निकल कर बादलों की गोद से,
थी अभी इक बूंद कुछ आगे बढ़ी।
सोचने फिर फिर यही जी में लगी,
आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी॥

शब्दार्थ:
इक = एक। जी = हृदय। कढ़ी = निकल चली।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित श्री अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्वारा रचित ‘एक बूंद’ कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने एक बूंद के माध्यम से मनुष्य को सन्देश दिया है कि जब तक मनुष्य घर से बाहर नहीं निकलता तब तक वह उन्नति नहीं कर सकता।।

व्याख्या:
कवि कहता है कि जैसे ही एक बूंद बरसने के लिए बादलों की गोद से बाहर निकलकर अभी कुछ आगे ही बढ़ी थी, तभी वह अपने मन में सोचने लगी कि वह इस प्रकार अपना घर छोड़कर क्यों निकल पड़ी थी। भावार्थ-एक बूंद अपना घर (बादल) छोड़ते हुए मन में अनेक आशंकाएँ करती हैं।

2. देव! मेरे भाग्य में है क्या बदा,
मैं बनूंगी या मिलूँगी धूल में,
या जागी गिर अंगारे पर किसी,
चू पडेंगी य कमल के फूल में।

शब्दार्थ:
भाग्य में बदा है = किस्मत में लिखा है।

प्रसंग:
यह पद्यांश श्री अयोध्यासिंह उपाध्याय द्वारा रचित ‘एक बूंद’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने बूंद के रूप में मानव के मन में उत्पन्न भय को प्रकट किया है।

व्याख्या:
बादल की गोद से निकली हुई एक बूंद सोचती है कि हे देव! मेरे भाग्य में क्या बदा है अर्थात् क्या लिखा है ? मैं बनूंगी या धूल में मिल कर नष्ट हो जाऊँगी या किसी अंगारे पर गिर कर भस्म हो जाऊँगी या किसी कमल के फूल में टपक पड़ेंगी।

भावार्थ:
भाव यह है कि एक बूंद के मन में अपना घर (बादल) छोड़ते हुए बहुतसी आशंकाएँ होती हैं, वैसे ही प्रत्येक मनुष्य के मन में आशंकाएँ उठती हैं।

3. बह गई उस काल एक ऐसी हवा,
वह समुन्दर ओर आई अनमनी,
एक सुन्दर सीप का मुँह था खुला,
वह उसी में जा पड़ी, मोती बनी।

शब्दार्थ:
काल = समय। अनमनी = बे-मन से। प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘एक बूंद’ नामक कविता से ली गई हैं जिसके रचयिता श्री अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं। बादलों की गोद से निकली एक बूंद अपने भविष्य के बारे चिंता करती हुई धरती पर गिरती है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि बूंद अभी अपने भाग्य पर विचार कर रही थी कि उसी समय एक ऐसी हवा चली जिसके कारण वह बे-मन-सी समुद्र की ओर आ गई। उस समय एक सुन्दर सीपी का मुँह खुला हुआ था। वह बूंद उसी में जा गिरी और कीमती मोती बन गई। भावार्थ-घर छोड़ कर मनुष्य भी कुछ का कुछ बन जाता है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 एक बूँद

4. लोग यों ही हैं झिझकते, सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर,
किन्तु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें
बूंद लौं कुछ और ही देता है कर।

शब्दार्थ:
लौं = की भाँति। अक्सर = प्रायः।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री अयोध्या सिंह उपाध्याय द्वारा रचित ‘एक बूंद’ नामक कविता से ली गई हैं। इसमें कवि ने बताया है कि हिम्मत कर के घर से बाहर निकलने वाले प्रायः जीवन में सफलता प्राप्त कर ही जाते हैं।

व्याख्या:
कवि कहता है कि लोग अपना घर छोड़ते समय व्यर्थ में ही परेशान होते हैं।. वे अपने मन में अनेक प्रकार की चिन्ताएँ करते हैं, परन्तु अक्सर उन्हें घर छोड़ना बूँद के समान ही बड़ा लाभकारी सिद्ध होता है। उनके जीवन को बूँद की भाँति मूल्यवान् बना देता है। भावार्थ-घर छोड़ना मनुष्य के लिए वरदान भी बन जाता है।

एक बूंद Summary

एक बूँद कविता का सार

बादलों की गोद से निकलकर एक बूंद धरती की ओर चली तो वह मन ही मन घबरा रही थी कि पता नहीं उसके साथ अब अच्छा होगा या बुरा। वह धूल में गिर कर नष्ट हो जाएगी या किसी दहकते अंगारे पर गिर कर समाप्त हो जाएगी। क्या पता कि वह किसी कमल के फूल पर ही गिर पड़े। उसी समय हवा का एक झोंका आया और उसे समुद्र की ओर से ले उड़ा। समुद्र में एक सीपी का मुंह खुला था। बूंद उसमें गिरी और मोती बन गई। लोग घर से निकलते हुए भयभीत होते हैं पर घर छोड़ना उनके लिए प्राय: लाभकारी सिद्ध होता है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 मदर टेरेसा

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 16 मदर टेरेसा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 16 मदर टेरेसा

Hindi Guide for Class 6 मदर टेरेसा Textbook Questions and Answers

भाषा-बोध

1. शब्दार्थ
उत्तर:
कठिन शब्दों के अर्थ पाठ के आरम्भ में दिए गए हैं।

विभूति = अलौकिक शक्ति
निस्वार्थ = बिना किसी स्वार्थ के
दरिद्रता = निर्धनता
स्वीकृति = स्वीकार हुआ
औषधियाँ = दवाइयाँ
नियुक्त = लगाया हुआ
विभूषित = अलंकृत, सजाया हुआ
चिकित्सीय प्रशिक्षण = चिकित्सा के क्षेत्र विशेष योग्यता
आभास = अनुभव होना
उपेक्षित = जिसकी उपेक्षा की गई हो
हठ धर्मिता = सत्य बात पर अड़े रहना
साक्षात्कार = आँखों के सामने
सक्रिय = क्रियाशील
अल्पायु = छोटी आयु
मरणासन = मृत्यु के निकट

2. लिंग बदलो

1. माता = …………
2. अध्यापिका = ………………..
3. स्त्री = …………………..
4. नारी = …………………..
5. वृद्ध = ………………….
उत्तर:
1. माता = पिता
2. अध्यापिका = अध्यापक
3. स्त्री = पुरुष
4. नारी = नर
5. वृद्ध = वृद्धा

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 मदर टेरेसा

3. वचन बदलो

1. बच्चा = …………………..
2. साड़ी = …………………
3. महिला = ……………….
4. झील = …………………
5. बस्ती = …………………
6. औषधि = ………………..
7. चींटी = ………………….
8. शाखा = …………………
9. दीवार = …………………..
उत्तर:
1. बच्चा = बच्चे
2. साड़ी = साड़ियाँ
3. महिला = महिलाएँ
4. झील = झीलें
5. बस्ती = बस्तियाँ
6. औषधि = औषधियाँ
7. चींटी = चींटियाँ
8. शाखा = शाखाएँ
9. दीवार = दीवारें

4. विपरीतार्थक शब्द लिखो

1. अंतिम = …………………..
2. उपयुक्त = ………………….
3. विदेशी = ……………………
4. जीवन = …………………..
5. इच्छा = ……………………
6. सुखी = …………………..
7. उपलब्ध = …………………
8. स्वीकृत = ………………..
9. रोगी = …………………..
उत्तर:
1. अंतिम = प्रथम
2. उपयुक्त = अनुपयुक्त
3. विदेशी = स्वदेशी
4. जीवन = मृत्यु
5. इच्छा = अनिच्छा
6. सुखी = दुखी
7. उपलब्ध = अनुपलब्ध
8. स्वीकृत = अस्वीकृत
9. रोगी = निरोगी

5. पर्यायवाची शब्द लिखो

1. शिक्षा = ………………..
2. बचपन = …………………
3. पेड़ = ………………….
4. दशा = ……………..
5. सफ़ेद = ………………..
6. शरीर = ………………….
7. नमस्कार = …………..
उत्तर:
1. शिक्षा = विद्या
2. बचपन = शैशव
3. पेड़ = वृक्ष
4. दशा = अवस्था
5. सफ़ेद = श्वेत
6. शरीर = तन
7. नमस्कार = प्रणाम

6. वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखो

1. जिसका कोई घर न हो ……………………………………
2. जिसका कोई सहारा न हो ………………………………….
3. जिसके माँ-बाप न हो ………………………………………..
4. जिसकी थाह न पाई जा सके (सीमा रहित) ………………………………………
5. धर्म अथवा परमार्थ हेतु बनवाया गया भवन …………………………………………..
6. सबसे ऊँचा ……………………………………………
7. बिना किसी स्वार्थ के ………………………………………
उत्तर:
1. जिसका कोई घर न हो =  बेघर।
2. जिसका कोई सहारा न हो = बेसहारा।
3. जिसके माँ-बाप न हो = अनाथ।
4. जिसकी थाह न पाई जा सके (सीमा रहित) = अथाह/असीम।
5. धर्म अथवा परमार्थ हेतु बनवाया गया भवन = धर्मशाला/परमार्थाश्रम।
6. सबसे ऊँचा = सर्वोच्च।
7. बिना किसी स्वार्थ के = निःस्वार्थ।

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7. विशेषण बनाओ

1. वर्ष = …………………..
2. नियम = ……………….
3. परिश्रम = …………………
4. कर्म = …………………
5. धर्म = …………………
6. सेवा = ………………..
7. केन्द्र = ………………..
8. अर्पण = …………………
उत्तर:
1. वर्ष = वार्षिक
2. नियम = नियमित
3. परिश्रम = पारिश्रमिक
4. कर्म = कर्मशील
5. धर्म = धार्मिक
6. सेवा = सेवक
7. केन्द्र = केन्द्रीय
8. अर्पण = अर्पित

8. भाववाचक संज्ञा बनाओ

1. निर्मल = ………………….
2. स्वतन्त्र = …………………
3. स्वीकार = …………………
4. मानव = …………………
5. शिशु = ………………….
उत्तर:
1. निर्मल = निर्मलता
2. स्वतन्त्र = स्वतन्त्रता
3. स्वीकार = स्वीकार्य
4. मानव = मानवता
5. शिशु = शैशव

9. शुद्ध करो

1. चिकितसा = ………………………
2. प्रारथना = …………………
3. पुरसकार = …………………..
4. उपाधी = ………………….
5. गृहण = ……………………
6. परीश्रम = ………………..
7. अर्पन = …………………….
8. सथापना = ……………………
उत्तर:
1. चिकितसा= चिकित्सा
2. प्रारथना = प्रार्थना
3. पुरसकार = पुरस्कार
4. उपाधी = उपाधि
5. गृहण = ग्रहण
6. परीश्रम = परिश्रम
7. अर्पन = अर्पण
8. सथापना = स्थापना

10. वाक्यों में प्रयोग करो

1. पाबंदी = ………………………………………..
2. घोषित = ………………………………………..
3. समारोह = ……………………………………….
4. भंडार = ……………………………………………
5. करुणा = ………………………………………….
6. निराश्रित = ………………………………………….
7. दयनीय = …………………………………………….
8. विभूति = …………………………………………….
9. नियुक्ति = …………………………………………….
उत्तर:
1. पाबंदी – लोरेटो के नियमानुसार मदर टेरेसा को अस्पतालों में जाने पर पाबंदी थी।
2. घोषित – मेरा परीक्षा-परिणाम कल घोषित होगा।
3. समारोह – मुझे कल एक समारोह में जाना पड़ा। भंडार – धरती के नीचे कोयले का असीम भंडार है।
4. करुणा – मदर टेरेसा दीन-दुखियों के लिए करुणा की भंडार थी।
5. निराश्रित – हमें निराश्रितों की सहायता करनी चाहिए।
6. दयनीय – भिखारी की दशा बड़ी दयनीय थी।
7. विभूति – इस महान् विभूति मदर टेरेसा का देहावसान 5 सितम्बर, सन् 1997 को हुआ।
8. नियुक्ति – मेरी नियुक्ति बैंक अधिकारी के रूप में हुई है।

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विचार-बोध

(क)
प्रश्न 1.
मदर टेरेसा का जन्म कब और कहाँ हुआ था ? इनके बचपन का वर्णन करें।
उत्तर:
मदर टेरेसा का जन्म 27 अगस्त, सन् 1910 को यूगोस्लाविया के स्कापये शहर में हुआ। इनका बचपन का नाम एग्नेस गौंझा बोजाक्यु था। साल वर्ष की आयु में इनके पिता का निधन हो गया था।

प्रश्न 2.
मदर टेरेसा के मन में किस प्रकार का सेवाभाव था ? किसी घटना द्वारा बताएँ।
उत्तर:
मदर टेरेसा के मन में बेबस, असहाय और पीड़ित लोगों के लिए बहुत सहानुभूति थी। एक बार मदर टेरेसा को बहुत ही कष्टदायक और बीमार स्थिति में एक स्त्री मिली। उसका शरीर फोड़े-फुसियों से भरा हुआ था। उसके शरीर पर मक्खियाँ भिनभिना रही थीं। उसे इस अवस्था में देखकर टेरेसा का हृदय पिघल गया। वह उसे उठाकर अस्पताल ले गई। अस्पताल में उसे कोई भी दाखिल नहीं कर रहा था लेकिन टेरेसा ने जिद्द करके उसे अस्पताल में भर्ती करवाया।

प्रश्न 3.
रेलगाड़ी से दार्जिलिंग जाते समय मदर टेरेसा को क्या आभास हुआ ?
उत्तर:
रेलगाड़ी से दर्जिलिंग जाते समय मदर टेरेसा को आभास हुआ जैसे ईसा मसीह उन्हें आदेश दे रहे हों कि अपना जीवन दीन-दुखियों की सेवा में अर्पण कर दो।

प्रश्न 4.
मदर टेरेसा ने प्रधानाध्यापिका के पद से त्यागपत्र देने के बाद क्या किया ?
उत्तर:
मदर टेरेसा ने प्रधानाध्यापिका के पद से त्यागपत्र देने के बाद पटना से चिकित्सक प्रशिक्षण लिया और कोलकाता में अपना प्रारम्भिक कार्यक्षेत्र बनाया।

प्रश्न 5.
मदर टेरेसा ने पहला आश्रम कहाँ और किनके लिए खोला ? |
उत्तर:
मदर टेरेसा ने पहला आश्रम कोलकाता के कालीघाट के पास धर्मशाला में बेसहारा और मरणासन्न रोगियों के लिए खोला।

प्रश्न 6.
चिकित्सा अधिकारी द्वारा मदर से चिकित्सा के साधन पूछने पर मदर ने क्या कहा ?
उत्तर:
चिकित्सा अधिकारी द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए मदर टेरेसा ने कहा कि चिकित्सा के लिए सेवा और प्रेम की आवश्यकता होती है। ये दोनों ही औषधियाँ मेरे पास अथाह मात्रा में हैं।

प्रश्न 7.
मदर टेरेसा विश्व तथा भारत सरकार की किन-किन उपाधियों से विभूषित हुई ?
उत्तर:
भारत सरकार ने मदर टेरेसा को सन् 1962 में ‘पद्मश्री’ सम्मान, 1980 में ‘भारत-रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया। सन् 1979 में उन्हें नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार वाक्यों में लिखें

प्रश्न 1.
मदर टेरेसा के जीवन के प्रमुख उद्देश्यों पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
मदर टेरेसा के जीवन का प्रमुख उद्देश्य दुखी, पीड़ित, असहाय, लाचार, बेबस और निराश्रितों की सेवा करना था। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने कोलकाता के स्कूल की प्रधानाध्यापिका के पद से त्यागपत्र देकर असहाय लोगों की सेवा का कार्य आरम्भ किया। वह जीवन पर्यन्त इसी उद्देश्य की पूर्ति में लगी रहीं।

प्रश्न 2.
मदर टेरेसा द्वारा खोले गए आश्रमों का वर्णन करें।
उत्तर:
मदर टेरेसा पीड़ितों तथा निराश्रितों की सेवा-सहायता के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। इस चैरिटी के अन्तर्गत उन्होंने विभिन्न आश्रम खोले। पहला आश्रम कोलकाता में कालीघाट के पास ‘निर्मल हृदय’ आश्रम खोला। इसके कुछ समय बाद चैरिटी का दूसरा आश्रम खोला-‘निर्मल शिशु भवन’। यहाँ पर अनाथ, बेसहारा तथा अपंग बच्चों का पालन-पोषण होने लगा।

प्रश्न 3.
मदर टेरेसा की संस्था कौन-कौन से कार्य कर रही है ?
उत्तर:
मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी आज विभिन्न सेवा कार्य कर रही है। इस समय इनकी संस्था 70 विद्यालय, 250 अस्पताल, 28 कुष्ठ निवारण केन्द्र, 20 घर अनाथ बच्चों के लिए, 25 वृद्धाश्रम चला रही है। आज 131 देशों में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के 700 से ज्यादा केन्द्र हैं। जहाँ 4500 से ज़्यादा सिस्टर्स सेवा कार्यों में लगी हुई हैं।

आत्म-बोध था

1. दीन-दुखियों, बेसहारों की सेवा ही सच्ची सेवा है।
2. मदर टेरेसा के जीवन से प्रेरणा लेकर आप क्या करेंगे ?
उत्तर:
1. विद्यार्थी इस कथन का पालन करें।
2. मदर टेरेसा के जीवन से प्रेरणा लेकर हम भी दीन-दुखियों की सेवा तथा सहायता करेंगे।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
मदर टेरेसा का जन्म कब हुआ ?
(क) 1910
(ख) 1912
(ग) 1914
(घ) 1916
उत्तर:
(क) 1910

प्रश्न 2.
मदर टेरेसा ने पहला आश्रम कहां खोला ?
(क) मुंबई में
(ख) दिल्ली में
(ग) कोलकाता में
(घ) मद्रास में
उत्तर:
(ग) कोलकाता में

प्रश्न 3.
मदर टेरेसा ने किनकी सेवा की ?
(क) बुजुर्गों की
(ख) बच्चों की
(ग) दीन दुखियों की
(घ) लोगों की
उत्तर:
(ग) दीन दुखियों की

प्रश्न 4.
मदर टेरेसा को नोबेल पुरस्कार कब मिला ?
(क) 1969 में
(ख) 1979 में
(ग) 1989 में
(घ) 1999 में
उत्तर:
(ख) 1979 में

प्रश्न 5.
मदर टेरेसा ने किस संस्था की स्थापना की ?
(क) मिशनरीज़ आफ चैरिटी
(ख) चैरिटी
(ग) दीन दुखी
(घ) अनाथशाला
उत्तर:
(क) मिशनरीज़ आफ चैरिटी

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से ‘बचपन’ शब्द का पर्याय है :
(क) शैशव
(ख) शिशु
(ग) विशु
(घ) बच्चा
उत्तर:
(क) शैशव

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में ‘धर्म’ का विशेषण है :
(क) धर्मा
(ख) धर्मशील
(ग) धार्मिक
(घ) धर्म
उत्तर:
(ग) धार्मिक

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से भाववाचक संज्ञा का उदाहरण नहीं है :
(क) निर्मलता
(ख) मान्यता
(ग) सुंदर
(घ) स्वतंत्रता
उत्तर:
(ग) सुंदर

मदर टेरेसा Summary

मदर टेरेसा पाठ का सार

मदर टेरेसा का जन्म 27 अगस्त, सन् 1910 को यूगोस्लाविया में हुआ। इनके बचपन का नाम एग्नेस गौंझा बोजाक्यु था। सात वर्ष की आयु में इनके पिता का देहान्त हो गया। 12 वर्ष की आयु में ही इन्होंने ‘नन’ बनने की इच्छा प्रकट की। तत्पश्चात् सन् 1928 में यह कोलकाता के इटाली स्थित लोरेटो कान्वेंट की शाखा सेंट मेरी स्कूल में भूगोल की अध्यापिका नियुक्त हुई। मदर टेरेसा अनाथों की नाथ, दीन-दुखियों के लिए करुणा का भण्डार थी। उसके मन में बेबस और लाचार तथा पीड़ित लोगों के लिए नि:स्वार्थ सेवा भावना विद्यमान थी। एक दिन उसने एक पीड़ित तथा दयनीय अवस्था में पड़ी महिला को उठाकर अस्पताल में भर्ती करवाया।

मदर टेरेसा गरीबों के बीच जाकर उनकी देखभाल करना और उनको शिक्षित करना चाहती थी लेकिन इसके लिए लोरेटो के सख्त नियम आड़े आ रहे थे अतः उन्होंने प्रधानाध्यापक के पद से त्यागपत्र दे दिया और पटना से चिकित्सक प्रशिक्षण लेकर समाज सेवा कार्यों में लग गई। उन्होंने सन् 1950 में एक संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी का शुभारम्भ किया। इस संस्था के अन्तर्गत उन्होंने ‘निर्मल हृदय’ तथा ‘निर्मल शिशु भवन’ आश्रम खोले जहाँ पर निराश्रितों, बेसहारा का पालन-पोषण होता था। सन् 1950 में जिस चैरिटी की स्थापना मदर टेरेसा ने अकेले की थी वह उनके अथक परिश्रम से काफ़ी विस्तृत हो गया था।

इस समय इनकी संस्था 70 विद्यालय, 250 अस्पताल, 28 कुष्ठ निवारण केन्द्र, 25 घर वृद्धों और निराश व्यक्तियों के लिए चला रही है। आज इस मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी के 700 से ज़्यादा केन्द्र है और 4500 से ज्यादा सिस्टर्स सेवा-कार्यों में लगी हैं। समाज सेवी मदर टेरेसा को उनकी सेवाओं के लिए अनेकों पुरस्कार और सम्मानं मिले। सन् 1962 में भारत सरकार द्वारा ‘पदमश्री’ सम्मान, सन् 1979 में नोबेल पुरस्कार तथा सन् 1980 में ‘भारत रत्न’ पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। 5 सितम्बर, सन् 1997 को गरीबों की इस मसीहा का देहावसान हुआ।

कठिन शब्दों के अर्थ:

बेसहारों = जिसका कोई सहारा न हो। करुणा = दया। असहाय = बेसहारा । निस्वार्थ = बिना स्वार्थ भाव के। कष्टदायक = कष्ट देने वाली। हठधर्मिता = जिद्द। नियुक्त = चुना जाना। दरिद्रता = ग़रीबी। साक्षात्कार = आमने-सामने। कड़ा = सख्त। इजाजत = आज्ञा। पाबन्दी = मनाही। स्वीकृत = मंजूरी। उपयुक्त = उचित। उपलब्ध = प्राप्त। औषधियाँ = दवाइयाँ। आवश्यकता = ज़रूरत। अपंग = जिनका कोई अंग न हो, अंगहीन। मरणासन्न = मृत्यु के पास। अथक = बिना थके, निरन्तर। कुष्ठ निवारण = कुष्ठ रोग दूर करने वाले। विभूषित = अलंकृत। गौरव = बड़प्पन।